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View Full Version : विवाह कविता : बहना की बिदाई


Kavita11
04-12-2014, 10:00 PM
बहना की बिदाई

तू हैं कोमल गुलाब की कली,
सूर्य की तीखी किरणों से बनी |
तू चाँदनी सुनहरी,
प्यारी बहना मेरी |
जब तू चली जाएगी,
तेरी याद बहुत सतायेगी |
तेरे आने की आस दिल में ख़ुशी जगायेगी,
कौन मेरी बकवास सुनेगा,कौन मुझे डाट लगायेगा |
अब तो ये मन तूझे बार- बार फ़ोन लगायेगा |
तू मिलने मुझसे चली आना
वरना ये फ़ोन का बिल बहुत आएगा
बिल बहुत आएगा ||

कर्णिका पाठक

बहना की बिदाई हिंदी कविता | मेरी प्यारी बहना तेरी शादी की ख़ुशी बहुत हैं मुझे, पर तेरे जाने का गम भी कुछ कम नहीं | तेरे बिना कोई बात याद ही नहीं | प्यार हो या लड़ाई हर पल तुझसे ही सजा हैं, तेरे होने का अहसास ही मेरी ज़िन्दगी का यादगार लम्हा हैं | सोचा तेरी बिदाई को यादगार बना दूँ अपने दिल के अल्फाज़ो को कुछ पंक्तियों में सजा दू |

rajnish manga
04-12-2014, 10:08 PM
कविता जी, वास्तव में आपकी कविता आपके मार्मिक मनोभावों को पूरी सच्चाई से बयान कर रही है. इस सुंदर रचना के लिए आपको बहुत बहुत बधाई.

Kavita11
05-12-2014, 10:08 AM
आपकी सराहना मुझे आगे बढ़ने मदद करेगी|
धन्यवाद

soni pushpa
05-12-2014, 08:42 PM
कविता जी आपने बहन की बिदाई का बहुत भावपूर्ण वर्णन किया है . आपकी कविताओं का हमे आगे भी इंतज़ार रहेगा ...