PDA

View Full Version : महान गुरु दतात्रेय के तीन स्वरुप की विशेष &#


soni pushpa
06-12-2014, 12:01 AM
दोस्तों आप सबको गुरु दातारे जयंती की अनेकानेक शुभकामनाएं...ये ब्लॉग मेरा लिखा नही कॉपी पेस्ट है


]दत्तमहात्म्य ग्रन्थ में कहा गया है की इश्वर का चैतन्य स्वरुप सर्वत्र व्याप्त है .ईश्वर सब शर्तों से मुक्त है। इसीलिए वह ईश्वर है। जिस तरह नदियां अलग-अलग दिशाओं से बहकर समुद्र में मिलती है उसी तरह हम चाहे अलग-अलग नाम से ईश्वर की पूजा करें किंतु ईश्वरीय तत्व एक ही है.


ईश्वर तक पहुंचने और उसे पाने की समझ सिर्फ मनुष्य में ही है। अन्य प्राणियों को यह समझ ईश्वर ने दी ही नहीं है। इसलिए हमें हर क्षण ईश्वर को पाने का प्रयत्न करना चाहिए।

* महागुरु दत्तात्रेय ब्रह्मा, विष्णु, महेश के शक्तिपुंज हैं। वस्तुतः भगवान के प्रत्येक अवतार का एक विशिष्ट प्रायोजन होता है। महागुरु दत्तात्रेयअवतार में हमें असाधारण वैशिष्ट्य का दर्शन होता है।

* भगवान दत्तात्रेय समर्थगामी हैं। वे अपने भक्त के स्मरण करने पर तत्काल सहायता करने के लिए किसी भी रूप में उपस्थित हो जाते हैं। भक्त को योग व मोक्ष देने में महागुरु दत्तात्रेय समर्थ हैं।

भगवान दत्तात्रेय ने औदुंबर के वृक्ष के नीचे निवास किया था। इसलिए उनको औदुंबर का वृक्ष अतिप्रिय है। वे सदैव उसके नीचे ही निवास करते है दत्त महोत्सव के दौरान महागुरु दत्तात्रेय के चरित्रों का परायण करने से वे सदैव अपने सच्चे भक्तों की आस्था से बढ़कर उनकी इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए दौड़े चले आते ह

।वे योगियों के परम होने के कारण सर्वत्र गुरुदेव कहे जाते हैं। योगियों का ऐसा मानना है कि दत्त महागुरु प्रातःकाल ब्रह्मा के रूप में, मध्याह्न में विष्णु जी के रूप में एवं सायंकाल में भगवान शंकर के रूप में दर्शन देते हैं।
* दत्त मंदिर की आरती और वेदमंत्रों के शुद्ध उच्चारण से आनंद मंगल और अंतःकरण पूर्णतः शुद्ध हो जाता है।

rajnish manga
06-12-2014, 05:02 PM
दोस्तों आप सबको गुरु दातारे जयंती की अनेकानेक शुभकामनाएं...ये ब्लॉग मेरा लिखा नही कॉपी पेस्ट है]

.....

* दत्त मंदिर की आरती और वेदमंत्रों के शुद्ध उच्चारण से आनंद मंगल और अंतःकरण पूर्णतः शुद्ध हो जाता है।

फोरम पर भगवान दतात्रेय के बारे में अति सुन्दर जानकारी देने के लिए आपका हुत बहुत धन्यवाद, पुष्पा सोनी जी.

soni pushpa
07-12-2014, 05:00 PM
aapne aapna amulya samay dekar bhagwan datatrey ji ke bare me padha rajnish ji aapka bahut bahut dhanywad..