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View Full Version : जीएसटी :: और आम आदमी


DevRaj80
20-12-2014, 09:23 PM
क्या है जीएसटी...



आम आदमी के लिए



क्या हैं इसके मायने?

DevRaj80
20-12-2014, 09:27 PM
देश में एक टैक्स वाला जीएसटी बिल



लोकसभा में पेश हो गया है.



अगर नया कानून बन गया


तो


हर सामान और हर सेवा पर




सिर्फ एक टैक्स लगेगा




यानी वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स की जगह




एक ही टैक्स लगेगा.





अप्रैल 2016 से इसे लागू करने की तैयारी है.

DevRaj80
20-12-2014, 09:27 PM
http://abpnews.abplive.in/incoming/article458097.ece/alternates/LANDSCAPE_4_3_768/gst.jpg

DevRaj80
20-12-2014, 09:28 PM
टैक्स ढांचा बदल देगा जीएसटी



जीएसटी के लागू होते ही केंद्र को मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स....सब खत्म हो जाएंगे. राज्यों को मिलने वाला वैट, मनोरंजन कर, लक्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स, चुंगी वगैरह भी खत्म हो जाएगी. हालांकि पेट्रोल, डीजल, केरोसीन, रसोई गैस पर अलग-अलग राज्य में जो टैक्स लगते हैं, वो अभी कुछ साल तक जारी रहेंगे.

DevRaj80
20-12-2014, 09:33 PM
आम आदमी को जीएसटी से फायदा



जीएसटी लागू होने पर सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी को है. क्योंकि तब चीजें पूरे देश में एक ही रेट पर मिलेंगी, चाहे किसी भी राज्य से खरीदें.



मसलन दिल्ली से सटे नोएडा, गुड़गांव वाले...जो कभी गाड़ी यूपी से लेते हैं, कभी हरियाणा या कभी दिल्ली से, जहां भी सस्ती मिल जाए वो सब चक्कर ही खत्म हो जाएगा.

DevRaj80
20-12-2014, 09:35 PM
जीएसटी से टैक्स में भी राहत



हमलोग अभी सामान खरीदते वक्त उस पर 30-35% टैक्स के रूप में चुकाते हैं. जीएसटी लागू होने के बाद ये टैक्स घटकर 20-25% रहने की उम्मीद है.

DevRaj80
20-12-2014, 09:36 PM
कारोबारियों-कंपनियों को फायदा



जीएसटी लागू होने पर कंपनियों का झंझट और खर्च भी कम होगा. व्यापारियों को सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी.



अलग-अलग टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा तो सामान बनाने की लागत घटेगी, इससे सामान सस्ता होने की उम्मीद भी है.

DevRaj80
20-12-2014, 09:37 PM
जीएसटी पर कैसे राजी हुए राज्य



राज्यों को डर ये था कि उनकी कमाई कम हो जाएगी. खासकर पेट्रोल डीजल से तो कई राज्यों का आधा बजट चलता है. तो वो राहत केंद्र ने राज्यों को दे दी उनपर अभी जो टैक्स राज्य ले रहे हैं, वो शुरुआती बरसों में लेते रहें. और राज्यों का जो नुकसान होगा उसकी भरपाई पांच साल तक केंद्र सरकार करेगी.



इसके अलावा जीएसटी से जो टैक्स मिलेगा, वो केंद्र और राज्य में एक तय हिसाब से बंटेगा.



अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद



जीएसटी के लागू होने के बाद टैक्स चोरी रुक जायेगी. इसका सीधा असर देश की जीडीपी पर पड़ेगा.

DevRaj80
20-12-2014, 10:08 PM
मित्रो

क्या


g s t


एक

सही कदम


है या होगा !!!!!



अपनी बहुमूल्य राय जरुर रखे

DevRaj80
21-12-2014, 07:09 AM
GST Bill लोस में पेश,



जेटली ने कहा,




अप्रैल 2016 से



लागू होगी नयी प्रणाली


http://www.prabhatkhabar.com/prabhatkhabar_cms/gall_content/2014/12/2014_12$largeimg220_Dec_2014_080152353.jpg

DevRaj80
21-12-2014, 07:11 AM
नयी दिल्ली : देश में वस्तु एवं सेवाओं (जीएसटी) के लिए एकल कर प्रणाली व्यवस्था शुरु करने के उद्देश्य के साथ सरकार ने कई साल से लंबित जीएसटी विधेयक को आज लोकसभा में पेश कर दिया. इसका मकसद अप्रैल 2016 से एक नयी प्रणाली लागू करना है जिसमें प्रवेश शुल्क (चुंगी) सहित सभी अप्रत्यक्ष कर सम्माहित हो जाएंगे. सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को आजादी के बाद कर व्यवस्था में सबसे बडा सुधार तथा केंद्र व राज्य दोनों के लिए फायदेमंद बताया है.

DevRaj80
21-12-2014, 07:12 AM
जेटली ने कहा कि जीएसटी के लागू होने पर वस्तु व सेवाओं पर लगने वाले केंद्रीय उत्पाद शुल्क, राज्य स्तरीय वैट, मनोरंजन शुल्क, चुंगी, प्रवेश शुल्क, क्रय कर, विलासिता कर की जगह जीएसटी की एक ही दर लागू होगी तथा 'इंस्पेक्टर राज' के साथ-साथ कर पर कर व्यवस्था की समाप्ति भी सुनिश्चित होगी. उन्होंने कहा, '1947 के बाद यह सबसे बडा कर सुधार है.' शराब को जीएसटी से पूरी तरह बाहर रखा गया है जबकि पेट्रोल व डीजल आदि पेट्रोलियम उत्पाद बाद में इस प्रणाली का हिस्सा बनेंगे.

पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत लाने की तारीख जीएसटी परिषद तय करेगी. इस परिषद में दो तिहाई सदस्य राज्यों के होंगे और सभी फैसलों के लिए 75 प्रतिशत मतों की जरुरत होगी. उन्होंने कहा कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने पर राज्यों को होने वाले किसी भी संभावित राजस्व नुकसान का पहले तीन साल तक पूरा 100 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा, जबकि चौथे साल 75 प्रतिशत व पांचवें साल 50 प्रतिशत राजस्व क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए इस पर चर्चा संसद के फरवरी में शुरु होने वाले बजट सत्र में करवाई जाएगी. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस विधेयक को फिर से स्थायी समिति के पास भेजने की जरुरत है. पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में रखा गया है पर इन पर जीएसटी की दर शून्य होगी. इसका तात्पर्य है कि राज्य अगले कुछ साल तक इन उत्पादों पर मूल्य वर्धित कर (वैट) और केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगाता रहेगा.

DevRaj80
21-12-2014, 07:13 AM
इसके बाद इन उत्पादों पर पूरी तरह जीएसटी व्यवस्था लागू कर दी जाएगी. इसके लिए समय जीएसटी परिषद तय करेगी. इसके अलावा वह राज्य जहां वस्तु पैदा होती है अथवा उसका विनिर्माण होता है, जीएसटी के उपर एक प्रतिशत अतिरिक्त कर लगा सकेंगे ताकि पहले दो साल के दौरान किसी भी तरह के राजस्व नुकसान की भरपाई कर सकें. जेटली ने कहा, 'एक प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क और पांच साल के लिए मुआवजे की व्यवस्था पर्याप्त होगी. हमें नहीं लगता कि राज्यों को राजस्व नुकसान होने जा रहा है.'

केपीएमजी के पार्टनर प्रतीक जैन ने कहा, 'सरकार ने जिस तेजी से इस विधेयक को संसद में पेश किया है उससे इस महत्वपूर्ण सुधार के प्रति उसकी गंभीरता दिखती है.' जीएसटी के कार्यान्वयन से कीमतों पर असर के संबंध में राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि कीमतें स्थिर रहेंगी. सामान्य सोच यही है कि जीएसटी लागू होने पर कर के उपर कर नहीं लगेगा. इसका कीमतों पर चक्रीय प्रभाव नहीं होगा. इसलिए यही उम्मीद है कि कुछ समय के बाद कीमतों में स्थिरता आ जाएगी.

DevRaj80
21-12-2014, 07:14 AM
ह भी माना जा रहा है कि इससे देश के सकल घरेलू उत्पाद में बढोतरी होगी. जेटली ने कहा कि केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) संबंधी राज्यों के मुआवजे का पिछला बकाया उन्हें किस्तों में चुकाया जाएगा. उन्होंने कहा, 'मेरा इरादा इसकी एक किस्त इसी वित्त वर्ष में चुकाने का है.' इसके लिए वह बजट सत्र में अनुपूरक अनुदान का प्रस्ताव रखेंगे. उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद का स्वरुप सहयोगपूर्ण संघीय व्यवस्था की अवधारणा को परिलक्षित करता है.

गौरतलब है कि जीएसटी परिषद जीएसटी की दरें और पेट्रोलियम उत्पादों को नयी कर प्रणाली में शामिल करने की समयसीमा आदि के बारे में फैसला करेगी. जीएसटी पर टिप्पणी करते हुए ईवाई के पार्टनर हरिशंकर सुब्रमणियम ने कहा, 'सबसे बडी चिंता एक प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क है जिसे लगाने की अनुमति राज्यों को दी गयी है.'

DevRaj80
21-12-2014, 07:14 AM
मोदी सरकार जीएसटी को लागू करने जा रही है. उल्लेखनीय है अप्रत्यक्ष करों के स्थान पर एक जीएसटी लागू करने से देश के सकल घरेलू उत्पादन में 1 से 2 फीसदी की बढ़ोतरी होने का दावा किया जा रहा है. इससे पहले की मनमोहन सिंह की सरकार ने भी इसी जीएसटी को लागू करने की असफल कोशिश की थी. खासकर, विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिये जीएसटी आवश्यक है क्योंकि विदेशी निवेशकर्ता अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग करों के फेर में नहीं पड़ना चाहते हैं. इस जीएसटी से शराब, तंबाखू तथा पेट्रोलियम पदार्थो को कुछ वर्षो के लिये छूट देना प्रस्तावित है.

DevRaj80
21-12-2014, 07:14 AM
बहरहाल, इससे राज्यों के आय पर नकारात्मक असर पड़ेगा जिसको लेकर विभिन्न तरह का विरोध सामने आ रहा है. केन्द्र सरकार इस जीएसटी को अप्रैल 2016 से लागू करना चाहती है. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को चिर प्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर, जीएसटी विधेयक लोकसभा में पेश कर अप्रत्यक्ष कर में सुधार का रास्ता खोला. विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस कानून को बनाने का मकसद यह है कि पूरे देश में वस्तु एवं सेवा बिना बाधा के स्थानांतरित हो.

जेटली ने इसे 1947 के बाद सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार बताया. उन्होंने कहा कि इस पर संसद के अगले सत्र में चर्चा होगी.

DevRaj80
21-12-2014, 07:15 AM
जेटली ने कहा कि जीएसटी केंद्र और राज्य सरकार दोनों के लिए हितकर है.

उन्होंने कहा, “जीएसटी केंद्र और राज्य दोनों के लिए लाभकारी है. जीएसटी एक महत्वपूर्ण कानून है और इस अकेले कानून से पूरा देश एक बाजार बन जाएगा और बाजार को एक के बाद दूसरे कर के जंजाल से मुक्ति मिल जाएगी.”

जीएसटी में पूरे देश के लिए एक बिक्री कर का प्रस्ताव है, जिसमें राज्यों में लगने वाले अनेक प्रकार के कर समां जाएंगे, जिससे निवेश बाधित हो रहा है.

उन्होंने कहा कि यहां एक बैठक में राज्यों के वित्त मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समिति के बीच लगभग सहमति बन गई है.

DevRaj80
21-12-2014, 07:15 AM
जेटली ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हर राज्य का हित पूरा हो और किसी भी राज्य की आय का एक रुपये का भी नुकसान न हो.”

जीसटी सुधार से सहकारिता संघवाद का सिद्धांत मजबूत होगा, क्योंकि केंद्र और राज्य को मिलकर फैसला लेना होगा, जिसके लिए जीएसटी परिषद में 75 फीसदी बहुमत की मंजूरी की जरूरत होगी.

विधेयक पेश करने के बाद संवाददाताओं से जेटली ने कहा, “राज्यों के साथ हुई मेरी बैठक में उनमें राजनीति मुद्दे पर मतभेद नहीं था. वे केंद्र और राज्य संबंध में सुविधा चाह रहे थे. यही भारतीय संघवाद का सबसे सुनहरा पक्ष है.”

DevRaj80
21-12-2014, 07:15 AM
पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने जीएसटी पेश करने के लिए 2011 में लोकसभा में एक संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था. राज्यों ने पांच साल तक क्षतिपूर्ति की मांग की है और इसे विधेयक में शामिल करने की भी मांग की है.

जेटली ने कहा कि केंद्रीय बिक्री कर, सीएसटी में कटौती के कारण राज्यों को हुए नुकसान की आंशिक भरपाई के लिए राज्यों को मौजूदा कारोबारी वर्ष में 11 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे.

भरपाई का मुद्दा इसलिए उठा, क्योंकि केंद्र सरकार ने राज्य स्तर पर एक अप्रैल 2005 को वैट लागू होने के बाद विभिन्न चरणों में सीएसटी को चार फीसदी से घटाकर दो फीसदी कर दिया है.

सीएसटी एक केंद्रीय कर है, जिसकी वसूली राज्य करते हैं.

DevRaj80
21-12-2014, 07:16 AM
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को जीएसटी को मंजूरी दी थी, जिससे संसद में पेश किए जाने का रास्ता साफ हो गया था.

इस विधेयक को कानून बनने के लिए संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से पारित होना होगा और देश के 29 राज्यों में से आधे की विधायिका में भी पारित होना होगा.

जीएसटी लागू होने से केंद्र और राज्यों के अनेक कर समाप्त हो जाएंगे और पूरा देश कर के मामले में एक विशाल बाजार बन जाएगा, जिससे कारोबार फैलाने की सुविधा होगी और जिसके कारण आपूर्ति श्रंखला मजबूत होगी.

DevRaj80
21-12-2014, 07:16 AM
नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकॉनॉमिक रिसर्च के एक अध्ययन के मुताबिक जीएसटी पूरी तरह से लागू होने से विकास दर में 0.9-1.7 फीसदी तक की वृद्धि होगी.

ताजा घटनाक्रम पर केपीएमजी इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सचिन मेनन ने कहा, “यह भारतीय वित्तीय सुधार के इतिहास में मील का पत्थर है. 2006 के बाद से जीएसटी को लाने के लिए किए गए सभी कार्यो के योगदान को देश याद रखेगा.”

DevRaj80
21-12-2014, 07:16 AM
ममता बनर्जी


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि वह वस्तु एवं सेवा कर, जीएसटी के विरुद्ध नहीं है, लेकिन वह चाहती है कि राज्यों को होने वाले नुकसान की समचुत भरपाई की जाए. उन्होंने यहां संवाददाताओं के साथ एक अनौपचारिक बातचीत में कहा, “हमें जीएसटी से कोई समस्या नहीं. हमने घोषणापत्र में इसके लिए वादा किया था. हम इसके पक्ष में हैं. लेकिन राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए.” बनर्जी शुक्रवार को राजधानी में थीं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने वादे से मुकर रही है.

DevRaj80
21-12-2014, 07:17 AM
ओ. पन्नीरसेल्वम
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने शुक्रवार को वस्तु एवं सेवा कर, जीएसटी के कई पहलुओं पर सहमति बनाए बगैर इस पर संविधान संशोधन विधेयक पेश किए जाने की कड़ी आलोचना की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा और उसकी सामग्री मीडिया को भी जारी की. सरकार का पहले जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक पेश करने और उसके बाद जीएसटी परिषद के जरिए वास्तविक कर, कर बैंड और अन्य मुद्दों पर सहमति कायम करने का प्रस्ताव स्वीकार्य नहीं है.

उन्होंने कहा, “हम यह कहना चाहेंगे कि भारत सरकार को पहले राज्यों के वित्त मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह को महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए और तब जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक पर आगे बढ़ना चाहिए.”

DevRaj80
21-12-2014, 07:18 AM
जीएसटी का फायदा


यह है कि इससे टैक्स का दायरा बढ़ जाएगा. अब तक जो चीजें टैक्स से बची हुई थीं वो भी इसके दायरे में आ जाएंगी. सारे देश में एक जैसी टैक्स दर होने से प्रशासनिक सुविधा तो होगी ही, उत्पादकों को भी नई यूनिट खोलने के निर्णय में अब राज्यों की अलग-अलग टैक्स दर को विचार में लेने की जरूरत नहीं होगी.

अन्य उत्पादक कारकों जैसे कच्चा माल, बुनियादी ढांचा और बाजार के आधार पर निर्णय होंगे. अर्थव्यवस्था की सेहत सुधरेगी. जीडीपी बढ़ेगी. उपभोक्ता के लिए भी जीएसटी से कई फायदे होंगे. अब तक कई उत्पादों के दामो में अलग-अलग राज्यों में जो फर्क होता है, तब वह नहीं होगा. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आर्थिक सुधारों के एजेंडे में लंबे समय से महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है. लंबे समय से अटके जीएसटी को जल्द से जल्द लागू करने को लेकर सरकार गंभीर है. इसमें देरी न हो, इसके लिए राज्यों के हितों को प्राथमिकता देने को केंद्र कमोबेश तैयार है. अनुमान है कि इसके लागू होने से सकल घरेलू उत्पाद (जीएसटी) में डेढ़ से दो फीसद तक बढ़ोतरी होगी.

इतना ही नहीं जीएसटी लागू होने के बाद सारे टैक्स हटेंगे. कहा यह भी जा रहा है कि यह टैक्स सिस्टम सुधार का सबसे बड़ा कदम है. जीएसटी के तहत पूरे देश में एक ही रेट पर टैक्स लगेगा. अब तक राज्य अपनी सीमा में अलग-अलग तरह से टैक्स लेते हैं. इससे अनावश्यक रूप से उत्पाद की कीमत बढ़ती है, समय लगता है, राज्य की सरकारी मशीनरी के हाथों व्यापारी को परेशानी उठानी होती है. जिससे एक राज्य के व्यापारी की दूसरे राज्य में प्रतिस्पर्धात्मक कमी हो जाती है. पर अगर पूरे देश में एक ही कर होगा तो हर राज्य में अलग-अलग स्तरों पर कर के नाम पर जो बाधाएं खड़ी की जाती हैं, वो खत्म हो जाएंगी.

व्यापार निर्बाध हो सकेगा. जाहिर है, अधिक व्यापार हेागा और जीडीपी बढ़ेगी. राजस्व भी बढ़ेगा. यह भी संभव है कि राजस्व बढ़ने से सरकार टैक्स की दर कम करने के लिए प्रेरित हो और उत्पाद का दाम भी कम हो. जिसका फायदा उपभोक्ता को मिलेगा. पूर्व में जीएसटी दर 12 से 16 प्रतिशत बताई जा रही थी लेकिन अब लग रहा है कि कर की दर करीब 27 फीसद तक हो सकती है. इसमें राज्यों का जीएसटी करीब 12 फीसद और केंद्र का 15 फीसद हो सकता है. इससे टैक्स चोरी कम होगी कलेक्शन बढ़ेगा और टैक्स ढांचा पारदर्शी होगा. काफी हद तक टैक्स विवाद कम होंगे.

वास्तव में वस्तु एवं सेवा कर कर का वह प्रकार है जो मूल्यवर्धन के प्रत्येक स्तर पर अनिवार्यत: लगता है. हर चरण में किसी भी आपूति कर्ता को टैक्स क्रेडिट सिस्टम के माध्यम से इसकी भरपाई की अनुमति होती है. यह ठीक है कि शुरुआती दौर में जीएसटी लागू होने में अवश्य कुछ असुविधा होगी. लेकिन भविष्य में इसके सुपरिणाम आएंगे.

rajnish manga
21-12-2014, 10:24 AM
सरल भाषा में जी एस टी के बारे में बहुत अच्छी जानकारी.

DevRaj80
21-12-2014, 10:46 AM
धन्यवाद रजनीश जी

Arvind Shah
22-12-2014, 04:46 PM
बढ़ीया जानकारी !

DevRaj80
29-12-2014, 12:03 PM
बढ़ीया जानकारी !


धन्यवाद अरविन्द जी