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View Full Version : क्यों मरते समय किसी व्यक्ति की आंखें उलट ज


Teach Guru
21-12-2014, 08:54 AM
मृत्यु तो सभी को आनी है क्योंकि धरती पर कोई अमृत पीकर नहीं आया है। सभी को एक दिन इस संसार सागर को छोड़कर जाना ही होता है।

इसलिए किसी के मरने में कोई आश्चर्य की बात नहीं है लेकिन किसकी मृत्यु कैसे हुई और मरते समय किसकी कैसा दशा हुई है यह कई रहस्य से पर्दा उठा देता है।

आपने शायद देखा या सुना होगा कि कुछ लोगों की आंखें मरने के बाद उलट गई या मृत्यु के समय किसी व्यक्ति ने मल मूत्र का त्याग कर दिया।

असल में यह आत्मा के शरीर त्यागने की स्थिति के कारण होता है लेकिन इसके पीछे एक डरवाना सत्य है। इस सत्य को जानकर आपके होश उड़ जाएंगे।

Teach Guru
21-12-2014, 08:55 AM
इसलिए उलट जाती हैं आंखें

गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु ने पक्षीराज गरुड़ से मृत्यु के समय की स्थिति का वर्णन करते हुए कहा है कि अपने कर्मो के अनुसार व्यक्ति वृद्घावस्था में बीमार हो कर शारीरिक कष्ट पाता है।

शारीरिक कष्ट के बावजूद भी मोह माया से ग्रस्त जो व्यक्ति जीने की चाहत रखता है और अपने परिजनों से जिनता अधिक लगाव होता है यानी जिनके मन में वैराग्य की भावना उत्पन्न नहीं होती है।

ऐसे व्यक्तियों की अंत समय में आंखें काम करना बंद कर देती है। कान से सुनाई देना बंद हो जाता है। कफ अधिक होने से गला बैठ जाता है। व्यक्ति यमदूतों को देखता है तो अपने परिजनों से कुछ कहना चाहता है लेकिन बोल नहीं पाता।

मोह माया के कारण यमदूतों को देखकर डरा हुआ व्यक्ति प्राण त्याग नहीं करना चाहता है। ऐसे समय में यम के दूत बलपूर्वक व्यक्ति की आत्मा को शरीर से निकाल लेते हैं। मोह माया में फंसे व्यक्ति की आत्मा आंखों से निकलने के कारण मरने के बाद इनकी आंखें उलट जाती है।

Teach Guru
21-12-2014, 08:57 AM
ऐसे व्यक्ति मृत्यु के समय मल मूत्र का त्याग कर देते हैं

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के समय आत्मा दोनों आखें, दोनों कान, दोनो नासिका, मुख या फिर उत्सर्जन अंग से निकलती है। आत्मा के शरीर से निकलने के यही नौ द्वार हैं।

जिस व्यक्ति की आत्मा उत्सर्जन अंग से निकलती है वह मृत्यु के समय मल मूत्र का त्याग कर देते हैं। इस प्रकार से आत्मा का शरीर त्याग करना अच्छा नहीं माना जाता है।

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि इस प्रकार से आत्मा उन्हीं की निकलती है जो जीवनभर अपने और अपने परिवार के बारे में सोचता है और उनके लिए नैतिकता का त्यागकर धन और सुख अर्जित करता है।

मोह माया में उलझा व्यक्ति अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण नहीं रख पाता है और काम वासना से पीड़ित रहता है ऐसा व्यक्ति मृत्यु के समय जब यम के दूतों को देखता है तो घबरा जाता है और इनके प्राण नीचे की ओर सरकने लगता है और प्राणवायु नीचे की ओर से निकल जाता है।

प्राण वायु के साथ अंगूठे के आकार का एक अदृश्य जीव निकलता है जिसके गले में यम के दूत पाश बांध देते हैं और अपने साथ यमलोक लेकर चले जाते हैं। इस तरह से मृत्यु बड़े ही पापी व्यक्ति की होती है।

Teach Guru
21-12-2014, 08:58 AM
मरने के बाद ऐसे व्यक्ति का मुंह टेढ़ा हो जाता है

मृत्यु के समय प्राण निकलने के नौ द्वारों के बारे में आप जान चुके हैं। इन नौ द्वारों में एक द्वार मुंह भी है। जिन व्यक्तियों के प्राण मुंह से होकर निकलते हैं उनका मुख टेढ़ा हो जाता है।

शास्त्रों के अनुसार मुंह से प्राण वायु का निकलना बड़ा ही शुभ होता है। इस तरह से प्राण निकलना धर्मात्मा व्यक्ति का ही संभव है। ऐसे व्यक्ति की आत्मा को यमलोक जाकर यम का दंड नहीं भोगना पड़ता है।

शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि मुख के अलावा नासिका से प्राण का निकलना भी शुभ होता है। इस तरह से प्राण का त्याग उन्हीं व्यक्तियों के लिए संभव है जिन्होंने कामना और मोह का त्याग कर लिया हो। परिवार और समाज में रहते हुए भी जो वैरागी हैं वही इस तरह से प्राण त्याग करते हैं।

soni pushpa
08-01-2015, 06:23 PM
बहुत अच्छी जानकारी टीच गुरु जी शेयरिंग के लिए धन्यवाद ....

DevRaj80
08-01-2015, 07:37 PM
बेहतरीन गुरु ....

Pavitra
08-01-2015, 09:40 PM
बहुत ही अच्छी जानकारी दी है आपने , Please इस Thread को आगे भी Continue कीजियेगा। :bravo:

rajnish manga
09-01-2015, 09:29 PM
चुने गए विषय पर इतनी विषद जानकारी प्रस्तुत करने के लिए आपका धन्यवाद, मित्र.

Teach Guru
10-01-2015, 07:55 AM
ये जानकारी मुझे इंटरनेट भ्रमण के दौरान मिली, अच्छी लगी तो यहाँ शेयर कर दी ...

DevRaj80
11-01-2015, 06:24 PM
ये जानकारी मुझे इंटरनेट भ्रमण के दौरान मिली, अच्छी लगी तो यहाँ शेयर कर दी ...

मैं भी ऐसा ही कर देता हूँ कभी कभी ..धन्यवाद मित्र