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View Full Version : मां


DevRaj80
07-01-2015, 03:21 PM
माँ


The Mother



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DevRaj80
07-01-2015, 03:26 PM
क्या होती है माँ


http://3.bp.blogspot.com/-ScenhpkyAOg/UZTHvxU39DI/AAAAAAAAAzI/BfLyetmVcL4/s1600/maa.jpg

DevRaj80
07-01-2015, 03:30 PM
http://2.bp.blogspot.com/-dbGYMc83Hzw/TxPOQegI8PI/AAAAAAAAAQA/S_n0jOtdwbU/s1600/mother-love-smile-happy-women.jpg

DevRaj80
07-01-2015, 03:30 PM
http://nishamittal.jagranjunction.com/files/2013/05/painting-220x300.jpg

DevRaj80
07-01-2015, 03:30 PM
http://mparveen.jagranjunction.com/files/2012/05/maa.jpg

DevRaj80
07-01-2015, 03:31 PM
माँ में बसता है भगवान


हर व्यक्ति को अपने जीवन के रंगमंच पर कई किरदारों को निभाना पड़ता है। रिश्तों की उधेड़बुन के इस नाटक में कुछ का अभिनय इतना अच्छा होता है कि वो हर किरदार में फिट बैठ जाते हैं और कुछ किरदार स्वत: ही ऐसे दमदार होते हैं, जिसमें हर कोई फिट बैठ जाता है।

माँ, औरत का एक ऐसा किरदार है, जिसमें संपूर्णता, पवित्रता, त्याग, ममता, प्यार सब कुछ निहित होता है। शायद ही दुनिया का कोई अन्य रिश्ता ऐसा हो, जिसमें इतनी सारी खूबियाँ एकसाथ होती हों।

एक औरत के रूप में संतान को जन्म देकर माँ अपने कुल का मान बढ़ाती है तो वहीं उसे संस्कारों का पाठ पढ़ाकर मर्यादा की आचार-संहिता में जीना सिखाती है। माँ शब्द जितना मीठा है, उतनी ही मीठी माँ की ममता भी।

DevRaj80
07-01-2015, 03:32 PM
http://truemotherheart.files.wordpress.com/2012/09/408644_360746244007705_389927533_n.jpg

DevRaj80
07-01-2015, 03:33 PM
http://ajaykumar2623.jagranjunction.com/files/2012/07/b.jpg

DevRaj80
07-01-2015, 03:33 PM
माँ, औरत का एक ऐसा किरदार है, जिसमें संपूर्णता, पवित्रता, त्याग, ममता, प्यार सब कुछ निहित होता है। शायद ही दुनिया का कोई अन्य रिश्ता ऐसा हो, जिसमें इतनी सारी खूबियाँ एकसाथ होती हों।
अपनी संतानों के लिए हमेशा बेहतर और भला सोचने वाली माँ हर वक्त इसी चिंता में डूबी रहती है कि मेरा बच्चा कहाँ और कैसा होगा।

माँ की अँगुली पकड़कर स्कूल जाने से लेकर शादी-ब्याह रचाकर संतान होने के बाद *तक भी हम भले ही उम्र में बहुत बड़े, समझदार व गंभीर हो जाते हैं परंतु माँ की चिंता हमारे लिए तब भी वैसी ही रहती है, जैसी कि बचपन में होती थी।

अपनी हर साँस के साथ माँ अपनी संतान की सलामती व तरक्की की दुलाएँ माँगती है। उसकी पूजा-पाठ, आराधना, व्रत-उपवास, आशीर्वाद हर चीज में बस दुआएँ शामिल होती हैं अपने परिवार की सलामती की।

मैं तो यही कहूँगी कि यदि ईश्वर ने धरती पर जन्म लिया है तो बस माँ के रूप में। यदि आपके पास भी माँ है तो दुनिया के सबसे सौभाग्यशाली व्यक्तियों में से एक है। अपने पास इस माँ रूपी ईश्वर को हमेशा साथ रखें।

DevRaj80
07-01-2015, 03:34 PM
http://121clicks.com/wp-content/uploads/2011/05/09_flickr.jpg

DevRaj80
07-01-2015, 03:35 PM
हूँ घर से दूर मेरे होंठों पर हंसी आई ;
मुझे लगता है मुझे याद कर माँ मुस्कुराई .

मैं घर से निकला सिर पर बड़ी सख्त धूप थी ;
तभी दुआ माँ की घटा बन कर घिर आई .

मुझे अहसास हुआ माँ ने मुझे याद किया ;
मुझे यकीन हुआ जब मुझे हिचकी आई .

मेरे कानों में अनायास ही बजने लगी शहनाई ;
मेरी तस्वीर देख माँ थी शायद गुनगुनाई .

मिली जब कामयाबी तेज हवा छू कर निकली ;
मेरी माँ की तरफ से पीठ मेरी थपथपाई .

मैं जाती जब भी माथा टेकने मंदिरों में ;
मुझे भगवान में देती है मेरी माँ दिखाई .

DevRaj80
07-01-2015, 03:36 PM
http://3.bp.blogspot.com/_DJEIRrK4tl4/TS157CgFcbI/AAAAAAAAGN4/O6fdq6Hgrlk/s1600/download.jpg

DevRaj80
07-01-2015, 03:42 PM
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/PATE-KI-BAAT/resource/mAAN.jpg

DevRaj80
07-01-2015, 03:42 PM
https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcRICb8OBBKdBIJhhOuotI0patOwIKS_j MoJDY8K4126htKqXX6QmA

DevRaj80
07-01-2015, 03:44 PM
http://1.bp.blogspot.com/-bkwe3Qy8evw/UTFwLWZY13I/AAAAAAAADTk/Pso44t8LXjU/s1600/207235_429147017167976_1302589424_n.jpg

DevRaj80
07-01-2015, 03:45 PM
http://hindi.pardaphash.com/uploads/images/660/87815.jpg

लखनऊ| मां, कितना मीठा, कितना अपना, कितना गहरा और कितना खूबसूरत शब्द है। समूची पृथ्वी पर बस यही एक पावन रिश्ता है जिसमें कोई कपट नहीं होता। कोई प्रदूषण नहीं होता। इस एक रिश्ते में निहित है छलछलाता ममता का सागर। शीतल और सुगंधित बयार का कोमल अहसास। इस रिश्*ते की गुदगुदाती गोद में ऐसी अव्यक्त अनुभूति छुपी है जैसे हरी, ठंडी व कोमल दूब की बगिया में सोए हों। अब चाहे वह मनुष्य हो या फिर कोई जानवर |

इस तस्वीर को देखकर आप कुछ चक्कर में जरूर पड़ गए होंगे कि आखिर यह माजरा क्या है। आपको बता दें कि इस कुतिया का गाय के बछड़े से कोई तालमेल नहीं है फिर भी यह गाय के बछड़े को दूध पिला रही है|


दरअसल हुआ यूँ कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे मोहनलाल गंज क्षेत्र में एक गाय ने एक बछड़े को जन्म दिया था, जन्म देने के कुछ ही घंटों बाद गाय ने दम तोड़ दिया| उधर इस कुतिया ने कई पिल्लों को जन्म दिया था, पता नहीं भगवान् कि क्या मर्जी थी तो इस कुतिया के एक भी बच्चे नहीं बचे| अब इसे माँ की ममता कहें या फिर कुछ और इस कुतिया ने अपने बच्चों की तरह इस बछड़े को दूध पिला रही है|

DevRaj80
07-01-2015, 03:46 PM
http://yugnirman.org/wp-content/uploads/2013/08/maa38.jpg

DevRaj80
07-01-2015, 03:47 PM
http://img380.imageshack.us/img380/9003/chitthibd8.jpg

DevRaj80
07-01-2015, 03:54 PM
http://ankitajain.in/wp-content/uploads/2012/05/mother1-244x300.jpg

DevRaj80
07-01-2015, 03:56 PM
देवी मैया का आदेश

जो भक्त अपने माता-पिता को दाने दाने को तरसाते हैं


और मेरे दरबार में आकर पूरे आडम्बर के साथ चढ़ावा चढ़ाते हैं!


ऐसे भक्त कान खोल कर सुन ले उनका चढ़ावा केवल और केवल ढोंगी पाखंडियों



की तोंद बढ़ाने के काम आता है!



मुझे उनके चढ़ावे से कोई लेना देना नहीं।



अगर पुण्य ही कमाना है तो अपने माता पिता की सुध ले!

DevRaj80
07-01-2015, 03:56 PM
https://fbcdn-sphotos-f-a.akamaihd.net/hphotos-ak-xap1/v/t1.0-9/1743638_648349935290534_2183470324045444441_n.jpg? oh=b19bce90befa7a0000538668bbadf6a9&oe=5539B511&__gda__=1430059352_5d4b8170487c6429c5c1451783a4c27 7

DevRaj80
07-01-2015, 04:01 PM
https://fbcdn-sphotos-e-a.akamaihd.net/hphotos-ak-xap1/v/t1.0-9/10305045_602818476511935_5394698542227250933_n.jpg ?oh=2e5bfd5ce5c411c1574d274f9a42ee1e&oe=552246D7&__gda__=1430264843_21ed1f5c432d5c345ab0c6c55b70649 e

DevRaj80
07-01-2015, 04:02 PM
https://fbcdn-sphotos-a-a.akamaihd.net/hphotos-ak-xpa1/v/t1.0-9/10888504_642768355848692_3028038644685742347_n.jpg ?oh=25f1917190b9d3e70886c701a131f956&oe=5543F9AA&__gda__=1429728530_03fdb8a4fac0a41a440d05cdc7efff5 4

DevRaj80
07-01-2015, 04:03 PM
नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात..!!!!


बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात..!!!!!

अब तो अपना खून भी, करने लगा कमाल..!!!!

बोझ समझ माँ-बाप को, घर से रहा निकाल..!!!!!

पानी आँखों का मरा,मरी शर्म औ लाज..!!!!

कहे बहू अब सास से,घर में मेरा राज...!!!!

भाई भी करता नहीं,भाई पर विश्वास..!!!!

बहन पराई हो गयी,साली खासमखास...!!!!

मंदिर में पूजा करें,घर में करें कलेश..!!!!

बापू तो बोझा लगे,पत्थर लगे गणेश...!!!!

बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान..!!!!!

पत्थर के भगवान हैं,पत्थर दिल इंसान...!!!!

पत्थर के भगवान को,लगते छप्पन भोग...!!!!

मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग..!!!!!

फैला है पाखंड का,अन्धकार सब ओर..!!!!

पापी करते जागरण, मचा-मचा कर शोर..!!!!!

पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप..!!!!

भंडारे करते फिरें, घर में भूखा बाप..!!!!!

DevRaj80
07-01-2015, 04:04 PM
https://scontent-a-cdg.xx.fbcdn.net/hphotos-xfa1/v/t1.0-9/10712811_637461549712706_6686131848962333548_n.jpg ?oh=c7c6311f0ff432ce8d738fa8fc9c7789&oe=5530848A

DevRaj80
07-01-2015, 04:04 PM
https://scontent-a-cdg.xx.fbcdn.net/hphotos-xpa1/v/t1.0-9/10364053_506067309520386_9172690946004078675_n.jpg ?oh=bd6ca4a5d69baea2c1233c9a66cd1183&oe=55320051

DevRaj80
07-01-2015, 04:05 PM
https://fbcdn-sphotos-a-a.akamaihd.net/hphotos-ak-xpa1/v/t1.0-9/10850119_1410469579244427_1293014551680674308_n.jp g?oh=a98f993bf4a8ed56ddef713616ac356e&oe=5540AF3E&__gda__=1429837652_cb6c7e98b08b45543f1a8d402091025 6

DevRaj80
07-01-2015, 04:07 PM
https://scontent-b-cdg.xx.fbcdn.net/hphotos-xfp1/v/t1.0-9/q85/s720x720/16704_637175839741277_1102389725222097871_n.jpg?oh =fab8558794723dcac346ff214c7e8043&oe=554032D4

DevRaj80
07-01-2015, 04:08 PM
https://fbcdn-sphotos-a-a.akamaihd.net/hphotos-ak-xpa1/v/t1.0-9/10888504_642768355848692_3028038644685742347_n.jpg ?oh=25f1917190b9d3e70886c701a131f956&oe=5543F9AA&__gda__=1429728530_03fdb8a4fac0a41a440d05cdc7efff5 4

DevRaj80
07-01-2015, 04:09 PM
एक समय की बात है , एक बच्चे का जन्म होने वाला था. जन्म से कुछ क्षण पहले उसने भगवान् से पूछा : ” मैं इतना छोटा हूँ, खुद से कुछ कर भी नहीं पाता , भला धरती पर मैं कैसे रहूँगा , कृपया मुझे अपने पास ही रहने दीजिये , मैं कहीं नहीं जाना चाहता.”
भगवान् बोले, ” मेरे पास बहुत से फ़रिश्ते हैं , उन्ही में से एक मैंने तुम्हारे लिए चुन लिया है, वो तुम्हारा ख़याल रखेगा. “
“पर आप मुझे बताइए , यहाँ स्वर्ग में मैं कुछ नहीं करता बस गाता और मुस्कुराता हूँ , मेरे लिए खुश रहने के लिए इतना ही बहुत है.”
” तुम्हारा फ़रिश्ता तुम्हारे लिए गायेगा और हर रोज़ तुम्हारे लिए मुस्कुराएगा भी . और तुम उसका प्रेम महसूस करोगे और खुश रहोगे.”
” और जब वहां लोग मुझसे बात करेंगे तो मैं समझूंगा कैसे , मुझे तो उनकी भाषा नहीं आती ?”
” तुम्हारा फ़रिश्ता तुमसे सबसे मधुर और प्यारे शब्दों में बात करेगा, ऐसे शब्द जो तुमने यहाँ भी नहीं सुने होंगे, और बड़े धैर्य और सावधानी के साथ तुम्हारा फ़रिश्ता तुम्हे बोलना भी सीखाएगा .”
” और जब मुझे आपसे बात करनी हो तो मैं क्या करूँगा?”
” तुम्हारा फ़रिश्ता तुम्हे हाथ जोड़ कर प्रार्थना करना सीखाएगा, और इस तरह तुम मुझसे बात कर सकोगे.”
“मैंने सुना है कि धरती पर बुरे लोग भी होते हैं . उनसे मुझे कौन बचाएगा ?”
” तुम्हारा फ़रिश्ता तुम्हे बचाएगा , भले ही उसकी अपनी जान पर खतरा क्यों ना आ जाये.”
“लेकिन मैं हमेशा दुखी रहूँगा क्योंकि मैं आपको नहीं देख पाऊंगा.”
” तुम इसकी चिंता मत करो ; तुम्हारा फ़रिश्ता हमेशा तुमसे मेरे बारे में बात करेगा और तुम वापस मेरे पास कैसे आ सकते हो बतायेगा.”
उस वक़्त स्वर्ग में असीम शांति थी , पर पृथ्वी से किसी के कराहने की आवाज़ आ रही थी….बच्चा समझ गया कि अब उसे जाना है , और उसने रोते-रोते भगवान् से पूछा ,” हे ईश्वर, अब तो मैं जाने वाला हूँ , कृपया मुझे उस फ़रिश्ते का नाम बता दीजिये ?’
भगवान् बोले, ” फ़रिश्ते के नाम का कोई महत्त्व नहीं है , बस इतना जानो कि तुम उसे “माँ” कह कर पुकारोगे .”

DevRaj80
07-01-2015, 04:09 PM
https://fbcdn-sphotos-f-a.akamaihd.net/hphotos-ak-xap1/v/t1.0-9/1743638_648349935290534_2183470324045444441_n.jpg? oh=b19bce90befa7a0000538668bbadf6a9&oe=5539B511&__gda__=1430059352_5d4b8170487c6429c5c1451783a4c27 7

kuki
10-01-2015, 08:22 PM
https://encrypted-tbn3.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcRB2W9YHKegnBesuvrY821xjexJIZ0en 71PuObAu9rHIzh4aUoM

rajnish manga
10-01-2015, 10:16 PM
atyant manohaari aur prerak sutra ke liye devraj ji, kuki ji tatha anya sahyogiyon ka dhanywad.

DevRaj80
11-01-2015, 07:41 PM
https://encrypted-tbn3.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcRB2W9YHKegnBesuvrY821xjexJIZ0en 71PuObAu9rHIzh4aUoM

:bravo::bravo: कुकी जी

DevRaj80
11-01-2015, 07:42 PM
atyant manohaari aur prerak sutra ke liye devraj ji, kuki ji tatha anya sahyogiyon ka dhanywad.

सूत्र पसंद आने के लिए हार्दिक धन्यवाद रजनीश जी ..

soni pushpa
12-01-2015, 01:11 AM
अपने आप में एक महान रिश्ते पर आपने ये जो.." माँ"" सूत्र शुरू किया है उसके लिए मै सबसे पहले आपको बहुत बहुत हार्दिक अभिनन्दन देना चाहूंगी देवराज जी . बहुत-- बहुत अच्छा सूत्र है ये. सच माँ की जगहऔर पिता की जगह कोई नही ले सकते . आपके इस सूत्र का हरेक भाग पढ़ा मैंने कई जगह आँखे नम हो गईं .इस सूत्र की जितनी तारीफ की जाय कम है ....

DevRaj80
12-01-2015, 02:30 PM
अपने आप में एक महान रिश्ते पर आपने ये जो.." माँ"" सूत्र शुरू किया है उसके लिए मै सबसे पहले आपको बहुत बहुत हार्दिक अभिनन्दन देना चाहूंगी देवराज जी . बहुत-- बहुत अच्छा सूत्र है ये. सच माँ की जगहऔर पिता की जगह कोई नही ले सकते . आपके इस सूत्र का हरेक भाग पढ़ा मैंने कई जगह आँखे नम हो गईं .इस सूत्र की जितनी तारीफ की जाय कम है ....


:bravo::bravo::bravo::bravo::bravo:

और आप की जितनी तारीफ़ की जाय वो भी कम है की आपने इस सूत्र को इतनी गंभीरता से लिया सोनी जी ...हार्दिक आभार

Nand Kumar
13-01-2015, 02:46 PM
dear devraj ji this work is really lightful. I took printout of 9 pictures here and pasted these in my office . Mother is really incredible....
thanku very much for this work .

Nand Kumar
13-01-2015, 02:48 PM
https://encrypted-tbn3.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcRB2W9YHKegnBesuvrY821xjexJIZ0en 71PuObAu9rHIzh4aUoM

nice work kuki ji

DevRaj80
13-01-2015, 04:09 PM
dear devraj ji this work is really lightful. I took printout of 9 pictures here and pasted these in my office . Mother is really incredible....
Thanku very much for this work .

प्रिय नन्द कुमार जी " माँ " के प्रति आपकी ये गहन आस्था और प्रेम देख के सुखद अनुभव हुआ ..

बहुत बहुत धन्यवाद

मैं जल्दी ही अपडेट करूंगा इस सूत्र को ...

धन्यवाद

DevRaj80
13-01-2015, 05:56 PM
माँ के आठ झूठ

एक बेटे की आत्मकथा के कुछ अंषः--साभार

1) मेरा जन्म एक गरीब परिवार में हुआ। घर में खाने का अभाव ही रहता था। जब भी, जितना खाना माँ बनाती, अपने हिस्से का बहुत सा भाग मुझे दे देती थी। जब मेरी थाली में खाना परोस रही होती तो थोड़ा-थोड़ा खाना मेरी थाली में और डालती रहती और ले लो, मुझे भूख नहीं है। यह माँ का पहला झूठ था ।

2) जैसे ही मैं व्यस्क हुआ, माँ अपने खाली समय में घर के पास ही नदी पर मछलियाँ पकड़ने चली जाती थी। माँ, मुझे पौष्टिक भोजन थोड़ा ज्यादा देना चाहती थी। जितनी भी मछलियाँ मिलती, वह चाहती थी कि मुझे ज्यादा दें। एक बार माँ ने दो ही मछलियाँ पकड़ी थी। माँ ने उन मछलियों का शोरबा बनाया । जब मैं शोरबा पी रहा था, माँ मेरे पास ही बैठी थी और बचा खुचा भोजन खा रही थी, मुझे बुरा लगा। मैं बहुत दुखी हुआ। मैनें माँ को भी शोरबा देना चाहा ताकि वह भी कभी कुछ पौष्टिक खा लिया करें। परन्तु माँ ने फौरन मना कर दिया, कहा ‘‘बेटा, मछली का शोरबा अच्छा नहीं लगता । यह माँ का दूसरा झूठ था ।

3) उच्चा षिक्षा पर काफी खर्च होता है, इस खर्च को पूरा करने के लिए माँ माचिस की फैक्ट्री से इस्तेमाल की गई खाली डिब्बियां ला कर उनमें माचिस की तीलियां भरती थी। इससे थोड़ी सी आमदनी हो जाती थी और उससे घर का गुजारा चलता था। एक भयंकर सर्दी की रात जब मैं जागा तो देखा, माँ मोमबत्ती की रोषनी से माचिस की तीलियां भर रही थी। मैनंे कहा, माँ सो जाओ, रात बहुत हो चुकी है। बाकी काम कल कर लेना। माँ हंस कर बोली, तुम सो जाओ, मैं अभी थकी नहीं हूँ । यह माँ का तीसरा झूठ था ।

जब मुझे अपनी फाइनल परीक्षा के लिए बैठना था, मेरी माँ साथ गई। सूयास्त होने पर भी मेरी माँ घंटो भीष्म गर्मी में प्रतीक्षा कर रही थी। जब घंटी बजी, मैं दौड़ कर माँ के पास गया। माँ ने मुझे छाती पर लगा कर प्यार किया और थरमॅस से नींबू पानी निकाल कर दिया। नींबू पानी से अधिक मेरे लिए माँ का वात्सल्य जरूरी था। माँ को पसीने में लथपथ देख कर, मैंने अपने गलास से नींबू पानी दिया ताकि वह भी कुछ प्यास बुझा ले। माँ ने कहा, ‘बेटा ! तुम पी लो, मुझे प्यास नहीं है। यह माँ का चैथा झूठ था ।

5) मेरे पिता के स्वर्गवास होने के बाद माँ को एकल माता-पिता की भूमिका निभानी पड़ रही थी। जिस दफतर में माँ काम करती थी, वहीं काम जारी रखा क्यों कि उसके बिना हमारे घर का गुजारा नहीं हो सकता था। हमारे परिवार की व्यवस्था काफी पेचीदा थी। हमनें भूख के दिन भी देखे थे। हमारे परिवार के बिगड़ते हालात देख कर मेरे चाचा जो पास ही रहते थे, हमारी सहायता के हमें मिलने आए ताकि हमारी छोटी-बड़ी समस्याओं का समाधान कर सकें। हमारे पड़ोसी हमारी गरीबी की हालत से परिचित थे। उनमें से एक ने सलाह भी दी कि मेरी माँ दुबारा शादी कर लें। किन्तु मेरी माँ ने साफ इंकार कर दिया, यह कह कर कि उसे किसी सहारे की जरूरत नहीं है। यह माँ का पांचवा झूठ था ।


6) मेरी पढ़ाई खत्म होने के बाद मुझे अच्छी नौकरी मिल गई और यही उचित समय था कि मेरी मां काम से निवृत हो जाए परन्तु वह रोज़ बाज़ार जाती थी और एकसटरा काम करती । मैं उसे पैसे भेजता, लेकिन वह अटल रही, मुझे पैसे वापस भेज देती थी। वह कहती थी, मेरे पास काफी पैसे हैं। यह माँ का छटवा झूठ था।

7) मैंने अपनी पार्ट टाइम स्नातोकतर की पढ़ाई जारी रखी। मैं एक अमरीकन कम्पनी के लिए काम करता था। उन्होनें मेरी पढ़ाई का खर्चा भी उठाया । मैं परीक्षा में सफल रहा । वेतन भी काफी मिलता था। मैनें फैसला किया कि माँ को अमरीका साथ ले जाऊं ताकि वह भी वहां आराम की जिंदगी जी सके। लेकिन मेरी माँ मुझे कष्ट नहीं देना चाहती थी । उसने कहा ‘‘मैं हाई सोसाइटी में नहीं रह सकती’’ । यह माँ का सातवां झूठ था।


माँ मुझे बहुत प्यार करती थी। माँ को कंेसर हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया । मैं अब विदेष में थ, अपनी माँ को मिलने स्वदेष आया क्यों वह रोग पीडि़त थी और आॅपरेषन के बाद काफी कमजोर हो चुकी थी और चल फिर नहीं सकती थी। माँ मुस्काराने का प्रयास कर रही थी, परन्तु मैं बहुत उदास था। माँ ने कहा ‘‘बेटा, उदास मत हो, मुझे कोई पीड़ा नहीं है। यह माँ का आठवां झूठ था।


हाँ, मेरी माँ सचमुच एक देवी का रूप था । जिस की माँ उस के साथ है, वह भाग्यषाली है। जिस की माँ नहीं है, वह उसकी यादों का सहारा लें, बीते पलों को याद करें। माँ के ऋण से उऋण नहीं हुआ जा सकता । माता का हृदय एक स्नेहपूर्ण निर्झर है जो सृष्टि के आदि से अनवरत झरता हुआ मानवता का सिंचन कर है। इसी पृथ्वी पर देवी तत्व का एक मात्र प्रतीक मातृत्व है। उसके प्रति उच्चकोटि की श्रद्धा रखें बिना देवत्व की पूजा एवं साधना नहीं हो सकती।

मातृरूपा नारी को हम बार-बार नमन करते हैं।

मनुष्य जीवन की सभी संभावनाओं के मूल में


माँ का असीम प्यार, उसका त्याग, उसकी महान सेवाएं ही निहित है।


माँ महान है

और कोई भी शब्द


माँ की तुलना नही कर सकता

सिवा खुद माँ शब्द के

आँखों में वास्तविक आंसुओ के साथ

देव

DevRaj80
13-01-2015, 06:02 PM
http://1.bp.blogspot.com/-bkwe3Qy8evw/UTFwLWZY13I/AAAAAAAADTk/Pso44t8LXjU/s1600/207235_429147017167976_1302589424_n.jpg

DevRaj80
13-01-2015, 06:02 PM
http://media.santabanta.com/images/picsms/2012/hindi-182.jpg

DevRaj80
13-01-2015, 06:03 PM
http://www.matripitripoojan.org/wordpress/wp-content/uploads/2014/08/oawq841-.jpg

DevRaj80
13-01-2015, 06:03 PM
http://1.bp.blogspot.com/-G-W3VMjc1Ao/T2xBIemsqPI/AAAAAAAAATo/sAN5DRI1cR8/s1600/mother-and-daughter.jpg

DevRaj80
13-01-2015, 06:03 PM
http://1.bp.blogspot.com/-l4gvGeIe5IY/UY4i5XDL5PI/AAAAAAAADs0/6kKD-tGVGbk/s320/%E0%A4%AD%E0%A5%82%E0%A4%B2%E0%A5%80+%E0%A4%AC%E0% A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A5%80+%E0%A4%AF%E0%A4%B E%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%82.jpg

DevRaj80
13-01-2015, 06:04 PM
http://shabbirkumar.weebly.com/uploads/7/7/3/6/7736539/1785045.jpg?260

DevRaj80
13-01-2015, 06:05 PM
http://www.pravakta.com/wp-content/uploads/2010/02/Bal-Krishna-and-Mother-Yasoda.jpg

DevRaj80
13-01-2015, 06:06 PM
आज फिर अल्लसुबह

उसी तुलसी के विरवा के पास

केले के झुरमुटों के नीचे

पीताम्बर ओढ़े वो औरत

नित्य की भांति

दियना जला रही थी !

मै मिचकती आँखों से

उसे देखने में रत था ,

वो साधना

वो योग

वो ध्यान

वो तपस्या,

उस देवी के दृढ संकल्प के आगे नतमस्तक थे !

वो नित्य अपनी प्रतिज्ञा पर अडिग थी

और मैं अनभिज्ञ

अपनी दलान से,

उसे मौन देखता था !

आखिर एक दिन मैंने अपना मौन व्रत तोड़ दिया

हठात पूछ पडा

यह सब क्या है…?

क्यों है?

उसने गले लगा कर कहा ,

सब तुम्हारे लिए

और यह तथ्य मेरे ज्ञानवृत्त के परे था !

किन्तु इतना सुनते ही

मेरा सर भी नत हो गया !

उस तुलसी के बिरवे पर नहीं ,

उस केले के झुरमुट पर नही

उस ज्योतिर्मय दियने पर भी नहीं ….

मेरा सर झुका और झुका ही रह गया

उस देवी के देव तुल्य चरणों पर !

उसके चिरकाल की तपस्या का फल ,

मुझे उसी पल मिलता नज़र आया

क्योंकि….

परहित में किसी को ,

कठोर साधना

घोर तपस्या

सर्वस्व न्योछावर करते प्रथम दृष्टया देखा था !

अपनी दिनचर्या के प्रति अडिग वो औरत

मेरी माँ थी …मेरी माँ !

उस अल्पायु में मै

माँ शब्द को बहुत ज्यादा नहीं जान पाया था ,

पर,

उस दिन के अल्प संवाद ने

माँ शब्द को परिभाषित किया

और मै संतुष्ट था !

मुझे माँ की व्याख्या नहीं परिभाषा की जरुरत थी

माँ की व्याख्या इतनी दुरूह है कि

मै समझ नहीं पाता !

पर मै संतुष्ट था

संतुष्ट हूँ !

नत था

आज भी नत हूँ !

उसके चरणों में

उसके वंदन में

उसके अभिनन्दन में

उसके आलिंगन में

उसके दुलार भरे चुम्बन में !!!!!

-शिवानन्द द्विवेदी “सहर”

DevRaj80
13-01-2015, 06:06 PM
http://sanatansanskruti.files.wordpress.com/2014/02/1c400-qwes148-14february28divinevalentinecelebration29.jpg?w=640&h=480

DevRaj80
13-01-2015, 06:12 PM
http://sanatansanskruti.files.wordpress.com/2014/02/809ed-uus874-matrpitrpoojandiwas28divinevalentine29.jpg?w=640&h=480

DevRaj80
13-01-2015, 06:13 PM
माँ की पुकार कोई सुनेगा ?

एक धनी व्यक्ति की माँ अक्सर बीमार रहती थी। माँ रोज बेटे-बहू को कहती थी कि बेटा, मुझे डॉक्टर के पास ले चल। बेटा भी रोज पत्नी को कह देता, माँ को ले जाना, मैं तो फैक्टरी के काम में व्यस्त रहता हूँ। क्या तुम माँ का चेकअप नहीं करा सकती हो? पत्नी भी लापरवाही से उत्तर दे देती, पिछले साल गई तो थी, डॉक्टर ने कोई ऑपरेशन का कहा है। जब तकलीफ होगी ले जाना और वह अपने काम में लग जाती। बेटा भी ब्रीफकेस उठाकर चलता हुआ बोल जाता कि माँ तुम भी थोड़ी सहनशक्ति रखा करो।

DevRaj80
13-01-2015, 06:13 PM
फैक्टरी की पार्किंग में उस व्यक्ति को हमेशा एक निर्धन लड़का मिलता था। वह पार्किंग के पास ही बूट पॉलिश करता रहता। और जब कभी बूट पॉलिश का काम नहीं होता, तब वह वहाँ रखी गाड़ियों को कपड़े से साफ करता। गाड़ी वाले उसे जो भी 2-4 रुपए देते उसे ले लेता। धनी व्यक्ति और अन्य दूसरे लोग भी रोज मिलने से उसे पहचानने लग गए थे। लड़का भी जिस साहब से 5 रुपए मिलते उस साहब को लंबा सलाम ठोकता था।

DevRaj80
13-01-2015, 06:14 PM
एक दिन की बात है धनी व्यक्ति शाम को मीटिंग लेकर अपने कैबिन में आकर बैठा। उसको एक जरूरी फोन पर जानकारी मिली, जो उसके घर से था। घर का नंबर मिलाया तो नौकर ने कहा ‘साहब आपको 11 बजे से फोन कर रहे हैं। माताजी की तबीयत बहुत खराब हो गई थी, इसलिए बहादुर और रामू दोनों नौकर उन्हें सरकारी अस्पताल ले गए हैं।’ धनी व्यक्ति फोन पर दहाड़ा, ‘क्या मेम साहब घर पर नहीं हैं?’ वह डरकर बोला, ‘वे तो सुबह 10 बजे ही आपके जाने के बाद चली गईं। साहब घर पर कोई नहीं था और हमें कुछ समझ में नहीं आया। माताजी ने ही हमें मुश्किल से कहा, ‘बेटा मुझे सरकारी अस्पताल ले चलो, तो माली और बहादुर दोनों रिक्शा में ले गए और साहब मैं मेम साहब का रास्ता देखने के लिए और आपको फोन करने के लिए घर पर रुक गया।’

DevRaj80
13-01-2015, 06:14 PM
धनी व्यक्ति ने गुस्से एवं भारीपन से फोन रखा और लगभग दौड़ते हुए गाड़ी निकालकर तेज गति से सरकारी अस्पताल की ओर निकल पड़ा। जैसे ही रिसेप्शन की ओर बढ़ा, उसने सोचा कि यहीं से जानकारी ले लेता हूँ। ‘सलाम साहब’ एकाएक धनी व्यक्ति चौंका, उसे यहाँ कौन सलाम कर रहा है?

DevRaj80
13-01-2015, 06:15 PM
‘अरे तुम वही गरीब लड़के हो?’ और उसका हाथ पकड़े उसकी बूढ़ी माँ थी। धनी व्यक्ति ने आश्चर्य से पूछा, ‘अरे तुम यहाँ, क्या बात है?’ लड़का बोला, ‘साहब, मेरी माँ बीमार थी। 15 दिनों से यहीं भर्ती थी। इसीलिए पैसे इकट्ठे करता था।’ और ऊपर हाथ करके बोला, ‘भगवान आप जैसे लोगों का भला करे जिनके आशीर्वाद से मेरी माँ ठीक हो गई। आज ही छुट्टी मिली है। घर जा रहा हूँ। मगर साहब आप यहाँ कैसे?’

DevRaj80
13-01-2015, 06:15 PM
धनी व्यक्ति जैसे नींद से जागा हो। ‘हाँ’ कहकर वह रिसेप्शन की ओर बढ़ गया। वहाँ से जानकारी लेकर लंबे-लंबे कदम से आगे बढ़ता गया। सामने से उसे दो डॉक्टर आते मिले। उसने अपना परिचय दिया और माँ के बारे में पूछा।

DevRaj80
13-01-2015, 06:15 PM
‘ओ आई एम सॉरी, शी इज नो मोर, आपने बहुत देर कर दी’ कहते हुए डॉक्टर आगे निकल गए। वह हारा-सा सिर पकड़ कर वहीं बेंच पर बैठ गया। सामने गरीब लड़का चला जा रहा था और उसके कंधे पर हाथ रखे धीरे-धीरे उसकी माँ जा रही थी।

DevRaj80
13-01-2015, 06:20 PM
http://sanatansanskruti.files.wordpress.com/2014/01/mata-pita-ko-bhulna-nahi-12.jpg?w=529&h=764

DevRaj80
13-01-2015, 06:20 PM
http://sanatansanskruti.files.wordpress.com/2014/01/mata-pita-ko-bhulna-nahi-21.jpg?w=529&h=764

DevRaj80
13-01-2015, 06:21 PM
http://sanatansanskruti.files.wordpress.com/2014/01/mata-pita-ko-bhulna-nahi-31.jpg?w=529&h=764

saru4d
14-01-2015, 12:19 PM
http://mparveen.jagranjunction.com/files/2012/05/maa.jpg

trully said

saru4d
14-01-2015, 12:21 PM
http://ankitajain.in/wp-content/uploads/2012/05/mother1-244x300.jpg

only mother can do this

saru4d
14-01-2015, 12:29 PM
http://www.pravakta.com/wp-content/uploads/2010/02/Bal-Krishna-and-Mother-Yasoda.jpg

http://sanatansanskruti.files.wordpress.com/2014/02/1c400-qwes148-14february28divinevalentinecelebration29.jpg?w=640&h=480

‘ओ आई एम सॉरी, शी इज नो मोर, आपने बहुत देर कर दी’ कहते हुए डॉक्टर आगे निकल गए। वह हारा-सा सिर पकड़ कर वहीं बेंच पर बैठ गया। सामने गरीब लड़का चला जा रहा था और उसके कंधे पर हाथ रखे धीरे-धीरे उसकी माँ जा रही थी।

http://sanatansanskruti.files.wordpress.com/2014/01/mata-pita-ko-bhulna-nahi-31.jpg?w=529&h=764
Thread on
Mother
speechless wordless
realy a thinker work

thanks to all who contributed
please update regularly

DevRaj80
14-01-2015, 01:53 PM
https://fbcdn-sphotos-b-a.akamaihd.net/hphotos-ak-frc3/v/t1.0-9/1070005_504059052995938_1045139355_n.jpg?oh=7917ed 4c6fe75ced3b604de1c64ce758&oe=55355DC4&__gda__=1428231355_cb694678a4e860c954d6c2656e8fe9a d

DevRaj80
14-01-2015, 01:54 PM
Thread on
Mother
speechless wordless
realy a thinker work

thanks to all who contributed
please update regularly

really impressive thanks saru ji :bravo::bravo::bravo:

i will try my level best

DevRaj80
14-01-2015, 02:41 PM
माँ, माँ-माँ संवेदना है, भावना है अहसास है माँ,

माँ जीवन के फूलों में खुशबू का वास है, माँ,

माँ रोते हुए बच्चे का खुशनुमा पलना है, माँ,

माँ मरूथल में नदी या मीठा सा झरना है, माँ,

माँ लोरी है, गीत है, प्यारी सी थाप है, माँ,

माँ पूजा की थाली है, मंत्रों का जाप है, माँ,

माँ आँखों का सिसकता हुआ किनारा है, माँ,

माँ गालों पर पप्पी है, ममता की धारा है, माँ,

माँ झुलसते दिलों में कोयल की बोली है, माँ,

माँ मेहँदी है, कुमकुम है, सिंदूर है, रोली है,

माँ, माँ कलम है, दवात है, स्याही है, माँ,

माँ परमात्मा की स्वयं एक गवाही है, माँ,

माँ त्याग है, तपस्या है, सेवा है, माँ,

माँ फूँक से ठँडा किया हुआ कलेवा है, माँ,

माँ अनुष्ठान है, साधना है, जीवन का हवन है, माँ,

माँ जिंदगी के मोहल्ले में आत्मा का भवन है, माँ,

माँ चूडी वाले हाथों के मजबूत कं धों का नाम है, माँ,

माँ काशी है, काबा है और चारों धाम है, माँ,

माँ चिंता है, याद है, हिचकी है, माँ,

माँ बच्चे की चोट पर सिसकी है, माँ,

माँ चुल्हा-धुँआ-रोटी और हाथों का छाला है, माँ,

माँ ज़िंदगी की कड़वाहट में अमृत का प्याला है, माँ,

माँ पृथ्वी है, जगत है, धूरी है, माँ बिना इस सृष्टि की कल्पना अधूरी है,


तो माँ की ये कथा अनादि है, ये अध्याय नही है… …


और


माँ का जीवन में कोई पर्याय नहीं है,


तो माँ का महत्व दुनिया में कम हो नहीं सकता,


और माँ जैसा दुनिया में कुछ हो नहीं सकता,


और माँ जैसा दुनिया में कुछ हो नहीं सकता,

तो मैं कला की ये पंक्तियाँ माँ के नाम करता हूँ,


और दुनिया की सभी माताओं को प्रणाम करता हूँ

DevRaj80
14-01-2015, 02:55 PM
http://socialissues.jagranjunction.com/files/2012/07/papa1.jpeg

DevRaj80
15-01-2015, 08:02 PM
क्या सीरत क्या सूरत है
माँ ममता की मूरत है ,

पाँव छुए और काम बने
अम्मा एक महूरत है ,

बस्ती भर के दुख सुख में
एक अहम ज़रूरत है ,

सच कहते हैं माँ हमको
तेरी बहुत ज़रूरत है ,

DevRaj80
15-01-2015, 08:02 PM
तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है
प्यारी प्यारी है, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ
के ये जो दुनिया है, ये बन है कांटो का
तू फुलवारी है, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ

दुखने लागी है, माँ तेरी अंखिया - २
मेरे लिए जागी है तू सारी-२ रतियां
मेरी निंदिया पे, अपनी निंदिया भी
तूने वारी है, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ
तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है
प्यारी प्यारी है, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ

अपना नहीं तुझे सुख-दुःख कोई - २
मै मुस्काया, तू मुस्काई, मै रोया तू रोई
मेरे हँसने पे, मेरे रोने पे,
तू बलिहारी है, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ
तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है
प्यारी प्यारी है, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ

माँ बच्चों की जाँ होती है - २
वो होते हैं क़िस्मत वाले, जिनके माँ होती है,
कितनी सुन्दर है, कितनी शीतल है,
न्यारी-२ है, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ,
तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है
प्यारी प्यारी है, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ

DevRaj80
15-01-2015, 08:03 PM
वो माँ का कर्ज चुकाऊ कैसे,वो माँ की ममता लौटाऊ कैसे
वो स्नेह बर्पाऊ कैसे,वो माँ का दुलार जताऊ कैसे
वो माँ का कर्ज चुकाऊ कैसे,वो माँ की ममता लौटाऊ कैसे
वो लोरी सुनाऊ कैसे,वो खिलौना लौटाऊ कैसे
वो माँ का प्यार बर्पाऊ कैसे,वो माँ की ममता लौटाऊ कैसे
वो चलना सिखाओ कैसे,वो बोली लौटाऊ कैसे
वो माँ का कर्ज चुकाऊ कैसे,वो माँ का दिल बहलाऊ कैसे
वो गोद में सुलाना,आंचल में छिपाना
वो काजल लगाना,बुरी नजरो से बचाना
वो सिने से लगाना और खून पिलाना
वो माँ का कर्ज चुकाऊ कैसे,वो माँ की ममता लौटाऊ कैसे
वो चिंता जताऊ कैसे,वो फिक्र बताऊ कैसे
वो आंसू लौटाऊ कैसे,वो दर्द मिटाऊ कैसे
वो बीते दिन लौटाऊ कैसे
वो माँ का क़र्ज़ चुकाऊ कैसे,वो माँ की ममता लौटाऊ कैसे
(माँ को समर्पित)

DevRaj80
15-01-2015, 08:04 PM
माँ की ममता


जीवन दायिनी ,परम पूजनीय
प्रथम गुरु और प्रेम की सदा बरसाने वाली ,
छमाशील, ममतामयी ,
हर दुःख से हमें बचाने वाली ,
उस देवी का सम्मान करो तेरा हर दुःख मिट जायेगा .
माँ का वंदन कर प्यारे ,तेरा जीवन सफल हो जायेगा

जिसने अपना दूध पिलाया
ममता की छाव दिया तुझको
उसकी ममता का है प्रताप ,
काबिल इन्सान बनाया तुझको
उसके दिल को जो दर्द दिया,खुश तू भी न रहने पायेगा ,
माँ का वंदन कर प्यारे ,तेरा जीवन सफल हो जायेगा

हर दर्द सहा तेरे कारण ,
हर दुःख से तेरे दुखी हुई
तेरी हर चाहत पूरी की,
तू खुश तो उसको ख़ुशी हुई
माँ की ममता का मोल नहीं, ना कर्ज चुकाने पायेगा
माँ का वंदन कर प्यारे ,तेरा जीवन सफल हो जायेगा

DevRaj80
15-01-2015, 08:04 PM
"माँ" के "आँचल" में सोने का सुख भावी पीढ़ी कैसे ले पायेंगी!!!
क्योंकि जीन्स पहनने वाली "माँ" आँचल कहाँ से लायेंगी!!!

DevRaj80
15-01-2015, 08:05 PM
वो तुम ही थी जिसने मुझे राहों पे चलना सिखाया,
जिंदगी की मुश्किलों से डटकर के लड़ना सिखाया,

अन्याय के विरुद्ध खुलकर कुछ कहना सिखाया,
अवसाद के पहर को हंसकर के सहना सिखाया,

फलों के पेड़ों की भाति निस्वार्थता से फलना सिखाया,
दीपक की लौ की भाति औरों के लिए जलना सिखाया,

आदर्श का द्रढ़ता से पालन कर ना रहना सिखाया,
सच्चे प्रेम की धारा में डूब कर के बहना सिखाया,

वो तुम ही थी जिसने मुझे राहों पे चलना सिखाया,
प्यारी माँ, हृदय, तन के रोम-रोम से तुझे सलाम।

DevRaj80
15-01-2015, 08:05 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=33510&stc=1&d=1421338055

DevRaj80
15-01-2015, 08:11 PM
एक सैनिक की चिट्टी आई आज उसके गाँव में,
जैसे धुप उजाला लेके पहुँच गई वो छांव में!
माँ ने दौड़ के ले ली चिट्टी,
जब की नहीं थी पढ़ीलिखी,
बोली कोई पढ़ के सुनाओ बेटा तो नहीं है दुखी,
बचपन में जब पड़ता था जरा से गिले बिस्तर में,
माँ गिले में सो जाती थी उस बच्चे के चक्कर में!
जाने कितनी ठंडक होगी उस बर्फीली घाटी में,
जाने कैसे सोता होगा लाल मेरा वो माटी में!
इतनी जल्दी चला गया वो दे न सकी कुछ भी उसको,
बस खडी देखती रही एकटक उसको,
तेरा कुशलता जान में लेती,
मन दिल को समझता है
जब तेरे हिस्से का खाना रोज़ रोज़ बच जाता है
सारा गाँव हाल युद्घ का जब हमको बतलाता है,
तेरी बढ़ाई सुन सुन के सीना चौडा हो जाता है
पढ़ने को जब चिट्टी खोली,
गम का कोई तूफान चला
ऐसी खबर लिखी थी उसमे
उसको पड़ता कौन भला,
सब के चहरे धुँआ धुँआ थे
जैसे दिल हो कोई जला!
तभी अचानक एक पडौसन ने उसको बतलाया,
चीख उठी वो ममता पागल हाल ने था उसको बहकाया,
कुछ नहीं समझ पाई वो बहन बहुत छोटी थी
राखी उसने खुद ही बनाई और बक्से में छिपा दिया,
बोली जब पहना दूंगी कितने खुश होंगे भैया,
उसकी ये सारी बाते उसकी गुडिया से ही होती थी!
उसे देख वो बूढी माँ फूट फूट के रोटी थी,
सोचती थी कैसे कह दूं तेरे सपने कभी नहीं सँवर पाएंगे
अब तुझसे राखी बंधवाने, तेरे भैया कभी नहीं आयेंगे
तेरे भैया कभी नहीं आयेंगे !
तेरे भैया कभी नहीं आयेंगे !!!

DevRaj80
15-01-2015, 08:11 PM
बेटियाँ चकरी-सी होती हैं
जो घूमती हैं अपनी ही परिधि में
चक्र-दर-चक्र चलती हैं अनवरत
बिना ग्रीस और तेल की चिकनाई लिए
मकड़जाले-सा बना लेती हैं
अपने इर्द-गिर्द एक घेरा
जिसमें फँस जाती हैं वे स्वयं ही।
बेटियाँ शीरीं-सी होती हैं
मीठी और चाशनी-सी रसदार
बेटियाँ गूँध दी जाती हैं आटे-सी
बन जाने को गोल-गोल संबंधों की रोटियाँ
देने एक बीज को जन्म।
बेटियाँ दीये की लौ-सी होती हैं सुर्ख लाल
जो बुझ जाने पर, दे जाती हैं चारों ओर
स्याह अंधेरा और एक मौन आवाज़।
बेटियाँ मौसम की पर्यायवाची हैं
कभी सावन तो कभी भादो हो जाती हैं
कभी पतझड़-सी बेजान
और ठूँठ-सी शुष्क !

DevRaj80
15-01-2015, 08:13 PM
माँ मेरी बहुत प्यारी है
माँ मेरी बहुत प्यारी है
मुझे डांटती है, मुझे मारती है
फिर मुझे खींच के
सीने से लिपटा लेती है
माँ मेरी बहुत प्यारी है

चौका बासन भी करती है
घर का सारा काम वो करती है
ग़म मेरे होते हैं, और उठा वो लेती है
माँ मेरी बहुत प्यारी है

देर रात मैं खाने को कुछ कह दूं
मेरे ऊपर चिल्लाती रहती है
मगर ख्वाहिश फिर भी पूरा करती है
माँ मेरी बहुत प्यारी है

चलो आज बैठक धो दूं
चलो आज आँगन धो दूं
कुछ नहीं, तो कोई काम निकाला करती है
माँ मेरी बहुत प्यारी है

जब भी घर से आऊँ
बस यही कहा करती है
बेटा घर खाली हो गया
अब कब आओगे
माँ मेरी बहुत प्यारी है

उसकी उँगलियों में न जाने कौन सा जादू है
हाथ मेरे सर पे रखती है
और खुद अपनी आँखों को भिगो देती है
माँ मेरी बहुत प्यारी है.

DevRaj80
15-01-2015, 08:13 PM
माँ की मेहरबानियो का क्या हिसाब दू


दिल करता है कोई महताब दू

ऐ मेरे मालिक उस वक़्त तू छीन लेना तू मेरी जुबान

जिस वक़्त में अपनी माँ को उल्टा जवाब दू .

DevRaj80
15-01-2015, 08:14 PM
शादी की पहली रात को नवविवाहित जोड़े ने तय किया की वो सुबह कोई भी बिना कारण दरवाजा खटखटाएगा तो वो दरवाजा नहीं खोलेंगे.

सुबह पति के माँ ने दरवाजा खटखटाया.

दोनों ने एक दूसरे को देखा.और रात में जैसा तय किया था उस अनुसार उन्होंने दरवाज़ा नहीं खोला.

थोड़ी देर बाद पत्नी के पिता ने दरवाजा खटखटाया.


दोनों ने फिर एक दूसरे की और देखा.

पत्नी के आँखों से आंसू बहने लगे और उसने रोना शुरू कर दिया.

बोली "मैं अपने पिता

को ऐसे ही दरवाज़ा खटखटाते नहीं छोड़ सकती, मैं पहले ही उन्हें हमेशा के लिए छोड़कर आयी हूँ, उन्हें कितना दुःख होगा अगर मैंने दरवाज़ा नहीं खोला तो."

पति ने कुछ नहीं कहा, पत्नी ने दरवाजा खोल दिया.

कई साल बीत गए,

इस युगल के 5 बच्चे हुए, जिनमे से पहले 4 लड़के थे और आख़िरी लड़की.

जब लड़की ने जन्म लिया तो उस व्यक्ति को बहुत खुशी हुई, उसे ऐसा लगा जैसे उसे भगवान ने ज़िंदगी का सबसे बड़ा उपहार दिया है.

उसने काफी बड़ा जश्न मनाया, और कई लोगो को बुलाया.

जश्न के दौरान उससे एक व्यक्ति ने पूछा की क्यों वह बेटी होने के खुशी में इतना जश्न मना रहा है, जबकी किसी भी बेटे के जन्म पर उसने जश्न नहीं मनाया.

उसने जवाब दिया : "ये बेटी ही है जो हमेशा मेरे लिए दरवाजा खोलेगी, बेटों का क्या भरोसा!"


इस कहानी को खुद वास्तविकता में परखिये, बेटे माता-पिता को नज़रंदाज़ कर सकते हैं, किन्तु बेटी नहीं !

DevRaj80
15-01-2015, 08:14 PM
एक 8 साल के एक लडके की माँ मर जाती है..!
एक दिन एक आदमी ने उस लडके से पुछा कि,
बेटा, तुझे अपनी नई माँ और अपनी मरी हुई माँ मेँ
क्या फर्क लगा..?

तो वह लडका बोला : मेरी नई माँ सच्ची है और
मरी हुई माँ झुठी थी..!!

यह सुनकर वह आदमी अचरज मेँ पड गया,
फिर बोला : क्यु बेटा तुझे ऐसा लगता है..?
जिसने तुझे अपनी कोख से जन्म दिया वह
झुठी और कल तक आई हुई माँ सच्ची क्यु
लगती है..?

तो लडका बोला : जब मैँ मस्ती करता था तब
मेरी माँ कहती थी कि "अगर तु इस
तरह करेगा तो तुझे खाना नही दुगीँ" फिर भी मैँ
बहुत मस्ती करता रहता था.
और मुझे पुरे गाँव मेँ से ढुढँ कर घर लाती और
अपने पास बिठाकर अपने
हाथो से खाना खिलाती थी..!!

और यह नई माँ कहती है कि "अगर तु
मस्ती करेगा तो तुझे खाना नही दुँगी.... और सच मेँ उसने
मुझे आज तीन दिन से खाना नही दिया ..

DevRaj80
15-01-2015, 08:16 PM
दबी सिकुड़ी .... तेरे डिब्बे की वो दो रोटियाँ .... कहीं बिकती नहीं ....

माँ महंगे होटलों में आज भी .... भूख मिटती नहीं ....


घेर लेने को मुझे , जब भी बलाएं आ गई !

ढाल बनकर सामने , माँ की दुआएँ आ गई !!

DevRaj80
15-01-2015, 08:16 PM
प्यारी बेटी
क्या करुं,,
तुझे कहाँ छिपाऊं
तू जन्मी तो
सृष्टि सुंदर लगी
पर संसार की कुरुपता
तुझे कैसे दिखाऊं,,
कैसे बचाऊं तुझे
स्त्री जीवन के
घोषित अभिशाप से,,
कैसे मुक्त करुं
स्वयं को इस संताप से,,
चल चलें हम दोनों
दूर इस संसार से
मुक्त हो जायें
इस अभिशापित
जीवन के भार से,,
संभालने दो उन्ही को
दायित्व-सृष्टि सृजन
जो बने हैं हमारे अस्तित्व,
अस्मिता के दुश्मन,,
प्यारी बेटी
क्या करुं
बहुत दुःखी है
तुम्हारी माँ का मन,,

DevRaj80
15-01-2015, 08:17 PM
​माँ
बेसन कि सोँधी रोटी पर
खट्टी चटनी-जैसी माँ
याद आती है चौका-बासन
चिमटा, फुकनी-जैसी माँ


बान की खुर्री खाट के उपर
हर आहट पे कान धरे
आधी सोयी आधी जागी
थकी दोपहरी- जैसी माँ


चिड़ियोँ कि चहकार मे गूँजेँ
राधा-मोहन, अली-अली
मुर्गे कि आवाज से खुलती
घर की कुण्डी जैसी-माँ


बीबी, बेटी, बहन, पड़ोसन
थोड़ी-थोड़ी-सी सब मेँ
दिन भर इक रस्सी के उपर
चलती नटनी-जैसी माँ




बाँट के अपना चेहरा, माथा
आँखेँ जाने कहाँ गयी
फटे पुराने इक अलबम मेँ
चंचल लड़की जैसी-माँ


निदा फाज़ली

DevRaj80
15-01-2015, 08:17 PM
बीमार माँ सारी रात बिस्तर पर पड़ी दर्द से कराहती रही,
उसकी दर्द भरी आवाज बेटे को खलल नजर आती रही ,,
आधी रात में महबूबा की क्या सुन ली उसने फोन पर एक छींक ,,
उस बेशर्म को वो भयंकर बीमार नजर आती रही ,,'नीलम '
(जानू तुम अपना बिलकुल ख्याल नहीं रखती,,अभी आता हूँ,,दवाई दिलवाता हूँ)

DevRaj80
15-01-2015, 08:19 PM
डांटती मारती, फिरसे बुला लेती है ।

माँ तो बस माँ है,सीने से लगा लेती है ।।

DevRaj80
15-01-2015, 08:21 PM
एक लड़की अपनी माँ के पास अपनी परेशानियों का बखान कर रही थी l

वो परीक्षl में फेल हो गई थी l
सहेली से झगड़ा हो गया l
मनपसंद ड्रेस प्रैस कर रही थी वो जल गई l

रोते हुए बोली, मम्मी ,देखो ना , मेरी जिन्दगी के साथ सब कुछ उलटा -पुल्टा हो रहा है l

माँ ने मुस्कराते हुए कहा, यह उदासी और रोना छोड़ो, चलो मेरे साथ रसोई में ,
"तुम्हारा मनपसंद केक बनाकर खिलाती हूँ"l

लड़की का रोना बंद हो गया और हंसते हुये बोली,"केक तो मेरी मनपसंद मिठाई है"l

कितनी देर में बनेगा, कन्या ने चहकते हुए पूछा l

माँ ने सबसे पहले मैदे का डिब्बा उठाया और प्यार से कहा, ले पहले मैदा खा ले l

लड़की मुंह बनाते हुए बोली, इसे कोई खाता है भला l

माँ ने फिर मुस्कराते हुये कहा,"तो ले सौ ग्राम चीनी ही खा ले"l

एसेंस और मिल्कमेड का डिब्बा दिखाया और कहा लो इसका भी स्वाद चख लो

"माँ"आज तुम्हें क्या हो गया है? जो मुझे इस तरह की चीजें खाने को दे रही हो ?

माँ ने बड़े प्यार और शांति से जवाब दिया,"बेटा"केक इन सभी बेस्वादी चीजों से ही बनता है और ये सभी मिलकर ही तो केक को स्वादिष्ट बनाती हैं .

मैं तुम्हें सिखाना चाह रही थी कि"जिंदगी का केक"भी इसी प्रकार की बेस्वाद घटनाओं को मिलाकर बनाया जाता है l

फेल हो गई हो तो इसे चुनौती समझो मेहनत करके पास हो जाओ l

सहेली से झगड़ा हो गया है तो अपना व्यवहार इतना मीठा बनाओ कि फिर कभी किसी से झगड़ा न हो l

यदि मानसिक तनाव के कारण"ड्रेस"जल गई तो आगे से सदा ध्यान रखो कि
मन की स्थिति हर परिस्थिति में अच्छी हो l

बिगड़े मन से काम भी तो बिगड़ेंगे l

कार्यों को कुशलता से करने के लिए मन के चिंतन को कुशल बनाना अनिवार्य है l

DevRaj80
15-01-2015, 08:25 PM
"संतान" -

मैं तकरीबन २० साल के बाद विदेश से अपने शहर लौटा था ! बाज़ार में घुमते हुए सहसा मेरी नज़रें सब्जी का ठेला लगाये एक बूढे पर जा टिकीं, बहुत कोशिश के बावजूद भी मैं उसको पहचान नहीं पा रहा था ! लेकिन न जाने बार बार ऐसा क्यों लग रहा था की मैं उसे बड़ी अच्छी तरह से जनता हूँ ! मेरी उत्सुकता उस बूढ़ेसे भी छुपी न रही , उसके चेहरे पर आई अचानक मुस्कान से मैं समझ गया था कि उसने मुझे पहचान लिया था !

काफी देर की जेहनी कशमकश के बाद जब मैंने उसे पहचाना तो मेरे पाँव के नीचे से मानो ज़मीन खिसक गई ! जब मैं विदेश गया था तो इसकी एक बहुत बड़ी आटा मिल हुआ करती थी नौकर चाकर आगे पीछे घूमा करते थे ! धर्म कर्म, दान पुण्य में सब से अग्रणी इस दानवीर पुरुष को मैं ताऊजी कह कर बुलाया करता था !

वही आटा मिल का मालिक और आज सब्जी का ठेला लगाने पर मजबूर? मुझ से रहा नहीं गया और मैं उसके पास जा पहुँचा और बहुत मुश्किल से रुंधे गले से पूछा :

"ताऊ जी, ये सब कैसे हो गया ?"

भरी ऑंखें लिए मेरे कंधे पर हाथ रख उसने उत्तर दिया:

"बच्चे बड़े हो गए हैं बेटा !"

DevRaj80
15-01-2015, 08:26 PM
धुप में मत घुमो लू लग जाएगी,

स्वेटर पहनो सर्दी लग जाएगी, भीग गये,

कपड़े बदलो

माँ... की इन बातो पर तब गुस्सा आता था,

आज अहसास होता है किसी को मतलब था हमारे सुख-दुःख से |

DevRaj80
15-01-2015, 08:28 PM
मैँ रोया परदेस मेँ,भीगा माँ का प्यार।
दुख ने दुख से बात की, बिन चिट्ठी बिन तार॥

saru4d
16-01-2015, 03:23 AM
बीमार माँ सारी रात बिस्तर पर पड़ी दर्द से कराहती रही,
उसकी दर्द भरी आवाज बेटे को खलल नजर आती रही ,,
आधी रात में महबूबा की क्या सुन ली उसने फोन पर एक छींक ,,
उस बेशर्म को वो भयंकर बीमार नजर आती रही ,,'नीलम '
(जानू तुम अपना बिलकुल ख्याल नहीं रखती,,अभी आता हूँ,,दवाई दिलवाता हूँ)

Thanks for sharing this truthfulness

DevRaj80
16-01-2015, 06:31 PM
thanks for sharing this truthfulness

बहुत बहुत धन्यवाद ...सरू जी

kuki
17-01-2015, 06:39 PM
एक लड़का था ,वो अपनी माँ से बहुत प्यार करता था। माँ का कहना मानता था उनकी इज़्ज़त करता था। अपनी माँ का लाडला था ,बीमार होता था तो उसकी माँ पूरी रात जाग कर उसका ध्यान रखती थी ,उसकी हर इच्छा पूरी करने की कोशिश करती थी। लड़का बड़ा हुआ तो उसे एक लड़की से प्यार हो गया वो उस लड़की को मानाने की कोशिशें करने लगा। एक दिन लड़की ने कहा कहा की तुम साबित करो की तुम सबसे ज़्यादा मुझे प्यार करते हो। लड़के ने कहा बताओ मुझे क्या करना होगा ?लड़की ने कहा की तुम सबसे ज़्यादा अपनी माँ को प्यार करते हो ,तुम्हे मेरे लिए उनका दिल निकाल कर लाना होगा। लड़का घर गया और अपनी माँ को मार कर उनका दिल निकाल लाया ,और उस लड़की के पास लेकर जाने लगा,रास्ते में एक पत्थर पड़ा हुआ था लड़का ठोकर खा कर गिर गया ,जैसे ही लड़का गिरा उसकी माँ के दिल से आवाज़ आई ,"बेटा सम्भल कर ,तुझे चोट तो नहीं आई न ?माँ ऐसी ही होती हैं ,बच्चे चाहे जितनी तकलीफ दें,लेकिन माँ बच्चे को तकलीफ में नहीं देख सकती।

DevRaj80
17-01-2015, 08:08 PM
एक लड़का था ,वो अपनी माँ से बहुत प्यार करता था। माँ का कहना मानता था उनकी इज़्ज़त करता था। अपनी माँ का लाडला था ,बीमार होता था तो उसकी माँ पूरी रात जाग कर उसका ध्यान रखती थी ,उसकी हर इच्छा पूरी करने की कोशिश करती थी। लड़का बड़ा हुआ तो उसे एक लड़की से प्यार हो गया वो उस लड़की को मानाने की कोशिशें करने लगा। एक दिन लड़की ने कहा कहा की तुम साबित करो की तुम सबसे ज़्यादा मुझे प्यार करते हो। लड़के ने कहा बताओ मुझे क्या करना होगा ?लड़की ने कहा की तुम सबसे ज़्यादा अपनी माँ को प्यार करते हो ,तुम्हे मेरे लिए उनका दिल निकाल कर लाना होगा। लड़का घर गया और अपनी माँ को मार कर उनका दिल निकाल लाया ,और उस लड़की के पास लेकर जाने लगा,रास्ते में एक पत्थर पड़ा हुआ था लड़का ठोकर खा कर गिर गया ,जैसे ही लड़का गिरा उसकी माँ के दिल से आवाज़ आई ,"बेटा सम्भल कर ,तुझे चोट तो नहीं आई न ?माँ ऐसी ही होती हैं ,बच्चे चाहे जितनी तकलीफ दें,लेकिन माँ बच्चे को तकलीफ में नहीं देख सकती।


:bravo::bravo::bravo::bravo::bravo:

बहुत दिल को छु लेने वाली बात है कुकी जी

kuki
18-01-2015, 01:37 PM
धन्यवाद ,देवराजजी।

kuki
18-01-2015, 01:42 PM
nice work kuki ji

बहुत धन्यवाद ,नन्दकुमारजी।

rajnish manga
20-01-2015, 04:39 PM
बीमार माँ सारी रात बिस्तर पर पड़ी दर्द से कराहती रही,
उसकी दर्द भरी आवाज बेटे को खलल नजर आती रही ,,
आधी रात में महबूबा की क्या सुन ली उसने फोन पर एक छींक ,,
उस बेशर्म को वो भयंकर बीमार नजर आती रही ,,'नीलम '
(जानू तुम अपना बिलकुल ख्याल नहीं रखती,,अभी आता हूँ,,दवाई दिलवाता हूँ)


..... लड़का घर गया और अपनी माँ को मार कर उनका दिल निकाल लाया ,और उस लड़की के पास लेकर जाने लगा,रास्ते में एक पत्थर पड़ा हुआ था लड़का ठोकर खा कर गिर गया ,जैसे ही लड़का गिरा उसकी माँ के दिल से आवाज़ आई ,"बेटा सम्भल कर ,तुझे चोट तो नहीं आई न ?माँ ऐसी ही होती हैं ,बच्चे चाहे जितनी तकलीफ दें,लेकिन माँ बच्चे को तकलीफ में नहीं देख सकती।

दोनों प्रसंग अपनी अपनी जगह पाठक को प्रभावित करते हैं. देवराज जी व कुकी जी को बहुत बहुत धन्यवाद.

rajnish manga
05-04-2015, 12:35 AM
एक माँ ने बेटी को मगरमच्छ के जबड़े से निकाला




https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcQ016uH4M4tV_B-fRZr2JX7N-Pvan8N-CvRHPC0eFm2UrPnofQsbg

गुजरात के पडरा नामक कस्बे के नजदीक एक गांव में अपनी बेटी की जान बचाने के लिए एक महिला ने अपनी नारी शक्ति को आज लोगो के सामनें दिखा दिया है थिकरियामुबारक गांव में एक बड़े मगरमच्छ ने महिला की 19 वर्षीय बेटी को अपने जबड़े में फंसा लिया था। यह 4 अप्रेल, 2015 की घटना है।

बेटी के चीख पुकार की आवाज सुन उसकी मां उसे बचाने के लिए उस ओर भागी। लेकिन मगरमच्छ ने बेटी का पेर तो जबड़े में फंसा लिया था लेकिन मां ने बेटी का हाथ जोर से पकड लिया और दूसरे हाथ में कपड़े धोने के डंडे से मगरमच्छ के मुंह पर मारा। 10 मिनट तक चले इस हमलें में मां की हिम्मत ने बेटी की जान बचाकर खुद को एक शक्तिशाली नारी का रूप साबित कर दिया और मगरमच्छ कांता को छोडकऱ वह वहां से भाग गया।

rajnish manga
05-04-2015, 12:38 AM
मां ने बेटी को तुरन्त हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती करवाया जंहा डॉक्टरों के अनुसार उसकी हालत सामान्य बताई गई है। यह पहली बार नहीं जब किसी ग्रामीण पर मगरमच्छ ने हमला किया हो, इससे पहले 25 मार्च को भी पाडरा के मेढ़ाद गांव में एक व्यक्ति को मगरमच्छ ने अपने मुंह में निगल लिया था। जिसकी उम्र करीब 40 वर्ष थी।

यह घटना कल सुबह करीब 9.30 बजे की बताई गई है जब कांता वांकर विश्वामित्र नदी के किनारे कपड़े धोनेंं गई थी। तभी अचानक एक मगरमच्छ उसके पैर को जबड़े में फंसा कर नदी में खींचने लगा। डर के मारे कांता जोर-जोर से चिल्लाई। पास में ही खड़ी कांता की मां दिवाली ने चीख सुनी तो वह उस भागी और बेटी का हाथ पकड़ लिया।

वन विभाग की स्पेशल टीम के अनुसार अधिकारियों को जब इस घटना की जानकारी प्राप्त होते ही वह मौके पर पहुंची और अधिकारियों के अनुसार बताया गया है कि पिछली जांच में नदी में 350 मगरमच्छ पाए गए थे। इसके बाद इन गांव वालों को नदी के नजदीक जाने के लिए मना किया गया था लेकिन गांव वालें हमारी बात सुनते ही नहीं है।

soni pushpa
05-04-2015, 11:01 AM
माँ तो माँ होती है, माँ जैसा कोई नहीं , इस घटना ने इस बात को एकबार और साबित कर दिया . धन्यवाद रजनीश जी

angelnx
09-04-2015, 04:38 PM
कहते है की हर किसी के साथ ईश्वर नही आ सकता था
तो उसने सबके लिए 'माँ' को बना दिया.....!!!


हमारी हर गलती को माफ़ कर देती है
हर मुस्किल में हमारा साथ देती है
सवाल मुझसे करे कोई जवाब वो देती है
हम हमेशा बच्चे है उसकी नज़र में
माँ तो सिर्फ 'माँ' होती है.....!!

हमें प्यार देती है
दुलार देती है
अपने त्याग और संघर्ष से
हमारा जीवन संवार देती है
हमारे सपनो को पूरा करने के लिए
अपनी सारी उम्र गुजार देती है
माँ तो सिर्फ 'माँ' होती है...!!!

Deep_
09-04-2015, 06:14 PM
:hello: शेयर करने के लिए धन्यवाद!