PDA

View Full Version : पितर देव और देवियों को नमन और उन्हें समर्प


soni pushpa
20-01-2015, 03:31 PM
कौन है पितर देवी और देवता ??
आपके मन में यदि प्रश्न उठ रहा है तो हम आपको बताते है की पितृ देवी और देवता कौन है और उनका स्थान हम्हारे घर में क्या होना चाहिए
पितृ देवी और देवता हम्हारे पूर्वजो की पूजनीय आत्माए होती है जो हम्हारे घर और घर के सदस्यों के इर्द गिर्द ही रहती है . यह पितृ लोक में निवास करते है और साथ ही साथ अपना ध्यान हम्हारे घर पर भी रखते है ...
भगवन श्री कृष्णा ने पितृ सेवा को भगवन श्री विष्णु की सेवा तुल्य बताया है
हम्हारे पितृ सिर्फ और सिर्फ घर के बड़ो की तरह सम्मान की लालसा रखते है .
छोटे बड़े कामो में हम्हे पितृ देवी देवताओ को यद् रखना चाहिए और उनके आशीष से सरे कार्य मंगलकारी होते है
सामान्य धारणा यह है कि जिनकी मृत्यु हो जाती है वह पितर बन जाते हैं। लेकिन गरूड़ पुराण से यह जानकारी मिलती है कि मृत्यु के पश्चात मृतक व्यक्ति की आत्मा प्रेत रूप में यमलोक की यात्रा शुरू करती है। सफर के दौरान संतानद्वारा प्रदान किये गये पिण्डों से प्रेत आत्मा को बल मिलता है। यमलोक में पहुंचने पर प्रेत आत्मा को अपने कर्म के अनुसार प्रेत योनी में ही रहना पड़ता है अथवा अन्य योनी प्राप्त होती है।
कुछ व्यक्ति अपने कर्मों से पुण्य अर्जित करके देव लोक एवं पितृ लोक में स्थान प्राप्त करते हैं यहां अपने योग्य शरीर मिलने तक ऐसी आत्माएं निवास करती हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि चन्द्रमा के ऊपर एक अन्य लोक है जो पितर लोक कहलाता है। शास्त्रों में पितरों को देवताओं के समान पूजनीय बताया गया है। पितरों के दो रूप बताये गये हैं देव पितर और मनुष्य पितर। देव पितर का काम न्याय करना है। यह मनुष्य एवं अन्य जीवों के कर्मो के अनुसार उनका न्याय करते हैं।
गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि वह पितरों में अर्यमा नामक पितर हैं। यह कह कर श्री कृष्ण यह स्पष्ट करते हैं कि पितर भी वही हैं पितरों की पूजा करने से भगवान विष्णु की ही पूजा होती है। विष्णु पुराण के अनुसार सृष्टि की रचना के समय ब्रह्मा जी के पृष्ठ भाग यानी पीठ से पितर उत्पन्न हुए। पितरों के उत्पन्न होने के बाद ब्रह्मा जी ने उस शरीर को त्याग दिया जिससे पितर उत्पन्न हुए थे।
पितर को जन्म देने वाला शरीर संध्या बन गया, इसलिए पितर संध्या के समय शक्तिशाली होते हैं।
जय जय पितृ देवी देवता .............आपको कोटि कोटि वंदन
दोस्तों ये पोस्ट मैंने इंटरनेट के माध्यम से कही अभी अभी पढ़ा और अच्छा लगा सो आप सबके साथ शेयर किया है ..