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View Full Version : सत्य क्या है?


Deep_
12-02-2015, 02:27 PM
सत्य क्या है?
https://literaryyard.files.wordpress.com/2013/07/thinking-man.jpg

धर्म, रिवाज, सोचों से परे अगर सोचा जाए...तो सत्य क्या है? हम हंमेशा सत्य को क्युं खोजते रहेते है? हमारे पास ईतने सारे विकल्प उपलब्ध है, फिर भी किसी एक को सत्य मान कर हम बैठ क्युं नहीं जाते? अगर सत्य एक ही है तो सबको अलग अलग क्युं दिखता रहेता है? सभी लोगों के सत्य अलग अलस सत्य है?

Deep_
12-02-2015, 02:29 PM
समय सत्य है?
http://en.docsity.com/wordpress/wp-content/uploads/sites/2/2014/01/EternalClock.jpg

मै समय के बारे में सोचता हुं । समय बहेता रहेता है। लेकिन उसका कोई अपना महत्व नही लगता। वह घटना और मनुष्यों के उपर है की वह कितने समय में क्या होता है। अन्यथा समय का अपना मुल्य क्या है?

Deep_
12-02-2015, 02:34 PM
कुदरत सत्य है?

http://static.topyaps.com/wp-content/uploads/2013/11/Sunset-in-Wayanad.jpg

हम सभी कहीं न कहीं धुमने ज़रुर जाते है। उस वक्त जो हमारे मन को हर लेता है वह कुदरत ही है। मै उन उंचे पहाड, दरिया और सरिता की बात कर रहा हुं जो युगो से साश्वत बने हुए है। जहां जा कर मन को परम शांति का एहसास होता है। मुझे कभी कभी दुर बादलों मे डुबते सुरज को देख कर लगता है की यह शायद सत्य हो।

Deep_
12-02-2015, 02:35 PM
शुन्य सत्य है?
http://theanthill.org/sites/default/files/blackout.jpg
लेकिन विज्ञान क्या कहेता है? सुरज, दुनिया...सब कुछ ठंडा हो रहा है। जीवन का समयकाल मृत्यु के तरफ ही दौड़ता रहेता है...मानो दिया जलने से पहेले और बुझने के बाद सिर्फ अंधेरा ही होता है । क्या यह अंधकार, मृत्यु, शुन्य ही सत्य है?

Deep_
12-02-2015, 02:35 PM
ईश्वर सत्य है?
http://www.siliconafrica.com/wp-content/themes/directorypress/thumbs//God-epiphany.png

सेंकडो दिमाग और सेंकडो अलग अलग सोच! कुछ बहुत तर्कपूर्ण कुछ एकदक कट्टर । कुछ ईश्वर के लिए कुछ ईश्वर से विरुद्ध । अभी भी ईश्वर किसे माना जाए उसी पर लडाई चल रही है। सब अपने अपने झंडे ले कर खडे हुए है । अगर ईश्वर सत्य है तो उसे अब तक साबित हो जाना चाहीए था । लेकिन एसा न हुआ ।

Deep_
12-02-2015, 02:36 PM
सत्य शाश्वत है?
http://www.togetherforadoption.org/wp-content/media/Cover-Photo-Sun-Earth.jpg
सुरज और पृथ्वी भी बनी उससे पहेले कुछ नहीं था । क्या सत्य उस वक्त था? यह ब्रह्मांड भी हंमेशा नहीं रहेगा। क्या सत्य उसके बाद भी कहीं मौजुद रह पाएगा?

Deep_
21-03-2015, 11:51 PM
सत्य भ्रम है?
http://www.mobile-pedia.com/images/thumbnails/illusion_Spinning.png
मुझे आज यूं ही लगा की हो सकता है सत्य केवल भ्रम हो। हम सभी किसी न किसी धुन में होतें है। कोई पढाई लिखाई में व्यस्त है, कोइ काम-धंधे में उलझा हुआ है, किसी को घुमने-फिरने से ही फुर्सत नहीं।
किसी को पैसा चाहिए...जरुरत के लिए या फिझुल खर्ची के लिए।
किसी को नाम (फेम) चाहिए...पहचान बनाने के लिये, लोकप्रिय होने के लिए।
किसी को ज्ञान चाहिए...आगे बढने के लिए, भविष्य उज्जवल बनाने के लिए। .....

विद्यार्थी के लिए पढाई ही सत्य है। फिर उसके दोस्त बन जाते है उसे किशोराव्स्था ही सत्य लगती होगी। जब वह पढ ले यह सत्य बदल कर नौकरी हो जाता है। नौकरी मिलने के बाद उसका सत्य परिवार बन जाता है। परिवार के बाद नाम,दौलत ईत्यादि कमाना उसका सत्य बन जाता है।

एक समय एसा आता है जब समाजसेवा उसको सत्य लगता है, फिर उसे ईश्वर सत्य लगता है। फिर आखिर में उसे मृत्यु सत्य लगता होगा।

तात्पर्य यह है की सत्य के कोई माईने, मापदंड कहां होते है? वह तो समय समय, व्यक्ति व्यक्ति, स्थिति-परिस्थिति बदलता रहता है! हम जिसे सत्य समझते है वह एक भ्रम तो नहीं?

rajnish manga
27-03-2015, 10:19 PM
..... तात्पर्य यह है की सत्य के कोई माईने, मापदंड कहां होते है? वह तो समय समय, व्यक्ति व्यक्ति, स्थिति-परिस्थिति बदलता रहता है! हम जिसे सत्य समझते है वह एक भ्रम तो नहीं?

आपने बिलकुल ठीक कहा, मित्र दीप जी. न मनुष्य किसी exact science का निरूपण करता है और न ही सत्य. मनुष्य भी समय और परिस्थिति के अनुसार परिवर्तनशील है तथा इसी प्रकार उसका सत्य भी किसी पत्थर की तरह कठोर, असंवेदी या अल्पसंवेदी नहीं रहता. एक अच्छी चर्चा के लिए धन्यवाद, दीप जी.