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View Full Version : 'निर्भया' के एक दोषी मुकेश ने लड़की को ही ठहर&


dipu
02-03-2015, 06:19 PM
पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाले 'निर्भया कांड' के एक बलात्कारी पर अभी भी इसका कोई असर नहीं है। रेपिस्ट मुकेश सिंह ने इस बर्बर कांड के लिए लड़की को ही जिम्मेदार ठहराया है।

जेल में बंद मुकेश सिंह के मुताबिक रात में बाहर जाने वाली महिलाओं को अगर पुरुष छेड़ते हैं, तो इसके लिए महिलाएं खुद जिम्मेदार हैं। बीबीसी डॉक्युमेंट्री के लिए इंटरव्यू में मुकेश ने कहा, 'बलात्कार के लिए लड़के से ज्यादा लड़की जिम्मेदार होती है।'

मुकेश ने यह भी कहा कि अगर लड़की और उसके दोस्त ने इतना विरोध न किया होता, तो वे उन्हें इतनी बुरी तरह से न मारते। लड़की की मौत को एक दुर्घटना बताते हुए मुकेश ने कहा, 'रेप के वक्त उसे विरोध नहीं करना चाहिए था। उसे चुप रहना चाहिए था और बलात्कार होने देना चाहिए था, तब रेप के बाद उसे छोड़ दिया जाता और केवल लड़के को मारा जाता।'

मुकेश ने कहा, 'ताली एक हाथ से नहीं बजती, दोनों हाथों की जरूरत होती है। एक अच्छी लड़की 9 बजे रात को बाहर नहीं घूमती। रेप के लिए एक लड़के से ज्यादा जिम्मेदार एक लड़की है। लड़के और लड़कियां बराबर नहीं होते। घर संभालना और घर के काम लड़कियों के लिए हैं, न कि गलत कपड़े पहनकर रात में डिस्को और बार में जाकर गलत काम करना। करीब 20 फीसदी लड़कियां अच्छी होती हैं।'

फांसी की सजा पाए मुकेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की हुई है। मुकेश का मानना है कि अगर उसे और दूसरे दोषियों को फांसी दी जाती है, तो इससे भविष्य में रेप की शिकार लड़कियों के लिए खतरा बढ़ जाएगा। मुकेश ने कहा, 'फांसी से लड़कियों के लिए खतरा बढ़ जाएगा। अभी उनका रेप करने के बाद कहा जाता है कि इसे जाने दो, ये किसी से कुछ नहीं कहेगी। बाद में जब उनका रेप होगा, तो रेप करने वाले, खास तौर पर अपराधी लोग, लड़की को मार डालेंगे।'

16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुए इस गैंग रेप के मामले ने पूरे देश को दहला कर रख दिया था। चलती बस में एक लड़की के साथ गैंग रेप किया गया था और उसके साथ बहुत वहशी हरकतें की गई थीं। लड़की को बेहद गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत और बिगड़ने पर लड़की को सिंगापुर के अस्पताल में ले जाया गया, जहां 29 दिसंबर को लड़की की मौत हो गई थी। इस मामले में 6 लोगों को पकड़ा गया, जिसमें से एक मुख्य आरोपी ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी और एक आरोपी को नाबालिग होने के चलते 3 साल की सजा हुई। 4 को निचली अदालत ने फांसी की सजा दी, जिसे बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने बरकरार रखा। अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

rajnish manga
03-03-2015, 07:06 AM
बीबीसी के इस इंटरव्यू का विवरण प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद, दीपू जी. उसके ज़रिये जघन्य कृत्य में लिप्त इस अपराधी की मानसिकता का पता चलता है.

soni pushpa
03-03-2015, 12:37 PM
बीबीसी के इस इंटरव्यू का विवरण प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद, दीपू जी. उसके ज़रिये जघन्य कृत्य में लिप्त इस अपराधी की मानसिकता का पता चलता है.

इस जघन्य कांड के दो साल बाद जेल में रहके , एइसा इंटरव्यू देने की इतनी जरुरत करने का साहस अब तक कैसे बाकि है उस दरिन्दे में ? उससे पुछां जाना चहिये की यदि एइसा ही था तो उसके साथी ने जेल में खुद आत्महत्या क्यों कर ली ? अफ़सोस है की इन्हें अब भी इतनी छुट है की वो इतना बोल रहे हैं. एइसे लोगो की बिविओं और बहनोंऔर बेटियों पर तरस आता है जिसके भाई बाप या एइसे होंगे जो की महिलाओं के लिए इतने हीन और गिरे विचार रखते हैं . एइसे शब्द उस इन्सान की सबसे निम्न कोटि की मानसिकता को ही जाहिर करती है.

Deep_
03-03-2015, 07:22 PM
ईतने घीनौने कृत्य को कोई सही कैसे ठहरा सकता है? आरोपीओं की सजा अब तक एक मिसाल बन जानी चाहिए थी, ताकि फिर कोई एसा कृत्य करने से पहेले सो बार सोचे।