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View Full Version : *****दहेज़ प्रथा एक अभिशाप*******


pooja 1990
02-12-2010, 06:43 PM
Is foram ke sabi kuware dost wada kare ki apni shadi me na to dahej lege or na dege. Mo

ABHAY
02-12-2010, 06:59 PM
is foram ke sabi kuware dost wada kare ki apni shadi me na to dahej lege or na dege. Mo

पूजा जी नए सूत्र के लिए बधाई ,
मुझे नहीं लगता है की कसम खाने से कुछ होने वाला है इसके लिए एक कानून बना दिया जाये जब बच्चा पैदा हो चाहे वो लड़का हो या लड़की उसी वक्त एक पेपर उसके माता पिता से भारवाया जाये की आप दहेज न लेंगे न देंगे और अगर आप ऐसा कुछ करते है तो आपको जेल १० साल की मेरे हिसाब से यही ठीक है और जो अभी है उनके लिए ये कानून है की आप अपनी मर्जी से कही भी किसी भी धर्म के रीती रिवाज से शादी करो मगर पहले कोट से शादी का सर्तिफिकेट ले ले और उसी वक्त दहेज का भी फॉर्म भरा जाये , और जो इस नियम के खिलाप शादी करते है या बिना सुचना के तो उनको २० साल की सजा !और रहा मेरा सवाल तो मैं दहेज के खिलाप हू फिर भी मैं दहेज लूँगा !

pooja 1990
02-12-2010, 07:15 PM
Plz dahej lene or dene bale is sutra par na aaye.

pooja 1990
02-12-2010, 07:17 PM
Abhay aap to bilkul nahi.

ABHAY
02-12-2010, 07:19 PM
plz dahej lene or dene bale is sutra par na aaye.

क्या बात है पूजा जी आपको मालूम होना चाहिए की लड़की ही दहेज है अब आप कहे तो सिर्फ शादी कर लेता हू दहेज नहीं लेता हू यानि लड़की को छोर दू !लड़की ही दहेज
मेरे कहने का मतलब यही था !

pooja 1990
02-12-2010, 07:32 PM
Most welcome abhay ji.yahi soach aaj kal sabki honi chahiye.

ABHAY
02-12-2010, 07:51 PM
plz dahej lene or dene bale is sutra par na aaye. Abhay aap to bilkul nahi.

पूजा जी आपने तो मुसकिल में डाल दिया सभी को जिसने दहेज ले के शादी की है और जिसने अपने बेटे की शादी दहेज ले के की है सभी यहाँ पे मौजूद है हा जो कुबारे है वही इस सूत्र पे आ सकते है क्या इस दुब्धिया को दूर करे !

Hamsafar+
02-12-2010, 11:15 PM
सर्वप्रथम यहाँ दहेज़ शब्द को परिभाषित किया जाये !

pooja 1990
03-12-2010, 10:41 AM
Meaning of dowry=vivah ke absar par vadhu pash dwara var pash ko dhan, sampati or uphar dene ki pratha ko dahej pratha kaha jata hai. Www

khalid
03-12-2010, 02:52 PM
और कोई बेजारे को दहेज नहीँ मिला तो वो बेचारा आपके सुत्र मेँ आ सकता हैँ या नहीँ

Hamsafar+
03-12-2010, 02:58 PM
meaning of dowry=vivah ke absar par vadhu pash dwara var pash ko dhan, sampati or uphar dene ki pratha ko dahej pratha kaha jata hai. Www

जो मांग कर लिया जाये वो दहेज़ और जो पिता अपनी स्वेछा से अपनी बेटी को दे तब ??

khalid
03-12-2010, 03:07 PM
जो मांग कर लिया जाये वो दहेज़ और जो पिता अपनी स्वेछा से अपनी बेटी को दे तब ??

.:bravo: :bravo:

munneraja
03-12-2010, 03:26 PM
ये तो एक दीगर बात है कि दहेज़ लिया या दिया ना जाये
मेरे सामने तो ऐसी भी लड़कियां आई हैं जो ये कहती हैं कि मुझे शादी में ये सामान दिया जाना चाहिए ....
क्या करेंगे ऐसी लड़कियों का ??

khalid
03-12-2010, 03:46 PM
ये तो एक दीगर बात है कि दहेज़ लिया या दिया ना जाये
मेरे सामने तो ऐसी भी लड़कियां आई हैं जो ये कहती हैं कि मुझे शादी में ये सामान दिया जाना चाहिए ....आरक्षण का कमाल हैँ दादा
क्या करेंगे ऐसी लड़कियों का ??

जो कुवाँरे सदस्य हैँ फोरम मेँ उन सभी का एड्रेस दे दिजीए ऐसी लडकियोँ को बेचारोँ का भला हो जाएगा

arvind
03-12-2010, 03:49 PM
हम विदेशी भाषा "अँग्रेजी" को अपना सकते है, विदेशी कल्चर "वैलेंटाइन" और "डेटिंग" को अपना सकते है। विदेशी वस्त्र "टाई" और "स्कर्ट" अपना सकते है। विदेशी खेल "क्रिकेट" को अपना सकते है।

उसी प्रकार, "विदेशी विवाह पद्धति" अपना ले तो कम से कम "दहेज" के दानव से मुक्ति मिल जाएगी।

Sikandar_Khan
03-12-2010, 03:54 PM
कानूनी तौर पर बाप की प्रापर्टी पर बेटी का हक
भी होता है
मगर वो हक बेटियोँ को नही मिलता है
अगर बाप उसके बदले बेटी को स्वेच्छा से दहेज दे दे तो क्या बुराई है

munneraja
03-12-2010, 04:06 PM
जो कुवाँरे सदस्य हैँ फोरम मेँ उन सभी का एड्रेस दे दिजीए ऐसी लडकियोँ को बेचारोँ का भला हो जाएगा
लेकिन उनके माँ-बाप का क्या होता होगा ??

khalid
03-12-2010, 04:22 PM
लेकिन उनके माँ-बाप का क्या होता होगा ??

अब दादा क्या कहुँ
जब उनकी औलाद हीँ वाँट लगाने को तैयार हैँ
तो दुसरे से क्या उम्मीद करेँ

munneraja
03-12-2010, 04:49 PM
जब लड़कियां खुद चाहती हैं कि उनके माँ-बाप दहेज दें तो दहेज़ मांगने वालों का नम्बर दूसरा और देने वालों का नम्बर तीसरा हो जाता है
पहले तो लड़कियों को चेतना जागृत करनी होगी खुद में
कि वे अपने पति की कमाई पर गुजर बसर करने के लिए तैयार रहें
दहेज़ सारी जिन्दगी काम नहीं आएगा (लेने वालों ध्यान दें )

arvind
03-12-2010, 04:51 PM
जब लड़कियां खुद चाहती हैं कि उनके माँ-बाप दहेज दें तो दहेज़ मांगने वालों का नम्बर दूसरा और देने वालों का नम्बर तीसरा हो जाता है
पहले तो लड़कियों को चेतना जागृत करनी होगी खुद में
कि वे अपने पति की कमाई पर गुजर बसर करने के लिए तैयार रहें
दहेज़ सारी जिन्दगी काम नहीं आएगा (लेने वालों ध्यान दें )
आलमपनाह, तुसी ग्रेट हो। :iagree:

pooja 1990
03-12-2010, 04:52 PM
ye sutra mene un ladkiyo ke liye banaya gaya he.jo dahej me apni sasural me mari jati hai.ha bap ki proparty par haq hai. par milta nahi hai.

munneraja
03-12-2010, 04:58 PM
ye sutra mene un ladkiyo ke liye banaya gaya he.jo dahej me apni sasural me mari jati hai.ha bap ki proparty par haq hai. Par milta nahi hai.
सोचिये
कारण इनमे से ही कोई एक होगा ना.....
अभी तो विचार आने लगे हैं

Hamsafar+
03-12-2010, 05:16 PM
बेटी हमेशा पराया धन मानी जाती है , वो इसलिए की वह अपने घर जिसे मायका कहते है हमेशा नहीं रहती , उसे एक दिन व्याह के बाद दुसरे घर जाना पड़ता है, जब बेटी विदा होकर अपने ससुराल जाती है तब एषा कोन सा पिता होगा जो अपनी बेटी को खाली हाथ विदा करेगा , जैसे वह अपने पुत्रों के लिए करता है उसके लिए भी करता है, रही बात देने की तो पिता अपनी बेटी की गृहस्थी के लिए हर संभव वो चीज़ें देता है जो जरूरी होती है, आप यदि बेटी के पिता हैं तो अपने अंतर्मन को टटोले. ये तो हुयी देने की प्रक्रिया .
हाँ समस्या यहाँ है जब वर पक्ष लालची हो और वह वधु पक्ष को जबरन डिमांड के लिए प्रेरित करे, ये गलत ही नहीं घनघोर पाप है . हमें इसका विरोध करना चाहिए और ऐसे लोगों का वहिष्कार! वैसे दहेज़ के लिए कानून भी है. पर जिसके जिगर का टुकड़ा जब घर से विदा होती है. तब कोई पिता नहीं चाहेगा की उसकी बेटी किसी भी कारन से परेशान रहे. इसलिए वह सब कुछ करता है. क्यों करता है. जब आप उस जगह हों तब खुद दिल पर हाथ रख कर कहें. इसलिए ........

munneraja
03-12-2010, 05:31 PM
आलमपनाह, तुसी ग्रेट हो। :iagree:
मैंने अपने पुत्र के विवाह में आने वाले सामान की लिस्ट काट कर पुत्रवधू के पिता को सौप दी थी. मुझे आज तक दुनिया सुनाती है कि आते हुए सामान को क्यों मना किया ??
क्या मैंने वाकई में गलत किया ??

khalid
03-12-2010, 05:55 PM
मैंने अपने पुत्र के विवाह में आने वाले सामान की लिस्ट काट कर पुत्रवधू के पिता को सौप दी थी. मुझे आज तक दुनिया सुनाती है कि आते हुए सामान को क्यों मना किया ??
क्या मैंने वाकई में गलत किया ??

गलत आज के जमाने के लिहाज से हैँ
लेकिन आपके आत्मा मेँ एक अजीब सी खुशी होगी की चलो दुनिया के भेड चाल मे मैँ तो सामिल नहीँ हुँ
दादा विषय को थोडा चेँज कर रहा हुँ
कई बार आगर ऐक्सीटेँड हो जाता हैँ ट्रेन का तो कई ऐसे शरारती तत्व आपको मिल जाऐगेँ जो मुसाफिर को बचाने के बजाऐ हाथ साफ करने पर आमादा रहतेँ हैँ
तो गलत करने वालोँ की कोई कमी नहीँ हैँ दुनिया मेँ हाँ यह अलग बात हैँ
मुठ्ठी भर अच्छे लोगोँ के वजह से आज भी दुनिया कायम हैँ
अगर दुनिया से जिस दिन भी चले गए यही मुठ्ठी भर इंसान तो दुनिया गारत

pooja 1990
03-12-2010, 07:13 PM
Aap sabi logo ka tahedil se swagat karti hu. thank u very much.

Bond007
03-12-2010, 11:22 PM
मैंने अपने पुत्र के विवाह में आने वाले सामान की लिस्ट काट कर पुत्रवधू के पिता को सौप दी थी. मुझे आज तक दुनिया सुनाती है कि आते हुए सामान को क्यों मना किया ??
क्या मैंने वाकई में गलत किया ??

दादा दुनिया की छोडो| आपको तो संतोष हुआ न?
दुनिया वाले क्या सोचेंगे अगर जिन्दगी के हर काम में हम यही सोचने लगे तो कुछ नहीं कर पाएंगे| लक्ष्मी (आपकी पुत्रवधू) तो घर में आई न|
जरा सोचो कितना खुश हुआ होगा उस लड़की का पिता जिसे ऐसी कोई उम्मीद नहीं होगी| कितनी खुश हुई होगी वो लड़की जो आपकी पुत्रवधू बनकर आपके घर में आई|
दुनिया वालों ने चाहे जो भी कहा हो, हम आपकी तारीफ़ करते हैं| और उम्मीद करते हैं की हर लड़की के बाप को आप जैसा समधी मिले|

आपका सम्मान लड़की पक्ष में जरूर बढ़ा होगा| और हमारी नजरों में तो और भी बढ़ गया है|

pooja 1990
05-12-2010, 07:00 PM
thanks a lot every one.