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View Full Version : पैसा.......


Deep_
22-03-2015, 07:17 PM
https://indiacoin.files.wordpress.com/2012/05/kgrhqeoki8e3k2jvgugbn6nit4qw_12.jpg
वह कोन सा क्षण/समय होता है जब हम पैसे को या पैसा हमें खर्च नहीं कर रहा होता है?

Deep_
22-03-2015, 07:17 PM
http://origincache-prn.fbcdn.net/10358300_583796675051403_752479308_a.jpg

आज शाम जब में कहीं जा रहा था, मैने सोचा की शायद यही वह क्षण है जब मैं पैसे नहीं खर्च कर रहा। फिर अचानक खयाल आया की अभी तो मैं बाईक पर हूं। अर्थात ईंधन के पैसे तो खर्च हो ही रहें है। फिर सोचा की जब मैं कुछ भी नहीं कर रहा होता हुं, या सोता हुं फिर भी छत का पंखा बिजली का बिल चढाए रहता है। ईन्टरनेट, फोन, टीवी वगेरह भी हंमेशा चालु ही तो रहतें है।

Deep_
22-03-2015, 07:19 PM
http://footage.framepool.com/shotimg/qf/159237484-marktstrasse-vegetable-stand-selling-tomato-vegetables.jpg

लोग ओफिसे से घर लौट रहे थे, कुछ सब्जी खरीद रहे थे, कहीं पर दोस्तो की जमात बैठी हुई थी, कहीं ट्यूशन क्लास से छुट कर स्कुली बच्चे स्कूटी भगा रहे थे। हर कहीं पर पैसा खर्च होता हुआ दिखाई दे रहा था। पान के गल्लों पर, पानीपुरी के ठेले पर, पेट्रोलपंप पर, दुकानों में....यहां तक की मंदिर के बाहर से मंदिर के अंदर तक हर कहीं यह पैसे नाम का कागज़ खर्च हो रहा था।

Deep_
22-03-2015, 07:24 PM
http://www.seriesam.com/barks/dp_7504_sm.jpg


वैसे बता दुं की मैं कंजुस हुं। फिज़ुलखर्ची कभी नहीं करता। सौदे में कई बार ठगा भी गया हुं, या ज्यादा रकम दे दी होती है। लेकिन मेरा भी रवैया हंमेशा पैसे बचाने का ही रहा है।

Deep_
22-03-2015, 07:28 PM
http://www.fullstopindia.com/wp-content/uploads/2010/02/Ripped-Indian-Rupees.jpg
ईस कागज़ की ईतनी अहमियत क्युं है? कोई करोडपति भी होगा, झुकने पर उसकी कमर में दर्द हो रहा होगा फिरभी...अगर दस का नोट उसे पड़ा हुआ दीखे तो करोडपति ही क्युं न हो, आकर्षित होता है। अगर आसपास कोई देखने वाला न हो तो वह उस नोट को लेने के लिए ज़रुर झुकेगा।

Deep_
22-03-2015, 07:36 PM
http://www.hirebetterblog.com/wp-content/uploads/2011/05/Money-Worship.jpg
हम पैसे के पीछे पड़े रहतें है। जिंदगी के हर कदम पैसे की ज़रुरत या उसके न होने का डर बना रहता है। हम ईस पैसे की तुलना लक्ष्मी मां, कुबेर का भंडार, अल्लाह की बरकत वगैरह से करतें है। ताकि उसकी महिमा, ईज़्जत हमारें मन में बनी रहे। फिर उसे कमाने के लिये, पाने के लिये कई एसे काम करतें है जो सुक्ष्म हिंसा से कई अधिक नकारात्मक होतें है, जिन्हें करने को हमारे सभी धर्मों में मना किया है।

rajnish manga
22-03-2015, 07:38 PM
दीप जी के द्वारा 'पैसा' विषय पर इस सूत्र में बहुत रोचक जानकारी प्रस्तुत की जा रही है, जिसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूँ.

Deep_
22-03-2015, 07:42 PM
https://reflectionsofdavid.files.wordpress.com/2011/09/homeless-charity.jpg


अब ईतना सब कुछ मंथन करने के बाद मुझे कोई निष्कर्ष पर पहुंच कर मन को संतुष्ट तो करना ही था। सो मैने सोच लिया कि जब पैसे किसी ज़रुरतमंद व्यक्ति को दिए जाए उस समय पैसा खर्च नहीं होता!

Deep_
22-03-2015, 07:47 PM
प्रस्तुत है एक पुराना विडीओ...
GT4iEH9viCs

kuki
23-03-2015, 03:14 PM
दीप जी ,आपने अपने इस सूत्र में पैसे के बारे में बहुत सही बात कही है ,आज बात-बात पर पैसा खर्च होता है ,पैसे के बिना कुछ भी नहीं होता। मुझे किसी का एक डायलॉग याद आरहा है -
"पैसा खुदा तो नहीं ,पर खुदा कसम खुदा से कम भी नहीं।"
लेकिन दिक्कत तभी होती है जब हम पैसे को खुदा समझ लेते हैं।(शायद उन्हें भी हुई होगी जिन्होंने ये डायलॉग दिया था ).
वैसे जब हम किसी के लिए दिल से कुछ करते हैं तो भी पैसा नहीं लगता,मुझे याद है जब हम छोटे थे और सो रहे होते थे और लाइट चली जाती थी ,तो हमारी मम्मी या दादी हमारे लिए पंखा कर रही होती थीं ताकि हमारी नींद ख़राब न हो।

Deep_
26-03-2015, 08:11 AM
महंगा रोए एक बार सस्ता रोए बार बार!

यह वाली उक्ति मार्केटींग लाईन की लगती है! :giggle:क्युं की इससे ज्यादातर फायदा तो बेचनेवाले को होता है। अगर खरीददार यह सुत्र अपना ले, तो वह हर वक्त...हर चीज-वस्तु महंगी ही खरीदेगा। ईससे उसके महिने के बजेट पर बहुत असर पडता है! मेरा मानना है की हर महंगी चीज अच्छी नहीं होती।:oldman: