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View Full Version : !@!जय भोजपुरी!@!


ABHAY
02-12-2010, 07:26 PM
भोजपुरी अंग्रेजन के भगावे खातिर लाठी रहे ( गियर्सन के पढी )

भोजपुरी महात्मा गाँधी के आन्दोलन के साथी रहे ( चम्पारन भुला गईनी का )

भोजपुरी राजेन्दर बाबु के आन बान शान रहे

भोजपुरी जय प्रकाश बाबु के अरमान रहे

भोजपुरी बाबु कुंवर सिंह के अन्दाज रहे

मंगल पांडे जी के क्रांति के भोजपुरिये नाज रहे


जी हम सही कहत बानी भोजपुरी हमनी के अहंकार ह , भोजपुरी हमनी के संस्कार ह , भोजपुरी हमनी के जान ह त भोजपुरिये हमनी के पहचान ह ।

ई बात हर उ आदमी जान लेउ जे भोजपुरी के खाली बिजनेस बुझत बा ।


जईसन देवता ओइसन पुजा करेले भोजपुरी

ABHAY
02-12-2010, 07:28 PM
एगो गीत बा बार निमन गीत बा

अगे माई हरदी हरदिया दुब पातर ना
अगे माई हरदी हरदिया दु्ब पातर ना
....४
अगे माई कौने बाबा, हरदी चढ़ावले ना ...३
अगे माई बाबा से बाबा, आपन बाबा ना
अगे माई उहे बाबा ,हरदी चढ़ावले ना
अगे माई हरदी हरदिया दुब पातर ना
अगे माई हरदी हरदिया दु्ब पातर ना

अगे माई कौने चाचा हरदी चढ़ावले ना...३
अगे माई चाचा से चाचा आपन चाचा ना
अगे माई उहे चाचा हरदी चढ़ावले ना
अगे माई हरदी हरदिया दुब पातर ना
अगे माई हरदी हरदिया दु्ब पातर ना

अगे माई कौने मामा हरदी चढ़ावले ना...३
अगे माई मामा से मामा आपन मामा ना
अगे माई उहे मामा हरदी चढ़ावले ना
अगे माई हरदी हरदिया दुब पातर ना
अगे माई हरदी हरदिया दु्ब पातर ना

अगे माई कौने भईया हरदी चढ़ावले ना....३
अगे माई भैया से भईया आपन भैया ना
अगे माई उहे भईया हरदी चढ़ावले ना
अगे माई हरदी हरदिया दुब पातर ना
अगे माई हरदी हरदिया दु्ब पातर ना

ABHAY
02-12-2010, 07:31 PM
हम तस्वीर जब भी बनाइले तोहार,
तो दिल में हमारा कई बात आ जाला ,
कभी तोहरा होंठ के लाली कभी गाल के तिल,
त कभी कमर के लचीलापन में कमी रह जाला ,
और जब भी बन जाला तस्वीर और हम देखी ले,
ता पता ना काहे उ तोहार ता बस एगो परछाई नजर आ जाला.,,,,,,,,,,,

Hamsafar+
02-12-2010, 11:17 PM
Abhay भाई कुछ विडियो भी प्रस्तुत करें !

ABHAY
03-12-2010, 06:38 AM
bGgLi3e10fU

ABHAY
03-12-2010, 06:41 AM
W61y4RFHNfE&feature

ABHAY
03-12-2010, 06:47 AM
C5yIJsC4nXg&feature

ABHAY
03-12-2010, 06:56 AM
0E09K1ZulNs

ABHAY
03-12-2010, 07:01 AM
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ABHAY
07-12-2010, 07:40 AM
जय भोजपुरी बोलो भाई लोग

ABHAY
08-12-2010, 07:55 PM
अंधेरिया रात में ..अंजोरिया कहा से आइल बाटे॥

प्रेम कय दीप हमरे दिलवा म जलाइल बाटे॥

सगरे अंजोर होइगा खिल गिले फूल॥

देहिया से खुशबू आवे उड़ गैली धूल॥

प्यार के पिरितिया से मन महकैल बाटे॥

गम गम गमके ला हमरा बगीचा॥

बहुत दिना बाद हमरा दिलवा पसीझा॥

हँसी आज होठवा पय बर्षो बाद आइल बाटे..

ABHAY
08-12-2010, 07:56 PM
रउवा मनवा म हमारे अब आस जागे॥
ई उभरत जवानियाँ म प्यास लागे॥
मन भेल चंचल॥ चिता चकोरा॥
चालत डगारिया मारी रोडा॥
अब दुपट्टा कय पल्लू उधर भागे॥
ई उभरत जवानियाँ म प्यास लागे॥
आँख से अवगुड़ लाग देखायी॥
देख भवरवा मन मुस्कायी॥
बगल वाले लरिकन ओसारे से ताके॥
ई उभरत जवानियाँ म प्यास लागे॥
करत पढायी आवत औघायी॥
मन बौराय गइल भांग बूटी खा के॥
ई उभरत जवानियाँ म प्यास लागे॥

ABHAY
08-12-2010, 07:56 PM
माई जब बुद्हाय गयी॥
नाकन चना चबवाय दिही॥
गाय भैस बिकवाय दिही॥
खेतन म दाँत गदाय दिही॥
जब देखा लरिकन का डाटे॥
जैसे कटही कुकुर अस लागे॥
हमरेव डंडा लगवान दिही॥
पेड म बन्धवाय दिही॥
एक बगल के काकी आयी॥
दुल्हिन का धमकाय दिही॥
तू दुत्कारत बातू बूढा का॥
इहे उमर तोह्रिव होए॥
फ़िर गाँव गाँव कहत फिरबू॥
हमरव पतोह डंडा चट्काइश॥
तब कहे दुल्हनिया नन्कौना कय॥
बूढा हमरे पगलाय गयी॥
इही खातिर समझाईस तोहका॥
आगे कय कुछ बनाय लिया॥
बूढा का संग मिलाय लिया॥
उनहू कय गोद दबाय दिया॥
खुली आँख जब बुहार कय॥
बूढा का संग मिलाय लिही॥
नाकन चना चबवाय दिही॥
माई जब बुद्हाय गयी॥
नाकन चना चबवाय दिही॥

ABHAY
08-12-2010, 07:58 PM
लड़का: हे बबुनी हमका देखात बी घाटा॥
नाहक करा हमसे शादी कय वादा॥
खुश खुस खात बाटी करली पढाई॥
मनवा कय सुन्दरता जाय न छिपाई॥
गटई म काहे बांधी तुर्क माटा॥
हे बबुनी ....................................
माई बाप आँस pochhay आवे जब रोवाई॥
चिंता कय आग काहे देहिया माँ लगाई॥
रहवे कुवारा तव न जाब सांटा॥
हे बबुनी......................
औबू जब घरवा तो खीच खांच होए॥
दुई साल म लरिका ४ ठौर रोये॥
जान गए जीवन कय घटिया tamaachaa॥
हे बबुनी......................

ABHAY
08-12-2010, 07:59 PM
लड़की॥
हे बबुआ हमका देखात बी घाटा॥
नाहक करा हमसे शादी कय वादा॥
चिल-बिल चिरैया जैसे घरवा म चमकी॥
अंगना दुवारी चारो जून गम्की॥
हमके न दिखावा प्यार कय लिफाफा॥
हे बबुआ।
घरवा के लोग ky अहि आँख पुतरी॥
पापा बले खाए जा नही hoboo सुतारी॥
हमें न दिखावा वनारस कय ढाबा॥
हे बबुआ॥
माई के ममता से रूपवा सलोनो॥
चारो जूनी माई उतारे रोज़ टोना॥
हमना पकड़बय चदरिया कय कोना॥
हे बबुआ...

ABHAY
08-12-2010, 07:59 PM
वो होते हैं जब नज़रों से दूर
फिर कहीं रोशनी नहीं होती
राहें नज़र आती हैं हजार
पर कोई मंजीलनहीँ होती

ABHAY
08-12-2010, 08:00 PM
मुद्दत के बाद मुल्क में॥
फ़िर से बहार आयी॥
अद्भुत नजारा देख कर॥
पगली भी मुस्कुराई॥
खौफ बसा यहाँ था॥
खूखार लोग आते थे॥
हया दया न करते॥
आतंक बहुत फैलाते थे॥
चादर के अन्दर लोग यहाँ॥
तेरे थे जमुहाई॥
कुत्ते भी मूक बन कर॥
कोने में रोते थे॥
बच्चे बिचारे सहम कर॥
छुप करके के सोते थे॥
उनके दिलो में हमने॥
देखा केवल ठिठाई॥

ABHAY
08-12-2010, 08:00 PM
पापी बना है पेट जो॥
दर-दर भटक रहा हूँ॥
छोटी से लेके झोली॥
घर-घर टहल रहा हूँ।
बच्चे है छोटे -छोटे॥
घर में गरीबी चाई॥
लगता है मेरे घर में॥
मौसमी बिमारी आयी॥
जिंदगी में जान कम है॥
फ़िर भी उछल रहा हूँ॥
छोटी से लेके झोली॥
घर-घर टहल रहा हूँ।
रोते बिलखते बच्चे तो॥
आँखे टपक जाती॥
पत्नी की नाजुक हालत॥
रह-रह के हमें रूलाती॥
जिंदगी के ले सवारी॥
सड़को में मटक रहा हूँ॥
छोटी से लेके झोली॥
घर-घर टहल रहा हूँ।

ABHAY
08-12-2010, 08:00 PM
सुबह -सुबह बगिया मा॥
चुगत रहली फूल॥
हंस के माली बोल पडा॥
हमारा का कसूर॥
जब जवानी के पल्लू॥
पे दाग लाग जायी।
अधरा से तोहरे ॥
गिरेला ला मिठाई॥
सोयी जवानी के॥
आस जाग जायी॥
जियरा मा काहे ॥
जगौलू सुरूर॥
लागल जवानी मा ॥
आग लाग जायी..

ABHAY
08-12-2010, 08:01 PM
काहे हमसे प्रितिया कयखेल खेलू॥

नइखे दिलवा कय हमारे तू तार छेड़ू॥

अंखिया बदरा कय पनिया गिरवी लगी॥

हमके तोहरी सुरातिया सतावे लागी॥

तोहरे खातिर बिपतिया कय मार झेलू॥

मनवा उदास भैले नींद नही आवय॥

सूनसान जियरा का कुछ नाही भावय॥

काहे हमके तू अपने से दूर ठेलू॥

काहे हमसे प्रितिया कयखेल खेलू॥

ABHAY
08-12-2010, 08:01 PM
हम ख़ुद पे रो रहे है॥

आँखों की आसुओ से ॥
मुख को धो रहे है॥
मुझपे क्यो हंस रहे हो?
हम ख़ुद पे रो रहे है॥
हमने भी देखा सपना था॥
एक घर बसायेगे॥
आँगन में बैठ कर॥
प्रेम गीत गायेगे॥
करवट लिया समय जो॥
टूटा हमारा सपना॥
वह हो सकी न मेरी ॥
मैबना सका न अपना॥
अब टूटे हुए मोतियों की॥
माला पिरो रहे है॥
मिलते थे जब अकेले॥
करते थे रास लीला॥
मिल के विहार करते॥
होती थी प्रेम क्रीडा॥
बीती हुयी जो बातें ॥
रह रह के तड़पा रही है॥
कैसे मिलन अब होगा॥
नही बता रही है॥
गुम -सुम बेदर्दी मौसम में॥
मर-मर के जी रहे है॥

ABHAY
08-12-2010, 08:02 PM
हंस के ओधनी गिराऊ॥
फूल खिल गइल॥
जब से अंखिया लड़ी॥
कलास मिस हो गइल॥
ई ज़माना बेदर्दी से डर लागे॥

ABHAY
08-12-2010, 08:02 PM
दोहा: पैग लगा के झूमिये । ये कलयुग की देन॥
लफडा झगडा करत रहो॥ जात रहे सुख चैन॥

चौपाई: जय जय कलयुग की दारू । तुमका पियय सकल परिवारू॥
पी करके कुछ पंगा करते॥ गाँव गली अव सड़क पे मरते॥
कुछ बीबी का करय पिटाई॥ कुछ बच्चो का दियय मिठाई॥
छोटे बड़े कय काटो चिंता॥ गली गली में होती हिंसा॥
पीने पर तुर्रम खा बनते ॥ दादी अम्मा को चिन्हते॥
गली गली म होत बुराई॥ इनका खाती काली माई॥
मेहर डंडा लय गरियाती॥ जाय चौकी म रपट लिखाती॥
कोई फ़िर भी फरक पङता॥ बच्चा क्यो न भूँखा मरता॥
घर की सब बर्बादी कीन्हा॥ इनकी अक्ल देव हर लीन्हा॥
होत सबेरे टुल्ली रहते॥ रुपया दे दो हरदम कहते ॥
ये दारू कर दी बर्बादी ॥ मरे जल्दी मिलते आज़ादी॥
बीबी बच्चे हरदम कहते॥ आटा होगा ताड़ में रहते॥
दारू इनकी कौन छुडावे ॥ बुरा कर्म है कौन बतावे ॥
जूता चप्पल हरदम खाते ॥ फ़िर भी पीछे न पचताते॥

दोहा: हे कलयुग की दारू माता करव इनका कल्याण॥
कोई घटना घटित कर दो जल्दी निकले प्राण॥

ABHAY
08-12-2010, 08:03 PM
ये बेईमानी की राजनीति

बेईमानो को लेके डूबेगी॥

अत्याचार का घडा भरा है॥

पाप की गगरी फूटेगी॥

जनता की दौलत से।

मौज उडाते /

पोते को महल बनवाते है॥

मज़बूरी के कंधो पे रख कर।

देश में दंगा करवाते है॥

अबतो रसरी धुन गई है॥

एक न एक दिन टूटेगी॥

ABHAY
08-12-2010, 08:03 PM
हे पुष्प तुम्हारे रस को मई।

सदियों से चूसते आया हूँ॥

तेरे कारण काला हूँ मै।

रूप कलूटा पाया हूँ॥

कलि तेरी खिलने से पहले

उसपर मै मडराताहूँ॥

चूस सुगन्धित रस को तेरे

आत्म्संतुस्ती पाता हूँ॥

काले तन पर नाज़ मुझे है।

तुम भी मुझपर मरती हो॥

चटक-मटक से हरदम रहती।

धुप छाव भी सहती हो॥

रंग बदलते देर न लगाती

तेरा रूप निराला है॥

तेरे अन्दर अर्पण है वह

जो तेरा चाहने वाला..

चढ़ते यौवन आँख मिचौली।

मुझसे करने लगती हो॥

बन थन कर मेरी राह जोहती।

हस हस कर बातें करती हो॥

तेरी महक को हवा में सूंघकर

बड़ी दूर से आया हूँ॥

आते ही तेरी बाहों में

अपनी बाह सताया हूँ॥

जो सुख तेरी इस कलियाँ में।

वह सुख कही न आयेगा॥

रमते जमते कही भी घूमू।

ABHAY
08-12-2010, 08:04 PM
ऊपर का सेस
कोई नही मुझको भाएगा॥

सूर्यास्त बाहों में कस कर।

मुझको ले सो जाती हो॥

प्रातः काल संघ मेरे उठती।

फ़िर मुझको नहलाती हो॥

कितना कोई मुझे बुलाये

कही नही मै जाता हूँ॥

तेरे ही द्वारे में आके

तेरी अलख जगाता हूँ॥

हे पुष्प तुम्हारे रस को मई।

सदियों से चूसते आया हूँ॥

तेरे कारण काला हूँ मै।

रूप कलूटा पाया हूँ॥

ABHAY
08-12-2010, 08:05 PM
ऐसे न चाल चल पवन हरजाई॥
लागल झुलानिया कय तार टूट जायी॥
सासू बोली बोले ससुरा बोली बोले॥
ननदी के भैया बगीचा में डोले॥
धीरे धीरे झटका दे आवे अंगडाई॥
लागल नजरिया से बाण छूट जायी॥
आस पड़ोस के बोले टिपोसी॥
कहत निकम्मी बा हमरी पड़ोसी॥
हंस हंस के न बात कर होय जग हसाई॥
लागल उमारिया कय ले छूट जायी॥

ABHAY
08-12-2010, 08:05 PM
कंप्यूटर एज की कुछ हिंगलिश चुटकियाँ .
(हिन्दी + इंग्लीश=हिंगलिश)

घर से जब वो निकलीं,
पहन के रेशमी गाउन.
ना जाने कितने दिलों का ,
हो गया सर्वर डाउन!


******************
जो मुद्दत से होता आया है,
वो रिपीट कर दूँगा.....
तू ना मिली तो अपनी ज़िंदगी
CTL+ Alt +delete कर दूँगा .
************************
कल जब मिले थे तो कहा
तुम से मिलकर
दिल में हुई एक साउंड.
और आज मिले तो कहते हैं..
यौर फाइल नोट फाउंड.

***************************
शायद मेरे प्यार को
टेस्ट करना भूल गये.
दिल से ऐसा कट किया,
कि पेस्ट करना भूल गये.

ABHAY
08-12-2010, 08:06 PM
बहुत दिनों के बाद॥
हमने किया है तुमको याद॥
की आंसू आ गए॥ आंसू आ गए॥
तुमने बतलाई न हमको बात॥
क्या आती नही मेरी याद॥
क्यो कर गई हमसे घाट॥
की आंसू आ गए॥
शायद कब होगी मुलाक़ात॥
मै कहता तुमसे बात ॥
फ़िर हो जाती बरसात॥
तू कह देती बीती बात ॥
की आंसू आ गए॥
मेरा डिगा नही विश्वास॥
लगी है बहुत दिनों से प्यास॥
तू चूम के कहती हाथ॥
फ़िर सज जाती बरात॥
की आंसू आ गए॥

ABHAY
08-12-2010, 08:06 PM
दिल न लगईयो यार ॥

दिल न लगईयो यार ॥
दिल टूट जाता है॥
बड़ी तकलीफ होती है॥
जब बंधन छूट जाता है॥
नजरो में घूमती है॥
बीती हुयी कहानी॥
मुझपर गुजर रही है॥
बताता हूँ जो जुबानी॥
आँखों से आस्क गिर गिर॥
यूं सूख जाता है...
बड़ी तकलीफ होती है॥
जब बंधन छूट जाता है॥
जुल्मी बना ज़माना॥
करता उसे हूँ याद॥
दर-दर भटक रहा हूँ॥
किस्से करू फरियाद॥
मौसम बना बेढंगा॥
जो रूठ जाता है...
बड़ी तकलीफ होती है॥
जब बंधन छूट जाता है॥
ख्वाबो में हमको कब तक॥
जगाती रहोगी तुम॥
अपना शिकार हरदम ॥
बनाती रहोगी तुम॥
रोता हूँ छुप छुप कर॥
जब यार दूर जाता है...

ABHAY
08-12-2010, 08:08 PM
भैस चराते प्रेम हुआ था॥
मट्ठे वाली सहजादी से॥
दिल की अपने बात बताती॥
कहती थी हूँ काशी से॥
नैन थे सुंदर रूप राशीला॥
पैर बहुत पथराये थे॥
धुप छाव के सह करके ॥
वह अपनी लाज बचाई थी॥
शर्मीली वह आँखों वाली ॥
मेरे दिल को भाई थी॥
प्यार का हार दिया कंधे पर॥
मट्ठे खूब पिलाई थी॥
मई भी उसपर पागल हो गया॥
बिठा लिया आज़ादी से॥
भैस चराते प्रेम हुआ था.....................
मई भूल गया था ख्यालो में॥
घर के लोग जब आए थे॥
बाँध दिया मेरा हाथ पैर॥
उसे गली गली दौडाए थे॥
पता चला न शहजादी का॥
किस बिस्तर पर सोती होगी॥
या तो मेरे प्यार में पागल॥
आहे भर कर रोती होगी॥
आ जाओ हे मट्ठे वाली ॥
हम तुम्हे अपनाए गे॥
तुझे ढूढते तेरे पथ पर॥
काशी तक हम जायेगे॥
सब को मैंने त्याग दिया॥
अब मिलना है वैरागी से॥
भैस चराते प्रेम हुआ था॥
मट्ठे वाली सहजादी से॥
दिल की अपने बात बताती॥
कहती थी हूँ काशी से॥


मट्ठे वाली शहजादी..

ABHAY
08-12-2010, 08:10 PM
हर नदिया का पानी धूमिल॥
हर पवन वेग में छाले है॥
हर दिल में लालच बसती॥
अब के मनुष्य निराले है॥
मधुर वचन से दस लेते है॥
पर कट जाते है राही के॥
मैसमझ न पाया जीवन लय को॥
मन ढूढ़ रहा हम राही को॥

ABHAY
08-12-2010, 08:10 PM
आज मै तेरा पापा हूँ॥
कल तू पापा बन जायेगा॥
जैसे मै तुझे गीत सुनाता॥
बच्चो को लेके तू गायेगा॥
जैसे तुझको स्वाद चटाता॥
तू मोती उन्हें खिलाएगा॥
बीबी की जब डांट पड़ेगी॥
अंधा क़ानून बताएगा॥
संस्कारों की पढ़ ले पोथी॥
नही बेटा पछतायेगा॥
तेरे बच्चे जब प्रश्न पूछेगे॥
उनको क्या ख़ाक बताएगा॥

ABHAY
08-12-2010, 08:11 PM
आरजू झूठ है ,आरजू का फरेब खईह मत,
अगर रहे के बा जिनिगी में खुस, त दिल केहू से लगायिह मत.

काहे बनावत बाडू बालू पर महल, एक दिन खुदे मितायिबू तू ,
आज कहबू की हमरा से प्यार बा तहरा, एक दिन हमार नाम तक भूल जई बू तू.

ABHAY
08-12-2010, 08:13 PM
हंसी केतकी देख कर॥
हंसमुख हुआ सरीर॥
न तो रीति थी॥
न बना समय विपरीत॥
भ्रमर अधिक आतुर था प्यासा॥
सूझ गयी क्या प्रीति॥
कलया कैसे ढँक गयी॥
रचना रची रंगीन॥
विनय किया हे पवन तुम॥
बह लो मेरे अधीन॥
आज पवन रस बरषे गा॥
आतुल ब्याकुल हीन भ्रमर भीर॥
आय कली में गरजे गा॥

ABHAY
08-12-2010, 08:14 PM
समंदर कि इस बेबसी पे हमे, रहम आता है,
हज़ारों मील फैला है पर बह नहीं सकता...

ABHAY
08-12-2010, 08:17 PM
लैला ने किया प्यार मजनू से, इश्क में दोनों जान दे दिए,
सानिया ने किया प्यार, शोहराब छोड़ सोयेब चुन लिए!
ये प्यार नहीं आशां बस इतना समझ लीजिये,
कोई चुने ईमान कोई पाकिस्तान देख लीजिये!

ABHAY
08-12-2010, 08:18 PM
हमहूँ गयल रहेलिन, अबहीं अपने गाँव हो |
कटल रहल निबिया क पेड़वा , नहीं रहल छाँव हो ||
कईसे कहीं हम बाड़े, ईहे हमरा गाँव हो |
सूखल रहल यिनारा क पानी, नाही पिम्पल छावं हो ||
नदिया पे पूल रहल ,नाही दिखल नाव हो |
तनिको ना बुझात रहल, ईहे हमरा गाँव हो ||
कैसे कहीं हम चला, गोरी मोरे गाँव हो |
कटल रहल निबिया का पड़वा, नाही कवनो छाँव हो ||

बहुत खुब तिलकराज जे एबहुत ही नीमन बनल ई !

ABHAY
08-12-2010, 08:18 PM
हमहूँ गयल रहेलिन, अबहीं अपने गाँव हो |
कटल रहल निबिया क पेड़वा , नहीं रहल छाँव हो ||
कईसे कहीं हम बाड़े, ईहे हमरा गाँव हो |
सूखल रहल यिनारा क पानी, नाही पिम्पल छावं हो ||
नदिया पे पूल रहल ,नाही दिखल नाव हो |
तनिको ना बुझात रहल, ईहे हमरा गाँव हो ||
कैसे कहीं हम चला, गोरी मोरे गाँव हो |
कटल रहल निबिया का पड़वा, नाही कवनो छाँव हो ||

ABHAY
08-12-2010, 08:22 PM
हमार एगो क्लास मेट आपन इ रचना भेज्लें..मेरठ से..
आज के जमाने के खातिर केतना सटीक बा ...

भाई भाई से क्यों जलता है, बहिन बहिन में भी है दूरी,
भाई बहिन में प्यार ना दिखता, संबंधों की हर कड़ी अधूरी i

रिश्तों में गर्माहट नहीं है, मतलब का बाज़ार गर्म है,
एक बाप की हैं संताने, आँखों में पर शर्म नहीं है i

राग द्वेष, मद लोभ सभी में, पैसा पहिले प्रेम बाद में,
चील झपट्टा मारे जैसे, अपने बैठे लगे घात में i

अपने वस्त्र स्वच्छ साफ हैं, पर उसके ज्यादा सफ़ेद हैं,
स्पर्धा के पागलपन में, मन में जलन और खेद है i

मृत्यु का कोई बोध नहीं है, जीवन बीत रहा क्षण क्षण में,
सब कुछ यहाँ छोड़ के जाना, मन अटका फिर भी कण कण में i

मानव मन की कमजोरी ये, इन बातों से नजर हटा ले,
बहुत दिया देने वाले ने, जीवन में सुख चैन बढ़ा ले i

ख़ाली हाथ लेकर तू आया, ख़ाली हाथ लेकर तू जावे,
बात समझ में ना आवे तो, कफ़न में अपने जेब सिला ले ii

हर लाईन चीख चीख के आज के जमाना के ढकोसला पन देखा रहल बिया शाही जी ।


अनुभव बहुत कुछ सीखा देला आ वोह अनुभव के बानगी एह रचना मे लउकत बा ।

ABHAY
08-12-2010, 08:25 PM
ओ बामा के भारत प्रवास के दौरान भईल की उनुका के मीठ खाये के का दिहल जाउ , लोग तरह तरह के मिठाई के नाव सुनावल केहु रसमलाई त केहु रसगुल्ला त केहु गुलाबजामुन केहु काजु कतरी त केहु घेवर त केहु लड्डु त केहु बरफी त केहु छेना ।

ओहु जुगे एगो भोजपुरिया रहल आ जब सब केहु कहि लिहल त उ तनी गम्हिराहे बोलत बा

ABHAY
08-12-2010, 08:27 PM
तू फ़ौज के अफसर क लड़की हऊ, हम त किसान क बेटा
तू त रबडी खीर मलाई हउ, हम त सतु सपरेटा
तू ऐसी घर में रहलू ,हम त पेड़ के निचे लेटा
तू त हिरा जडल तस्तरी हऊ, हम एलुमिनियम क थाल प्रिये
तू चिकन सूप बिरियानी हऊ, हम त कंकड़ वाली दाल प्रिये
तू त हिरन की तरह भागती हऊ , हम त कछुए क चाल प्रिये
तू त चन्दन बन की लकड़ी हऊ, हम त बबुल क छाल प्रिये
हम त शनि देव जैसन कुरूप प्रिये,तू त कोमल कंचन काया हऊ
हम त तन मन से कांशी राम प्रिये ,तू त महा चंचला माया हऊ
तू त निर्मल पावन गंगा हऊ,हम जलत हुआ पतंगा हई
तू त वरदान विधाता क , हम त गलती हई भगवंता क
तू जेट विमान की सोभा हऊ ,हम त बस का ठेलम-ठेल प्रिये
तू नई विदेशी मिक्स्सी हऊ,हम पत्थर क सिलबट्टा प्रिये
तू त ए.के सैतालिश प्रिये ,हम त एक देसी कट्टा हई
तू त चतुर राबड़ी जईसन ,हम त भोला-भला लालू हई
तोहार हंसी माधुरी दीक्षित क हम हवलदार क गाली हई
तू चित्र हार क मधुर गीत, हम त किसान दरसन क झाडी प्रिये
तू त विश्व सुन्दर कमाल प्रिये,हम त तेलिया छाप कबाड़ी प्रिये
तू सत्ता क महारानी हऊ ,हम त विपक्ष क लाचारी प्रिये

ABHAY
08-12-2010, 08:28 PM
एक तोही त बाटु जो दिल के करीब हऊ
एक तोहार याद ही हमार नसीब हव
हार गईली बहुत कुछ जिंदगी में अब तक
एक तोहार रहल ही हमारे जिंदगी क जीत हव
जीवन त चाहत क एक सिलसिला बाय
केव मिल जाला त केव बिछड़ जाला
जेके हम मंगली कभों अपने दुआ में
ऊ आज केहू अउर के बिन मांगे मिल जाला

ABHAY
08-12-2010, 08:30 PM
ई जिंदगी एक उड़ान बाय
सुख अऊर दुःख सब एक सामान बाय
दुसरे के उडत देखि लगत आसान बाय
पर कितना मुस्किल बाय ऐसे सब अनजान बाय
जीवन के एही दौड़ में हर केहू मेहमान बाय
पूरा कईलेहलेस सपना जे उहे महान बाय
कुछ लोग एहिसन भी हवे जो जिंदगी से परेसान बाय
हार कभी ना मनिहा ई त जिंदगी क इम्तहान बाय
जिंदगी देखा रहल बाय हर रोज खेल एक नया
कभी कुछ खो के कभी कुछ पा के सब हैरान बाय
मत हारा समय से पहले नहीं त ई जीवन क अपमान बाय
मिलल बड़ी मुस्किल से ई जीवन ए ऊपर वाले क एहसान बाय
गिर के फिर उठिहा ईहे जिंदगी क पहचान बाय
जे केहू दुसरे के लिए कुछ कर जाए ईहे जिंदगी क शान बाय
जिंदगी एक लम्बी उड़ान बाय

ABHAY
08-12-2010, 08:38 PM
आकाश के चमकत तारा देखि तोहार नयन क याद आ गईल
चिडियों के चहकत देखि तोहार हंसी खिलखिला गईल
देखि चन्द्रमा सी मूरत चेहरा तोहार छा गईल
तोहरे याद के वियोग में नैनन में नीर भर गईल
ह्रदय दुख से बा बोझल अरमान सब जल गईल
कहें छोड़ चली गईलू सारी नेहियाँ विसरा के
छोड़ देहलू इहंवा आपन याद इन्तजार के

ABHAY
08-12-2010, 08:40 PM
हमन के ईहाँ से एक जाने..पढ़ लिख के अमेरिका के टेक्सास में बस गईल रहलें ..
वोहिजा के लोगन के अमेरिका के सब चीज के बड़ाई कईल सुने त माने मन, कुछ कहें के बेचैन रहें..
एगो टेक्सास के आदमी बखान करत रहे कि हमार राज्य एतना बड़ बा ..कि रति के ट्रेन में चल त सबेरे ले येही राज्य में ट्रेन रहेले...
हमरा भाई से ना रहल गईल आ बोल पडलें ..कि अरे हमरा ईहाँ त सोनपुर के प्लेत्फोर्मे एतना बड़ बा..कि राती के भोरे पस्सेनेगेर में सूती जाईं आ सबेरे ले प्लेत्फोर्मे पर रहब...

ABHAY
08-12-2010, 08:41 PM
एगो शराबी शराब पी के एगो गोड़ फूटपाथ पे औरु एगो गोड़ सडक पे राख के धीरे धीरे हिलत डुलत चलत रहे

सिपाही देख के धौर के धैलास औरु कहलस फुल पी के चलत बाड़

शराबी बोललास भाई जी राउर बहुत बहुत धन्यवाद इयाद दीअवला के ना त हम बुझत रही जा ए दादा आज लंगड़ होगैनी

ABHAY
08-12-2010, 08:43 PM
१- हमरा भीरी अइसन चीज़ बा कि दीवार के ओह पार का होता पता चल जाई
२- का चीज़
१- खिरकी

ट्राफिक पोलिसे से सरदार - का रौया ओकर चालन काटब जे गदहा पे बैठ के बिना हेलमेट के जात होई
ट्राफिक पोलिसे - ना जी
सरदार- काहे
ट्राफिक पोलिसे- फ़ोउर व्हीलर पे जरुरत नइखे हेलमेट के

टी . सी - काहवा जाएके बा
मुसाफिर - जहाँ भगवान राम जी के जन्म भइल रहे
टी . सी - टिकट देखावा
मुसाफिर - टिकट त नइखे
टी . सी - त चला हमरा संगे
मुसाफिर - कहंवा
टी . सी - जहाँ भगवान कृष्ण जी के जन्म भइल रहे

ABHAY
08-12-2010, 09:14 PM
कुछ नियम जौन न्यूटन भी ना लिखले रहलें ,
१. लाइन के नियम: अगर केहू अपना लाइन छोड़ के दुसरा लाइन में जा के खड़ा हो जाला , त पहिले जौन छोडल जाला वू तेज बढ़ेला और जहाँ खड़ा भईल वू धीरे..
२. टेलीफोन के नियम: अगर गलत नंबर डाएल हो जाला, त वू कबो इंगेज ना रहेला.
३.यांत्रिक( मेकेनिकल ) रिपेयर के नियम: जब दूनो हाथ में ग्रीस लागी जाला , त नाक में खुजलाहट जरूर होखे लागेला .
४. वर्क शॉप के नियम: अगर कौनो औंजार हाथ से छुट के गिर जाला त कौनो अईसन कोना में चली जाला जहाँ से उठावल मुश्किल हो जाला :
५. काफी के नियम : जब ऑफिस में काफी पिए के मन करे, आ गरमा ,गरम काफी लेके पियाल शुरू कर, त बास जरूर बोला ली , अ टेबल ना छोड़ी, जबले काफी ठंडा ना हो जा..

pankaj bedrdi
11-12-2010, 09:10 AM
कुछ नियम जौन न्यूटन भी ना लिखले रहलें ,
१. लाइन के नियम: अगर केहू अपना लाइन छोड़ के दुसरा लाइन में जा के खड़ा हो जाला , त पहिले जौन छोडल जाला वू तेज बढ़ेला और जहाँ खड़ा भईल वू धीरे..
२. टेलीफोन के नियम: अगर गलत नंबर डाएल हो जाला, त वू कबो इंगेज ना रहेला.
३.यांत्रिक( मेकेनिकल ) रिपेयर के नियम: जब दूनो हाथ में ग्रीस लागी जाला , त नाक में खुजलाहट जरूर होखे लागेला .
४. वर्क शॉप के नियम: अगर कौनो औंजार हाथ से छुट के गिर जाला त कौनो अईसन कोना में चली जाला जहाँ से उठावल मुश्किल हो जाला :
५. काफी के नियम : जब ऑफिस में काफी पिए के मन करे, आ गरमा ,गरम काफी लेके पियाल शुरू कर, त बास जरूर बोला ली , अ टेबल ना छोड़ी, जबले काफी ठंडा ना हो जा..

अभय भाई आपको बहुत बहुत धन्यवाद जो अपने भोजपुरी का लिखे

ABHAY
07-01-2011, 07:17 AM
का हो लोगन स इ भोजपुरीया भैया के सबके सलाम

YUVRAJ
07-01-2011, 02:02 PM
अरे वाह ...:)
इ सुउत्रवा पहिलई पोस्ट हो गयील बाडे और हम्मे केहू ना बतईलस...:(

ABHAY
07-01-2011, 02:07 PM
अरे वाह ...:)
इ सुउत्रवा पहिलई पोस्ट हो गयील बाडे और हम्मे केहू ना बतईलस...:(

इ भासा जाने वाला बहुते कम है इ फोरम पे इहे ला इ सूत्र कभी कभी ऊपर आबेला

YUVRAJ
07-01-2011, 02:22 PM
ए अभय बाबू ...घबड़ा जिन ...:)
इन्डियन करेंसी मे जेतना भाषा बाडे , उतना भाषा जाने वाला सदस्य अहिये ...:cheers:
इ भासा जाने वाला बहुते कम है इ फोरम पे इहे ला इ सूत्र कभी कभी ऊपर आबेला

ABHAY
08-01-2011, 06:16 AM
सभी लोगन के जय भोजपुरीया नमस्कार :hi::hi:

khalid
08-01-2011, 07:29 AM
सभी लोगन के जय भोजपुरीया नमस्कार :hi::hi:

नमस्कार बाबु कैसन हो ...!

ABHAY
08-01-2011, 07:34 AM
नमस्कार बाबु कैसन हो ...!

ठीक है भाया अपन हाल सुनाव हो

khalid
08-01-2011, 09:30 AM
ठीक है भाया अपन हाल सुनाव हो

अपनी का कहेँ बबुआ
ई जाडा ससुरा तो कम होने का नाम भी ले रहन हैँ

YUVRAJ
08-01-2011, 10:19 AM
अहा हा हा हा ...:lol:... जाड़ा...:eek:
चापके दूध मलाई और घी खाल खालिद भाई जी ,
नाहीं त गर्मीया में खईबा त पेटवो खराब कैदी ...;):pअपनी का कहेँ बबुआ
ई जाडा ससुरा तो कम होने का नाम भी ले रहन हैँ

khalid
08-01-2011, 11:36 AM
अहा हा हा हा ...:lol:... जाड़ा...:eek:
चापके दूध मलाई और घी खाल खालिद भाई जी ,
नाहीं त गर्मीया में खईबा त पेटवो खराब कैदी ...;):p

पहले बता दिए होते तो गर्मीए से सुरु कर देते
अब ससुरा तो काम भी गर्मीए मेँ करी ना

ABHAY
08-01-2011, 01:24 PM
पहले बता दिए होते तो गर्मीए से सुरु कर देते
अब ससुरा तो काम भी गर्मीए मेँ करी ना

हा हा बात त रउआ ठीके कहली लेकिन का बताई ये भईया ससुरी इ ठंडी में हात सही से कामे न करे ला हो त लिखाई कइसे

pankaj bedrdi
08-01-2011, 01:48 PM
का हाल बा अभय भाई कैइसे कटता दिन रात हमरो के याद कलिहा आगे बताव

ABHAY
08-01-2011, 01:55 PM
का हाल बा अभय भाई कैइसे कटता दिन रात हमरो के याद कलिहा आगे बताव

काहे न तू त हमेसा रजाई में घुसल रहेला त हम का बताई ! आ इ ठंडा में त रोजे लकरी चोरा के काट रहल बानी और उकरा के जला के ताप रहली है तुहो एहे काम कर (मजाक):party::party:

khalid
08-01-2011, 02:33 PM
हा हा बात त रउआ ठीके कहली लेकिन का बताई ये भईया ससुरी इ ठंडी में हात सही से कामे न करे ला हो त लिखाई कइसे

अरे बाबा लैकन लोगन के यही उम्र मेँ यह हाल बा .:omg:
हमनी के उम्र मेँ का हाल होई

ABHAY
08-01-2011, 02:43 PM
अरे बाबा लैकन लोगन के यही उम्र मेँ यह हाल बा .:omg:
हमनी के उम्र मेँ का हाल होई

अब का कही ये बुदउ इहे त उम्र बा सबकुछ करे के

pankaj bedrdi
08-01-2011, 04:48 PM
काहे न तू त हमेसा रजाई में घुसल रहेला त हम का बताई ! आ इ ठंडा में त रोजे लकरी चोरा के काट रहल बानी और उकरा के जला के ताप रहली है तुहो एहे काम कर (मजाक):party::party:

हा हा हा हा चले इहो बात ठिके बा

pankaj bedrdi
08-01-2011, 04:48 PM
काहे न तू त हमेसा रजाई में घुसल रहेला त हम का बताई ! आ इ ठंडा में त रोजे लकरी चोरा के काट रहल बानी और उकरा के जला के ताप रहली है तुहो एहे काम कर (मजाक):party::party:

हा हा हा हा चल इहो बात ठिके बा

ABHAY
27-03-2011, 02:06 PM
ये भोजपुरीया भाई सब कहा बैठल बरु सन हो तानी इहो आवल करी न :banalama:

Bholu
28-03-2011, 04:56 AM
ये भोजपुरीया भाई सब कहा बैठल बरु सन हो तानी इहो आवल करी न :banalama:

ऐ भाईया ई का बात हावे हमका अकेला छोड दीनी

ABHAY
28-03-2011, 09:42 AM
ऐ भाईया ई का बात हावे हमका अकेला छोड दीनी

न हो भाई हमनी के सब अकेले छोर देहले बा हम केकरो के न छोरली

Bholu
28-03-2011, 09:45 AM
न हो भाई हमनी के सब अकेले छोर देहले बा हम केकरो के न छोरली

तो हमाई भी प्रतिज्ञा बाडे
माढेका का साथ दीनी बा

pankaj bedrdi
28-03-2011, 09:54 AM
हमुऽऽ आ गइनी ऐहीजा

Bholu
28-03-2011, 10:01 AM
हमुऽऽ आ गइनी ऐहीजा

सुस्वागतम् दिल की बेदर्दी बा

pankaj bedrdi
28-03-2011, 10:16 AM
सुस्वागतम् दिल की बेदर्दी बा

इ कइसे भोलु

Bholu
28-03-2011, 10:20 AM
इ कइसे भोलु

ओहो उ ऐईसे
आखबा न रोबत बानी दिल भी तेरे प्यार मे रोबत बानी

ABHAY
28-03-2011, 10:47 AM
ओहो उ ऐईसे
आखबा न रोबत बानी दिल भी तेरे प्यार मे रोबत बानी

हमहू एअठने बानी क्या होत है हो :cryingbaby:

Bholu
28-03-2011, 10:53 AM
पकँज बा ए पकँज बा

ABHAY
28-03-2011, 11:03 AM
पकँज बा ए पकँज बा

का हो केकरा गेदाल कर रहल बा

Bholu
28-03-2011, 11:18 AM
का हो केकरा गेदाल कर रहल बा

तनिक शान्ति रखा
ज्यादा बकरोली न करलवा

ABHAY
28-03-2011, 11:24 AM
तनिक शान्ति रखा
ज्यादा बकरोली न करलवा

का हो तू बहुत बोल रहल बानी तोहरा के जल्दी से शादी करबाबे के परी!

Bholu
28-03-2011, 11:52 AM
का हो तू बहुत बोल रहल बानी तोहरा के जल्दी से शादी करबाबे के परी!

क्षमा चही हूँ गुरू देउ

pankaj bedrdi
28-03-2011, 02:16 PM
क्षमा चही हूँ गुरू देउ

काहे हो क्षमा कहे माँग तार

Bholu
28-03-2011, 02:19 PM
काहे हो क्षमा कहे माँग तार

दाऊ हमका अभी 5 साल ब्याह न रचाहे

Bholu
30-03-2011, 06:16 PM
ये भोजपुरीया भाई सब कहा बैठल बरु सन हो तानी इहो आवल करी न :banalama:

करी करी अभय भाईया

Bholu
30-03-2011, 11:15 PM
कोई है कया ई सूत्र मा

Bholu
30-03-2011, 11:16 PM
कोई है कया ई सूत्र मा

लागत है सबहो भाग बानी

pankaj bedrdi
01-04-2011, 10:21 AM
जय भोजपुरी केहु बा

Bholu
01-04-2011, 10:47 AM
जय भोजपुरी केहु बा

ई का इतने दिन बाद आबा भाईया

Bholu
06-04-2011, 01:05 AM
जय भोजपुरी केहु बा

कैसन हो भाई

झटका
09-05-2011, 08:08 AM
यहाँ अब कौनो न आव ता का भाई
हम बड़ी परेशान हईं.....जोरू रुसल बा ...आजकल बातो नइखे होव ता

Bholu
09-05-2011, 10:07 AM
यहाँ अब कौनो न आव ता का भाई
हम बड़ी परेशान हईं.....जोरू रुसल बा ...आजकल बातो नइखे होव ता

आप कौन बोलत बानी