PDA

View Full Version : लाल मिर्च ..


soni pushpa
30-04-2015, 03:14 PM
लाल मिर्च : 1 मिनट में रोके हार्ट अटैक ..

(पाठकों से निवेदन है की यहाँ जानकारी नेट द्वारा प्राप्त की गई है मैंने नहीं लिखी )


किसी को हार्ट अटैक आता देखकर घबरा जाना स्वाभाविक है। परंतु बिना धैर्य खोए आप मरीज की जान बचाने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं। क्या आप जानते हैं एक ऐसा उपाय जिसका असर एक मिनट में होता है और मरीज की जान बच सकती है।



लाइफस्टाइल में बड़े पैमाने पर आ चुके बदलाव ने ह्रदय की कार्यक्षमता को प्रभावित किया है। हार्ट अटैक की घटनाओं में पिछले कुछ सालों में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है। ऐसे मौकों पर मरीज की हालत देखकर आसपास के लोग डर जाते हैं। इस घबराहट के बीच सिर्फ व्यक्ति को अस्पताल ले जाने का खयाल दिमाग में कौंधता है। परंतु मरीज की बिगड़ती हालत के चलते कुछ उपाय भी अपनाए जाना जरूरी हैं। जिससे अस्पताल पहुंचने के पहले मरीज़ की जान बचाई जा सके। अधिकतर लोग इस बात से अनजान रहते हैं हर घर में एक ऐसा पदार्थ मौजूद है जो एक मिनिट में हार्ट अटैक से मरीज़ की जान बचा सकता है।

cayenne pepper यानी लाल मिर्च हर भारतीय घर में रसोई का में पाया जाने वाला एक खास मसाला है। अगर आपके आसपास किसी को हार्ट अटैक आया है तो आपके पास लाल मिर्च के रूप में एक मिनट में जान बचाने का आसान और कारगर उपाय मौजूद है।

soni pushpa
30-04-2015, 03:16 PM
लाल मिर्च के खास गुणों के चलते इस पर कई शोध किए जा चुके हैं। शोधकर्ताओं के सामने इसके कई आश्चर्यजनक पहलू सामने आए हैं। एक प्रसिद्ध हर्बल उपायों से चिकित्सा करने वाले डॉक्टर ने माना है उनके 35 साल के लंबे करियर में उनके पास आए सभी हार्ट अटैक मरीजों की जान बचाई जा सकी। जिसमें लाल मिर्च के इस्तेमाल से बना एक घोल सबसे ज्यादा कारगर साबित हुआ। लाल मिर्च के खास गुण इसमें पाए जाने वाले स्कोवाइल ( Scoville ) की वजह से होते हैं। लाल मिर्च में कम से कम 90,000 युनिट स्कोवाइल पाया जाता है।

अगर आप किसी को भी हार्ट अटैक आते देखते हैं तो एक चम्मच लाल मिर्च एक ग्लास पानी में घोलकर मरीज को दे दीजिए। एक मिनट के भीतर मरीज की हालत में सुधार आ जाएगा। इस घोल का असर सिर्फ एक अवस्था में होता है जिसमें मरीज का होश में होना आवश्यक है।

ऐसे हालात जिनमें मरीज बेहोशी की हालत में हो दूसरे उपाय को अपनाया जाना बेहद जरूरी है। लाल मिर्च का ज्यूस बनाकर इसकी कुछ बूंदें मरीज की जीभ के नीचे डाल देने से उसकी हालत में तेजी से सुधार आता है

soni pushpa
30-04-2015, 03:20 PM
लाल मिर्च में एक शक्तिशाली उत्तेजक पाया जाता है। जिसकी वजह से इसके उपयोग से ह्रदय गति बढ़ जाती है। इसके अलावा रक्त का प्रवाह शरीर के हर हिस्से में होने लगता है। इसमें हेमोस्टेटिक (hemostatic) प्रभाव होता है जिससे खून निकलना तुरंत बंद हो जाता है। लाल मिर्च के इस प्रभाव के कारण हार्ट अटैक के दौरान मरीज़ को ठीक होने में मदद मिलती है।

हार्ट अटैक से बचाव के लिए तुंरत उपयोग करने हेतु एक बेहद कारगर घोल बनाकर रखा जा सकता है। लाल मिर्च पाउडर, ताज़ी लाल मिर्च और वोदका (50 % अल्कोहल के लिए) के इस्तेमाल से यह घोल तैयार किया जाता है।

कांच की बोतल में एक चौथाई हिस्सा लाल मिर्च से भर दीजिए। इस पाउडर के डूबने जितनी वोदका इसमें मिला दीजिए। अब मिक्सर में ताजी लाल मिर्च को अल्कोहल के साथ में सॉस जैसा घोल तैयार कर लीजिए। इस घोल को कांच की बोतल में बाकी बचे तीन चौथाई हिस्से में भर दीजिए। अब आपकी बोतल पूरी तरह से भर चुकी है। कांच की बोतल को कई बार हिलाइए। इस मिश्रण को एक अंधेरी जगह में दो हफ्तों के लिए छोड दीजिए। दो हफ्तों बाद इस मिश्रण को छान लीजिए। अगर आप ज्यादा असरकारक मिश्रण चाहते हैं तो इस घोल के तीन माह के लिए अंधेरी जगह पर छोड़ दीजिए।


हार्ट अटैक आने के बाद होश में बने रहने वाले मरीज़ को इस मिश्रण की 5 से 10 बूंदें दी जानी चाहिए। 5 मिनट के अंतराल के बाद फिर से उतनी मात्रा में यह घोल मरीज को दिया जाना चाहिए। 5 मिनिट के अंतराल के साथ मरीज की हालत में सुधार आने तक यह प्रक्रिया दोहराई जा सकती है। अगर मरीज बेहोश है तो उसकी जीभ के नीचे इस मिश्रण की 1 से 3 बूंदे डाल दी जानी चाहिए। इस प्रक्रिया को तब तक दोहराया जाना चाहिए जब तक मरीज की हालात में सुधार न आ जाए।

वैज्ञानिक शोधों से साबित हो चुका है लाल मिर्च में 26 अलग प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। कैल्शियम, ज़िंक, सेलेनियम और मैग्निशियम जैसे शक्तिशाली तत्वों से भरपूर लाल मिर्च में कई मिनरल के अलावा विटामिन सी और विटामिन ए की भी भरपूर मात्रा होती है। हर भारतीय घर में मसाले का अभिन्न हिस्सा लाल मिर्च में ह्रदय को स्वस्थ रखने के कुछ बेहद खास और विस्मयकारी गुण पाए जाते हैं। किसी भी तरह की ह्रदय संबंधी समस्या से बचने में लाल मिर्च बहुत कारगर है।


चेतावनी : यह आलेख वैज्ञानिक शोध के आधार पर तैयार किया गया है। इस संबंध में अभी अन्य शोध जारी है। यह महज एक तात्कालिक उपाय हो सकता है स्थायी उपचार नहीं। गंभीर स्थिति में चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

rafik
30-04-2015, 05:25 PM
Upyogi jankari

Deep_
30-04-2015, 08:34 PM
रोचक जानकारी!

soni pushpa
30-04-2015, 10:45 PM
upyogi jankari

थैंक्स भाई ...................

soni pushpa
30-04-2015, 10:45 PM
रोचक जानकारी!

थैंक्स दीप जी ....