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View Full Version : ॰ अधुरी कहानी ॰


khalid
12-12-2010, 10:41 PM
दोस्तोँ हमलोगोँ के जिन्दगी मेँ कोई ना कोई ऐसा वाक्या जरुर आता हैँ
जो एक अधुरी कहानी बनकर रह जाता हैँ
जाहेँ वो प्यार हो जाहे वो कैरियर हो या दोस्त या आसपास की कोई भी कहानी होँ या आप ऐसे भी कुछ कहानी अपने तरफ से पोस्ट कर सकतेँ हैँ

khalid
12-12-2010, 10:52 PM
शुरुआत करता हुँ मैँ गाँव के एक सीधा तो नहीँ कह सकतेँ हैँ
लेकिन प्यार का इजहार करना उसे नहीँ आता था
शायद उसे ड़र लगता था उसके लायक हैँ भी या नहीँ या वो मना करदेगी या फिर उसे जमाने का डर था
ऐसा था वो लड़का
और लड़की बहुत हीँ ज्यादा खुबसुरत थी
आज के जमाने से अलग बिल्कुल सादा तरीके से कपड़े पहनना रंग ऐसा जैसे दुध मेँ चुटकी भर सिँदुर मीला दिया हो
और उपर से कप्युटर टीचर लड़के को देखकर सभी कहते थे अच्छा हैँ
लेकिन लड़का बहुत हीँ कम पढा लिखा था
पाँच क्लास पढा हुआ
यहीँ बात उसे उस लड़की से कुछ कह नहीँ पाया

khalid
12-12-2010, 11:06 PM
चलिए असली बात सुनाता हुँ
उस लड़के की आदत आज के जमाने के तरह था रात देर तक जागना सुबह देरतक सोना
एक दिन अचानक वो लड़का जल्दी सो कर उठ जाता हैँ
और अपने दोस्त के तरफ निकल जाता हैँ
सभी दोस्त बैठ कर चाय पीते हुए बात करने लगता हैँ इतने मेँ वो लड़की पीले रंग का सुट पहन कर सामने से गुजरने लगती हैँ
उसे देख कर लड़का अपने दोस्तोँ से पुछता हैँ
यह लड़की कौन हैँ
उनके दोस्त बोलतेँ हैँ टीचर हैँ बच्चोँ को कम्पीयुटर सिखाती हैँ
लड़का पुछता हैँ क्या तुम मे से किसी का दोस्त हैँ या इरादा हैँ
सभी कहतेँ हैँ नहीँ तुम्हेँ दोस्ती करना हो तो कर सकते हो
लड़का कहता हैँ मैँ इनसे दोस्ती करुगाँ

khalid
12-12-2010, 11:28 PM
फिर तो अगले दिन से वो लड़का सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर तीन चार दोस्त पहले से बैठते थे उसके साथ जाकर बैठ गया और उसका इंतेजार करने लगा
जब वो आई तो लड़का उसे देख कर मुस्कुराया
लेकिन लड़की देखकर भी नजर अंदाज करके निकल गई और यह सिलसिला चलने लगा दिन हफ्ते महिना बनकर निकलने लगा सिर्फ इतवार को छोड कर लड़का हर दिन उनके आने का इंतेजार करता और देखकर मुस्कुरा देता लेकिन कभी एक कमेँट भी पास नहीँ किया

pooja 1990
13-12-2010, 04:44 AM
Kyo uske peeche pade ho.kabel ek bar muskara do muje dek kar.kasam khuda ki tumhari hi ho jau. gg

khalid
13-12-2010, 06:43 AM
इतने दिन देखने का यह नतीजा निकला की वह लड़की भी उस लड़के को देखने लगी और दुर से जब अकेला लड़के को देखते देखती तो मुस्कुरा देती
जब काफी दिन हो गया था देखते हुए
लड़के के सभी दोस्त कहने लगे अब बात करलो वो तुम्हेँ मना नहीँ करेगी लेकिन वो लड़का डरता था कहीँ वो बुरा मानकर इधर से आना बंद कर दिया तो
हालाकि इस बात के चाँस कम था

munneraja
13-12-2010, 09:04 AM
ये कौन सी फिल्म की कहानी है अनुज ?
या वाकई वास्तविक है ??

ndhebar
13-12-2010, 09:42 AM
खालिद भाई
कुछ खास मजा नहीं आया
ये प्रेम कहानी तो सौ दो सौ वर्ष पुरानी प्रतीत हो रही है

khalid
13-12-2010, 09:48 AM
खालिद भाई
कुछ खास मजा नहीं आया
ये प्रेम कहानी तो सौ दो सौ वर्ष पुरानी प्रतीत हो रही है

नहीँ निशांत भाई यह कहानी छः साल पुरानी हैँ

khalid
13-12-2010, 09:54 AM
ये कौन सी फिल्म की कहानी है अनुज ?
या वाकई वास्तविक है ??

दादा बिल्कुल वास्तविक हैँ और दादा कुछ प्रेम कहानी आँखो तक हीँ सिमट कर क्योँ रह जाता हैँ
और उसे शब्द नहीँ मिलपाता अगर शब्द मिल भी गया तो अपनी मंजिल से दुर क्योँ रह जाता हैँ एक अधुरी कहानी बनकर

khalid
13-12-2010, 10:56 AM
इतने दिन मेँ एक बात अच्छी हुई लड़का अगर साईट मेँ खडा होता था तो वो लडकी की नजरेँ उसे खोजती हुई इधर उधर देखने लगती थी
अब कभी लड़का उसे इशारा करते हुए बताता अच्छी लग रहीँ हो वो हल्के से मुस्कुराते हुई चली जाती थी
अब उसके सभी दोस्त बात करने के लिए कहते थे
लेकिन लड़का सोचता था अगर कहाँ तो बुरामान कर रास्ता बदल गई तो देखने से भी रहजाउँगा
और वो टाल जाता फिर कभी बोलकर

khalid
13-12-2010, 12:15 PM
कुछ बहुत अच्छी बातेँ भी हुई जो वो लडका कभी भुल नहीँ सकता
बरसात के दिन सुरु हो चुका था उस दिन सुबह से आँसमान मेँ बादल थे और हल्की हल्की छीटेँ भी परने लगे जब वो वहाँ पहुचाँ तो बारिश तेज होने लगी आज लड़के का कोई भी दोस्त नहीँ आया लड़का अकेला इंतेजार करने लगा भीग तो गया था पुरा
बारिश का पानी रोड के उपर जाम हो गया था
पुरी तरह से लडका फिर भी इंतेजार करने लगा
एक उसके जानने वाले ने उसे बताया यहाँ क्या कर रहे हो वो दुसरे रास्ते जा चुकी हैँ

munneraja
13-12-2010, 12:38 PM
जहां तक मेरा वास्ता गाँव से पड़ा है
यदि इतनी बात आगे बढ़ जाती है
तो गाँव में दोनों की बातें बनाना भी शुरू हो जाती हैं
और लड़की पर प्रतिबन्ध लगते देर नहीं लगती है

khalid
13-12-2010, 12:53 PM
जहां तक मेरा वास्ता गाँव से पड़ा है
यदि इतनी बात आगे बढ़ जाती है
तो गाँव में दोनों की बातें बनाना भी शुरू हो जाती हैं
और लड़की पर प्रतिबन्ध लगते देर नहीं लगती है

आपने जो कहा बिल्कुल
सवा सौलहआना सही हैँ
यह शहर की कहानी हैँ

Video Master
13-12-2010, 12:55 PM
आपने जो कहा बिल्कुल
सवा सौलहआना सही हैँ
यह शहर की कहानी हैँ
लड़का गांव का है पर कहानी शहर की है
क्यों सही कहा न खालिद भाई

khalid
13-12-2010, 01:13 PM
लड़का गांव का है पर कहानी शहर की है
क्यों सही कहा न खालिद भाई

सत्यवचन बंधु .................?

munneraja
13-12-2010, 01:21 PM
तो कहानी को आगे बढाया जाये ......

khalid
13-12-2010, 02:39 PM
तो कहानी को आगे बढाया जाये ......

बिल्कुल दादा
वह लडका उस दिन बगैर देखे हुए वापिस आगया
लेकिन उस दिन बहुत परेशान रहा
अगले दिन मौसम कुछ अच्छा था
लड़का उस दिन दोस्तोँ से अलग हटकर खडा हो गया जब वो लड़की उसके आगे से गुजरने लगी तो लड़का थोडा हिम्मत करके दुर से बोला मैँ किसी का इंतेजार करता रहा बारिश मेँ भीग कर लेकिन कुछलोगोँ को एहशाश ही नहीँ
उस दिन के बाद जितने भी दिन बरसात का मौसम रहा वो लड़की उधर से गुजरती रही
फिर भी वो लड़का उसे कुछ कह नहीँ पाया
उसके दोस्त उसे बहुत समझाया अब बोल दो लेकिन लड़का उसकी भोली और मासुम सा चेहरा देखकर कुछ कह नहीँ पाया

khalid
13-12-2010, 03:05 PM
क्योँ अगर नाराज हो गई तो जब भी कभी बात करने के लिए सोचता उसका हिम्मत जवाब दे जाता और दिल बहुत जोर जोर से धडकने लगता
और सोचता अगर कहीँ थप्पड मार दिया तो
बेइज्जती हो जाएगी मुहल्ले मेँ यहीँ सोचकर वो चुप रहता था

khalid
13-12-2010, 03:32 PM
एक दिन उसका कोई और दोस्त उसे मिलने आया उसे लेकर उसी तरफ निकल आया और बातेँ करने लगा जब साढे पाँच बजे थे तो आगे वाली गली से गुजरते हुए किसी का दुपट्टा लहराया लड़का बोला अपने दोस्त से अरे यार तुझे एक लड़की के बारे मेँ बताया था लगता वही लड़की सामने गली से गई हैँ चल तुझे दिखाता हुँ
दोनो जल्दी से गली से गुजरते हुए मेन रोड तक पहुँच गया तो देखता हैँ वहीँ लड़की थी आज तक लड़के को उसके आने का पता था जाने के बारे मेँ पहली बार देखा था
लड़की आगे आगे दोनो लड़के पिछे पिछे चलने लगा और उस के मोहल्ला और घर तक देख आया
उस दिन के बाद वो लड़की छुट्टी के टाईम भी उसी रास्ते से गुजरने लगी

khalid
13-12-2010, 05:55 PM
उसके बाद भी कई दिन ऐसा हुआ वो लड़की शाम को कभी शाम पाँच बजे कभी सात बजे आँफिस से वापिस आते हुए दिख जाती थी
लेकिन कभी कहने की कोशिश करता हिम्मत काम नहीँ करता था
अब उसके सभी दोस्त उसका मजाक उडाने लग गया
फिर भी लड़का सिर्फ एक बात कहता अभी कमसे कम देख तो सकता हुँ
लेकिन उनके दोस्त एक बात पर अर गया या तो तुम बोल दो नहीँ तो हमलोग बोल देते हैँ
और वो लड़का मना करता रहाँ

khalid
13-12-2010, 06:11 PM
आखिर एक दिन उस लड़के का एक दोस्त ने उस लड़की का रास्ता रोक कर कहा यह लड़का तुम्हेँ कुछ कहना चाहता हैँ और वो लडकी चुपचाप आँख निकाल कर गुस्से से उसके दोस्त के तरफ देखने लगी और वो लड़का हैरान होकर कभी लड़की की तरफ कभी उस दोस्त के तरफ देखने लगा चंद मिनट बाद उसे गडबड का एहशाश हुआ और अपने दोस्त को खीचकर वहाँ से हटाया और दोस्त को बहुत भला बुरा कहने लगा
और वो लड़की आँखोँ मेँ चँद कतरे लेकर चुपचाप चली गई
और लड़का अपने दोस्त को बहुत कुछ कहने लगा

khalid
13-12-2010, 07:48 PM
लड़के के दोस्त ने आखिर मेँ यह फैसला क्या मैँ उनसे माफी माँग लेगा
और शाम होने का इंतेजार करने लगा
लेकिन यह क्या वो लडकी तो शाम को तो क्या
चार दिन तक गायब रही और आई भी तो रास्ता बदल कर
जब वो लड़का और उसके दोस्त गए माफी माँगा लेकिन उस लड़की को न आना था ना वो आई उस रास्ते से
और वो लड़का सोचने लगा इस अधुरी कहानी का विलेन कौन रहा वो लड़का जिसे बहुत मौके मिले और नौ महीना भी कम रहा इजहार करने के लिए
या उसका दोस्त जो लाख मना करने के बाद भी एक शरीफ लड़की को रास्ते मेँ रोकने की कोशिश की
यह थी एक अधुरी कहानी जिसे कोई शब्द नहीँ मिला नाम देने के लिए

munneraja
14-12-2010, 11:47 AM
तो ठीक है
एक नाम मैं सुझा देता हूँ इस कहानी के लिए
क्योंकि उन दोनों में कभी कोई बात ही नहीं हुई थी
इसलिए उचित नाम है
"निःशब्द"

lalit1234
18-12-2010, 01:05 PM
एक नाम ये भी हो सकता है '' हाथ तो आई , मुंह ना लगी '' :hi:

Sikandar_Khan
19-12-2010, 02:52 AM
खालिद भाई
आपको सूत्र के लिए बधाई
आपकी अधूरी कहानी बहोत दुःख भरी है ।
मेरी भी कुछ यादेँ हैँ
जिन्हे मै जल्द ही आपके सामने पेश करुंगा

khalid
19-12-2010, 06:32 AM
खालिद भाई
आपको सूत्र के लिए बधाई
आपकी अधूरी कहानी बहोत दुःख भरी है ।
मेरी भी कुछ यादेँ हैँ
जिन्हे मै जल्द ही आपके सामने पेश करुंगा

हमसभी को आपके द्वारा पोस्ट का इंतेजार रहेगा

munneraja
20-12-2010, 11:27 AM
खालिद भाई
आपको सूत्र के लिए बधाई
आपकी अधूरी कहानी बहोत दुःख भरी है ।
मेरी भी कुछ यादेँ हैँ
जिन्हे मै जल्द ही आपके सामने पेश करुंगा
अपनी लेखनी को गति दीजिये अनुज
हम सभी को इंतजार है आपकी अधूरी कहानी का ......

lalit1234
20-12-2010, 05:43 PM
अपनी लेखनी को गति दीजिये अनुज
हम सभी को इंतजार है आपकी अधूरी कहानी का ......

मुना जी ये हमें समझ नहीं आया कि इस कहानी का नाम ''अधूरी'' है या '' अधूरी कहानी '' पहले इसका शीर्षक तय किया जाये ... क्यों कि कुछ कहानियां कभी पूरी नहीं होती हैं और उन्हें ही हम दुःख भरी यादों का नाम देते हैं :think:

munneraja
20-12-2010, 06:19 PM
मुना जी ये हमें समझ नहीं आया कि इस कहानी का नाम ''अधूरी'' है या '' अधूरी कहानी '' पहले इसका शीर्षक तय किया जाये ... क्यों कि कुछ कहानियां कभी पूरी नहीं होती हैं और उन्हें ही हम दुःख भरी यादों का नाम देते हैं :think:
यहाँ उन्ही अधूरी कहानियों को जुबान देनी हैं जो कभी पूरी नहीं हो पायी और दिल को टीस गई

lalit1234
21-12-2010, 06:04 PM
यहाँ उन्ही अधूरी कहानियों को जुबान देनी हैं जो कभी पूरी नहीं हो पायी और दिल को टीस गई

मित्र इससे आगे की कहानी मुझसे सुनो ......
'' लड़की के इतने दिन तक बात नहीं करने रास्ता बदल देने पर भी उस लड़के ने हार नहीं मानी वह स लड़की के पीछे गया , बात करने की कोशिश करता रहा......एक बार .... २ बार १० बार ....बार बार लेकिन निराशा मिली....
फिर एक दिन लड़का अपने निअत स्थान पर उसी लड़की के इंतज़ार में था , की अचानक किसी ने उसे पुकारा '' जरा सुनिए '' वह लड़की ही थी और उससे ही मुखातिब थी
लड़का चोंक गया की ये सूरज कहाँ से निकला '' जी कहिये '' उत्तर दिया
'' क्या आप मेरा एक काम कर सकते हैं '' लड़की ने पूछा
'' जी मुझे बहुत ख़ुशी होगी '' लड़का बोला
''आपको मेरे घर चलना होगा '' लड़की की आवाज़ में मिठास थी
लड़के का दिल बल्लिओं उछलने लगा '' मिला भी तो छप्पर फाड़ के , जी बिलकुल '' जवाब दिया और लड़की के घर के लिए रवाना हो गए
घर पहुँच कर लड़की ने कहा '' आप चाय लेंगे या कोफ़ी '' लड़के ने कहा ''जी तकल्लुफ की कोई बात नहीं ''
''ठीक है '' लड़की ने आवाज दी '' टोनू यहाँ आओ देखो कोन आया है नमस्ते करों बेटा ....... ये मेरा बेटा है मेरे पति एक मल्टी नॅशनल क. में काम करते हैं आज सिनेमा इवनिंग शो की उन्होंने २ टिकट बुक करा रखी थी ... पर ये टोनू एक मिनट को शांत नहीं बैठता है इसलिए आपसे मदद मांगी है ... आप को कोई ऐतराज तो नहीं होगा ''
ज ज jssssss
जी नहीं जी नहीं ......मम्म मुझे भला क्या ऐतराज हो सकता है लड़के ने फंसी सी आवाज में कहा ''
''तो ठीक है अरे आप बेठिये तो सही टोनू देखो मामा को बिलकुल भी तंग नहीं करना ....... यदि आइसे भूंख लगे तो दूध फ्रिज में रखा है प्लीज़ गरम करके इसे पिला देना मैं चलती हूँ मेरे पति मेरा इन्तजार कर रहे होंगे ''वह कह कर चली गई
लड़के के चेहरे पे कई भाव थे वह टोनू को godd में लिए सोच रहा था की KLPD shayad yahi hoti है.
इससे ज्यादा टीस भरी कथा कोई हो ही नहीं सकती

VIDROHI NAYAK
21-12-2010, 07:33 PM
मित्र इससे आगे की कहानी मुझसे सुनो ......
'' था की klpd shayad yahi hoti है.
इससे ज्यादा टीस भरी कथा कोई हो ही नहीं सकती

वाकई में एक दुखद अंत !

Sikandar_Khan
29-04-2012, 01:01 PM
काफी दिनोँ से ये सूत्र बंद पड़ा है ! कोई तो अपनी अधूरी प्रेम कहानी लिखे |

Kalyan Das
29-04-2012, 02:56 PM
खालिद भाई
आपको सूत्र के लिए बधाई
आपकी अधूरी कहानी बहोत दुःख भरी है ।
मेरी भी कुछ यादेँ हैँ
जिन्हे मै जल्द ही आपके सामने पेश करुंगा

काफी दिनोँ से ये सूत्र बंद पड़ा है ! कोई तो अपनी अधूरी प्रेम कहानी लिखे |

भैया, पहले आप तो अपना वादा पूरा कीजिये !!!

Sikandar_Khan
29-04-2012, 03:51 PM
भैया, पहले आप तो अपना वादा पूरा कीजिये !!!

कल्याण भाई जी , आजकल समय की कमी है ! जल्द ही इस काम को अंजाम दूँगा |

ndhebar
29-04-2012, 06:55 PM
कल्याण भाई जी , आजकल समय की कमी है ! जल्द ही इस काम को अंजाम दूँगा |
शुभस्य सिघ्रम सिकंदर भाई

abhisays
10-06-2012, 11:40 AM
सिकंदर जी, अब आपकी बारी है.

Dark Saint Alaick
15-08-2012, 01:51 AM
मैं थोड़ा कन्फ्यूज़ हूं ! याद नहीं आ रहा कि घटना दरअसल कब की है ... मैं पैदा होते ही बिस्तर पर पड़े हुए सुन्दर नर्स को देख कर मुस्कराया था या कुछ बड़ा होने पर अपनी टीचर को लाइन मारने पर मां ने मेरे सर के पिछवाड़े धौल जमाया था, लेकिन रुकिए ... कुछ याद आ रहा है ... बात शायद उस समय की है, जब मैं बस्ता लेकर किसी हाई स्कूल में जाता था, न ... न ... जल्दबाजी नहीं ... मैं हाई स्कूल का स्टूडेंट नहीं था, किसी छोटी क्लास का ही था, लेकिन बड़ी क्लास को पढ़ाने वाली रूपवती टीचर ने मेरा दिल चुरा कर अपनी गोदरेज की आलमारी में छुपा लिया था ! मैं जब भी उनसे याचना करता कि मेरी धडकनें कृपया वापस कर दीजिए, वे सिर्फ मुस्करा देतीं ! बरसों गुज़र गए ... लेकिन मुझे मेरा दिल वापस नहीं मिला ! मैं आज भी उसकी तलाश में हूं ! वह मैम कहीं मिलें और उनके पास मेरा दिल नज़र आए, तो कृपया मुझे लौटाने में मदद करें ... उसके बिना मैं बिलकुल अधूरा हूं !