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View Full Version : शब्दों की माला


soni pushpa
03-11-2015, 12:47 AM
"शब्दों की माला" बड़ा अजीब लगा होगा न आपको ये सुनकर की कही शब्दों की माला भी होती होगी क्या ? क्यूंकि माला तो फूलों से बनती है किन्तु जी हाँ मैं शब्दों की माला की ही बात कर रही हूँ दोस्तों, क्यूंकि ये शब्दों की माला ही आपके व्यक्तित्व का सही आइना है क्योंकि ये माला ही आपकी मानसिक स्थिति को आपके हृदय के भावों को जताती है, आपके स्वभाव को बताती है.

शब्दों के द्वारा ही इंसान अपने मन के भावों को दूसरे इंसान तक पहुंचाता है, और जब शब्द इंसान के मुंह से निकलते हैं तब सामने वाला व्यक्ति आपके मनोभावों को पहचान पाता है आपके स्वाभाव को जान पाता है इंसानी स्वभाव का पहला पता आपके बोले शब्द बताते हैं. जब आपके बोले शब्द शालीनता से भरे होंगे, सुव्यवस्थित होंगे तो सामने वाले इंसान को तुरंत अंदाज़ा लग जायेगा की आपकी प्रकृति कैसी है, आपका स्वभाव कैसा है आप मजाकिया स्वाभाव के हो या बेहद धीर गंभीर किस्म के हो या फिर चुहल बाजी करने वाले हो या खुद को ही दुनिया का सबसे महान इंसान समझने वाले हो, याने की कुल मिलाकर ये ही कहूँगी की शब्द अपने आप में बहुत मायने रखते हैं इसलिए जब भी कुछ कहें, बोले सोच समझकर बोले.. एइसा न हो की आपके शब्द किसी को आहत कर जाएँ या फिर किसी की नज़रों से आप बिना वजह सिर्फ गलत शब्द के प्रयोग की वजह से गिर जाएँ.

यदि आपके शब्दों में दूसरो के लिए आदर,सम्मान और प्रेम होगा तो दूजे खुद बखुद आपके शब्दों को सुनने के लिए उतावले होंगे किन्तु यदि आपके शब्दों में किसी को अपमानित करने की भावना होगी या फिर कटुता होगी तो सब आपसे दूर भागेंगे क्योंकि मीठी बोली, मीठे शब्द जिसमे अपनापन हो प्रेम हो निस्वार्थता हो उसे कौन नहीं सुनना चाहेगा ?

जिस तरह से सुगन्धित फूलों की माला सबको प्रिय होती है वैसे ही सुन्दर सुसंस्कारित शब्द सबको प्रिय होते है जैसे सुगन्धित फूलो की माला सूख भी जाय फिर भी उसकी सुगंध को सब याद रख लेते हैं, वैसे ही आपके बोले सुवासित शब्द लोगो के मानस पटल पर छाये रहते हैं और इंसान भले दुनिया से चला जाय पर उसके बोले शब्दों को याद करते हैं जैसे की महान विभूतियों के शब्दों की माला को हम आज भी सुवाक्य बनाकर रोज सुबह शुभ सन्देश के साथ भेजते हैं अच्छे अवसरों पर और (आज के विचार के कोलम पर) याने देखिये की जीवन में शब्द कितना महत्व रखते है न ?

कई बार ऐसा होता है की न चाहते हुए भी कभी हंसी मजाक में कभी व्यस्तता की वजह से हम किसी को कुछ भी कह देते हैं और लोगो के मन को आपके कहे शब्द दुःख पहुचाते हैं और इससे कई बार रिश्तों में दरार आ जाती है और कई बार ये शब्द अच्छे से अच्छे संबन्ध तोड़ डालते हैं ..और कई बार दुःख के समय में आश्वासन के बोले मीठे दो शब्द इंसान को जिंदगी दे जाते हैं शायद इसलिए ही हमारी परम्परा रही है की जब किसी का दुःख का समय हो तब लोग उसे ढाढ़स बंधाने जाते हैं. किन्तु सोचिये जरा की यदि एइसे समय में बिना सोचे समझे कोई ये कह दे की जाने वाले गए अब आगे की देखो तो सामने वाले के मन में आपकी क्या छवि बनेगी ? इसलिए दोस्तों हमारे जीवनमे शब्दों का बहुत महत्व है इसका उपयोग बेहद सोच समझ कर करें

आप चाहे कितने ही बड़े विद्वान होगे, आपमें दुनिया भर का ज्ञान क्यों न हो किन्तु यदि आपके शब्द सही समय पर सही ढंग से न बोले गए तो आपकी बुध्धिमत्ता , विद्या और होशियारी का कोई अर्थ नहीं रह जाता एइसा इंसान कही भी अपना उच्च स्थान नहीं बना पाता भले ही उसका मन कितना ही साफ क्यों न हो .. इसलिए ही हमारे पूर्वज कह गए हैं ... " एईसी बानी बोलिए मन का आपा खोये औरन को शीतल करे आपही शीतल होय "

सुंदर मन के सुन्दर विचार होते है बस जरुरत है तो उसे सुन्दर शब्दों में ढालने की एकबार शब्दों की सुन्दर माला बनाइये फिर देखिये आपका जीवन भी महक उठेगा जरुरत है शब्दों की माला को सुगन्धित बनाने की ..

rajnish manga
03-11-2015, 12:35 PM
"शब्दों की माला" बड़ा अजीब लगा होगा न आपको ये सुनकर की कही शब्दों की माला भी होती होगी क्या ? क्यूंकि माला तो फूलों से बनती है किन्तु जी हाँ मैं शब्दों की माला की ही बात कर रही हूँ दोस्तों, क्यूंकि ये शब्दों की माला ही आपके व्यक्तित्व का सही आइना है क्योंकि ये माला ही आपकी मानसिक स्थिति को आपके हृदय के भावों को जताती है, आपके स्वभाव को बताती है.
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सुंदर मन के सुन्दर विचार होते है बस जरुरत है तो उसे सुन्दर शब्दों में ढालने की एकबार शब्दों की सुन्दर माला बनाइये फिर देखिये आपका जीवन भी महक उठेगा जरुरत है शब्दों की माला को सुगन्धित बनाने की ..

एक अत्यंत प्रभावशाली आलेख के लिए मैं आपको बधाई देना चाहता हूँ, बहन पुष्पा जी. आलेख में आपने आदि से अंत तक न सिर्फ रोचकता बनाये रखी है बल्कि बातचीत के व्यवहारिक पक्ष पर भी आपने बहुत सुलझे हुए तथा मन पर अपनी गहरी छाप छोड़ने वाले विचार पाठकों के साथ साझा किये हैं. आपका बहुत बहुत धन्यवाद.

soni pushpa
03-11-2015, 02:46 PM
[QUOTE=rajnish manga;556180][size=3]

एक अत्यंत प्रभावशाली आलेख के लिए मैं आपको बधाई देना चाहता हूँ, बहन पुष्पा जी. आलेख में आपने आदि से अंत तक न सिर्फ रोचकता बनाये रखी है बल्कि बातचीत के व्यवहारिक पक्ष पर भी आपने बहुत सुलझे हुए तथा मन पर अपनी गहरी छाप छोड़ने वाले विचार पाठकों के साथ साझा किये हैं. आपका बहुत बहुत धन्यवाद.


हार्दिक आभार सह बहुत बहुत धन्यवाद भाई आपके दिए गए कमेंट्स हमें बहुत प्रेरणा देते हैं की हम कुछ न कुछ लिखते रहें ये भी आपके लिखे शब्दों की माला ही तो है जो मुझ जैसे यहाँ के सभी लेखकों के प्रेरणा स्तोत्र हैं ...

rafik
04-11-2015, 03:19 PM
धन्यवाद बहिन

ndhebar
05-11-2015, 03:30 AM
सुंदर मन के सुन्दर विचार होते है

:iagree:

soni pushpa
06-11-2015, 12:15 AM
[QUOTE=rafik;556205]धन्यवाद बहिन[/QUOTE


बहुत बहुत धन्यवाद रफ़ीक भाई ... इस रचना को पसंद करने के लिए

soni pushpa
06-11-2015, 12:16 AM
:iagree:

Thanks alott ndhebar ji ....

Pavitra
06-11-2015, 10:34 PM
बिल्कुल सही कह रही हैं आप सोनी पुष्पा जी .....हमारे शब्द हमारे संस्कारों के परिचायक होते हैं .....पर आजकल लोग दूसरों की भावनाओं से पहले खुद को तवज्जो देते हैं और इसलिये अक्सर ऐसी बातें कह जाते हैं जिनसे दूसरों को ठेस पहुँचती है ।

soni pushpa
07-11-2015, 08:58 PM
बिल्कुल सही कह रही हैं आप सोनी पुष्पा जी .....हमारे शब्द हमारे संस्कारों के परिचायक होते हैं .....पर आजकल लोग दूसरों की भावनाओं से पहले खुद को तवज्जो देते हैं और इसलिये अक्सर ऐसी बातें कह जाते हैं जिनसे दूसरों को ठेस पहुँचती है ।


बहुत बहुत धन्यवाद के साथ हार्दिक आभार पवित्रा जी आपकी बहुमूल्य टिपण्णी के लिए . खुद को तव्वजो देना याने अहंकार और जहाँ अहंकार वहां कुछ अच्छा नहीं होता ..