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View Full Version : फड़णवीस जी के नाम खुला पत्र


rajnish manga
07-04-2016, 06:38 PM
फड़णवीस जी के नाम खुला पत्र
(टीवी पत्रकार रविश कुमार)

आदरणीय फड़णवीस जी,

क्या आपने ऐसा कहा है कि 'अगर आप इस देश में रहना चाहते हैं तो आपको भारत माता की जय कहना होगा वरना आपको यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है।' आपने कितनी अच्छी बात कही है, विद्या क़सम बता नहीं सकता। मैं यह जय बोलने वाली धमकी औरों से भी सुन चुका हूं। मैं पहले भी भारत माता की जय बोलता रहा हूं और आगे भी बोलूंगा पर आपसे कुछ सवाल हैं जिसके बाद जय बोलने की प्रकिया स्पष्ट हो जाएगी। इसलिए यह पत्र लिख रहा हूं। पसंद न आए तो इसे लेकर एफआईआर करवा दीजियेगा। मैं ज़मानत भी नहीं करवाऊंगा।

माननीय मुख्यमंत्री जी, क्या आप बतायेंगे कि भारत माता की जय कब बोलना है। कहां बोलना है और कितनी बार बोलना है। जब भी बोलना है एक बार बोलना है या तीन बार बोलना है। दिन भर में कितनी बार बोलना है। धीरे से बोलना है कि ज़ोर से बोलना है। सुबह उठते ही बोलना है या नहाने के बाद बोलना है। नाश्ते से पहले बोलना है या नाश्ते के बाद बोलना है। लिफ़्ट में बोलना है या पार्किंग में बोलना है। रेड लाइट पर बोलना है या ग्रीन लाइट पर बोलना है। रास्ते में बोलना है या दफ्तर पहुंचकर बोलना है। लंच में बोलना है या डिनर पर बोलना है। चाय की दुकान पर बोलना है या रेस्त्रां में बोलना है।

किसी को देखते ही बोलना है या अकेले में बोलना है। अपने से बोलना है या किसी के कहने पर बोलना है। रैली में बोलना है या वैली में बोलना है। मेट्रो रेल में कब बोलना है और भारतीय रेल में कब बोलना है। अस्पताल में कब बोलना है, दुकान में कब बोलना है। ऑपरेशन से पहले बोलना है या ऑपरेशन के बाद बोलना है। आईसीयू में बोलना है या ओपीडी में बोलना है। डॉक्टर को देखते बोलना है या नर्स को देखते बोलना है।

rajnish manga
07-04-2016, 06:40 PM
सूखा पड़ने पर बोलना है या ओला पड़ने पर बोलना है। तूफान आने पर बोलना है या भूकंप आने पर बोलना है। चीन जाकर बोलना है या जापान जाकर बोलना है। पाकिस्तान जाकर बोलना है या तुर्कमेनिस्तान जाकर बोलना है। क्यूबा जाकर बोलना है या घाना जाकर बोलना है। दूतावास में बोलना है या संयुक्त राष्ट्र में बोलना है। मेरी लिस्ट लंबी होती जा रही है, जो लोग जय बुलवाना चाहते हैं, उन्हें जय बोलने वालों के साथ ज़ुल्म नहीं करना चाहिए। जो नहीं बोलना चाहते न बोलें लेकिन जो बोलना चाहते हैं उन्हें तो दिशानिर्देश दें कि कब-कब, कहां-कहां और कैसे-कैसे बोलना है।

आपने कहा है कि जो नहीं बोलेगा उसे यहां रहने का अधिकार नहीं है। क्या आप बतायेंगे कि नहीं बोलने वाले कहां जाकर रहेंगे। वे अपने से बाहर जायेंगे या आप भिजवाने का इंतज़ाम करेंगे। विदेश मंत्रालय से वीज़ा दिलवाकर भेजेंगे या समुद्री नाव में डालकर भेजेंगे। भारत माता की जय न बोलने वालों को भिजवाने के लिए आपने अभी तक किन किन मुल्कों की पहचान की है। क्या आप पार्टी फंड से भिजवायेंगे या सरकारी फंड से।

अब उनकी बात जो बोलने के लिए तैयार हैं। मुझे लगता है जो भारत माता की जय बोलना चाहते हैं उनकी आप और आपकी सरकार घोर उपेक्षा कर रही है। आप उन्हें बोलने के बदले रहने के लिए क्या क्या देंगे। मकान देंगे या दुकान देंगे। कितने लोगों को अभी तक घर दिया है ? जय बोलने वाले कितने लोगों को नौकरी दी है? आपको पता ही होगा प्रधानमंत्री अपनी हर चुनावी सभा में भारत माता की जय बोलते हैं। उनके साथ सब बोलते हैं। जब लोगों का जोश कम पड़ता है तो प्रधानमंत्री मुट्ठी भींच कर कहते हैं कि मेरे साथ ज़ोर से बोलिये। लाखों लोग उनके साथ ज़ोर से बोलते हैं। एक बंदा भी नहीं कहता कि नहीं बोलेंगे।
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rajnish manga
07-04-2016, 06:41 PM
क्या आपने कभी प्रधानमंत्री को यह कहते सुना है कि जो नहीं बोलेगा उसे लाठी से मारेंगे, देश में नहीं रहने देंगे। आपकी बातों से लगता है कि आप अंत तक प्रधानमंत्री का भाषण नहीं सुनते हैं या तो मंच से उतर कर चले जाते हैं या आपका ध्यान कहीं और होता है। उम्मीद है आप मेरे पत्र का जवाब देंगे, जो बोलना चाहते हैं उनके लिए उचित व्यवस्था करेंगे। सारा ध्यान नहीं बोलने वाले पर ही क्यों लगा रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए कि आप न बोलने वाले को सज़ा देने में ही बिज़ी रहें और बोलने वाले को इनाम देना भूल जायें।

आपके राज्य और उसकी भाषा से प्यार करने वाला एक नागरिक..
रवीश कुमार

desaikiran
02-12-2016, 03:54 PM
Thanks for sharing this one

desaikiran
22-12-2016, 04:09 PM
Thanks for sharing this one

rajnish manga
22-12-2016, 09:46 PM
Thanks for sharing this one

Thanks for sharing this one

Thank you so much for your appreciative comments on this post, desaikiran ji.