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View Full Version : हिंदी फिल्मो के अभिनेता


teji
02-01-2011, 06:09 AM
:welcome: दोस्तों,

इस थ्रेड में मैं हिंदी फिल्मो के प्रसिद्ध नए पुराने अभिनेताओ के बारे में बात करुँगी और उनकी ज़िन्दगी से जुडी कुछ दिलचस्ब बातें बताऊंगी.

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=7677&stc=1&d=1293934127

थैंक्स.

teji
02-01-2011, 02:53 PM
अशोक कुमार

http://l.yimg.com/t/movies/movietalkies/20070813/10/ashokkumar-1b-1_1186979411.jpg

भारतीय सिनेमा जगत के युगपुरूष कुमुद कुमार गांगुली उर्फ अशोक कुमार ने अपने सदाबहार अभिनय से लगभग छह दशक तक दर्शकों को अपना दीवाना बनाया, लेकिन उन्होंने कभी ख्वाब में भी नही सोचा था कि वह अभिनेता बनेंगे।

हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री मे दादा मुनि के नाम से मशहूर अशोक कुमार का जन्म बिहार के भागलपुर शहर में 13 अक्टूबर 1911 को एक मध्यम वर्गीय बंगाली परिवार में हुआ था। अशोक कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मध्यप्रदेश के खंडवा शहर में प्राप्त की। बाद मे उन्होंने अपनी स्नातक की शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की। इस दौरान उनकी दोस्ती शशधर मुखर्जी से हुई। भाई बहनो में सबसे बड़े अशोक कुमार की बचपन से ही फिल्मों मे काम करके शोहरत की बुंलदियो पर पहुंचने की चाहत थी, लेकिन वह अभिनेता नहीं बल्कि निर्देशक बनना चाहते थे। अपनी दोस्ती को रिश्ते मे बदलते हुए अशोक कुमार ने अपनी इकलौती बहन की शादी शशधर से कर दी। सन 1934 मे न्यू थिएटर मे बतौर लेबोरेट्री असिस्टेंट काम कर रहे अशोक कुमार को उनके बहनोई शशधर मुखर्जी ने बाम्बे टॉकीज में अपने पास बुला लिया।

teji
02-01-2011, 02:54 PM
1936 मे बांबे टॉकीज की फिल्म (जीवन नैया) के निर्माण के दौरान फिल्म के अभिनेता नजम उल हसन ने किसी कारणवश फिल्म में काम करने से मना कर दिया। इस विकट परिस्थिति में बांबे टॉकीज के मालिक हिमांशु राय का ध्यान अशोक कुमार पर गया और उन्होंने उनसे फिल्म में बतौर अभिनेता काम करने की पेशकश की। इसके साथ ही 'जीवन नैया' से अशोक कुमार का बतौर अभिनेता फिल्मी सफर शुरू हो गया। 1937 मे अशोक कुमार को बांबे टॉकीज के बैनर तले प्रदर्शित फिल्म 'अछूत कन्या' में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में जीवन नैया के बाद 'देविका रानी' फिर से उनकी नायिका बनी। फिल्म मे अशोक कुमार एक ब्राह्मण युवक के किरदार मे थे, जिन्हें एक अछूत लड़की से प्यार हो जाता है। सामाजिक पृष्ठभूमि पर बनी यह फिल्म काफी पसंद की गई और इसके साथ ही अशोक कुमार बतौर अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री मे अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए। इसके बाद देविका रानी के साथ अशोक कुमार ने कई फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों में 1937 मे प्रदर्शित फिल्म इज्जत के अलावा फिल्म सावित्री (1938) और निर्मला (1938) जैसी फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों को दर्शको ने पसंद तो किया, लेकिन कामयाबी का श्रेय बजाए अशोक कुमार के फिल्म की अभिनेत्री देविका रानी को दिया गया। इसके बाद उन्होंने 1939 मे प्रदर्शित फिल्म कंगन, बंधन 1940 और झूला 1941 में अभिनेत्री लीला चिटनिश के साथ काम किया। इन फिल्मों मे उनके अभिनय को दर्शको द्वारा काफी सराहा गया, जिसके बाद अशोक कुमार बतौर अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री मे स्थापित हो गए। अशोक कुमार को 1943 मे बांबे टाकीज की एक अन्य फिल्म किस्मत में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में अशोक कुमार ने फिल्म इंडस्ट्री के अभिनेता की पांरपरिक छवि से बाहर निकल कर अपनी एक अलग छवि बनाई। इस फिल्म मे उन्होंने पहली बार एंटी हीरो की भूमिका की और अपनी इस भूमिका के जरिए भी वह दर्शको का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने मे सफल रहे। किस्मत ने बॉक्स आफिस के सारे रिकार्ड तोड़ते हुए कोलकाता के चित्रा सिनेमा हॉल में लगभग चार वर्ष तक लगातार चलने का रिकार्ड बनाया। बांबे टॉकीज के मालिक हिमांशु राय की मौत के बाद 1943 में अशोक कुमार बॉम्बे टाकीज को छोड़ फिल्मिस्तान स्टूडियों चले गए। वर्ष 1947 मे देविका रानी के बाम्बे टॉकीज छोड़ देने के बाद अशोक कुमार ने बतौर प्रोडक्शन चीफ बाम्बे टाकीज के बैनर तले मशाल जिद्दी और मजबूर जैसी कई फिल्मों का निर्माण किया। इसी दौरान बॉम्बे टॉकीज के बैनर तले उन्होंने 1949 में प्रदर्शित सुपरहिट फिल्म महल का निर्माण किया। उस फिल्म की सफलता ने अभिनेत्री मधुबाला के साथ-साथ पार्श्वगायिका लतामंगेश्कर को भी शोहरत की बुंलदियों पर पहुंचा दिया था।

teji
02-01-2011, 02:55 PM
पचास के दशक मे बाम्बे टॉकीज से अलग होने के बाद उन्होंने अपनी खुद की कंपनी शुरू की और जूपिटर थिएटर को भी खरीद लिया। अशोक कुमार प्रोडक्शन के बैनर तले उन्होंने सबसे पहली फिल्म समाज का निर्माण किया, लेकिन यह फिल्म बॉक्स आफिस पर बुरी तरह असफल रही। इसके बाद उन्होनें अपने बैनर तले फिल्म परिणीता भी बनाई। लगभग तीन वर्ष के बाद फिल्म निर्माण क्षेत्र में घाटा होने के कारण उन्होन अपनी प्रोडक्शन कंपनी बंद कर दी। 1953 मे प्रदर्शित फिल्म परिणीता के निर्माण के दौरान फिल्म के निर्देशक बिमल राय के साथ उनकी अनबन हो गई थी। जिसके कारण उन्होंने बिमल राय के साथ काम करना बंद कर दिया, लेकिन अभिनेत्री नूतन के कहने पर अशोक कुमार ने एक बार फिर से बिमल रॉय के साथ 1963 मे प्रदर्शित फिल्म बंदिनी मे काम किया यह फिल्म हिन्दी फिल्म के इतिहास में आज भी क्लासिक फिल्मों में शुमार की जाती है। 1967 मे प्रदर्शित फिल्म .ज्वैलथीफ. में अशोक कुमार के अभिनय का नया रूप दर्शको को देखने को मिला। इस फिल्म में वह अपने सिने कैरियर मे पहली बार खलनायक की भूमिका मे दिखाई दिए। इस फिल्म के जरिए भी उन्होंने दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया। अभिनय मे आई एकरुपता से बचने और स्वंय को चरित्र अभिनेता के रूप मे भी स्थापित करने के लिए अशोक कुमार ने खुद को विभिन्न भूमिकाओं में पेश किया। इनमें 1968 मे प्रदर्शित फिल्म आर्शीवाद खास तौर पर उल्लेखनीय है। फिल्म में बेमिसाल अभिनय के लिए उनको सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस फिल्म मे उनका गाया गाना रेल गाड़ी-रेल गाड़ी बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ।

teji
02-01-2011, 02:55 PM
1984 मे दूरदर्शन के इतिहास के पहले शोप ओपेरा हमलोग में वह सीरियल के सूत्रधार की भूमिका मे दिखाई दिए और छोटे पर्दे पर भी उन्होंने दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया। दूरदर्शन के लिए ही दादामुनि ने भीमभवानी बहादुर शाह जफर और उजाले की ओर जैसे सीरियल मे भी अपने अभिनय का जौहर दिखाया। अशोक कुमार को दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी नवाजा गया। पहली बार राखी 1962 और दूसरी बार आर्शीवाद 1968। इसके अलावा 1966 मे प्रदर्शित फिल्म अफसाना के लिए वह सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर अवार्ड से भी नवाजे गए। दादामुनि को हिन्दी सिनेमा के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ठ सहयोग के लिए 1988 में हिन्दी सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानितअशोक कुमार भारतीय सिनेमा के एक प्रमुख अभिनेता रहे हैं। प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार भी आपके ही सगे भाई थे। लगभग छह दशक तक अपने बेमिसाल अभिनय से दर्शकों के दिल पर राज करने वाले अशोक कुमार का निधन १० दिसम्बर २००१ को हुआ।

teji
02-01-2011, 03:03 PM
अशोक कुमार की फिल्में

1997 आँखों में तुम हो
1996 रिटर्न ऑफ ज्वैलथीफ
1996 दुश्मन दुनिया का
1996 बेकाबू
1995 जमला हो जमला
1995 मेरा दामाद
1994 यूं ही कभी
1993 आँसू बने अंगारे
1992 हमला
1991 मौत की सज़ा
1991 आधि मिमांसा
1989 ममता की छाँव में
1989 क्लर्क
1989 अनजाने रिश्ते
1989 दाना पानी
1989 सच्चाई की ताकत
1989 मज़बूर
1988 फ़ैसला
1988 भारत एक खोज
1988 इन्तकाम
1987 आवाम
1987 हिफ़ाज़त
1987 वो दिन आयेगा
1987 वतन के रखवाले
1987 प्यार की जीत
1987 मिस्टर इण्डिया
1987 जवाब हम देंगे
1987 सुपरमैन
1986 भीम भवानी
1986 प्यार किया है प्यार करेंगे
1986 दहलीज़
1986 कत्ल
1986 असली नकली
1986 शत्रु
1985 एक डाकू शहर में
1985 दुर्गा
1985 फिर आई बरसात
1985 तवायफ़
1984 दुनिया
1984 फ़रिश्ता
1984 राम तेरा देश
1984 हम लोग
1984 राजा और राना
1984 अकलमंद
1984 गृहस्थी
1984 हम रहे ना हम
1983 महान
1983 काया पलट
1983 लव इन गोआ
1983 हादसा
1983 चोर पुलिस
1983 प्रेम तपस्या
1983 बेकरार
1983 पसन्द अपनी अपनी
1983 तकदीर
1982 डायल 100
1982 चलती का नाम ज़िन्दगी
1982 संबंध
1982 शक्ति
1982 मेहंदी रंग लायेगी
1982 दर्द का रिश्ता
1982 अनोखा बंधन
1981 जय यात्रा
1981 महफ़िल
1981 मान गये उस्ताद
1981 शौकीन
1981 ज्योति
1980 सौ दिन सास के
1980 जुदाई
1980 खूबसूरत
1980 ज्योति बने ज्वाला
1980 आखिरी इंसाफ
1980 ख़्वाब
1980 साजन मेरे मैं साजन की
1980 आप के दीवाने
1980 टक्कर
1980 नज़राना प्यार का
1979 बगुला भगत
1979 जनता हवलदार
1979 अमर दीप
1978 खट्टा मीठा
1978 तुम्हारे लिये
1978 अपना कानून
1978 दो मुसाफ़िर
1978 चोर के घर चोर
1978 प्रेमी गंगाराम
1978 अनमोल तस्वीर
1978 फूल खिले हैं गुलशन गुलशन
1978 दिल और दीवार
1977 अनुरोध
1977 ड्रीम गर्ल
1977 आनंद आश्रम
1977 प्रायश्चित
1977 चला मुरारी हीरो बनने
1977 हीरा और पत्थर
1977 मस्तान दादा
1977 आनन्द आश्रम
1977 जादू टोना
1977 सफेद झूठ गुलाटी
1976 भँवर
1976 एक से बढ़कर एक
1976 शंकर दादा
1976 संतान
1976 अर्जुन पंडित
1976 आप बीती
1976 रंगीला रतन
1976 बारूद
1975 आक्रमण
1975 एक महल हो सपनों का
1975 चोरी मेरा काम
1975 मिली
1975 छोटी सी बात
1975 उलझन
1975 दफ़ा ३०२
1974 खून की कीमत
1974 पैसे की गुड़िया
1974 बढ़ती का नाम दाढ़ी
1974 उजाला ही उजाला
1974 प्रेम नगर
1974 दुल्हन
1974 दो आँखें
1973 हिफ़ाज़त
1973 टैक्सी ड्राइवर
1973 बड़ा कबूतर
1973 दो फूल
1973 धुंध
1972 दिल दौलत दुनिया
1972 राखी और हथकड़ी
1972 रानी मेरा नाम
1972 सा रे गा मा पा
1972 विक्टोरिया नम्बर २०३
1972 मालिक
1972 सज़ा
1972 गरम मसाला
1972 ज़मीन आसमान
1972 अनुराग
1972 ज़िन्दगी ज़िन्दगी
1971 अधिकार
1971 नया ज़माना
1971 दूर का राही
1971 पाकीज़ा
1971 कंगन
1971 हम तुम और वो
1970 पूरब और पश्चिम
1970 माँ और ममता
1970 सफ़र
1970 शराफ़त
1970 जवाब
1969 सत्यकाम
1969 आराधना
1969 प्यार का सपना
1969 भाई बहन
1969 इंतकाम
1969 पैसा या प्यार
1969 दो भाई
1969 आँसू बन गये फूल
1968 आशीर्वाद
1968 एक कली मुस्काई
1968 साधू और शैतान
1968 दिल और मोहब्बत
1968 आबरू
1967 ज्वैलथीफ
1967 बहू बेगम
1967 नई रोशनी
1967 मेहरबाँ
1966 अफ़साना
1966 तूफान में प्यार कहाँ
1966 ये ज़िन्दगी कितनी हसीन है
1966 दादी माँ
1966 ममता
1965 आधी रात के बाद
1965 भीगी रात
1965 ऊँचे लोग
1965 नया कानून
1965 आकाशदीप
1965 बहू बेटी
1965 चाँद और सूरज
1964 क्रॉसरोड्स
1964 चित्रलेखा
1964 पूजा के फूल
1964 बेनज़ीर नवाब
1964 फूलों की सेज
1964 दूज का चाँद
1963 बन्दिनी
1963 गृहस्थी
1963 ये रास्ते हैं प्यार के
1963 उस्तादों के उस्ताद
1963 गुमराह
1963 मेरी सूरत तेरी आँखें
1963 मेरे महबूब
1963 आज और कल
1962 आरती
1962 बर्मा रोड
1962 इसी का नाम दुनिया
1962 मेहेंदी लगी मेरे हाथ
1962 प्राइवेट सेक्रेटरी
1962 उम्मीद
1962 नकली नवाब
1962 राखी
1961 धर्मपुत्र
1961 फ्लैट नम्बर ९
1961 वारंट
1961 डार्क स्ट्रीट
1960 मासूम
1960 आँचल
1960 काला आदमी
1960 कानून
1960 हौस्पिटल
1960 कल्पना अमर
1959 धूल का फूल
1959 बाप बेटे
1959 डाका
1959 नई राहें
1959 कंगन
1959 बेदर्द ज़माना क्या जाने
1958 फ़रिश्ता
1958 कारीगर
1958 रागिनी
1958 सितारों के आगे
1958 हावड़ा ब्रिज
1958 चलती का नाम गाड़ी
1958 सवेरा
1957 शेरू
1957 एक साल
1957 तलाश
1957 बंदी शंकर
1957 उस्ताद
1957 मिस्टर एक्स
1956 भाई भाई
1956 शतरंज
1956 एक ही रास्ता
1956 इंस्पेक्टर
1955 सरदार
1955 भगवत महिमा
1955 बंदिश
1954 लकीरें
1954 समाज
1954 नाज़
1954 बादबाँ
1953 परिनीता
1953 शमशीर
1953 शोले
1952 जलपरी
1952 काफ़िला
1952 नौ बहार
1952 राग रंग
1952 बेवफ़ा
1952 बेताब
1952 सलोनी
1952 तमाशा
1952 पूनम
1951 अफ़साना
1951 दीदार
1950 खिलाड़ी
1950 समाधि
1950 निशाना
1950 मशाल
1950 संग्राम
1950 आधी रात
1949 महल
1948 पदमिनी
1947 साजन
1947 चन्द्रशेखर
1946 एट डेज़
1946 शिकारी
1945 बेगम
1945 हुमायूँ
1944 किरन
1944 चल चल रे नौजवान
1943 अंगूठी
1943 किस्मत
1943 नज़मा
1941 अंजान
1941 झूला
1941 नया संसार
1940 आज़ाद
1940 बंधन
1939 कंगन
1938 निर्मला
1938 वचन
1937 इज़्ज़त
1937 प्रेम कहानी
1937 सावित्री
1936 अछूत कन्या
1936 जन्मभूमि
1936 जीवन नया

teji
15-01-2011, 07:26 PM
दिलीप कुमार

http://s.chakpak.com/se_images/50652_-1_564_none/dilip-kumar-wallpaper.jpg


दिलीप कुमार (जन्म 11 दिसंबर, 1922) (जन्म का नाम यूसुफ़ ख़ान) हिन्दी फिल्मो के अभिनेता और भारत राज्य सभा के सदस्य है। उनहे अपने दौर का बेहतरीन अभिनेता माना जाता है, शोकनीय भूमिका के लिए मशहूर होने के कारण उन्हे 'ट्रेजीडी किंग' भी कहा जाता था। उन्हे भारतीय फिल्मो के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिया गया है, इसके अलावा पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से भी सम्मानित किया गया है।

teji
15-01-2011, 07:27 PM
दिलीप कुमार के जन्म का नाम मुहम्मद युसुफ़ खान है। उनका जन्म पेशावर (अब पाकिस्तान मे) मे हुआ था। उनके पिता मुंबई आ बसे थे, जहाँ उन्होने हिन्दी फिल्मो मे काम करना शुरू किया। उन्होने अपना नाम बदल कर दिलीप कुमार कर दिया ताकि उन्हे हिन्दी फिल्मो मे ज्यादा पहचान और सफलता मिले।

http://l.yimg.com/t/movies/movietalkies/20070812/19/dilipkumar-5b-1_1186925444.jpg

दिलीप कुमार ने अभिनेत्री सायरा बानो से 1966 मे विवाह किया। उस समय दिलीप कुमार की उम्र 44 और शायरा बानो की 22 थी। 1980 मे कुछ समय के लिए आसमा से दुसरी शादी भी की। वर्ष 2000 से वे राज्य सभा के सदस्य है।

1980 मे उन्हे सम्मानित करने के लिए मुंबई का शेरीफ घोषित किया गया। 1995 मे उन्हे दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1998 मे उन्हे पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ दिया गया।

teji
15-01-2011, 07:29 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=8248&stc=1&d=1295105323

उनकी पहली फिल्म 'ज्वार भाटा' थी, जो 1944 मे आई। 1949 मे बनी फिल्म अंदाज़ की सफलता ने उन्हे प्रसिद्धी दिलाई, इस फिल्म मे उन्होने राज कपूर के साथ काम किया। दिदार (1951) और देवदास(1955) जैसी फिल्मो मे शोकनीय भूमिकाओ के मशहूर होने के कारण उन्हे ट्रेजीडी किंग कहा गया। मुगले-ए-आज़म (1960) मे उन्होने मुगल राजकुमार जहांगीर की भूमिका निभाई। यह फिल्म पहले श्वेत और श्याम थी, और 2004 मे रंगीन बनाई गई। उन्होने 1961 मे गंगा-जमुना फिल्म का निर्माण भी किया, जिसमे उनके साथ उनके छोटे भाई नासीर खान ने काम किया।

1970, 1980 और 1990 के दशक मे उन्होने कम फिल्मो मे काम किया। इस समय की उनकी प्रमुख फिल्मे थी: विधाता (1982), दुनिया (1984), कर्मा (1986), इज्जतदार(1990) और सौदागर(1991)। 1998 मे बनी फिल्म किला उनकी आखरी फिल्म थी।

उन्होने रमेश सिप्पी की फिल्म शक्ति मे अमिताभ बच्चन के साथ काम किया। इस फिल्म के लिए उन्हे फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी मिला।

वे आज भी प्रमुख अभिनेताओ जैसे शाहरूख खा़न के प्रेरणास्रोत्र है।