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View Full Version : कुछ प्यारी कविताये बच्पन की


sagar -
09-03-2011, 03:43 PM
दोस्तों इस सूत्र में बच्पन की कविताये पेश की जायेगी जिन से हमे अपने बचपन की याद को ताजा करेगे !

sagar -
09-03-2011, 03:44 PM
मछली जल की रानी है,
जीवन उसका पानी है।
हाथ लगाओ डर जायेगी
बाहर निकालो मर जायेगी।

sagar -
09-03-2011, 03:46 PM
पोशम्पा भाई पोशम्पा,
लालकिले मे क्या हुआ
सौ रुपये की घडी चुराई।
अब तो जेल मे जाना पडेगा,
जेल की रोटी खानी पडेगी,
जेल का पानी पीना पडेगा।
थै थैयाप्पा थुश
मदारी बाबा खुश।

sagar -
09-03-2011, 03:47 PM
झूठ बोलना पाप है,
नदी किनारे सांप है।
काली माई आयेगी,
तुमको उठा ले जायेगी।

sagar -
09-03-2011, 03:48 PM
आज सोमवार है,
चूहे को बुखार है।
चूहा गया डाक्टर के पास,
डाक्टर ने लगायी सुई,
चूहा बोला उईईईईई।

Sikandar_Khan
09-03-2011, 03:49 PM
सागर जी
एक बेहतरीन सूत्र के लिए आपको दिली मुबारकबाद
आपने बचपन के दिन याद दिला दिए
आपकी इस कोसिस को मेरा सलाम

sagar -
09-03-2011, 03:55 PM
सागर जी
एक बेहतरीन सूत्र के लिए आपको दिली मुबारकबाद
आपने बचपन के दिन याद दिला दिए
आपकी इस कोसिस को मेरा सलाम
बच्पन की यादे भुलाये नही भूलती सिकन्दर भाई
वो दिन भी क्या दिन होते थे वो दिन भी क्या दिन होते थे अपनी ही मस्ती में रहते थे ना कोई चिंता होती थी ना ही कोई जिमेदारी होती थी !
कोई लोटा दे मेरे बीते हुए दिन :cryingbaby::cryingbaby:

sagar -
09-03-2011, 03:57 PM
तितली उडी, बस मे चढी।
सीट ना मिली,तो रोने लगी।।
ड्राइवर बोला आजा मेरे पास,
तितली बोली " हट बदमाश "।

sagar -
09-03-2011, 04:05 PM
आलू-कचालू बेटा कहा गये थे,
बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे।
बन्दर ने लात मारी रो रहे थे,
मम्मी ने पैसे दिये हंस रहे थे।

sagar -
09-03-2011, 04:09 PM
चन्दा मामा दूर के,
पूए पकाये भूर के।
आप खाएं थाली मे,
मुन्ने को दे प्याली मे...

sagar -
10-03-2011, 05:25 AM
http://vz.iminent.com/vz/8aabcc88-8906-44cf-994a-91fd240f33c2/1/wet.gif :elephant::elephant: :banalama::banalama:

ndhebar
10-03-2011, 11:54 AM
बहुत ही सुन्दर रचनाएं हैं
मैं तो बच्चों को सुनाने वाला हूँ