PDA

View Full Version : My hindi forum का इतिहास


Pages : [1] 2

sagar -
27-03-2011, 11:17 AM
दोस्तों इस सूत्र मे हम फोरम के इतिहास के बारे में जानेँगे


http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10779&stc=1&d=1305257812


मै अभिषेक जी और फोरम के सभी पुराने सदस्यों से अनुरोध करता हूँ की फोरम के इतिहास के बारे मे जो भी जानकारी उनके पास है
हम सब से शेयर करेँ !


नोटः सूत्र पर अनावश्यक प्रविष्टियां ,व्यर्थ के वार्तालाप ना करेँ

Bholu
27-03-2011, 11:22 AM
फोरम का इतिहास बडा रोचक , मनोरँजक ,
और उत्तम है

sagar -
27-03-2011, 11:22 AM
फोरम के पुराने सदस्यों पर भी अपनी राय दे
ताकि हम उन पुराने सदस्यों के बारे में भी थोडा कुछ जान सके उनके खट्टे मीठे अनुभव हम सभी को बताए !

Bholu
27-03-2011, 11:25 AM
फोरम को हर सदस्य ने अपना घर माना है
और एक दूसरे को अपना परिवार

sagar -
27-03-2011, 11:25 AM
फोरम का इतिहास बडा रोचक , मनोरँजक ,
और उत्तम है
भोलू में बड़ा उत्सुक हू जानने के लिए ..

VIDROHI NAYAK
27-03-2011, 11:29 AM
मेरे विचार से कोई एक ही सदस्य इस सूत्र को आगे बढाए क्योंकि इससे क्रमानुसार जानकारी सामने आएगी ! अन्य सदस्य जो भी कुछ इतिहास जानते हो वो सूत्र सदस्य को प्राईवेट सन्देश से अवगत करते रहें ! बेहतर रहेगा की सूत्र निर्माता ही इस सूत्र की अगुवाई करें !

Bholu
27-03-2011, 11:30 AM
मेरी पहचान सबसे पहले सिकन्दर जी से हुई
उसके बाद जलवा भाईया से
जहाँ तक मेरी सोच है नेट की दुनिया मे सच्चे लोग भी होते है

khalid
27-03-2011, 11:30 AM
पहले अभिषेक जी और जितेन्द्र जी कुछ बताएगेँ तभी सुत्र आगे बढेगा

sagar -
27-03-2011, 11:37 AM
पहले अभिषेक जी और जितेन्द्र जी कुछ बताएगेँ तभी सुत्र आगे बढेगा
अभी जी हमारा मार्ग दर्शन करे और बताये अपने फोरम बनाने का विचार आपको केसे आया और क्या कुछ हुआ आप के साथ

abhisays
27-03-2011, 12:00 PM
फोरम के इतिहास, काफी रोचक विषय चुना है सागर जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद. इस फोरम का इतिहास जानने के लिए हमें आज से ६ साल पहले यानी सन २००५ में जाना होगा.

फोरम के भूत के बारे में जानकार आप लोगो को काफी मज़ा आएगा, इसकी मैं उम्मीद करता हूँ.

sagar -
27-03-2011, 12:05 PM
फोरम के इतिहास, काफी रोचक विषय चुना है सागर जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद. इस फोरम का इतिहास जानने के लिए हमें आज से ६ साल पहले यानी सन २००५ में जाना होगा.

फोरम के भूत के बारे में जानकार आप लोगो को काफी मज़ा आएगा, इसकी मैं उम्मीद करता हूँ.
२००५ काफी पुराना फोरम हे
भाई मुझे पूरी उमीद हे इस सूत्र से की पराने साथी अपने दिनों की याद ताजा करने जरूर आयेगे ! और एक बार फिर से इस फोरम में अपना योगदान देगे !
मुझे लगता हे काफी रोचक होगा इसका इतिहास

abhisays
27-03-2011, 12:06 PM
फोरम की इतिहास को मैं ४ भाग में विभाजित कर रहा हूँ...

२००५-२००९ -- internet पर मेरे प्रयोग.
२००९-२०१०(oct) -- अंग्रेजी फोरम
२०१०(oct) - २०१०(dec) -- अंग्रेजी से हिंदी की तरफ यात्रा
२०११ - अभी तक -- हिंदी के विकाश में फोरम का अभूतपूर्व योगदान.

Sikandar_Khan
27-03-2011, 12:14 PM
जहां तक मेरा विचार है
फोरम ने इतने सालोँ मे प्रसिद्धी पाई थी |
उससे कहीँ अधिक
हिँदी फोरम बनने के
बाद पाई है |
अभिषेक जी अक्टूबर माह तक की जानकारी उपलब्ध कराएं |
उसके बाद मै भी इस पर लिखना चाहूंगा |

ABHAY
27-03-2011, 12:23 PM
अजी कुछ हम भी जाने फोरम के इतिहास के वारे में मुझे तो अभी तक कुछ भी पता नहीं है अभी जी आप बताये की आपके दिमाग में ये फोरम बनाने के बिचार कहा से आया और क्यों और आप कोई दूसरा बिजनस भी कर सकते थे फिर फोरम ही क्यों जरा खुल के बताये की क्या इतिहास है फोरम का

abhisays
27-03-2011, 05:35 PM
२००५-२००९.

बात सन २००५ की है तब में दितीय वर्ष का छात्र था. तब मुझे एक फोरम का आईडिया आया था, नाम रखा था इंडिया फोरम. फ्री डोमेन, फ्री वेब space पर उसे बनाया था. कुछ खास हुआ नहीं, चंद मित्र ही उसपर मेम्बर बने.

फिर मैंने अपना पहला professional वेबसाइट लौंच किया २००६ में, नाम था 100rupees.com इसमें भी एक फोरम था, यह इंजीनियरिंग स्टुडेंट के लिया एक पोर्टल था, जो की करीब १० महीने चला और पैसे और समय के अभाव में बंद करना पड़ा.

फिर अपना abhisays.com पहले एक साल तो ऐसे ही रहा लेकिन धीरे धीरे इसके पाठक बढ़ने लगे. वेबसाइट लोकप्रिय हो गया था. इससे काफी पैसे भी आने लगे थे.

फिर अपना फोरम का पुराना कीड़ा जाग गया.

abhisays
27-03-2011, 06:07 PM
दिसम्बर २००९ में हमने फोरम की नीव रखी थी.

नाम था myhindiforum.com

यह पूर्ण रूप से अंग्रेजी फोरम था और अभिसय्स.कॉम ब्लॉग और मैं वेबसाइट के जो टोपिक थें वोह यहाँ पर भी थे.

काफी जोर शोर से शुरुआत हुई, vbulletin कर original license लिया गया, सर्वर upgrade करवाया.

मगर.......................

अभी जारी है.

abhisays
27-03-2011, 06:09 PM
अजी कुछ हम भी जाने फोरम के इतिहास के वारे में मुझे तो अभी तक कुछ भी पता नहीं है अभी जी आप बताये की आपके दिमाग में ये फोरम बनाने के बिचार कहा से आया और क्यों और आप कोई दूसरा बिजनस भी कर सकते थे फिर फोरम ही क्यों जरा खुल के बताये की क्या इतिहास है फोरम का


अभय भाई, यह फोरम बिजनेस करने के लिए नहीं चलाया जा रहा है, आपको यहाँ एक भी विज्ञापन नहीं दिखाई देगा.

फोरम का आईडिया कहा से आया, इसके पीछे एक कहानी है, जल्द ही विस्तार में पोस्ट करता हूँ.

sagar -
27-03-2011, 06:42 PM
अभय भाई, यह फोरम बिजनेस करने के लिए नहीं चलाया जा रहा है, आपको यहाँ एक भी विज्ञापन नहीं दिखाई देगा.

फोरम का आईडिया कहा से आया, इसके पीछे एक कहानी है, जल्द ही विस्तार में पोस्ट करता हूँ.
अपने सही कहा अभिजी अगर बिजनेस करना होता तो विज्ञापन जरूर मिलते ..यहा पर कोई विज्ञापन नही हे :cheers::banalema:

pankaj bedrdi
28-03-2011, 02:23 PM
मेरा पहला मुलकात अभय भाइ उसके बाद सिकन्दर एवं खालिद भाइ से हुआ अब तो पुरा फोरम आपना ही है

ndhebar
28-03-2011, 02:28 PM
रोचक जानकारी है अभिषेक जी
जारी रखिये

Hamsafar+
28-03-2011, 08:47 PM
अभिषेक जी से निवेदन है की वो इसके आगे की जानकारिया भी प्रदान करें

abhisays
29-03-2011, 08:40 AM
शुरुआत तो मैंने और जितेंद्र्गर्ग ने कर दी थी अंग्रेजी फोरम की लेकिन शुरू के ९ महीने कुछ खास हुआ नहीं, इन्टरनेट पर अंग्रेजी फोरम की बहुतायत थी, और इस फोरम में कुछ नया नहीं था.

हमने कई strategy बनायीं, लोगो से बात की, दोस्तों ko मेम्बर बनवाया, लेकिन कुछ खास हुआ नहीं.

abhisays
29-03-2011, 08:41 AM
शुरू के ९ महीने में फोरम पर कुल ४००० पोस्ट हुआ और लगभग ४०० थ्रेड बने और कुल जमा ३०० सदस्य थें.

कहने का मतलब फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गयी थी. :cryingbaby:

abhisays
29-03-2011, 08:44 AM
चलिए इस बीच एक और बात बताता हूँ, २००६ में मैंने अपने एक दोस्त राजेश कुमार के साथ मिलकर एक वेबसाइट लौंच किया था नाम था उसका themithila.com यह एक सोसिअल वेबसाइट था मैथिलि लोगो के लिए. करीब यह वेबसाइट हम लोगो ने ६ महीने चलाया और लगभग २००० मेम्बर बन गए, इसका मैथिलि फोरम भी काफी अच्छा chala.

abhisays
29-03-2011, 08:46 AM
यहा से ही मेरे दीमाग में यह बात थी की अपने भाषा में लोग लिखना काफ़ी पसंद करते हैं.

sagar -
29-03-2011, 08:46 AM
शुरू के ९ महीने में फोरम पर कुल ४००० पोस्ट हुआ और लगभग ४०० थ्रेड बने और कुल जमा ३०० सदस्य थें.

कहने का मतलब फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गयी थी. :cryingbaby:
कुछ खास सदस्यों के बारे में भी बताये जो जो पहले जुड़े थे फोरम पर

abhisays
29-03-2011, 08:48 AM
कुछ खास सदस्यों के बारे में भी बताये जो जो पहले जुड़े थे फोरम पर

बिल्कुल उसी पर जा रहा हू

abhisays
29-03-2011, 08:54 AM
फोरम के शुरुआती दौर के नियामक

1. abhishek
2. jitendragarg
3. pratul
4. ajaypathak
5. atul

जितेंद्रगर्ग को फोरम में काफ़ी इंटेरेस्ट है, एक तरह से इनको आप फोरम का आर्किटेक्ट बोल सकते हैं. यह शुरू से ही फोरम से जुड़े हुए हैं.

प्रतुल मेरे साथ ऑफीस में काम करता था. वो भी शुरुआत दीनो में फोरम में काफ़ी सक्रिय था.

अतुल और अजय ने भी शुरू में कुछ योगदान दिया था

abhisays
29-03-2011, 08:54 AM
केवल मैं और जितेंद्रा ही आख़िर तक मोर्चा संभाले रहे.

abhisays
29-03-2011, 08:59 AM
पुराने दौर के सदस्य..

1. madhu
2. imtiaz
3. sony
4. swahil
5. gaurav
6. sudhir
7. sumit
8. neha

यह कुछ पुराने सदस्य है जिन्होने फोरम की नीव रखने में हम लोगो की मदद की थी.

abhisays
29-03-2011, 09:33 AM
august-september २०१० में फोरम में काफ़ी कम पोस्ट हुए, तो हम लोगो ने सोचा की अब कुछ खास बचा नही है फोरम में, अगर इसे चलाना है तो कुछ नया करना होगा, तो हमने इसमे गेम का विभाग जोड़ा, इससे कुछ फ़ायदा हुआ हुआ, नये लोग जुड़े लेकिन वो गेम ही खेलते रहते थे. फोरम में पोस्ट करने में उनकी रूचि नही थी.

abhisays
29-03-2011, 09:38 AM
फोरम के उस दौर में अधिकतर सदस्य गूगल से ही आते थे, फोरम अँग्रेज़ी में था, तो गूगल आदसेँसे भी हमने चिपका रखा था, लेकिन सदस्यो का योगदान कम ही रहता था, धीरे धीरे हम लोगो का ही रुझान फोरम के प्रति कम हो रहा था.

abhisays
29-03-2011, 09:40 AM
इस बीच मैने भारतीय फोरुमो की बारे में जानकारी ली तो पता चला भारत में जनरल टॉपिक पर कोई भी फोरम अच्छा नही चल रहा है, सब जैसे तैसे ही हैं.

abhisays
29-03-2011, 09:44 AM
फिर कुछ पता नही चल रहा था, हिन्दी फोरम का आइडिया तो दूर दूर तक दीमाग में नही था.

फिर एक दिन मैने देखा aksh जी और jalwa जी फोरम पर आपस में ही हिन्दी में ही बात कर रहे हैं, हमे आश्चर्य हुआ, यह कैसे हो रहा है, फिर उन लोगो ने ही बताया की हिन्दी में कैसे लिखा जाता है फोरम पर..

abhisays
29-03-2011, 09:47 AM
अब सिकंदर जी फोरम का इतिहास आगे बढ़ाए. मैं बीच बीच में अपने तरफ से भी कुछ कुछ जोड़ता रहूँगा.

pankaj bedrdi
29-03-2011, 10:45 AM
बहुत उम्मिदा जनकारी अभि जी

khalid
29-03-2011, 11:24 AM
मुझे अक्ष यानी अनिल भैया का pm मीला किसी और फोरम पर मुझे बताया उन्होने अनुज जलवा जी ने एक फोरम ज्वाईन किया हैँ और हिन्दी लिखने मेँ वहाँ कोई प्राब्लम नहीँ हैँ आकर ज्वाईन करो सिकन्दर भाई भी आरहे हैँ बाकी जिनलोगो के पास जिनका नम्बर था सभी एक दुसरे को बताते जले गए

abhisays
30-03-2011, 07:47 AM
यह सूत्र फिर से २ अप्रैल को खोला जायेगा.

Kumar Anil
02-04-2011, 09:14 AM
यह सूत्र फिर से २ अप्रैल को खोला जायेगा.

सूत्र पुनः खोले जाने पर बधाई । पुराने लोगोँ मेँ सुधीर जी से मैँ काफी प्रभावित हुआ । उनकी संवेदनाओँ ने मुझे भी झकझोरा । एक इन्जीनियर की भावनायेँ , उसकी संवेदनायेँ जब कविताओँ के माध्यम से बाहर आती हैँ तो चिन्तन बन जाती हैँ , हमारे लिये महत्वपूर्ण हो जाती हैँ । क़ाश वो इस फोरम पर पुनः सक्रिय होँ ।

Hamsafar+
02-04-2011, 09:57 AM
अति उत्तम कार्यवाही आगे बढाई जाये

sagar -
03-04-2011, 04:56 PM
सिकन्दर भाई सूत्र को आगे बढाये और बताये क्या -२ हुआ फोरम पर अच्छा या बुरा सभी अनुभव शेयर करे

pankaj bedrdi
03-04-2011, 05:04 PM
सुत्र को आगे बढाओ दोस्तो

Hamsafar+
03-04-2011, 05:37 PM
यहाँ तो कोई कुछ लिख ही नहीं रहा ???? क्या हुआ ????

abhisays
03-04-2011, 05:38 PM
यहाँ तो कोई कुछ लिख ही नहीं रहा ???? क्या हुआ ????


सिकंदर जी कहाँ हैं?

Hamsafar+
03-04-2011, 05:41 PM
सिकंदर जी कहाँ हैं?
वरखा रानी के इंतज़ार में गीत छाप रहे हैं !

sagar -
03-04-2011, 05:45 PM
वरखा रानी के इंतज़ार में गीत छाप रहे हैं !
हमसफर भाई आप भी काफी कुछ जानते हो इतिहास के बारे में काफी पुराने सदस्य हो आप भी कुछ बताये हमे !

Sikandar_Khan
03-04-2011, 06:09 PM
चलिए अब फोरम के इतिहास की सुरुवात करी जाये
दिनांक २८/१०/२०१० ये दिन फोरम के इतिहास में सुनहरे पन्नों में लिखा जायेगा
वैसे तो हम सभी किसी अन्य फोरम के बाशिंदे थे
लेकिन एक प्रलय में हम सबका आशियाना उजाड गया
भटकते भटकते हम सबने इस फोरम पर अपना बेडा डाला
वैसे तो सबसे पहले जलवा जी ने दिनांक २७/१०/२०१० को फोरम ज्वाइन किया
उसी दिन अक्ष जी ने भी फोरम पर सदस्यता ग्रहण की ......
शेष अगले प्रविष्टि पर

Sikandar_Khan
03-04-2011, 06:30 PM
दिनांक २८/१०/२०१० तक फोरम पर सिर्फ ५०० सदस्य और लगभग ५००० प्रविष्टियाँ थी
फोरम पर उस समय (abhisays) अभिषेक जी प्रशासक ,जीतेन्द्र जी ,टेक्निकल सपोर्ट
और अभिषेक जी की एक और id (abhishek) के नाम से थी जो की इस फोरम के नियामक पद पर थे

sagar -
03-04-2011, 06:32 PM
जारी रहो भाई मजा आ रहा हे ...

Sikandar_Khan
03-04-2011, 06:41 PM
फोरम पर पहले सभी सूत्र रोमन या अंग्रेजी भाषा में बने थे |
जलवा जी ने २७/१०/२०१० को सबसे पहला सूत्र "दोस्तों की चौपाल" (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=992) हिंदी में बनाया
जिस पर जलवा जी और अक्ष जी ने हिंदी में वार्तालाप चालू करी
और उन्होंने कहा था की कल का नज़ारा कुछ और ही होगा |
लेकिन हिंदी में लिखनें के कारण जलवा जी को जीतेन्द्र जी द्वारा सन्देश मिला की ये एक अंग्रेजी फोरम है |
आप अंग्रेजी में लिखें इस बारे में जलवा जी ने अभिषेक जी से बात करी
इस पर अभिषेक जी ने अपनी सहमति जताते हुवे कहा आप हिंदी में लिख सकते हैं और अपने मित्रों को भी आमंत्रित करें |
हम धन्यवाद देना चाहेंगे अभिषेक जी का जिन्होंने हमें अपने विचार व्यक्त करने के लिए इतना अच्छा मंच दिया |

abhisays
03-04-2011, 06:50 PM
फोरम पर पहले सभी सूत्र रोमन या अंग्रेजी भाषा में बने थे |

जलवा जी ने २७/१०/२०१० को सबसे पहला सूत्र "दोस्तों की चौपाल" (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=992) हिंदी में बनाया
जिस पर जलवा जी और अक्ष जी ने हिंदी में वार्तालाप चालू करी
और उन्होंने कहा था की कल का नज़ारा कुछ और ही होगा |
लेकिन हिंदी में लिखनें के कारण जलवा जी को जीतेन्द्र जी द्वारा सन्देश मिला की ये एक अंग्रेजी फोरम है |
आप अंग्रेजी में लिखें इस बारे में जलवा जी ने अभिषेक जी से बात करी
इस पर अभिषेक जी ने अपनी सहमति जताते हुवे कहा आप हिंदी में लिख सकते हैं और अपने मित्रों को भी आमंत्रित करें |

हम धन्यवाद देना चाहेंगे अभिषेक जी का जिन्होंने हमें अपने विचार व्यक्त करने के लिए इतना अच्छा मंच दिया |




यहाँ मैं अपनी टिपण्णी करना चाहूँगा.

मैं और जीतेन्द्र हमेशा बात करते थे की यार अपनी फोरम पर बहुत कम लोग हैं, क्या किया जाये, तो मैं जीतेन्द्र से सवाल पूछता था की हमें कुछ अलग करना होगा, कुछ different जो की अन्य फोरम पर ना हो,

और यह आईडिया हमें आ गया जब जलवा जी और अक्ष जी यहाँ चौपाल नाम का सूत्र बनाकर हिंदी में वार्तालाप कर रहे थें.

हमें लगा, बॉस हिंदी से ही कुछ हो सकता है, तब इन्टरनेट पर, या कहिये अभी भी हिंदी मंचो भी घोर कमी है.

फिर तो सब कुछ हिंदी में हो गया.

अंग्रेजी से हिंदी की और जाना एक बहुत ही सही निर्णय था.

abhisays
03-04-2011, 06:55 PM
अक्ष जी का यह पोस्ट पड़ कर लगता है मानो कल ही बात हो.

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9811&stc=1&d=1301838896

abhisays
03-04-2011, 07:00 PM
http://myhindiforum.com/showthread.php?t=508

यह एक सूत्र जो हिंदी में था, जलवा जी गूगल की सहायता से सबसे पहले यही आये थे.

sagar -
03-04-2011, 07:07 PM
http://myhindiforum.com/showthread.php?t=508

यह एक सूत्र जो हिंदी में था, जलवा जी गूगल की सहायता से सबसे पहले यही आये थे.
जितने जायदा सूत्र होगे अलग -२ विषये पर उतने जायदा चांस होते हे सदस्यों की संख्या बढने की

:banalema::banalema::banalema:

abhisays
03-04-2011, 07:13 PM
यह पोस्ट था जिसमे जीतेन्द्र जी ने जलवा जी और अक्ष जी को इंग्लिश में लिखने के लिए कहा था.

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9812&stc=1&d=1301839887

naman.a
03-04-2011, 07:25 PM
बहुत ही रोचक जानकारी । फ़ोरम के आगाज के बारे मे जानकर अच्छा लगा । मुझे भी इस फोरम का पता हमसफ़र जी के माध्यम से मिला जब उनसे बात हूई ।

Hamsafar+
03-04-2011, 07:40 PM
मुझे सिकंदर जी के माध्यम से मोबाइल पर सन्देश मिला , सन्देश मिलने के तुरंत बाद मेने इस फोरम को जोइन किया !
मुझे यहाँ लाने का श्रेया सिकंदर जी को जाता है !

Hamsafar+
03-04-2011, 07:43 PM
हमसफर भाई आप भी काफी कुछ जानते हो इतिहास के बारे में काफी पुराने सदस्य हो आप भी कुछ बताये हमे !
सागर भाई हमसे पहले सिकंदर जी यहाँ आये थे, और आज फोरम पे उपयोगी पद पर भी कार्यरत है, प्रबंधन ने भी ये कार्य उनको सोपा है ,उनके करकमलों से ही ये कार्य होने दीजिये ... धन्यवाद

Sikandar_Khan
04-04-2011, 07:16 AM
मुझे सिकंदर जी के माध्यम से मोबाइल पर सन्देश मिला , सन्देश मिलने के तुरंत बाद मेने इस फोरम को जोइन किया !
मुझे यहाँ लाने का श्रेया सिकंदर जी को जाता है !

सागर भाई हमसे पहले सिकंदर जी यहाँ आये थे, और आज फोरम पे उपयोगी पद पर भी कार्यरत है, प्रबंधन ने भी ये कार्य उनको सोपा है ,उनके करकमलों से ही ये कार्य होने दीजिये ... धन्यवाद

हमसफ़र भाई
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
आप सभी के सहयोग से ही हम यहाँ तक पहुंचे हैं
इसलिए आपका सहयोग भी अपेछित है

Sikandar_Khan
04-04-2011, 07:25 AM
फोरम पर जलवा जी , अक्ष जी ने तो सदस्यता ले ली थी
अब सवाल था बाकि लोगों को कैसे जोड़ा जाये ?
दिनांक २८/१०/२०१० को मेरे पास अक्ष जी का फोन करीब १२.०० आया
और मुझे इस फोरम के बारे में बताया फोरम का एड्रेस दिया
मैंने तुरंत फोरम पर पंजीकरण करके सदस्यता ली
उस समय पंजीकरण की प्रक्रिया थोड़ी कठिन थी
इस फोरम पर मैंने सबसे पहली प्रविष्टि चौपाल पर १२.४२ मिनट पर करी थी |
ये है वो प्रविष्टि (http://myhindiforum.com/showpost.php?p=5311&postcount=15)

Sikandar_Khan
04-04-2011, 07:55 AM
अब जरुरत थी फोरम पर अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने की ?
मैनें सभी को मोबाइल द्वारा सन्देश भेजना चालू कर दिया
हमसफ़र , मलेथिया ,विडियो मास्टर , जीत ,अभय , चाचा चौधरी जी जय भाई को निमंत्रण भेज दिया
अक्ष जी ने मुन्ने राजा ,गुल्लू ,खालिद भाई ,शाम भाई को निमंत्रण भेज दिया था
मेरे बाद फोरम पर आने वाले सदस्य जीत भाई थे .................

Hamsafar+
04-04-2011, 12:28 PM
सिकंदर जी से अनुरोध है की इस सूत्र को gati प्रदान करें

bhoomi ji
08-04-2011, 09:49 PM
फोरम का इतिहास आगे क्यों नहीं बडाया जा रहा है?
इसे तो द्रुत गति से चलना चाहिए

Hamsafar+
08-04-2011, 10:50 PM
एषा प्रतीत होता है की फोरम का इतिहास इतिहास बनके ही रह जायेगा. सिकंदर जी आन लाइन तो रहते हें सब जगह ध्यान देते हें, पर यहाँ नहीं !

bhoomi ji
08-04-2011, 10:54 PM
एषा प्रतीत होता है की फोरम का इतिहास इतिहास बनके ही रह जायेगा. सिकंदर जी आन लाइन तो रहते हें सब जगह ध्यान देते हें, पर यहाँ नहीं !

अब सभी जगह सिकंदर जी ही कैसे ध्यान दे सकते हैं
अगर कोई उनके समकक्ष ही इस फोरम पर आया हो तो अपने विचार यहाँ रखें

sagar -
09-04-2011, 06:01 AM
कोई भी सदस्य जो इतिहास के बारे में कुछ जनता हे वो यहा बता सकता हे उसका स्वागत हे !:banalema::banalema:

Nitikesh
09-04-2011, 07:51 AM
मुझे तो इस फोरम का पता हमसफ़र जी के मिलते जुलते user id एक दूसरे फोरम से पता चला/
जब मैंने उसे हमसफ़र भाई कह कर संबोधित किया तो उसने कहा की वो हमसफ़र नहीं है/
यदि आप मिलाना चाहते हो तो myhindiforum.com जाओ वहाँ आपको सभी मिल जायेगें/
उसी समय मैं यहाँ आया/

Sikandar_Khan
09-04-2011, 08:45 AM
इतिहास को आगे बढ़ाया जाये
दिनांक २८/१०/२०१० को अक्ष जी (http://myhindiforum.com/member.php?u=558) ने अपनी चिरपरिचित शैली में फोरम के दूसरे सबसे बड़े सूत्र
गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकुले (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=1000) का आगाज किया |
जिसमे एक से बढ़कर एक चुटकुलों का समावेश हुआ
जो आज भी महफ़िल (http://myhindiforum.com/forumdisplay.php?f=17) की शान बढा रहा है |

ndhebar
09-04-2011, 09:01 AM
अक्ष जी ने मुन्ने राजा ,गुल्लू ,खालिद भाई ,शाम भाई को निमंत्रण भेज दिया था
मेरे बाद फोरम पर आने वाले सदस्य जीत भाई थे .................

मुझे भी अनिल शर्मा जी ने ही फोन किया था
और शायद हम सभी ने एक ही तारीख को फोरम ज्वाइन किया था

२८-१०-१०

Sikandar_Khan
09-04-2011, 09:17 AM
फोरम पर जीत भाई के बाद सदस्यता लेने वाले सदस्य थे
हमसफ़र भाई उसके बाद तो एक के बाद एक क्रमानुसार कड़ियाँ जुड़ती गयीं
जिसमे जलवा (http://myhindiforum.com/member.php?u=518) ,अक्ष (http://myhindiforum.com/member.php?u=558),
सिकंदर (http://myhindiforum.com/member.php?u=561), जीत (http://myhindiforum.com/member.php?u=562), हमसफ़र (http://myhindiforum.com/member.php?u=567) , मुन्नेराजा (http://myhindiforum.com/member.php?u=572) , मलेठिया (http://myhindiforum.com/member.php?u=574),भाई जी (http://myhindiforum.com/member.php?u=575) ,विडियो मास्टर (http://myhindiforum.com/member.php?u=566) ,खालिद (http://myhindiforum.com/member.php?u=568),टाइगरलव (http://myhindiforum.com/member.php?u=598) ,शाम भाई (http://myhindiforum.com/member.php?u=573) ,अभय (http://myhindiforum.com/member.php?u=587) ,गुल्लू (http://myhindiforum.com/member.php?u=571),निशांत (http://myhindiforum.com/member.php?u=576) जी
और उसके बाद तो लगभग सभी जुड़ते चले गए |

Hamsafar+
10-04-2011, 09:16 PM
इतिहास लिखने का तरीका पसंद आया, लाज़वाब तरीका... दिल खुस हो गया..

Hamsafar+
10-04-2011, 09:20 PM
अब सभी जगह सिकंदर जी ही कैसे ध्यान दे सकते हैं
अगर कोई उनके समकक्ष ही इस फोरम पर आया हो तो अपने विचार यहाँ रखें
नमस्कार भूमि जी
फोरम का इतिहास , ये कोई एषा सूत्र नहीं हे जिसे हर कोई चला सके . इसे प्रबंधन का ही सदस्य आगे बढ़ाये वही ठीक होगा. वैसे ये काम सिकंदर जी के ही सुपुर्द हे. और वो ही इसे अच्छा अंजाम दे सकते हे..

sagar -
13-04-2011, 06:15 PM
लगता हे इतिहास बताने में किसी का इंट्रस्ट नही हे !,,,??? इतनी धीमी गति सूत्र की :cryingbaby:

Nitikesh
13-04-2011, 08:13 PM
फोरम पर जीत भाई के बाद सदस्यता लेने वाले सदस्य थे
हमसफ़र भाई उसके बाद तो एक के बाद एक क्रमानुसार कड़ियाँ जुड़ती गयीं
जिसमे जलवा (http://myhindiforum.com/member.php?u=518) ,अक्ष (http://myhindiforum.com/member.php?u=558),
सिकंदर (http://myhindiforum.com/member.php?u=561), जीत (http://myhindiforum.com/member.php?u=562), हमसफ़र (http://myhindiforum.com/member.php?u=567) , मुन्नेराजा (http://myhindiforum.com/member.php?u=572) , मलेठिया (http://myhindiforum.com/member.php?u=574),भाई जी (http://myhindiforum.com/member.php?u=575) ,विडियो मास्टर (http://myhindiforum.com/member.php?u=566) ,खालिद (http://myhindiforum.com/member.php?u=568),टाइगरलव (http://myhindiforum.com/member.php?u=598) ,शाम भाई (http://myhindiforum.com/member.php?u=573) ,अभय (http://myhindiforum.com/member.php?u=587) ,गुल्लू (http://myhindiforum.com/member.php?u=571),निशांत (http://myhindiforum.com/member.php?u=576) जी
और उसके बाद तो लगभग सभी जुड़ते चले गए |


मित्र इतिहास को आगे बढाइये/

jitendragarg
13-04-2011, 08:50 PM
फोरम के इतिहास में एक पन्ना कहीं बीच से गायब हो गया है! खैर उसका मजमून बताये देते है. फोरम पर अक्ष, जलवा आदि सदस्यों के आने से पहले, हम लोग, एक तिकडम लगाये थे. सभी बड़ी नामी फिल्मों के किरदारों को यहाँ इकठ्ठा करने की.. नहीं नहीं, शाहरुख, अमिताभ, जैसे अभिनेता नहीं, बल्कि, मुन्नाभाई, गब्बर, आदि! कुछ हफ्ते के लिए कोशिश की थी, ये दिखने की, की अगर सचमुच में ये किरदार होते, तो क्या गज़ब ढाते! खैर, उस आईडिया को बाद में बंद करना पद, क्यूंकि इतने किरदारों को एक साथ रखना दो तीन लोगो के लिए असंभव था. और नए सदस्यों को हम उनके असली नाम से पहचान बनाने के लिए प्रेरित करना चाहते थे. अगर ऐसा न किया होता, तो आज शीला और मुन्नी, जैसे किरदार भी होते फोरम पर, और हर सदस्य को पहचानना मुश्किल हो जाता.

फिर से इस आईडिया को वापिस अमल करने का भी एक दो बार सोचा गया, पर जब प्रबंधन के सदस्य वैसे ही इतने व्यस्त रहते है, तो ये संभव नहीं हो सकता था.

:cheers:

Sikandar_Khan
13-04-2011, 09:46 PM
दिनांक २८/१०/२०१० फोरम के इतिहास में वो पहला दिन था |
जिसमे एक ही दिन में सबसे अधिक सदस्यों ने सदस्यता ग्रहण करी
जिसमे एक दिन में सबसे अधिक प्रविष्टियाँ हुईं |
सिर्फ चौपाल पर एक दिन में सबसे ६० से अधिक पन्ने भरे गए |

saajid
13-04-2011, 09:48 PM
दिनांक २८/१०/२०१० फोरम के इतिहास में वो पहला दिन था |
जिसमे एक ही दिन में सबसे अधिक सदस्यों ने सदस्यता ग्रहण करी
जिसमे एक दिन में सबसे अधिक प्रविष्टियाँ हुईं |
सिर्फ चौपाल पर एक दिन में सबसे ६० से अधिक पन्ने भरे गए |

ई लियो सिकंदर भाई आ ही गए
अब बोलो :tomato:

ndhebar
13-04-2011, 09:58 PM
टमाटर तो मत फेको यार :think:

वो तो शुक्र मनाओ की अंडे उपलब्ध नहीं हैं
:crazyeyes::crazyeyes:

Sikandar_Khan
13-04-2011, 10:09 PM
मैंने भी फोरम पर सदस्यता लेने के बाद अन्य सूत्रों पर पर योगदान देने के साथ
अपने सबसे पहले सूत्र का निर्माण किया |
इस फोरम पर मेरे द्वारा सबसे पहला स्थपित किया गया सूत्र अनमोल मोती (http://myhindiforum.com/showthread.php?t=1006) था |

Sikandar_Khan
13-04-2011, 10:16 PM
ई लियो सिकंदर भाई आ ही गए
अब बोलो :tomato:

वो तो शुक्र मनाओ की अंडे उपलब्ध नहीं हैं
:crazyeyes::crazyeyes:

भाई लोग अंडे और टमाटर के साथ थोड़ी प्याज,मिर्च भी उपलब्ध कराएँ
तभी बढियां आमलेट बनेगा |

amit_tiwari
13-04-2011, 10:28 PM
भाई लोग अंडे और टमाटर के साथ थोड़ी प्याज,मिर्च भी उपलब्ध कराएँ
तभी बढियां आमलेट बनेगा |

अंडे शाकाहारी हों तो भाई एक ठंडा और दो ब्रेड के साथ भिजवा देओ |

Sikandar_Khan
13-04-2011, 10:56 PM
अंडे शाकाहारी हों तो भाई एक ठंडा और दो ब्रेड के साथ भिजवा देओ |

यहीं खायेंगे या घर लेकर जायेंगे ?

abhisays
13-04-2011, 11:02 PM
yeh sutr history ki class ki jagah home science ka lab kaise ho gaya

ABHAY
20-04-2011, 11:35 AM
yeh sutr history ki class ki jagah home science ka lab kaise ho gaya

भाई इसे आगे तो बढ़ाये ये खुद इतिहास बन जायगी !

dev b
20-04-2011, 11:46 AM
कमाल का सूत्र है मित्र .....बधाई ..............

dev b
20-04-2011, 11:47 AM
कृपया निरंतरता बनाए रखे मित्र

abhisays
23-04-2011, 12:06 PM
सिकंदर जी अब १५ दिन बाद आयेंगे, तो चलिए मैं ही फोरम का इतिहास आगे बढाता हूँ.

abhisays
23-04-2011, 12:11 PM
फोरम के पुराने नियामक.

१. जीतेन्द्र गर्ग (अभी ही हैं फोरम से जुड़े हुए)
२. प्रतुल मिश्र (भारतीय प्रशासनिक सेवा की तयारी करने में व्यस्त हैं)
३. अजय पाठक (फिलहाल अपनी नौकरी में काफी व्यस्त रहते हैं, फोरम को समय नहीं दे पाते)


तो यह तो फोरम के पहले नियामक, जीतेन्द्र को छोड़कर बाकी फोरम पर अधिक दिन सक्रिय नहीं रह पाए.

आखिर में जीतेन्द्र और मैं बचे थे तभी हिंदी फोरम प्रेमियों की एक टोली इस मंच पर अपना डेरा जमाने आई थी.

abhisays
23-04-2011, 12:13 PM
अक्टूबर महीने के आखिर में करीब एक दूसरी हिंदी मंच से करीब २०-२५ सदस्य आये और वो सभी एक ही हफ्ते में काफी पोस्ट कर दिए. फोरम की गाडी चल निकली थी.

तो मैंने सोचा की इन्ही लोगो में से एक को नियामक बना देते हैं.

मामला काफी जटिल थी, किसे नियामक बनाया जाए.

abhisays
23-04-2011, 12:14 PM
उस समय तक मुझे किसी के बारे में कुछ खास नहीं पता था, मैंने सोचा हमसफ़र काफी पोस्ट कर रहे हैं. इन्ही को नियामक बना दिया जाए. तब मुझे फोरम चलाने का कुछ खास तजुर्बा नहीं था.

abhisays
23-04-2011, 12:17 PM
हम लोग सोच ही रहे थे, तभी मुझे मुन्नेराजा जी यानी गुना जी का PM आया. उससे मुझे पता चला

उनके अतिरिक्त जय भाई, sam_shp, मलेठिया जी, अक्ष, निशांत और विडिओ मास्टर पुराने हिंदी मंच के मोडरेटर हैं.

abhisays
23-04-2011, 12:19 PM
तब मैने सोचा की पुराने नियामको में से एक को ही यहा पर नियामक बनाया जाए.

abhisays
23-04-2011, 12:30 PM
कुछ लोगो से मुझे पता चला की मुन्नेराजा जी वह पर senior नियामक थे, तो मैंने और जीतेन्द्र गर्ग ने सोचा की चलो इन्हें ही नियामक बना दिया जाए.

abhisays
23-04-2011, 12:35 PM
नियामक बनाने के बाद मुन्नेराजा जी के कुछ बहुत ही उम्दा suggestions दिए थे.

१. पुराने फोरम के मुकाबले यहाँ पोस्ट और थ्रेड बहुत कम हैं, इसे जल्द से जल्द बढाया जाए.
२. मुख्य पृष्ठ पर सूची को आकर्षक रूप देना चाहिए
३. मुख्य पृष्ठ पर सूची में मुख्य बिंदु अंग्रजी के साथ हिंदी में भी होने चाहियें और कुछ टोपिक भी नए जोड़े जाने चाहियें
४. कुछ थ्रेड्स के नाम बदल कर और आकर्षक किये जा सकते हैं.
५. दुनिया के लगभग सभी टोपिक शामिल किये जाए.
६.फोरम के लिए सामान्य नियम हिंदी में लिखकर लगाने चाहियें. ताकि सभी सदस्य उनको पढ़कर फोरम के नियमानुसार कार्य कर सकें.

abhisays
23-04-2011, 12:40 PM
मुन्नेराजा जी के आते ही नियामक बन जाने से कुछ उनके विरोधी निराश हुए थे, उनमे से एक ने मुझे pm किया था.


नमस्कार अभिषेक जी........
आपने हममें से किसी एक को नियामक बनाने का प्रस्ताव रखा यह हमारे लिए ख़ुशी की बात है,
मेरी नीजी राय है की अभी आप सभी सदस्यों को उनके व्यवहार व योगदान के आधार पर आगे बढाये तो ज्यादा उचित होगा.........
पुराने मंच पर जो भी मोडरेटर थे जो की अपनी योग्यतानुसार बनाये गये थे................
बाकी आप खुद समझदार है.......
हाँ एक गुजारिश है आपसे आप स्माइली में एक हंसने का स्माइली भी लगायें, और नियामक बनाने की प्रक्रिया को ओपन न करे........
धन्यवाद....................

abhisays
23-04-2011, 12:43 PM
इसे के साथ मंच पर नए सदस्यों के साथ एक और सदस्या राजनीति आ चुकी थी.

sagar -
23-04-2011, 03:11 PM
सिकंदर जी अब १५ दिन बाद आयेंगे, तो चलिए मैं ही फोरम का इतिहास आगे बढाता हूँ.
इतिहास को आगे बढाने के लिये धन्येवाद वरना ये सूत्र खुद एक इतिहास बन कर रह गया था !

sagar -
23-04-2011, 03:23 PM
अब कुछ मजा आने लगा इतिहास के बारे में जन कर ! वरना बोर लगने लगा था फोरम का इतिहास
आगे भी जारी रखे फोरम पर क्या -२ हुआ

http://content.sweetim.com/sim/cpie/emoticons/000203F7.gif (http://www.sweetim.com/s.asp?im=gen&lpver=3&ref=10)





(http://www.sweetim.com/s.asp?im=gen&lpver=3&ref=12)

abhisays
24-04-2011, 07:38 AM
तो आपने देखा चौपाल पर गुल्लू जी सह-नियामक बनने की ईक्षा प्रकट की थी, उस वक़्त मेरे और जीतेन्द्र के पास फोरम पर रहने के लिए ज्यादा समय नहीं होता है, तो हमने सोचा चलो यार इन्हें भी बना देते हैं नियामक.

तो इस तरह गुल्लू जी भी नियामक बन गए.

तो इस तरह से प्रबंधन में अब ४ सदस्य थें.

१. अभिषेक
२. जीतेन्द्र गर्ग
३. मुन्नेराजा
४. गुल्लू

फोरम ठीक ठाक चल रहा था...

रोज़ नए नए सदस्य जुड़ते जा रहे थे, नए नए सूत्र बन रहे थे.

abhisays
24-04-2011, 07:49 AM
इस बीच मुन्नेराजा जी ने नए फोरम के categories सुझाए थे, जो की कुछ इस तरह थें.

http://www.myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=350&stc=1&d=1288392388

abhisays
24-04-2011, 08:00 AM
चलिए आपको दिखाया जाए, नवम्बर २०१० (आज से ५ महीने पहले) में यह फोरम कैसा दीखता था, जब हम लोग इसे पूरी तरह से हिंदी फोरम बनाने वाले थें.


http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10578&stc=1&d=1303613980

abhisays
24-04-2011, 08:11 AM
फोरम पर उन दिनों ना ही थैंक्स का button और ना ही reputation की सुविधा थी.

तभी पहली बार सिकंदर जी का PM मुझे आया और उन्होंने इस फोरम पर reputation सिस्टम शुरू करने की सलाह दी, सलाह पर अमल किया गया, जल्द ही फोरम पर यह सुविधा उपलब्ध करवा दी गयी.

abhisays
24-04-2011, 08:48 AM
इस बीच मुन्नेराजा जी सलाह पर निशांत जी को फोरम का पहला फोरम मित्र बनाया गया.

तो इस तरह निशांत जी प्रबंधन में ५वे सदस्य थें.

इस बीच सारे पद हिंदी में किये गए.

जो आज भी follow हो रहे हैं.

नवागत ० post
सदस्य १० post
वरिष्ठ सदस्य २५० पोस्ट
कर्मठ सदस्य ७५० पोस्ट
विशिष्ट सदस्य १५०० पोस्ट
अति विशिष्ट सदस्य ५००० पोस्ट
परम विशिष्ट सदस्य १०००० पोस्ट


हालांकि केवल प्रविस्तियो की संख्या पर user title बदलने में अभी खामिया जिसे हमें जल्द ही सुधारना है.

abhisays
24-04-2011, 08:54 AM
PM ki लिमिट बड़ा कर १०० कर दी गयी थी, फिर बाद में २०० और आज ५०० है. थैंक्स का button जोड़ा गया, एक थैंक्स पर पहले १ reputation मिलता था जो ki अब ३ है.

पहले फोरम अभिसय्स.कॉम का हिस्सा था, लेकिन काफी राय विचार करने के बाद एक नया नाम सोचा गया,

नाम रखा गया...

myhindiforum.com

३ ही महीने के अन्दर बहुत सारे changes किये गए. ऐसा ना हमने कभी सोचा था और ना ही करने के उम्मीद थी, लेकिन धीरे धीरे सब कुछ होता गया.

abhisays
24-04-2011, 09:07 AM
एक din (२ नवम्बर २०१०) गुल्लू जी का PM आया,


hi abhishek ji ,
i want to change the title of 'aks'
as 'Hasya senapati' inspite of exp.member
can u do that ? please tell me if i can change that or not, when i use forum manager and check profile of any member,there is no save button to save changes there.

ndhebar
24-04-2011, 09:55 AM
इसे के साथ मंच पर नए सदस्यों के साथ एक और सदस्या राजनीति आ चुकी थी.
ये इस सूत्र पर अब तक का सबसे बेस्ट कमेन्ट है

Kumar Anil
24-04-2011, 10:14 AM
हालांकि केवल प्रविस्तियो की संख्या पर user title बदलने में अभी खामिया जिसे हमें जल्द ही सुधारना है.

अगर आप का प्रबन्धन मंडल गुणवत्ता के आधार पर user title देने का विचार कर रहा है तो इसमेँ विसंगति उपजेगी और यह असन्तोष फोरम के हित मेँ न होगा । प्रविष्टि सँख्या को भी नज़र अंदाज नहीँ किया जा सकता । दोनोँ का अपना अपना महत्व है । हमारा ध्येय सदैव यही होना चाहिये कि किसी भी सदस्य का मनोबल न टूटे , वो हताश न हो । हमारे पास जो कुछ हो वो फोरम को देँ । प्रबन्धन कुशाग्र है , वह जानता है कि quantity और quality मेँ कैसे सामंजस्य स्थापित करना है ।

ndhebar
24-04-2011, 10:26 AM
अगर आप का प्रबन्धन मंडल गुणवत्ता के आधार पर user title देने का विचार कर रहा है तो इसमेँ विसंगति उपजेगी और यह असन्तोष फोरम के हित मेँ न होगा । प्रविष्टि सँख्या को भी नज़र अंदाज नहीँ किया जा सकता । दोनोँ का अपना अपना महत्व है । हमारा ध्येय सदैव यही होना चाहिये कि किसी भी सदस्य का मनोबल न टूटे , वो हताश न हो । हमारे पास जो कुछ हो वो फोरम को देँ । प्रबन्धन कुशाग्र है , वह जानता है कि quantity और quality मेँ कैसे सामंजस्य स्थापित करना है ।
बहुत हद तक आपकी बात में दम है
सभी व्यक्तियों की प्रविर्ती में सामंजस्य बैठा कर चलना, यही अच्छे प्रबंधन की निशानी है

abhisays
24-04-2011, 11:31 AM
अगर आप का प्रबन्धन मंडल गुणवत्ता के आधार पर user title देने का विचार कर रहा है तो इसमेँ विसंगति उपजेगी और यह असन्तोष फोरम के हित मेँ न होगा । प्रविष्टि सँख्या को भी नज़र अंदाज नहीँ किया जा सकता । दोनोँ का अपना अपना महत्व है । हमारा ध्येय सदैव यही होना चाहिये कि किसी भी सदस्य का मनोबल न टूटे , वो हताश न हो । हमारे पास जो कुछ हो वो फोरम को देँ । प्रबन्धन कुशाग्र है , वह जानता है कि quantity और quality मेँ कैसे सामंजस्य स्थापित करना है ।

प्रविष्टि सँख्या तो बहुत ही महत्वपूर्ण मापक है, हम इसे नज़रंदाज़ नहीं कर सकते, हालांकि दुसरे कुछ सूचकांक भी प्रयोग में लाये जा सकते है,

जैसे

थैंक्स,
reputation
फोरम में सक्रियता
बाकी सदस्यों से बर्ताव
दुसरो की सहायता करना..

आदि.

abhisays
24-04-2011, 11:40 AM
एक din (२ नवम्बर २०१०) गुल्लू जी का PM आया,


यह एक बड़ा ही रोचक दिन था फोरम के लिए.

कैसे और क्या हुआ था इस दिन मैं जल्द ही बताता हूँ, आप लोगो को. :banalama:

abhisays
24-04-2011, 12:40 PM
उसी दिन मेरी अक्ष जी से बात हुई थी, उन्होंने सुझाव दिया की अगर फोरम पर सभी को परमानेंट बनाना है तो प्रबंधन में और लोगो को जोड़ना होगा. फिर मैंने और अनिल जी ने मिलकर नयी लिस्ट तयार की जो की कुछ इस तरह थी.

मजे के बात यह है की इस दिन अक्ष जी का पद ३ बार बदला गया था, पहले हास्य सेनापति, फिर हास्य सम्राट, फिर रसरंग प्रभारी और फिर अंत में नियामक.

सब कुछ काफी नाटकीय ढंग से हुआ.

उस वक़्त मुझे प्रबंधन और कहे तो फोरम चलाने का कुछ खास आईडिया भी नहीं था, मैं झटपट झटपट change करते गया.


प्रधान नियामक -- munneraja
तकनिकी विशेषज्ञ -- malethia
वेबमास्टर -- abhisays
फोरम support -- जीतेन्द्र गर्ग
नियामक -- गुल्लू
नियामक -- aksh
नियामक -- bhaaiijee
कूटनीति विशेषज्ञ -- ndhebar
चलचित्र प्रभारी -- विडियो मास्टर
चित्र प्रभारी -- हमसफ़र
युवा मंच प्रभारी -- खालिद
रस रंग प्रभारी -- Sikandar
स्वास्थ्य प्रभारी -- jalwa
कार्टून प्रभारी -- Sham_shp
travel guru -- jeet

amit_tiwari
24-04-2011, 01:28 PM
मतबल हम मार्टिन लूथर बनाए जायेंगे |
चलो भैया जा के हेलमेट चमकाते हैं | तुस्सी टमाटर तैयार करवाओ |

amit_tiwari
24-04-2011, 01:30 PM
तो अब तक सब कुछ सेट हो चूका था, फोरम ठीक ठाक चल रहा था, तभी कुछ हमसफ़र जी के कुछ सूत्रों पर विवाद शुरू हो गया.

हमसफ़र भाई आदमी बढियां हैं, बस थोडा इमोशनल हो जाते हैं कभी कभी |:hug:

Kumar Anil
24-04-2011, 01:42 PM
उसी दिन मेरी अक्ष जी से बात हुई थी, उन्होंने सुझाव दिया की अगर फोरम पर सभी को परमानेंट बनाना है तो प्रबंधन में और लोगो को जोड़ना होगा. फिर मैंने और अनिल जी ने मिलकर नयी लिस्ट तयार की जो की कुछ इस तरह थी.

मजे के बात यह है की इस दिन अक्ष जी का पद ३ बार बदला गया था, पहले हास्य सेनापति, फिर हास्य सम्राट, फिर रसरंग प्रभारी और फिर अंत में नियामक.

सब कुछ काफी नाटकीय ढंग से हुआ.

उस वक़्त मुझे प्रबंधन और कहे तो फोरम चलाने का कुछ खास आईडिया भी नहीं था, मैं झटपट झटपट change करते गया.


प्रधान नियामक -- munneraja
तकनिकी विशेषज्ञ -- malethia
वेबमास्टर -- abhisays
फोरम support -- जीतेन्द्र गर्ग
नियामक -- गुल्लू
नियामक -- aksh
नियामक -- bhaaiijee
कूटनीति विशेषज्ञ -- ndhebar
चलचित्र प्रभारी -- विडियो मास्टर
चित्र प्रभारी -- हमसफ़र
युवा मंच प्रभारी -- खालिद
रस रंग प्रभारी -- sikandar
स्वास्थ्य प्रभारी -- jalwa
कार्टून प्रभारी -- sham_shp
travel guru -- jeet



जहाँ तक मेरी जानकारी है जलवा जी स्वागत प्रभारी हुआ करते थे । स्वास्थ्य और पाक - कला विभाग मेँ मुन्नेराजा जी की ही विशेष रुचि रहती है ।

sagar -
24-04-2011, 03:19 PM
यह तो फैसला लिया गया था, वो आखिर में कैसा सिद्द हुआ वो अब आगामी प्रविस्तियो में जानेंगे.

अब तो उत्सुकता बढने लगी हे ! http://content.sweetim.com/sim/cpie/emoticons/0002041D.gif (http://www.sweetim.com/s.asp?im=gen&lpver=3&ref=10) दिल की धडकने बढने लगी हे जानने के लिये क्या केसे हुआ ,,,??






(http://www.sweetim.com/s.asp?im=gen&lpver=3&ref=12)

abhisays
24-04-2011, 03:57 PM
जहाँ तक मेरी जानकारी है जलवा जी स्वागत प्रभारी हुआ करते थे ।


पहले जलवा जी स्वास्थय प्रभारी ही बनाये गए थे फिर बाद में उन्हें स्वागत प्रभारी बना दिया गया और साथ में रसरंग के भी rights दे दिए गए थे.

Nitikesh
24-04-2011, 04:21 PM
हमसफ़र भाई आदमी बढियां हैं, बस थोडा इमोशनल हो जाते हैं कभी कभी |:hug:

मेरा भी यही मानना है की वे अपने भावनाओ पर काबू नहीं रख पाते है/
नहीं तो उनके जैसा सदस्य मिलना बहुत मुश्किल काम है/

abhisays
24-04-2011, 04:28 PM
मेरा भी यही मानना है की वे अपने भावनाओ पर काबू नहीं रख पाते है/
नहीं तो उनके जैसा सदस्य मिलना बहुत मुश्किल काम है/

मैने कभी भी ना चाहा की हमसफ़र जी को बेन किया जाए, लेकिन परिस्थितीया ऐसी बन गयी की कुछ किया ना जा सका.

khalid
24-04-2011, 05:08 PM
मेरा भी यही मानना है की वे अपने भावनाओ पर काबू नहीं रख पाते है/
नहीं तो उनके जैसा सदस्य मिलना बहुत मुश्किल काम है/

कभी कभी संतोष भाई मजाक भी करते थे सदस्योँ को लगता था सिरियस हैँ खैर फोरम परिवार हमेशा याद रखेँगे

Nitikesh
24-04-2011, 05:50 PM
कभी कभी संतोष भाई मजाक भी करते थे सदस्योँ को लगता था सिरियस हैँ खैर फोरम परिवार हमेशा याद रखेँगे

मित्र उन्हें भुला पाना किसी के लिए संभव नहीं है/

sagar -
24-04-2011, 06:07 PM
कभी कभी संतोष भाई मजाक भी करते थे सदस्योँ को लगता था सिरियस हैँ खैर फोरम परिवार हमेशा याद रखेँगे
सही कहा खालिद भाई कुछ सदस्य हमेसा याद आते हे हमसफर और यूवराज भाई कुछ कमियों के साथ -२ कुछ खासियत भी हे इन दोनों में !

aksh
24-04-2011, 06:57 PM
मैं सभी सदस्यों को धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने फोरम के इतिहास के बारे में लिखा है. मुझे इस बात का हमेशा ही गर्व रहेगा कि मैं जिस भी फोरम पर रहा इश्वर की कृपा से कुछ अच्छे दोस्तों के बीच रहा और मुझे फोरम हमेशा ही एक परिवार की तरह लगा. फोरम में वही सब अच्छाइयां और बुराइयां हैं जो एक परिवार में होती हैं और इस परिवार में भी हैं. परिवार के सभी सदस्य एक दुसरे से तालमेल बनाकर रखने की कोशिश तो करते हैं पर कभी कभी सामंजस्य बैठने में कुछ दिक्कतें स्वतः ही आती हैं और कुछ इधर उधर की बातों पर ज्यादा ध्यान देने से उत्पन्न होती हैं. कुल मिलाकर फोरम एक बेहतरीन मंच है सभी के साथ जुड़ने का और अपने व्यक्तित्व को एक नया आयाम देने का और अपने अस्तित्व को और अधिक सार्थक बनाने का.........

उन सभी दोस्तों का बहुत बहुत धन्यवाद जिनकी वजह से मैं इस इतिहास का एक हिस्सा बन सका.......मैं सभी का तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ जिन्होंने मुझे एक बेहतर व्यक्ति बनाने में मदद की. कुछ खास नाम लूं तो मुन्ना भैया, जय भैया, कुमार अनिल जी, गुल्लू जी, जलवा जी, अभिषेक जी, शाम जी, मलेठिया जी, अनुज रोहित, अनुज सिकंदर, अनुज खालिद, अनुज निशांत, अमित तिवारी जी, अरविन्द जी, युवराज जी, हमसफ़र जी, विपिन शुक्ला जी, जीत जी, अनुजा भूमि जी, अनुज विद्रोही नायक , अनुज पंकज, अनुज भोलू, जीतेंद्र जी
.........धन्यवाद.

aksh
24-04-2011, 07:04 PM
सही कहा खालिद भाई कुछ सदस्य हमेसा याद आते हे हमसफर और यूवराज भाई कुछ कमियों के साथ -२ कुछ खासियत भी हे इन दोनों में !


हर व्यक्ति की अपनी अलग ही शख्शियत होती है जो दूसरों से काफी अलग होती है. कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसके अंदर कुछ खास खास बातें ना हों. हमसफ़र और युवराज भी कुछ खासियतों के मालिक हैं जो कि किसी भी व्यक्ति में इतनी आसानी से नहीं पायी जाती हैं और उसके लिए ये दोनों ही बधाई के पात्र जरूर ही हैं....

ndhebar
25-04-2011, 12:21 PM
सही कहा खालिद भाई कुछ सदस्य हमेसा याद आते हे हमसफर और यूवराज भाई कुछ कमियों के साथ -२ कुछ खासियत भी हे इन दोनों में !
कभी कभी इंसान की एक खामी उसकी सारी खूबियों पर पानी फेर देती है
जरूरी नहीं की सभी को सब कुछ पसंद आये और ना ही आप अपनी पसंद किसी पर थोप सकते हैं ऐसे में शांति और संयम ही सबसे बड़ी चीज होती है और इन दोनों के पास संयम की कमी है

sagar -
27-04-2011, 07:50 PM
कभी कभी इंसान की एक खामी उसकी सारी खूबियों पर पानी फेर देती है
जरूरी नहीं की सभी को सब कुछ पसंद आये और ना ही आप अपनी पसंद किसी पर थोप सकते हैं ऐसे में शांति और संयम ही सबसे बड़ी चीज होती है और इन दोनों के पास संयम की कमी है
कोई भी अपने आप में पूरा नही होता सभी में कुछ ना कुछ कमी तो रहती हे

abhisays
27-04-2011, 08:28 PM
कोई भी अपने आप में पूरा नही होता सभी में कुछ ना कुछ कमी तो रहती हे


बात सही है, मगर कुछ लोगो की कमिया उनकी सारी खूबियों पर भारी पर जाती है.

abhisays
29-04-2011, 11:00 PM
चलिए अब इतिहास को आगे बढ़ाया जाये..

abhisays
29-04-2011, 11:18 PM
तो इस तरह हमसफ़र यानी संतोष राजपूत फोरम से बैन हो चुके थें. इस बीच फोरम पर शांति का माहौल था, लोग अपने पोस्ट करते थे और सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था..

तभी एक दिन.. अरविन्द जी मुझे प्राइवेट मेसेज आया, उन्होंने बोला अमित जी फोरम पर पधार चुके है, उन्होंने बताया पहले अमित जी फोरम पर आना नहीं चाहते थे क्योकि उनकी प्रबंधन के कुछ सदस्यों से अनबन थी.

मैंने अरविन्द जी को बोला बहुत ही अच्छी बात है लेकिन यह भाई अमित जी हैं कौन कुछ बताइए, अरविन्द जी ने बोला आपको कुछ दिन में खुद ही पता चल जायेगा.

मैंने सोचा ठीक है देखते है..

लेकिन अमित जी के आने से प्रबंधन में एक नयी हलचल से मच गयी थी..

abhisays
29-04-2011, 11:21 PM
इस बीच एक और सदस्य फोरम पर आये, नाम था उनका युवराज, फोरम के बाकी सदस्य और इन्टरनेट के दुनिया के लोग कुछ भी सोचे लेकिन इस अंतरजाल में जो मैंने कुछ मित्र बनाये है उनमे युवराज जी के नाम काफी ऊपर आता है.

युवराज जी एक बहुत ही प्रतिभावान और शानदार व्यक्तिव्य के मालिक है. शायद जो लोग उनसे आमने सामने या फ़ोन पर बात किये होंगे, तो उन्हें पता होगा.

Ranveer
29-04-2011, 11:24 PM
दिनांक २८/१०/२०१० फोरम के इतिहास में वो पहला दिन था |
जिसमे एक ही दिन में सबसे अधिक सदस्यों ने सदस्यता ग्रहण करी
जिसमे एक दिन में सबसे अधिक प्रविष्टियाँ हुईं |
सिर्फ चौपाल पर एक दिन में सबसे ६० से अधिक पन्ने भरे गए |

मैंने इस फोरम को लगभग इसी समय के आस पास देखा था
लेकिन रजिस्टर नहीं कर पाया था
उस समय मैंने देखा था की यहाँ कई चेहरे जाने पहचाने होते थे और सूत्रों की दिशा अंग्रेजी -हिंदी की खिचड़ी के रूप में होती थी
और
बाद में जब मैंने रजिस्टर किया तो काफी कुछ बदलाव देखा ( नियम ,सूत्रों ..आदि में )

Ranveer
29-04-2011, 11:27 PM
ओह्ह
क्षमा करें
मैंने बीच में इंट्री कर दी
अपने विचार प्रकट करने से पूर्व आपकी प्रविष्टि को नहीं देख पाया

khalid
30-04-2011, 11:56 AM
इस बीच एक और सदस्य फोरम पर आये, नाम था उनका युवराज, फोरम के बाकी सदस्य और इन्टरनेट के दुनिया के लोग कुछ भी सोचे लेकिन इस अंतरजाल में जो मैंने कुछ मित्र बनाये है उनमे युवराज जी के नाम काफी ऊपर आता है.

युवराज जी एक बहुत ही प्रतिभावान और शानदार व्यक्तिव्य के मालिक है. शायद जो लोग उनसे आमने सामने या फ़ोन पर बात किये होंगे, तो उन्हें पता होगा.
अटल जी के तरह युवराज भाई भी फोरम पर आना नहीँ चाहते थे मैँने बहुत कोशिश कर के उन को लाया था और उन के प्रयास से कई सदस्य फोरम पर आए जिन मेँ एक नाम परियार भाई का भी था

saajid
30-04-2011, 12:56 PM
तो इस तरह हमसफ़र यानी संतोष राजपूत फोरम से बैन हो चुके थें. इस बीच फोरम पर शांति का माहौल था, लोग अपने पोस्ट करते थे और सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था..

तभी एक दिन.. अरविन्द जी मुझे प्राइवेट मेसेज आया, उन्होंने बोला अमित जी फोरम पर पधार चुके है, उन्होंने बताया पहले अमित जी फोरम पर आना नहीं चाहते थे क्योकि उनकी प्रबंधन के कुछ सदस्यों से अनबन थी.

मैंने अरविन्द जी को बोला बहुत ही अच्छी बात है लेकिन यह भाई अमित जी हैं कौन कुछ बताइए, अरविन्द जी ने बोला आपको कुछ दिन में खुद ही पता चल जायेगा.

मैंने सोचा ठीक है देखते है..

लेकिन अमित जी के आने से प्रबंधन में एक नयी हलचल से मच गयी थी..

अभिषेक जी क्या हलचल मच गयी थी
ज़रा विस्तार से बताएं :help:

abhisays
01-05-2011, 02:21 PM
इसका क्या हुआ भई
लिखोगे के मै लिख दूँ :crazyeyes:


लिख सकते है तो लिखो, देखते है.. वैसे भी यह third पार्टी opinion होगा.. बढ़िया है.

abhisays
01-05-2011, 05:17 PM
पुराने प्रबंधन के सदस्यों में एक जय भाई भी थे, उनसे मेरी फोरम को लेकर काफी बातें हुई थी, वो फोरम के सबसे सुलझे हुए और गजब की हिंदी लिखने वाले व्यक्ति थे.

जल्द ही वो फोरम पर फिर से आने वाले हैं. कुछ ही दिन पहले मेरी उनसे बात हुई थी.

मैंने जय भाई के फोरम के तजुर्बे से काफी कुछ सिखा. उन्होंने मुझे फोरम के शुरू में कुछ काफी अच्छी सलाहे दी थी, जिससे फोरम को काफी फायदा हुआ.

वो रोज़ाना रात में 11 बजे के आसपास आते थे और करीब 1 बजे तक ऑनलाइन रहते थे. उन्होंने अपने सूत्र तो कम बनाए लेकिन बाकी लोगो के सूत्रो में काफी पोस्ट किए.

sagar -
01-05-2011, 05:18 PM
इसका क्या हुआ भई
लिखोगे के मै लिख दूँ :crazyeyes:

लिख सकते है तो लिखो, देखते है.. वैसे भी यह third पार्टी opinion होगा.. बढ़िया है.
लिखो फेज भाई बेसब्री से इंतजार हे आपके लिखने का ....

abhisays
01-05-2011, 05:55 PM
ठीक हे जी अब गभीर हो गया हू


ये पोस्ट आपकी बाद में आई थी इसलिए मेने मजाक किया था लेकिन अब गम्भीर हो गया हू !


धन्यवाद सागर जी.

jitendragarg
01-05-2011, 06:08 PM
वैसे मुझे पता नहीँ चल रहा हैँ मेरे शब्द क्या थे
और अगर शिकायत क्या था तो क्या गलत क्या था मैँने

दरअसल आप की गलती नहीं थी! भोलू और तेजी जी के बीच विवाद आपस में ही हुआ था! आप के रिपोर्ट करने से पुराने सारे नियामक उस सूत्र को ध्यान से पढ़े! और उस वक्त अमित के साथ इतनी खटपट हो रही थी, उन लोगो की, की उन्होंने तेजी जी का आईडी भी अमित का ही बताया!

जब अभिषेक उस झगडे को खतम करने और तेजी के बारे में सारी जानकारी देने के लिए बीच में आये, तो अमित की खुन्नस पुराने नियामक अभिषेक और मुझ पर भी निकलने लगे! खैर, तब बड़ी मुश्किल से मामले को शांत किया!

पर पुराने सारे नियामकों को कैसे तो करके खुन्नस निकालनी थी, तो वो अमित और मेरे पीछे हाथ धो कर पड़ गए! अमित को इस बात तक के लिए चेतावनी देने लगे, की वो नियामकों के नाम के आगे "जी" नहीं लगते.

एक हफ्ते में इतना ज्यादा हंगामा मच गया था, नियामक छेत्र में, की मजबूरी में हम लोगो को काफी कठिन कदम उठने पड़े! और उन कदमों को उठने से जो झगडा सातवे आसमान तक पहुच गया, की मेरे और बाकी नियामकों के बीच उठापटक पुरे जोर-शोर से चलने लगी!

saajid
01-05-2011, 06:08 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10691&stc=1&d=1304251728

तो कुछ ऐसा हो गया था की कुछ लोगो को दिन रात अमित तिवारी जी के सपने आने लगे थे. क्योकि उनसे कोई आमने सामने तो जीत नही सकता था तो उनके विरोधी अपने अधिकारो का ग़लत इस्तेमाल करने की त्यारी कर रहे थे.

तेज़ी जी को जनाब अटल बता थे, बाद में जब मैने उनकी बात नकार दी और पूरे सबूत दिए तो मेरे और उनके बीच भी संबंधो में खटास आ गयी.

सागर जी आप भी इस मामले को गंभीरता से ले. वाकई में बहुत ही ऐसी बातें हुई थी जिनसे यह सॉफ हो गया था की कुछ लोग अपने व्यक्तिगत खुन्नस इस फोरम पर निकालना चाहते थे.

इस फोरम पर यही की बात होगी कही और की नही. कही और की होगी तो मिटा दिया जाएगा.

इस मेँ मैँने शिकायत किया हैँ क्या अमित भाई का बता सकते हैँ
ये कुछ लोग कौन थे ??
क्यूँ न उन्हें बुला लेते हैं आप सफाई के लिए
मेरे विचार से आप उके पास उनके संपर्क सूत्र तो होंगे ही
गुना ही की पोस्ट क्यूँ दिखाई गयी
उन्हें बुला लाईये सफाई देने के लिए
नहीं तो मुझे समपर्क सूत्र दीजिए मै ही बुला लाता हूँ

abhisays
01-05-2011, 06:11 PM
क्या समझ में आया सबको
यदि पूरा सच ही लिखना है तो एडिट करके क्यूँ तेज़ी लिखा गया है
ज़रा बताया जाए :cheers:




प्रभु, यह तेज़ी नाम के यूज़र का नाम है जिसका वाद विवाद भोलू जी के साथ हो गया था. तेज़ी के पोस्ट को मैने शिकयात वाले सूत्र में कॉपी किया था और फिर बाद में उसे quote किया गया था.

abhisays
01-05-2011, 06:13 PM
क्या मुना राजा जी इसी खटास की वझे से फोरम छोड कर गये थे या कोई ओए वझे भी थी !


इसके पीछे लंबी कहानी है. जल्द ही उसपर भी आएँगे.

jitendragarg
01-05-2011, 06:15 PM
ये कुछ लोग कौन थे ??
क्यूँ न उन्हें बुला लेते हैं आप सफाई के लिए
मेरे विचार से आप उके पास उनके संपर्क सूत्र तो होंगे ही
गुना ही की पोस्ट क्यूँ दिखाई गयी
उन्हें बुला लाईये सफाई देने के लिए
नहीं तो मुझे समपर्क सूत्र दीजिए मै ही बुला लाता हूँ

यहाँ अभी सिर्फ पुराने नियामकों की बात हो रही है, तो जाहिर है, की कुछ लोग, वो नियामकों में से ही थे. जहाँ तक उनसे संपर्क की बात है, तो ऐसे ऐसे झगडे उन लोगो ने बेवजह शुरू किये थे, की हम लोग ने उनसे कोई रिश्ता रखना ही छोड़ दिया!

और वैसे भी, जो नियामक होने के बाद भी खुद यहाँ आना बंद किये थे, उनको फिर से बुलाने की आवश्यकता नहीं! हम लोग सिर्फ अपने विचार रख रहे है, ताकि लोगो को पता चले की ये सब क्यूँ किया. उन लोगो से सफाई की मांग करना अब जरूरी नहीं! वो लोग पहले भी सफाई नहीं दे सके, तो अब क्या देंगे!

हर सदस्य को अपने आप को "मुन्नेराजा जी", या "गुल्लू जी" कह कर सम्भोदित करने के लिए चेतावनियाँ देना कहीं से भी सही नहीं है! उस बात के लिए, कोई भी सफाई उन लोग के पास नहीं है, और न होगी!

khalid
01-05-2011, 06:16 PM
ये कुछ लोग कौन थे ??
क्यूँ न उन्हें बुला लेते हैं आप सफाई के लिए
मेरे विचार से आप उके पास उनके संपर्क सूत्र तो होंगे ही
गुना ही की पोस्ट क्यूँ दिखाई गयी
उन्हें बुला लाईये सफाई देने के लिए
नहीं तो मुझे समपर्क सूत्र दीजिए मै ही बुला लाता हूँ

क्योँ आप के पास नहीँ हैँ उनका नम्बर

sagar -
01-05-2011, 06:20 PM
दरअसल आप की गलती नहीं थी! भोलू और तेजी जी के बीच विवाद आपस में ही हुआ था! आप के रिपोर्ट करने से पुराने सारे नियामक उस सूत्र को ध्यान से पढ़े! और उस वक्त अमित के साथ इतनी खटपट हो रही थी, उन लोगो की, की उन्होंने तेजी जी का आईडी भी अमित का ही बताया!

जब अभिषेक उस झगडे को खतम करने और तेजी के बारे में सारी जानकारी देने के लिए बीच में आये, तो अमित की खुन्नस पुराने नियामक अभिषेक और मुझ पर भी निकलने लगे! खैर, तब बड़ी मुश्किल से मामले को शांत किया!

पर पुराने सारे नियामकों को कैसे तो करके खुन्नस निकालनी थी, तो वो अमित और मेरे पीछे हाथ धो कर पड़ गए! अमित को इस बात तक के लिए चेतावनी देने लगे, की वो नियामकों के नाम के आगे "जी" नहीं लगते.

एक हफ्ते में इतना ज्यादा हंगामा मच गया था, नियामक छेत्र में, की मजबूरी में हम लोगो को काफी कठिन कदम उठने पड़े! और उन कदमों को उठने से जो झगडा सातवे आसमान तक पहुच गया, की मेरे और बाकी नियामकों के बीच उठापटक पुरे जोर-शोर से चलने लगी!
जितेन्द्र भाई कोन सा सूत्र हे वो हो सके तो लिंक दे दो हम भी नजर मार लेते हे एक बार :help:

abhisays
01-05-2011, 06:21 PM
जितेन्द्र भाई कोन सा सूत्र हे वो हो सके तो लिंक दे दो हम भी नजर मार लेते हे एक बार :help:


विवाद वाले सूत्र हटा दिए जाते हैं.

sagar -
01-05-2011, 06:24 PM
यहाँ अभी सिर्फ पुराने नियामकों की बात हो रही है, तो जाहिर है, की कुछ लोग, वो नियामकों में से ही थे. जहाँ तक उनसे संपर्क की बात है, तो ऐसे ऐसे झगडे उन लोगो ने बेवजह शुरू किये थे, की हम लोग ने उनसे कोई रिश्ता रखना ही छोड़ दिया!

और वैसे भी, जो नियामक होने के बाद भी खुद यहाँ आना बंद किये थे, उनको फिर से बुलाने की आवश्यकता नहीं! हम लोग सिर्फ अपने विचार रख रहे है, ताकि लोगो को पता चले की ये सब क्यूँ किया. उन लोगो से सफाई की मांग करना अब जरूरी नहीं! वो लोग पहले भी सफाई नहीं दे सके, तो अब क्या देंगे!

हर सदस्य को अपने आप को "मुन्नेराजा जी", या "गुल्लू जी" कह कर सम्भोदित करने के लिए चेतावनियाँ देना कहीं से भी सही नहीं है! उस बात के लिए, कोई भी सफाई उन लोग के पास नहीं है, और न होगी!कुछ लोग अपने आप को बहुत बड़ा समझते हे जी ना लगाओ तो उनको अपनी शान में गुस्ताखी लगती हे ! इज्जत तो दिल से की जाती हे जी लगाने से इज्जत नही बढती !

jitendragarg
01-05-2011, 06:27 PM
खैर, ये मामला तो तब शांत हो गया था! उस के बाद अमित और अरविन्द कैसे नियामक बने, और पुराने नियामक फोरम छोड़ कर क्यूँ गए, इस बात का जिक्र करते है! उअर अपने हमसफ़र भैया भी तो वापिस आये थे, और फिर वापिस चले भी गए! अभी तो इन सारी बातों पर चर्चा करनी है! तो शुरू करे आज अभी, या आज इस मामले पर ही चर्चा चलने दे! क्या ख्याल है?

ndhebar
01-05-2011, 06:34 PM
ख्याल तो काफी नेक है
ये सब किसी थ्रिलर फिल्म की भांति चल रहा है
जिसमे रोमांच भी है और आगे की कहानी का रहस्य भी
जारी रखिये

sagar -
01-05-2011, 06:35 PM
खैर, ये मामला तो तब शांत हो गया था! उस के बाद अमित और अरविन्द कैसे नियामक बने, और पुराने नियामक फोरम छोड़ कर क्यूँ गए, इस बात का जिक्र करते है! उअर अपने हमसफ़र भैया भी तो वापिस आये थे, और फिर वापिस चले भी गए! अभी तो इन सारी बातों पर चर्चा करनी है! तो शुरू करे आज अभी, या आज इस मामले पर ही चर्चा चलने दे! क्या ख्याल है?
चालू करो भाई अगर आपके पास वक्त हे तो :bravo:

arvind
01-05-2011, 09:19 PM
क्या मै भी इतिहास लिखने मे अपना योगदान दे सकता हूँ?

abhisays
01-05-2011, 09:24 PM
क्या मै भी इतिहास लिखने मे अपना योगदान दे सकता हूँ?



अरविन्द जी, यह तो वही बात हो गयी की नेकी और पुछ पुछ.. ही ही ही..

शरुआत kare.. आपका स्वागत है..

Ranveer
01-05-2011, 09:34 PM
मै भी एक सुझाव रखना चाहूँगा की ज्यादा से ज्यादा सरलता से इतिहास को लिखा जाए
और ऐसे में कोई एक व्यक्ति ही इसकी कमान संभाले तो सबसे अच्छा होगा
जब किसी का जिक्र आये तो अन्य लोग अपनी राय व्यक्त करें
ये सुझाव कैसा है ?

arvind
01-05-2011, 09:39 PM
अरविन्द जी, यह तो वही बात हो गयी की नेकी और पुछ पुछ.. ही ही ही..

शरुआत kare.. आपका स्वागत है..

मै भी एक सुझाव रखना चाहूँगा की ज्यादा से ज्यादा सरलता से इतिहास को लिखा जाए
और ऐसे में कोई एक व्यक्ति ही इसकी कमान संभाले तो सबसे अच्छा होगा
जब किसी का जिक्र आये तो अन्य लोग अपनी राय व्यक्त करें
ये सुझाव कैसा है ?
रणवीर जी और अभिषेक जी, असल मे लगभग अभी तक मेरे आने के पहले तक की चर्चा हो रही थी, अत: मै सिर्फ पाठक की भूमिका मे था।

तो सबसे पहले मै आप सभी को बताता हूँ मेरे आने के बाद का इतिहास।

arvind
01-05-2011, 09:45 PM
फोरम पर वैसे मै बहुत के लोगो के संपर्क मे आया, लेकिन अमित जी और निशांत जी इस इंटरनेट की माया से मेरे सबसे पहले मित्रो मे से है। 4-नवम्बर-2010 को मै अपने ऑफिस मे बैठा था, तभी निशांत जी का फोन आया, हाल-चाल पूछने के बाद उन्होने मुझे इस फोरम के बारे मे बताया। और उनसे बात-चीत करने के दौरान ही, मैंने यहा रजिस्ट्रेशन कर लिया। ये फोरम मुझे कई मायनों मे बहुत ही बेहतरीन लगा।

arvind
01-05-2011, 09:57 PM
यहा आने के बाद मै फोरम पर पूरी तरह सक्रिय हो गया। निशांत जी तो पहले से यही थे, लेकिन अमित जी कमी मुझे बहुत खल रही थी। मैंने फोन पर उनसे संपर्क करने की बहुत कोशिश की, परंतु संपर्क नहीं हो पा रहा था, क्योंकि वो उस वक्त व्यापार के सिलसिले मे विदेश मे थे। अंततः उनसे मेरी बात 18-नवम्बर-2010 को हो पाई। अन्य बातों के अलावा मैंने उन्हे इस फोरम के बारे मे भी बताया। मैंने उनसे कहा की आप भी आ जाओ। उन्होने मुझसे कहा की ठीक है।

arvind
01-05-2011, 10:02 PM
कुछ ही देर बाद, अमित जी ने फोरम विसिट करने के बाद मुझे फोन किया। उसी वक्त मुझे आने वाले तूफान का पूर्वानुमान हो गया था।

अमित जी ने बताया कि वो इस फोरम को ज्वाइन नहीं करना चाहते है। मैंने पूछा तो उन्होने जो बताया उसकी तो मै कभी सपने मे भी कल्पना नहीं कर सकता था।

abhisays
01-05-2011, 10:03 PM
कुछ ही देर बाद, अमित जी ने फोरम विसिट करने के बाद मुझे फोन किया। उसी वक्त मुझे आने वाले तूफान का पूर्वानुमान हो गया था।

अमित जी ने बताया कि वो इस फोरम को ज्वाइन नहीं करना चाहते है। मैंने पूछा तो उन्होने जो बताया उसकी तो मै कभी सपने मे भी कल्पना नहीं कर सकता था।


ऐसा क्या बताया था अमित भाई ने.

arvind
01-05-2011, 10:09 PM
अमित जी ने कहा कि यहा के कुछ नियामक मुझे पसंद नहीं करते, जिसके वजह से हमेशा कोई ना कोई परेशानी खड़ी होगी, अत: मेरा यह फोरम न ज्वाईन करना ही सही रहेगा।

फिर मैंने उन्हे समझाया कि ऐसा कुछ नहीं होगा, आप भी अपने ऊपर थोड़ा कंट्रोल रखे। ये मै जानता था कि जहा अमित जी मे अनेक खूबियाँ है, वही वो थोड़ा उत्तेजित भी जल्दी हो जाते है।

abhisays
01-05-2011, 10:10 PM
मै भी एक सुझाव रखना चाहूँगा की ज्यादा से ज्यादा सरलता से इतिहास को लिखा जाए
और ऐसे में कोई एक व्यक्ति ही इसकी कमान संभाले तो सबसे अच्छा होगा
जब किसी का जिक्र आये तो अन्य लोग अपनी राय व्यक्त करें
ये सुझाव कैसा है ?


रणवीर ji, मैं आपकी सोच का सम्मान करता हूँ, लेकिन यह मुआ इस फोरम का इतिहास ऐसा है की कोई एक व्यक्ति सब कुछ नहीं लिख सकता.. इसलिए सभी सदस्यों का योगदान जरुरी है..

आप खुद ही सोचिये एक ही व्यक्ति की सब कुछ कैसे पता होगा..

शुरू में थोडा confusion लगेगा लेकिन धीरे धीरे सब clear हो जायेगा.

naman.a
01-05-2011, 10:21 PM
बहुत ही रोचक और कुछ खट्टी-मीठी यादो से भरा है फ़ोरम का इतिहास पर इतिहास जो भी हो आशा करता हूं भविष्य उज्जवल होगा । और होगा भी क्यो नही एक से एक महारथी भरे है फ़ोरम पर जिनमे काबलियत है फ़ोरम को एक उच्च शिखर पर ले जाने की ।

arvind
01-05-2011, 10:23 PM
और तब जाकर अमित जी फोरम ज्वाईन करने को तैयार हुये। तब मैंने उनसे कहा कि आप इस फोरम पर अपने बिलकुल असली नाम से रजिस्टर करे, क्योंकि यहा पहचान छुपाने कि कोई जरूरत नहीं है। उन्होने ने मेरे इस आग्रह को मान लिया और इस तरह फोरम मे प्रवेश हुआ एक नया भूचाल। उस वक्त मे फोरम प्रबंधन मे नहीं था। बाद मे जब नियामक क्षेत्र मे गया तब पता चला कि अमित जी के आने से कितनी हलचल बढ़ी हुई थी।

khalid
01-05-2011, 10:33 PM
बहुत अच्छे अरविन्द भाई
:tomato::tomato:

arvind
01-05-2011, 10:36 PM
बहुत अच्छे अरविन्द भाई
:tomato::tomato:
वाह... टमाटर भी फेक रहो हो और तारीफ भी कर रहे हो। :lol::lol:

Ranveer
01-05-2011, 10:37 PM
रणवीर ji, मैं आपकी सोच का सम्मान करता हूँ, लेकिन यह मुआ इस फोरम का इतिहास ऐसा है की कोई एक व्यक्ति सब कुछ नहीं लिख सकता.. इसलिए सभी सदस्यों का योगदान जरुरी है..

आप खुद ही सोचिये एक ही व्यक्ति की सब कुछ कैसे पता होगा..

शुरू में थोडा confusion लगेगा लेकिन धीरे धीरे सब clear हो जायेगा.


हाँ ये पहलु तो सोचने वाला है
एक व्यक्ति को सबकुछ तभी पता रह सकता है जब वो रोज फोरम में ज्यादा से ज्यादा समय बिताता हो और ज्यादा से ज्यादा लोगों से निकट से जुडा हुआ हो
तब भी पूरी तरह संभव नहीं है की वो सारी बातें जानता ही हो:thinking:
सच्चाई तभी दिख सकती है जब ज्यादा लोग उस पर मुहर लगाते जाए और अपनी बात भी बतातें जाएँ और तभी वह सच्चे अर्थ में इतिहास कहला सकती है
मै अपने कथन वापस लेता हूँ /:p

arvind
01-05-2011, 10:45 PM
और तो और मुझे और निशांत जी को भी निशाने पर लेकर चर्चा होने लगी। जबकि सच पूछिये तो मै इस पूरे प्रकरण से बहुत क्षुब्ध था, तथा चाहता था कि फोरम पर सब कुछ ठीक ठाक से चले और फोरम बहुत आगे तक जाये। इस बीच कुछ नियमकों ने यहा "गरम मशाला" जैसे विभाग को शुरू करने के लिए भी अभिषेक जी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। जिसे अभिषेक जी सिरे से खारिज कर दिया। बातों-बातों मे इस बात का भी एहसास करना शुरू कर दिया कि उनका एक अपना सदस्यो कि बहुत बड़ी टोली है, और उनकी ही वजह से फोरम पर इतने सारे लोग आ रहे है, और अगर वो गए तो सारे सदस्य भी चले जाएँगे।

इन सब बातों से अभिषेक जी काफी परेशान हो गए थे।

arvind
01-05-2011, 10:50 PM
इसी बीच अभिषेक जी ने एक ऐसा काम किया, जो बेहद साहसिक और हंगामेदार था - अमित जी को भी नियामक बना दिया।

jitendragarg
01-05-2011, 11:08 PM
अरविन्द भाई, आपके और अमित भाई के बीच के किस्से तो पता ही नहीं थे! अच्छा किये बता दिए, वरना हम तो कुछ और ही समझ लेते! :giggle:

arvind
01-05-2011, 11:08 PM
अब तो आगे जो हुआ, वो किसी भी मायने मे हाई वोल्टेज ड्रामा से कम नहीं था। प्रबंधन क्षेत्र मे जबर्दस्त हलचल थी। सभी लोग किकर्तव्यविमूढ़ थे। अभिषेक जी, जितेंद्र जी, समेत अन्य लोगो को समझ मे नहीं आ रहा था कि क्या किया जाय? इसी बीच वो फोरम जहा से बहुत सारे सदस्य यहा पर आए थे, वो बहुत दिनो तक खराब रहने के बाद शुरू हो चुका था - कुछ नियामक और सदस्य वह भी अपना योगदान देने लगे। सदस्यो के लिए तो कोई बात नहीं थी, परंतु कुछ नियामकगण भी एक ही user id दोनों जगह रखे हुये थे। इस बात पर फिर चर्चा हुई कि ये सही नहीं है। तो वैसे नियामको ने यहा अपने आईडी बदल लिए। परंतु प्रबंधन क्षेत्र कि परेशानी ज्यो कि त्यो बनी रही।

abhisays
01-05-2011, 11:26 PM
उस वक़्त प्रबंधन एक व्यक्ति की हाथ में चला गया था, उन्हें लगता था वो है तो सब कुछ है नहीं तो कोई भी नहीं, यह सबसे बड़ी दिक्कत थी.

मैं आज भी जय भाई, अनिल भाई का बहुत बड़ा समर्थक हो उन्होंने फोरम के लिए काफी कुछ किया है.

Ranveer
02-05-2011, 12:04 AM
फोरमों के इतिहास पढने पर इतना तो पता चलता है की ये जीवन से गहरे तौर पर जुड़ जातें हैं
मुझे लगता है इंसानी फिदरत की पहचान का इससे सुन्दर उदाहरण नहीं दिख सकता
की आतें तो हम यहाँ केवल मनोरंजन करने हैं पर इनमे खो जातें हैं /

arvind
02-05-2011, 01:30 AM
आपकी पूर्व में चौपाल पर की गयी प्रविष्टियाँ इस की गवाही दे देंगी ... आप कहें तो पेज मैंने आज के लिए ही कोपी करके रखे थे ...आपकी नजर कर दूं ???
इजाजत है.......

arvind
02-05-2011, 02:15 AM
सच्चाई तो यह है कि यह एक साफ-सुथरा और पारिवारिक हिन्दी फोरम है, जिसे आप अपने परिवार के किसी भी सदस्य के साथ यहा भ्रमण कर सकते है। यही एक खासियत की वजह से अन्य दूसरे फोरम से बहुत सारे सदस्य यहा खिचे चले आए। यही बात कुछ तथाकथित फोरम के "प्रो" मेंबरो को नागवार गुजरने लगी।

फिर क्या हुआ..... कल इसका जिक्र करूंगा।

sagar -
02-05-2011, 08:13 AM
आज तो पूरी रात इतिहास लिखा गया हे

arvind
02-05-2011, 12:35 PM
आज तो पूरी रात इतिहास लिखा गया हे
सागर जी, आपका ही लगाया हुआ बीज है.... जो समय के साथ एक बड़े पेड़ मे परिवर्तित होता जा रहा है। इसके लिए आप धन्यवाद के पात्र है।

arvind
02-05-2011, 01:04 PM
इसी दौरान, यानि 22 जनवरी 2011 को फोरम पर एक महिला सदस्य का आगमन हुआ, उनका id और नाम दोनों ही भूमि जी है। यू तो फोरम पर बहुत सी महिला सदस्य है, किन्तु इनकी तो बात ही निराली थी। आते ही फोरम पर, खासकर चौपाल पर छा गई थी। चुकी फोरम पर बहुत दिनो से यह प्रयास चल रहा था की महिलाओ की भागीदारी भी फोरम प्रबंधन मे हो, इसके लिए प्रयास तो बहुत हुये थे, लेकिन कुछ ना कुछ कारणो से सफलता नहीं मिल पा रही थी।

भूमि जी एक योग्य और काफी सक्रिय सदस्य थी। अभिषेक जी को लगा की यह भूमि जी का चुनाव सही हो सकता है, उन्होने भूमि जी से नियमन कार्य संभालने के लिए कहा, जिसके लिए वो राजी जो गई। और फोरम पर आने के चार ही दिन बाद, यानि 26 जनवरी 2011 को नए प्रबंधन मे पहले नियामक के रूप मे शामिल हुई। भूमि जी इस फोरम की पहली महिला नियामक है।

arvind
02-05-2011, 01:14 PM
भूमि जी के नियामक बनने के चार ही दिन बाद यानि 30 जनवरी 2011 को कुछ और सदस्यो को प्रबंधन टीम मे जोड़ा गया, वो इस प्रकार है:

1॰ सिकंदर जी (फोरम मित्र)
2. अमित तिवारी (नियामक)
3. अरविंद (नियामक)

इसके अलावा अभिषेक जी (प्रशासक), जितेंद्र जी (तकनीकी सलहकार) और भूमि जी (नियामक) तो पहले से थे ही। इस तरह फोरम प्रबंधन मे छ: लोग हो गए थे। अब इन लोगो पर ज़िम्मेदारी थी, फोरम के सदस्यो का विश्वास जीतने की और फोरम को आगे बढ़ाने की।

arvind
02-05-2011, 06:37 PM
सभी सदस्यो से निवेदन है कि सबंधित विषय पर अगर आप लोगो के पास भी कोई जानकारी हो, तो उसे यहा शेयर करे। एक आदमी समूचा इतिहास नहीं लिख सकता। दूसरी बात - यहा जो कुछ भी मै लिख रहा हूँ, वह मेरी जानकारी और विश्लेषण के आधार पर है। कोई भी सदस्य यहा अपनी बात कहता है तो उसे समझने और समझाने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

arvind
03-05-2011, 01:08 PM
आप लोगो के तरफ से कोई कोमेंट्स नहीं आ रहे है। लगता है मेरे द्वारा इस विषय पर लिखना आपलोगो को पसंद नहीं आ रहा है और अगर आप लोगो को पसंद नहीं है तो मै इसपर आगे नहीं लिखुंगा।

ndhebar
03-05-2011, 01:58 PM
आप लोगो के तरफ से कोई कोमेंट्स नहीं आ रहे है। लगता है मेरे द्वारा इस विषय पर लिखना आपलोगो को पसंद नहीं आ रहा है और अगर आप लोगो को पसंद नहीं है तो मै इसपर आगे नहीं लिखुंगा।
ये लो कर लो बात
अब लिखने को बचा ही क्या है
सब कुछ तो आपने पहले ही लिख दिया

arvind
03-05-2011, 02:29 PM
ये लो कर लो बात
अब लिखने को बचा ही क्या है
सब कुछ तो आपने पहले ही लिख दिया
अभी कहा, ये तो शुरुआत है.... देखते जाईए।

मगर आप लोग चाहेंगे तभी मै आगे बढ़ाऊंगा

chndrsekhar
03-05-2011, 02:42 PM
अभी कहा, ये तो शुरुआत है.... देखते जाईए।

मगर आप लोग चाहेंगे तभी मै आगे बढ़ाऊंगा
मित्र आपके पास जो जानकारी है उसे लिखते जाईये, इससे मुझ जेसे सदस्यों को भी सारी जानकारी मिल जायेगी.

sagar -
03-05-2011, 02:58 PM
अभी कहा, ये तो शुरुआत है.... देखते जाईए।

मगर आप लोग चाहेंगे तभी मै आगे बढ़ाऊंगा
आप लिखते जाओ बस .. अभी बहुत कुछ हे जानना इस फोरम का इतिहास अभी पूरा नही हुआ
हम चाहते हे जानना तभी तो इस सूत्र का निर्माण किया हे !

abhisays
03-05-2011, 03:38 PM
अभी तक तो फोरम के इतिहास का १० प्रतिशत भी नहीं हुआ है. अभी बहुत कहानिया बची हुई हैं. जल्द ही धीरे धीरे हम लोग सभी के सामने लायेंगे.

आने वाली कहानियो में आपको यह पात्र काफी सक्रिय नज़र आयेंगे.
१. abhisays (मैं करीब करीब हर कहानी में हूँ.)
२. जय भाई.
३. मुन्नेराजा जी.
४. जीतेन्द्र गर्ग.
५. युवराज जी.
६ हमसफ़र यानी संतोष राजपूत.
7. गुल्लू जी.

jitendragarg
03-05-2011, 03:50 PM
१. abhisays (मैं करीब करीब हर कहानी में हूँ.)


हीरोगिरी मत दिखाओ! सब को पता, की तुम सब कहानी में हो! :crazyeyes:

arvind
03-05-2011, 04:23 PM
हीरोगिरी मत दिखाओ! सब को पता, की तुम सब कहानी में हो! :crazyeyes:
ये तो मेरा काम है.... बाकायदा पेटेंट कराया हुआ है। :gm:

khalid
03-05-2011, 04:27 PM
आप लोगो के तरफ से कोई कोमेंट्स नहीं आ रहे है। लगता है मेरे द्वारा इस विषय पर लिखना आपलोगो को पसंद नहीं आ रहा है और अगर आप लोगो को पसंद नहीं है तो मै इसपर आगे नहीं लिखुंगा।

क्या बात कर रहे हैँ खुब पसन्द हैँ आप लिखते रहे हम सभी पढते रहेँगे:cheers:

ndhebar
03-05-2011, 07:02 PM
ये तो मेरा काम है.... बाकायदा पेटेंट कराया हुआ है। :gm:
इससे तो मैं भी सहमत हूँ

ndhebar
03-05-2011, 07:03 PM
अभी तक तो फोरम के इतिहास का १० प्रतिशत भी नहीं हुआ है. अभी बहुत कहानिया बची हुई हैं. जल्द ही धीरे धीरे हम लोग सभी के सामने लायेंगे.

आने वाली कहानियो में आपको यह पात्र काफी सक्रिय नज़र आयेंगे.
१. abhisays (मैं करीब करीब हर कहानी में हूँ.)
२. जय भाई.
३. मुन्नेराजा जी.
४. जीतेन्द्र गर्ग.
५. युवराज जी.
६ हमसफ़र यानी संतोष राजपूत.
7. गुल्लू जी.

तो वो भी सुना ही डालिए
वैसे भी इस शो की टी आर पी काफी ज्यादा है :think:

jitendragarg
03-05-2011, 09:43 PM
क्या बात कर रहे हैँ खुब पसन्द हैँ आप लिखते रहे हम सभी पढते रहेँगे:cheers:

सिर्फ पढ़ने से क्या होगा! अपना इतिहास खुद बनाओ, और किताब छाप कर ८वि कक्षा के छात्रों की नाक में दम करो! :crazyeyes::banalema:

khalid
04-05-2011, 01:05 PM
सिर्फ पढ़ने से क्या होगा! अपना इतिहास खुद बनाओ, और किताब छाप कर ८वि कक्षा के छात्रों की नाक में दम करो! :crazyeyes::banalema:

मैँ खुद पाँच क्लास से आगे नहीँ पढ़ पाया आठवीँ क्लास वाले क्या पढ़ेँगे

:banalema:

jitendragarg
04-05-2011, 07:46 PM
ये क्या हो रहा है? पूरी दूकान तबाह हो गयी, और समान खरीदने को ग्राहक भी नहीं आये! :bang-head:

jitendragarg
04-05-2011, 10:51 PM
खालिद भाई, जिस बारे में पहले दिन से ही मनाही होती है, उस बात को हर दसवे दिन उठा कर लाना, फिर बोलना की सिर्फ चर्चा कर रहे है, गलत है! उसको चर्चा करना नहीं, जिद करना कहते है! और नियामक खुद ऐसी जिद करेंगे, तो मुझे नहीं लगता की ऐसे लोग अपने पद का सही इस्तेमाल करेंगे! खैर, छोडो, जिनको घी डालना था, वो तो आग में घी डाल के चले गए! यहाँ पर ऐसे पेश आना की आप बहुत शरीफ है, और पीठ पीछे गाली देना, हमें तो ठीक नहीं लगता!

अगर ये बात किसी को बुरी लगती है, तो इसमें कुछ नहीं किया जा सकता, पर फोरम प्रबंधन के लोग अगर खुद ही ऐसी बात करेंगे, तो फोरम का हित कैसे सोचेंगे? आप ही बताइए!

jitendragarg
04-05-2011, 10:54 PM
अब तक बहुत ही बातें हो चुकी है. पता नहीं कौन सही है कौन गलत. बस मैं भी सोच रहा हूँ कुछ लिखू यहाँ पर.

so here I go.

कुछ लोग कई बातें दिल पर लगा रहे है.. उनके लिए मैं इतना ही बोलूँगा यार chill करो.. इतना दिमाग अपने फॅमिली और करियर पर लगाओगे तो लाइफ कुछ ज्यादा अच्छी हो जाएगी.

take a chill pill.. .man...

लाइफ में सबसे important चीज़ होती है attitude जो इन सेंटी लोग में नहीं होता..

कुछ लोग अपने sentiments कर कारण खुद ही परेशान होते हैं और दुसरो को भी करते हैं.

और शायद यही हो रहा है...

कुछ लोग रोना रोते है की हम बहुत अच्छे है हमारे बारे में ऐसा क्यों लिखा जा रहा है. मैं उन लोगो को बोल रहा हूँ.. यार यह तुम्हारे बारे में नहीं तुमने जो ID बना कर कर कांड किये है उसके बारे में लिखा जा रहा है.

It is not you, man.. damn it.. it is your ID...

grow up.... please....

I am 26... if I can understand why don't you??


I am very much proud to have a team like this.

Bhoomika Joshi (MBA Graduate)
Amit Tiwari (IT entrepreneur)
Jitendra Garg (B.Tech from one of India's premier engineering collges.)
Nitikesh (Engineering Graduate)
Sikandar (first generation entrepreneur)
Arvind (Software Engineer and Entrepreneur)

We are young..
doing good in our career....
confident....
......

India's future....

This is fact.. rest all things are useless.....

This is a place for good people who are damn serious about their lives, relationships and career..........


We are building new India........

and one thing.... I will add..........


Do you have it in you????? तो आपका स्वागत है....

फोरम, इतिहास, मान, अपमान, अनुज, बड़े भैया... क्या यार..


once again... I'll say.. grow up man...


आज बहुत सीरिअस हो यार! सुबह ऑफिस में भी ऐसे ही थे! पहली बार अंग्रेजी का पूरा प्रयोग देखा है, तुम्हारे पोस्ट में! वैसे, जिनको रोना है, रोने दो! अपन अपने हिसाब से जो सच है, वो लिखो! देख लेंगे, रोने वाले क्या पाते है, इतना आंसू बहा कर!

:cheers:

abhisays
04-05-2011, 10:58 PM
आज बहुत सीरिअस हो यार! सुबह ऑफिस में भी ऐसे ही थे! पहली बार अंग्रेजी का पूरा प्रयोग देखा है, तुम्हारे पोस्ट में! वैसे, जिनको रोना है, रोने दो! अपन अपने हिसाब से जो सच है, वो लिखो! देख लेंगे, रोने वाले क्या पाते है, इतना आंसू बहा कर!

:cheers:


Yaar.. kabhi kabhi yeh google transliteration dhoka deta hai.. to sochta hoon.. it's better to write English.. rather than Hinglish..

जहाँ तक मेरा अपना सोचना है.. सही है... जिनको सही लगता है, सही लगे.. अच्छी बात है.. जिनको नहीं लगता है..आगे लिखना सही नहीं रहेगा.. ही ही ही

सत्यमेव जयते..

amit_tiwari
04-05-2011, 11:11 PM
अब तक बहुत ही बातें हो चुकी है. पता नहीं कौन सही है कौन गलत. बस मैं भी सोच रहा हूँ कुछ लिखू यहाँ पर.

so here I go.

......
....

........

Bhoomika Joshi (MBA Graduate)
Amit Tiwari (IT entrepreneur)
Jitendra Garg (B.Tech from one of India's premier engineering collges.)
Nitikesh (Engineering Graduate)
Sikandar (first generation entrepreneur)
Arvind (Software Engineer and Entrepreneur)

We are young..
doing good in our career....
confident....
......

India's future....

This is fact.. rest all things are useless.....

This is a place for good people who are damn serious about their lives, relationships and career..........


We are building new India........

and one thing.... I will add..........


Do you have it in you????? तो आपका स्वागत है....

फोरम, इतिहास, मान, अपमान, अनुज, बड़े भैया... क्या यार..


once again... I'll say.. grow up man...

My point exactly.

Let's make this place matter of proud.:bravo:

sandeepmaster
05-05-2011, 12:07 AM
अब तक बहुत ही बातें हो चुकी है. पता नहीं कौन सही है कौन गलत. बस मैं भी सोच रहा हूँ कुछ लिखू यहाँ पर.

so here I go.

कुछ लोग कई बातें दिल पर लगा रहे है.. उनके लिए मैं इतना ही बोलूँगा यार chill करो.. इतना दिमाग अपने फॅमिली और करियर पर लगाओगे तो लाइफ कुछ ज्यादा अच्छी हो जाएगी.

take a chill pill.. .man...

लाइफ में सबसे important चीज़ होती है attitude जो इन सेंटी लोग में नहीं होता..

कुछ लोग अपने sentiments कर कारण खुद ही परेशान होते हैं और दुसरो को भी करते हैं.

और शायद यही हो रहा है...

कुछ लोग रोना रोते है की हम बहुत अच्छे है हमारे बारे में ऐसा क्यों लिखा जा रहा है. मैं उन लोगो को बोल रहा हूँ.. यार यह तुम्हारे बारे में नहीं तुमने जो ID बना कर कर कांड किये है उसके बारे में लिखा जा रहा है.

It is not you, man.. damn it.. it is your ID...

grow up.... please....

I am 26... if I can understand why don't you??


I am very much proud to have a team like this.

Bhoomika Joshi (MBA Graduate)
Amit Tiwari (IT entrepreneur)
Jitendra Garg (B.Tech from one of India's premier engineering collges.)
Nitikesh (Engineering Graduate)
Sikandar (first generation entrepreneur)
Arvind (Software Engineer and Entrepreneur)

We are young..
doing good in our career....
confident....
......

India's future....

This is fact.. rest all things are useless.....

This is a place for good people who are damn serious about their lives, relationships and career..........


We are building new India........

and one thing.... I will add..........


Do you have it in you????? तो आपका स्वागत है....

फोरम, इतिहास, मान, अपमान, अनुज, बड़े भैया... क्या यार..


once again... I'll say.. grow up man...

वाह क्या बात है, मैंने तो एक बार में ही पूरा इतिहास पढ़ लिया.

फोरम, इतिहास, मान, अपमान, अनुज, बड़े भैया... क्या यार.

वास्तव में मायने तो यही बातें रखती हैं,

फोरम आपका है.
इतिहास जरूरी है
मान शायद आप भी इसकी लालसा करते होंगे
अपमान अच्छा नहीं लगता
अनुज, बड़े भैया: एक अपनापन भी होता है

... क्या यार:=-यंग हो .........बहुत अच्छा, कुछ भारत छोड़कर विदेश गए लोग भी अपने इतिहास, मान आदि का ऐसे ही मजाक उड़ाते हैं.

शायद मैं गलत हो सकता हूँ. लेकिन मेरी नजर में नहीं.:think:

abhisays
05-05-2011, 12:20 AM
वाह क्या बात है, मैंने तो एक बार में ही पूरा इतिहास पढ़ लिया.

फोरम, इतिहास, मान, अपमान, अनुज, बड़े भैया... क्या यार.

वास्तव में मायने तो यही बातें रखती हैं,

फोरम आपका है.
इतिहास जरूरी है
मान शायद आप भी इसकी लालसा करते होंगे
अपमान अच्छा नहीं लगता
अनुज, बड़े भैया: एक अपनापन भी होता है

... क्या यार:=-यंग हो .........बहुत अच्छा, कुछ भारत छोड़कर विदेश गए लोग भी अपने इतिहास, मान आदि का ऐसे ही मजाक उड़ाते हैं.

शायद मैं गलत हो सकता हूँ. लेकिन मेरी नजर में नहीं.:think:


आप यहाँ गलत nahi है, क्योंकि आपको पुरे मामले की जानकारी nahi.. ऊपर वाली टिपण्णी क्यों हुई है उसके पीछे एक पूरा इतिहास है, जो शायद आपको पता nahi है.

Nitikesh
05-05-2011, 06:48 AM
यार बहुत सेंटिमेंट बाते हो गयी है/
अब इतिहास को आगे बढाइये/
मुझे आगे का इतिहास जानने की इक्षा हो रही है/
लेकिन इसमें इतना वाद विवाद हो चूका है की इतिहास का धागा अस्त व्यस्त हो गया है/
अब धागे को सुलझा कर इतिहास को आगे बढ़ाये/

khalid
05-05-2011, 07:29 AM
खालिद भाई, जिस बारे में पहले दिन से ही मनाही होती है, उस बात को हर दसवे दिन उठा कर लाना, फिर बोलना की सिर्फ चर्चा कर रहे है, गलत है! उसको चर्चा करना नहीं, जिद करना कहते है! और नियामक खुद ऐसी जिद करेंगे, तो मुझे नहीं लगता की ऐसे लोग अपने पद का सही इस्तेमाल करेंगे! खैर, छोडो, जिनको घी डालना था, वो तो आग में घी डाल के चले गए! यहाँ पर ऐसे पेश आना की आप बहुत शरीफ है, और पीठ पीछे गाली देना, हमें तो ठीक नहीं लगता!

अगर ये बात किसी को बुरी लगती है, तो इसमें कुछ नहीं किया जा सकता, पर फोरम प्रबंधन के लोग अगर खुद ही ऐसी बात करेंगे, तो फोरम का हित कैसे सोचेंगे? आप ही बताइए!

जितेन्द्र भाई एक बात जरुर कहुगाँ अगर उनलोँगो ने एक काम गलत क्या तो दस अच्छे भी काम किया हैँ जरुरत हैँ अच्छे को अच्छे नजर से देखना इतिहास चाहे तो बगैर विवाद के भी आगे बढ सकता हैँ हमेँ अगर फोरम हित सोचना हैँ तो दस अच्छे के साथ एक बुरा सही अगर किसी के पाँच बेटे हो तो सभी पण्डित नहीँ बन सकता कोई चोर भी बनेगा तो क्या उन्हेँ क्या बेटा नहीँ कहेगा जरुरत हैँ उन्लोँगो की मेहनत को भी अच्छे नजर से देखने की

Bholu
05-05-2011, 08:26 AM
यार बहुत सेंटिमेंट बाते हो गयी है/
अब इतिहास को आगे बढाइये/
मुझे आगे का इतिहास जानने की इक्षा हो रही है/
लेकिन इसमें इतना वाद विवाद हो चूका है की इतिहास का धागा अस्त व्यस्त हो गया है/
अब धागे को सुलझा कर इतिहास को आगे बढ़ाये/

आप भी तो पुराने हो और मेरे सीनीयर हो
आप ही कुछ बताये अच्छा लगेगा

arvind
05-05-2011, 10:15 AM
जितेन्द्र भाई एक बात जरुर कहुगाँ अगर उनलोँगो ने एक काम गलत क्या तो दस अच्छे भी काम किया हैँ जरुरत हैँ अच्छे को अच्छे नजर से देखना इतिहास चाहे तो बगैर विवाद के भी आगे बढ सकता हैँ हमेँ अगर फोरम हित सोचना हैँ तो दस अच्छे के साथ एक बुरा सही अगर किसी के पाँच बेटे हो तो सभी पण्डित नहीँ बन सकता कोई चोर भी बनेगा तो क्या उन्हेँ क्या बेटा नहीँ कहेगा जरुरत हैँ उन्लोँगो की मेहनत को भी अच्छे नजर से देखने की
खालिद भाई,
एक बात अपने बहुत सही कहा है, की अगर किसी के पाँच बेटे हो तो पांचो पंडित नहीं बन सकता कोई चोर भी बनेगा, तो क्या उन्हे क्या बेटा नहीं कहेगा। अब अगर इन पांचो का इतिहास लिखा जाएगा तो सबकी करनी का जिक्र तो होगा ही। अब चोर बेटा कहेगा कि मेरा साथ भेदभाव हो रहा है, मेरे भाईयो के बारे मे अच्छा और मुझे चोर बताया जा रहा है, तो क्या हमे उसे भी पंडित बताना चाहिए।

khalid
05-05-2011, 10:30 AM
खालिद भाई,
एक बात अपने बहुत सही कहा है, की अगर किसी के पाँच बेटे हो तो पांचो पंडित नहीं बन सकता कोई चोर भी बनेगा, तो क्या उन्हे क्या बेटा नहीं कहेगा। अब अगर इन पांचो का इतिहास लिखा जाएगा तो सबकी करनी का जिक्र तो होगा ही। अब चोर बेटा कहेगा कि मेरा साथ भेदभाव हो रहा है, मेरे भाईयो के बारे मे अच्छा और मुझे चोर बताया जा रहा है, तो क्या हमे उसे भी पंडित बताना चाहिए।

उन के तरफ से उनके नजर मेँ फोरम को बेहतर बनाने के लिए एक सुझाव था ना की फोरम को xx बनाने की जबरदस्ती कोशिश बाकी आप तो जानते हैँ फोरम पहले क्या था उनलोगो के वजह से अब क्या हैँ क्योँ की उन्हेँ तजुर्बा था फोरम चलाने का भाई मैँ ज्यादा गहराई मेँ नहीँ जाना चाहता बस मैँ चाहता हुँ बेकार के विवाद मेँ दिल मेँ इतना फर्क ना पैदा हो जाए कभी आमना सामना हो नजर चुराना परे
वैसे किसी जगह पढा था
दोस्त बनाने से पहले दिल मेँ कब्र खोद लो जहाँ दोस्त की बुराई को दफन कर सको बाकी आप सभी बडो की मर्जी सर आँखोँ पर

ndhebar
05-05-2011, 10:33 AM
जितेन्द्र भाई एक बात जरुर कहुगाँ अगर उनलोँगो ने एक काम गलत क्या तो दस अच्छे भी काम किया हैँ जरुरत हैँ अच्छे को अच्छे नजर से देखना इतिहास चाहे तो बगैर विवाद के भी आगे बढ सकता हैँ हमेँ अगर फोरम हित सोचना हैँ तो दस अच्छे के साथ एक बुरा सही अगर किसी के पाँच बेटे हो तो सभी पण्डित नहीँ बन सकता कोई चोर भी बनेगा तो क्या उन्हेँ क्या बेटा नहीँ कहेगा जरुरत हैँ उन्लोँगो की मेहनत को भी अच्छे नजर से देखने की

अगर किसी के पाँच बेटे हो तो सभी पण्डित नहीँ बन सकता कोई चोर भी बनेगा तो क्या उन्हेँ क्या बेटा नहीँ कहेगा
कहेगा पर शर्म से सर झुककर कहेगा, उस पर गर्व नहीं करेगा की मेरा बेटा चोर है


बुरा कभी सही नहीं हो सकता
एक गन्दी मछली भी पुरे तालाब को गन्दा करने में सक्षम होती है
एक बात स्पष्ट है
इज्जत कभी मांगने से नहीं मिलती ये ऐसी चीज है जो किसी के दिल से निकलती है

khalid
05-05-2011, 10:39 AM
अगर किसी के पाँच बेटे हो तो सभी पण्डित नहीँ बन सकता कोई चोर भी बनेगा तो क्या उन्हेँ क्या बेटा नहीँ कहेगा
कहेगा पर शर्म से सर झुककर कहेगा, उस पर गर्व नहीं करेगा की मेरा बेटा चोर है



कहेगा जरुर मेरा बेटा हैँ लेकिन यह तो नहीँ कहेगा मेरा बेटा चोर हैँ

arvind
05-05-2011, 10:59 AM
दरअसल एक अन्य फोरम के क्रेश होने के बाद से वहा के सदस्य और नियामक इधर-उधर उसी स्तर के (अश्लीलता से भरपूर) के फोरम को विकल्प के रूप मे ढूंढ रहे थे और भटकते-भटकते यहा आ पहुचे। वास्तव मे यह फोरम शुरुआत के दिनो से ही अग्रेजी फोरम था। 19.10.2010 को सबसे पहले इस फोरम पर पहुचे नीरज गुप्ता उर्फ जलवा जी और अनिल कुमार शर्मा यानि अक्स जी। आने के कुछ दिनो बाद ही यानि 27.10.2010 को नीरज जी ने "दोस्तो की चौपाल" बनाकर हिन्दी की शुरुआत की। उसके बाद मुन्नेराजा उर्फ गुना उर्फ नरेंद्र जी, श्याम भाई, जय भाई, सिकंदर जी, रोहित ही उर्फ वीडियो मास्टर, खालिद भाई आदि लोग फोरम पर आते गए। ज़्यादातर लोग इसे एक तात्कालिक रूप से इस्तेमाल करने के लिए ही पधारे थे...... जरा गौर फरमाए,
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10713&stc=1&d=1304575068
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10714&stc=1&d=1304575068
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10715&stc=1&d=1304575068

arvind
05-05-2011, 11:19 AM
जहा कुछ लोग उक्त तथाकथित फोरम को पुन: शुरू होने के लिए सुबह-शाम अपने इष्ट देवो की पुजा अर्चना करने मे जुटे थे वही एक गुट इसे उसी फोरम के रूप मे परिवर्तित करना चाहता था। और वो इस कुत्सित प्रसाय मे लग चुके थे। कुछ लोग ऐसे भी थे जो बिना नियामकगिरि के नहीं रह सकते थे। इस सब ने मिलकर अभिषेक जी को अपने रंग मे रंगने की भरपूर कोशिश की। पहले तो इन शातिरों को अभिषेक जी समझ ही नहीं पाये, पर बाद मे जब उन्हे समझ आया तब तक बात काफी आगे निकल चुकी थी, अब अभिषेक जी पूरी तरह से इनके चंगुल मे फंस चुके थे और इनसे निकलने के बारे मे सोच ही रहे थे की उक्त फोरम चालू हो गया..... और फिर से वो लोग वहा योदगान देने पहुच गए। मगर अब वो लोग दोनों हाथो मे लड्डू चाह रहे थे, यानि वहा भी पदाधिकारी और यहा भी। मगर अभिषेक जी ने उनलोगों से कहा की चुकी अब लोग एक अश्लील साईट के भी नियामक हो, तो यहा रहना अब आपलोगो के लिए संभव नहीं है, अगर यहा रहना है तो आपलोगो को अपनी ID बदलनी होगी, इसपर कुछ लोग तैयार भी हो गए। तब मुन्नेराजा का आईडी बदलकर "गुना" हो गया और अक्ष जी का aksharama। मगर इसके बावजूद भी इनलोगों का यहा पर योगदान नहीं के बराबर थे, तब जाकर अभिषेक जी ने पुराने लोगो को हटा दिया।

इस पर अभिषेक जी और प्रकाश डाले।

arvind
05-05-2011, 12:00 PM
उन के तरफ से उनके नजर मेँ फोरम को बेहतर बनाने के लिए एक सुझाव था ना की फोरम को xx बनाने की जबरदस्ती कोशिश बाकी आप तो जानते हैँ फोरम पहले क्या था उनलोगो के वजह से अब क्या हैँ क्योँ की उन्हेँ तजुर्बा था फोरम चलाने का भाई मैँ ज्यादा गहराई मेँ नहीँ जाना चाहता बस मैँ चाहता हुँ बेकार के विवाद मेँ दिल मेँ इतना फर्क ना पैदा हो जाए कभी आमना सामना हो नजर चुराना परे
वैसे किसी जगह पढा था
दोस्त बनाने से पहले दिल मेँ कब्र खोद लो जहाँ दोस्त की बुराई को दफन कर सको बाकी आप सभी बडो की मर्जी सर आँखोँ पर
मैंने ये कब लिखा है कि उनलोगों का योगदान कम रहा है या उनलोगों ने फोरम के लिए कुछ नहीं किया। उनलोगों का योगदान बहुत ही अच्छा था, मगर उनके द्वारा किया गया कुत्सित प्रयास गलत था।

सही कहा आपने - अगर आपको लगता है कि हमलोगो के मन मे किसी भी तरह का किसी भी सदस्य, चाहे वो कही से आता हो, के लिए दुर्भावना रखते है तो इस बात को दिल से निकाल दीजिये। यहा पर कोई भी आता है तो उससे कोई नहीं पूछता कि आप कहा से आए हो? ये आप भी जानते है। अभी पिछले महीने ही "सागर" जी को "user of the month" चुना गया और अभी missk को। ये लोग खुद ही बताए कि इनलोगों के साथ क्या इस तरह कि बाते किसी ने की है। हमसफर और युवराज के चर्चे तो हर तरफ है, क्या इन्हे इसी वजह से बैन किया गया कि हमलोग इन्हे पसंद नहीं करते।

भाई मेरे, यहा किसी को किसी के प्रति मन मे दुर्भावना नहीं है, हाँ यहा आकर कोई हुड़दंग मचाएगा या गड़बड़ करेगा, तो उसे उसकी सजा जरूर मिलेगी।

khalid
05-05-2011, 12:37 PM
बाकी को छोड कर एक सदस्य की बात करता हुँ
युवराज भाई लास्ट जब बैन किया गया तो क्योँ ???
ड्रेकुला जी से बहस करने से आगाज किया कारण इस फोरम पर उनकी प्रविष्टी एक सौ दुसरे जगह एक हजार इस वजह से चिढ कर युवराज भाई ने बहँस किया था यह एक दम निजी कारण था युवराज भाई का उसके बाद आईडी के लिए यह आईडी उस फोरम पर हैँ यह नहीँ मिलेगा वह नहीँ मिलेगा तभी अभिषेक जी ने चौपाल पर लिखा था फोरम पर किसी की नेतागिरी नहीँ चलेगा तो युवराज भाई ने स्पष्टी करण माँगा था अभिषेक जी से और जिन सदस्योँ ने थेँक्स का बटन दबाया था उनसे भी जिस पर मैँने अभि जी को लिखा था कहीँ फिर विवाद पैदा ना हो जाए उस प्रविष्टी को मिटा दे
अब और सदस्योँ से और नियामक से पंगा क्योँ लिया उस का कारण हैँ नियामक क्षेत्र मेँ युवि जी को दिया गया रेड कार्ड और उनको बैन जो की अभि जी ने हटाया था और बैन करने के बाद जो पाँच सदस्योँ ने अभि जी pm करके धन्यवाद दिया था उन सब से पंगा लेना युवि जी ने आप तो जानते होँगे सब नियामक क्षेत्र मेँ लिखा होगा

arvind
05-05-2011, 02:38 PM
अब तक 82,000+ पोस्ट फोरम पर हो चुके है ऐसे मे प्रविष्टियों को ढुढ़ना, बिलकुल वैसे ही है, जैसे रेत मे सुई खोजना। इस खोज के क्रम मे मुझे ये मिला, ये वैसे सोच वाले सदस्यो के लिए है, जिन्हे ये लगता है की मै, अमित जी और निशांत जी एक दूसरे के सुर-मे-सुर मिलाते है।

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10716&stc=1&d=1304588308

ndhebar
05-05-2011, 06:18 PM
उन के तरफ से उनके नजर मेँ फोरम को बेहतर बनाने के लिए एक सुझाव था ना की फोरम को xx बनाने की जबरदस्ती कोशिश बाकी आप तो जानते हैँ फोरम पहले क्या था उनलोगो के वजह से अब क्या हैँ क्योँ की उन्हेँ तजुर्बा था फोरम चलाने का भाई मैँ ज्यादा गहराई मेँ नहीँ जाना चाहता बस मैँ चाहता हुँ बेकार के विवाद मेँ दिल मेँ इतना फर्क ना पैदा हो जाए कभी आमना सामना हो नजर चुराना परे वैसे किसी जगह पढा था
दोस्त बनाने से पहले दिल मेँ कब्र खोद लो जहाँ दोस्त की बुराई को दफन कर सको बाकी आप सभी बडो की मर्जी सर आँखोँ पर

उनलोगों की वजह से नहीं भाई हमलोगों की वजह से कहो
फल तो उसी को मिलेगा ना जो फल देने तक वृक्ष के साथ रहे

(दोस्त बनाने से पहले दिल मेँ कब्र खोद लो जहाँ दोस्त की बुराई को दफन कर सको)
शानदार पंक्ति :bravo::bravo:

abhisays
05-05-2011, 11:39 PM
बहुत इधर उधर की बातें हो रही है. चलिए अब पॉइंट तो पॉइंट बातें करते है. पुराने नियामको (इसमें आप जय भाई और अमित जी को मत गिनियेगा) और मेरे बीच शुरू में तो काफी अच्छे relations थे पर धीरे धीरे दूरियाँ पैदा होती गयी. इस निम्नलिखित कारण थे ::
उन्होंने हमसफ़र को ७ बार बैन किया, मैंने ३ बार बैन हटाया और २ बार उसकी अवधि कम की. युवराज के साथ ही ऐसा ही हुआ, मैंने युवराज को बैन होने से बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी.
युवराज को मैं कभी भी बेन नही होने देना चाहता था, लेकिन आख़िरी बार मेरी ही बनाई हुई एक नीति के कारण उन्हे बेन करना पड़ा. क्योंकि अब ऐसा है की नियामक मंडली में अगर मेजॉरिटी किसी के बेन के लिए त्यार हो जाती है तो मैं भी उसे नही बचा पता. हाल फिलहाल में हमसफ़र भी इसलिए बेन हुए.
हमसफ़र को मैंने खुद बोला था की नयी ID बनाओ और आ जाओ. आज हमसफ़र उनके हां में हां मिला रहे हैं, लेकिन यह केवल वो ही जानते है की मैंने उनका किया समर्थन किया था.
मैं हमेशा बोलता था की अगर किसी भी सूत्र में विवाद की सम्भावना है तो उसमे प्रविस्तिया ना करे, सीधे उसे मिटा दे या कचरा पेटी में भेज दे. लेकिन ऐसा होता ही नहीं था.
अमित जी को बैन करना तो जैसा उनके जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य बन गया था.
किसी को भी बैन करने की पीछे उनकी एक बढ़ी ही जोरदार strategy रहती थी की उसे गलती करने के लिए उकसाओ या भड़काओ.. और जब मामला फिट हो जाये तो बैन कर दो.
धीरे धीरे यह मंच भी उनके पुराने मंच के सामान्य विभाग की कार्बोन कॉपी बनती जा रही थी.
जो उनका एक गुट था वो सही था बाकी सब उन्हें गलत नज़र आते थे.
चूँकि मैं उनकी यह सब बातें शुरू शुरू में ignore कर देता था, लेकिन बाद में मुझे लगा की ऐसा चलता रहा तो फोरम के हित में अच्छा नहीं होगा.
उन्हें इस बात का बड़ा अभिमान था की वो इससे पहले ८० हज़ार से भी अधिक लोगो के मंच के नियामक रह चुके थे.
उनमे से एक तो मुझे बोला करते थे "अभी जी आप फोरम बना दिए अब भूल जाइए, यह सभी सदस्य तो अपने बचरे है हम जहा हांक देंगे वही चले आएँगे..
वो लोग बोलते थे की हम लोग नेता है बाकी हमारे followers (अनुयायी) हम जहाँ भी रहेंगे वो वही रहेंगे. हम कुछ भी करे कोई कही भी छोड़ कर नही जाने वाला. ऐसे में तब मैं भी सोच में पर जाता था की यह लोग जो कह रहे है सही ही कह रहे होंगे.
एक चीज़ मैने गौर की थी की उन्हे सवाल करने वाले लोग पसंद नही थे, और बाद में यह मेरे साथ भी हो गया क्योंकि मैं भी बहुत सवाल करता था.
पहले तो मैने नियामक मंडली बदलने के बारे में कभी सोचा भी नही था, लेकिन धीरे धीरे प्रविस्तियो का स्तर में भारी गिरावट आती जा रही थी,
मंच पर कही स्वयंबर चल रहा, कही दबंग मुन्ना मुन्नी की बात हो रही थी, कही लोग भीख माँगने का स्वांग कर रहे थे, कही गीला है तो बेहतर है चित्र दिखाए जा रहे थे.
ऐसे में एक दिन उनका पुराना अड्डा फिर से सही हो गया फिर क्या हुआ.. क्रमश

abhisays
06-05-2011, 08:08 AM
१७. ऊपर लिखित बातो के यह मतलब नहीं यह की पुराने नियामको का फोरम में कोई योगदान नहीं था. उनका एक बंजर अंग्रेजी फोरम को हरा भरा हिंदी फोरम बनाने में जो योगदान है वो कोई नहीं नकार सकता. लेकिन कहते है ना आदमी को प्रतिष्ठा बनाने में सालो लग जाते है और उसे जाने में २ मिनट भी नहीं लगते, तो इस केस में भी कुछ ऐसा हुआ है.
१८. प्राप्त सुचना के अनुसार उन लोगो ने एक क्लब बनाया है, किसी ने अपनी पहचान जाहिर नहीं की है, कोई जनाब ककरी बने हुए हैं, और कोई करेला और तो कोई सुपर मैन. अपनी पहचान जाहिर करना वह नियम विरुद्ध है, वाह रे नियम....
१९. मुझे अभी भी याद है एक बार जब अरविन्द जी से अपना असली फोटो लगाने की बात की थी तो फोरम में करीब करीब सभी ने अपने अपने असली फोटो लगाये थे. केवल हमारे २ नियामक ऐसा नहीं किये थे, इससे जाहिर होता है कही ना कही उनके मन में कोई और बात चल रही थी.
२०. एक बार किसी ने मुझे सलाह दी थी, की अपना पहचान बताना फोरम पर मन होना चाहिए, मैंने साफ़ इनकार कर दिया था. मैंने कहा की मुझे नकाबपोशो का मजमा नहीं चाहिए इससे बेहतर तो ८-९ सदस्य ही रहे लेकिन सब एक दुसरे को अच्छी तरह जानते हो.

sagar -
06-05-2011, 09:10 AM
इतिहास अभी भी अधूरा हे इतिहास में अभी कुछ स्पस्ट नही हुआ की मुन्ना भाई और साथी क्यू फोरम छोड कर गये और ना ही यूवराज भाई और हमसफर भाई ने और क्या -२ किया जो उनको बेन किया गया और भी कई साथी फोरम पर बेन हे क्या वो सब इनकी ही आई डी थी जो बेन हए या कोई और थे और थे तो उन्होंने क्या किया जो बेन हो गये हे !ये सवाल सर्फ इतिहास समझने के परपज से पूछा गया हे !

arvind
06-05-2011, 12:23 PM
इतिहास अभी भी अधूरा हे इतिहास में अभी कुछ स्पस्ट नही हुआ की मुन्ना भाई और साथी क्यू फोरम छोड कर गये और ना ही यूवराज भाई और हमसफर भाई ने और क्या -२ किया जो उनको बेन किया गया और भी कई साथी फोरम पर बेन हे क्या वो सब इनकी ही आई डी थी जो बेन हए या कोई और थे और थे तो उन्होंने क्या किया जो बेन हो गये हे !ये सवाल सर्फ इतिहास समझने के परपज से पूछा गया हे !
सागर जी, धीरज रखिए, एक एक करके सभी बाते सामने लाने वाला हूँ, वो भी सबूत के साथ। अब फोरम मे प्रविष्टियाँ बहुत ज्यादा (82000+) हो चुकी है, अत: ढुढ़ने मे थोड़ा वक्त तो लगेगा ही।

arvind
06-05-2011, 03:35 PM
कुछ खास लोगो की बार-बार ये शिकायत आती है कि किसी खास फोरम से संबंध रखने वाले सदस्य जब यहा आते है तो उन्हे यहा जलील किया जाता है। ये बात बिलकुल सही है। एक बानगी आप लोग खुद ही देख लीजिये......
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10719&stc=1&d=1304678086

अब देखिये अमित जी इन्हे कैसे जलील कर रहे है और इसके बाद अभिषेक जी इसे थ्रेड को कचरा पेटी मे फेक रहे है।
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10720&stc=1&d=1304678086

amit_tiwari
06-05-2011, 06:10 PM
१८. प्राप्त सुचना के अनुसार उन लोगो ने एक क्लब बनाया है, किसी ने अपनी पहचान जाहिर नहीं की है, कोई जनाब ककरी बने हुए हैं, और कोई करेला और तो कोई सुपर मैन. अपनी पहचान जाहिर करना वह नियम विरुद्ध है, वाह रे नियम....

ककड़ी, करेला ??? :giggle::giggle::rolling:
ये नाम कहाँ हैं बन्धु ?

arvind
06-05-2011, 06:42 PM
ककड़ी, करेला ??? :giggle::giggle::rolling:
ये नाम कहाँ हैं बन्धु ?
भिंडी बाज़ार मे भाई.......

arvind
06-05-2011, 07:16 PM
ऐसा नहीं था कि सभी उस वक्त सभी नियामक गलत थे, जैसा कि मैंने बताया कि कुछ लोग ही कुत्सित प्रयास मे लगे हुये थे। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे जो सिर्फ बहुत अच्छा कार्य कर रहे थे, जैसे - जय भाई, जलवा जी, मलेथिया जी, सिकंदर जी, खालिद जी, निशांत जी, श्याम भाई इत्यादि। उस वक्त मुन्नेरजा के पहल पर मुझे भी चित्र-प्रभारी का प्रभार दिया गया था। टीम बहुत ही जबर्दस्त थी। मगर कुछ लोगो के चलते सारे लोगो को पद से हटा दिया गया, क्योंकि किसी भी एक या दो नियामक को हटाने से परेशानी बढ़ने कि ज्यादा संभावना थी। अत: अभिषेक जी ने तय किया कि सभी लोगो को हटाकर फिर से प्रबंधन टीम को बनाया जाएगा और सही लोगो को रखा जाएगा। मगर इस संदेश को बाकी लोग समझ नहीं पाये। जैसा कि मैंने पहले बताया है कि कुछ लोग बिना पद के रह ही नहीं सकते, उनकी महत्वाकांक्षा भी ज़ोर मार रही थी, उनसे ये कैसे बरदास्त होता कि एक साधारण सदस्य के रूप मे यहा रहते। अगर वो सचमुच इस फोरम को अपना मानते और साफ-सुथरे जगह पर रहना पसंद करते, तो वापस अश्लील फोरम पर कदापि ना जाते।

एक और बात है - जो इंसान गलती करता है, उसे जल्दी नहीं मानता। अगर कोई चोर चोरी करते पकड़ा जाये, तो आप देख लीजिये कि वो हमेशा कहेगा, कि ये मैंने नहीं किया है, मेरे ऊपर झूठा इल्जाम लगाया जा रहा है, मै बिलकुल निर्दोष हूँ। अगर आप सबूत भी दिखाये तो बेशर्मी से कहेगा कि ये झूठा सबूत है। और मौका मिलते ही भाग जाएगा। जबकि सही आदमी कभी मैदान छोड़कर भागता नहीं है। यहा कुछ लोग इसी वजह से मैदान छोड़कर भागे, कुछ गरमागरम के चक्कर मे गए और कुछ लोग गलत फहमी के कारण गए। ये तो वही बात हुई कि कुछ लोगो कि एक गलत महत्वाकांक्षा के वजह से पूरा का पूरा आशियाना बिखर गया।

malethia
06-05-2011, 09:40 PM
नमस्कार मित्रो..................
कुछ व्यवहारिक मतभेद के चलते मैं इस फोरम पर नहीं आया ,
लेकिन मौजूदा वार्तालाप को देखकर अपने आप को रोक नहीं सका !
इस सूत्र में हर सदस्य ने अपने हिसाब से लिखा है ,वो मेरे हिसाब से आधा
सत्य है ,मैं यथा सम्भव कोशिश करुंगा कुछ लिखने के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,
इस सूत्र में मुझे सबसे गलत एक ही बात लगी की किसी से फोन पर हुई वार्तालाप
व निजी पत्रव्यवहार को प्रकाशित करना !

sagar -
07-05-2011, 06:51 AM
नमस्कार मित्रो..................
कुछ व्यवहारिक मतभेद के चलते मैं इस फोरम पर नहीं आया ,
लेकिन मौजूदा वार्तालाप को देखकर अपने आप को रोक नहीं सका !
इस सूत्र में हर सदस्य ने अपने हिसाब से लिखा है ,वो मेरे हिसाब से आधा
सत्य है ,मैं यथा सम्भव कोशिश करुंगा कुछ लिखने के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,
इस सूत्र में मुझे सबसे गलत एक ही बात लगी की किसी से फोन पर हुई वार्तालाप
व निजी पत्रव्यवहार को प्रकाशित करना !
स्वागत हे तारा ब्रो आपका आपको यहा देख कर बहुत खुसी हुई हे ! भाई आधा सच हे तो पूरा आप बता दो ! मुझे आप पर पूरा भरोसा हे आप जो बतायेगे सच ही बतायेगे !

malethia
07-05-2011, 07:23 AM
मित्र सागर ,आपका धन्यवाद !
अभी तक की प्रविष्टियों में मेने देखा की सिर्फ यहाँ का प्रशासन ही अपनी बातें रख रहा है.
इनकी प्रविष्टियों के बाद मैं अपना विचार रखूंगा....................

arvind
07-05-2011, 11:07 AM
नमस्कार मित्रो..................
कुछ व्यवहारिक मतभेद के चलते मैं इस फोरम पर नहीं आया ,
लेकिन मौजूदा वार्तालाप को देखकर अपने आप को रोक नहीं सका !
इस सूत्र में हर सदस्य ने अपने हिसाब से लिखा है ,वो मेरे हिसाब से आधा
सत्य है ,मैं यथा सम्भव कोशिश करुंगा कुछ लिखने के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,
इस सूत्र में मुझे सबसे गलत एक ही बात लगी की किसी से फोन पर हुई वार्तालाप
व निजी पत्रव्यवहार को प्रकाशित करना !

मित्र सागर ,आपका धन्यवाद !
अभी तक की प्रविष्टियों में मेने देखा की सिर्फ यहाँ का प्रशासन ही अपनी बातें रख रहा है.
इनकी प्रविष्टियों के बाद मैं अपना विचार रखूंगा....................
नमस्कार तारा बाबू..... आपसे पुन: मिलकर बहुत खुशी हो रही है।

अक्स जी और आपको बहुत बहुत साधुवाद, क्योंकि आप दोनों ने अपनी बात कहने के लिए इस मंच को उचित समझा, और फोरम के इतिहास मे अगर कुछ गलत लिखा जा रहा है तो आपने उसपर अपनी बेबाक टिप्पणी दी।

दरअसल, पहले ऐसे ही, यानि बिना सबूतो के उल्लेख किए ही इतिहास लिख रहा था, परंतु अक्स जी ने इस बात को लेकर आपत्ति जताई, की बिना सबूत के आरोप लगा रहे है। सबूत इतिहास के प्रामाणिकता के लिए जरूरी भी है। मैंने इसी सूत्र मे एक जगह लिखा भी है कि यह इतिहास मेरी जानकारी और विश्लेषण के आधार पर है। अगर मेरी जानकारी या विश्लेषण काही भी गलत लगे तो, आप सभी का स्वागत है।

arvind
07-05-2011, 11:13 AM
वैसे आप सभी को लग रहा होगा कि मै भी क्या कुछ वैसे लोगो कि बात लोगो को मै निशाना बना रहा हूँ, जो अब फोरम पर नहीं आ रहे है या बैन हो चुके है।

ऐसी बात नहीं है, मै हर वो बात लिखुंगा, जो सच है, जिससे इस फोरम मे महत्वपूर्ण बदलाव हुये है या नुकसान भी उठाना पड़ा है।

एक बात और स्पष्ट करना चाहूँगा कि मेरा किसी भी फोरम पर किसी भी सदस्य किसी तरह का वैमनस्य नहीं है। और ना ही किसी दुर्भावनावश यह इतिहास लिख रहा हूँ...... आप इतिहास पढ़ते रहिए, खुद समझ मे आ जाएगा। हा अगर कोई जानकारी आपलोगो के पास भी हो तो यहा जरूर शेयर करे।

ndhebar
07-05-2011, 11:22 AM
नमस्कार मित्रो..................
कुछ व्यवहारिक मतभेद के चलते मैं इस फोरम पर नहीं आया ,
लेकिन मौजूदा वार्तालाप को देखकर अपने आप को रोक नहीं सका !
इस सूत्र में हर सदस्य ने अपने हिसाब से लिखा है ,वो मेरे हिसाब से आधा
सत्य है ,मैं यथा सम्भव कोशिश करुंगा कुछ लिखने के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,

जरूर
इन्तजार रहेगा

arvind
07-05-2011, 11:33 AM
ऐसा नहीं है कि सारी गलतियाँ उनलोगों की ही थी, जिसके बारे मे अभी तक मैंने लिखा है...... यहा के प्रशासक अभिषेक जी की भी है। अब जरा इनकी गलतियो पर गौर फरमाए।
1. ये अपने ही बनाए हुये नियम को नजरंदाज कर देते है वो भी सिर्फ इसीलिए कि फोरम पर प्रविष्टियों को संख्या ज्यादा से ज्यादा हो।
2. अपने आपको सर्वे-सर्वा के रूप का अहसास कराना।
बाते तो और भी है, पर ये दो कमियाँ नियामको को कभी-कभी बहुत ही नागवार लगती है। अगर उपरोक्त कमियो पर कुछ लगाम रखते तो फोरम के बहुत सारे सदस्य यहा से पलायन नहीं करते। यह सही है मुन्नेराजा, अक्स जी, गुललु जी, जय भाई, मलेथिया जी, इत्यादि कि टीम बहुत ही जबर्दस्त थी। मगर कहते है ना, कुछ तुम लूटो, कुछ हम लूटे - मिलकर पूरा गुलशन लूटे।

prashant
07-05-2011, 11:59 AM
इस ग्रुप मे कोई भी सदस्य बन सकता है, इसके लिए क्या करना है, आप उपरोक्त लिंक पर जाकर देख सकते है। वास्तव मे इस फोरम को आगे बढ़ाने के लिए ये अमित जी आईडिया था, जो मुझे अच्छा लगा और मैंने इस ग्रुप के नियमो को मानते हुये, अपने हस्ताक्षर मे "बिगड़ैल" लिखने लगा। ऐसा अमित जी और निशांत जी ने भी किया।




क्षमा कीजियेगा का महोदय.......मैंने आपकी इतनी बाते ही कोट की है/
क्यूँ की आपकी यह बात पढ़ कर मुझे साउथ की मूवी आर्या भाग दो का एक दृश्य याद आ गया/
जो भाग्य से मैंने दो दिन पहले ही देखी थी/
सीन इस प्रकार है.......आर्या और अजय दोस्त होते है/
आर्या अजय को अपना पक्का दोस्त समझता है/
जिसके कारण आर्या अपने हाथ पर अजय का नाम गुदवाता है/
और अजय को भी ऐसा की करने को कहता है/
ज्यादाजानकारी के लिए फिल्म देख लें/
देखिएगा अवश्य क्यूँ की बोलीवुड में ऐसी जोरदार फिल्म बहुत कम ही बनाती है/


कहीं आप लोगो की भी बोन्डिंग ऐसी ही तो नहीं है ना :lol: :horse: :elephant::tomato:

सॉरी भाइयों मुझे लगता है की आप यह फिल्म लिकल देंगें/
क्यूँ की लिंक ने मेरे साथ धोखा किया है/
फिल्म का एक मात्र किस सीन यहाँ स्क्रीन शोट में दिख रहा है/
लेकिन आप फिल्म जरुर देखिएगा/
बहुत ही मजेदार है/
आप लोगों की जरुर पसंद आएगी/
http://www.youtube.com/watch?v=jWCxuggwfpU

arvind
07-05-2011, 12:04 PM
अब बात करते है जितेंद्र गर्ग जी का - ये थोड़ा खड़ुस किस्म के इंसान है। अभिषेक जी के पुराने दोस्त है, और फोरम के एक महत्वपूर्ण पद पर भी विराजमान है। लेकिन फोरम पर इनकी सक्रियता सबको पता है। फोरम को आगे बढ़ाने मे इनका कितना योगदान है, इसके बारे मे चर्चा करना बेकार है। ज़्यादातर समय ये गेमिंग जॉन मे ही बिताते है।

इसके बाद नंबर आता है - अमित तिवारी का, जी हाँ आप लोग ठीक समझ रहे है - मैंने अमित तिवारी ही कहा है। ये तो मै शुरू मे ही चर्चा कर चुका हूँ कि सारे फसाद कि जड़ यही महोदय है। मैंने पहले भी बताया है कि बहुत टैलेंटेड होते हुये भी शॉर्ट टेम्पर्ड है, बहुत जल्दी गुस्से मे आ जाते है और फिर सामने वाले कि ऐसी कि तैसी कर देते है।

उपरोक्त प्रविष्टियों के बाद इस सूत्र का और मेरा भविष्य आप लोग समझ ही चुके होंगे। अगर अभी भी अभिषेक जी, जितेंद्र जी और अमित जी, मुझसे इतिहास लिखवाने के पक्ष मे होंगे, लेकिन अगर मै लिखुंगा तो पूरा का पूरा सच इतिहास, वरना नहीं। अगर किसी को कुछ भी कहना है तो आकर कह सकता है, उसका मेरे तरफ से स्वागत है।

arvind
07-05-2011, 12:08 PM
क्षमा कीजियेगा का महोदय.......मैंने आपकी इतनी बाते ही कोट की है/
क्यूँ की आपकी यह बात पढ़ कर मुझे साउथ की मूवी आर्या भाग दो का एक दृश्य याद आ गया/
जो भाग्य से मैंने दो दिन पहले ही देखी थी/
सीन इस प्रकार है.......आर्या और अजय दोस्त होते है/
आर्या अजय को अपना पक्का दोस्त समझता है/
जिसके कारण आर्या अपने हाथ पर अजय का नाम गुदवाता है/
और अजय को भी ऐसा की करने को कहता है/
ज्यादाजानकारी के लिए फिल्म देख लें/
देखिएगा अवश्य क्यूँ की बोलीवुड में ऐसी जोरदार फिल्म बहुत कम ही बनाती है/


कहीं आप लोगो की भी बोन्डिंग ऐसी ही तो नहीं है ना :lol: :horse: :elephant::tomato:

सॉरी भाइयों मुझे लगता है की आप यह फिल्म लिकल देंगें/
क्यूँ की लिंक ने मेरे साथ धोखा किया है/
फिल्म का एक मात्र किस सीन यहाँ स्क्रीन शोट में दिख रहा है/
लेकिन आप फिल्म जरुर देखिएगा/
बहुत ही मजेदार है/
आप लोगों की जरुर पसंद आएगी/
http://www.youtube.com/watch?v=jwcxuggwfpu
आपका स्वागत है प्रशांत जी, बहुत दिनो बाद - आपको सूत्र से संबन्धित अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है।

abhisays
07-05-2011, 12:17 PM
1. ये अपने ही बनाए हुये नियम को नजरंदाज कर देते है वो भी सिर्फ इसीलिए कि फोरम पर प्रविष्टियों को संख्या ज्यादा से ज्यादा हो।



अरविन्द जी ने जो पहली गलती गिनाई है उसपर मैं इतना ही कहना चाहूँगा की भी इंसान परफेक्ट नहीं होता सब में कोई ना कोई कमी होती है.

और जहाँ तक प्रविस्तियो की बात, यह बात सही है की मैंने शुरू में इसपर काफी जोड़ दिया था, जिसके कारण कुछ नुक्सान उठाने परे थे.

हालांकि जहा तक नियमों की बात है, १०० में से ९९ केस में मैंने नियमों का पालन किया है. १ आध बार इधर उधर ३-५ जरुर किया है, इससे पूरा पूरी यह नहीं कहा जा सकता की मैं अपने ही बनाये नियमो को नज़रंदाज़ कर देता हूँ.

ndhebar
07-05-2011, 12:18 PM
कहीं आप लोगो की भी बोन्डिंग ऐसी ही तो नहीं है ना :lol: :horse:

प्रशांत जी असल जिंदगी में हमने एक दुसरे की शक्ल भी नहीं देखी है

arvind
07-05-2011, 12:21 PM
अब आते है सबसे विवादित सदस्य के बारे मे, जी हाँ - हमसफर जी।

फोरम इनका जुनून है। बहुत ही जबर्दस्त पोस्ट करते है। शायद ही किसी भी फोरम को कोई भी सदस्य इनसे टक्कर ले पाये। मगर कभी कभी बड़ी अजीब-अजीब हरकत करके सबको परेशानी के डाल देते है। अब किसी भी फोरम के प्रबंधन को और क्या चाहिए, ज्यादा से ज्यादा पोस्ट करने वाला सदस्य। एक फोरम पर अपनी इसी अद्भुत कला का प्रदर्शन करते-करते सह-नियामक के पद पर पहुच गए। पर अपनी करिस्तानी नही छोड़ी। रेपों सिस्टम मे अपने बारे मे एक गलत स्क्रीन शॉट देकर ये साबित करने लगे कि उन्हे नेगेटिवे रेपों मिल रहे है। इस बात को वहा कि सह-प्रशशिका जी ने पकड़ लिया और उसके बाद क्या हुआ, सभी उस समय के उक्त फोरम के लोग जानते है, यहा भी एक दिन बखड़ा खड़ा कर दिया कि भूमि और सिकंदर एक ही व्यक्ति है, इसे लेकर काफी हंगामा किया। लेकिन वास्तव मे वो "हमसफर" id से बैन हटवाने का तिकड़म था, जो कि आजीवन बैन हो चुका है। अभी पता नहीं उनके मन मे कौन सा प्लान चल रहा है, ये तो भगवान ही जाने।

prashant
07-05-2011, 12:28 PM
आपका स्वागत है प्रशांत जी, बहुत दिनो बाद - आपको सूत्र से संबन्धित अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है।

धन्यवाद भाई की आपने मेरी बात का बुरा नहीं लगाया/
बहुत दिन बाद इसीलिए क्योकि मेरे पास घर में नेट की सुविधा नहीं है/इसीलिए हर दिन नहीं आ पाता हूँ/
मैं फोरम के इतिहास पर क्या लिख सकता हूँ!
क्यूँ की मैं आज तक फोरम पर रोज नहीं हूँ/
लेकिन एक बात जरुर कहूँगा/
अभी तक आपने बिना किसी संकोच और निडरतापूर्वक और कौन क्या बोलेगा!
इन सभी बातो की परवाह ना करते हुए इतिहास लिखा है तो अब आगे किसी के उत्तर की प्रतीक्षा क्यूँ कर रहे है/मुझे जहाँ तक लगता है की आप एक नियामक होने के नाते फोरम के बारे में सत्य ही लिखेंगें/जो सत्य है उसे लिखे/सभी ने आपके सत्य को स्वीकार है तो आगे भी जरुर स्वीकारेगे/

prashant
07-05-2011, 12:29 PM
प्रशांत जी असल जिंदगी में हमने एक दुसरे की शक्ल भी नहीं देखी है

यदि असल जिंदगी में देख लेंगें तो क्या हाथ पर नाम गुदवा लेंगें/

:lol: :lol: :lol: :lol: :lol:

prashant
07-05-2011, 12:59 PM
@अरविन्द जी भाई हमसफर जी के बारे में तो बहुत सी कहानी पढ़ ली है/
अब कुछ नया बताइए/इस इतिहास में बहुत बार हमसफ़र जी का जिक्र हो चूका है/
लेकिन बात जरुर कहूँगा की हमसफ़र ठीक इंसान हैं/
वे सबसे पहले सदस्य थे जिन्होंने ने मुझे मित्रता के लिए आमंत्रित किया है/
जब उनके id का नाम कहानीकार था/

arvind
07-05-2011, 01:08 PM
@अरविन्द जी भाई हमसफर जी के बारे में तो बहुत सी कहानी पढ़ ली है/
अब कुछ नया बताइए/इस इतिहास में बहुत बार हमसफ़र जी का जिक्र हो चूका है/
लेकिन बात जरुर कहूँगा की हमसफ़र ठीक इंसान हैं/
वे सबसे पहले सदस्य थे जिन्होंने ने मुझे मित्रता के लिए आमंत्रित किया है/
जब उनके id का नाम कहानीकार था/
प्रशांत जी, मै न तो कभी उनसे मिला हूँ और ना ही फोन पर कभी बात हुई है, जो भी उनके बारे मे जानता हूँ उनके पोस्टो से ही जानता हूँ, और जितना जनता हूँ उतना ही लिखा है उनके बारे मे।

ये बात सिर्फ हमसफर जी के लिए ही नहीं अन्य लोगो पर लागू होता है, अगर मै कही भी किसी के बारे मे गलत लिख रहा हूँ तो संबन्धित सदस्य या उनके बारे मे जाने वाले यहा उसे सुधार सकते है। अगर किसी को मेरी निष्पक्षता पर शक है तो वो भी आकर अपनी बात रख सकते है। आप सभी जानते है कि किसी भी फोरम पर किसी से मेरी व्यतिगत रंजिश कभी नहीं रही है। मै यहा फोरम का इतिहास लिख रहा हूँ, तो जो सच है वही लिखा जाना चाहिए, यही मेरी कोशिश है। अगर किसी का सिर्फ चरित्र-चित्रण किया जाएगा तो वो "इतिहास" नहीं बल्कि "आत्मकथा" कहलाएगी।

prashant
07-05-2011, 01:13 PM
अब मैं तो बहुत दिनों बाद आया हूँ/
इसीलिए थोड़ा अल्पज्ञानी हूँ/
लेकिन मैंने अपने व्यक्तिगत विचार लिखा है/
मैंने भी आज तक किसी भी सदस्य से फोन पर बात नहीं की है/
वैसे भी मैंने उन्हें कोई महान आत्मा नहीं कहा है बस ठीक कहा है/

arvind
07-05-2011, 01:23 PM
अब मैं तो बहुत दिनों बाद आया हूँ/
इसीलिए थोड़ा अल्पज्ञानी हूँ/
लेकिन मैंने अपने व्यक्तिगत विचार लिखा है/
मैंने भी आज तक किसी भी सदस्य से फोन पर बात नहीं की है/
वैसे भी मैंने उन्हें कोई महान आत्मा नहीं कहा है बस ठीक कहा है/
मै आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूँ कि हमसफर उर्फ कहानीकार उर्फ एस० आर० उर्फ पुलिस बाईक उर्फ बाजीगर उर्फ ........ वास्तव मे किसी भी फोरम के लिए एक बहुत बड़े एसेट है, मगर पता नहीं कभी कभी जब उनके दिमाग मे कुछ फितूर घुस जाता है तब तो पूछिये मत...... किसी भी हद तक चला जाता है वो बंदा।

ndhebar
07-05-2011, 01:48 PM
यदि असल जिंदगी में देख लेंगें तो क्या हाथ पर नाम गुदवा लेंगें/

:lol: :lol: :lol: :lol: :lol:

असली शक्ल दिखाने का यही नुकसान है, लोग पागल समझ लेते हैं :bang-head:

arvind
07-05-2011, 01:56 PM
मुझे लगता है कि इतिहास सच के काफी करीब है, वरना अभी तक तो मुझ पर कितने आक्रमण हो चुके होते।

मै फिर से आप सभी से आग्रह करता हूँ कि जो भी मन्तव्य देना चाहता है उसका स्वागत है।

arvind
07-05-2011, 02:43 PM
अब बात करते है निशांत जी की - इनका कही, किसी भी फोरम पर किसी से किसी तरह का विवाद मैंने तो नहीं देखा है, सबके साथ अच्छे संबंध रखने वाले, मेरे फोरम मित्रो मे से एक। इसीलिए इतिहास मे इनके बारे मे इससे ज्यादा मै कुछ नहीं लिख सकता।

अब बात करते है बिगड़ैल ग्रुप के बाहर के सदस्यो की, तो सबसे ज्यादा मेरे पसंदीदा सदस्य है कुमार अनिल जी। बहुत ही बढ़िया लिखते है, बहुत गहन जानकारी के साथ जबर्दस्त लेखन करते है। इनका भी आज तक मैंने किसी भी फोरम पर किसी भी सदस्य के साथ कोई विवाद नहीं देखा, सिवाय मुझे छोड़ कर। लेकिन मैंने इन्हे कभी भी कम करके नहीं आँकता हूँ, क्योंकि इनकी क्षमता के सामने मै भी बौना हूँ, इस फोरम पर इनकी एक-से-एक प्रविष्टियाँ पड़ी हुई है जो इस फोरम के लिए अनमोल है। शायद हम-दोनों एक दूसरे को समझ नहीं पाये। आज भी मै इनकी एक-एक प्रविष्टियाँ पढ़ता हूँ लेकिन कोमेंट्स नहीं करता, क्योंकि संभवत: फिर से मै जाने-अंजाने aaghat नहीं पाहुचाना चाहता। अनिल जी के लिए मेरे मन मे कभी द्वेष नहीं रहा है।

मुझे एक शिकायत अभिषेक जी से इस बात को लेकर भी है कि इनको अभी तक प्रबंधन क्षेत्र मे क्यों नहीं लिया गया।

ABHAY
07-05-2011, 03:06 PM
भाई मेरा तो इसमें दूर दूर तक कोई नाम नहीं है जबकि मैंने साह्हित बिभाग के लिए बहुत बड़ा काम किया और फोरम लोगो के लिए भी मगर सब अच्छी बात करने के बजाये एक दुसरे की खिल्ली उदा रहे है मुझे लगता है की अब यहाँ पे मेरा रहना ठीक नहीं बाकि सादसये का तो मै नहीं जनता मगर इस तरह के सूत्र मेरे नजर में सही नहीं है इसे मिटा देना ठीक है ! और अगर आपको कुछ सादसये से इतना ही नफरत है तो उनकी आ इ दी मिटा दे तभी तो लोग जानेंगे की सचमुच इतनी नफरत है चलो भाई ठीक है ! आगे .....

ndhebar
07-05-2011, 03:13 PM
भाई मेरा तो इसमें दूर दूर तक कोई नाम नहीं है जबकि मैंने साह्हित बिभाग के लिए बहुत बड़ा काम किया और फोरम लोगो के लिए भी मगर सब अच्छी बात करने के बजाये एक दुसरे की खिल्ली उदा रहे है मुझे लगता है की अब यहाँ पे मेरा रहना ठीक नहीं बाकि सादसये का तो मै नहीं जनता मगर इस तरह के सूत्र मेरे नजर में सही नहीं है इसे मिटा देना ठीक है ! और अगर आपको कुछ सादसये से इतना ही नफरत है तो उनकी आ इ दी मिटा दे तभी तो लोग जानेंगे की सचमुच इतनी नफरत है चलो भाई ठीक है ! आगे .....

बहुत ही अच्छी बात कही है अभय भाई
पर परिवार में वाद विवाद तो होते रहते हैं इसकी वजह से कोई घर छोड़कर तो नहीं जाता

arvind
07-05-2011, 03:17 PM
भाई मेरा तो इसमें दूर दूर तक कोई नाम नहीं है जबकि मैंने साह्हित बिभाग के लिए बहुत बड़ा काम किया और फोरम लोगो के लिए भी मगर सब अच्छी बात करने के बजाये एक दुसरे की खिल्ली उदा रहे है मुझे लगता है की अब यहाँ पे मेरा रहना ठीक नहीं बाकि सादसये का तो मै नहीं जनता मगर इस तरह के सूत्र मेरे नजर में सही नहीं है इसे मिटा देना ठीक है ! और अगर आपको कुछ सादसये से इतना ही नफरत है तो उनकी आ इ दी मिटा दे तभी तो लोग जानेंगे की सचमुच इतनी नफरत है चलो भाई ठीक है ! आगे .....
अभय जी, अभी तो इतिहास का लेखन चल ही रहा है। आप खुद ही अपने दिल पर हाथ रखकर अपने दिल से पूछिए कि क्या आपके योगदान को कभी किसी ने कम करके आँका है? क्या आपको किसी ने कभी कुछ गलत कहा है। मेरे भाई, मै कई बार स्पष्ट कर चुका हूँ कि मेरा किसी से कोई द्वेष नहीं है जो मै ऐसा लिख रहा हूँ। बात इतिहास की है तो आपही बताए क्या हमे मन-गढ़ंत बाते लिखनी चाहिए? इतिहास आईना होता है। इतिहास से हमे सबक लेनी चाहिए। अगर आपको ये लगता है की इसमे लिखी गई बाते मनगढ़ंत है तो बताईए की कहा गलत लिखा गया है?

arvind
07-05-2011, 03:26 PM
अब आते है सबसे विवादित सदस्य के बारे मे, जी हाँ - हमसफर जी।

फोरम इनका जुनून है। बहुत ही जबर्दस्त पोस्ट करते है। शायद ही किसी भी फोरम को कोई भी सदस्य इनसे टक्कर ले पाये। मगर कभी कभी बड़ी अजीब-अजीब हरकत करके सबको परेशानी के डाल देते है। अब किसी भी फोरम के प्रबंधन को और क्या चाहिए, ज्यादा से ज्यादा पोस्ट करने वाला सदस्य। एक फोरम पर अपनी इसी अद्भुत कला का प्रदर्शन करते-करते सह-नियामक के पद पर पहुच गए। पर अपनी करिस्तानी नही छोड़ी। रेपों सिस्टम मे अपने बारे मे एक गलत स्क्रीन शॉट देकर ये साबित करने लगे कि उन्हे नेगेटिवे रेपों मिल रहे है। इस बात को वहा कि सह-प्रशशिका जी ने पकड़ लिया और उसके बाद क्या हुआ, सभी उस समय के उक्त फोरम के लोग जानते है, यहा भी एक दिन बखड़ा खड़ा कर दिया कि भूमि और सिकंदर एक ही व्यक्ति है, इसे लेकर काफी हंगामा किया। लेकिन वास्तव मे वो "हमसफर" id से बैन हटवाने का तिकड़म था, जो कि आजीवन बैन हो चुका है। अभी पता नहीं उनके मन मे कौन सा प्लान चल रहा है, ये तो भगवान ही जाने।
हा एक बात बिना सबूत के कोई बात कहना सही नहीं होता, अत: अगर किसी को भी सबूत चाहिए तो उक्त फोरम के इतिहास वाले ३० वे पेज पर जा कर देख सकते है, जो यहा के किसी भी पदाधिकारी या नियामक द्वारा न तो एडिट की गई है और ना ही पोस्ट। पूरा पुराण का विवरण उपलब्ध है।

ABHAY
07-05-2011, 03:26 PM
फोरम के जो वोनेर है उनमे गर्बरी है

arvind
07-05-2011, 03:29 PM
फोरम के जो वोनेर है उनमे गर्बरी है
एकदम सही कहा आपने, इसका उल्लेख भी मैंने किया, शायद आपने पढ़ा नहीं।

http://myhindiforum.com/showpost.php?p=83633&postcount=325

naman.a
07-05-2011, 03:43 PM
भाई मेरा तो इसमें दूर दूर तक कोई नाम नहीं है जबकि मैंने साह्हित बिभाग के लिए बहुत बड़ा काम किया और फोरम लोगो के लिए भी मगर सब अच्छी बात करने के बजाये एक दुसरे की खिल्ली उदा रहे है मुझे लगता है की अब यहाँ पे मेरा रहना ठीक नहीं बाकि सादसये का तो मै नहीं जनता मगर इस तरह के सूत्र मेरे नजर में सही नहीं है इसे मिटा देना ठीक है ! और अगर आपको कुछ सादसये से इतना ही नफरत है तो उनकी आ इ दी मिटा दे तभी तो लोग जानेंगे की सचमुच इतनी नफरत है चलो भाई ठीक है ! आगे .....

अभय जी

आपके योगदान को कोई नकार नही सकता । आप का योगदान बहुत ही सहरानीय है । इस पर आपको फ़ोरम छोड़ने की बात नही सोचनी चाहिये ।

दुसरा इतिहास तो इतिहास होता है उसमे लिखने वाला द्वेष की भावना नही रख सकता है जो घटीत हुआ है उसे ही लिखना पड़ता है । ये एक ऐसा सत्य होता है जो कि सबसे ज्यादा कड़वा होता है । जैसे महाभारत के ऊपर काव्य लिखने वाले संत कहते थे कि ये हमारा दुर्भाग्य है कि हमे रामायण जैसे काव्य को लिखने का सौभाग्य नही मिला क्योकि उसमे राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न जैसे भाई का अतुल्य प्रेम का वर्णन, दशरथ जैसा पिता और राजा के शोर्य और त्याग का वर्णन, हनुमान जैसा भक्त और सेवक का वर्णन, निशादराज जैसा मित्र का वर्णन । और कहा महाभारत मे भाईयो-भाईयो मे द्वेष और युद्ध, कहा ध्रष्टराष्ट्र जैसे पिता के लोभ और मोह का वर्णन करना, कहा द्रोपदी के चीर हरण का वर्णन करना पड़ता है । महाभारत तो इसलिये लिखे है क्योकि उसमे श्री क्रष्ण की लीला और गीता का ज्ञान है पर उसके लिये पाण्डव और कौरवो का इतिहास भी बीच मे आ जाता है । अगर भगवान क्रष्ण के लीलाओ का वर्णन और गीता नही होती तो कोई महाभारत जैसा ग्रंथ लिखता ही नही ।

तो इतिहास मे सत्य का वर्णन हो ये ही उचित है अगर ये सत्य तो इसे चलने दे नही है तो अपना पक्ष रख कर इसका खण्डन करे । आप आध्यत्म और धर्म से जुड़े व्यक्ति है आप ऐसी बाते कैसे कर रहे है ।

arvind
07-05-2011, 04:28 PM
अब बात करते है वैसे सदस्यो की जो फोरम पर आते है नियम पूर्वक प्रविष्टियाँ करते है या सूत्रो का भ्रमण करते है और एक जिम्मेदार और अच्छे सदस्य की तरह यहा से चले जाते है:

सागर जी (पहले user of the month तथा इस सूत्र के सूत्रधार)
तेजी जी,
काम्या जी
निशांत जी,
भोलु जी,
फैज जी,
कुमार अनिल जी,
खालिद जी,
हर्षिता जी,
नमन जी,
भुवन जी,
बॉन्ड जी,
चंद्रशेखर जी,
देव बी जी,
फिल्मी पंडित जी,
इशू जी,
कल्याण जी,
कामेश जी,
कुरम जी,
मनीष कुमार जी,
पंकज बेदर्दी जी,
परियार जी,
प्रशांत जी,
रणवीर जी,
रवि चाचा जी,
विद्रोही नायक जी,

और भी बहुत सारे नाम है, जो अभी मुझे याद नहीं आ रहे है, इनलोगों का फोरम मे जबर्दस्त और निर्विवाद योगदान है। एक और सदस्य है - विपिन शुक्ला जी, जो नियमित रूप से आते है, चुट्कुले पढ़ते है और चले जाते है, पोस्ट बहुत ही कम करते है। शायद इस फोरम के सबसे बेस्ट पाठक है।

sagar -
07-05-2011, 04:33 PM
भाई मेरा तो इसमें दूर दूर तक कोई नाम नहीं है जबकि मैंने साह्हित बिभाग के लिए बहुत बड़ा काम किया और फोरम लोगो के लिए भी मगर सब अच्छी बात करने के बजाये एक दुसरे की खिल्ली उदा रहे है मुझे लगता है की अब यहाँ पे मेरा रहना ठीक नहीं बाकि सादसये का तो मै नहीं जनता मगर इस तरह के सूत्र मेरे नजर में सही नहीं है इसे मिटा देना ठीक है ! और अगर आपको कुछ सादसये से इतना ही नफरत है तो उनकी आ इ दी मिटा दे तभी तो लोग जानेंगे की सचमुच इतनी नफरत है चलो भाई ठीक है ! आगे .....
अभय भाई आपके योगदान को कोन भुला हे अपने फोरम हित में काफी काम किया हे !
रही बात सूत्र मिटने की तो यही कहुगा भाई महाभारत और रामायण को भी लिखा गया हे उनमे भी अच्छी और बुरी बातों का उलेख होता हे ,उनकी बुराई को देख कर ही हम सबक लेते हे और बच्चो को उनसे अच्छी शिक्षा लेने के लिये प्रेरित करते हे ! अगर इन में से बुरे पात्र को हटा कर रामायण और महाभारत लिखे तो क्या उतना मजा आयेगा पढ़ने में ,क्या वो इतिहाश बनता .कभी नही
इसका मतलब ये भी नही हे की जिनको बुरा कहा गया हे उनको लोग नही चाहते उनके भी चाहने वाले बहुत होते हे !
रावण को भी पूजा जाता हे ,कर्ण ने कोरवो का साथ दिया था लेकिन फिर भी उनमे बहुत सी अच्छाई थी वो एक दानवीर के नाम से भी जाने जाते हे !
भाई जिहोने नफरत करनी हे वो तो करेगे चाहे सूत्र मिटा दो या ना मिटाओ इस से कोई फर्क नही पडेगा ! इतिहास में कड़वा पन तो होता ही हे इसका मतलब ये नही की वो कड़वा पन अच्छा नही हे ! भगवान शंकर ने सुमन्द्र मंथन के दोरान निकला सारा विष पि लिया था और उस के बाद अम्रत निकला था उसी तरहे इस सूत्र का निचोड़ भी अम्रत ही आयेगा ऐसा मेरा विस्वाश हे !

sagar -
07-05-2011, 04:49 PM
अब बात करते है जितेंद्र गर्ग जी का - ये थोड़ा खड़ुस किस्म के इंसान है। अभिषेक जी के पुराने दोस्त है, और फोरम के एक महत्वपूर्ण पद पर भी विराजमान है। लेकिन फोरम पर इनकी सक्रियता सबको पता है। फोरम को आगे बढ़ाने मे इनका कितना योगदान है, इसके बारे मे चर्चा करना बेकार है। ज़्यादातर समय ये गेमिंग जॉन मे ही बिताते है।

इसके बाद नंबर आता है - अमित तिवारी का, जी हाँ आप लोग ठीक समझ रहे है - मैंने अमित तिवारी ही कहा है। ये तो मै शुरू मे ही चर्चा कर चुका हूँ कि सारे फसाद कि जड़ यही महोदय है। मैंने पहले भी बताया है कि बहुत टैलेंटेड होते हुये भी शॉर्ट टेम्पर्ड है, बहुत जल्दी गुस्से मे आ जाते है और फिर सामने वाले कि ऐसी कि तैसी कर देते है।

उपरोक्त प्रविष्टियों के बाद इस सूत्र का और मेरा भविष्य आप लोग समझ ही चुके होंगे। अगर अभी भी अभिषेक जी, जितेंद्र जी और अमित जी, मुझसे इतिहास लिखवाने के पक्ष मे होंगे, लेकिन अगर मै लिखुंगा तो पूरा का पूरा सच इतिहास, वरना नहीं। अगर किसी को कुछ भी कहना है तो आकर कह सकता है, उसका मेरे तरफ से स्वागत है।
अभी तक अपने बहुत अच्छा और सच्चा लिखा हे मुझे ऐसा लगता हे ! अत: आप इसे जारी रखे :bravo::bravo: