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View Full Version : जीवन के अनमोल मुसीबत


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arvind
28-03-2011, 01:53 PM
कभी-कभार हमारे जीवन मे ऐसे हास्यास्पद पल भी आते है, जब हम सिर्फ झुँझला सकते है। इन्ही पलो को इस सूत्र मे देने की कोशिश करूंगा।

arvind
28-03-2011, 01:54 PM
आप कितना भी सीखा ले, बच्चा उसी समय सबसे ज्यादा तंग करेगा, जब घर मे मेहमान आए हुये हो।

arvind
28-03-2011, 01:55 PM
ज़्यादातर प्रेमी, अपनी प्रेमिका की शादी मे कुर्सी लगाते नजर आते है।

arvind
28-03-2011, 01:56 PM
आखरी वाला बादाम निश्चित रूप से खराब दाने वाला ही निकलता है।

arvind
28-03-2011, 01:56 PM
कार्यालय मे वह व्यक्ति अवश्य अनुपस्थित रहता है, जिससे मिलने के लिए आप काफी दिनो से कोशिश मे थे।

arvind
28-03-2011, 01:57 PM
अगर आपकी गाड़ी मे स्टेपनी नहीं है तो गाड़ी अवश्य पंचर होगा और पंचर मिस्त्री भी दूर-दूर तक नहीं मिलेगा।

arvind
28-03-2011, 01:58 PM
जिस दिन आपके पास पैसे की किल्लत होगी, उसी दिन लेनदार को एक बहुत ही जरूरी काम आन पड़ता है, जो किसी भी तरह टल नहीं सकता है।

arvind
28-03-2011, 01:59 PM
जिस दिन आप कार्यालय थोड़ा लेट से पहुंचते है, उसी दिन आपका बॉस बिलकुल सही टाईम पर आता है।

Bholu
28-03-2011, 02:17 PM
जिस दिन आप कार्यालय थोड़ा लेट से पहुंचते है, उसी दिन आपका बॉस बिलकुल सही टाईम पर आता है।

तो हम भी बोस की शक्ल देख कर अक्सीडेन्टो से भरे और बीमार हो जाते है

ndhebar
28-03-2011, 02:22 PM
और जब मैं कोई शेयर बेच देता हूँ तो उसका प्राइस लगातार चढ़ता है

Bholu
28-03-2011, 02:28 PM
और जब मैं कोई शेयर बेच देता हूँ तो उसका प्राइस लगातार चढ़ता है

सच है आपके हाथ मे जो आयेगा पारस का हो जायेगा

Sikandar_Khan
28-03-2011, 02:59 PM
अरविन्द भाई
इस विषय पर जय भाई द्वारा निर्मित सूत्र "ऐसा क्योँ होता है" बना हुआ है

Bholu
28-03-2011, 03:32 PM
जाने क्यो जब मै काम
पर से छुट्टी करता हूँ तो आते आते उमीद से ज्याद समय क्यो लग जाता है

sagar -
28-03-2011, 04:09 PM
अगर आपकी गाड़ी मे स्टेपनी नहीं है तो गाड़ी अवश्य पंचर होगा और पंचर मिस्त्री भी दूर-दूर तक नहीं मिलेगा।
भाई इसका इलाज तो हे टुब लेस टायर डलवाए ....:banalema::banalema:

Bholu
28-03-2011, 04:25 PM
भाई इसका इलाज तो हे टुब लेस टायर डलवाए ....:banalema::banalema:

रहने दो अभी 5
साल पहले ही तो डलबाया था

jitendragarg
28-03-2011, 06:08 PM
भाई इसका इलाज तो हे टुब लेस टायर डलवाए ....:banalema::banalema:

और उसके बाद गाडी कभी किसी कील को छुएगी भी नहीं! फिर सोचोगे, की जब कीलें ही नहीं सड़क पर, तो हवा वाले टायर ही लगवा लेते.

:cheers:

Bholu
28-03-2011, 06:14 PM
और उसके बाद गाडी कभी किसी कील को छुएगी भी नहीं! फिर सोचोगे, की जब कीलें ही नहीं सड़क पर, तो हवा वाले टायर ही लगवा लेते.

:cheers:

बाट एन आईडिया
सर जी

Ranveer
19-04-2011, 11:50 AM
ज़्यादातर प्रेमी, अपनी प्रेमिका की शादी मे कुर्सी लगाते नजर आते है।

या फिर तुरतुरी बजाते ....................:threatenlumber::suicide:

ABHAY
19-04-2011, 04:15 PM
जीबन के सबसे अनमोल मुसीबत है औरत

khalid
19-04-2011, 05:14 PM
जीबन के सबसे अनमोल मुसीबत है औरत

सत्य हैँ भैया जिसके साथ रहनाऔर
सहना भी परता हैँ

Bhuwan
19-04-2011, 05:32 PM
सत्य हैँ भैया जिसके साथ रहनाऔर
सहना भी परता हैँ
और बिना इनके रह भी नहीं पाओगे.:lovedinner::lovedinner::cheers:

Bholu
19-04-2011, 05:39 PM
जीबन के सबसे अनमोल मुसीबत है औरत

लेकिन आप तो कुँवारे लोगो डिजाइ नर है आपको औरत से क्या मुसीबत हो गई ?

Bhuwan
19-04-2011, 05:42 PM
लेकिन आप तो कुँवारे लोगो डिजाइ नर है आपको औरत से क्या मुसीबत हो गई ?
सही पकड़ा भोलू भाई. :tomato::tomato:

Bholu
19-04-2011, 05:47 PM
आपको भी पकडना पडेगा क्योकि जब भी आपसे मुलाकात करने का मन करता हूँ तभी आप अन्तरध्यान हो जाते हो क्या कोई नाराजगी है और नही तो 10000 रू 000.001 की व्याज दर से भेजो
और लौटाने की चिन्ता मत कर करना क्यो कि कभी दूँगा ही नही
हा हा हा

khalid
19-04-2011, 06:15 PM
लेकिन आप तो कुँवारे लोगो डिजाइ नर है आपको औरत से क्या मुसीबत हो गई ?

लो करलो बात अरे भाया शादी नहीँ हुई तो क्या हुवा बारात नहीँ गए हैँ का अभय बाबु

Bholu
19-04-2011, 06:58 PM
लो करलो बात अरे भाया शादी नहीँ हुई तो क्या हुवा बारात नहीँ गए हैँ का अभय बाबु

हर बात का जबाब देते हो टेलेन्ट है गुरू
हमारे पास तो नही है

Nitikesh
20-04-2011, 07:07 PM
भाई इसका इलाज तो हे टुब लेस टायर डलवाए ....:banalema::banalema:

मित्र ट्यूबलेस टायर भी पंचर हो जाता है! :think:

Nitikesh
20-04-2011, 07:13 PM
ऐसा क्यूँ होता है की don को ११ मुल्कों की पुलिस ढूँढ रही है फिर भी वो पकड़ में नहीं आ रहा है!

ABHAY
21-04-2011, 12:16 AM
ऐसा क्यूँ होता है की don को ११ मुल्कों की पुलिस ढूँढ रही है फिर भी वो पकड़ में नहीं आ रहा है!

तो इसमें मै क्या कर सकता हू ही ही :party::party:

arvind
01-05-2011, 11:25 AM
जब माचिस मे आखिरी तीली बची हो और मोमबती जलानी हो, तो अक्सर वह दगा दे जाती है।

arvind
01-05-2011, 11:27 AM
हाथ से छूटा हुआ सिक्का ऐसे किसी संकीर्ण जगह मे जा गिरता है, जो पहुँच से बाहर होता है।

Kumar Anil
01-05-2011, 12:26 PM
जब बीबी के साथ रोमांटिक हो रहे होँ और आपका छोटा बच्चा नीँद से उठकर बोले , पापा सू सू आ रही है ।

Kumar Anil
01-05-2011, 12:41 PM
जब पड़ोसन गर्लफ्रेन्ड के घर मेँ आप जुगाड़ से दबेपावँ इश्क़ फरमाने पहुँचे हो लेकिन आपकी माताजी अनुभवी नज़रोँ से ताड़कर उसकी पढ़ाई लिखायी पर बतियाने के लिये घुस आयेँ और आप ख़ुद को उसके बाथरूम मेँ कैद होकर पसीने पसीने होते रहेँ ।

khalid
01-05-2011, 04:28 PM
जब पड़ोसन गर्लफ्रेन्ड के घर मेँ आप जुगाड़ से दबेपावँ इश्क़ फरमाने पहुँचे हो लेकिन आपकी माताजी अनुभवी नज़रोँ से ताड़कर उसकी पढ़ाई लिखायी पर बतियाने के लिये घुस आयेँ और आप ख़ुद को उसके बाथरूम मेँ कैद होकर पसीने पसीने होते रहेँ ।

बहुत भयानक तजुर्बा हैँ मित्र
जब बीबी के साथ रोमांटिक हो रहे होँ और आपका छोटा बच्चा नीँद से उठकर बोले , पापा सू सू आ रही है ।

:giggle: .

Bholu
01-05-2011, 10:14 PM
जब बीबी के साथ रोमांटिक हो रहे होँ और आपका छोटा बच्चा नीँद से उठकर बोले , पापा सू सू आ रही है ।
तो पति पत्नि से एक ही बात बोलेगा
जब जब मजिँल करीब आई तब तब बिभीषण ने लकाँ ढही

ndhebar
02-05-2011, 07:31 AM
जब बीबी के साथ रोमांटिक हो रहे होँ और आपका छोटा बच्चा नीँद से उठकर बोले , पापा सू सू आ रही है ।

ये तो साधारण बात है और अक्सर घटित होता है

जब पड़ोसन गर्लफ्रेन्ड के घर मेँ आप जुगाड़ से दबेपावँ इश्क़ फरमाने पहुँचे हो लेकिन आपकी माताजी अनुभवी नज़रोँ से ताड़कर उसकी पढ़ाई लिखायी पर बतियाने के लिये घुस आयेँ और आप ख़ुद को उसके बाथरूम मेँ कैद होकर पसीने पसीने होते रहेँ ।

ये घटना असाधारण है

ndhebar
02-05-2011, 07:43 AM
और उसके बाद गाडी कभी किसी कील को छुएगी भी नहीं! फिर सोचोगे, की जब कीलें ही नहीं सड़क पर, तो हवा वाले टायर ही लगवा लेते.

:cheers:
मैं खुद का एक उदहारण देता हूँ
मेरे बाइक का ट्यूब काफी हद तक खराब हो चूका था और मुझको कहीं बाहर जाना था
मैंने सोचा रास्ते में कहीं दगा ना दे दे इसलिए नया ट्यूब खरीदकर बैग में रख लिया
अगले एक साल तक उसकी जरूरत नहीं पड़ी और जब जरूरत पड़ी तो ट्यूब घर पर रखा था

Kumar Anil
02-05-2011, 08:55 AM
ये तो साधारण बात है और अक्सर घटित होता है


धन्य हो प्रभु ! जो आपके संग घटित हुआ , वो साधारण । महान हैँ आप । ( नाराज़ न होँ , आपके टीपने के लिये गुजाँइश छोड़ दी है )

ndhebar
02-05-2011, 06:27 PM
धन्य हो प्रभु ! जो आपके संग घटित हुआ , वो साधारण । महान हैँ आप । ( नाराज़ न होँ , आपके टीपने के लिये गुजाँइश छोड़ दी है )
मेरे साथ तो इसकी संभावना ही नहीं है
ही ही ही ही

aksh
02-05-2011, 07:52 PM
जब आपको कहीं पहुँचने की बहुत जल्दी हो और साथ ही आपका दीर्घ शंका का प्रेशर बढ़ता जा रहा हो ..... ये एक ऐसा प्रेशर है कि ज्यों ज्यों आपकी मंजिल ( टोइलेट ) करीब आती जाती है ये तेजी से बढ़ता ही जाता है.

ndhebar
03-05-2011, 07:14 AM
जब आपको कहीं पहुँचने की बहुत जल्दी हो और साथ ही आपका दीर्घ शंका का प्रेशर बढ़ता जा रहा हो ..... ये एक ऐसा प्रेशर है कि ज्यों ज्यों आपकी मंजिल ( टोइलेट ) करीब आती जाती है ये तेजी से बढ़ता ही जाता है.
सिर्फ दीर्घ ही नहीं लघु के साथ भी यही होता है

arvind
22-05-2011, 08:54 AM
जिस दिन ऑफिस से यह सोच कर निकलो कि आज बीवी के साथ क्वालिटी टाइम बिताना है, उसी रोज झगड़ा हो जाता है।

arvind
22-05-2011, 08:56 AM
जिस रोज हम टाइम पर होते है, ट्रेन लेट हो जाती है और जिस दिन हम लेट होते है, तो ट्रेन राइट टाइम हो जाती है।

arvind
22-05-2011, 09:01 AM
एग्जाम हॉल से निकलने के तुरन्त बाद ही ख्याल आता है कि काश! कुछ और समय मिल गया होता तो इस सवाल का जवाब भी पूरा हो जाता।

arvind
22-05-2011, 09:03 AM
शरीर के किसी अंग पर घाव को चाहे जितना भी बचाया जाय, बार-बार चोट उसी जगह पर लगती है।

arvind
12-06-2011, 09:29 AM
ट्रेन में सफ़र के दौरान टिकट हो और आप कितना भी टीटी के इर्द-गिर्द जायें, लेकिन वह नहीं पूछता, लेकिन टिकट न हो तो वह जरुर आपको ही टोकता है।

arvind
12-06-2011, 09:32 AM
किसी जरुरी काम को याद रखने के लिये कितनी भी कोशिशें की जायें, लेकिन समय आने पर वही काम भूल जातें हैं और बाकी सब कुछ याद रह जाता है।

arvind
12-06-2011, 09:35 AM
बस या ट्रेन में भीड़ हो तो आधी सीट भी पसन्द आती है, लेकिन खली सीट मिले तो हर सीट में कमी नजर आती है।

arvind
12-06-2011, 09:37 AM
सुबह से आप कोई खास गाना गुनगुना रहे हों, तो आस्पास भी वही गाना गुनगुनाता कोई न कोई मिल जायेगा।

arvind
21-06-2011, 02:51 PM
मोबाइल पर जब गैरज़रूरी बात करनी हो तो कॉल फौरन लग जाता है, लेकिन जब बेहद जरूरी बात करनी हो, तो नेटवर्क खूब रुलाता है।

arvind
21-06-2011, 02:53 PM
परीक्षा में जिस दिन पर्ची नहीं ले जाओ, उस दिन चेकिंग नहीं होती, लेकिन जिस दिन ले जाओ उसी दिन जांच हो जाती है।

arvind
21-06-2011, 02:55 PM
टीवी पर जिस सिरियल को देखने के आप बेसब्री से इंतज़ार करते हैं, टीक उसके शुरू होते ही बिजली चली जाती है।

arvind
21-06-2011, 02:58 PM
जब हम लगातार पढ़ रहे होते है, तो किसी का ध्यान नहीं जाता, लेकिन जैसे ही मोबाइल पर कोई मैसेज देखते है, तो पिताजी की नजर पड़ जाती है।

Bhuwan
21-06-2011, 10:29 PM
जिस दिन गर्मी ज्यादा होती है उसी दिन लाईट क्यों गुल रहती है?

Bhuwan
21-06-2011, 10:31 PM
जिस दिन मन होता है की आज मेहमानों के कारण या मैच के कारण शॉप जल्दी बंद कर देंगे, उसी दिन शाम को ग्राहकों की भीड़ लग जाती है.

arvind
26-06-2011, 12:02 PM
आपके घर मेहमान उसी दौरान आ टपकते है, जब कुकिंग गैस खत्म हो गया हो और एक्स्ट्रा सिलेंडर कोई पड़ोसी मांग कर ले गया हो।

arvind
26-06-2011, 12:07 PM
जब हम दुध को आंच पर चढ़ाकर पास खड़े रहते हैं तो वह जल्द नहीं उबलता है, लेकिन किसी काम से थोड़ी देर के लिए भी वहां से हटते है तो उसी दौरान उफन कर चुल्हे पर गिरने लगता है।

arvind
26-06-2011, 12:11 PM
अगर आप किसी को चुटकुला सुना रहे हों और वह पूरा सुनकर कहता है कि यह चुटकुला तो उसने पहले भी सुना है, तो बहुत गुस्सा आता है।

arvind
26-06-2011, 12:14 PM
जिस रोज आप बाहर से कुछ खाकर घर आते है, तो घर पर भी कुछ लजीज व्यंजन बना होता है। मगर भुखे लौटते है, तो घर पर भी कुछ नहीं मिलता।

Nitikesh
26-06-2011, 05:53 PM
जब हम कभी सोचते हैं की आज कोई काम नहीं करेंगे,पुरे दिन सिर्फ मस्ती करेंगें,उसी दिन कोई जरुरी काम आ जाता है!

abhisays
26-06-2011, 06:24 PM
ऑफिस में जो लड़की अच्छी लगती है, उसका पहले से ही कोई बॉय फ्रेंड होता है. :bang-head:

arvind
03-07-2011, 10:28 AM
जब इन्टरनेट पर चैट करने का मुड नहीं होता, तो ढेर सारे दोस्त ऑनलाईन दिखते हैं, लेकिन जब आप फुरसत में और चैट करने के मुड में रहते हैं तो कोई भी नहीं दिखता।

arvind
03-07-2011, 10:32 AM
जब आप किसी का बहुत देर तक इंतजार करते हैं, तो वह नहीं आता। लेकिन जैसे ही आप वहां से जाते हैं, तो महाशय उसी दौरान वहां आ पहुंचते हैं।

arvind
03-07-2011, 10:40 AM
आप बैंक, रेलवे स्टेशन आदि के काउन्टर पर लाईन में खड़े होते है, तो आप जिस लाईन में खड़े हैं, उसको छोड़कर बाकी लाईने जल्दी-जल्दी आगे बढ़ती जाती हैं।

abhisays
03-07-2011, 10:53 AM
आप बैंक, रेलवे स्टेशन आदि के काउन्टर पर लाईन में खड़े होते है, तो आप जिस लाईन में खड़े हैं, उसको छोड़कर बाकी लाईने जल्दी-जल्दी आगे बढ़ती जाती हैं।

हाह हाह .. ऐसा हमेशा होता है.

Nitikesh
03-07-2011, 12:43 PM
आप कभी कोई बिल भरने,टिकट कटवाने,बैंक की लंबी लाइन में खड़े हो और आप काउंटर के एकदम नजदीक आ पहुँचे हो और लंच ब्रेक या काउंटर बंद हो जाती है.

The ROYAL "JAAT''
03-07-2011, 03:26 PM
जब बाइक ले कर कहीं जल्दी पहुंचना होता हैं बाइक पंचर हो जाये और सबसे ज्यादा व्यस्त रस्ते पर भी कोई मदद न मिले...

arvind
11-07-2011, 12:51 PM
जब किसी सामान को जरूरत के समय में तलाश करते हैं तो वह नहीं मिलता, लेकिन जिसे नहीं खोजते हैं, वह जरूर मिल जाता है।

arvind
11-07-2011, 12:54 PM
हम घर पर मौजूद रहते हैं तो कोई दोस्त मिलने नहीं आता, लेकिन किसी काम से जब बाहर जाते हैं, उसी दौरान कोई न कोई दोस्त मुलाक़ात के लिए घर पर आ जाता है।

arvind
11-07-2011, 12:57 PM
जिस रोज घर से छाता लेकर निकलो, तो बारिश नहीं होती और जिस दिन बगैर छाता के निकाल पड़ते हैं, कमबख्त उसी रोज बारिश हो जाती है।

arvind
11-07-2011, 01:02 PM
जब कभी गलती से गलत नंबर डायल हो जाता हैं, तो सामने वाले यूजर का मोबाइल "स्विच ऑफ" या "नोट रिचेबल" नहीं मिलता।

Bholu
11-07-2011, 02:48 PM
जब कभी गलती से गलत नंबर डायल हो जाता हैं, तो सामने वाले यूजर का मोबाइल "स्विच ऑफ" या "नोट रिचेबल" नहीं मिलता।

सच कह रहे हो

arvind
19-07-2011, 12:54 PM
वर्किंग डेज में हमारी नींद खुलने का नाम ही नहीं लेती, लेकिन जिस रोज छुट्टी हो, उस दिन सुबह-सवेरे बिना जगाये ही नींद खुल जाती है।

arvind
19-07-2011, 12:56 PM
जब पढ़ने का मूड हो, तो बिजली चली जाती हैं, लेकिन जिस दिन पढ़ने का मन बिल्कुल न करे, तो बिजली भी पूरी वफादारी निभाती हैं।

arvind
19-07-2011, 12:59 PM
जब मोबाइल पास में हो, तो खास कॉल नहीं आता, लेकिन कुछ समय के लिए कहीं पर छूट जाये, तो उसी दौरान इतने काल्स आते हैं कि पुछो मत।

arvind
19-07-2011, 01:01 PM
हर दिन दूधवाला समय पर आता है, लेकिन उस दिन उसके इंतज़ार की हद पार हो जाती है जब घर में चाय के लिए एक बूंद भी दूध न बची हो।

arvind
25-07-2011, 09:03 AM
कोई चीज वैसे तो हमेशा नजरों के सामने पड़ी रहती है, लेकिन जब वाकई उसकी ज्यादा जरुरत हो, तो ढ़ुन्ढ़े नहीं मिलती।

arvind
25-07-2011, 09:07 AM
जब जरुरी बात न करनी हो, तो मोबाईल की बैटरी फुल चार्ज रहती है और नेटवर्क भी सही रहता है, लेकिन खास जरूरत के समय में ही दोनो में से कोई एक साथ छोड़ देता है।

arvind
25-07-2011, 09:09 AM
जब दोस्त से झगड़ा हो चुका होता है, उसी दौरान उसकी बहुत जरुरत पड़ती है। जब ऐसी कोई जरुरत नहीं होती, तभी दोस्त बने रहते हैं।

arvind
25-07-2011, 09:12 AM
अमूमन अपका टीवी या फैन तब ही खराब होता है, जब कुछ दिनों पहले ही उसका गारंटी पीरियड खत्म हो गया हो।

arvind
01-08-2011, 02:49 PM
किसी जरूरी कॉल के समय नेटवर्क कमजोर रहता है या फेल हो जाता है, लेकिन अगर कॉल टेली मार्केटिंग कंपनियों के हो, तो कोई समस्या नहीं रहती है।

arvind
01-08-2011, 02:53 PM
अपनी नीयत कितनी भी साफ हो, लेकिन जिस व्यक्ति के सामने साफ छवि बनाना चाहते है, उसी के सामने कोई न कोई गड़बड़ हो जाती है और हमें शर्मिंदा होना पड़ता है।

arvind
01-08-2011, 02:55 PM
सफर में जाने से पहले कितनी भी तैयारी क्यों न कर लें, कोई न कोई सामान छूट ही जाता है, उसकी याद भी तब आती है, जब गाड़ी में बैठ चुके होते है।

arvind
01-08-2011, 02:58 PM
वैसे तो हर दिन ट्रेफिक सामान्य रहती है, लेकिन जिस दिन आपको जाना होता है, उस दिन अवश्य ही जाम लग जाती है।

MANISH KUMAR
26-08-2011, 03:54 PM
जब जरुरी बात न करनी हो, तो मोबाईल की बैटरी फुल चार्ज रहती है और नेटवर्क भी सही रहता है, लेकिन खास जरूरत के समय में ही दोनो में से कोई एक साथ छोड़ देता है।

जब दोस्त से झगड़ा हो चुका होता है, उसी दौरान उसकी बहुत जरुरत पड़ती है। जब ऐसी कोई जरुरत नहीं होती, तभी दोस्त बने रहते हैं।

:iagree:............

arvind
04-09-2011, 12:15 PM
जिस दिन घर से बाहर निकलकर अखबार वाले का इन्तजार करते हैं, वह नहीं मिलता और जब जरुरत नहीं होती, तो वह मुहल्ले में चक्कर लगाता हुआ मिल जाता हैं

arvind
04-09-2011, 12:20 PM
किसी अच्छे स्कीम के लम्बे इन्तज़ार के बाद जब कोई खरीदारी कर लेते हैं तो कुछ दिनों बाद पता चलता हैं कि उस वस्तु पर भारी छुट दी जा रही हैं।

arvind
04-09-2011, 12:23 PM
जब जेब में पैसे हों, तो बाज़ार में कोई चीज पसन्द नहीं आती, लेकिन जब कुछ पसन्द आ जाये, तो पैसे की मजबुरी सामने आ जाती हैं।

arvind
04-09-2011, 12:27 PM
जिस दिन ड्राईविंग लाईसेंस के साथ गाडी लेकर सडक पर निकलते हैं, तो ट्रेफ़िक पुलिस नहीं रोकती। जब लाईसेंस साथ में ना हो, तो जरुर टोकती हैं।

abhisays
04-09-2011, 03:52 PM
जब जेब खाली रहता है तो उसी समय atm ख़राब हो जाता है.

arvind
11-09-2011, 04:04 PM
जिस दिन जल्दबाजी में कोई व्यंजन बनाओ तो वह अच्छा बन जाता हैं और जब हम दिल से स्वदिष्ट खाना बनाने की कोशिश करतें है तो बेस्वाद बन जाता हैं।

arvind
11-09-2011, 04:08 PM
रेन कोट लेकर जिस दिन बाहर जाते हैं, तो बरिश नहीं होती और जिस दिन बिना रेन कोट के चले तो, खुब तेज बारिश होती हैं।

arvind
11-09-2011, 04:14 PM
स्कुल के दिनो में अक्सर ऐसा होता हैं कि जिस दिन आप होमवर्क करके जाते हैं उस दिन टीचर चेक करना भुल जाती हैं या छुट्टी ले लेती हैं और जिस दिन होमवर्क नहीं करके जाओ, उस दिन टीचर उपस्थित भी रहती हैं और सबसे पहले आपका ही होमवर्क चेक करती हैं।

arvind
20-10-2011, 05:15 PM
अभी तक मैंने जिन "अनमोल मुसीबतों" का जिक्र किया है, वो सब वास्तव में बड़े ही "स्व-व्यंग्य" का अनूठा उदाहरण है। इस प्रकार के उक्तियों को सबसे पहले "मरफी" नाम के सज्जन ने पेश किया था, इसी वजह से इसे "मरफी का नियम" भी कहते है।

तो पहले मरफी महोदय का परिचय हो जाय -

मरफ़ी का ज्ञात (या अब तक अज्ञात, मरफ़ी के हिसाब से कहें तो,) सब से पहला नियम है - "यदि कुछ ग़लत हो सकता है, तो वह होगा ही"। कुछ का कयास है कि यह नियम एडवर्ड एयरफ़ोर्स के नॉर्थ बेस में सन १९४९ में अस्तित्व में आया। यह नियम वहाँ पदस्थ कैप्टन एडवर्ड ए मरफ़ी के नाम पर प्रसिद्ध हुआ। दरअसल, कैप्टन इंजीनियर मरफ़ी महोदय को एयर फ़ोर्स में एक परियोजना के तहत यह शोध करना था कि क्रैश की स्थिति में मनुष्य अधिकतम कितना ऋणात्मक त्वरण झेल सकता है। जाँच प्रणाली में ही आरंभिक ख़राबी का पता लगाने के दौरान मरफ़ी ने पाया कि एक ट्रांसड्यूसर की वायरिंग ग़लत तरीके से की गई थी। उसे देखते ही मरफ़ी महोदय के मुँह से बेसाख़्ता निकला - "यदि किसी काम को ग़लत करने के तरीके होते हैं, तो लोग उसे ढूंढ ही लेते हैं।" वहाँ का परियोजना प्रबंधक ऐसे ही और तमाम अन्य नियमों का शौकिया संकलन करता था। उस ने यह बात भी संकलित कर ली और उसे मरफ़ी के नियम का नाम दिया।

बाद में, परियोजना से संबद्ध डॉक्टर जॉन पाल स्टाप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मरफ़ी के इस नियम को उद्भृत करते हुए कहा कि परियोजना की सफलता में इस नियम का बहुत बड़ा हाथ है, चूँकि फिर बहुत-सी बातों पर विशेष ध्यान दिया गया - ग़लतियाँ हो सकने की तमाम संभावनाओं को पहले ही पता लगाया गया और उन्हें दूर किया गया या उस से बचा गया।

arvind
20-10-2011, 05:20 PM
हवाई जहाज़ निर्माण कंपनी ने इस नियम को पकड़ लिया और विज्ञापनों में जम कर प्रचार किया। और देखते ही देखते यह नियम बहुत से समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में ख़ासा चर्चित हो गया।

इस तरह, मरफ़ी के पहले नियम का जन्म हुआ। फिर तो इस तरह के नियमों का संकलन होता रहा, और मरफ़ी का नाम दिया जाता रहा।

मरफ़ी के पहले नियम के बारे में कुछ मरफ़ियाना ख़याल -

मरफ़ी के पहले नियम की ख़ास बात यह है कि इसे मरफ़ी ने नहीं बनाया, बल्कि मरफ़ी नाम के ही किसी दूसरे आदमी ने बनाया।

क्या कोई व्यक्ति नियम बना सकता है? नहीं। नियम तो पहले से ही बने होते हैं। बस हमें पता बाद में चलता है, जब कोई उसे खोज लेता है, और दुनिया को बताता है।

arvind
20-10-2011, 05:21 PM
मरफ़ी के नियम के जन्म की एक दूसरी कहानी -

सन १९३० में यूएस नेवी में पदस्थ कमांडर जे. मरफ़ी को हवाई जहाज़ों के रखरखाव का दायित्व सौंपा गया था। एक दिन किसी फ़िटर ने हवाई जहाज़ पर कोई पुरज़ा उलटा लगा दिया। ज़ाहिर है, वह पुरज़ा ऐसे डिज़ाइन का था जो उलटा भी लग सकता था। इसे देख कर मरफ़ी ने कहा - "यदि कोई फ़िटर हवाई जहाज़ के पुरज़े को उलटा लगा सकता है तो अंततः वह एक दिन उलटा लगा ही देगा।"

धीरे से यह नियम संशोधित होता गया और मरफ़ी के बहुचर्चित नियम का जन्म हुआ।
मरफ़ी के नियम की जन्म की कहानी में मत भिन्नता से यह तो सिद्ध होता है कि नियम आप के इर्द-गिर्द सदा सर्वदा रहते है। बात सिर्फ़ उन के खोजने-बताने की रह जाती है।

arvind
20-10-2011, 05:23 PM
अब मै विस्तार से पेश करने जा रहा हूँ मरफी के नियम।
तो शुरू करते है तकनीक (technology) पर मरफी के नियम:

arvind
20-10-2011, 05:25 PM
ग़लत निष्कर्ष पर पूरे विश्वास के साथ पहुँचने की व्यवस्थित विधि का नाम ही 'तर्क' है।

arvind
20-10-2011, 05:25 PM
जब किसी सिस्टम को पूरी तरह से पारिभाषित कर लिया जाता है तभी कोई मूर्ख आलोचक उस में कुछ ऐसा खोज निकालता है जिस के कारण वह सिस्टम या तो पूरा बेकार हो जाता है या इतना विस्तृत हो जाता है कि उस की पहचान ही बदल जाती है।

arvind
20-10-2011, 05:26 PM
तकनॉलाज़ी पर उन प्रबंधकों का अधिकार है जो इसे समझते नहीं।

arvind
20-10-2011, 05:27 PM
यदि बिल्डिंग बनाने वाले, प्रोग्राम लिखने वाले प्रोग्रामरों की तरह कार्य करते होते तो विश्व के पहले बिल्डर का पहला ही काम संपूर्ण समाज को नेस्तनाबूद कर चुका होता।

arvind
20-10-2011, 05:28 PM
किसी संस्थान के फ्रंट ऑफ़िस की सजावट उस की संपन्नता के व्युत्क्रमानुपाती होती है।

arvind
20-10-2011, 05:29 PM
किसी कंप्यूटर के कार्य का विस्तार उस के बिजली के तार के विस्तार जितना ही होता है।

arvind
20-10-2011, 05:29 PM
विशेषज्ञ वो होता है जो क्षुद्र से क्षुद्र चीज़ों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी रखता है। सही विशेषज्ञ वह होता है जो 'कुछ नहीं' के बारे में सबकुछ जानता है।

arvind
20-10-2011, 05:30 PM
किसी आदमी को बताओ कि ब्रह्मांड में ३०० खरब तारे हैं तो वो आप की बात पर विश्वास कर लेगा। उसे बताओ कि किसी कुर्सी पर अभी-अभी पेंट लगाया गया है और वह गीला है तो वह इसकी तसदीक के लिए छूकर अवश्य देखेगा।

arvind
20-10-2011, 05:31 PM
विश्व की महानतम खोजों के पीछे मानवीय भूलों का ही हाथ रहा है।

arvind
20-10-2011, 05:31 PM
कोई भी चीज़ नियत कार्यक्रम या निश्चित बजट में नहीं बन सकती।

arvind
20-10-2011, 05:32 PM
मीटिंग में मिनट्स को रखा जाता है और घंटों को गँवाया जाता है।

arvind
20-10-2011, 05:32 PM
प्रबंधन का पहला मिथक है – कि उस का अस्तित्व है।

arvind
20-10-2011, 05:34 PM
कोई यूनिट तब तक असफल नहीं होती जब तक कि उस का अंतिम निरीक्षण नहीं कर लिया जाता।

arvind
20-10-2011, 05:35 PM
नए सिस्टम नई समस्याएँ पैदा करते हैं।

arvind
20-10-2011, 05:35 PM
ग़लतियाँ करना मनुष्य का स्वभाव है, परंतु ढेरों, सुधारी नहीं जा सकने वाली ग़लतियों के लिए कंप्यूटर की आवश्यकता होती है।

arvind
20-10-2011, 05:36 PM
कोई भी उन्नत तकनीक जादू सदृश्य ही होती है जब तक कि वह समझ न ली जाए।

arvind
20-10-2011, 05:36 PM
एक कंप्यूटर मात्र दो सेकंड में उतनी सारी ग़लतियाँ कर सकता है जितना २० आदमी मिलकर २० वर्षों में करते हैं।

arvind
20-10-2011, 05:37 PM
किसी व्यक्ति को कोई भी बात इस से ज़्यादा प्रोत्साहित नहीं कर सकती – कि उस के बॉस ने किसी दिन घंटा भर ईमानदारी से काम किया।

arvind
20-10-2011, 05:37 PM
कुछ व्यक्ति नियमबद्ध होते हैं – भले ही उन्हें यह नहीं पता होता कि नियम क्या हैं व किस ने लिखे हैं।

arvind
20-10-2011, 05:38 PM
फेब्रिकेटर के लिए मुश्किलें बढ़ाना तथा सर्विस इंजीनियर के काम को असंभव बनाना ही डिज़ाइन इंजीनियर का पहला काम होता है।

arvind
20-10-2011, 05:39 PM
भीड़ में से विशेषज्ञ का पता लगाना मुश्किल नहीं। वह किसी कार्य को पूरा होने में सर्वाधिक समय व पैसा लगने की भविष्यवाणी करता दिखाई देता है।

arvind
20-10-2011, 05:40 PM
कहने भर से कोई काम तो हो जाता है, मगर फिर उस के बाद और बहुत-सा कहा जाता है जो होता नहीं।

arvind
20-10-2011, 05:41 PM
किसी भी नवीनतम सर्किट डिजाइन में एक भाग वो होता है जो कालातीत हो चुका होता है, दो भाग बाज़ार में उपलब्ध नहीं होता तथा तीन भाग विकास के चरणों में होते हैं।

arvind
20-10-2011, 05:41 PM
कोई जटिल सिस्टम अंततः जब काम करने लगता है तो पता चलता है कि इसे तो एक कार्यशील सरल सिस्टम से ही बनाया गया है।

arvind
20-10-2011, 05:42 PM
कंप्यूटर अविश्वसनीय हैं, परंतु मनुष्य और ज़्यादा अविश्वसनीय हैं। जो सिस्टम मनुष्य की विश्वसनीयता पर निर्भर है, वह अविश्वसनीय ही होगा।

arvind
20-10-2011, 05:43 PM
यदि आप कुछ समझ नहीं पाते हैं तो वह आप की अंतर्बुद्धि से प्रकट हो जाता है।

arvind
20-10-2011, 05:44 PM
ख़रीदार संस्था का सचिव यदि आप से ज़रा ज़्यादा ही सहृदयता से पेश आता है तो यह समझें कि ख़रीद आदेश आप के प्रतिद्वंद्वी कंपनी ने पहले ही हड़प लिया है।

arvind
20-10-2011, 05:55 PM
किसी कंस्ट्रक्शन को डिज़ाइन करते समय, शनिवार ४.३० बजे के बाद उस के आयामों का सही योग नहीं निकाला जा सकता। सही योग सोमवार सुबह ९ बजे स्वतः सुस्पष्ट हो जाता है।

arvind
20-10-2011, 05:56 PM
जो खाली है उसे ही भरें। जो भरा है उसे ही खाली करें। और जहाँ खुजली है, वहीं पर ही खुजाएँ।

arvind
20-10-2011, 05:56 PM
दुनिया में सब संभव है, रिवॉल्विंग दरवाज़े से होकर स्कीइंग को छोड़कर।

arvind
20-10-2011, 05:57 PM
कठिन परिश्रम से नहीं, बल्कि चतुराई से काम करें तथा अपनी वर्तनी के प्रति सावधान रहे।

arvind
20-10-2011, 05:58 PM
यदि यह गूगल में नहीं मिलता, तो फिर इस का अस्तित्व ही नहीं है।

arvind
20-10-2011, 05:58 PM
यदि कोई प्रयोग सफल हो जाता है तो फिर कहीं कुछ ग़लत अवश्य है।

arvind
20-10-2011, 05:59 PM
यदि सबकुछ असफल हो जाता है तो फिर निर्देश पढ़ें।

arvind
20-10-2011, 05:59 PM
जो भी ऊपर जाता है, वह नीचे आता ही है – फिर भले ही वह सेंसेक्स क्यों न हो।

arvind
20-10-2011, 06:00 PM
हाथों से छूटा औज़ार हमेशा कोने में वहाँ जा पहुँचता है जहाँ आसानी से नहीं पहुँचा जा सकता।

arvind
20-10-2011, 06:01 PM
किसी भी सरल सिद्धांत की व्याख्या अत्यंत कठिन तरीके से ही संभव है।

ndhebar
20-10-2011, 11:04 PM
जो भी ऊपर जाता है, वह नीचे आता ही है – फिर भले ही वह सेंसेक्स क्यों न हो।
अजी साहब निचे तो आता है पर टाइम पर आये तब बात बने ना

bijipande
24-10-2011, 10:49 AM
ज़्यादातर प्रेमी, अपनी प्रेमिका की शादी मे कुर्सी लगाते नजर आते है।


जी इस बात का मै स्वयं भुक्तभोगी हूँ

Sikandar_Khan
24-10-2011, 11:02 AM
जी इस बात का मै स्वयं भुक्तभोगी हूँ

यकीन तो नही होता है
लेकिन बहुत जल्द मै भी ये काम करने वाला हूँ |

bijipande
24-10-2011, 04:36 PM
सिकंदर भाई आप भी ...........................

arvind
24-10-2011, 05:15 PM
जब कोई सिस्टम इतना सरल बनाया जाता है कि कोई मूर्ख भी उस का इस्तेमाल कर सके, तो फिर उस का इस्तेमाल सिर्फ़ मूर्ख ही करते हैं।

Sikandar_Khan
24-10-2011, 05:15 PM
सिकंदर भाई आप भी ...........................

मै भी एक इंसान हूँ ऋतिक भाई |

arvind
24-10-2011, 05:15 PM
तकनीकी दक्षता का स्तर, प्रबंधन के स्तर के उलटे अनुपात में होता है।

arvind
24-10-2011, 05:16 PM
एक अत्यंत मुश्किल कार्य पूर्ण होने के ठीक पहले, एक अति महत्वहीन छोटे से विवरण की अनुपलब्धता के कारण रुक जाता है।

arvind
24-10-2011, 05:16 PM
कोई भी काम भले ही पूरा हो जाता हो, परंतु उसे सही ढंग से पूरा करने के लिए कभी भी समय नहीं होता।

arvind
24-10-2011, 05:17 PM
जैसे-जैसे अंतिम समय सीमा क़रीब आती है, वैसे-वैसे बचे हुए काम की मात्रा बढ़ती जाती है।

arvind
24-10-2011, 05:17 PM
यदि कोई उपकरण ख़राब हो जाता है और उस की वजह से काम अटकने लगता है, तो वह उपकरण तब ठीक होता है जब, उस की आवश्यकता नहीं होती है या कोई दूसरा आवश्यक कार्य किया जा रहा होता है।

arvind
24-10-2011, 05:18 PM
बिजली से चलने वाले किसी भी उपकरण को यह कभी भी न पता चलने दें कि आप बहुत जल्दी में हैं।

arvind
24-10-2011, 05:18 PM
यदि कोई उपकरण ख़राब नहीं हुआ है तो उस में और सुधार न करें। आप उसे ऐसा ख़राब कर देंगे जो फिर कभी सुधारा नहीं जा सकेगा।

arvind
24-10-2011, 05:19 PM
पटरी को देखकर आप यह अंदाज़ा नहीं लगा सकते कि ट्रेन किस तरफ़ से आएगी।

arvind
24-10-2011, 05:19 PM
यदि आप पूरी तरह से भ्रमित (कनफ़्यूजन में) नहीं हुए हैं तो इस का मतलब है कि आप को पूरी बात मालूम ही नहीं है।

arvind
24-10-2011, 05:20 PM
मानक पुरजे (standard parts) नहीं होते हैं।

arvind
24-10-2011, 05:21 PM
हाथों से छूटा औज़ार किसी चलते उपकरण के ऊपर ही गिरता है।

arvind
24-10-2011, 05:21 PM
नवीनतम तकनॉलाज़ी पर कभी भरोसा न करें। भरोसा तभी करें जब वह पुरानी हो जाए।

arvind
24-10-2011, 05:22 PM
बोल्ट जो अत्यंत अपहुँच स्थान पर होता है, वही सब से ज़्यादा कसा हुआ मिलता है।

arvind
24-10-2011, 05:23 PM
तकनॉलाज़ी और विज्ञान में सब से ज़्यादा बोला जाने वाला वाक्यांश है – “उफ़ – ओह!”

arvind
24-10-2011, 05:24 PM
तकनीशियन के मुँह से दूसरा सब से बेकार शब्द आप सुनते हैं – “ओफ़!”। पहला सब से बेकार शब्द होता है “ओफ़! शि...ट”

arvind
24-10-2011, 05:24 PM
किसी भी दिए गए सॉफ़्टवेयर को जब आप इस्तेमाल करने में दक्षता हासिल कर लेते हैं तो पता चलता है कि उस का नया संस्करण जारी हो गया है।
उप प्रमेय १ – नए संस्करण में जो सुविधा आप को चाहिए होती है वह अभी भी नहीं होती।
उप प्रमेय २ – नए संस्करण में जिस सुविधा का इस्तेमाल आप बारंबार करते रहे होते हैं उसे या तो निकाल दिया जाता है या उस में ऐसा सुधार कर दिया जाता है जो आप के किसी काम का नहीं होता।

arvind
24-10-2011, 05:26 PM
आज के इनफ़ॉर्मेशन ओवरलोड के ज़माने में सब से आवश्यक तकनीकी दक्षता यह है कि हम जो सीखते हैं उस से ज़्यादा भूलने लगें।

arvind
24-10-2011, 05:26 PM
जटिल चीज़ों को सरलता से बनाया जा सकता है, सरल चीज़ें बनने में जटिल होती हैं।

arvind
24-10-2011, 05:26 PM
बंदर के हाथ में आई-पॉड कोई काम का नहीं होता।

arvind
24-10-2011, 05:27 PM
सुरक्षा का नियम:

यदि आप किसी लाख रुपए के उपकरण को बचाने के लिए पाँच रुपए का फ़्यूज लगाते हैं तो आप के पाँच रुपए के फ़्यूज को जलने से बचाने के लिए आप का पाँच लाख का उपकरण पहले जल जाता है।

arvind
24-10-2011, 05:28 PM
हर एक के बॉस के लिए हर कहीं लागू होने वाला नियम:

बहते हुए गंदे नाले में कचरे के ढेर का सब से बड़ा हिस्सा ही सब से ऊपर आता है।

arvind
24-10-2011, 05:29 PM
किसी समुद्री यात्रा में जहाज़ के बंदरगाह को छोड़ने के बाद ही कोई महत्वपूर्ण पुरज़ा ख़राब होता है, जो भंडार में नहीं होता है।

arvind
24-10-2011, 05:29 PM
रखरखाव विभाग उपभोक्ता की शिकायतों को तब तक नज़र-अंदाज़ करते रहते हैं जब तक कि उपभोक्ता कोई नया ख़रीद आदेश न दे दे।

arvind
24-10-2011, 05:30 PM
निरीक्षण की प्रत्याशा के महत्व के अनुसार ही किसी मशीन के ख़राब हो जाने की संभावना होती है।

arvind
24-10-2011, 05:30 PM
यदि कोई नया सिस्टम सिद्धांत में काम करेगा तो अभ्यास में नहीं और अभ्यास में काम करता है तो सिद्धांत में नहीं।

arvind
24-10-2011, 05:31 PM
आप की खोज चाहे जितनी भी पूर्ण व बुद्धिमानी भरी हो, कहीं न कहीं कोई मौजूद होता है जो आप से ज़्यादा जानता है।

arvind
24-10-2011, 05:31 PM
आसानी से सुधारी जा सकने वाली चीज़ें कभी ख़राब ही नहीं होतीं।

arvind
24-10-2011, 05:32 PM
काटा गया कोई भी तार आवश्यक लंबाई में छोटा ही निकलता है।

arvind
24-10-2011, 05:32 PM
जब आप अंतत: नई तकनॉलाजी को अपना लेते हैं, तब पता चलता है कि हर कहीं उस का सपोर्ट व इस्तेमाल बंद हो चुका है।

arvind
24-10-2011, 05:33 PM
किसी परियोजना का प्रस्तावित आकार, उस परियोजना के अंतिम रुप में पूर्ण होने के आकार के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

arvind
24-10-2011, 05:33 PM
कोई विचार जितना ही बुद्धिमानी भरा होगा, उतने ही कम उसे स्वीकारने वाले मिलेंगे।

arvind
24-10-2011, 05:34 PM
जितना ज़्यादा ज्ञान आप प्राप्त करते जाएँगे, आप उतना ही कम सुनिश्चित होते जाएँगे।

arvind
24-10-2011, 05:34 PM
यदि आप सोचते हैं कि आप विज्ञान (या कंप्यूटर या औरत) को समझते हैं, तो निश्चित रूप से आप विशेषज्ञ नहीं हैं।

arvind
24-10-2011, 05:35 PM
सिर्फ़ तकनीशियन ही ऐसे हैं जो तकनॉलाजी पर किसी सूरत भरोसा नहीं करते।

arvind
24-10-2011, 05:37 PM
सभी असंभव असफलताएँ जाँच स्थल पर ही होती हैं।
उप प्रमेय – सभी असंभव असफलताएँ ग्राहक यहाँ होती हैं।

arvind
24-10-2011, 05:37 PM
इंस्टैंट मैसेंजर पर जिसकी ज़रूरत आप को सबसे ज़्यादा होती है, उस के ऑफ़ लाइन होने की संभावना उतनी ही ज़्यादा होती है।

arvind
24-10-2011, 05:38 PM
किसी उपकरण (या तकनीशियन) का उपयोग और कार्यकुशलता उसे दिए गए गालियों के सीधे अनुपात में होती है।

arvind
24-10-2011, 05:38 PM
कोई बढ़िया, ख़राब न होने वाला पुर्जा असुरक्षित समझा जाकर कीमती, बारंबार सर्विस की आवश्यकता वाले पुर्ज़े से हमेशा बदल दिया जाता है।

arvind
24-10-2011, 05:39 PM
ख़राब हो चुका पाँच रुपए कीमत का पुर्जा बदला नहीं जा सकता, परंतु उसे किसी सब-एसेम्बली से बढ़िया, कार्य-कुशल तरीके से बदला जा सकता है जिस की कीमत मूल उपकरण से ज़्यादा होती है।

arvind
24-10-2011, 05:40 PM
किसी ख़राब पुरज़े की कीमत व उपलब्धता संपूर्ण सिस्टम की कीमत के व्युत्क्रमानुपाती होती है। पाँच रुपए का पुरज़ा पाँच लाख की मशीन को अनुपयोगी बना देता है।

arvind
24-10-2011, 05:40 PM
पाँच लाख की मशीन का पाँच रुपए कीमत का ख़राब पुरज़ा बाज़ार में या तो उपलब्ध नहीं होता, उस का निर्माण बरसों पहले से बंद हो चुका होता है और अंतत: अपने कई गुने कीमत से मेड टू आर्डर से बनवाया जाता है तो पता चलता है कि उस मशीन की जगह नई मशीन ने ले ली है।

arvind
24-10-2011, 05:41 PM
सभी मेकेनिकल / इलेक्ट्रिकल उपकरण अपनी गारंटी अवधि अच्छी तरह से जानते हैं – वे इस अवधि के बाद ही फेल होते हैं।

arvind
24-10-2011, 05:41 PM
तकनीशियन ने पहले कभी भी आप के जैसा मशीन नहीं देखा हुआ होता है।

arvind
24-10-2011, 05:42 PM
तकनीशियन आप की मशीन को उस के जाने के तुरंत बाद या फिर बहुत हुआ तो, अगले दिन ख़राब होने के लिए ही ठीक करता है।

arvind
25-10-2011, 05:27 PM
अब पेश है भारतीय घरेलू महिला के लिए मरफ़ी के कुछ नियम।

arvind
25-10-2011, 05:27 PM
जिस हसीन शाम को आप अपने पति के लिए नाश्ता व चाय पहले से तैयार कर रखती हैं, उस दिन वे बेसाख्ता देरी से आते हैं.

उपप्रमेय 1 : जिस हसीन शाम को आप नाश्ता तैयार नहीं कर पाती हैं, उस दिन आपके पति जल्दी घर आ धमकते हैं और इतने भूखे होते हैं कि पूरा का पूरा डाइनिंग टेबल मय फर्नीचर व मर्तबान खा जाने को तत्पर होते हैं.
उपप्रमेय 2 : जिस हसीन शाम के लिए आपके पतिदेव आपसे वादा कर रखते हैं कि वे जल्दी घर लौटकर आपको बाजार लेकर चलेंगे, उस दिन आप ऐसी कोई तैयारी मत रखिए. चूंकि वे बेसाख्ता देरी से आने वाले होते हैं.

arvind
25-10-2011, 05:28 PM
जब आप खाना खाने बैठती हैं, आपका दो वर्ष का बच्चा तभी सूसू या पॉटी करने के लिए अजीब चेहरे बनाता है, या दूध वाला जल्दी (या देरी से) आकर आवाज लगाता है या कोई अजनबी दरवाजा खटखटा कर किसी चीज की मार्केटिंग करने का असफल प्रयास करता है या कोई वह पता पूछता है जो कि आपकी कॉलोनी का नहीं होता है.

arvind
25-10-2011, 05:29 PM
जब आप अपनी किसी महत्वपूर्ण सहेली के फोन काल का इंतजार करते बैठी होती हैं, तो पता चलता है कि आपके कार्डलेस फ़ोन की बैटरी पूरी तरह डिसचार्ज हो गई है या लैंडलाइन फ़ोन के केबल में खराबी आ गई है या मोबाइल फ़ोन की बैटरी को आपका नन्हा उस पर गेम खेलकर खत्म कर चुका है.

उपप्रमेय 1: यदि फोन काल किसी टेलिमार्केटिंग कंपनी से आया होता है तो आपका बंद फ़ोन अचानक बढ़िया काम करने लगता है.

arvind
25-10-2011, 05:30 PM
जिस दिन आप स्विमिंग पूल जाने का प्लान बनाती हैं, उसी दिन आपका बच्चा तेज सर्दी-बुखार से ग्रस्त हो जाता है.

उपप्रमेय: जिस दिन आप स्विमिंग पूल जाने का विचार करती हैं, और आपका बच्चा भी स्वस्थ रहता है, तो फिर उस दिन बारिश हो जाती है.

arvind
25-10-2011, 05:31 PM
आपका कचरा उठाने वाला, आपके गैस पर रखे दूध के उबलने के ठीक 10 सेकण्ड पहले आता है. आप दूध को उबलते तक रुक नहीं सकतीं क्योंकि तब तक कचरा उठाने वाला अगली सड़क नाप चुका होता है. आप गैस बन्द कर कचरा डालने जाती हैं, तब भी पाती हैं कि अंततः दूध गैस की बची गर्मी से ही उबल कर बिखर गया.

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arvind
25-10-2011, 05:32 PM
जिस दिन आप सोचती हैं कि आप आज हर हाल में रात्रि दस बजे से पहले सब काम खत्म कर आराम फरमाएँगी, और आप ऐसा कर भी लेती हैं - तो पाती हैं कि उस दिन रात भर बिजली गुल रही.

arvind
25-10-2011, 05:32 PM
जिस दिन आपकी काम वाली बाई काम पर नहीं आती है, उसी दिन आपके घर में मेहमानों का तांता लगता है.

arvind
25-10-2011, 05:33 PM
जब आप ढेर सारे कपड़े पानी में भिगो देती हैं, तब आपकी काम वाली बाई का संदेश मिलता है कि वह आज छुट्टी पर रहेगी.

arvind
25-10-2011, 05:33 PM
जब घर में आलू-प्याज खत्म हो जाता है, और उसकी बहुत जरूरत होती है तो गली-गली सब्जी बेचने वाला हॉकर नहीं आता और फिर जब आप बाजार जाकर ये सब ले आती हैं तो पता चलता है कि वह हॉकर तमाम मुहल्ले में बार-बार हांक लगा रहा है.

arvind
25-10-2011, 05:33 PM
जिस दिन आप अपने पति की गंदी-फटी-बदबूदार जीन्स धोकर बाहर धूप में सूखने डालती हैं, तो मौसम के अनुमान के विपरीत बरसात हो जाती है और जीन्स में फंगस लगकर वह और गंदा-बदबूदार हो जाता है.

उपप्रमेय: आपके पति को उस जीन्स के अलावा कुछ और पहनना भाता ही नहीं.

arvind
25-10-2011, 05:34 PM
किसी आवश्यक खरीदारी के लिए आप अपने पतिदेव को बाजार भेजती हैं तो पाती हैं कि आपके पतिदेव तमाम दूसरे कार्य निपटा आते हैं और वही आवश्यक खरीदारी भूल आते हैं. और अंततः वह आवश्यक खरीदारी आपको ही करनी होती है.
उपप्रमेय: यदि आपके पति आवश्यक खरीदारी कर आते हैं तो या तो सामान खराब होता है या भाव उचित नहीं होता लिहाजा आपको स्वयं जाकर वह सामान वापस कर सही सामान उचित भाव में लाना होता है.

arvind
25-10-2011, 05:37 PM
मरफी के विशेष नियम:

arvind
25-10-2011, 05:37 PM
यदि कहीं कुछ गलत हो सकने की संभावना होती है तो अंततः ऐसा होता ही है.

arvind
25-10-2011, 05:37 PM
यदि बहुत सी गलतियों के हो सकने की संभावनाएँ होती हैं, तो वही एक गलती होती है जिससे कि सर्वाधिक नुकसान पहुँचता है.

उपप्रमेय: यदि किसी गलती के हो सकने का सबसे खराब समय होता है, तो गलती भी उसी सबसे खराब समय में होती है.

arvind
25-10-2011, 05:38 PM
यदि कहीं, कभी, कोई गलती हो ही नहीं सकती हो तो फिर वहाँ अंततः गलती होती ही है.

arvind
25-10-2011, 05:39 PM
यदि आप यह महसूस करते हैं कि चार संभावित तरीकों से गलती हो सकती है, और आप इन सभी तरीकों से बच निकलते हैं, तभी, गलती हो सकने का एक पाँचवाँ अप्रत्याशित तरीका तत्परता से पैदा हो जाता है.

arvind
25-10-2011, 05:40 PM
यदि चीज़ों को अपने हाल पर छोड़ दिया जाए, तो वे बद से बदहाल होने की कोशिशें करती हैं.

arvind
25-10-2011, 05:40 PM
यदि सब कुछ अच्छा चलता प्रतीत हो रहा है, तो यकीन मानिए, आपने कुछ अनदेखा किया ही है.

arvind
25-10-2011, 05:41 PM
प्रकृति हमेशा गुप्त दोषों के पक्ष में होती है

arvind
25-10-2011, 05:44 PM
मरफ़ी का दर्शन-
मुस्कराओ... कल तो और बुरा होगा.

arvind
25-10-2011, 05:45 PM
मरफ़ी के नियम में क्वांटाइज़ेशन संशोधन-
गलत होता है तो सारा कुछ एक साथ होता है.

arvind
25-10-2011, 05:46 PM
मरफ़ी का स्थिरांक :
पदार्थ अपने मूल्य के सीधे अनुपात में क्षतिग्रस्त होता है.

arvind
25-10-2011, 05:46 PM
मरफ़ी का अनुसंधान का नियम :
ज्यादा अनुसंधान आपके सिद्धान्त का समर्थन करने के लिए अग्रसर होते हैं

arvind
25-10-2011, 05:47 PM
मरफ़ी के नियम में संयोजन :
प्रकृति में सब कुछ कभी भी सही नहीं होता. अतः यदि सब कुछ सही हो रहा हो... तो कहीं कुछ गलत है.

arvind
25-10-2011, 05:47 PM
कुछ भी जो गलत हो सकता है, उसे अंततः गलत होना ही है.

arvind
25-10-2011, 05:49 PM
परिशुद्धता का नियम:
किसी समस्या के समाधान पर कार्य करते समय, यदि आपको समाधान पहले से पता होता है तो इस बात से हमेशा ही मदद मिलती है.

•उपप्रमेय: परंतु तभी, जब आपको पता हो कि वहाँ सचमुच समस्या है.

arvind
25-10-2011, 05:50 PM
कोई भी चीज उतनी आसान नहीं होती जितनी वह दिखाई देती है

arvind
25-10-2011, 05:51 PM
हर चीज के लिए उससे ज्यादा समय लगता है जितना आप समझते हैं

arvind
25-10-2011, 05:51 PM
जब आप कोई कार्य करने के लिए निकल पड़ते हैं तो पता चलता है कि कोई अन्य कार्य पहले करना जरूरी है.

arvind
25-10-2011, 05:52 PM
हर समाधान नई समस्याओं के साथ आता है

arvind
25-10-2011, 05:52 PM
किसी प्रतिलिपि (फ़ोटोकॉपी) की पठनीयता उसके महत्व के उलटे अनुपात में होती है

arvind
25-10-2011, 05:53 PM
आप पहले से यह सफलतापूर्वक निर्धारित कर नहीं रख सकते कि ब्रेड के किस तरफ मक्खन लगाया जाए.

arvind
25-10-2011, 05:53 PM
किसी ब्रेड के मक्खन लगे हुए तरफ से कालीन पर गिरने की संभावना कालीन की क़ीमत के सीधे अनुपात में होता है.

arvind
25-10-2011, 05:53 PM
आखिरी असंभावित जगह पर देखने पर कुछ न कुछ मिल ही जाता है

arvind
25-10-2011, 05:55 PM
आप चाहे जितनी भी मशक्कत कर सबसे सस्ती दर पर कोई वस्तु अपने लिए खरीदते हैं तो खरीदने के तुरंत बाद पता चलता है कि वह कहीं सेल पर और सस्ते में पहले से बिक रहा होता है

arvind
25-10-2011, 05:56 PM
आपके सामने वाली लाइन ज्यादा तेजी से चलती है और यदि आप लाइन बदल लेते हैं तब भी यही स्थिति रहती है.

arvind
25-10-2011, 05:57 PM
ऋण प्राप्त करने के लिए आपको यह साबित करना होता है कि आपके पास तमाम संपत्तियाँ पहले से हैं और आपको ऋण की तो कतई आवश्यकता ही नहीं है.

arvind
25-10-2011, 05:57 PM
किसी भी चीज को अगर आप सुधारना चाहते हैं तो जितना सोचा गया होता है उससे कहीं ज्यादा समय लगता है और ज्यादा धनराशि खर्च होती है.

arvind
25-10-2011, 05:57 PM
यदि ढक्कन खुल नहीं रहा है, तो ताकत लगाएँ. यदि यह टूट भी जाता है तो कोई बात नहीं चूंकि अंततः इसे फेंकना तो है ही.

arvind
25-10-2011, 05:58 PM
यदि किसी खराब उपकरण को मेकैनिक को दिखाया जाता है तो वह उपकरण अचानक भली भांति कार्य करने लग जाता है.

arvind
25-10-2011, 05:58 PM
हर एक के पास धनवान बनने की योजनाएँ होती हैं जो काम नहीं करतीं.

arvind
25-10-2011, 05:59 PM
किसी भी पदानुक्रम (हियरऑर्की) में प्रत्येक व्यक्ति अपने स्वयं के अयोग्यता स्तर के चरम पर पहुँच जाता है और फिर वह वहीं बना रहता है.

arvind
25-10-2011, 05:59 PM
किसी भी काम को सबसे बढ़िया करने के लिए कोई समय नहीं होता, परंतु उस काम को निपटा लेने के लिए समय हमेशा होता है.

arvind
25-10-2011, 06:00 PM
जब आप संशय में हों, बुदबुदाएँ. जब मुश्किल में फंसे हों तो अपने कार्य अधिकार दूसरों को दे दें.

arvind
25-10-2011, 06:00 PM
जीवन में कोई भी अच्छी चीज या तो अवैधानिक, या अनैतिक होती है.

arvind
25-10-2011, 06:01 PM
मरफ़ी का स्वर्णिम नियम :
जिसके पास स्वर्ण होता है वही नियम बनाता है.

arvind
25-10-2011, 06:01 PM
संशय के समय अपनी आवाज में ज्यादा विश्वसनीयता लाएँ.

arvind
25-10-2011, 06:02 PM
किसी बेवकूफ़ के साथ तर्क कभी नहीं करें, संभवतः लोगों को भिन्नता का पता न चल पाए.

arvind
25-10-2011, 06:02 PM
गणित के सबक पर पेन्जा का नियम:
सबक के सबसे महत्वपूर्ण समय पर ही बेयरा दरवाजे पर दस्तक देता है.

arvind
25-10-2011, 06:03 PM
जहाँ सहनशक्ति और धैर्य असफल हो जाता है, बल और शक्ति की जीत होती है.

arvind
25-10-2011, 06:03 PM
यदि आप कुछ गलत चाहते हैं, अधिक संभावना है कि आपको वह न मिले.

arvind
25-10-2011, 06:06 PM
यदि आप समझते हैं कि आप सही और बढ़िया काम कर रहे हैं, तो इसके आपके सामने ही गलत ठहराए जाने की पूरी संभावना है.

arvind
25-10-2011, 06:07 PM
जब किसी ट्रैफ़िक में इंतजार कर रहे हों, तो जब तक आपका लेन साफ होता है वह दूसरा लेन जाम हो जाता है जिस पर आपको बदलकर जाना होता है.

arvind
25-10-2011, 06:07 PM
जब आप सोचते हैं कि अब इससे बुरा कुछ हो ही नहीं सकता तब ऐसा हो ही जाता है.

arvind
25-10-2011, 06:07 PM
बूमरेंग प्रभाव याद कीजिए; आपके कार्य आपके पास लौट कर वापस आते हैं.

arvind
25-10-2011, 06:08 PM
किसी क्रिया पर की गई प्रतिक्रिया भी एक क्रिया ही है

arvind
25-10-2011, 06:08 PM
दूसरों के कार्यों पर अगर आपको गुस्सा आता है तो इसका अर्थ है कि आपको दूसरे नियंत्रित करते हैं तथा अपने गुस्से पर तो आपका नियंत्रण ही नहीं है.

arvind
25-10-2011, 06:08 PM
किसी भी समय यदि कोई वस्तु सुरक्षित स्थान पर रखा जाता है तो वह फिर कभी दुबारा दिखाई नहीं देता - काम के समय तो बिलकुल नहीं.

arvind
25-10-2011, 06:14 PM
जब आप अकेले खेल रहे होते हैं तभी गेंद पर आपका बढ़िया शॉट लगता है.

arvind
25-10-2011, 06:14 PM
गेंद पर आपका सबसे बुरा शॉट तभी लगता है जब आप उनके सामने खेलते होते हैं जिन्हें आपको प्रभावित करना होता है.

arvind
25-10-2011, 06:15 PM
आप चाहे जितनी भी कोशिश कर लें, आप एक धागा भी नहीं खींच सकते.
(उदाहरण के लिए, कार में परिवार के सभी लोगों को बिठाने की कोशिश करना)

arvind
25-10-2011, 06:15 PM
बाल सेटिंग करवाने की कीमत बयार की तेजी के सीधे अनुपात में होती है.

arvind
25-10-2011, 06:16 PM
ग्रेट आइडिया कभी भी याद नहीं किए जाते और मूर्खता भरे वक्तव्य कभी भूले नहीं जाते.

arvind
25-10-2011, 06:16 PM
वाशिंग मशीन में जोड़ में से हमेशा एक ही मोजा ग़ायब होता है

arvind
25-10-2011, 06:17 PM
जो आप चाहते हैं आपको नहीं मिलता जो आपके पास है उसे आप हरगिज नहीं चाहते.