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View Full Version : April Fool 2011


amit_tiwari
29-03-2011, 12:12 PM
जितेंद्रगर्ग को फोरम में काफ़ी इंटेरेस्ट है, एक तरह से इनको आप फोरम का आर्किटेक्ट बोल सकते हैं. यह शुरू से ही फोरम से जुड़े हुए हैं.



केवल मैं और जितेंद्रा ही आख़िर तक मोर्चा संभाले रहे.

अभिषेक जी जैसा की आपने स्वयं स्वीकार किया कि जीतेन्द्र भाई ने शुरू से साईट पर काफी ध्यान दिया है, इतना समय खर्च किया है तो उन्हें भी उचित श्रेय मिलना चाहिए ? मेरा अर्थ है कि जैसे फोरम और साईट दोनों "abhisays" नाम से है तो ये तो सिर्फ आपको मोनोपोली लगती है | इसमें जितेन्द्र जी को ना तो नाम मिला और तो और कम से कम प्रशासक का पद तो दिया ही जा सकता है |

Sikandar_Khan
29-03-2011, 12:29 PM
अभिषेक जी जैसा की आपने स्वयं स्वीकार किया कि जीतेन्द्र भाई ने शुरू से साईट पर काफी ध्यान दिया है, इतना समय खर्च किया है तो उन्हें भी उचित श्रेय मिलना चाहिए ? मेरा अर्थ है कि जैसे फोरम और साईट दोनों "abhisays" नाम से है तो ये तो सिर्फ आपको मोनोपोली लगती है | इसमें जितेन्द्र जी को ना तो नाम मिला और तो और कम से कम प्रशासक का पद तो दिया ही जा सकता है |
बात तो आपकी सत्य है
लेकिन इसके पीछे कुछ व्यक्तिगत कारण होँगे

arvind
29-03-2011, 12:49 PM
अभिषेक जी जैसा की आपने स्वयं स्वीकार किया कि जीतेन्द्र भाई ने शुरू से साईट पर काफी ध्यान दिया है, इतना समय खर्च किया है तो उन्हें भी उचित श्रेय मिलना चाहिए ? मेरा अर्थ है कि जैसे फोरम और साईट दोनों "abhisays" नाम से है तो ये तो सिर्फ आपको मोनोपोली लगती है | इसमें जितेन्द्र जी को ना तो नाम मिला और तो और कम से कम प्रशासक का पद तो दिया ही जा सकता है |
अमित जी, ऐसा नहीं है, आप इतिहास पलट कर देख ले - जैसा जितेंद्र जी का टैलंट है वैसा ही पोस्ट भी दिया गया है। अब सर्वोच्च पद पर तो एक ही कोई हो सकता है ना। हाँ साईट के नाम वाले पॉइंट से मै भी सहमत हूँ, इसका सारा क्रेडिट अभिषेक जी को ही जाता है - खर्चा तो अभिषेक जी की है ना ।

Sikandar_Khan
29-03-2011, 12:57 PM
अमित जी, ऐसा नहीं है, आप इतिहास पलट कर देख ले - जैसा जितेंद्र जी का टैलंट है वैसा ही पोस्ट भी दिया गया है। अब सर्वोच्च पद पर तो एक ही कोई हो सकता है ना। हाँ साईट के नाम वाले पॉइंट से मै भी सहमत हूँ, इसका सारा क्रेडिट अभिषेक जी को ही जाता है - खर्चा तो अभिषेक जी की है ना ।

खर्चा तो अभिषेक जी का है लेकिन मेहनत तो बराबर की है इसलिए नाम तो जितेन्द्र जी का भी होना चाहिए

amit_tiwari
29-03-2011, 01:01 PM
अमित जी, ऐसा नहीं है, आप इतिहास पलट कर देख ले - जैसा जितेंद्र जी का टैलंट है वैसा ही पोस्ट भी दिया गया है। अब सर्वोच्च पद पर तो एक ही कोई हो सकता है ना। हाँ साईट के नाम वाले पॉइंट से मै भी सहमत हूँ, इसका सारा क्रेडिट अभिषेक जी को ही जाता है - खर्चा तो अभिषेक जी की है ना ।

अरविन्द भाई कितना खर्च लगा होगा या प्रतिमाह लगता है? एक डोमेन आएगा खींच के ६०० रुपैये का और अभी की सदस्य संख्या के हिसाब से ८-१०,००० की होस्टिंग | ये कौन सी बड़ी बात है |

फिर इस फोरम का एक बड़ा फीचर गेम सेक्शन है और वो जीतेन्द्र जी ने किया है | आखिर खर्च किये समय का भी कोई मोल होता है |


बात तो आपकी सत्य है
लेकिन इसके पीछे कुछ व्यक्तिगत कारण होँगे

खर्चा तो अभिषेक जी का है लेकिन मेहनत तो बराबर की है इसलिए नाम तो जितेन्द्र जी का भी होना चाहिए

सिकंदर भाई कारन इतना ही हो सकता है 'जलन'

Sikandar_Khan
29-03-2011, 01:06 PM
सिकंदर भाई कारन इतना ही हो सकता है 'जलन'
लेकिन जहां तक हमे मालूम है कि अभिषेक जी और जितेन्द्र जी अच्छे दोस्त हैँ फिर ये "जलन" का क्या कारण हो सकता है ?

amit_tiwari
29-03-2011, 01:08 PM
लेकिन जहां तक हमे मालूम है कि अभिषेक जी और जितेन्द्र जी अच्छे दोस्त हैँ फिर ये "जलन" का क्या कारण हो सकता है ?

अभिषेक जी अच्छे इंसान हैं और सच कहूँ तो मैंने कभी जितेन्द्र से डायरेक्ट बात भी नहीं की लेकिन इस मुद्दे पर मुझे जितेन्द्र जी के साथ सहानुभूति है |

Sikandar_Khan
29-03-2011, 01:12 PM
अभिषेक जी अच्छे इंसान हैं और सच कहूँ तो मैंने कभी जितेन्द्र से डायरेक्ट बात भी नहीं की लेकिन इस मुद्दे पर मुझे जितेन्द्र जी के साथ सहानुभूति है |
मुझे भी अभिषेक जी की बातोँ से इन दोनोँ मे कुछ मतभेद दिखते हैँ |
लेकिन कारण स्पष्ट नही है

abhisays
29-03-2011, 01:19 PM
अभिषेक जी जैसा की आपने स्वयं स्वीकार किया कि जीतेन्द्र भाई ने शुरू से साईट पर काफी ध्यान दिया है, इतना समय खर्च किया है तो उन्हें भी उचित श्रेय मिलना चाहिए ? मेरा अर्थ है कि जैसे फोरम और साईट दोनों "abhisays" नाम से है तो ये तो सिर्फ आपको मोनोपोली लगती है | इसमें जितेन्द्र जी को ना तो नाम मिला और तो और कम से कम प्रशासक का पद तो दिया ही जा सकता है |


अमित जी ऐसा नहीं है, शुरू में यह फोरम abhisays.com का पार्ट था, इसलिए ऐसा हुआ था. जीतेन्द्र गर्ग को उनकी योग्यता की हिसाब से पद दिया गया है. मैंने सारे फैसले सभी के राय विचार से ही लिए है, इसमें मेरी कोई मोनोपोली नहीं है.

abhisays
29-03-2011, 01:21 PM
बात तो आपकी सत्य है
लेकिन इसके पीछे कुछ व्यक्तिगत कारण होँगे


कोई व्यक्तिगत कारन नहीं है
क्योकि यह फोरम अभिसय्स.कॉम का पार्ट था इसलिए ऐसा हुआ.
और इस फोरम को चलाने में जो खर्चा आता है वोह अभिसय्स.कॉम से ही पूरा होता है.

abhisays
29-03-2011, 01:22 PM
मुझे भी अभिषेक जी की बातोँ से इन दोनोँ मे कुछ मतभेद दिखते हैँ |
लेकिन कारण स्पष्ट नही है

जो सही है वही होता है फोरम पर, फोरम हित व्यक्तिगत हित से उपर है.

Sikandar_Khan
29-03-2011, 01:26 PM
कोई व्यक्तिगत कारन नहीं है
क्योकि यह फोरम अभिसय्स.कॉम का पार्ट था इसलिए ऐसा हुआ.
और इस फोरम को चलाने में जो खर्चा आता है वोह अभिसय्स.कॉम से ही पूरा होता है.

तो इसीलिए आपने इसे अपने नाम के साथ
जोड़ा है ?

amit_tiwari
29-03-2011, 01:28 PM
जो सही है वही होता है फोरम पर, फोरम हित व्यक्तिगत हित से उपर है.

क्या भाई ! अब फोरम कौन सा देश है जो फोरम हित जैसी बड़ी कोंसेप्ट आ गयी | फिर अगर एक बंद मेहनत कर रहा है तो उसे उसका श्रेय तो मिलना ही चाहिए, इसमें फोरम का क्या नुक्सान हो जायेगा ?

Sikandar_Khan
29-03-2011, 01:29 PM
जो सही है वही होता है फोरम पर, फोरम हित व्यक्तिगत हित से उपर है.

आपके कहने का मतलब जितेन्द्र जी फोरम का
हित नही चाहते हैँ ?
या और कोई भी कारण हैँ ?

abhisays
29-03-2011, 01:31 PM
क्या भाई ! अब फोरम कौन सा देश है जो फोरम हित जैसी बड़ी कोंसेप्ट आ गयी | फिर अगर एक बंद मेहनत कर रहा है तो उसे उसका श्रेय तो मिलना ही चाहिए, इसमें फोरम का क्या नुक्सान हो जायेगा ?


मुझे लगता है, जो मेहनत करता है उसे इस फोरम पर हमेशा से ही उचित मान सम्मान और पद मिलता है..

फोरम एक सभा है एक कम्युनिटी है, जो अभी शायद इतनी विशाल ना हो, लेकिन फिर भी काफी तरह तरह से लोगो को इकट्टा की हुए है.

abhisays
29-03-2011, 01:32 PM
आपके कहने का मतलब जितेन्द्र जी फोरम का
हित नही चाहते हैँ ?
या और कोई भी कारण हैँ ?


जीतेन्द्र फोरम का हित चाहता है, जैसे की आप लोग और मैं, इसलिए उसका पद एक नियामक से ऊपर का है, अब आप लोग क्या चाहते हैं.

Sikandar_Khan
29-03-2011, 01:32 PM
क्या भाई ! अब फोरम कौन सा देश है जो फोरम हित जैसी बड़ी कोंसेप्ट आ गयी | फिर अगर एक बंद मेहनत कर रहा है तो उसे उसका श्रेय तो मिलना ही चाहिए, इसमें फोरम का क्या नुक्सान हो जायेगा ?
मुझे तो इसमे अभिषेक जी का कोई व्यक्तिगत लाभ दिखाई देता है
इसीलिए अभी तक उन्होने जितेन्द्र जी को एक सीमित पद पर रखा है

amit_tiwari
29-03-2011, 01:34 PM
मुझे लगता है, जो मेहनत करता है उसे इस फोरम पर हमेशा से ही उचित मान सम्मान और पद मिलता है..

फोरम एक सभा है एक कम्युनिटी है, जो अभी शायद इतनी विशाल ना हो, लेकिन फिर भी काफी तरह तरह से लोगो को इकट्टा की हुए है.

मतलब आप जीतेन्द्र जी को एडमिन बनाने जा रहे हैं ??? और मैं बाकी सारे सदस्यों की तरफ से जीतेन्द्र जी का नाम फोरम के नाम में भी जोड़ने का प्रस्ताव रखता हूँ. नया नाम जीतेन्द्रअभि डोट कोम सही रहेगा | डोमेन मैं खरीद कर दे दूंगा | मंजूर?

abhisays
29-03-2011, 01:34 PM
तो इसीलिए आपने इसे अपने नाम के साथ
जोड़ा है ?


वैसे मेरा नाम अभिषेक है ना की abhisays

abhisays ---

जब खुला था तो इसका मतलब होता था.

articles on blogging, hot shots, internet................ says. .............

Sikandar_Khan
29-03-2011, 01:36 PM
जीतेन्द्र फोरम का हित चाहता है, जैसे की आप लोग और मैं, इसलिए उसका पद एक नियामक से ऊपर का है, अब आप लोग क्या चाहते हैं.

लेकिन आपके बराबर तो नही है |
जब फोरम बनाने मे मेहनत बराबर की तो पद भी बराबर होना चाहिए |

abhisays
29-03-2011, 01:36 PM
मुझे तो इसमे अभिषेक जी का कोई व्यक्तिगत लाभ दिखाई देता है
इसीलिए अभी तक उन्होने जितेन्द्र जी को एक सीमित पद पर रखा है


मुझे हंसी आ रही है आपकी बुद्धि पर, क्या हो गया है सिकंदर जी.
पद हमेशा योग्यता के आधार पर दिए जाते है, जिसकी जो योग्यता है वैसा उसका पद.

abhisays
29-03-2011, 01:38 PM
मतलब आप जीतेन्द्र जी को एडमिन बनाने जा रहे हैं ??? और मैं बाकी सारे सदस्यों की तरफ से जीतेन्द्र जी का नाम फोरम के नाम में भी जोड़ने का प्रस्ताव रखता हूँ. नया नाम जीतेन्द्रअभि डोट कोम सही रहेगा | डोमेन मैं खरीद कर दे दूंगा | मंजूर?


फोरम की अभी और admin की jarurat नहीं है, kaam itna kuch khas नहीं है.

domain मुझे भी खरीदna आता है.

Sikandar_Khan
29-03-2011, 01:39 PM
मतलब आप जीतेन्द्र जी को एडमिन बनाने जा रहे हैं ??? और मैं बाकी सारे सदस्यों की तरफ से जीतेन्द्र जी का नाम फोरम के नाम में भी जोड़ने का प्रस्ताव रखता हूँ. नया नाम जीतेन्द्रअभि डोट कोम सही रहेगा | डोमेन मैं खरीद कर दे दूंगा | मंजूर?

ये बढ़ियां आईडिया है
अभिषेक जी इससे सहमत हैँ या नही ?

amit_tiwari
29-03-2011, 01:39 PM
मुझे हंसी आ रही है आपकी बुद्धि पर, क्या हो गया है सिकंदर जी.
पद हमेशा योग्यता के आधार पर दिए जाते है, जिसकी जो योग्यता है वैसा उसका पद.

इसका मतलब जीतेन्द्र भाई कम योग्य हैं ? गेमिंग ज़ोन को क्या तुक्के में इन्स्टाल कर लिया उन्होंने?

Sikandar_Khan
29-03-2011, 01:43 PM
वैसे मेरा नाम अभिषेक है ना की abhisays

abhisays ---

जब खुला था तो इसका मतलब होता था.

articles on blogging, hot shots, internet................ says. .............

लेकिन कुछ न कुछ तो आपसे भी जुड़ा है
फिर फोरम बनाते समय तो जितेन्द्र जी के नाम पर विचार किया जा सकता था

amit_tiwari
29-03-2011, 01:44 PM
फोरम की अभी और admin की jarurat नहीं है, kaam itna kuch khas नहीं है.

Domain मुझे भी खरीदna आता है.

हुह !! फिलहाल के काम काज के हिसाब से तो उस एक की भी जरुरत नहीं लगती |

चलो भाई मेरे पास काम है तो मैं चलता हु लेकिन जो मुझे उचित लगा मैंने कह दिया | बुरा मानने वाली कोई बात नहीं है इसमें मैंने जो भी कहा सही कहा वो सबको पता है |

amit_tiwari
29-03-2011, 01:45 PM
No Offence Abhishek, Nothing personal. Cool?

Sikandar_Khan
29-03-2011, 01:48 PM
मुझे हंसी आ रही है आपकी बुद्धि पर, क्या हो गया है सिकंदर जी.
पद हमेशा योग्यता के आधार पर दिए जाते है, जिसकी जो योग्यता है वैसा उसका पद.

आपके कहने का मतलब जितेन्द्र जी मे एक प्रशासक बनने की योग्यता नही है

abhisays
29-03-2011, 02:11 PM
आपके कहने का मतलब जितेन्द्र जी मे एक प्रशासक बनने की योग्यता नही है


मैंने तो ऐसा नहीं कहा, बस अभी एक ही प्रशाशक की जरुरत है, जब और की जरुरत होगी तो देखेंगे

abhisays
29-03-2011, 02:12 PM
हुह !! फिलहाल के काम काज के हिसाब से तो उस एक की भी जरुरत नहीं लगती |



एक तो फोरम सॉफ्टवेर में by default ही रहता है. :crazyeyes:

abhisays
29-03-2011, 02:13 PM
इसका मतलब जीतेन्द्र भाई कम योग्य हैं ? गेमिंग ज़ोन को क्या तुक्के में इन्स्टाल कर लिया उन्होंने?


मैंने कभी भी जीतेन्द्र की योग्यता पर शक नहीं किया.

sagar -
29-03-2011, 02:20 PM
दोस्तों मुझे लगता हे फोरम का इतिहास के बजये सूत्र कही और भटक गया हे ....???
उचित होगा की सभी पुराने सदस्य बैठ कर आपस में इस मुदे को सुलझाए ना की सबके सामने ..

abhisays
29-03-2011, 02:24 PM
दोस्तों मुझे लगता हे फोरम का इतिहास के बजये सूत्र कही और भटक गया हे ....???
उचित होगा की सभी पुराने सदस्य बैठ कर आपस में इस मुदे को सुलझाए ना की सबके सामने ..

सागर जी, इतिहास काली स्याई से भी लिखा जाता है, यह उन्ही काली स्याई वाले पन्नो की झलकियाँ हैं. जिन्हें जो भरास है निकाल ले दिल में ना रखे.

sagar -
29-03-2011, 02:30 PM
सागर जी, इतिहास काली स्याई से भी लिखा जाता है, यह उन्ही काली स्याई वाले पन्नो की झलकियाँ हैं. जिन्हें जो भरास है निकाल ले दिल में ना रखे.
सही कहा अपने भडास अगर बाहर निकल जाये तो अच्छ ही हे वरना अंदर ही अंदर बड़ा विस्फोटक रूप ले लेती हे !

khalid
29-03-2011, 02:36 PM
सागर जी, इतिहास काली स्याई से भी लिखा जाता है, यह उन्ही काली स्याई वाले पन्नो की झलकियाँ हैं. जिन्हें जो भरास है निकाल ले दिल में ना रखे.

छोटा मुँह बडी बात अगर जितेन्द्र जी को ऐतराज नहीँ हैँ तो हमे क्यो होने लगा मेरा तो एक फंडा हैँ कोई किसी के साथ क्या करता हैँ हमे क्या जब हमारे साथ करेँगे तब देखेँगे अभिषेक जी जितेन्द्र जी दोनो बहुत सालो से दोस्त हैँ कभी खटपट भी होगा कभी तकरार भी होगा और फिर मिल भी जाएगेँ हम फोरम का माहौल गडबड क्योँ करे अगर किसी को किसी बात से तकलीफ हैँ तो pm की सुविधा का इस्तेमाल करे

abhisays
29-03-2011, 02:54 PM
छोटा मुँह बडी बात अगर जितेन्द्र जी को ऐतराज नहीँ हैँ तो हमे क्यो होने लगा मेरा तो एक फंडा हैँ कोई किसी के साथ क्या करता हैँ हमे क्या जब हमारे साथ करेँगे तब देखेँगे अभिषेक जी जितेन्द्र जी दोनो बहुत सालो से दोस्त हैँ कभी खटपट भी होगा कभी तकरार भी होगा और फिर मिल भी जाएगेँ हम फोरम का माहौल गडबड क्योँ करे अगर किसी को किसी बात से तकलीफ हैँ तो pm की सुविधा का इस्तेमाल करे


बिलकुल सही कहा खालिद जी आपने, मैं भी यही सोच रहा था. लेकिन अब क्या किया जा सकता है, तीर कमान से चल गया है, अब तो सभी सवालो के जवाब देने होंगे .......

Bholu
29-03-2011, 03:00 PM
अभि जी आपने इस फोरम की नीव किस दिन रखी थी

khalid
29-03-2011, 03:03 PM
बिलकुल सही कहा खालिद जी आपने, मैं भी यही सोच रहा था. लेकिन अब क्या किया जा सकता है, तीर कमान से चल गया है, अब तो सभी सवालो के जवाब देने होंगे .......

दिजिए कम से कम इसी बहाने दिल हल्का हो जाएगा और दिल मेँ कोई बात बाकी ना रहेगा :cheers:

Sikandar_Khan
29-03-2011, 03:03 PM
मैंने तो ऐसा नहीं कहा, बस अभी एक ही प्रशाशक की जरुरत है, जब और की जरुरत होगी तो देखेंगे

आपने ही तो कहा कि व्यक्ति कि योग्यता देखकर उसको पद दिया जाता है

Sikandar_Khan
29-03-2011, 03:06 PM
सही कहा अपने भडास अगर बाहर निकल जाये तो अच्छ ही हे वरना अंदर ही अंदर बड़ा विस्फोटक रूप ले लेती हे !

सागर जी बात जब फोरम से जुड़ी है तो सबके सामने ही होना चाहिए
जिससे सबको पता चले

Sikandar_Khan
29-03-2011, 03:09 PM
छोटा मुँह बडी बात अगर जितेन्द्र जी को ऐतराज नहीँ हैँ तो हमे क्यो होने लगा मेरा तो एक फंडा हैँ कोई किसी के साथ क्या करता हैँ हमे क्या जब हमारे साथ करेँगे तब देखेँगे अभिषेक जी जितेन्द्र जी दोनो बहुत सालो से दोस्त हैँ कभी खटपट भी होगा कभी तकरार भी होगा और फिर मिल भी जाएगेँ हम फोरम का माहौल गडबड क्योँ करे अगर किसी को किसी बात से तकलीफ हैँ तो pm की सुविधा का इस्तेमाल करे
आपके कहने का मतलब है जब अपने दर्द हो तभी कुछ करना चाहिए
परिवार के किसी अन्य सदस्य के दर्द से हमे कोई मतलब नही रखना चाहिए
अच्छे विचार है आपके

khalid
29-03-2011, 03:59 PM
आपके कहने का मतलब है जब अपने दर्द हो तभी कुछ करना चाहिए
परिवार के किसी अन्य सदस्य के दर्द से हमे कोई मतलब नही रखना चाहिए
अच्छे विचार है आपके

परिवार के सदस्य ने आपको अगर अपना दर्द बताया हैँ तो ठिक हैँ उनसे जरुर मतलब रखे अगर नहीँ बताया तो कोई मतलब नहीँ हैँ पता नहीँ उनके क्या मामले हैँ दोनो के बिच अगर अभी जितेन्द्र जी आकर एक पोस्ट कर दे मुझे फोरम मे कोई पद नहीँ चाहिए तब क्या करेँग

Sikandar_Khan
29-03-2011, 04:06 PM
परिवार के सदस्य ने आपको अगर अपना दर्द बताया हैँ तो ठिक हैँ उनसे जरुर मतलब रखे अगर नहीँ बताया तो कोई मतलब नहीँ हैँ पता नहीँ उनके क्या मामले हैँ दोनो के बिच अगर अभी जितेन्द्र जी आकर एक पोस्ट कर दे मुझे फोरम मे कोई पद नहीँ चाहिए तब क्या करेँग

वो भी जल्दी ही अपना दुख आपके सामने रखेँगे

khalid
29-03-2011, 04:14 PM
वो भी जल्दी ही अपना दुख आपके सामने रखेँगे

तब की तब देखेँगे अभी से निँद क्यो खराब करे

arvind
29-03-2011, 05:29 PM
बिलकुल सही कहा खालिद जी आपने, मैं भी यही सोच रहा था. लेकिन अब क्या किया जा सकता है, तीर कमान से चल गया है, अब तो सभी सवालो के जवाब देने होंगे .......सही कहा आपने..... बात निकली है तो दूर तलक जाएगी।
मै फिर से कह रहा हूँ की जितेंद्र जी के साथ अभिषेक जी ने पूरा न्याय किया है। वैसे भी पद लेकर जितेंद्र जी फोरम पर कितने सक्रिय है - ये तो आप सभी लोग जानते ही है।

VIDROHI NAYAK
29-03-2011, 05:39 PM
मेरे हिसाब से ये जीतेन्द्र जी एवं अभिषेक जी का व्यक्तिगत मसला है ! बेहतर है की अन्य सदस्य इसमें तब तक न पड़ें जब तक उनसे कोई मदद न मांगी जाए !

khalid
29-03-2011, 05:57 PM
मेरे हिसाब से ये जीतेन्द्र जी एवं अभिषेक जी का व्यक्तिगत मसला है ! बेहतर है की अन्य सदस्य इसमें तब तक न पड़ें जब तक उनसे कोई मदद न मांगी जाए !

बिल्कुल ठिक बंधु मैँ आपकी बात से सहमत हुँ

Kumar Anil
29-03-2011, 07:29 PM
आज जो है कल वही इतिहास हो जाता है । इतिहास के पन्नोँ मेँ हमारा यही विकृत वर्तमान दर्ज़ हो जायेगा । नेट की दुनिया मेँ इकलौते हिँदी फोरम पर बचे हुये चन्द सदस्य क्या आत्मप्रवंचना का शिकार हो चुके हैँ ? उनकी सृजनशीलता कहाँ विलुप्त हो गयी ? विमर्श की गुंजाइश क्या यहीँ शेष है ? हम 10 - 11 सदस्योँ के अतिरिक्त अनेक अतिथिगण भी फोरम का भ्रमण करते हैँ और फिर हम यह क्यूँ भूलते हैँ कि तथाकथित प्रतिस्पर्धी फोरम की आँखे भी हमारी गतिविधियोँ पर नज़र गड़ाये रहतीँ हैँ और हम सभ्य , शील , सुसंस्कृत , मर्यादित होने का दावा करते रहते हैँ । इतिहास मेँ दर्ज़ होने के लिये वर्तमान को सँवारना होता है । तो आईये इसे यहीँ विराम देकर इतिहास बनायेँ और अतिथियोँ को भी सदस्य बनने के लिये सकारात्मक वातावरण तैयार करेँ ।

senior
29-03-2011, 09:08 PM
जिस तरह से इस फ़ोरम पर सक्रिय सदस्यों की तादाद घट रही है और येन केन प्रकारेण इस संख्या को बढ़ाने का प्रयत्न किया जा रहा है उससे तो लगता है कि यह फ़ोरम शीघ्र ही इतिहास हो जाएगा।

abhisays
29-03-2011, 09:16 PM
जिस तरह से इस फ़ोरम पर सक्रिय सदस्यों की तादाद घट रही है और येन केन प्रकारेण इस संख्या को बढ़ाने का प्रयत्न किया जा रहा है उससे तो लगता है कि यह फ़ोरम शीघ्र ही इतिहास हो जाएगा।

गुरूजी आप टेंशन ना ले, My Hindi Forum को हम लोग हिंदी के इतिहास (इन्टरनेट) इतिहास का एक सशक्त हस्ताक्षर बनायेंगे.

हमारा रास्ता दुर्गम अवश्य ही है, मंजिल मुस्किल जरुर है लेकिन हम अपने विचार, सिद्दांत से नहीं भटकेंगे, आने वाला कल हमें इसके लिए हमेशा याद रखेगा.

यह फोरम आपको सालो बाद भी इन्टरनेट पर मिलेगा और शायद और कई सक्रिय सदस्यों के साथ. हम quantity में नहीं quality में विश्वास रखने वाले लोग हैं. और आपको भी पता है, आप quantity कैसे लाते हैं अपने फोरम पर.

VIDROHI NAYAK
29-03-2011, 09:23 PM
गुरूजी आप टेंशन ना ले, my hindi forum को हम लोग हिंदी के इतिहास (इन्टरनेट) इतिहास का एक सशक्त हस्ताक्षर बनायेंगे.

हमारा रास्ता दुर्गम अवश्य ही है, मंजिल मुस्किल जरुर है लेकिन हम अपने विचार, सिद्दांत से नहीं भटकेंगे, आने वाला कल हमें इसके लिए हमेशा याद रखेगा.

यह फोरम आपको सालो बाद भी इन्टरनेट पर मिलेगा और शायद और कई सक्रिय सदस्यों के साथ. हम quantity में नहीं quality में विश्वास रखने वाले लोग हैं. और आपको भी पता है, आप quantity कैसे लाते हैं अपने फोरम पर.
बहुत मजेदार...आपके विश्वास ने मजबूती दी हमारे ह्रदय को ! चलते रहिये ! हम सदैव आपके साथ हैं !

ishu
29-03-2011, 11:58 PM
बहुत अच्छा इतिहास है फोरम का .. पढ़कर मजा आ रहा है. इसमें एक्शन ,इमोशन और ड्रामा /.. सबकुछ है / और इतिहास बताओ/

khalid
30-03-2011, 12:02 AM
बहुत मजेदार...आपके विश्वास ने मजबूती दी हमारे ह्रदय को ! चलते रहिये ! हम सदैव आपके साथ हैं !

इन्साअल्लाह हम भी साथ हैँ

amit_tiwari
30-03-2011, 12:07 AM
जिस तरह से इस फ़ोरम पर सक्रिय सदस्यों की तादाद घट रही है और येन केन प्रकारेण इस संख्या को बढ़ाने का प्रयत्न किया जा रहा है उससे तो लगता है कि यह फ़ोरम शीघ्र ही इतिहास हो जाएगा।

पिछले वाले का भूगोल याद है ना ? इस बार बनाओ, जिस दिन फुर्सत हुआ उस दिन फिर से उड़ा दूंगा | तुम्हे बनाने में १ साल लगेगा और मुझे उड़ाने में १० मिनट भी नहीं |

Sikandar_Khan
30-03-2011, 12:13 AM
पिछले वाले का भूगोल याद है ना ? इस बार बनाओ, जिस दिन फुर्सत हुआ उस दिन फिर से उड़ा दूंगा | तुम्हे बनाने में १ साल लगेगा और मुझे उड़ाने में १० मिनट भी नहीं |

क्या बात है अमित भाई
आप तो खिलाड़ियोँ के खिलाड़ी निकले

abhisays
30-03-2011, 12:20 AM
बहुत अच्छा इतिहास है फोरम का .. पढ़कर मजा आ रहा है. इसमें एक्शन ,इमोशन और ड्रामा /.. सबकुछ है / और इतिहास बताओ/


मित्र हमें पता है आपको काफी मज़ा आ रहा होगा. आगे आगे देखते जाइए.. होता है क्या...

Sikandar_Khan
30-03-2011, 12:21 AM
गुरूजी आप टेंशन ना ले, my hindi forum को हम लोग हिंदी के इतिहास (इन्टरनेट) इतिहास का एक सशक्त हस्ताक्षर बनायेंगे.

हमारा रास्ता दुर्गम अवश्य ही है, मंजिल मुस्किल जरुर है लेकिन हम अपने विचार, सिद्दांत से नहीं भटकेंगे, आने वाला कल हमें इसके लिए हमेशा याद रखेगा.

यह फोरम आपको सालो बाद भी इन्टरनेट पर मिलेगा और शायद और कई सक्रिय सदस्यों के साथ. हम quantity में नहीं quality में विश्वास रखने वाले लोग हैं. और आपको भी पता है, आप quantity कैसे लाते हैं अपने फोरम पर.

आपने तो गुरू जी की बैन्ड ही बजा दी बेचारे अपने फोरम का सर्वर तो सम्भाल नही पा रहे है और यहां चले आए उपदेश देने |
खुद के आज का पता नही दूसरे के कल की बात कर रहे हैँ |

VIDROHI NAYAK
30-03-2011, 01:06 AM
आपने तो गुरू जी की बैन्ड ही बजा दी बेचारे अपने फोरम का सर्वर तो सम्भाल नही पा रहे है और यहां चले आए उपदेश देने |
खुद के आज का पता नही दूसरे के कल की बात कर रहे हैँ |
ओह्ह्ह तो क्या ये महाशय वो हैं ..! वाह भाई ! ऐसा भी होता है ! क्या बात है यहाँ प्रतिस्पर्धा भी है ! कृपया संशय दूर करें !

Sikandar_Khan
30-03-2011, 01:22 AM
ओह्ह्ह तो क्या ये महाशय वो हैं ..! वाह भाई ! ऐसा भी होता है ! क्या बात है यहाँ प्रतिस्पर्धा भी है ! कृपया संशय दूर करें !

बिल्कुल ठीक पहचान आपने ये वही गुरू जी हैँ
जो अपना काम छोड़कर जोड़ तोड़ करने मे लगे हैँ

jitendragarg
30-03-2011, 01:27 AM
अभिषेक भाई, सारे नियामक जानते है, की कारण क्या है, और ये बात अचानक से क्यूँ उठी. सब सिर्फ जानबूझ कर अनजान बन रहे है. खैर, जब तुम्हारे हिसाब से मेरी योग्यता तुमसे कम है, तो फिर इस बारे में बात कर ही ली जाये. सूत्र बनाया है, अभी सभी लोगो से समर्थन के लिए. फिर जब सब सदस्यों की बात सुनोगे, तो समझ आएगा की मैं सही हूँ. खैर, फोरम इतिहास का सूत्र नहीं बिगाडना चाहता, इस बात पर यहाँ बहस करके. ये सूत्र अभी तक पुरानी यादें ताजा करता था, जब हम लोग दोस्त हुआ करते है, और ये बुसिनेस्स वाला सिस्टम बीच में नहीं था. अब जो भी जवाब देना है, उस्सी सूत्र में देना. वहीँ बातें करेंगे. इस सूत्र को मैं कुछ दिनों में साफ़ कर दूंगा, ताकि पुराने रूप में ये सूत्र बना रहे.


:cheers:

jitendragarg
30-03-2011, 01:36 AM
सूत्र बंद करने से पहले गुरूजी को समझा देना चाहता हूँ, की जो भी ये फोरम कभी बंद नहीं होगा. अगर ज्यादा हुआ, तो हम लोग और एक नया फोरम बनायेंगे, और सिर्फ हिंदी के लिए ही नहीं, देश की जितनी भाषा है, सबके लिए. आप अपने उपदेश अपने पास रखे. अपने फोरम का हाल देखिये, यहाँ तो ये पहली बार हुआ है. यहाँ जो हो रहा है, उसका कारण सुनकर तो तुम वैसे भी सर पीट लोगे, की हम एक साल में इस जगह खड़े है.

VIDROHI NAYAK
30-03-2011, 01:36 AM
बिल्कुल ठीक पहचान आपने ये वही गुरू जी हैँ
जो अपना काम छोड़कर जोड़ तोड़ करने मे लगे हैँ
अभी हमदर्दी के पात्र हैं ये ! वो कुछ साईट अब धोखा देने लगी है !

Sikandar_Khan
30-03-2011, 02:05 AM
अभी हमदर्दी के पात्र हैं ये ! वो कुछ साईट अब धोखा देने लगी है !
ये तो अपने "aaiina" का कमाल है |
अभी तो सिर्फ धोखा दे
रही है |
जिस दिन अपने तिवारी जी ने अपनी उंगलियोँ का करतब दिखाया तो दुबारा क्षतिग्रस्त हो जाएगी |