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View Full Version : चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त


Hamsafar+
04-04-2011, 12:56 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9858&d=1301902790

भारतीय समयानुसार प्रात: 9.15 से 10.44 तक शुभ चौघड़िया में, 3.15 से 6.35 तक लाभ व अमृत चौघड़िया में घटस्थापना कर सकते हैं। वैसे शुभ चौघड़िया में ही घटस्थापना करना चाहिए।

Hamsafar+
04-04-2011, 12:58 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9866&d=1301903749

यह नवरात्रि पर्व शक्ति की शक्तियों को जगाने का आह्वान है, ताकि हम पर देवी की कृपा हो, और हम शक्ति-स्वरूपा से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद अर्जित कर सकें। हम सभी संकट, रोग, दुश्मन व प्राकृतिक-अप्राकृतिक आपदाओं से बच सकें। हमारे शारीरिक तेज में वृद्धि हो, मन निर्मल हो। हमें सपरिवार दैवीय शक्तियों का लाभ मिल सकें।

Hamsafar+
04-04-2011, 01:01 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9865&d=1301903666

चैत्र नवरात्रि पर्व पर माँ भगवती का आह्वान कर दुष्टात्माओं का नाश करने हेतु उन्हें जगाया जाता है। प्रत्येक नर-नारी जो हिन्दू धर्म की आस्था से जुडे हैं वे किसी-न-किसी रूप में देवी की उपासना करते ही है। फिर चाहे व्रत, उपवास,मंत्र,जप, अनुष्ठान या दान कर्म ही क्यों ना हो, अपनी-अपनी श्रद्धा, सामर्थ्य व भक्तिनुसार उपासक यह कर्म करते हैं।

Hamsafar+
04-04-2011, 01:03 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9853&d=1301901084
माँ के दरबार में दोनों ही नवरात्रि चैत्र व शारदीय नवरात्रि में धूमधाम रहती है। आश्विन माह की नवरात्रि में जगह-जगह गरबों की, जगह-जगह देवी प्रतिमा स्थापित करने की प्रथा है। चैत्र नवरात्रि में घरों में देवी प्रतिमा व घटस्थापना की जाती है। हिंदू मतानुसार इसी दिन से नव वर्ष का आरंभ माना गया है।

Hamsafar+
04-04-2011, 01:05 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9855&d=1301901084
हिंदू व महाराष्ट्रीयन समाज इस दिन को गुडी पड़वा के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाते है। घर-घर में उत्साह का माहौल रहता है। कुछ साधकगण शक्ति पीठों में जाकर अपनी-अपनी सिद्धियों को बल देते हैं।शक्तियों को सिद्ध करते हैं।यह अनुष्ठान-हवन आदि का पर्व होता है।

कुछ भक्त वाक् शक्ति बढा़ने के लिए माँ शारदा की आराधना करते हैं तो कोई शत्रुओं से राहत पाने हेतु माँ बगलामुखी का जप-हवन आदि करते है। कोई कालका का उपासक है तो कोई नवदुर्गा का साधक है।