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View Full Version : क्या है जन लोकपाल बिल !


VIDROHI NAYAK
05-04-2011, 04:57 PM
कुछ अवगत नागरिकों द्वारा शुरू की गई एक पहल का नाम है जन लोकपाल बिल. इस कानून के अंतर्गत, केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोक्युक्त का गथन होगा. जस्टिस संतोष हेगड़े, प्रशांत भूषण और अरविन्द केजरीवाल द्वारा बनाया गया यह विधेयक लोगो के द्वारा वेबसाइट पर दी गयी प्रतिक्रिया और जनता के साथ विचार विमर्श के बाद तेयार किया गया है. यह संस्था निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट की तरह सरकार से स्वतंत्र होगी. कोई भी नेता या सरकारी आधिकारी जांच की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर पायेगा. इस बिल को शांति भूषण, जे. एम. लिंगदोह, किरण बेदी, अन्ना हजारे आदि का भारी समर्थन प्राप्त हुआ है.

VIDROHI NAYAK
05-04-2011, 04:57 PM
इस बिल की मांग है की भ्रष्टाचारियो के खिलाफ कोई भी मामले की जांच एक साल के भीतर पूरी की जाये. प्ररिक्षण एक साल के अन्दर पूरा होगा और दो साल के अन्दर अन्दर भ्रष्ट नेता व आधिकारियो को सजा सुनाई जायेगी . इसी के साथ ही भ्रष्टाचारियो का अपराध सिद्ध होते ही सरकर को हुए घाटे की वसूली की जाये. यह बिल एक आम नागरिक के लिए मददगार जरूर साबित होगा क्यूंकि यदि किसी नागरिक का काम तय समय में नहीं होता तो लोकपाल बिल दोषी अफसर पर जुरमाना लागायेगा और वह जुरमाना शिकायत करता को मुआवजे के रूप में मिलेगा. इसी के साथ अगर आपका राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट आदि तय समय के भीतर नहीं बनता है या पुलिस आपकी शिकायत दर्ज नहीं करती है तो आप इसकी शिकायत लोकपाल से कर सकते है. आप किसी भी तरह के भ्रस्टाचार की शिकायत लोकपाल से कर सकते है जैसे की सरकारी राशन में काली बाजारी, सड़क बनाने में गुणवत्ता की अनदेखी या पंचायत निधि का दुरूपयोग.

VIDROHI NAYAK
05-04-2011, 04:57 PM
लोकपाल के सदस्यों का चयन जजों, नागरिको और सेवाधनिक संस्थायो द्वारा किया जायेगा. इसमें कोई भी नेता की कोई भागे दारी नहीं होगी. इनकी नियुक्ति पारदर्शी तरीके से, जनता की भागीदारी से होगी.
सीवीसी, विजिलेंस विभाग, सिबिआई की भ्रस्टाचार निरोधक विभाग (ऐन्टी करप्शन डिपार्ट्मन्ट) का लोकपाल में विलय कर दिया जायेगा. लोकपाल को किसी जज, नेता या अफसर के खिलाफ जांच करने व मुकदमा चलाने के लिए पूर्ण शक्ति और व्यवस्था होगी.

VIDROHI NAYAK
05-04-2011, 04:58 PM
अंत में -
इस बिल के प्रति प्रधानमंत्री एवं सभी राज्यों के मुखामंत्रियो को १ दिसम्बर २०१० को भेजा गया था, जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है.

sagar -
05-04-2011, 06:42 PM
कुछ अवगत नागरिकों द्वारा शुरू की गई एक पहल का नाम है जन लोकपाल बिल. इस कानून के अंतर्गत, केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोक्युक्त का गथन होगा. जस्टिस संतोष हेगड़े, प्रशांत भूषण और अरविन्द केजरीवाल द्वारा बनाया गया यह विधेयक लोगो के द्वारा वेबसाइट पर दी गयी प्रतिक्रिया और जनता के साथ विचार विमर्श के बाद तेयार किया गया है. यह संस्था निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट की तरह सरकार से स्वतंत्र होगी. कोई भी नेता या सरकारी आधिकारी जांच की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर पायेगा. इस बिल को शांति भूषण, जे. एम. लिंगदोह, किरण बेदी, अन्ना हजारे आदि का भारी समर्थन प्राप्त हुआ है.
आज अन्ना हजारे इस लोकपाल बिल के लिए जंतर मंत्र पर अपने हजारों समथको के साथ आमरण अनसन पर बेठे हे ! और जनता से अपील की की वो भी इस आमरण अनशन में उनका साथ दे !

VIDROHI NAYAK
05-04-2011, 08:33 PM
अन्ना हजारे
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9978&stc=1&d=1302017464किसान बाबूराव हजारे (जन्म 15 जून, 1938), भारत के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हैं। अधिकांश लोग उन्हें अण्णा हजारे के नाम से ही जानते हैं। सन् १९९२ में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। सूचना के अधिकार के लिये कार्य करने वालों में वे प्रमुख थे। वे भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई करने के लिये भी प्रसिद्ध हैं।
परिचय
15 जून 1938 को महाराष्ट्र के अहमद नगर के भिंगर कस्बे में जन्मे अन्ना का बचपन बहुत गरीबी में गुजरा। पिता मजदूर थे। दादा फौज में। दादा की पोस्टिंग भिंगनगर में थी। वैसे अन्ना के पुरखों का गांव अहमद नगर जिले में ही स्थित रालेगन सिद्धि में था। दादा की मौत के सात साल बाद अन्ना का परिवार रालेगन आ गया। अन्ना के छह भाई हैं। परिवार में तंगी का आलम देखकर अन्ना की बुआ उन्हें मुम्बई ले गईं। वहां उन्होंने सातवीं तक पढ़ाई की। परिवार पर कष्टों का बोझ देखकर वह दादर स्टेशन के बाहर एक फूल बेचनेवाले की दुकान में 40 रुपये की पगार में काम करने लगे। इसके बाद उन्होंने फूलों की अपनी दुकान खोल ली और अपने दो भाइयों को भी रालेगन से बुला लिया।

छठे दशक के आसपास वह फौज में शामिल हो गए। उनकी पहली पोस्टिंग बतौर ड्राइवर पंजाब में हुई। यहीं पाकिस्तानी हमले में वह मौत को धता बता कर बचे थे। इसी दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से उन्होंने विवेकानंद की एक बुकलेट 'कॉल टु दि यूथ फॉर नेशन' खरीदी और उसको पढ़ने के बाद उन्होंने अपनी जिंदगी समाज को समर्पित कर दी। उन्होंने गांधी और विनोबा को भी पढ़ा। 1970 में उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प किया। मुम्बई पोस्टिंग के दौरान वह अपने गांव रालेगन आते-जाते रहे। चट्टान पर बैठकर गांव को सुधारने की बात सोचते रहते।
जम्मू पोस्टिंग के दौरान 15 साल फौज में पूरे होने पर 1975 में उन्होंने वीआरएस ले लिया और गांव में आकर डट गए। उन्होंने गांव की तस्वीर ही बदल दी। उन्होंने अपनी जमीन बच्चों के हॉस्टल के लिए दान कर दी। आज उनकी पेंशन का सारा पैसा गांव के विकास में खर्च होता है। वह गांव के मंदिर में रहते हैं और हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के लिए बनने वाला खाना ही खाते हैं। आज गांव का हर शख्स आत्मनिर्भर है। आस-पड़ोस के गांवों के लिए भी यहां से चारा, दूध आदि जाता है। गांव में एक तरह का रामराज है। गांव में तो उन्होंने रामराज स्थापित कर दिया है। अब वह अपने दल-बल के साथ देश में रामराज की स्थापना की मुहिम में निकले हैं : भ्रष्टाचार रहित भारत।
प्रमुख कार्य
अन्ना हजारे ने 1975 से सूखा प्रभावित रालेगांव सिद्धि में काम शुरू किया। वर्षा जल संग्रह, सौर ऊर्जा, बायो गैस का प्रयोग और पवन ऊर्जा के उपयोग से गांव को स्वावलंबी और समृद्ध बना दिया। यह गांव विश्व के अन्य समुदायों के लिए आदर्श बन गया है।

VIDROHI NAYAK
05-04-2011, 08:37 PM
3-4 दिनों में झुक जाएगी सरकारः अन्ना हजारे
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9979&stc=1&d=1302017816 देश में गहरी जड़ें जमा चुके भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जन लोकपाल बिल लाने की मांग करते हुए अन्ना हजारे ने मंगलवार को आमरण अनशन शुरू कर दिया। जंतर - मंतर पर सामाजिक कार्यकर्ता हजारे को सपोर्ट करने हजारों लोग जुटे। अन्ना को उम्मीद है कि 3-4 दिनों में सरकार बाज आएगी और लोगों की मांग मानेगी। उन्होंने कहा कि हम सरकार से बस यही मांग रहे हैं कि एक कमिटी बनाओ जिसमें आधे लोग आपके और आधे लोग पब्लिक के हों और यह जनलोकपाल बिल का ड्राफ्ट बनाने का काम शुरू करे।
हालांकि प्रधानमंत्री के मन में हजारे और उनके मिशन के लिए काफी सम्मान है। हजारे ने बताया , ' पीएम ने उनसे कहा है कि हम आप पर भरोसा करते हैं , आपका सम्मान करते हैं। ’ उन्होंने आगे कहा, ‘ लेकिन पिछले महीने की बैठक के बाद एक बार भी पीएम हमारे साथ बातचीत के लिए नहीं बैठे। पीएम ने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए प्रस्तावित कानून पर हमारी जॉइंट कमिटी की मांग को भी खारिज कर दिया। ’
अन्ना ने जंतर - मंतर पर उमड़े समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि देश को दुश्मनों से नहीं बल्कि गद्दारों से खतरा है। उन्होंने कहा , ' हमारा आंदोलन किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है। हमारी मांग है कि जॉइंट कमिटी बनाई जाए। ' उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में इस तरह हमने 7 कानून बनाए हैं तो फिर देश में क्यों नहीं ? अन्ना ने कहा , ' सरकार मेरे अनशन से नहीं डरती , उसे डर है तो बस यह कि पब्लिक भड़केगी तो उनकी सरकार गिर जाएगी। इसलिए मुझे लगता है कि सरकार 3-4 दिन में झुकेगी और उन्हें जन लोकपाल बिल की मांग मांगनी पड़ेगी। '
उन्होंने कहा कि सरकार अकेले ही बिल का मसौदा तैयार करती है तो यह निरंकुश है , यह लोकशाही नहीं है। अन्ना ने ऐलान किया कि जब तक बिल की मांग पूरी नहीं होती वह महाराष्ट्र नहीं जाएंगे। उन्होंने बताया कि देश भर में 500 शहरों में और महाराष्ट्र में 250 ब्लॉक में लोग आंदोलन के समर्थन पर अनशन पर बैठे हैं।
आमरण अनशन पर बैठने से पहले अन्ना हजारे सुबह राजघाट गए और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। फिर एक खुली जीप में इंडिया गेट की ओर रवाना हुए। इस दौरान स्कूली बच्चे और तिरंगा लहराते समर्थक उनके साथ थे। हजारे ने प्रधानमंत्री की अपील को ठुकराते हुए आमरण अनशन शुरू किया। पीएमओ ने सोमवार रात उनके फैसले पर निराशा जताई थी और बयान जारी कर कहा था कि इस बात पर गहरी निराशा प्रकट करते हैं कि हजारे अब भी अपनी भूख हड़ताल पर जाने के बारे में सोच रहे हैं।

VIDROHI NAYAK
05-04-2011, 08:45 PM
आज अन्ना हजारे इस लोकपाल बिल के लिए जंतर मंत्र पर अपने हजारों समथको के साथ आमरण अनसन पर बेठे हे ! और जनता से अपील की की वो भी इस आमरण अनशन में उनका साथ दे !
हमें इसका अंत पता है. ये अनशन ३-४ दिनो तक चलेगा. भगवान करे तब तक अन्ना जी स्वस्थ्य रहे. उसके बाद अनशन हमेशा की तरह ख़तम हो जाएगा और अन्ना जी और सरकार के तरफ से ये बाते आएगी की अन्ना जी और सरकार के बीच बातचीत हो चुकी है, जल्द ही सकारात्मक कदम उठाए जाएगे. वे कदम क्या होगे और कब उठेगे, किसी को नही पता. ऐसा ही होता रहा था , हो रहा है , और होएगा ! विकिलिक्स के खुलासक तो बहुत शर्मिन्दित होंगे !

sagar -
05-04-2011, 08:45 PM
अन्ना हजारे

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=9978&stc=1&d=1302017464किसान बाबूराव हजारे (जन्म 15 जून, 1938), भारत के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हैं। अधिकांश लोग उन्हें अण्णा हजारे के नाम से ही जानते हैं। सन् १९९२ में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। सूचना के अधिकार के लिये कार्य करने वालों में वे प्रमुख थे। वे भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई करने के लिये भी प्रसिद्ध हैं।
परिचय
15 जून 1938 को महाराष्ट्र के अहमद नगर के भिंगर कस्बे में जन्मे अन्ना का बचपन बहुत गरीबी में गुजरा। पिता मजदूर थे। दादा फौज में। दादा की पोस्टिंग भिंगनगर में थी। वैसे अन्ना के पुरखों का गांव अहमद नगर जिले में ही स्थित रालेगन सिद्धि में था। दादा की मौत के सात साल बाद अन्ना का परिवार रालेगन आ गया। अन्ना के छह भाई हैं। परिवार में तंगी का आलम देखकर अन्ना की बुआ उन्हें मुम्बई ले गईं। वहां उन्होंने सातवीं तक पढ़ाई की। परिवार पर कष्टों का बोझ देखकर वह दादर स्टेशन के बाहर एक फूल बेचनेवाले की दुकान में 40 रुपये की पगार में काम करने लगे। इसके बाद उन्होंने फूलों की अपनी दुकान खोल ली और अपने दो भाइयों को भी रालेगन से बुला लिया।

छठे दशक के आसपास वह फौज में शामिल हो गए। उनकी पहली पोस्टिंग बतौर ड्राइवर पंजाब में हुई। यहीं पाकिस्तानी हमले में वह मौत को धता बता कर बचे थे। इसी दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से उन्होंने विवेकानंद की एक बुकलेट 'कॉल टु दि यूथ फॉर नेशन' खरीदी और उसको पढ़ने के बाद उन्होंने अपनी जिंदगी समाज को समर्पित कर दी। उन्होंने गांधी और विनोबा को भी पढ़ा। 1970 में उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प किया। मुम्बई पोस्टिंग के दौरान वह अपने गांव रालेगन आते-जाते रहे। चट्टान पर बैठकर गांव को सुधारने की बात सोचते रहते।
जम्मू पोस्टिंग के दौरान 15 साल फौज में पूरे होने पर 1975 में उन्होंने वीआरएस ले लिया और गांव में आकर डट गए। उन्होंने गांव की तस्वीर ही बदल दी। उन्होंने अपनी जमीन बच्चों के हॉस्टल के लिए दान कर दी। आज उनकी पेंशन का सारा पैसा गांव के विकास में खर्च होता है। वह गांव के मंदिर में रहते हैं और हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के लिए बनने वाला खाना ही खाते हैं। आज गांव का हर शख्स आत्मनिर्भर है। आस-पड़ोस के गांवों के लिए भी यहां से चारा, दूध आदि जाता है। गांव में एक तरह का रामराज है। गांव में तो उन्होंने रामराज स्थापित कर दिया है। अब वह अपने दल-बल के साथ देश में रामराज की स्थापना की मुहिम में निकले हैं : भ्रष्टाचार रहित भारत।
प्रमुख कार्य
अन्ना हजारे ने 1975 से सूखा प्रभावित रालेगांव सिद्धि में काम शुरू किया। वर्षा जल संग्रह, सौर ऊर्जा, बायो गैस का प्रयोग और पवन ऊर्जा के उपयोग से गांव को स्वावलंबी और समृद्ध बना दिया। यह गांव विश्व के अन्य समुदायों के लिए आदर्श बन गया है।
अच्छी जानकारी दी हे अपने अन्ना हजारे जी के बारे में :banalema:आप बधाई के पात्र हो नायक भाई :banalema:

Ranveer
05-04-2011, 09:50 PM
नायक जी
मेरी राय में यहाँ सरकारी लोकपाल और जन लोकपाल में अंतर स्पष्ट करना आवश्यक है
ताकि इसे बेहतर तरीके से समझा जा सके और यह जाना जा सके की दोनों में से जन लोकपाल श्रेष्ठ क्यों है --
1. राज्यसभा के सभापति या स्पीकर से अनुमति:
सरकारी लोकपाल के पास भ्रष्टाचार के मामलों पर ख़ुद या आम लोगों की शिकायत पर सीधे कार्रवाई शुरु करने का अधिकार नहीं होगा. सांसदों से संबंधित मामलों में आम लोगों को अपनी शिकायतें राज्यसभा के सभापति या लोकसभा अध्यक्ष को भेजनी पड़ेंगी.
वहीं प्रस्तावित जनलोकपाल बिल के तहत लोकपाल ख़ुद किसी भी मामले की जांच शुरु करने का अधिकार रखता है. इसमें किसी से जांच के लिए अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं है.
सरकारी विधेयक में लोकपाल केवल परामर्श दे सकता है. वह जांच के बाद अधिकार प्राप्त संस्था के पास इस सिफ़ारिश को भेजेगा. जहां तक मंत्रीमंडल के सदस्यों का सवाल है इस पर प्रधानमंत्री फ़ैसला करेंगे. वहीं जनलोकपाल सशक्त संस्था होगी. उसके पास किसी भी सरकारी अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की क्षमता होगी.
सरकारी विधेयक में लोकपाल के पास पुलिस शक्ति नहीं होगी. जनलोकपाल न केवल प्राथमिकी दर्ज करा पाएगा बल्कि उसके पास पुलिस फ़ोर्स भी होगी.

2. अधिकार क्षेत्र सीमित:
अगर कोई शिकायत झूठी पाई जाती है तो सरकारी विधेयक में शिकायतकर्ता को जेल भी भेजा जा सकता है. लेकिन जनलोकपाल बिल में झूठी शिकायत करने वाले पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है. सरकारी विधेयक में लोकपाल का अधिकार क्षेत्र सांसद, मंत्री और प्रधानमंत्री तक सीमित रहेगा. जनलोकपाल के दायरे में प्रधानमत्री समेत नेता, अधिकारी, न्यायाधीश सभी आएँगे.
लोकपाल में तीन सदस्य होंगे जो सभी सेवानिवृत्त न्यायाधीश होंगे. जनलोकपाल में 10 सदस्य होंगे और इसका एक अध्यक्ष होगा. चार की क़ानूनी पृष्टभूमि होगी. बाक़ी का चयन किसी भी क्षेत्र से होगा.
3. चयनकर्ताओं में अंतर:
सरकार द्वारा प्रस्तावित लोकपाल को नियुक्त करने वाली समिति में उपराष्ट्रपति. प्रधानमंत्री, दोनो सदनों के नेता, दोनो सदनों के विपक्ष के नेता, क़ानून और गृह मंत्री होंगे. वहीं प्रस्तावित जनलोकपाल बिल में न्यायिक क्षेत्र के लोग, मुख्य चुनाव आयुक्त, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, भारतीय मूल के नोबेल और मैगासेसे पुरस्कार के विजेता चयन करेंगे.
लोकपाल की जांच पूरी होने के लिए छह महीने से लेकर एक साल का समय तय किया गया है. प्रस्तावित जनलोकपाल बिल के अनुसार एक साल में जांच पूरी होनी चाहिए और अदालती कार्यवाही भी उसके एक साल में पूरी होनी चाहिए.
सरकारी लोकपाल विधेयक में नौकरशाहों और जजों के ख़िलाफ़ जांच का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन जनलोकपाल के तहत नौकरशाहों और जजों के ख़िलाफ़ भी जांच करने का अधिकार शामिल है. भ्रष्ट अफ़सरों को लोकपाल बर्ख़ास्त कर सकेगा.

4. सज़ा और नुक़सान की भरपाई:
सरकारी लोकपाल विधेयक में दोषी को छह से सात महीने की सज़ा हो सकती है और धोटाले के धन को वापिस लेने का कोई प्रावधान नहीं है. वहीं जनलोकपाल बिल में कम से कम पांच साल और अधिकतम उम्र क़ैद की सज़ा हो सकती है. साथ ही धोटाले की भरपाई का भी प्रावधान है.
ऐसी स्थिति मे जिसमें लोकपाल भ्रष्ट पाया जाए, उसमें जनलोकपाल बिल में उसको पद से हटाने का प्रावधान भी है. इसी के साथ केंद्रीय सतर्कता आयुक्त, सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा सभी को जनलोकपाल का हिस्सा बनाने का प्रावधान भी है.

VIDROHI NAYAK
05-04-2011, 10:13 PM
क्या यह बात आश्चर्यचकित करती है कि अन्ना हजारे के अनशन के समर्थन में किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी व्यक्ति नहीं है. इस कोठरी मैं सब काले हैं.

Ranveer
05-04-2011, 10:27 PM
क्या यह बात आश्चर्यचकित करती है कि अन्ना हजारे के अनशन के समर्थन में किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी व्यक्ति नहीं है. इस कोठरी मैं सब काले हैं.

बिलकुल
शायद यही एक बड़ी वजह है की 40 वर्षों की पृष्ठभूमि वाले इस लोकपाल विधेयक की की इसे कितनी बार लोकसभा से गुजरना पड़ा लेकिन कभी सफलतापूर्वक पारित न हो सका
अब समय आ गया है की जनता इन लोगों का लोकतंत्र का असली मतलब समझाया जाए
मेरी राय में उन्हें व्यापक जन समर्थन मिलना चाहिए

VIDROHI NAYAK
05-04-2011, 10:34 PM
बिलकुल
शायद यही एक बड़ी वजह है की 40 वर्षों की पृष्ठभूमि वाले इस लोकपाल विधेयक की की इसे कितनी बार लोकसभा से गुजरना पड़ा लेकिन कभी सफलतापूर्वक पारित न हो सका
अब समय आ गया है की जनता इन लोगों का लोकतंत्र का असली मतलब समझाया जाए
मेरी राय में उन्हें व्यापक जन समर्थन मिलना चाहिए
बस ३-४ दिन का खेल है .....फिर से सब वही !

sagar -
06-04-2011, 06:20 AM
नयी दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी की जंग शुरू कर दी. वह जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल पर बैठ गये. उन्होंने कहा कि अनशन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार जन लोकपाल बिल को मंजूर नहीं कर लेती.

उनके आह्वान को देश के कोने-कोने से अपार जन समर्थन मिल रहा है. उनके साथ स्वामी अग्निवेश, किरण बेदी, संदीप पांडे, शरद यादव सहित जानेमाने लोग मौजूद थे.

sagar -
06-04-2011, 06:22 AM
संघर्ष का समय आ गया है : अन्ना हजारे ने कहा : मैं खुद को महाराष्ट्र तक ही सीमित रखे हुए था, लेकिन पिछले कुछ महीनों में जिस तरह से 2जी स्पेक्ट्रम, कॉमनवेल्थ और आदर्श जैसे घोटाले सामने आये, तब मुङो यह महसूस हुआ कि अब देश से भ्रष्टाचार मिटाने के लिए संघर्ष का समय आ गया है.

मेरी लड़ाई किसी व्यक्ति के खिलाफ़ नहीं, बल्कि व्यवस्था के खिलाफ़ है.अब यह अंतिम लड़ाई मैंने प्रधानमंत्री को कह दिया था अब आपका रास्ता अलग है और हमारा रास्ता अलग. जब यह तय हो गया कि अब आमरण-अनशन टल नहीं सकता, तो राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्यों और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का फ़ोन आया था. मैंने साफ़ कह दिया कि जब तक प्रधानमंत्री या सोनिया गांधी खुद इस मसले पर बात नहीं करेंगे, तब तक आंदोलन टलनेवाला नहीं है.

अपनी लड़ाई को आजादी का दूसरी लड़ाई बताते हुए कहा उन्होंने कहा कि अब यह अंतिम लड़ाई है. जिस तरह से देश भर से लोगों का सहयोग मिल रहा है, उसे देखते हुए केंद्र सरकार पांच-छह दिनों के आमरण-अनशन के बाद ही झुक जायेगी. अन्ना ने कहा कि सरकार किसी अन्ना से नहीं, बल्कि गिरने से डरती है.

sagar -
06-04-2011, 06:40 AM
सडको पर रात बिताई आज की रात अन्ना हजारे और उनके साथ सेकडो समथको ने अनशन करते हुए रात सडको पर ही चादर बिछा कर बिताई !
अपील दोस्तों में आप सबी दोस्तों से आग्रह करता हू की आप सभी अन्ना जी की इस मुहीम में उनका साथ दे और जन समर्थन बढाये !
ये हमारे हक की लड़ाई हे ये भ्रष्ट लोगो पर नकेल कसेगी और ऐसे भ्रस्टा चारियो को सबक सिखायेगा !लेकिन ये भ्रष्ट नेता इसकी राह में रोड़ा हे !इसलिए हमे अन्ना हजारे के साथ मिलकर खड़ा होना होगा ताकि सरकार को झुकना पड़े !और इसको जल्दी से जल्दी लागु करे !
कही देर ना हो जाये तो दोस्तों आप सब इस मुहीम में किसी भी रूप में जुड कर सहयोग करे ! अगर ऐसा नही हुआ तो ! ईस्वर ना करे आमरण अनशन के दोरान अगर अन्ना जी को कुछ हो गया तो हम एक यूग पुरुस को खो देगे ! जो अपने लिए नही देश के लिय हम सब के लिए लड़ाई लड रहा हे ! हम जितने जायदा उनके साथ खड़े होगे उतनी जल्दी सरकार झुकेगी !
धन्येवाद जागो दोस्तों जागो

Kumar Anil
06-04-2011, 10:34 AM
उधर हजारे , इधर हजारोँ
बैठ चुके हैँ अनशन पर
बज गया बिगुल अनोखा यारोँ
सत्ता के गलियारोँ मेँ ।।
ये देश हमारा , हम सबका
जागीर नहीँ लुटेरोँ की
जो लूट रहे हैँ मिलजुल कर
बिगड़े चाहे तक़दीर देश की ।।
उठो सपूतोँ अब हुआ सवेरा
कूच करो मैदानोँ मेँ
अलख जगी है प्यारे अब तो
टूट पड़ो मैदानोँ मेँ ।।

VIDROHI NAYAK
06-04-2011, 09:36 PM
आन्ना हजारे राष्ट कप में पहला विकेट गिरा ! पवार ने जीओअम से इस्तीफा दिया !:banalema::banalema::banalema::banalema:

sagar -
07-04-2011, 08:12 AM
अन्ना से डरी सरकार
अन्ना हजारे के आमरण अनशन पर बैठने से सरकार के हाथ-पांव इस कारण भी फूले हुए हैं क्योंकि भ्रष्टाचार इस समय देश में बहुत बड़ा मुद्दा बना हुआ है। लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। पिछले एक साल में जिस तरह 2-जी स्पेक्ट्रम, सेटेलाइट बैंड, आईपीएल, आदर्श सोसायटी घोटाला, नीरा राडिया प्रकरण वगैरा सामने आए हैं, उससे लोगों को विश्वास हो चला है कि हर परियोजना, योजना और विभाग में भ्रष्टाचार पूरी तरह पैठ बना चुका है और इसके चलते देश में हर वर्ग का विकास नहीं हो पा रहा है। सरकार इससे डरी हुई है कि अन्ना हजारे की यह धीमी-धीमी चाल कहीं भूचाल में न बदल जाए।

sagar -
07-04-2011, 08:22 AM
अन्ना के समर्थन में आया बालीवुड

हजारे के समर्थन में बॉलीवुड की कई जानीमानी हस्तियां उतर आई हैं। सोशल वेबसाइट ट्विटर पर हजारे के समर्थन में कई बड़ी हस्तियों ने लिखा है। बॉलीवुड में कॉरियोग्राफर फराह अली खान ने लिखा है कि हम अन्ना के साथ हैं, जन लोकपाल बिल के साथ हैं। अब समय आ गया है जब देश में संपूर्ण रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कानून बनाए जाएं और अगर 72 साल के अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ सकते हैं तो फिर हम क्यों नहीं! वहीं बॉलीवुड की एक और हस्ती प्रीतिश नंदी ने ट्विटर पर लिखा कि यह देखकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि अन्ना हजारे के समर्थन में आम लोग सड़कों पर उतर आए हैं। एक 72 साल का बुजुर्ग आमरण अनशन पर बैठा है ताकि हम लोगों को जगा सके। सुहेल सेठ ने ट्विटर पर लिखा है कि ये शर्म की बात है कि हमलोग राष्ट्रपति महात्मा गांधी के बारे में चर्चा करते हैं और एक सच्चे गांधीवादी को आमरण अनशन पर बैठना पड़ रहा है। सुहेल ने ट्विटर पर आगे लिखा कि अगर सरकार अन्ना हजारे की ओर नहीं केंद्रित होती है तो ये सरकार भ्रष्टाचार की, भ्रष्टाचार के लिए है। अनुपम खेर ने ट्विटर पर लिखा कि जब कोई भ्रष्टाचार से लड़ रहा है तो मैं उस इंसान के तरीकों को जज नहीं करता, मैं उनके इरादे और कार्यों की सराहना करता हूं। मैं अन्ना हजारे के साथ हूं,

sagar -
07-04-2011, 11:49 AM
अन्ना हजारे के एक समर्थक की तबियत खराब हुई आज लेकिन उसने होस्पिटल जाने से किया इंकार १७ १८ साल का नव यूवक हे और कहा हे में अन्ना के साथ ही रहुगा ! चाहे मेरी जान चली जाये !

sagar -
08-04-2011, 06:58 AM
http://www.dw-world.de/image/0,,6495521_1,00.jpg

अन्ना हजारे की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई इंटरनेट पर तेजी से फैल रही है. उन्हें युवाओं का बड़ा समर्थन मिल रहा है. सोशल नेटवर्किंग साइट्स फेसबुक, ट्विटर और ऑरकुट पर हजारे के समर्थन में लाखो लोग जुड़े !

sagar -
08-04-2011, 07:03 AM
फेसबुक पर कई लोगों ने हजारे की महात्मा गांधी से तुलना की. यहां तक कि उन्हें गांधी 2 का भी नाम दिया गया. एक यूजर ने लिखा, "अन्ना इस सदी के गांधी हैं, हम सब भारतीय आपको सलाम करते हैं और आपसे वादा करते हैं कि आपकी मेहनत भारत के लिए अच्छे फल लाएगी."

sagar -
08-04-2011, 07:09 AM
भ्रष्टाचार के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा. दबाव में सरकार ने गुरुवार को भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं के साथ दो दौर की वार्ता की, जो बेनतीजा रही. अन्ना ने कहा : मुङो संयुक्त समिति का अध्यक्ष पद नहीं चाहिए. मैं ताउम्र कहीं भी और किसी भी संस्था का सामान्य पदाधिकारी तक नहीं रहा. इसलिए सामान्य सदस्य के रूप में रह सकता हूं. इधर, जंतर-मंतर पर अन्ना के सत्याग्रह में शामिल होने भीड़ उमड़ने लगी है. 227 लोग उनके साथ अनशन पर बैठे हैं. अनशन स्थल पर तिरंगे के साथ विद्यार्थियों का तांता लगा है. देशभक्ति गीत गाये जा रहे हैं. लगातार दूसरे दिन इंडिया गेट तक लोगों ने मोमबत्ती लेकर जुलूस निकाला. अभिनेता रजा मुराद, फ़िल्म निर्देशक मधुर भंडारकर और शिव खेड़ा भी कुछ देर के लिए पहुंचे. हास्य कलाकार जसपाल भट्ठी ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ़ जागरूकता बढ़ाने के लिए भ्रष्टाचार के मंदिर का निर्माण करेंगे. देश के 450 शहरों में अन्ना के समर्थन में लोग आंदोलन पर उतर आये हैं. फिल्म जगत, साहित्यकार समेत देश भर के प्रबुद्ध लोगों ने भी अन्ना की मांगों का समर्थन किया है

sagar -
08-04-2011, 07:11 AM
अनशन का तीसरा दिन, अन्ना को देखने उमड़ रही भीड़
केंद्र सरकार द्वारा संवाद की पहल के बाद मंत्री कपिल सिब्बलने की सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश और अरविंद केजरीवाल से दो दौर की वार्ता हुई.

तीन मांगों पर सहमति बनी, तो दो मांगों पर गतिरोध कायम रही. शुक्रवार को फिर वार्ता होगी. स्वामी अग्निवेश ने कहा, हमें उम्मीद है कि शुक्रवार को सरकार हमारी मांगें मान लेगी.

हम समिति के लिए अधिसूचना चाहते हैं. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार आंदोलनकारियों के साथ खेल कर रही है.उसकी वास्तविक मंशा आंदोलन को कमजोर करने की है न कि भ्रष्टाचार दूर करने की.

sagar -
08-04-2011, 08:39 AM
बातचीत करने के लिए आन्ना ने कपिल सिब्बल से मिलने से किया इंकार वो अब सिर्फ सोनिया गाँधी जी से ही बात करना चाहते हे !

ishu
08-04-2011, 11:41 PM
अन्ना हजारे आप संघर्ष करो.... देश आपके साथ है/
:elephant:

sagar -
09-04-2011, 05:50 AM
अन्ना हजारे जीत गए हैं. जनता भी जीत गई है. सारी मांगें मान ली गई हैं. विजयी अन्ना ने शनिवार सुबह 10 बजे अपना अनशन खत्म करने का एलान कर दिया है.:banalema::banalema:

sagar -
09-04-2011, 05:51 AM
सरकार और अन्ना हजारे के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत लगभग विफल हो गई थी. लेकिन आखिरी पलों में हालात बदल गए. अब जंतर मंतर पर अन्ना हजारे और उनके सैकड़ों समर्थक खुशी की रात बिता रहे हैं.

sagar -
09-04-2011, 05:53 AM
भारत सरकार ने एक समिति बनाने का फैसला कर दिया है. इस समिति में सामाजिक कार्यकर्ता और केंद्रीय मंत्री दोनों शामिल होंगे. सरकार इस पर औपचारिक सूचना जारी करने को भी राजी हो गई है. हालांकि समिति बनाने को तो सरकार पहले भी राजी थी लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता चाहते थे कि इस समिति के लिए औपचारिक सूचना जारी की जाए. सरकार ने उनकी यह मांग मान ली.

sagar -
09-04-2011, 05:55 AM
बनेगा जन लोकपाल बिल
जन लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने के लिए बनाई गई इस समिति में आधे सदस्य मंत्रीमंडल से होंगे और बाकी आधे सामाजिक कार्यकर्ता होंगे. केंद्र सरकार ने अन्ना हजारे को समिति का सह अध्यक्ष बनाने की बात भी मान ली है. हालांकि यही एक बात है जहां हजारे समर्थकों को समझौता करना पड़ा है क्योंकि वह अध्यक्ष के रूप में सरकारी प्रतिनिधि नहीं चाहते थे. लेकिन उन्होंने कहा कि सह अध्यक्ष का फॉर्मूला मध्य मार्ग के तौर पर चुना गया है. सरकार ने कहा कि दूसरा अध्यक्ष कोई मंत्री नहीं होगा.
हजारे ने बताया, “मंत्रियों से पैनल में और मजबूती आएगी. इससे सरकार की जवाबदेही बढ़ेगी.”
अपने समर्थकों को जीत की खबर अन्ना हजारे ने कुछ इस तरह सुनाई, “आपको जानकर खुशी होगी कि सरकार मान गई है. यह जनता की बड़ी जीत हुई है.”

ndhebar
09-04-2011, 08:08 AM
बात शायद दो अध्यक्षों पर फाइनल हुई है
एक सरकारी पक्ष का एक जनता के पक्ष का
समिति में सदस्य भी दोनों तरफ से बराबर होंगे

VIDROHI NAYAK
09-04-2011, 07:32 PM
क्या होता अगर अन्ना की जगह बाबा रामदेव अपने निश्चित दिन १२ तारीख को अनशन पर बैठते? क्या ये सरकार के लिए कुछ ज्यादा घातक नहीं होता ?? अब इन्ही दिनों एक नया भूचाल कैसे??? सोचिये...सोचिये..!

sagar -
09-04-2011, 07:41 PM
क्या होता अगर अन्ना की जगह बाबा रामदेव अपने निश्चित दिन १२ तारीख को अनशन पर बैठते? क्या ये सरकार के लिए कुछ ज्यादा घातक नहीं होता ?? अब इन्ही दिनों एक नया भूचाल कैसे??? सोचिये...सोचिये..!
नायक भाई कुछ समझ में नही आया कब बैठने वाले थे बाबा राम देव कोन सी १२ तारीख क्या आने वाली या कोई और ..???:help:

VIDROHI NAYAK
09-04-2011, 08:28 PM
नायक भाई कुछ समझ में नही आया कब बैठने वाले थे बाबा राम देव कोन सी १२ तारीख क्या आने वाली या कोई और ..???:help:
हाँ इसी तारीख के संयोग बन रहे थे ! परन्तु इस भूचाल ने इसे सार्वजानिक ना होने दिया ! केन्द्र सरकार को इस मद में पहले ही ज्ञापन दिया जा चुका था ! केन्द्र सरकार अनुत्तरित थी कुछ प्रश्नों को लेकर , और उन्ही प्रश्नों के लिए उत्तरों की प्रतीक्षा थी ! बस इन्ही उत्तरों के लिए अनशन होना था , जो फिलहाल टल गया !मुझे ये अचानक हुआ विस्फोट समझ में नहीं आया ! बस आप दूसरे पहलु से सोचिये ...!

VIDROHI NAYAK
13-04-2011, 03:50 PM
अगर आप शोषक हैं तो सफल हैं !

अगर आप शोषक हैं तो सफल हैं ! अब देखिये ना देर रात को आने वाले प्रोग्राम ..' जीत ले, सेफ गोल्ड ' आदि शायद सभी ने देखा होगा ! हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की इसकी सारी प्रक्रिया फर्जी है ! एक तो आपकी काल लगभग 12 रु पति मिनट की दर से चलती है और वेटिंग पर रखकर काल एनवक्त पर डिस्कनेक्ट कर दी जाती है ! इसमें जवाब भी देने वाले लोगो की आवाज़ लगभग एक जैसी ही रहती है और ना जाने वो क्यों इतने आसान प्रश्नों का भी वो जवाब नहीं दे पाते ! हम सब जानते हैं , सब समझते हैं पर फिर भी अपने पडोसियो को बेवकूफ बनने देते हैं ! क्या इसके लिए सरकार कोई कठोर कदम नहीं उठा सकती ? आखिर कब तक भोले भाले लोग यूँ ही ठगे जाते रहेंगे ?

Nitikesh
13-04-2011, 04:27 PM
अगर आप शोषक हैं तो सफल हैं !

अगर आप शोषक हैं तो सफल हैं ! अब देखिये ना देर रात को आने वाले प्रोग्राम ..' जीत ले, सेफ गोल्ड ' आदि शायद सभी ने देखा होगा ! हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की इसकी सारी प्रक्रिया फर्जी है ! एक तो आपकी काल लगभग 12 रु पति मिनट की दर से चलती है और वेटिंग पर रखकर काल एनवक्त पर डिस्कनेक्ट कर दी जाती है ! इसमें जवाब भी देने वाले लोगो की आवाज़ लगभग एक जैसी ही रहती है और ना जाने वो क्यों इतने आसान प्रश्नों का भी वो जवाब नहीं दे पाते ! हम सब जानते हैं , सब समझते हैं पर फिर भी अपने पडोसियो को बेवकूफ बनने देते हैं ! क्या इसके लिए सरकार कोई कठोर कदम नहीं उठा सकती ? आखिर कब तक भोले भाले लोग यूँ ही ठगे जाते रहेंगे ?

मित्र ये सारे प्रोग्राम सिर्फ दर्शकों को लुटाने के लिए बनाये गए है/
जैसा की आपने कहा की ऐसे प्रोग्राम देर रात को आते है/
आपकी बात बिल्कुल सही है/इस प्रोग्राम में व्यक्ति अपने रुपयों के साथ नींद भी खराब करता है/
मैंने इस प्रोग्राम की प्रमाणिकता जाँच करने के लिए एक बार फोन लगाया था/
लेकिन ये सभी दर्शक को होल्ड पर रखते है और एक मिनट का १० से १२ रूपए चार्ज करते है/
यह प्रोग्राम इसीलिए भी फेक लगता है क्यूँ की


इसमें पूछे जाने वाले ९९% सवाल एकदम आसान होते है/लेकिन फिर भी दर्शक जबाब देने में गलती करते है/जिससे यह साबित होता है की ये सारे प्रोग्राम पहले से फिक्स होते है और दर्शक को आसान सवाल दिखाकर जम कर बेबकुफ़ बनाया जाता है/
यदि यह प्रोग्राम लाइव हो तो चेनल वाले लाइव लिखने से कभी पीछे नहीं हटेगें/लेकिन ऐसे प्रोग्राम में कहीं भी लाइव नहीं लिखा होता है/
इस प्रोग्राम में आपको पहले से प्रेरित किया जाता है की आप हमेशा लाइन में रहे/जिसका एक मात्र यही ध्येय होता है की कैसे दर्शकों की जेब ज्यादा से ज्यादा ढीली की जाये/

मेरे विचार से सरकार को ऐसे लुटारु प्रोग्राम पर प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए/

VIDROHI NAYAK
17-04-2011, 09:56 AM
ठन्डे पड़ गए जन प्रतिनिधि !!
अभी अभी लोकपाल की नियुक्तियो के लिए नया प्रस्ताव किया गया !
मंत्रियो को सस्पेंड करने का प्रस्ताव ठुकराया गया वहीँ
पीऍम और विपक्ष के नेता शामिल होंगे
साथ ही जज को हटाने का प्रस्ताव हटाया गया
कुल मिलकर नया ड्राफ्ट ,पहले से कमजोर हुआ !
(सब गोलमाल है भाई सब गोलमाल है )

sagar -
17-04-2011, 07:05 PM
ठन्डे पड़ गए जन प्रतिनिधि !!
अभी अभी लोकपाल की नियुक्तियो के लिए नया प्रस्ताव किया गया !
मंत्रियो को सस्पेंड करने का प्रस्ताव ठुकराया गया वहीँ
पीऍम और विपक्ष के नेता शामिल होंगे
साथ ही जज को हटाने का प्रस्ताव हटाया गया
कुल मिलकर नया ड्राफ्ट ,पहले से कमजोर हुआ !
(सब गोलमाल है भाई सब गोलमाल है )
अभी तो ये सुरुआत हे दोस्त आगे -२ देखो होता हे क्या !

VIDROHI NAYAK
17-04-2011, 09:00 PM
अभी तो ये सुरुआत हे दोस्त आगे -२ देखो होता हे क्या !
वैसे बहुत खतरनाक चलन की शुरुवात हो गई है , अब इन स्वघोषित दो दो अरब के ड्राफ्ट कमेटी के सदस्यों को अगर हटाना हो तो हटाएंगे कैसे?