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View Full Version : मिलावट


sagar -
07-04-2011, 12:03 PM
मिलावट का बाजार, सेहत पर अत्याचार

महँगाई की मार झेल रही आम जनता धोखेबाजों की भी शिकार हो रही है। मार्केट में हर तरफ फर्जीवाड़ा चल रहा है। अपनी जेब भरने के लिए मिलावटखोर जनता को लूटने पर आमादा हैं। हर चीज में मिलावट का गोरखधंधा इस समय जोरों पर है। असली की आड़ में मिलावटी सामान बेचकर लोगों को ठगा जा रहा है, साथ ही उनकी सेहत के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है।

sagar -
07-04-2011, 12:13 PM
अभी इसका ताजा उधारन हे दिल्ली, हरियाणा और यूपी के विभिन्न हिस्सों में दूषित कुट्टू का आटा खाने से तमाम लोगों की तबियत बिगड़ने लगी ! कुट्टू के खराब आटे ने जिस तरह कहर ढाया उससे यह भी पता चल रहा है कि अभी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। यह महज दुर्योग नहीं हो सकता कि इतने बड़े पैमाने पर कुट्टू का आटा बिका कि अकेले दिल्ली, अंबाला, रोहतक, मेरठ, मुजफ्फरनगर और बुलंदशहर में सात सौ से अधिक लोग बीमार हो गए। जब यह तथ्य सर्वज्ञात है कि पुराना पड़ने पर कुट्टू का आटा खराब हो जाता है और उसमें जहरीले तत्व आ जाते हैं तब फिर उसकी बिक्री और पैकेजिंग करने वालों ने सतर्कता क्यों नहीं बरती? कोई भी समझ सकता है कि उन्होंने ऐसा इसलिए नहीं किया, क्योंकि उन्हें इसकी परवाह ही नहीं रही होगी कि कुछ गड़बड़ होने पर कोई उन पर लांछन लगाएगा।
अपने देश का कानून इतना लचर हे की मिलावट करने वालो का कुछ नही होता !अगर कोई गलती से पकड़ा भी जाता हे तो वो तुरंत ही बाहर आ जाता हे और फिर से व्ही मिलावट का धंदा चालू कर देता हे !

sagar -
07-04-2011, 12:20 PM
आपका भोजन धीमे जहर में बदल रहा है। फलों से सब्जियों तक, दूध से लेकर कोल्ड ड्रिंक, घी, खाद्य तेल, आटा, दाल और मसालों से मिठाई तक जो भी आप खा रहे हैं, इसकी पूरी आशंका है कि उसमें जहर है। बाजार से आप जो भी खाद्य पदार्थ खरीदते हैं वे करीब-करीब सभी मिलावटी हैं। भोजन आपका दुश्मन बन गया है। रसीले आम अब आपका पसंदीदा फल नहीं रह गया है। इसे कैल्शियम कार्बाइड से पकाया जाता है। यह वही रसायन है जिसे पटाखों और सस्ते बम बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। कैल्शियम कार्बाइड में आर्सेनिक और फास्फोरस का अंश होता है। इनसे एसिटिलीन गैस निकलती है, जो फलों को तेजी से पकाती है। गैस के प्रभाव में आकर फल को विकसित करने वाले हार्र्मोस तेजी से सक्रिय हो जाते हैं। कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल खाद्य पदार्थो में नहीं किया जाना चाहिए और इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखा जाना चाहिए। इसकी सहायता से पकाया जाने वाला फल आकर्षक लगता है और उस पर रंग भी खूब निखरता है।

sagar -
07-04-2011, 12:23 PM
आपके परिवार में पीढि़यों से सोने से पहले एक गिलास दूध पीने की परंपरा चल रही होगी। आप हमेशा सोचते होंगे कि इससे आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं, किंतु अनेक वर्र्षो से सुनने में आ रहा है कि दूध में सिंथेटिक तत्वों की मिलावट हो रही है, जिनमें यूरिया, डिटरजेंट और खाद्य तेल शामिल हैं। आप बाजार से जो सब्जियां खाते हैं उनमें से अधिकांश में कीटनाशकों की भारी मात्रा होती है। ताजा और आकर्षक दिखाने के लिए बहुत सी सब्जियों को रसायनों के घोल में रखा जाता है। आंखों को भाए, इसके लिए इन्हें बनावटी रंगों से रंगा भी जाता है। हालिया वर्षो में इस तरह की खबरें बराबर आ रही हैं कि सब्जियों का आकार बढ़ाने के लिए उनमें आक्सीटोसिन हार्मोस के इंजेक्शन भी लगाए जा रहे हैं।

sagar -
07-04-2011, 12:27 PM
आइए एक नजर डाले किस वस्तु में मिलावट से क्या नुकसान हो रहे हैं !

sagar -
07-04-2011, 12:29 PM
हल्दी में मक्के का पाउडर, पीला रंग और चावल की कनकी मिलाई जा रही है। यह मिलावट लीवर पर कहर बरपा रही है।

मिर्च में लाल रंग, फटकी, चावल की भूसी मिलाई जा रही है जिसके कारण लीवर सिकुड़ने की शिकायत पाई जा रही है।

धनिये में हरा रंग, धनिए की सींक मिलाने से लीवर पर सूजन होती है जो सेहत की दृष्टि से खतरनाक है।

अमचूर में अरारोठ, कैंथ, चावल की कनकी मिलाई जा रही है जिससे पेट संबंधी कई रोग पनप रहे हैं।

गरम मसाला में मुख्य रूप से लौंग की लकड़ी, दालचीनी, काली मिर्च जैसे पदार्थ मिलाए जा रहे हैं जिनसे अल्सर का खतरा बढ़ रहा है।

sagar -
07-04-2011, 12:33 PM
जीरा में सोया के बीज बहुतायत में मिलाए जा रहे हैं, जो पेट संबंधी रोगों में वृद्धि के कारण है।

किशमिश में हरा कलर, गंधक का धुआँ जैसी गैर सेहतमंद चीजें मिलाई जा रही है जिनका किडनी पर सीधा असर पड़ रहा है।

लौकी, करेला कद्दू और बहुत से फलों और सब्जियों में बड़ी संख्या में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाए जा रहे है जिनका असर शारीरिक विकास पर पड़ रहा है।

sagar -
07-04-2011, 12:34 PM
फलों में चमक के लिए मोम की पॉलिश, पकाने के लिए जिस घोल का इस्तेमाल हो रहा है उससे किडनी को नुकसान पहुँच रहा है।

सरसों तेल में राइस ब्रान ऑइल की मिलावट फेफड़ों और शरीर में सूजन का कारण बन रही है।

शुद्ध घी में बटर ऑइल, वनस्पति और रिफाइंड के मिश्रण से हार्टअटैक की संभावना बढ़ रही है।

ndhebar
07-04-2011, 02:39 PM
इनसे बचने के तरीके पर प्रकाश डालो सागर भाई

Hamsafar+
07-04-2011, 02:46 PM
Great Information .......... Thanks for sharing

sagar -
07-04-2011, 05:39 PM
इनसे बचने के तरीके पर प्रकाश डालो सागर भाई

great information .......... Thanks for sharing


धन्येवाद दोस्तों
जी निशांत भाई में अब इनसे बचने के तरीको पर ही प्रकाश डालूगा
अब इनसे बचने के तरीको पार आते हे मिलावट को केसे पहचाने इसके दो तरीके हे एक तो इनका लेब में टेस्ट करा कर और दूसरा हे अपने घर में जांच करके देखने का इसमें लेब टेस्ट तो सभी नही करा सकते इसलिये में आपको घर में मिलावटी वस्तुओ से केसे बचे ये बतायेगे !

sagar -
07-04-2011, 05:44 PM
दूधः पानी मिले दूध का आसानी से पता दूध में उंगली डुबाकर बाहर निकालने से लग जाता है। पक्के फर्ष पर दूध की १-२ बूंदें गिराकर देखें, इससे भी दूध में पानी की मिलावट का अनुमान हो जाता है। सिंथेटिक या नकली दूध की जांच सक्षम प्रयोगषाला में की जा सकती है। वैसे ऐसे दूध को गर्म करने के बाद उसमें कुछ पीलापन दिखाई देने लगता है।

sagar -
07-04-2011, 05:48 PM
नकली मावा यानी खोया आए दिन पकडा जा रहा है। नकली या सिंथेटिक मावा अपेक्षाकश्त अधिक सफेद होता है। हाथ में लेकर उंगलियों और अंगूठे से मसलने पर यह पूरी तरह बिखर जाता है जबकि असली मावा बहुत कम बिखरता है और कुछ रुई की बली जैसा हो जाता है।

sagar -
07-04-2011, 05:51 PM
काली मिर्चः पपीते के सूखे बीजों की काली मिर्च में खूब मिलावट की जाती है। एक कांच के गिलास में पानी लेकर उसमें खरीदी हुई काली मिर्च डालें। गिलास में पपीते के बीज पानी के ऊपर तैरने लगेंगे और काली मिर्च नीचे तल में बैठ जाएगी।

saajid
07-04-2011, 05:51 PM
बहुत ही ज्वलन्त मुददा उठाया है भई
सही है

sagar -
07-04-2011, 05:53 PM
देषी घीः वनस्पति घी की मिलावट देषी घी में खूब की जाती है। साथ ही पषु चर्बी की मिलावट और सिंथेटिक दूध से बने घी के मामले भी कई बार सामने आ रहे ह। इसमें मिलावट की जांच के लिए सुनारों द्वारा उपयोग किये जाने वाले हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (नमक का तेजाब) का उपयोग किया जाता है। कांच के बरतन में थोडा सा घी लेकर उसमें हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की ३-४ बूंदें और चीनी के कुछ दाने डालें और इसे गर्म करें। बरतन का द्रव हल्के लाल रंग का दिखाई दे तो जान लीजिए कि देषी घी मिलावटी है।

sagar -
07-04-2011, 05:59 PM
मिठाइयों में मिलावट से बचने के लिए ग्राहक को कुछ जागरूक होना आवश्यक है। मिठाई आदि खरीदने से पहले वह मिलावट से बचने के लिए वस्तु को पूरी तरह जांच परख लें। मिलावटी या नकली मिठाई का स्वाद व रंग सामान्य से विभिन्न और कुछ खराब होता है। वहीं अपने परिचित या प्रतिष्ठित दुकान से मिठाई आदि खरीदने पर नकली या मिलावटी माल मिलने की संभावना कम रहती है। क्योंकि इस तरह के दुकानदार अपनी प्रतिष्ठा से नहीं खेल सकते। मिलावट करने पर अपने प्रतिष्ठा व ग्राहक से संबंध खराब होने के डर से ऐसे दुकानदारों द्वारा मिलावट की संभावना कम रहती है।

sagar -
07-04-2011, 06:04 PM
कोशिश यही करें कि गरम मसाला और हल्दी, मिर्च, धनिया आदि जैसे अन्य मसाले साबुत ही खरीदें। इन्हें आवष्यकतानुसार धो-सुखाकर घर पर ही कूट-पीसकर तैयार करें। इस तरह तैयार किये गये मसाले शुद्ध, ताजा और स्वास्थ्यप्रद होंगे। इस काम में अधिक मेहनत और समय भी जरूरत नहीं, बस जरा आदत बदलने की जरूरत है। अपने स्वास्थ्य की खातिर आज इस बात की अधिक जरूरत है कि मिलावट के प्रति जागरूक रहकर मिलावट से यथासम्भव बचा जाए। वस्तुओं की पैकिंग पर उसके पैक करने और उपयोग की अवधि के बारे में दी गयी जानकारी पढने का भी ध्यान रखना चाहिए। खुले मसाले बेचने पर रोक के बावजूद ये धडल्ले से बिकते हैं। आप इन्हें न खरीदें। खाद्य सामग्री खरीदते समय उस पर एगमार्क, एफपीओ, आईएसआई, शाकाहार आदि के मोनोग्राम अवश्य देखें। विभिन्न वस्तुओं के विज्ञापनों में किये गये दावों-वायदों से भ्रमित न हो ।

sagar -
07-04-2011, 06:12 PM
हींग शुध्द हींग को लौ पर जलाने से लौ चमकीली हो जाती है। हींग को साफ पानी में धोने पर यदि हींग का रंग सफेद या दूधिया हो जाये तो हींग शुध्द होती है।

sagar -
07-04-2011, 06:15 PM
नमक :नमक की कुछ मात्रा लेकर काँच के साफ गिलास में पानी लेकर घोल लें तथा कुछ समय के लिए उसे स्थिर रहने दें, इसके बाद यदि गिलास की तली में रेत या मिट्टी बैठ जाए तो समझ लेना चाहिए कि नमक में मिलावट है।

sagar -
07-04-2011, 06:17 PM
चाय-पत्ती रंग चाय पत्ती की शुध्दता की जांच के लिए चीनी-मिट्टी के किसी बरतन या शीशे के प्लेट पर नींबू का रस डालकर उस पर चाय पत्ती का थोड़ा सा बुरादा डाल दें। यदि नींबू के रस का रंग नारंगी या दूसरे रंग का हो जाता है, तो इसमें मिलावट है। यदि चाय पत्ति असली है, तो हरा मिश्रित पीला रंग दिखाई देगा।

sagar -
07-04-2011, 06:19 PM
शहद : चीनी और पानी रूई के फाहे को शहद में भिगोकर उसे माचिस की तीली से जलाएं। यदि शहद में चीनी और पानी का मिश्रण है, तो रूई का फाहा नहीं जलेगा और यदि शहद शुध्द है, तो चटक की आवाज के साथ जल उठेगा।

sagar -
07-04-2011, 06:22 PM
केसर असली और नकली केसर की पहचान आसानी से की जा सकती है। मकई के टुकड़े को सुखाकर, इसमें चीनी मिलाकर कोलतार डाई से बनाया जाने वाला नकली केसर पानी में डालने के बाद रंग छोड़ने लगता है। असली केसर को पानी में घंटों रख देने पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता।

sagar -
07-04-2011, 06:26 PM
सरसों : आर्जीमोन ,सरसों के बीज चिकने होते हैं। आर्जीमोन के बीज की सतह खुरदरी होती है तथा ये काले रंग के होते हैं। इसलिए इस तरह का फर्क करके आसानी से दोनों बीजों को अलग-अलग किया जा सकता है।

sagar -
07-04-2011, 06:30 PM
आटा फीका स्वाद अगर आटा गूंधने में अधिक पानी लगता है, इससे बनी हुई रोटियां अच्छी तरह फूलती हैं और इनका स्वाद मिठास लिए होता है, तो आटा शुध्द है। इसके विपरीत मिलावटी आटे की रोटियों का स्वाद फीका होता है।

sagar -
07-04-2011, 06:32 PM
चावल: चावल में मिलावट की जांच करने के लिए दोनों हाथों से चावल की कुछ मात्रा को रगड़ें। यदि इसमें पीला रंग होगा, तो हाथों में लग जाएगा। चावल को पानी में भिगोएं और उसमें सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की कुछ बूंदें डालें। पानी का रंग बैंगनी हो जाए, तो उसमें पीला रंग मिला हुआ है।

sagar -
07-04-2011, 06:34 PM
चांदी के वर्क एल्युमिनियम चांदी के वर्क में एल्युमिनियम की मिलावट की आसानी से जांच की जा सकती है। क्योंकि चांदी के वर्क को जलाने से वह उतने ही भार की छोटी-सी गेंद के रूप में परिणत हो जाती है, जबकि मिलावट वाली चांदी को जलाने के बाद गहरे ग्रे रंग का अवशेष बच जाता है।

sagar -
07-04-2011, 06:36 PM
मिर्च पाउडर
ईंट या बालू का चूर्ण,
एक चम्मच मिर्च पाउडर को पानी भरे ग्लास में डालें। पानी रंगीन हो जाता है, तो मिर्च पाउडर मिलावटी है। उसमें ईंट या बालू का चूर्ण होगा, तो वह पेंदी में बैठ जाएगा। अगर सफेद रंग का झाग दिखे, तो उसमें सेलखड़ी की मिलावट है।

bhoomi ji
07-04-2011, 07:11 PM
अति उतम जानकारी दी है सागर जी
हम सभी को इन्हें फोलो करना चाहिए

sagar -
07-04-2011, 07:14 PM
धन्येवाद भूमि जी

Bond007
07-04-2011, 10:03 PM
चांदी के वर्क एल्युमिनियम चांदी के वर्क में एल्युमिनियम की मिलावट की आसानी से जांच की जा सकती है। क्योंकि चांदी के वर्क को जलाने से वह उतने ही भार की छोटी-सी गेंद के रूप में परिणत हो जाती है, जबकि मिलावट वाली चांदी को जलाने के बाद गहरे ग्रे रंग का अवशेष बच जाता है।

पहले ये तो बताओ की चांदी की वर्क वास्तव में खानी चाहिए या नहीं??? :think:

sagar -
08-04-2011, 05:48 AM
पहले ये तो बताओ की चांदी की वर्क वास्तव में खानी चाहिए या नहीं??? :think:
चांदी का वर्क मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।

लखनऊ स्थित इंडियन इंस्ट्टियूट आफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च (आईआईटीआर) के एक अध्ययन के मुताबिक बाजार में उपलब्ध चांदी के वर्क में निकल, लेड, क्रोमियम और कैडमियम पाया जाता है। वर्क के जरिए हमारे पेट में पहुंचकर ये कैंसर का कारण बन सकते हैं। 2005 में हुआ यह अध्ययन आज भी प्रासंगिक है क्योंकि वर्क बनाने की प्रक्रिया जस की तस है।

शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. राजेश कश्यप के अनुसार धातु चाहे किसी भी रूप में हो, सेहत के लिए काफी नुकसानदेह होती है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान लीवर, किडनी और गले को होता है। आईटीसी की मेटल एनालिसिस लेबोरेटरी के एन. गाजी अंसारी के अनुसार चांदी हजम नहीं होती। इससे पाचन प्रक्रिया पर प्रतिकूल असर तो पड़ता ही है, नर्वस सिस्टम भी प्रभावित हो सकता है।

sagar -
08-04-2011, 05:51 AM
शाकाहारी नही हे चांदी का वर्क !

चांदी के पतले-पतले टुकड़ों को पशुओं की आंत में लपेट कर एक के ऊपर एक (परत दर परत) रखा जाता है कि एक खोल बन जाए। फिर इस खोल को लकड़ी से धीरे-धीरे तब तक पीटा जाता है जब तक चांदी के पतले टुकड़े फैलकर महीन वर्क में न बदल जाएं। पशुओं की ताजा आंत मजबूत और मुलायम होने से जल्दी नहीं फटती है। इसी वजह से इसका उपयोग किया जाता है

sagar -
08-04-2011, 05:57 AM
http://1.bp.blogspot.com/_93ux-1hOFUw/S8kMRdt8-FI/AAAAAAAAAKA/r6CGtRoC65k/s320/untitled.bmp

लोगो की भावनाओ के साथ खिलवाड किया जा रहा हे ! भोली भाली जनता को ये पता ही नही ये ये चांदी वर्क शाकाहरी नही मासाहारी हे अधिक तर इसका उपयोग व्रत के दोरान भी कर लेते हे !

Bond007
08-04-2011, 11:00 PM
शाकाहारी नही हे चांदी का वर्क !

चांदी के पतले-पतले टुकड़ों को पशुओं की आंत में लपेट कर एक के ऊपर एक (परत दर परत) रखा जाता है कि एक खोल बन जाए। फिर इस खोल को लकड़ी से धीरे-धीरे तब तक पीटा जाता है जब तक चांदी के पतले टुकड़े फैलकर महीन वर्क में न बदल जाएं। पशुओं की ताजा आंत मजबूत और मुलायम होने से जल्दी नहीं फटती है। इसी वजह से इसका उपयोग किया जाता है

और इसके बनाने में प्रयुक्त होने वाली आंत उस जानवर की होती हैं जो हिन्दू धर्म में पूजनीय है|

जरा सोचो, इस वर्क के साथ-साथ कितना ही मांस शरीर के अन्दर चला जाता है| :suicide:

sagar -
09-04-2011, 06:13 AM
और इसके बनाने में प्रयुक्त होने वाली आंत उस जानवर की होती हैं जो हिन्दू धर्म में पूजनीय है|

जरा सोचो, इस वर्क के साथ-साथ कितना ही मांस शरीर के अन्दर चला जाता है| :suicide:

आज के दोर में आदमी अपने लालच में इतना अंधा हो गया हे जो चंद रूपये कमाने के चक्कर में लोगो के स्वस्थ्य के साथ और भवनाओ के साथ खेल रहा हे ! http://cdn.content.sweetim.com/sim/cpie/emoticons/000203F6.gif (http://www.sweetim.com/s.asp?im=gen&lpver=3&ref=10&p={730B4724-718C-4EBE-9259-B7C033464F40})

Nitikesh
09-04-2011, 08:09 AM
मिलावट ने तो सेहत और पैसे दोनों में सेंध लगायी है/
शायद इसके पीछे हमारी किसी भी वस्तु को सस्ते में पाने की इक्क्षा भी कारण हो सकती है/
और व्यपारी वर्ग का कम लागत में ज्यादा धन कमाने की इक्क्षा/
और सरकार की भ्रष्टाचारी सोच ये सभी मिलकर बेरा गर्क किया हुआ है/

khalid
16-04-2011, 06:31 AM
और इसके बनाने में प्रयुक्त होने वाली आंत उस जानवर की होती हैं जो हिन्दू धर्म में पूजनीय है|

जरा सोचो, इस वर्क के साथ-साथ कितना ही मांस शरीर के अन्दर चला जाता है| :suicide:


फिर तो बहुत गंदी बात हैँ इस मेँ पाबंदी लगा देना चाहिए

dev b
20-04-2011, 11:32 AM
वाकई १ अच्छा सूत्र है मित्र ..............बधाई

ABHAY
21-04-2011, 12:23 AM
घोर कलयूग महान मिलबट केन्द्र है बिहार

sagar -
26-04-2011, 08:29 AM
बाजार से खरीदी जाने वाली वस्तुओं के मिलावट का खतरा रहता है। इसे लेने से न केवल अपके पैसे की बर्बादी है बल्कि यह आपकी सेहत के लिए भी नुकसानदेह होता है। यानी यह उपभोक्ताओं के लिए धीमा जहर की तरह काम करता है। यदि हम चाहें कि नकली या मिलावटी माल हमारे जीवन में जहर न घोलें तो, इसके लिए हमें बस जागरूक रहने की जरूरत है। इसके लिए घरेलू सामानों की जांच परख कर खरीदारी करें जिससे आप मिलावट से बच सकें।

sagar -
26-04-2011, 08:31 AM
क्या हैं कानूनी प्रावधान
खाद्य वस्तुओं की जांच का जिम्मा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रिवेंशन ऑफ फूड अडल्ट्रेशन (पीएफए) विभाग पर है। यदि किसी सामान पर मिलावट साबित हो जाता है तो खाद्य वस्तुओं में मिलावट करने वालों के खिलाफ पीएफए अधिनियम 1954 के तहत एफडीए (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) में कार्रवाई की जाती है। दोषी होने पर सजा कैद या पांच लाख रुपए जुर्माना हो सकता है। किसी खाद्य वस्तु से उपभोक्ता को नुकसान पहुंचने या मृत्यु होने पर उस कंपनी को मृतक के परिवार को मुआवजे की राशि भी देनी होगी।

sagar -
26-04-2011, 08:33 AM
http://humsamvet.org.in/26Oct2009/images/9.jpg

दूध को जांचने के लिए चिकनी सतह पर दूध की बूंदे डालकर उड़ने दें। असली दूध बहुत धीरे उड़ेगा और अपने पीछे सफेद लाइन छोड़ देगा। जबकि मिलावटी दूध झट से गायब हो बस एक धब्बा छोड़ देगा।

sagar -
26-04-2011, 08:36 AM
http://1.bp.blogspot.com/_YAqjmbtXvAQ/TPiU_KonaPI/AAAAAAAAFvQ/cZJdmvk0y2g/s1600/spice-Turmeric-Powder.jpg

पानी में हल्दी को डालें तो हल्दी घुल जाएगी, जबकि उसमें मिली पीली मिट्टी या अन्य चीजें नीचें बैठ जाएंगे।

sagar -
26-04-2011, 08:42 AM
http://www.humindian.com/images/stories/Asafoetida_Hing.jpg

अगर हींग को जलाकर देखें तो शुद्व हींग जलाने पर तेजी से जलेगी जबकि मिलावटी हींग झुलसेगी।

sagar -
26-04-2011, 08:45 AM
http://3.bp.blogspot.com/_dVKuKh4aOKo/S7baW88nCrI/AAAAAAAAAGk/_NXDEUf6-c4/s1600/SAMBARPOWDER.jpg

लाल मिर्च को पानी में डालने पर मिर्च तैरने लगेगी और उसमें मिलावटी पदार्थ नीचे बैठ जाएंगा।

sagar -
26-04-2011, 08:47 AM
http://www.patrika.com/articles/9832.jpg

जीरे को अपनी हथेली पर घिस कर देखें। अगर हथेली का रंग काला हो जाएं तो जीरे में मिलावट है।

yogi
05-05-2011, 03:30 PM
क्या हैं कानूनी प्रावधान
खाद्य वस्तुओं की जांच का जिम्मा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रिवेंशन ऑफ फूड अडल्ट्रेशन (पीएफए) विभाग पर है। यदि किसी सामान पर मिलावट साबित हो जाता है तो खाद्य वस्तुओं में मिलावट करने वालों के खिलाफ पीएफए अधिनियम 1954 के तहत एफडीए (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) में कार्रवाई की जाती है। दोषी होने पर सजा कैद या पांच लाख रुपए जुर्माना हो सकता है। किसी खाद्य वस्तु से उपभोक्ता को नुकसान पहुंचने या मृत्यु होने पर उस कंपनी को मृतक के परिवार को मुआवजे की राशि भी देनी होगी।
सरकारी अधिकारी हर उस विक्रेता से महीना लेते हैं जो उनके अन्तर्गत आने वाली वस्तु बेचते हैं।
जो महीना नहीं देते उनको ही तंग किया जाता है चाहे वह विक्रेता शुद्ध सामग्री ही बेच रहा हो।
जिन विक्रेताओं से नमूने लिए जाते हैं वे अधिकारियों से सम्पर्क करते हैं और अधिकारी दस हजार से पचास हज़ार रुपए लेकर वो नमूने पास करवा देते हैं। जो पैसे नहीं देते उनके नमूने फ़ेल कर दिए जाते हैं चाहे सामग्री कितनी भी शुद्ध हो।
अगर दबाव के कारण किसी महीना देने वाले का नमूना लिया भी जता है तो वो किसी बड़ी कम्पनी के उत्पाद का लिया जाता है और उसको भी पास करवाने के पैसे लगते हैं।

yogi
05-05-2011, 03:31 PM
http://1.bp.blogspot.com/_yaqjmbtxvaq/tpiu_konapi/aaaaaaaafvq/czjdmvk0y2g/s1600/spice-turmeric-powder.jpg

पानी में हल्दी को डालें तो हल्दी घुल जाएगी, जबकि उसमें मिली पीली मिट्टी या अन्य चीजें नीचें बैठ जाएंगे।

हल्दी में बारीक पिसा चावल का आटा मिलाया जाता है।

yogi
05-05-2011, 03:33 PM
http://1.bp.blogspot.com/_yaqjmbtxvaq/tpiu_konapi/aaaaaaaafvq/czjdmvk0y2g/s1600/spice-turmeric-powder.jpg

पानी में हल्दी को डालें तो हल्दी घुल जाएगी, जबकि उसमें मिली पीली मिट्टी या अन्य चीजें नीचें बैठ जाएंगे।
हल्दी में चावल का आटा मिलाया जाता है।

yogi
05-05-2011, 03:34 PM
http://3.bp.blogspot.com/_dvkukh4aoko/s7baw88ncri/aaaaaaaaagk/_nxdeuf6-c4/s1600/sambarpowder.jpg

लाल मिर्च को पानी में डालने पर मिर्च तैरने लगेगी और उसमें मिलावटी पदार्थ नीचे बैठ जाएंगा।

मिर्च में रंग किया हुआ गेहूं का चोकर और रंग मिलाए जाते हैं।

sagar -
07-05-2011, 07:09 AM
मिर्च में रंग किया हुआ गेहूं का चोकर और रंग मिलाए जाते हैं।
योगी जी और भी कोई जानकारी हे आपके पास हे तो हमे जरूर शेयर करे !:bravo:

yogi
09-05-2011, 07:05 AM
हल्दी में मक्के का पाउडर, पीला रंग और चावल की कनकी मिलाई जा रही है। यह मिलावट लीवर पर कहर बरपा रही है।

मिर्च में लाल रंग, फटकी, चावल की भूसी मिलाई जा रही है जिसके कारण लीवर सिकुड़ने की शिकायत पाई जा रही है।

धनिये में हरा रंग, धनिए की सींक मिलाने से लीवर पर सूजन होती है जो सेहत की दृष्टि से खतरनाक है।

अमचूर में अरारोठ, कैंथ, चावल की कनकी मिलाई जा रही है जिससे पेट संबंधी कई रोग पनप रहे हैं।

गरम मसाला में मुख्य रूप से लौंग की लकड़ी, दालचीनी, काली मिर्च जैसे पदार्थ मिलाए जा रहे हैं जिनसे अल्सर का खतरा बढ़ रहा है।

दोस्त
दालचीनी और काली मिर्च गर्म मसाले के मुख अवयव हैं।
लौन्ग की डण्डी मिलावट है पर इसका कोई नुकसान नहीं है। इसमें भी लौंग के कुछ गुण होते हैं।

yogi
09-05-2011, 07:10 AM
नकली अमचूर चावल की भूसी(ब्रान) आम की गुठली और साइट्रिक एसिड को मिला कर बनाया जाता है।

dipu
09-05-2011, 10:46 AM
बढियन जानकारी ..........................

sagar -
30-09-2011, 06:51 AM
पहले फलों और सब्जियों को पानी में डुबोएं और अच्छी तरह रगड़-रगड़ कर धोएं और तब उन्हें छीलें। (इन्हें पानी में डुबोने और रगड़ने से इनकी सतह पर मौजूद कीटनाशक और प्रिजर्वेटिव हट जाते हैं।) सब्जी बेचने वाले बैंगन और सेब पर इंजन आयल रगड़ देते हैं जिससे उन पर चमक आ जाती है इसलिए उन्हें पानी में धोएं और अच्छी तरह रगड़ें। ऐसे फल और सब्जियां न खरीदें जिनमें कृत्रिम रंग हो, उनपर कोई परत चढ़ाई गई हो या मोम लगाया गया हो।

sagar -
30-09-2011, 06:54 AM
पानीपत .नवरात्र में व्रत रखने वालों पर कुट्टू का आटा भारी पड़ रहा है। खराब आटे की वजह से गुरुवार को 30 लोग बीमार हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


क्या होती है परेशानी : कु़ट्टू के आटे को खाने के बाद उल्टी के साथ चक्कर आने लगते हैं। बेहोशी भी आ जाती है। शरीर ढीला पड़ने लगता है। चिकित्सकों के अनुसार ज्यादा दिनों तक रखे कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने से लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार होते हैं।

क्या है कु़ट्टू : कु़ट्टू एक प्रकार का पौधा है, जिसकी बहुत सी नस्लें हैं। अधिकतर नस्लें जंगली हैं। कुट्टू पौधे के सफेद फूल से निकलने वाले बीज को पीस कर एक आटा बनाया जाता है, जिसे आमतौर पर सभी लोग कुट्टू का आटा बोलते हैं। इसे खासतौर पर व्रत रखने वाले ही खाते हैं। कुट्टू न तो अनाज है और न ही वनस्पति। यह घास परिवार का एक सदस्य है। अंग्रेजी में कुट्टू को बकव्हीट कहते हैं। इसे पंजाब में ओखला बोला जाता है। यह जंगली इलाकों समेत भूटान में अधिकांश मात्रा में होता है।

sagar -
30-09-2011, 06:57 AM
क्यों खतरनाक है कु़ट्टू

चिकित्सकों के मुताबिक कुट्टू का आटा गरम होता है। इससे शरीर में काबरेहाइड्रेट और ग्लूकोज का स्तर बढ़ता है। कुट्टू में वसा अधिक होती है। इसका सावधानी से प्रयोग किया जाना चाहिए। कुट्टू का आटा एक माह तक ही उपयोग में लाया जा सकता है। जहां तक हो सके तो ताजा आटा ही प्रयोग में लाएं।

बासी आटे में बैक्टीरिया और फंगस उत्पन्न हो जाते हैं। कुट्टू के आटे के ज्यादा दिनों तक रखे होने की स्थिति में माइक्रोटाक्सिन का निर्माण हो जाता है, जो घातक है।

sagar -
14-10-2011, 07:17 AM
अब दीवाली के अवसर पर मिठाइयो में भरी मिलावट हो रही हे इसलिए हमे हर मिठाई जाँच परख कर लेनी होगी !

Sikandar_Khan
14-10-2011, 09:30 AM
अब दीवाली के अवसर पर मिठाइयो में भरी मिलावट हो रही हे इसलिए हमे हर मिठाई जाँच परख कर लेनी होगी !

पता नही क्योँ लोगोँ का धर्म सिर्फ पैसा कमाना है इसके लिए चाहे किसी की सेहत के साथ खिलवाड़ ही क्योँ न करना पड़े |

roshan
16-10-2011, 09:38 PM
पता नही क्योँ लोगोँ का धर्म सिर्फ पैसा कमाना है इसके लिए चाहे किसी की सेहत के साथ खिलवाड़ ही क्योँ न करना पड़े |

जनाब आज दुनिया का सबसे बड़ा धर्म पैसा ही बन गया है.

बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपैया.

sagar -
17-10-2011, 06:01 AM
जनाब आज दुनिया का सबसे बड़ा धर्म पैसा ही बन गया है.

बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपैया.
काश लोगो में सद्बुधि आ जाये :bang-head::bang-head: