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View Full Version : बाल संरक्क्षिका


saajid
09-04-2011, 04:27 PM
यहाँ मै एक अत्यंत ही दिलचस्प किस्सा बयां करूँगा
आप लोगन को बस एक मेहरबानी ये करनी है के किसके बारे में लिखा है
ये अंदाजा लगाना है सहयोग अपेक्षित है :crazyeyes:
हिंट =???(जल्दी क्या है )

saajid
09-04-2011, 04:32 PM
वैलेंटाइन दिवस के उपलक्ष्य में हमारे क्षेत्र के कई जलपान गृहों ने केवल युगल जोडो के लिए विशेष समारोह का आयोजन किया था। इस कारण हमारी मित्र-मंडली एक बेबी सिट्टर की तलाश में थी। हम लोग जानकारी एकत्र कर रहे थे।

saajid
09-04-2011, 04:34 PM
नो रिप्लाई नो पोस्ट

abhisays
09-04-2011, 04:35 PM
आगे तो बताये फिर क्या हुआ था, वाकया रोचक है.

arvind
09-04-2011, 04:35 PM
नो रिप्लाई नो पोस्ट
हम सभी लोग बहुत उत्सुकता से आपके पोस्ट का इंतज़ार कर रहे है......

saajid
09-04-2011, 04:39 PM
हमारे एक मित्र हैं (नाम नहीं बताऊंगा तलवारें निकल आयेंगी ) जोकि कुछ समय पूर्व तक एक बेबी संरक्क्षिका तलाश कर रहे थे। उनको दूसरे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी और पत्नी का हाथ बटाने के लिए एक बेबी संरक्क्षिका चाहिए थी। हमने सोचा उन्ही से पता किया जाए।

saajid
09-04-2011, 04:43 PM
हम उनके घर पंहुचे और थोडी औपचरिकता के पश्चात अपना प्रश्न दागा -"भाईजान वो आप के घर एक बेबी संरक्क्षिका आती हैं न?" इधर हमारा प्रश्न निकला उधर भाईजान के मुख से निश्स्वांस "वो बेबी संरक्क्षिका !!!" और उनकी आँखे कुछ देर के लिए भावशून्य हो हो गयीं मानो अतीत की किसी किताब के सफे टटोल रही हो

saajid
09-04-2011, 04:43 PM
उम्मीद करता हूँ के आप लोग अबतक तो पहचान गए होंगे के किसके बारे में लिख रहा हूँ

arvind
09-04-2011, 04:45 PM
उम्मीद करता हूँ के आप लोग अबतक तो पहचान गए होंगे के किसके बारे में लिख रहा हूँ

बिलकुल नहीं जनाब.........

saajid
09-04-2011, 04:50 PM
अच्छा तो आगे लिखता हूँ
आप लोग इतनी अच्छी तरह से जानते हुए उन्हें नहीं पहचान रहे
मै बोलूँगा उन्हें के उनके मित्र उन्हें भुलाये बैठे हैं

saajid
09-04-2011, 04:52 PM
पीछे से भाभीजान चाय की प्याली लाते हुए बोली -"भइया उस मुयी का नाम भी न लो इस घर में... और वो भी इनके सामने "। भाभी की बात सुनते ही हमारी जिज्ञासा की ग्रन्थि और तीव्र हो गयी। थोडी देर तक हम शांत बैठे रहे और भाभी के रसोई में जाने का इंतज़ार करते रहे

Kumar Anil
09-04-2011, 05:10 PM
पीछे से भाभीजान चाय की प्याली लाते हुए बोली -"भइया उस मुयी का नाम भी न लो इस घर में... और वो भी इनके सामने "। भाभी की बात सुनते ही हमारी जिज्ञासा की ग्रन्थि और तीव्र हो गयी। थोडी देर तक हम शांत बैठे रहे और भाभी के रसोई में जाने का इंतज़ार करते रहे

आई ऑब्जेक्ट , मी लॉर्ड ! जिसकी पूरे फोरम से मित्रता हो , अगर वो अपने घर मेँ भी मित्रता का वातावरण बना रहा है । तो इन वकील साहब को क्या दिक्कत ?

saajid
09-04-2011, 05:13 PM
उनके जाते ही हम भी भाई पर कूद पड़े - भाई क्या हुआ? भाभी इतना चिढी हुई क्यों हैं...ऐसा क्या कर डाला आपने कि "उस मुयी का नाम न ले आपके सामने"? भाई ने सतर्कता से चारों ओर नज़र दौडाई और फिर फुसफुसाते हुए बोले "कुछ नहीं यार!! तुमको मालूम हैं इन औरतों का दिमाग....कई बार तिल का ताड़ बना देती हैं...कुछ नहीं हैं"। पर भाई के अंदाज़-ऐ-बयाँ से हमे लग गया कि दाल में काला ज़रूर हैं।

Nitikesh
09-04-2011, 05:18 PM
aaj faiz pahelibaji kar raha hai or iske diye gaye clue ne mera sar chakara diya hai.
Faij aage bhi clue do bhai.

Kumar Anil
09-04-2011, 05:20 PM
उनके जाते ही हम भी भाई पर कूद पड़े - भाई क्या हुआ? भाभी इतना चिढी हुई क्यों हैं...ऐसा क्या कर डाला आपने कि "उस मुयी का नाम न ले आपके सामने"? भाई ने सतर्कता से चारों ओर नज़र दौडाई और फिर फुसफुसाते हुए बोले "कुछ नहीं यार!! तुमको मालूम हैं इन औरतों का दिमाग....कई बार तिल का ताड़ बना देती हैं...कुछ नहीं हैं"। पर भाई के अंदाज़-ऐ-बयाँ से हमे लग गया कि दाल में काला ज़रूर हैं।

अरे उ ससुरी दाल ही बड़ी नमकीन थी ।

Nitikesh
09-04-2011, 05:24 PM
bhai to yahan hamare forum friend sikandar ji ki baat ho rahi hai.


Namskar anil bhai aapki opera mini ko kya hua hai?

Kumar Anil
09-04-2011, 05:32 PM
bhai to yahan hamare forum friend sikandar ji ki baat ho rahi hai.


Namskar anil bhai aapki opera mini ko kya hua hai?

नमस्कार मित्र ! मोबाईल की तबियत नासाज़ है । स्वस्थ आँखोँ पर चश्मा लगाने पर जैसे दिखता है वैसे ही फोरम दिख रहा है ।

saajid
09-04-2011, 05:46 PM
हमने थोडी-थोडी देर में भाई को कुरेदना जारी रखा और थोडी देर बाद उन्होंने हमे अपनी कहानी सुना ही डाली। वो बोले तुझे तो याद हैं जब यह छोटा वाला हुआ था तो कोई भी नहीं आ पाया था, मेरी ससुराल से (शरिफियत की वजह से...) । हमने भी हामी में सर हिलाया।

saajid
09-04-2011, 05:46 PM
उन्होंने कहानी जारी रखी "...तो जब यह अस्पताल से घर आयी तब मैंने भी कुछ दिनों की छुट्टी ली थी, इसकी देखभाल के लिए। पर मैं कितने दिन घर बैठता सो इसका हाथ बटाने के लिए बेबी सिट्टर ढूढ़नी शुरू कर दी।

saajid
09-04-2011, 05:48 PM
बड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद एक छोरी मिली - कॉलेज गोइंग थी... वैरी यंग एंड स्वीट लूकिंग":crazyeyes:। भाई की आंखों में आयी चमक और आवाज़ की खनक ने मुझे उसके सौदर्य का आभास और ज्यादा करा दिया।:think:

Nitikesh
09-04-2011, 05:50 PM
mobile ki sehat na saj hai ya fir opera mini nakhare kar rahi hai.yadi OM me koi problem ho to main madad kar sakata hun.:)

saajid
09-04-2011, 05:55 PM
mobile ki sehat na saj hai ya fir opera mini nakhare kar rahi hai.yadi OM me koi problem ho to main madad kar sakata hun.:)
ड्रैकुला जी आप से निवेदन है के यहं सूत्र सम्बंधित प्रविष्टी करें
आप इन बातों के लिए विजीटर मैसेज का भी उपयोग कर सकते हैं :think:
धन्यवाद

Nitikesh
09-04-2011, 06:01 PM
आखों में चमक आने के बाद क्या हुआ भाई
जरा विस्तार में और जल्दी बताओ/:)