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View Full Version : रोचक जानकारियां


pankaj bedrdi
24-01-2011, 07:03 AM
यहा कुछ रोचक खबरे देगे

pankaj bedrdi
24-01-2011, 07:10 AM
उसे हर डेढ़ माह बाद डसने आता है सांप

अहमदाबाद. गुजरात के भावनगर जिले में गढडा तहसील में स्थित इतरिया गांव में एक अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया है। यह वाकया हिंदी फिल्म की नाग-नागिन की पटकथा को मात देने वाला है। विवाहित ममता बहन (24) को डेढ़ दो महीने के अंतराल पर सर्पदंश की पीड़ा झेलनी पड़ती है। सांप के आंखों में मनुष्य की तस्वीर अंकित होने जैसी यह दंतकथा नहीं है बल्कि सत्यपरक है।

इसे अंधश्रद्धा से भी नहीं जोड़कर देखा जा सकता, क्योंकि भीड़-भाड़ में सबके नजरों के सामने ममता बहन को सांप दंश मारकर चला जाता है। विवाह के बाद पिछले आठ सालों में ममता बहन को पच्चीस बार सांप ने डसा। पिछले दशहरा के दिन सांप के दंश के बाद ममता बहन ने सात दिनों तक आंख नहीं खोली। अक्सर देखा जाता है कि किसी व्यक्ति को जब सांप काटता है तो वह चर्चा का विषय बन जाता है लेकिन ममता बहन को सांप नहीं काटता है तो गांव में इस मुद्दे को लेकर चर्चा आरंभ हो जाती है।

विवाह के बाद सांप ने बढ़ाई चिंता : वर्ष 2001 में ममता बहन की शादी इतरिया गांव निवासी भीमजीभाई के साथ हुई थी। इस दंपती को दो संतानें हैं। विवाह के बाद जैसे ममता बहन से सांप का नाता ही जुड़ गया। दो महीने नहीं बीत पाता है कि ममता को कोई न कोई सांप जरूर काट लेता है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि भीड़ में भी ममता को ही सांप काटता है। ममता का कहना है कि पहले सांप साल में दो बार काटता था, लेकिन अब डेढ़ से दो महीने में काट लेता है। परिजनों के साथ रहने पर भी मुझे ही सांप ना जाने क्यों काटता है।

सकते में हैं चिकित्सक व सांप विशेषज्ञ : ममता बहन की घटना से चिकित्सक व सांप विशेषज्ञ दोनों सकते में आ गए हैं। ममता को सांप दो बार दंश मारता है। तीन सेकंड तक फुफकार कर उसके सामने देखता है। बाद में वहां से चला जाता है। भीमजीभाई ने बताया कि राजकोट व भावनगर के अस्पतालों में इसकी जांच करवाई। रक्त के नमूने भी परीक्षण करवाए लेकिन चिकित्सक इसका राज नहीं जान सके।

सहजता से लेते हैं परिजन : सांप काटने की घटना को ममता के परिजन अब सहजता से लेने लगे हैं। सांप काटने के बाद ममता को गांव के समीप स्थित गढ़ेश्वर महादेव मंदिर में ले जाया जाता है। दो दिन तक मुर्छित रहने के बाद सब कुछ पूर्ववत हो जाता है। सांप के दंश के कारण ममता बहन के हाथ और पैर में अनेक दाग पड़ गए हैं। गांव के अग्रणी अरविंद वनालिया का कहना है कि सांप की घटना अब हमारे लिए सामान्य बात हो गई है। सांप काटने की घटना सुनने के बाद हम समझ जाते हैं कि ममता को कुछ नहीं होने वाला है।

ऐसा भी हो सकता है..

सांपों के जानकार धर्मेद्र त्रिवेदी का कहना है कि ऐसा भी हो सकता है कि ममता को काटने वाला सांप जहरीला ना हो लेकिन यह एक शोध का विषय है। संभव है कि ममता बहन को बार-बार बगैर जहरवाला सांप काटता हो। लेकिन यह भी हो सकता है कि उसके शरीर में ऐसा कोई तत्व निहित हो जो सांप के जहर को निष्क्रिय बना देता होगा

pankaj bedrdi
24-01-2011, 07:14 AM
गोद में न बिठाएं लैपटॉप

इसमें दोराय नहीं कि दुनिया भर में कंप्यूटर की चाह और उपयोगिता बढ़ रही है। इसमें लैपटॉप को विशेष तौर पर स्थान दिया जा रहा है, वह भी गोद में। घंटों इस बेरोकटोक चाह पर लगाम लगाती हुई स्टेट यूनीवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क की रिपोर्ट आई है जो बताती है कि गोद में रख कर प्रयोग किया जा रहा लेपटाप पुरुषों को नपुंसकता की ओर धकेल रहा है।

शोधकर्ता डॉ़ येलिम शाइनकिन के अनुसार घुटनों के ऊपर या सीधे गोद में रख कर लैपटॉप चलाने से जनंनागों के सामान्य ताप में वृद्धि हो जाती है जो शुक्राणुओं के उत्पादन और उनकी सजीवता, सक्रियता, गुणवत्ता पर सीधी चोट करती है। परीक्षण में पाया गया है कि इस उपकरण से एक डिग्री सेल्सियस ताप वृद्धि भी असर छोड़ती है। रिपोर्ट बताती है कि जो पुरुष रिप्रोडक्टिव ऐज यानी उत्पादन अवस्था में हैं, वही इसका प्रयोग अधिक कर रहे हैं। अत: सावधानी भी उन्हीं को अधिक बरतनी होगी ।

अमेरिकन यूरोलॉजीकल एरोसिएशन ने उपरोक्त अध्ययन कर समर्थन करते हुए अमेरिका की वस्तुस्थिति स्पष्ट की है और बताया है कि अमेरिका में छह वैवाहिक जोड़ों में एक ऐसा है जो पुरुष नपुंसकता से पीड़ित है, परिणाम स्वरूप परिवार में किलकारियां नहीं गूंज पा रही हैं।

यहां की रिपोर्ट के अनुसार सामान्य दशा में वृषण अपने ही दम पर शुक्राणुओं को ठंडक देते हुए सामान्य और शुक्राणु हितकारी ताप पर रखे रहते हैं, मगर लैपटॉप को गोद में रख कर प्रयोग यह ताप डगमगा देता है और शुक्राणुओं की मॉर्टिलिटी यानी जीवंतता प्रभावित होती है। शेधकर्ता डॉ़ येलिम के अनुसार जब लैपटॉप गोद में रख कर चलाया जाता है तो वह मात्र 10-15 मिनट के प्रयोग में ही वृषण का ताप बढ़ा देता है जिसे हम सामान्यत: महसूस भी नहीं कर पाते हैं। अत: लैपटॉप को गोद में बिठाने से पहले सोच लें यह आपकी गोद सूनी न कर दे।

pankaj bedrdi
29-01-2011, 04:27 AM
कुत्ते नहीं लोमड़ी पालते थे हमारे पूर्वज!
नई पुरातात्विक खोजों में इस बात की संभावना जताई गई है कि आदि मानव जीव जंतुओं में अपने साथी के रूप में कुत्ते के बजाय लोमड़ियों को ज्यादा पंसद करते होंगे।

pankaj bedrdi
29-01-2011, 04:28 AM
क्या 2014 में हो जाएगी चॉकलेट की कमी
चॉकलेट बनाने में प्रयुक्त होने वाले मुख्य पदार्थ कोकोआ की आपूर्ति वर्ष 2014 तक प्रभावित होने की आशंका के चलते दुनिया को चॉकलेट संकट का सामना करना पड़ सकता है।

pankaj bedrdi
29-01-2011, 04:29 AM
ब्रह्मांड के सबसे गर्म ग्रह का चला पता
खगोलविदों ने दावा किया है कि पिछले साल खोजा गया ग्रह, ब्रह्मांड का अब तक का सबसे गर्म ग्रह है जहां तापमान 3200 सेंटीग्रेड है।

ABHAY
29-01-2011, 08:38 AM
क्या मस्त सूत्र दिया है भाई अगर आपके पास काल यात्रा से जूरी जानकारी हो तो बताये

pankaj bedrdi
30-01-2011, 04:49 PM
क्या मस्त सूत्र दिया है भाई अगर आपके पास काल यात्रा से जूरी जानकारी हो तो बताये

मै पुरी तरह कोशिश करुगा कि आपको जनकारी मिले

pankaj bedrdi
30-01-2011, 04:53 PM
क्या मस्त सूत्र दिया है भाई अगर आपके पास काल यात्रा से जूरी जानकारी हो तो बताये

मै पुरी तरह कोशिश करुगा कि आपको जनकारी मिले अभी 4 5 दिन से लेफटप नही जुड पा रहा हु और आगे कुछ दिन नही जुड पाउगा

harigupta
30-01-2011, 05:53 PM
bahut achchee jaankari hai dost.

Bholu
30-01-2011, 06:58 PM
kuch majedar sawal
caculetar ke aabiskarak kuon tye
1 thomas
2 ferank waldvin
3 barn
java kya hai
1 ak suchi
2 ak gaati
3 ak camputar ka bhasha

ABHAY
31-01-2011, 02:55 PM
चांद की रोशनी से बना इंद्रधनुष
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=8525&stc=1&d=1296471318
लंदन. क्रिस वॉकर ने गत दिनों बारिश में चांद की रोशनी से बने इंद्रधनुष को अपने कैमरे में कैद किया। रिचमंड में रहने वाले क्रिस पेशे से फोटोग्राफर हैं। उन्होंने कहा, ‘उस दिन जब मैं घर जा रहा था तो मैंने आकाश में कुछ अजीब रोशनी देखी। पूरे चांद की रात में बारिश के साथ ही तेज हवा चल रही थी। चांद काफी चमक रहा था और जब मैं घर पहुंचा तो मैंने उसकी रोशनी से बना इंद्रधनुष देखा।’


मालूम हो कि बारिश की बूंदों पर सूर्य की किरणों पड़ने पर ही इंद्रधनुष बनता है और चांद की रोशनी से बने इंद्रधनुष बहुत कम दिखाई देते हैं। क्रिस ने कहा, ‘चूंकि चंद्रमा की रोशनी सूर्य की रोशनी से हजार गुणा धुंधला होती है। इसलिए इससे बना इंद्रधनुष भी काफी धुंधला था। यहां तक कि उस इंद्रधनुष के रंगों को पहचानना भी मेरे लिए मुश्किल था लेकिन मैं इंद्रधनुष के सबसे ऊपर वाले लाल रंग को आसानी से पहचान गया।’

ABHAY
31-01-2011, 03:24 PM
मिस्ड कॉल की कला
"वहाँ पहुँचते ही मुझे एक मिस्ड कॉल देना" या "एक मिस्ड कॉल देना मैं तुम्हें कॉल बैक कर लूंगा"... भारत में मिस्ड कॉल का चलन बहुत तेजी से बढ रहा है। हालाँकि यहाँ मोबाईल फोन का इस्तेमाल कुछ दशक पहले ही शुरू हुआ है लेकिन हम भारतीयों को मिस्ड कॉल की कला में महारत हासिल हो चुकी है। भारत के अलावा केन्या, रवांडा, फिलीपीन, इंडोनेशिया, जमैका आदि मुल्कों में भी मिस्ड कॉल का बहुत चलन है। भारत में तो मिस्ड कॉल की अपनी एक भाषा ही विकसित हो गई है। अलग अलग वर्गों के लिए मिस्ड कॉल का अलग मतलब है। स्कूल कॉलेज के छात्र मिस्ड कॉल की ज़रूरत को सबसे ज़्यादा महसूस करते हैं। एक 23 वर्षीय छात्र के अनुसार उनके ग्रुप में एक मिस्ड कॉल तब दी जाती है जब उनका कोई दोस्त डेटिंग पर हो, उस समय का मकसद सिर्फ उस दोस्त को तंग करना होता है। लगातार दो मिस्ड कॉल इस बात का इशारा है कि कोई सही सलाम घर पहुँच गया है जबकि तीन मिस्ड कॉल का मतलब है "तुरंत कॉल बैक करो"।

छात्रों को अपनी पॉकेटमनी को एसएमएस, रिंगटोन और चैटिंग में खर्च करना होता है इसलिये मिस्ड कॉल उनके लिये काम की चीज है। इसका मतलब यह नहीं कि वेतनभोगी लोग मिस्ड कॉल नहीं करते । वे भी अपने सहकर्मियों यहाँ तक अपने बॉस को भी मिस्ड कॉल करते हैं। छोटी से छोटी मिस्ड कॉल करना एक कला है और अगर आपको यह कला नहीं आती तो आपका फोन उठाया भी जा सकता है। कुछ लोग मानते हैं कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज़्यादा मिस्ड कॉल करती हैं लेकिन यह एक बहस का मु्द्दा है। जो भी हो मिस्ड कॉल मोबाईल फोन की एक मज़ेदार देन है।

ABHAY
31-01-2011, 03:43 PM
लालू के कुछ मजेदार संवाद

लालू एक मसखरे नेता हैं। वह गरजते भी हैं और बरसते भी। उनके कारनामें और भाषण हमेशा ही सुर्खियों में रहते हैं।

* “हम बिहार की सड़के हेमा मालिनी के गालों जैसी चिकनी करवा दूँगा.”
* “भारतीय रेलवे और रेल यात्रियो सुरक्षा का जिम्मेदारी भगवान विश्वकर्मा की है, हमारी नही” (रेलवे हादसों के संदर्भ मे बोलते हुए)
* "हम दिल्ली को बिहार बना दूँगा.”
* “हम बहुत काम करता हूँ, अगर आराम नही मिलता है तो हम पगला जाता हूँ” (यह पूछे जाने पर कि आप सैलून मे क्यों सफर करते है )
* “हम आपको क्यों बताऊ कि रेलवे इन परियोजनाओ के लिये धन कहाँ से लायेगा….हमारे विरोधी एलर्ट ना हो जायेंगे.” (रेलवे बजट पर पूछे गये सवालों के जवाब मे)
* “पासवान की पार्टी मे तो सब लफंगा एलिमेन्ट भरा पड़ा है“
* “हम एक दिन प्रधानमंत्री बनूंगा।"

ABHAY
31-01-2011, 03:44 PM
मरने के बाद क्या होता है?
मृत्यु की एक धीमी, लंबित एवं सतत प्रक्रिया है। ज़िंदगी पहाड़ पार करने जैसी है। हम 25-30 साल एक तरफ से चढ़ाई पर चढ़ते जाते हैं। फिर 40-45 साल की उम्र में ढलान शुरू हो जाती है। जिन्दगी और मौत बहुत करीब है, एक संसार मे लाती है तो दूसरी ले जाती है।

सब यह जानना चाहते हैं कि मृत्यु के बाद क्या होता है?
शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के बाद जीव कुछ समय तक प्राण-जगत में रहता है। इसी जगत में इसी मनुष्य अपने बुरे या अच्छे कर्मों का फल भोगता है और जब तक पृथ्वी पर अगला जीवन धारण करने का समय नहीं आ जाता तब तक वहीं रहता है ।

कहते हैं कि मौत बहुत भयानक होती है। असल में हर व्यक्ति जानता है कि जिसने भी जन्म लिया है उसकी मृत्यु को टाला नहीं जा सकता लेकिन फिर भी इंसान यह स्वीकार नहीं कर पाता और अंतिम क्षणों तक और जीने की कामना करता है । यही अस्वीकार का भाव मौत के डर को मौत से भी ज्यादा भयानक बना देता है।

ABHAY
31-01-2011, 03:53 PM
भूत-प्रेत के अस्तित्व में विश्वास
किसी को भूत-प्रेत के अस्तित्व में विश्वास हो या न हो, वह भूत-प्रेत के प्रति अपनी रुचि अवश्य ही प्रदर्शित करता है।
यद्यपि भूत-प्रेतों के अधिकांश प्रमाण उपाख्यात्मक होते हैं फिर भी इतिहास गवाह है कि आरम्भ से ही लोगों का भूत-प्रेत में व्यापक रूप से विश्वास रहा है।
भूत-प्रेत की अवधारणा उतनी ही पुरानी है जितना कि स्वयं मनुष्य है। कहा जाता है कि भूत-प्रेत मृतक व्यक्तियों के आभास होते हैं जो कि प्रायः मृतक व्यक्तियों के जैसे ही दृष्टिगत होते हैं।
अनेकों देशों की लोकप्रिय संस्कृतियों में भूत-प्रेतों का मुख्य स्थान है। सभी देशों के संस्कृतियों में भूत-प्रेतों से सम्बंधित लोककथाएँ तथा साहित्य पाई जाती हैं।
एक व्यापक धारणा यह भी है कि भूत-प्रेतों के शरीर धुंधलके तथा वायु से बने होते हैं अर्थात् वे शरीर-विहीन होते हैं।
अधिकतर संस्कृतियों के धार्मिक आख्यानों में भूत-प्रेतों का जिक्र पाया जाता है।
हिन्दू धर्म में "प्रेत योनि", इस्लाम में "जिन्नात" आदि का वर्णन भूत-प्रेतों के अस्तित्व को इंगित करते हैं।
पितृ पक्ष में हिन्दू अपने पितरों को तर्पण करते हैं। इसका अर्थ हुआ कि पितरों का अस्तित्व आत्मा अथवा भूत-प्रेत के रूप में होता है।
गरुड़ पुराण में भूत-प्रेतों के विषय में विस्तृत वर्णन किया गया है।
श्रीमद्भागवत पुराण में भी धुंधकारी के प्रेत बन जाने का वर्णन आता है।

भूत-प्रेत प्रायः उन स्थानों में दृष्टिगत होते हैं जिन स्थानों से मृतक का अपने जीवनकाल में सम्बन्ध रहा होता है।
भूत-प्रेत शब्द का प्रयोग मृतात्माओं के संदर्भ में भी किया जाता है।
मरे हुए जानवरों के भूत के विषय में भी जानकारी मिलती है।
जहाँ भूत-प्रेतों का वास हो उन्हें भुतहा स्थान कहा जाता है।
सन् 2005 में गेलुप आर्गेनाइजेशन के द्वारा किये गये सर्वेक्षण से ज्ञात होता है कि 32% अमरीकी भूत-प्रेतों में विश्वास रखते हैं।
भूत-प्रेतों से सम्बंधित फिल्में तथा टी वी कार्यक्रम भी व्यापक रूप से लोकप्रिय रहे हैं।

ABHAY
31-01-2011, 03:54 PM
भूत शब्द का प्रयोग मरणोपरान्त किसी प्राणी के अस्तित्व अथवा स्मृतियों को इंगित करने के लिए भी किया जाता है। अंग्रेजी भाषा का शब्द GHOST इसी का पर्याय है। यद्यपि मरनोपरान्त प्राणी का अस्तित्व शेष रहना वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नही किया जा सका है, किन्तु अनेकानेक ऐसे उदाहरण भी मिलते रहते हैं जिनसे भूत के इस अर्थ की भी पुष्टि होती है। आत्मा के अस्तित्व के साथ ही भूत के इस अर्थ का अस्तित्व भी जुडा है। थोड़ा गहन रूप में चिन्तन करने पर भूत को “सूक्ष्म शरीर” के समानार्थक रूप में देखा जा सकता है। “सूक्ष्म शरीर” आयुर्वेद के सिद्धान्तों के अनुसार सत्रह तत्वों से मिलकर बना होता है (पंचमहाभूतो से रहित)। इन सत्रह तत्वों में पांच ज्ञानेन्द्रियां, पांच कर्मेन्द्रियां, मन, आत्मा, बुद्धि व पंच तन्मात्राऐं शामिल हैं। पंच महाभूतों से निर्मित स्थूल शरीर से मुक्त होकर यह सूक्ष्म शरीर ही बार बार जन्मता मरता है। मरण और पुनर्जन्म के बीच के काल में यह सूक्ष्म शरीर अवयक्त रूप मे रहता है। यह अव्यक्त रूप ही भूत कहा जाता है

भूत शब्द का सामान्य अर्थ समय के उस हिस्से से है जो बीत चुका है। संस्कृत मूल का यह शब्द सामान्यतः भूतकाल के रूप में प्रयुक्त होता रहा है। इसका अर्थ अंग्रेजी में Past Tense के समान है

ABHAY
31-01-2011, 04:01 PM
रेडियो ऑपरेटर की वजह से हुआ टाइटैनिक हादसा

करीब 96 साल पहले टाइटैनिक जहाज का रेडियो ऑपरेटर अगर निष्ठुर नहीं हुआ होता, तो हादसे को टाला जा सकता था और इसके 500 से अधिक यात्रियों को बचाया जा सकता था। यह खुलासा हाल ही में चैनल-4 पर प्रसारित एक वृत्तचित्र में किया गया है। इस वृत्तचित्र के अनुसार, टाइटैनिक के 25 वर्षीय रेडियो ऑपरेटर जैक फिलिप्स का समीपवर्ती जहाज एस एस कैलिफोर्नियन पर सवार उसके समकक्ष के साथ विवाद था।

एस एस कैलिफोर्नियन पर सवार रेडियो ऑपरेटर साइरिल इवान्स उसे 14 अप्रैल 1912 को उस क्षेत्र में मौजूद हिमखंड के बारे में चेतावनी देने के लिए प्रयासरत था। फिलिप्स ने तो जहाज के कुछ यात्रियों के लिए भेजे गए बधाई संदेशों को भी अवरूद्ध कर दिया था। सन में प्रकाशित खबर में कहा गया है कि फिलिप्स ने 14 अप्रैल 1912 की रात एस एस कैलिफोनिर्यन के रेडियो ऑपरेटर इवान्स से कहा, 'गुस्से में आकर इवान्स ने अपने रेडियो उपकरण ही बंद कर दिए। इसके दस मिनट बाद ही टाइटैनिक समुद में तैरते विशाल हिमखंड से टकरा गया।

टाइटैनिक हादसे के दौरान एस एस कैलिफोर्नियन उससे मात्र 20 मील दूर था। लेकिन 15 अप्रैल 1912 को तड़के जब टाइटैनिक डूबा, तो उसके एसओएस और फिलिप्स सहित. 523 यात्रियों को बचाया नहीं जा सका। अनसिंकेबल टाइटैनिक कार्यक्रम के उद्घोषक को उद्धृत करते हुए एक ब्रिटिश टेबलायड में कहा गया है, दो घंटे में डूबा एस एस कैलिफोर्नियन उससे केवल 20 मील दूर था। सभी लोगों को बचाया जा सकता था। टाइटैनिक जहाज ने जब 1912 में अपना समुद्री सफर शुरू किया था, तब वह दुनिया का सबसे बड़ा यात्री जहाज था और उसमें उस दौर की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया था।

बहरहाल, पहली बार न्यूयार्क जा रहा टाइटैनिक 14 अप्रैल 1912 को समुद में तैरते विशाल हिमखंड से जा टकराया और दो घंटे 40 मिनट बाद, 15 अप्रैल 1912 को यह डूब गया। इतिहास के पन्नों पर यह हादसा सर्वाधिक भीषण नौवहन हादसे के तौर पर दर्ज है।

pankaj bedrdi
31-01-2011, 04:07 PM
वाह अभय भाइ आपने खबरे का खजाना हि खोल दिया

pankaj bedrdi
01-02-2011, 05:44 AM
बंदर को भी टीवी देखने में आता है मजा!
जापान के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जैविक विकास में इंसान के पुरखे कहे जाने वाले बंदर को भी टीवी देखने में मजा आता है।

> यूनिवर्सिटीज प्राइमेट रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने बंदर के टीवी देखने को लेकर प्रयोग किया। उन्होंने पाया कि तीन साल के एक नर बंदर को सर्कस के हाथी, जिराफ और बाघ के वीडियो देखने में काफी मजा आया।
> वैज्ञानिकों ने टीवी देखते समय बंदर के दिमाग में हो रहे रक्त संचार का अध्ययन किया। इसके लिए उन्होंने नीयर इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी नाम की विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया।
> उन्होंने पाया कि जब बंदर सर्कस के जानवरों को देख रहा था, तो उसके मस्तिष्क का फ्रंटल लोब काफी सक्रिय था। यह सक्रियता टीवी के प्रति बंदर की रुचि को बताती है।
> जब इन्सान का बच्चा अपनी मां को मुस्कराते देखता है, तो उसके दिमाग का भी यही भाग सक्रिय होता है। इसी वजह से बच्चा भी हंसता है। फ्रंटियर्स इन बिहेवियरल न्यूरोसाइंस में छपे इस अध्ययन में मनुष्य और इंसानों के प्रति समानता को बताया गया है।
> यद्यपि इससे पहले भी मनुष्य और इंसानों को लेकर कई अध्ययन किए जा चुके हैं। लेकिन टीवी जैसे रोचक विषय पर किया गया अध्ययन पहली बार प्रकाश में आया है।
http://4.bp.blogspot.com/_UDflgdaWy-I/TBux9NH6SqI/AAAAAAAAAbc/XFu_OwUiEmE/s1600/gailposner-1.jpg

pankaj bedrdi
01-02-2011, 05:52 AM
चीन में लड़की के शरीर से निकल रही कीलें
चीन के उत्तर-पूर्वी भाग में डेढ़ साल की एक बच्ची के शरीर से लोहे की कीलें निकल रही हैं। लड़की पूर्ण रूप से स्वस्थ है और सामान्य बच्चों की तरह खा-पी भी रही है। डॉक्टरों के लिए लड़की पहेली बन गई है। पिछले एक महीने में उसके शरीर से स्टील की एक पिन समेत 21 कीलें निकल चुकी हैं। लेकिन उसमें अभी तक किसी बीमारी का लक्षण नहीं दिखाई दिया।

> सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, बाल रोग विशेषज्ञों ने लड़की का परीक्षण करने के बाद बताया कि उसे खाने से संबंधित पाइका नाम की एक बीमारी हो सकती है। इससे ग्रस्त व्यक्ति लोहा, पत्थर, लकड़ी आदि चीजें खाने लगता है। लेकिन पहेली यह है कि उस बच्ची को यह चीजें कहां से मिल रही हैं।

> जियांग्सियोटोंग यूनिवसिर्टी के प्रोफेसर गाओ या ने बताया, हो सकता है कि उसे पाइका बीमारी ही हो। हम लोग इस मामले में अभी और शोध कर रहे हैं। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि उसे कीलें कहां से मिल रही हैं? पाइका एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में व्यक्ति के शरीर में जिंक, आयरन और कुछ अन्य तत्वों की कमी हो जाती है। इसमें आगे चलकर एनीमिया और लैड पाइजनिंग जैसी खतरनाक बीमारियां पैदा हो सकती है।

> लेकिन उस लड़की के खून के परीक्षण में जिंक, कैल्शियम, मैग्नीशियम का स्तर भी सामान्य आया है। आयरन की मामूली कमी देखी गई है। लड़की के माता-पिता उसके मुंह में दो कीलें देखने के बाद उसे 5 मई को डाक्टर के पास ले गए थे। तब से वह 5 सेमी लंबी कीलें लगातार उगल रही है। http://1.bp.blogspot.com/_UDflgdaWy-I/TBuy__hESxI/AAAAAAAAAbk/aICA6YysCMY/s1600/gailposner-1.jpg

jitendragarg
01-02-2011, 07:17 AM
भाई आज तक चेनल से हो क्या? ऐसी खबरें तो इससे पहले वहीँ सुनी है!


:cheers:

pankaj bedrdi
15-02-2011, 07:17 AM
बहुत साल पहले जूते बनाने वाली एक ब्रिटिश कंपनी ने दो सेल्समैन को एक-एक करके अफ्रीका भेजा। इन दोनों को यह काम दिया गया कि वे जाकर पता लगाएँ कि अफ्रीका में जूतों की माँग कितनी हो सकती है।

pankaj bedrdi
15-02-2011, 07:18 AM
फुटबॉल के इतिहास की यह हैरतअंगेज घटना 1942 की है। इस समय जर्मनी की नाजी सेनाएँ रूस को रौंद रही थीं। नाजी सेनाएँ छल-बल से एक के बाद एक रूसी नगरों पर कब्जा करती जा रही थीं। जब उन्होंने रूस के कीव नगर पर विजय पाई तो नगर के जिन प्रमुख नागरिकों को बंदी बनाया, उनमें रूस की विश्वविख्यात फुटबॉल टीम 'डायनेमो' के खिलाड़ी भी थे

pankaj bedrdi
15-02-2011, 07:19 AM
विज्ञान कहता है कि जानवरों में इस तरह की भविष्यवाणियाँ करने की क्षमता पाई जाती है। पुराने समय में बेबीलोन, ग्रीक और रोम सभ्यताओं में भविष्य को जानने के लिए जानवरों की मदद ली जाती थी

pankaj bedrdi
15-02-2011, 07:24 AM
वेल्स। यहाँ एक नया होटल खुला है। यह अपने आप में एक भव्य और अनोखा होटल है। इसमें भव्य कमरे और स्वीमिंग पूल हैं। मेरथल टेडफिल में 'द रॉयवान पेट होटल' खुलने के साथ ही चर्चा में आ गया। कारण था ही कुछ ऐसा क्योंकि यह श्वानों के लिए खुला फाइव स्टार होटल है

pankaj bedrdi
15-02-2011, 07:26 AM
यहाँ एक नाई ने कटिंग की दुकान खोली। खूब प्रचार किया। नई दुकान में कंप्यूटर और तरह-तरह की चीजें लगाईं ताकि ग्राहकों को प्रभावित किया जा सके। तमाम तामझाम के साथ दुकान जमाने के बाद इस नाई का विचार भव्य शुभारंभ करने का था।

pankaj bedrdi
15-02-2011, 07:32 AM
विज्ञानियों का यह मानना है कि गाय को अगर अच्छा संगीत सुनने को मिले तो वह ज्यादा दूध देती है। इंग्लैंड में कुछ कलाकारों ने सोचा कि देखें गाय के आगे शेक्सपियर का नाटक खेला जाए तो क्या होगा। उन्होंने एक गाय के सामने शेक्सपियर का हास्य नाटक 'द मेरी वाइव्ज ऑफ विंडसर' प्रस्तुत किया

pankaj bedrdi
15-02-2011, 07:34 AM
मम्मी, मम्मी। देखो-देखो टैंकर। मेरे मुँह से यह आवाज सुनकर मम्मी जल्दी से बर्तन लेकर बाहर आ गई। कहाँ है? मम्मी ने पूछा। मैंने - वो देखो आसमान में। बादल बिल्कलु ऐसा लग रहा है जैसे कोई पानी का टैंकर हो। मम्मी मुझे देखकर मुस्कराई और फिर सड़क पर एक नजर डाल अंदर चली गई। मम्मी के जाने के बाद भी मैं बादलों को देखता रहा

pankaj bedrdi
15-02-2011, 07:35 AM
कमल का फूल सूर्योदय के साथ खिलता है और शाम होते-होते मुरझा-सा जाता है मानो वह पुनः बंद हो गया हो। सूरजमुखी के फूल का मुँह प्रातःकाल सूर्य की ओर होता है, दोपहर में ऊपर (सूर्य की ओर) तथा शाम को पश्चिम की ओर होता है। यह अपने आप में आश्चर्य की बात है। अफ्रीका के 'आइवरी कोस्ट' के जंगलों में एक ऐसा वृक्ष होता है जिसके पत्ते दिन में फैलते हैं और रात को सिकुड़ जाते हैं। रात को बंद पत्तों वाला यह वृक्ष एक फुटबॉल की तरह दिखाई देता है

pankaj bedrdi
15-02-2011, 07:37 AM
महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले का एक छोटा सा गाँव है काठेवाडी। गाँव की आबादी मात्र ७०० है। तहसील डेगलुर के इस छोटे से गाँव का आज दूर-दूर तक नाम है। नाम है अच्छाई है लिए। इस गाँव को लोग पहले भी जानते थे पर बदमाशी के लिए। गाँव का नाम लेते ही लोगों में डर भर जाता था। गाँव की ज्यादातर आबादी पियक्कड़ थी। लोग पूरे दिन जमकर दारू पीते और बीड़ी फूँकते थे

pankaj bedrdi
15-02-2011, 07:39 AM
इलाहाबाद स्थित अकबर के किले में एक ऐसा वट है जो कभी यमुना न*दी के किनारे हुआ करता था और जिस पर चढ़कर लोग मोक्ष की कामना से नदी में छलांग लगा देते थे। इस अंधविश्वास ने अनगिनत लोगों की जान ली है। शायद यही कारण है कि अतीत में इसे नष्ट किए जाने के अनेक प्रयास हुए हालाँ*कि यह आज भी हरा-भरा है।

pankaj bedrdi
15-02-2011, 08:23 AM
साबुन और वाशिंग पाउडर हैं उसके पसंदीदा व्यंजन!

लंदन। यह अजीबोगरीब मामला अमेरिका का है। फ्लोरिडा में टैंपसेट हैंडरसन नाम की एक 19 वर्षीया लड़की साबुन ऐसे खाती है मानो बर्गर हो। वह हफ्ते भर में कम से कम पांच साबुन और वाशिंग पाउडर डकार जाती है।

ब्रिटिश अखबार डेली मेल के अनुसार, इस लड़की को पिका नाम की एक दुर्लभ बीमारी है, जो शरीर में खनिज तत्वों की कमी से होती है। इसमें व्यक्ति को वे तमाम चीजें खाने का मन करता है जिनमें पोषण का कोई तत्व नहीं होता। जैसे साबुन, वाशिंग पाउडर, धातु के टुकडे़, सिक्के, चॉक, बैटरी, टूथब्रश आदि।

अखबार ने हैंडरसन के हवाले से लिखा, मुझे ध्यान है जब पहली बार मेरे हाथ में वाशिंग पाउडर पड़ा। मैंने थोड़ा सा मुंह में डाला तो यह नमकीन लगा और मुझे भाने लगा। मुझे नहाते वक्त साबुन के झाग बनाकर उसे चाटना अच्छा लगता है। जैसे ही साबुन गलना शुरू होता है, मैं उसका एक टुकड़ा मुंह में रखकर काफी देर तक चूसती हूं। मुझे इसमें बहुत मजा आता है। साबुन खाकर मुझे नहाने से भी ज्यादा साफ होने का अहसास होता है।

डॉक्टरों ने उसे इंटेंसिव कॉग्नीटिव बिहेवियरल थेरेपी दी है। इसमें उसके दिमाग से साबुन खाने का विचार हटाने की कोशिश की गई है। डॉक्टरों का कहना है कि भले ही पहली बार साबुन खाना उसे अच्छा लगा हो, लेकिन इसकी लत उसे अकेलेपन के चलते लगी। दरअसल उसका ब्वॉयफ्रेंड उसे छोड़कर दूसरे शहर में पढ़ाई करने चला गया था। उसके बाद तनाव और अकेलेपन को दूर करने के लिए किशोरी ने इन सब चीजों का सहारा लिया

Sikandar_Khan
15-02-2011, 09:15 AM
पंकज की
इतनी रोचक खबरे हम तक शेअर करने के लिए
आपका बहुत बहुत धन्यवाद :fantastic::fantastic::fantastic:

Sikandar_Khan
15-02-2011, 11:25 AM
पटाया (थाईलैंड)।। वैलंटाइन डे के मौके पर थाईलैंड के एक युगल ने अब तक के सबसे लंबे चुंबन का रिकॉर्ड बनाया है। इस अवसर पर इस तटीय पर्यटन शहर में आयोजित में यह जोड़ी 46 घंटे 24 मिनट नौ सेकंड तक एक-दूसरे को चूमती रही।

इस चुंबन को अब तक सबसे लंबा चुंबन बताया जा रहा है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार इससे पहले 2009 में जर्मनी की एक जोड़ी ने 32 घंटे से अधिक समय के चुंबन का रिकॉर्ड बनाया था।

पटाया में बने इस नए रिकॉर्ड की अभी अधिकारियों द्वारा आधिकारिक पुष्टि की जानी बाकी है। प्रतियोगिता में थाईलैंड की 14 जोड़ियों ने भाग लिया जो रविवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे शुरू हुई थी।

प्रतियोगिता का दर्शकों और पर्यटकों ने भरपूर लुत्फ उठाया और उन्होंने अपने कैमरों में इस प्रतियोगिता की तस्वीरें कैद कर लीं।

कॉम्पिटिशन का आयोजन करने वाले पटाया के लुईस तुसाद वैक्सवर्क्स म्यूजियम के प्रबंधक सोम्पोर्न नाक्सूत्रोंग ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि आगे इस रिकॉर्ड को कोई तोड़ पाएगा। विजेता की घोषणा मंगलवार सुबह की गई और अब तक के सबसे लंबे चुंबन का रिकॉर्ड बैंकाक निवासी एक्काचई और लक्साना तिरनारत की जोड़ी के नाम दर्ज हुआ।

pankaj bedrdi
15-02-2011, 01:34 PM
हाथी के संबंध में एक कहावत है कि जिंदा लाख का और मर गया तो सवा लाख का। यही कहावत शुतुरमुर्ग पर भी फिट बैठती है। जिंदा शुतुरमुर्ग साल में 30 अंडे देता है। एक अंडा करीब 2000 रुपए में बिकता है अर्थात 60000 रुपए।

लेकिन यदि शुतुरमुर्ग मर गया तो 45 से 50 किलों माँस के 45 से पचास हजार रुपए और उसकी चर्बी से 4 से 6 लीटर तेल निकलता है, जो 45 सौ रुपए लिटर बिकता है अर्थात 18 से 27 हजार रुपए। इसके अलावा इसकी चमड़ी से 8 वर्ग फीट लेदर निकलता है और इसके दोनों पंख बेहत किमती होते हैं। फिर इसके नाखून, दाँत और बालों की अलग अलग किमतें हैं। कुल मिलाकर यह 100000 के करीब। आय के मामले में ईमू से सैकड़ों गुना अधिक आय प्राप्त होती है।

pankaj bedrdi
15-02-2011, 01:46 PM
भारत में शुतुरमुर्ग की तरह विशालकाय ईमू के पालन का प्रचलन धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। मूलतः यह ऑस्ट्रेलियन पक्षी है। यह केवल एक साल में ही पाँच फुट के हो जाते हैं। जबकि इनकी उम्र करीब 40 वर्ष होती है। 35 वर्ष की उम्र तक यह अंडे देते हैं। ईमू किसी भी वातावरण में रह सकता है। ईमू गर्मी में 52 डिग्री तापमान में रह सकता है तो ठंड में शून्य डिग्री तापमान में भी। भारत में एक जोड़ा ईमू लगभग 20000 रुपए में मिलता है।

भारत में ईमू पालन की शुरुआत 1996 से हुई। वाणिज्य मंत्रालय ने देश के विभिन्न हिस्सों में शुतुरमुर्ग पालन व उसके माँस निर्यात की मंजूरी 1996 में दी थी। आज देश में लगभग एक हजार शुतुरमुर्ग पालन केन्द्र खुल चुके हैं। जिसमें से ज्यादातर फार्म महाराष्ट्र में हैं। आंधप्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा में भी इसका प्रचलन बढ़ गया। देश में हर साल करीब लगभग 33 हजार टन शुतुरमुर्ग-माँस का उत्पादन हो रहा है। यूरोप व अमेरिकी देशो में शुतुरमुर्ग-माँस की माँग बढ़ती ही जा रही है। ग्लोबल आस्ट्रिच इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी ने नवम्बर 1997 में शुतुरमुर्ग के लिए फार्महाउस की शुरुआत की थी। मध्यप्रदेश में भी अब शुतुरमुर्ग फार्म हाउस देखे जा सकते हैं।

prakash
15-02-2011, 02:42 PM
चीन में लड़की के शरीर से निकल रही कीलें
चीन के उत्तर-पूर्वी भाग में डेढ़ साल की एक बच्ची के शरीर से लोहे की कीलें निकल रही हैं। लड़की पूर्ण रूप से स्वस्थ है और सामान्य बच्चों की तरह खा-पी भी रही है। डॉक्टरों के लिए लड़की पहेली बन गई है। पिछले एक महीने में उसके शरीर से स्टील की एक पिन समेत 21 कीलें निकल चुकी हैं। लेकिन उसमें अभी तक किसी बीमारी का लक्षण नहीं दिखाई दिया।

> सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, बाल रोग विशेषज्ञों ने लड़की का परीक्षण करने के बाद बताया कि उसे खाने से संबंधित पाइका नाम की एक बीमारी हो सकती है। इससे ग्रस्त व्यक्ति लोहा, पत्थर, लकड़ी आदि चीजें खाने लगता है। लेकिन पहेली यह है कि उस बच्ची को यह चीजें कहां से मिल रही हैं।

> जियांग्सियोटोंग यूनिवसिर्टी के प्रोफेसर गाओ या ने बताया, हो सकता है कि उसे पाइका बीमारी ही हो। हम लोग इस मामले में अभी और शोध कर रहे हैं। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि उसे कीलें कहां से मिल रही हैं? पाइका एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में व्यक्ति के शरीर में जिंक, आयरन और कुछ अन्य तत्वों की कमी हो जाती है। इसमें आगे चलकर एनीमिया और लैड पाइजनिंग जैसी खतरनाक बीमारियां पैदा हो सकती है।

> लेकिन उस लड़की के खून के परीक्षण में जिंक, कैल्शियम, मैग्नीशियम का स्तर भी सामान्य आया है। आयरन की मामूली कमी देखी गई है। लड़की के माता-पिता उसके मुंह में दो कीलें देखने के बाद उसे 5 मई को डाक्टर के पास ले गए थे। तब से वह 5 सेमी लंबी कीलें लगातार उगल रही है। http://1.bp.blogspot.com/_udflgdawy-i/tbuy__hesxi/aaaaaaaaabk/aica6yyscmy/s1600/gailposner-1.jpg



बहुत ही रोचक खबर है

ABHAY
15-02-2011, 03:12 PM
इंटरनेट फ्राड से पैदा हो गये कितने ही सचिन तेन्*दुलकर
कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी और क्रिकेट के भगवान सचिन तेन्*दुलकर पूरे विश्*व में एक ही हैं लेकिन इनकी चमक दमक इतनी है कि अर्कुट और फेसबुक जैसी साइट पर दर्जन भर के करीब राहुल गांधी और दो दर्जन से अधिक सचिन तेन्*दुलकर पैदा हो गये हैं। अर्कुट या फेसबुक पर पर कम्*यूनिटी या संगठन की बात नहीं कर रहा हूं, ये तो सीधे यूजर हैं और बाकायदा इन्*होंने अपने अर्कुट पर राहुल गांधी और सचिन के नाम के साथ ही उनकी ओरिजिनल फोटो भी लगा रखी है। अब यह तय करना मुश्किल है कि अमेठी वाले राहुल गांधी असली हैं या फिर पटना बिहार, या फिर दिल्*ली वाले राहुल गांधी। इसी तरह सचिन तेन्*दुलकर भी इतने हैं कि इनमें से असली सचिन तेन्*दुलकर कौन है और कितने डमी हैं इसका पता करना भी मुश्*किल है। मुझे यह नहीं मालूम कि सचिन तेन्*दुलकर या राहुल गांधी जैसी सेलिब्रिटी आर्कुट जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर हैं भी या नहीं लेकिन इनके नाम पर बाकायदा सेलिब्रिटी होने का भ्रम पैदा कर दिया गया है। सोशल नेटवर्किंग साइटों पर मुफ़त में राहुल गांधी, सचिन तेन्*दुलकर, अटल बिहारी वाजपेयी, अमिताभ बच्*चन, ऐश्*वर्या राय, सोनिया गांधी, सभी पैदा हो रहे हैं । इनकी संख्*या कितनी है ये तो भई मुझे नहीं मालूम लेकिन दर्जन नहीं ये सैकडों में हैं। अब आपको किनसे सम्*पर्क करना है यह आप ही तय कीजिए। असली वाला मिले या न मिले नकली वाले की पूरी गांरटी है। यही नहीं आप खुद ही कोई सेलिब्रिटी बनकर किसी के साथ मजाक या फिर उसका नाम दुरुपयोग करना चाहते हैं तो बेशक आप कर सकते हैं। नजीर देखना हो तो बिस्*तर पर बीमार पडे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बने ब्*लाग में उनके दोस्*तों की सूची में मुर्शरफ, सद़दाम, लादेन से लेकर कोण्*डलीजा जैसे लोगों से लगातार चैटिंग हो रही है। बिस्*तर पर पडे अटल बिहारी जी का प्रोटोकाल एक्*स पीएम का है, ऐसे में उनसे ऐसी उम्*मीद तो हो नहीं सकती, और ओसामा बिन लादेन कहां से दोस्*त बन गये अटल जी के ? खैर आपको विश्*वास नहीं होता तो आप खुद ही अर्कुट या फेसबुक पर एक बार सर्च कर लीजिए। यकीन आ जाएगा।

pankaj bedrdi
15-02-2011, 03:48 PM
*अंडे का कमाल : इसके अंडों का आकार बहुत बड़ा होता है सामान्य मुर्गी के अंडे की अपेक्षा 23 गुना ज्यादा बड़े होते हैं। इसके एक अंडे का वजन 1 से 2 किलो तक का हो सकता है। एक अकेला अंडा ही पूरे परिवार का पेट भर सकता है। इसके एक अंडे से लगभग 14 से अधिक ऑमलेट बन सकते हैं।

शुतुरमुर्ग का अंडा बेहद पोषक होता है। कोलेस्ट्रॉल फ्री ईमू के अंडे की सबसे ज्यादा माँग फाइव स्टार सहित बड़े होटलों में है। इसके एक अंडे की कीमत डेढ़ हजार से दो हजार के बीच है। एक ईमू प्रत्येक वर्ष 15 से 30 अंडे देती है और यह क्रम नियमित 30 सालों तक जारी रहता है।

pankaj bedrdi
15-02-2011, 03:50 PM
*माँस से माल : ईमू के अंडे के अलावा इसका माँस 98 फीसदी कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है और इसमें सबसे ज्यादा प्रोटीन होता है। डाइबिटीज और हार्ट के मरीज के लिए ईमू का माँस रामबाण की तरह माना जाता है। कई डॉक्टर मरीजों को इसका माँस खाने की सलाह देते हैं।

5 से 6 फीट कद वाले ईमू का वजन 45 से 50 किलो होता है और इसका माँस एक हजार रुपए प्रति किलो बिकता है। एक व्यस्क ईमू की कीमत 50 हजार रुपए से भी अधिक और तीन माह के छोटे ईमू की 10 हजार रुपए है।

pankaj bedrdi
15-02-2011, 03:51 PM
*चर्बी का कमाल : अंडा और माँस ही नहीं ईमू की चर्बी भी बहुत कीमती और गुणकारी होती है। ईमू की चर्बी से 4 से 6 लीटर तेल निकलता है। इसका तेल लगभग 45 सौ रुपए प्रति लीटर बिकता है। फर्मास्यूटिकल्स कंपनी दवा बनाने में इसका इस्तेमाल करती है। इसके अलावा फैशन इंडस्ट्री में भी ईमू के तेल की माँग बहुत ज्यादा है। त्वचा और नाखून को सुन्दर बनाने वाले उत्पाद में भी इसके तेल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके तेल कई बीमारियों के दर्दों से राहत दिलाता है।

इतना ही नहीं इसकी स्किन (लेदर) बहुत ही मुलायम होती है। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय लेदर बाजार में इसकी बहुत माँग है। इसके लेदर से जूते, पर्स, बैग, जैकेट, बेल्ट आदि बनाए जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय लेदर ब्रांडों में इसी के लेदर का इस्तेमाल किया जाता है जो काफी मँहगा होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक ईमू से करीब 8 वर्ग फीट लेदर निकाला जा सकता है।

pankaj bedrdi
15-02-2011, 03:52 PM
*पंख का कमाल : इमू के पंखों से फैदर बनता है। वहीं इसकी खाल अच्छी किस्म के महँगे लेदर के तौर पर काम आती है। ईमू के पंख की माँग भी बहुत ज्यादा है। खासकर फैशन, आर्ट एवं क्राफ्ट इंडस्ट्री में। इसके पंख से डस्टर पैड, पंखा, मास्क्स, तकिया, ब्लेजर, ज्वेलरी और क्रॉफ्ट का सामान बनाया जाता है। इस तरह ईमू के मरने के बाद उसके हर अंग को बेचकर पैसा कमाया जाता है।

Sikandar_Khan
15-02-2011, 04:22 PM
लंदन।। लगता है बेवफाई ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर शेन वॉर्न की फितरत में है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हॉलिवुड स्टार लिज हर्ले से अफेयर के दौरान भी वॉर्न लंदन में रहने वाली एक पोर्न स्टार के साथ हमबिस्तर हुए और उसे कई सेक्सी एसएमएस भी भेजे।

ब्रिटिश टैब्लॉइड ' संडे मिरर ' की रिपोर्ट के मुताबिक, वॉर्न 26 साल की क्लोये कॉनरैड के साथ लंदन के बेंटले होटल के उसी स्वीट में हमबिस्तर हुए जिसमें वह हर्ले के साथ दो रात रुके थे। वॉर्न और कॉनरैड एक कॉमन फ्रेंड के जरिए एक-दूसरे से मिले थे और फिर काफी करीब आए। रिपोर्ट के मुताबिक हर्ले और वॉर्न का अफेयर परवान चढ़ रहा था और दूसरी तरफ ऑसट्रेलियाई क्रिकेटर कॉनरैड को उत्तेजक मेसेज भी भेज रहे थे।

कॉरनैड ने ब्रिटिश टैब्लॉइड से कहा, ' अगर लिज हर्ले सोचती हैं कि वॉर्न बदल गए हैं तो वह उनकी भूल है। जिस रात वह बेंटले में हर्ले के साथ थे मुझे भी एसएमएस कर रहे थे। मैंने कभी नहीं सोचा कि वॉर्न की जिंदगी में मैं अकेली औरत हूं। सब जानते हैं कि सेटल होने के लिए शेन वॉर्न आइडियल मर्द नहीं है। लिज मुझसे उम्र में काफी बड़ी हैं और उन्हें मुझसे काफी समझदार भी होना चाहिए। '

Sikandar_Khan
15-02-2011, 04:26 PM
इंग्लैंड के साउथ वेल्स में एक लड़की के लिए उसका पहली किस उसकी मौत बन गया। 18 साल की जेमा बेंजामिन अपने बॉयफ्रेंड को किस करने के कुछ ही देर बाद मर गई। जेमा अपनी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले डेनियल रॉस (21) के साथ रात में घूमकर उसके घर गई थी। डेनियल ने बताया कि वह खाने के बाद जेमा को लेकर अपने घर गया था। घर आकर उन्होंने एक दूसरे को किस किया, फिर लिविंग रूम में आकर सोफे पर बैठे।

जैसे ही जेमा सोफे पर बैठी उसकी पलकें बंद होने लगीं। वह झुकने लगी और उसके मुंह से झाग आने लगे। वह नीचे गिर गई। डेनियल ने उसे बचाने की बहुत कोशिश की। उसने उसकी मां को फोन किया और एम्बुलेंस भी बुलाई लेकिन जेमा नहीं बच पाई। जांच के बाद पता चला कि उसकी मौत का कारण सडन एडल्ट डेथ सिंड्रोम (सेड्स) था। इस बीमारी से ब्रिटेन में हर साल 500 लोगों की मौत होती है।

डेनियल ने पुलिस को बताया कि वे एक दूसरे को पिछले 3 महीनों से जानते थे, लेकिन पहली बार एक दूसरे को किस किया था। उसने कहा कि हमारे बीच कोई सेक्स रिलेशनशिप नहीं थी। जेमा के पिता डेल ने कहा कि हम सोचते थे कि डेनियल और जेमा सिर्फ दोस्त हैं। जेमा बहुत शर्मिली लड़की थी।

Sikandar_Khan
15-02-2011, 04:28 PM
चुनाव के बाद भी लंबे समय से सरकार न बन पाने से बेल्जियम की एक सांसद ने सरकार बनाने का बड़ा ही अजीबोगरीब तरीका सुझाया है। सांसद मारलीन टिमरमैन ने नेताओं के लाइफ पार्टनर्स को सलाह दी है कि वे तब तक यौन संबंध न बनाएं जब तक नई सरकार नहीं बन जाती।

एक बेल्जियन अखबार में उन्होंने लिखा है मैं सभी नेताओं के लाइफ पार्टनर्स से अपील करती हूं कि वह तब तक सेक्स न करें, जब तक सरकार बनाने के बारे में कोई समझौता न हो जाए। उन्होंने बताया कि कीनिया में भी इसी तरह का राजनीतिक संकट 'सेक्स बैन' मुहिम के बाद दूर हुआ था।

अभी चुनाव के बाद लंबे समय तक सरकार न बना पाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड इराक के नाम है और अगर बेल्जियम में एक हफ्ते तक सरकार नहीं बनती तो यह रिकॉर्ड उसके नाम हो जाएगा। बेल्जियम में जून में चुनाव हुए थे, लेकिन अभी तक सरकार नहीं बन पाई है।

Sikandar_Khan
15-02-2011, 04:29 PM
लंदन।। भारत के मशहूर संगीतकार और ऑस्कर अवॉर्ड विजेता ए. आर. रहमान के लिए यह साल सौभाग्यशाली साबित नहीं हो रहा है। गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड गंवाने के बाद अब रहमान 'ब्रिटिश एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलिविजन आर्ट्स' (बाफ्टा) अवॉर्ड से भी चूक गए हैं। वहीं 'द किंग्स स्पीच' को सबसे ज्यादा, सात बाफ्टा अवॉर्ड्स मिले हैं।

' द किंग्स स्पीच' को सर्वश्रेष्ठ मूल संगीत का भी अवॉर्ड मिला है। इस श्रेणी में इस फिल्म ने रहमान के संगीत में बनी '127 ऑवर्स' को मात दी है।

यहां रविवार की रात आयोजित एक भव्य समारोह में ब्रिटिश सम्राट पर आधारित फिल्म 'द किंग्स स्पीच' को सर्वश्रेष्ठ ब्रिटिश फिल्म, मूल पटकथा, सर्वश्रेष्ठ ऐक्टर (कोलिन फर्थ), सर्वश्रेष्ठ सहायक ऐक्टर(जियोफ्री रश), सर्वश्रेष्ठ सहायक ऐक्ट्रेस (हेलेना बोनहैम कार्टर) और सर्वश्रेष्ठ मूल संगीत (ऐलेक्जेंद्र डेसप्लेट) का अवॉर्ड मिला है। वैसे इस फिल्म का 14 श्रेणियों में नामांकन हुआ था।

रहमान को फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के लिए 2009 में बाफ्टा अवॉर्ड मिला था, लेकिन इस बार वह अपनी जगह नहीं बना सके। अब केवल ऑस्कर अवॉर्ड्स से ही उनकी उम्मीदें जुड़ी हैं।

रहमान का 83वें ऑस्कर अवॉर्ड्स की दो श्रेणियों में नामांकन हुआ है। फिल्म '127 ऑवर्स' के लिए सर्वश्रेष्ठ 'ऑरिजनल स्कोर' व इसी फिल्म के 'इफ आई राइज' गीत के लिए सर्वश्रेष्ठ मूल गीत की श्रेणी में उनका नामांकन हुआ है।

बाफ्टा अवॉर्ड्स में क्रिस्टोफर नोलन की 'इंसेप्शन' और डेविड फिंचर की 'द सोशल नेटवर्क' में से प्रत्येक को तीन-तीन अवॉर्ड्स मिले। 'इंसेप्शन' को सर्वश्रेष्ठ विज्युल इफेक्ट्स, सर्वश्रेष्ठ ध्वनि व सर्वश्रेष्ठ निर्माण डिजाइन का अवॉर्ड मिला। 'द सोशल नेटवर्क' को सर्वश्रेष्ठ डायरेक्टर, सर्वश्रेष्ठ रूपांतरित पटकथा और सर्वश्रेष्ठ एडिटिंग श्रेणियों में पुरस्कार मिले।

नटाली पोर्टमैन को 'ब्लैक स्वान' के लिए सर्वश्रेष्ठ ऐक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला। ब्रिटिश सिनेमा को अभूतपूर्व योगदान का स्पेशल अवॉर्ड 'हैरी पॉटर' सीरीज को मिला। 'टॉय स्टोरी 3' को सर्वश्रेष्ठ एनिमेशन फिल्म का अवॉर्ड मिला।

Sikandar_Khan
15-02-2011, 04:35 PM
पराग दवे और अविनाश नायर ।। अहमदाबाद
देश के जाने-माने बिजनेस स्कूलों के छात्रों पर इस साल पैसे की झमाझम बारिश होने वाली है। कंपनियां इस बार ज्यादा ग्रैजुएट्स को एक करोड़ से ज्यादा सैलरी ऑफर कर सकती हैं। हालांकि, इसका मोटा हिस्सा वेरिएबल पे के रूप में होगा। इंडियन इकॉनमी की जोरदार ग्रोथ की संभावना और पश्चिमी दुनिया की सुधरती अर्थव्यवस्था के चलते ज्यादा कारोबारी सौदे हो सकते हैं, जिससे किसी निवेश बैंकर, पीई असोसिएट या आईटी प्रफेशनल को अपनी सैलरी में दर्ज पूरी वेरिएबल पे या उससे ज्यादा रकम हासिल करने का मौका मिल सकता है।

दिल्ली की एग्जेक्युटिव सर्च फर्म ग्लोबलहंट के डायरेक्टर सुनील गोयल ने कहा, 'इस बात की पूरी संभावना है कि आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूलों में एक करोड़ रुपए से ज्यादा के कई सैलरी पैकेज ऑफर किए जाएंगे। कंपनियां हर एक को तो इतनी रकम देंगी नहीं। जिसमें प्रतिभा होगी, उसे ही अच्छी सैलरी मिलेगी।'

सिटी बैंक, यूबीएस, जेपी मॉर्गन, मॉगर्न स्टैनली और क्रेडिट सुइस जैसे निवेश बैंक 40-70 लाख रुपए का पैकेज देते रहे हैं। एक करोड़ रुपए से ज्यादा के ज्यादातर पैकेज में वेरिएबल पे का हिस्सा अहम होगा। मंदी के दौरान कर्मचारियों पर लागत घटाने के लिए कंपनियों ने वेरिएबल पे का सहारा लिया था। वेरिएबल पे तब बढ़ाई जाती है, जब कंपनियां अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए अपनी लागत के तय हिस्से पर काबू पाना चाहती हैं।

गोयल ने कहा, 'कॉस्ट टू कंपनी का बुनियादी फलसफा बदल रहा है। आज वेरिएबल पे का स्तर ज्यादा रखा जा रहा है। बैंकिंग और फाइनैंस जैसे तेज ग्रोथ वाले सेक्टरों में वेरिएबल पे सीटीसी के 60 फीसदी तक जा सकती है, जो मंदी के पहले महज 20-30 फीसदी थी। हालांकि, ऐसा कुछ ही मामलों में होगा।'

आईआईएम सूत्रों ने बताया कि 5-6 छात्रों को पिछले साल एक करोड़ रुपए से ज्यादा का सैलरी पैकेज ऑफर किया गया था। इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 10-12 हो सकता है। एसएंडएस असोसिएट्स के डायरेक्टर संजीत पॉल सिंह ने कहा कि विलय और अधिग्रहण का बाजार आकर्षक दिख रहा है, जिससे आईआईएम के ग्रैजुएट्स को फायदा होगा। निवेश बैंक ऐसी ज्यादातर डील लपक लेते हैं और प्रदर्शन आधारित वेतन पर वे कभी भी कोई सीमा नहीं लगाते हैं। उन्होंने कहा, 'इससे युवा ग्रैजुएट्स को इस बढ़िया साल में 100 फीसदी से ज्यादा वेरिएबल पे हासिल करने का मौका मिलेगा।'

साल 2010 में भारत में 1.22 अरब डॉलर का पटनी-आईगेट सौदा, 3.7 अरब डॉलर का पिरामल हेल्थकेयर-एबॉट सौदा, 72.6 करोड़ डॉलर का पारस-रेकिट सौदा और 10.7 अरब डॉलर का भारती-जैन सौदा जैसी कुछ बड़ी एमएंडए डील को अंजाम दिया गया।

वडोदरा की शाह संजीव एंड असोसिएट्स के संजीव शाह ने कहा, 'साल 2009 में भारत में एमएंडए बाजार महज 20 अरब डॉलर का था, जो 2010 में 800 सौदों के साथ 80 अरब डॉलर का हो गया।'

आईआईएम-अहमदाबाद में कैंपस रिक्रूटमेंट शुरू हो गया है और बाकी आईआईएम में भी अगले महीने यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हालांकि, कंपनियां उन छात्रों को प्री-प्लेसमेंट ऑफर (पीपीओ) दे चुकी हैं, जिन्होंने उनके साथ इंटर्नशिप की थी। आईआईएम-ए में इस साल पीपीओ 60 से बढ़कर 80 और आईआईएम-बंगलुरु में 70 से बढ़कर 73 हो गए हैं।

ग्लोबलहंट के गोयल ने कहा, 'वेरिएबल पे खासतौर से उन कंपनियों में ज्यादा होता है, जिनमें कर्मचारियों को उपभोक्ताओं से सीधे डील करनी होती है।' एसएंडएस असोसिएट्स के संजीत पॉल सिंह ने कहा, 'हमने जाने-माने निवेश बैंकों के लिए अच्छी डील हासिल करने वाले कर्मचारियों को 300 फीसदी तक वेरिएबल पे पाते देखा है। आने वाले सालों में निवेश बैंकों की राह अच्छी दिख रही है, लिहाजा वे बड़ी संख्या में नौकरियां भी देंगे। वेरिएबल पे कुल सीटीसी के 40 फीसदी तक जा सकती है। सैलरी में 20 फीसदी इजाफा होने की उम्मीद है, लेकिन विदेश में कार्यरत बेहतर कर्मचारियों को एक करोड़ रुपए से ज्यादा का पैकेज मिल सकता है।

Sikandar_Khan
15-02-2011, 04:38 PM
मुंबई।। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ( सेबी ) इनसाइडर ट्रेडिंग के एक मामले में देश की सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) पर भारी-भरकम जुर्माना लगा सकता है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया है कि अगर सेबी को रिलायंस के इनसाइडर ट्रेडिंग में शामिल होने का पुख्ता सबूत मिल जाता है तो कंपनी को भारी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) पर 25 करोड़ रुपए या इनसाइडर ट्रेडिंग से हुए मुनाफे की तीन गुनी रकम, दोनों में से जो ज्यादा होगा वह जुर्माने के रूप में लगाया जा सकता है। आरआईएल को रिलायंस पेट्रोलियम के शेयर बेचने से 500 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। इस हिसाब से कंपनी पर लगने वाला संभावित जुर्माना 1,500 करोड़ रुपए हो सकता है। यह रकम गोदरेज कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स लिमिटेड के कारोबार (वित्त वर्ष 2009-10 में 1,267.88 करोड़ रुपए) से कुछ ज्यादा है।

इस मामले पर सेबी के रुख की जानकारी रखने वाले व्यक्ति ने बताया कि मुनाफा की रकम बहुत बड़ी होने की वजह से कंपनी पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। इस बारे में पूछे जाने पर सेबी के अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। आरआईएल बाजार नियामक सेबी के साथ इस मामले को बातचीत या कंसेंट ऑर्डर (सहमति पत्र) के जरिए निपटाने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली है।

सेबी ने अब तक आरआईएल के दो प्रस्ताव खारिज कर दिए हैं, क्योंकि कंपनी जुर्माने के तौर पर बहुत कम रकम चुकाना चाहती थी। शेयर बाजार के नियमों के उल्लंघन के आरोप का सामना करने वाला कोई व्यक्ति या कंपनी कंसेंट ऑर्डर के तहत दोष स्वीकार या इनकार किए बगैर कंसेंट फीस भर कर अपने खिलाफ चल रही प्रक्रिया खत्म कर सकता है।

आरआईएल और सेबी के बीच कंसेंट फीस को लेकर सहमति नहीं बन पाई। नतीजतन, एकबार फिर आरआईएल पर जुर्माना लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि आरआईएल के कंसेंट आवेदन के साथ आने पर यह प्रक्रिया तक टाल दी गई थी, लेकिन अब प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाएगी। हालांकि, अभी तक इस बात को लेकर कोई निश्चितता नहीं है कि कंपनी पर अंतत: इतनी बड़ी रकम जुर्माने के तौर पर लगाई जाएगी या नहीं। आमतौर पर इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप में कुछ लाख से लेकर 2 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगता है।

आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी और उनके कुछ सहयोगी अधिकारियों को पिछले साल रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में सेबी को 50 करोड़ रुपए चुकाना पड़ा था। लेकिन भारतीय पूंजी बाजार के इतिहास में सबसे बड़े इस भुगतान को जुर्माना के दायरे में शामिल नहीं किया जा सकता, क्योंकि अनिल अंबानी ने यह रकम कंसेंट फीस के तौर चुकाई थी, जिसमें उन्होंने न तो अपनी गलती मानी थी और न ही उससे इनकार किया था। इनसाइडर ट्रेडिंग करने के आरोप में सेबी कंपनी और दूसरे अधिकारियों पर कई तरह की पाबंदी भी लगा सकता है, जिसमें शेयर बाजार में खरीद-फरोख्त पर पाबंदी भी शामिल होगा।

Sikandar_Khan
15-02-2011, 04:42 PM
नई दिल्ली।। घरेलू शेयर बाजार में पिछले कुछ महीने से आ रही गिरावट के पीछे गड़बडि़यों के अंदेशे को भांपकर बाजार नियामक संस्था सेबी कम से कम 25 इकाइयों की जांच कर रहा है। इसमें ब्रोकरेज फर्में, विदेशी संस्थागत निवेश और म्यूचुअल फंड्स शामिल हैं।

सूत्रों का कहना है कि शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि शेयर बाजार में कम से कम तीन बियर काटेर्ल कम कर रहे हैं, और सेबी ने एक्सचेंजों और बाजार की इकाइयों से पिछले तीन महीने में सबसे अधिक प्रभावित शेयरों के ट्रेडिंग पैटर्न के बारे में सूचना हासिल करने का निर्णय लिया है।

बियर कार्टेल्स (मंदडि़यों का समूह) ऐसे मार्केट मैन्युपटेलर्स का समूह होता है, जो आपस में मिलकर कुछ खास शेयरों को गिराने का काम करते हैं। यह काम वे या तो खुद उन शेयरों को कम दाम पर खरीदने के लिए करते हैं या किसी कंपनी के व्यावसायिक प्रतिद्वंद्वियों के इशारे पर करते हैं। ऐसा संदेह है कि इन काटेर्ल्स ने मिलकर या अलग-अलग पिछले कुछ महीने में 100 से ज्यादा कंपनियों के शेयरों को नीचे लाने का काम किया है, इसमें ब्लू चिप कंपनियां भी शामिल हैं।

मंदडि़यों की गुटबाजी का शिकार हुई ज्यादातर कंपनियों में मिड कैप और स्मॉल कैप सेगमेंट की कंपनियां हैं। 5 नवंबर को 21,004 अंकों की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंचने के बाद से बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स अब तक 3,000 अंक या 15 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। इस गिरावट के चलते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध सभी शेयरों की कुल मार्केट वैल्यू करीब 15 लाख करोड़ रुपए तक घट चुकी है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बीएसई के 30 शेयरों के अलावा बाकी के सूचीबद्ध शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली। इसमें मिड कैप और स्मॉल कैप सेगमेंट के शेयर शामिल थे।

सूत्रों के मुताबिक, सेबी को संदेह है कि इन बियर काटेर्ल्स में 25 से ज्यादा इकाइयां हो सकती हैं। इनमें इंडीविजुअल ब्रोकर, ब्रोकरेज फर्मों से जुड़े लोग, विदेशी संस्थागत निवेशक और घरेलू म्यूचुअल फंड्स शामिल हो सकते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच के दायरे में कुछ ब्रोकरेज कंपनियां, एफआईआई, म्यूचुअल फंड और इन कंपनियों के कुछ कर्मचारी हैं। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम बताने से इनकार किया। सेबी को गड़बड़ी का संदेह उस समय हुआ जबकि इसने अपने इन हाउस डीडब्ल्यूबीआईएस(डाटा वेयरहाउसिंग एंड बिजनेस इंटेलीजेंस सिस्टम) सॉफ्टवेयर के विश्लेषण के समय संभावित अनियमितताओं को नोटिस किया। अनिल अंबानी समूह समेत कुछ कंपनियों के प्रमोटरों द्वारा उनके शेयरों में गिरावट के पीछे साजिश की शिकायत से भी बियर कार्टेल्स की साठगांठ को लेकर बाजार नियामक का संदेह बढ़ा है।

pankaj bedrdi
15-02-2011, 04:51 PM
बहुत अच्छा दोस्त

ABHAY
15-02-2011, 06:16 PM
मृत्यु के बाद….

मृत्यु के बाद इस धरा के अधिकतर लोग आज इस भ्रम में है कि मृत्यु के बाद सब कुछ समाप्त हो जाता है और मृत्यु बहुत कष्टप्रद स्थिति हैं l या फिर मृत्यु के बाद समान्य जनों को नरक की आग में झुलसना पड़ता है अथवा विशिष्ठ लोगो को स्वर्ग में अप्सराये मिलती हैं l

जबकि वास्तविकता इसके बिलकुल विपरीत है और अब यह प्रमाणित हो चूका है कि मृत्यु एक घटना मात्र है तथा परलोक जीवन अत्यंत सुखकर है l नरक नाम की कोई चीज नहीं होती l परलोक में आप हर प्रकार की तृष्णाओं, कष्टों ओत बिमारियों तथा यहाँ तक कि बुढ़ापे कि लानत तक से मुक्त हो जाते है और पूर्णतय: युवास्था तथा पूर्ण स्वस्थ हो कर जीवन का हर सुख प्राप्त कर सकते हैं l

ABHAY
15-02-2011, 06:16 PM
* कहते हैं कि शरीर नश्वर हैं l मृत्यु के बाद सब कुछ समाप्त हो जाता है l
* यह भी कहा जाता है कि मृत्यु बहुत कष्ट देने वाली होती हैं l
* ऐसी मान्यता हैं कि गंदे लोगो को मृत्यु के बाद नरक की भयंकर यातनाएं मिलती हैं l
* ….तथा जो अच्छे हैं, उन्हें स्वर्ग मिलता हैं जहाँ अफ्सराए होती हैं l

परन्तु….?

* सच्चाई यह नहीं हैं l यह अच्छी तरह सिद्ध हो गया है कि मृत्यु महज एक हादसा हैं l
* मृत्यु के बाद परलोग का जीवन सुखदाई होता हैं l नरक कहीं भी नहीं हैं l
* सच्चाई तो यह है कि परलोक में सभी बिमारियों और बुढ़ापे के कष्टों से पार पा लेते हैं l वहां पर सभी स्वस्थ और खुश रहते है l

ABHAY
15-02-2011, 06:18 PM
भिन्न-भिन्न धर्मों एवं सम्प्रदायों में मरने के बाद जीवन के बारे में कुछ परस्पर विरोधी धारणाये प्रचलित हैं, अतएव इस सम्बन्ध पर आज इस दुनिया में एक बहुत बड़ी भ्रान्ति छाई हुई हैं l परिणाम स्वरूप आज का विचारशील मानव जड़वाद कि छत्रछाया में इस सुलभ और सहज धारणा को अपना बैठा हैं कि मृत्यु के बाद उसका कुछ भी रह नहीं जाता l

परन्तु प्रकृति का नियम विश्व्यापी हैं, उसमे अपवाद के लिए कोई स्थान नहीं है l वह सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को अपने भीतर समेटे हुए हैं l अत: मानव की जीवात्मा, जो इस सृष्टि की एक उच्चतम देन है l कैसे उसके विधान से मुक्त रह हो सकती हैं..? क्या उसकी श्रृंखला सिर्फ एक जीवन तक ही सीमित हैं ? भाग्यवश प्राचीन समय में प्रत्येक जाति के पूर्वज इन नियमो से अच्छी तरह से परिचित थे और यहीं कारण था की वो अपने आप को अपने जीवन काल में ही उसके अनुरूप ढाल लेते थे l भारत में वानप्रस्थ और सन्यास जीवन की परिपाटी कदाचित उन नियमो के प्रति जागरूक होने के प्रमाण है, क्योंकि यहीं वह रास्ता है l जिसके अंतर्गत परलौकिक जीवन में विकास अवश्यम्भावी हो जाता हैं l

हम जिन प्राचीन मूल्यों/ परम्पराओं को भूल चुके थे, उनको अपनाने में पिछले सौ साल में बहुत महतवपूर्ण प्रगति हुई है l साइंसदानो ने इस क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया हैं l उन्होंने परलोक और मरणोपरांत जीवन के नियमो पर, जो जनसाधारण की जानकारी से बाहर हो चुके थे, प्रभावशाली ढंग से प्रकाश डाला हैं l दुसरे शब्दों में, मृत्यु और परलौकिक जीवन का रहस्य, जो अब तक एक अनिश्चित और भयमिश्रित अज्ञान के पर्दे में छिपा हुआ था, उसकी वास्तविक प्रतिमा का सत्य के पुजारियों और जिज्ञासुजनों की सूचनार्थ वैज्ञानिक ढंग से अनावरण किया हैं l

इस रहस्योंदघाटन के फलस्वरूप जीवन और मृत्यु के बीच जो एक दिवार मौजूद थी और उनको एक विरोधी वर्ग की संज्ञा दे रखी थी वो अब नहीं रह गयी है l ब्रह्मज्ञान के दिव्यप्रकाश में अब यह तथ्य सामने आया है की मानवीय जीवात्मा के लिए मृत्यु का कोई अस्तित्व नहीं है l मृत्यु दुसरे शब्दों में, ऊपर के नश्वर आवरण को त्यागने का नाम है l प्रत्येक शरीर की मृत्यु के उपरांत जीवन अपने असली तत्व के समीप जाता हैं l जो ऊँचे और

ABHAY
15-02-2011, 06:22 PM
आत्मानुभूति के लोग हैं l उनको मृत्यु कोई भय उपस्थित नहीं करती, तदापि उनके लिए विकास और विभुतिमय जीवन का द्वार खोलती हैं l और जो नीच और दुष्ट प्रकृति वाले हैं उनको कुछ मानसिक वेदना के माध्यम से पवित्र और ऊँचा उठाने के साधन उपलब्ध कराती है, ताकि उनका भावी जीवन विकास के मार्ग का अनुसरण करने में समर्थवान बन सके l मृत्यु इस अर्थ में अभिशाप नहीं वरदान ही हैं l

आज की दुनिया में हमको जो अशांति, दुःख और संताप दिखाई देते हैं वो केवल जड़वाद की देन हैं क्योंकि अज्ञान के अंधकार में आज के मानव को ना सच्चाई दृष्ठिगोचर होती हैं l ना उसे जीवन का वास्तविक लक्ष्य दिखाई देता हैं और ना ही उसे सम्पूर्ण मानवीय संरचना का रत्ती भर भान हैं l में पूर्ण विश्वास से कह सकता हूँ कि इस लेख के अध्ययन से एक नए दृष्टिकोण का होना संभव हैं l क्योंकि ऐसे दृष्टिकोण के सूत्रपात से ही किसी के ह्रदय में साधना के प्रति संकल्प बनते है और फिर ऐसे भाग्यशाली अपने विकास को सक्रिय रूप से अपने हाथो से लेकर और जो सुधाये उन्हें अपने व्यक्तिगत जीवन में उपलब्ध होती हैं l उनका पूर्ण लाभ उठाते हुए अपने लोक और परलोक दोनों का भविष्य उज्जवल बना सकते हैं l

ABHAY
15-02-2011, 06:25 PM
दुनिया के पचास प्रतिशत आज इस धारणा को अपनाये बैठे हुए हैं कि मरने के बाद मनुष्य का कुछ भी बाकी नहीं रहता और भविष्य के अज्ञान अन्धकार में विलीन हो जाता हैं l ऐसी धारणा पाश्चात्य देशो में अधिक फैली हुई हैं l पच्चीस प्रतिशत लोग आवागमन में शिथिल विश्वास लिए हुए हैं, क्योंकि उनका सम्बन्ध अधिकतर हिन्दू और बौद्ध धर्म से हैं परन्तु परलोक का उनकी धारणा में भी कोई स्थान नहीं हैं l कुछ ऐसा भी सोच कर बैठे हैं कि इस हाँथ मरोगे और उस हाँथ नया जन्म तैयार मिलेगा l शेष पच्चीस प्रतिशत व्यक्तियों में वे लोग प्रमुख हैं जो धर्मान्धता के शिकार हैं, क्योंकि उन्हें बताया गया हैं कि मरने के बाद मनुष्य अनिश्चित काल में कब्र में सोता रहता है l हजारो में से एक मनुष्य ऐसा मिलेगा जो आधुनिक अनुसंधान में विश्वास रखता हों और मृत्यु और परलोक का वास्तविकता को कुछ हद तक समझता हो l परलोक और परलौकिक जीवन एक सच्चाई हैं l परन्तु उस सच्चाई को समझने के लिए मेरा अपने पाठको से अनुरोध हैं कि उनको रूढ़ीवाद से ऊँचा उठाना होगा l

ABHAY
15-02-2011, 06:47 PM
दुनिया का सबसे बड़ा खुलासा …… क्या मृत्यु एक पहेली हैं मृत्यु के बाद….

आज कम्पुटर के युग में जबकि मनुष्य विज्ञान के सहारे चाँद पर उतरने में सफल हो गया कदाचित जब से दुनिया बनी हैं उसने अब पहली बार स्थिति से भौतिक शरीर के साथ उड़कर चांदनी की बारिश करने वाले चाँद जैसे नक्षत्र में जाकर उसका रहस्योंदघाटन किया हैं पर क्या कारण हैं कि एक बात जो सबके जीवन में घटती है जो सदा के लिए मनुष्य के प्यारे सगे सम्बन्धियों को छिनकर एक अज्ञात अँधेरे में धकेल देती हैं ऐसी वे मृत्यु क्यों इस विज्ञान के युग में अभी तक एक पहेली बनी हुई हैं l

मृत्यु के बाद मनुष्य का कुछ बाकी रहता हैं या नहीं यदि रहता हैं तो किस अवस्था में और कहाँ रहता हैं ..? परलोक किसे कहते हैं और वह कहाँ हैं ….? क्या हम अपने मृत्युग्रस्त ईष्टमिर्त्रों तथा सम्बन्धियों से भी मिल सकते हैं अथवा सब कुछ समाप्त हो जाता हैं ये कई बहुत महतवपूर्ण प्रशन हैं l

यह कहना सर्वथा अनुचित होगा कि इन प्रश्नों के उत्तर आज के मानव को प्राप्त नहीं हुए हैं मरणोपरांत जीवन अब कोई रहस्य नहीं रहा हैं परन्तु सबसे विचित्र बात जो इस दिशा में हुई हैं वह यह हैं कि इस समबन्ध में पूर्ण तथ्यों की जानकारी होने पर भी यह ज्ञान सर्वग्राही नहीं बन सका हैं और मृत्यु और मरणोपरांत जीवन औसत दर्जे के मनुष्य के लिए अब भी पहेली ही बने हुए हैं l

इस विरोधाभास का मुख्या कारण यह हैं कि इस दिशा में जो प्रगति हुई हैं उसका माध्यम इन्द्र्यजनित ज्ञान नहीं है जिन महानुभावों को इस ज्ञान कि उपलब्धि हुई है या तो वह उच्चकोटि के महात्मा है जो समाधि कि अवस्था मे उन्च्चे लोको से सम्पर्क स्थापित करने मे समर्थ रहे है, अथवा वे लोग है जो किसी विशेष परिस्थिति मे मृत्तात्माओं के सम्पर्क में आये इस ज्ञान कि अनुभूति साधारण मनुष्य की पहुँच से सदैव बाहर रही हैं और यहीं कारण हैं की विज्ञान के इस युग में यह सर्वग्राही न ना बन सकी l

ABHAY
15-02-2011, 06:50 PM
वैज्ञानिको का सदा यह दृष्टिकोण रहा हैं जिस वास्तु को हम छु नहीं सकते अथवा देखने और सुनने में हमारी पहुँच से बाहर हैं उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए परन्तु नेत्रहीन यदि प्रकृति की छठा नहीं देख सकता तो, उसका अर्थ तो नहीं होता कि प्रकृति सौंदर्यहीन हैं…..? नैत्रवाले तो इसको आत्मविभोर हो ही जाते हैं l

मनुष्य की जो पांच ज्ञानेन्द्रिया हैं, जिनके द्वारा वह देखता हैं, सुनता हैं, सूंघता हैं और स्पर्श करता हैं वह बहुत सीमित हैं और शिथिल भी हैं उनसे कहीं अधिक तो यह शक्तियां बहुत से पशुओं को प्राप्त हैं जैसे चींटी और कुत्ते में सूघने की (घ्राण) इन्द्रिय अति तीव्र होती हैं l चींटी अपनी नाक द्वारा मीठी वस्तु या चीनी को उसकी गंध से ढूंढ़ लेती हैं l कुत्ता, जो विशेषकर (ब्लड हाउंड) की जाती की जाती का होता हैं मनुष्य के पहने हुए कपडे की गंध के सहारे एक या दो मिल के दायरे में यदि वह व्यक्ति हो तो उसे पकड़ लेता हैं ऐसे कुत्तो का उपयोग विशेष स्थानों में अपराधियों को पकड़ने में अब पुलिस भी करने लगी हैं चील पक्षी में देखने की क्षमता बड़ी तीव्र होती हैं और वह लगभग एक मिल तक पड़े हुए शिकार को ढूंढ़ निकलती हैं बहुत से पशु ऐसे होते है विशेषकर कुत्ता बिल्ली और घोडा जो तूफान और भूचाल से होने वाली दुर्घटनाओं का पूर्वाभास पा लेते हैं अथवा उसे भी देख लेते हैं जिसे मनुष्य नहीं देख पाते l यदि यह पशु किसी मकान में बंधे हुए होते हैं तो दुर्घटना से एक या दो दिन पहले उस जगह से रस्सी तोड़कर भागते देखे गए हैं l इससे यह बात सिद्ध हो जाती हैं की अदृश्य जगत का वह हिस्सा, जिसमे किसी वस्तु या होने वाली दुर्घटना का प्रसार पहले से मौजूद होता हैं, पशुओं की अनुभूति में बहुत पहले आ जाता हैं l कुत्ते और बिल्ली तो विशेषकर ऐसे भुतहा मकान में नहीं ठहरते जहाँ प्रेत्तात्माओं का निवास होता हैं l ये उपर्युक्त अनुभूतियाँ मनुष्य की पहुँच से बाहर हैं l परन्तु जो अनुभूति मनुष्य की इन्द्रियों से परे हैं उसे यह कहना कि उसका कोई अस्तित्व नहीं है, बिलकुल ऐसी बात हैं जैसे बिल्ली को देखकर कबूतर आंख मीच लेता हैं और यह समझ लेता हैं l अथवा हो नहीं सकतीl

ABHAY
15-02-2011, 06:59 PM
अब से पचास साल पहले अणु को प्रक्रति का अंतिम अंश मन जाता था परन्तु एटम के इस ने युग ने वैज्ञानिको की इस धारणा को झूठा कर दिया और वह अब कहने लग गए हैं कि एटम अंतिम अंश नहीं हैं l इससे परे न्युट्रोंन और प्रोटौन जैसे सूक्ष्मतर अंश हैं और इसी स्तर का एलेक्ट्रोन उनके चारों तरफ घूमता हैं इन उपत्त्वों से युक्त एटम विध्वंस किया जाता हैं तब एक ऐसी भीषण शक्ति पैदा हो जाती हैं l जो क्षणों में आस पास के क्षेत्र कि पूरी सृष्टि को तहस-नहस कर देती हैं l परन्तु एटम और उससे सूक्ष्मतर पदार्थ ना देखे जा सकते हैं और ना ही छुए जा सकते हैं आज का विज्ञानवेत्ता जड़वादी होते हुए भी इन अदृस्य पदार्थो पर विश्वास करता हैं, क्योंकि इसी एटम ने दुसरे महायुद्ध में जापान के महानगरों का मिनटों में सफाया कर दिया दिया और जापान ने युद्ध में प्रगतिशील होते हुए भी घुटने टेक दिए थे इसी एटम शक्ति के विस्फोट का द्रश्य हमने अपने देश भारत में भी अपनी आँखों देख लिया हैं l

इस लेखो की श्रृंखलाबद्ध श्रेणी में जो तथ्य जीवन के सम्बन्ध में एकत्र किये हैं, वे अनुभवसिद्ध हैं उनका आधार कोई अन्धविश्वास नहीं हैं l पिछले सौ सालो से पाश्चात्य देशों में करीब पांच सौ संस्थाओं ने इस दिशा में भिन्न-भिन्न अंवेषण किये हैं और यह सब स्वतंत्र रूप से किये गए हैं इसके अतिरिक्त जिन महात्माओं को समाधिस्थ अवस्था में पारलोकिक जीवन का आभास हुआ हैं और जिन्होंने साधना द्वारा कुछ समय के लिए अपने भौतिक शरीर को त्यागकर परलोक सम्बन्धी ज्ञान की उपलब्धि की हैं अथवा दिव्यदृष्टि द्वारा परलोक का दिव्यदर्शन किया हैं उन सब के लेख इस सम्बन्ध में एक दुसरे से मेल खाते हैं एक बात इस सम्बन्ध में जो विशेष ध्यान देने योग्य है वह यह हैं की ऐसी जितनी भी मृत्तात्माये, जो मृत्यु के बाद सम्पर्क में आई उनकी अपने जीवन काल में मरणोपरांत जीवन के सम्बन्ध में कोई अपनी धरना नहीं थी और बहुधा उनका अपना विश्वास यहीं था की मरने के बाद मनुष्य का कुछ भी बाकी नहीं रहता और जिन व्यक्तियों से सम्पर्क उन्होंने इस लोक में किया उन सबकी भी कोई धरना नहीं थी ऐसी अवस्था में यदि सारे अन्वेषण एक ही प्रकार की कहानी कहते हैं तो तर्कशास्त्र के अनुसार उस पर संदेह नहीं किया जा सकताl

pankaj bedrdi
15-02-2011, 07:17 PM
bhut mast jankari abhay bhai

Sikandar_Khan
16-02-2011, 06:21 PM
यह दुनिया का सबसे पुराना वेडिंग केक है। इस वेडिंग केक को इंग्लैंड में 113 साल पहले बनाया गया था। इस शानदार केक को सन 1889 में बनाया गया था। यह अभी तक वैसे का वैसा ही है। उसमें बस एक छोटी सी दरार ही आई है जबकि उसने दूसरे विश्व युद्घ के दौरान दो बम धमाके भी सहे थे।

इतने साल पुराना होने के बाद इस केक के अंदर सिरिंज डालकर जांच की गई तो पता चला है कि यह फ्रूट केक अभी भी अंदर से बहुत गीला है। इस केक को हेम्पशर के बेसिंगस्टोक की एक फैमिली बेकरी की खिड़की में रखा गया था, जो 1964 में बंद हो चुकी है। इस केक को बनाने वाले बेकर की बेटी ने मरने से पहले इस केक को बेसिंगस्टोक के विलिस म्यूजियम को दान कर दिया था।

विलिस म्यूजियम की कर्मचारी मिसिज टेपलिस ने कहा कि हमें उम्मीद है कि यह केक अगले 113 साल तक ऐसा ही रहेगा।

Sikandar_Khan
16-02-2011, 06:25 PM
जमाना 21वीं सदी का है तो शादी का भी एक मॉडर्न अंदाज देखने को मिला है। ब्रिटेन के 66 साल के रोजर स्टीड को एक जमैकन लेस्बियन एल्सिया एवांस से प्यार हो गया, तो उन्होंने उससे शादी करने के लिए अपना सेक्स चेंज करा लिया। रोजर की इससे पहले तीन बार शादी हो चुकी है। वह अब रोजर स्टीड से मिस वाईब्रो बन गए हैं।

एल्सिया उम्र में उनसे 30 साल छोटी हैं। उनका एक बच्चा भी है। दोनों पहली बार इंटरनेट पर एक-दूसरे से मिले थे। कुछ दिनों बाद दोनों ने शादी का फैसला किया। रोजर ने कहा कि मैं बहुत दिनों तक पुरुष के रूप में रह चुका हूं, लेकिन इस दौरान मुझे कुछ कमी महसूस होती थी। शादी के रिसेप्सन में रोजर की तीसरी वाइफ, एक संतान और कुछ दोस्त भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि शादी के बाद जमैका में नहीं रहेंगे, क्योंकि वहां इसको बुरा माना जाता है।

pankaj bedrdi
16-02-2011, 06:26 PM
पहले वर्ल्ड कप में एक गजब की घटना घटी थी। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज डेनिस लिली की गेंद पर रॉय फ्रेडरिक्स ने शानदार छक्का लगाया, लेकिन वह आउट हो गए। छक्का लगाने के दौरान रॉय फ्रेडरिक्स हिट विकेट हो गए थे...

Sikandar_Khan
16-02-2011, 06:32 PM
न्यूजी लैंड के वेलिंगटन में एक रेडियो स्टेशन ने एक प्रतियोगिता आयोजित की है। यह है दुल्हन जीतो प्रतियोगिता और जीतने वाले को एक दुल्हन दी जाएगी। इस प्रतियोगिता की घोषणा के बाद वहां लोगों में नाराजगी फैल रही है। प्रतियोगिता में कहा गया है कि जीतने वाले को उक्रेन भेजा जाएगा। जहां विजेता को एजेंसी की तरफ से कई लड़कियों में से अपने लिए एक दुल्हन चुनने का मौका दिया जाएगा।

यह कॉन्टेस्ट मीडिया वर्क स्टेशन द रॉक ने आयोजित किया है। इसको देश भर में एक साथ प्रसारित किया जा रहा है। आयोजकों का कहना है कि वे विजेता को 12 रात रहने की जगह और दो हजार डॉलर (करीब 90 हजार रुपए) खर्च करने के लिए भी देंगे।

कहा जा रहा है कि इस प्रतियोगिता के बाद कमर्शल रेडियो को नया मंच मिलेगा। प्रतियोगिता का प्रमोशन 28 फरवरी को समाप्त हो जाएगा। पांच फाइनलिस्ट को साइकॉलजी टेस्ट, उनके दोस्तों और फैमिली मेंम्बर्स से बातचीत, कैरेक्टर जांच और अन्य जांच के बाद फाइनल में पहुंचाया जाएगा।

Sikandar_Khan
16-02-2011, 06:43 PM
ब्राजील में एक कंपनी का एग्जेक्यटिव डायरेक्टर था फ्रेडरिको फ्रीरे। वह अपने फोन वीडियो और स्टिल कैमरे से टॉयलेट में महिलाओं की फोटो खींच लेता था।

उसने यह हरकत 2,000 से भी ज्यादा महिलाओं के साथ की। इनमें से कुछ महिलाओं की अश्लील फोटो उसने पोर्नोग्रैफिक वेबसाइट्स पर भी डाल दी।

एक बार एक महिला कर्मचारी की नजर टॉयलेट में अचानक चमकी रेड लाइट पर पड़ी और जल्द ही उसे पता चल गया कि दरअसल यह एक गुप्त कैमरा है।

फ्रीरे के कारनामे का भंडाफोड़ हो गया। उसकी हरकतों का शिकार हुई महिलाओं ने उसे बर्खास्त करने की मांग जोरशोर से उठाई और आखिरकार उसकी छुट्टी हो गई।

6 पीड़ित महिलाओं ने रियो की जिला अदालत में फ्रीरे के खिलाफ केस कर दिया। अदालत ने उसे दोषी पाया और 6 महिलाओं को 14,778 डॉलर (करीब 72 लाख रुपए) का हर्जाना देने का आदेश दिया। यानी हर महिला को औसतन 12 लाख रुपए मिलेंगे।

इस हिसाब से यदि सभी 2000 महिलाओं ने दावा ठोंक दिया तो फ्रीरे को करीब 250 करोड़ रुपए का चूना लग सकता है। ठीक ही है, जैसी करनी वैसी भरनी!

Sikandar_Khan
17-02-2011, 11:07 AM
अपनी दो प्रेग्नेंसी के बाद फ्रांस की एक 30 साल महिला एनी का पेट काफी बढ़ गया था। बढ़े पेट को कम करवाने के लिए एना ने लियोन्स के कॉस्मेटिक सर्जन से संपर्क कर ऑपरेशन कर अपना बढ़ा पेट कम करवाने की बात कही।

अक्टूबर में सर्जन ने ऑपरेशन करके उसका पेट कम कर दिया। ऑपरेशन के कुछ ही दिन बाद एना ने पेट में दर्द और ऐठन की परेशानी होने लगी। पहले तो उसने समझा कि शायद ऑपरेशन के बाद कुछ दिन की ऐठन वगैरह है, ठीक हो जाएगी। खांसने के बाद तो दर्द असहनीय हो जाता था, बेहोशी छाने लगती थी।

फ्रांस की इस महिला के पेट में मरोड़ों के साथ दर्द भी अधिक रहने लगा, तो उसने सर्जन को कई बार दिखाया। लेकिन, उसे सर्जन ने हर बताया कि ऑपरेशन के बाद इस तरह का दर्द एक नॉर्मल प्रक्रिया है। अपने आप ठीक हो जाएगा। लेकिन, जब दर्द कई महीनों तक कम नहीं हुआ तो एना ने डॉक्टर से संपर्क किया।

एक दिन काफी खांसी के बाद एना ने देखा कि उसके पेट में नीचे की तरफ देखा कि उसकी नाभी के पास एक तेज धार वाली मेटल की चीज उभरी हुई है। एना का पति फौरन उसे अस्पताल ले गया। यहां उसके पेट का एक्सरे करवाया गया। एक्सरे से पता चला कि एना के पेट में चार इंच लंबा कैंची नुमा कुछ है।

एना के वकील जीन सैनर ने बताया कि डॉक्टरों को उसी वक्त अहसास हो गया कि ऑपरेशन के बाद गलती से एना के पेट में सर्जिकल कैंची छूट गई है। उसने बताया कि जब उस सर्जन से संपर्क किया गया, जिसने एना के पेट की कॉस्मेटिक सर्जरी की थी तो उस सर्जन का कहना था कि अभी समय नहीं है सोमवार तक इंतजार करो। उसका कहना था कि यह कोई बड़ी बात नहीं है, छोटा सा ऐक्सिडेंट ही तो है।

बहरहाल, एना का दूसरा ऑपरेशन करके उसके पेट से कैंची को निकाल दिया गया है। उसके वकील का कहना है कि अब वह इस मामले में अदालत की शरण में जाएंगे।

Bholu
18-02-2011, 07:08 AM
अपनी दो प्रेग्नेंसी के बाद फ्रांस की एक 30 साल महिला एनी का पेट काफी बढ़ गया था। बढ़े पेट को कम करवाने के लिए एना ने लियोन्स के कॉस्मेटिक सर्जन से संपर्क कर ऑपरेशन कर अपना बढ़ा पेट कम करवाने की बात कही।

अक्टूबर में सर्जन ने ऑपरेशन करके उसका पेट कम कर दिया। ऑपरेशन के कुछ ही दिन बाद एना ने पेट में दर्द और ऐठन की परेशानी होने लगी। पहले तो उसने समझा कि शायद ऑपरेशन के बाद कुछ दिन की ऐठन वगैरह है, ठीक हो जाएगी। खांसने के बाद तो दर्द असहनीय हो जाता था, बेहोशी छाने लगती थी।

फ्रांस की इस महिला के पेट में मरोड़ों के साथ दर्द भी अधिक रहने लगा, तो उसने सर्जन को कई बार दिखाया। लेकिन, उसे सर्जन ने हर बताया कि ऑपरेशन के बाद इस तरह का दर्द एक नॉर्मल प्रक्रिया है। अपने आप ठीक हो जाएगा। लेकिन, जब दर्द कई महीनों तक कम नहीं हुआ तो एना ने डॉक्टर से संपर्क किया।

एक दिन काफी खांसी के बाद एना ने देखा कि उसके पेट में नीचे की तरफ देखा कि उसकी नाभी के पास एक तेज धार वाली मेटल की चीज उभरी हुई है। एना का पति फौरन उसे अस्पताल ले गया। यहां उसके पेट का एक्सरे करवाया गया। एक्सरे से पता चला कि एना के पेट में चार इंच लंबा कैंची नुमा कुछ है।

एना के वकील जीन सैनर ने बताया कि डॉक्टरों को उसी वक्त अहसास हो गया कि ऑपरेशन के बाद गलती से एना के पेट में सर्जिकल कैंची छूट गई है। उसने बताया कि जब उस सर्जन से संपर्क किया गया, जिसने एना के पेट की कॉस्मेटिक सर्जरी की थी तो उस सर्जन का कहना था कि अभी समय नहीं है सोमवार तक इंतजार करो। उसका कहना था कि यह कोई बड़ी बात नहीं है, छोटा सा ऐक्सिडेंट ही तो है।

बहरहाल, एना का दूसरा ऑपरेशन करके उसके पेट से कैंची को निकाल दिया गया है। उसके वकील का कहना है कि अब वह इस मामले में अदालत की शरण में जाएंगे।

सिकन्दर भाई जिन्दाबाद

Sikandar_Khan
27-02-2011, 12:19 AM
पीटीआई ॥ लंदन
महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कमजोर मानने वालों को अपनी इस धारणा पर एक बार फिर सोचना चाहिए। एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना मंे अधिक प्रतिस्पर्धी और चालाक होती हैं, खासकर तब जब बात कड़े मुकाबले की हो।
रिसर्चरों ने स्टडी में पाया कि महिलाएं शारीरिक हिंसा करने के बजाय छुपी हुई आक्रामकता में भरोसा करती हैं। खासकर तब जब उन्हें लगता है कि किसी से उन्हें खतरा है। 'डेली एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्च के लिए कुछ लोगों को दो काल्पनिक पार्टनरों के खिलाफ एक गेम खेलने को कहा गया। खिलाडि़यों को अकेले खेलने या फोर्स की मदद लेने का विकल्प दिया गया था। प्रतिरोध का डर नहीं होने पर पुरुषों और महिलाओं की प्रतिक्रिया एक समान थी। लेकिन जब प्रतिरोध के तत्व को शामिल किया गया तो महिलाओं ने फोर्स में शामिल होने का विकल्प चुना।
इस स्टडी की अगुआई हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के साइकॉलजिस्ट जॉयसे बेनेन्सन ने की। उन्होंने कहा कि कहा कि आम तौर पर महिलाएं प्रतिद्वंद्वी को पीछे छोड़ने के बारे में सोचती हैं, जबकि पुरुष को पिटने का खतरा सताता है। यह रिपोर्ट साइकॉलजिकल साइंस जर्नल में प्रकाशित हुई है।

Sikandar_Khan
27-02-2011, 12:48 AM
उदयपुर ।। क्रिकेट के दीवानों से जुड़ी रोचक कहानियों में एक और कहानी जुड़ गई है। राजस्थान के इस खूबसूरत शहर में क्रिकेट के कुछ दीवानों ने बॉल और बैट के साथ सात फेरे लिए।

वर्ल्ड कप के दौरान इस खेल के प्रति अपने प्यार और लगाव का इजहार करने के लिए 15 कपल्स ने शुक्रवार को बाकायदा बॉल और बैट हाथ में रखते हुए सात फेरे लिए और साथ में जीने-मरने की कसमें खाईं।

तैलिक साहू कम्यूनिटी सेंटर में इन जोडि़यों ने सात फेरे लेने के अलावा अपने चहेते खिलाडि़यों को वर्ल्ड कप के लिए शुभकामनाएं भी दीं। यही नहीं, सामूहिक विवाह स्थल पर क्रिकेट खिलाडि़यों के पोस्टर और उन्हें शुभकमना संदेश देने के लिए बैनर भी लगाए गए थे।

एक दूल्हे के रिश्तेदार ने बताया, ' हम क्रिकेट के फैंस हैं। यही कारण है कि हमने वर्ल्ड कप थीम के साथ इस विवाह समारोह को आयोजित करने का फैसला किया। विवाह स्थल को खिलाडि़यों के पोस्टरों से पाट दिया गया और साथ ही उन्हें संदेश देने के लिए बैनर भी लगाए गए। हमने सजावटी सामानों की जगह इन्हीं चीजों से विवाह स्थल को सजाने का फैसला किया। '

एक दुल्हन की करीबी दोस्त उगांति ने कहा, ' हमारे परिजनों ने शुरू में इसका विरोध किया था लेकिन क्रिकेट के प्रति हमारे प्यार को देखते हुए वे आखिरकार मान गए। '

Sikandar_Khan
27-02-2011, 12:52 AM
पटियाला।। पंजाब के पसैना में पुलिस के एक बर्खास्त डीएसपी और उसके बेटों की करतूत से आप हैरत में पड़ जाएंगे। उन पर 40 लड़कियों के अश्लील एमएमएस बनाने का आरोप है। ये उन्हें ब्लैकमेल करते थे। डीएसपी फरार है, जबकि बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है। खास बात यह है कि इस रैकेट की खबर पुलिस को डीएसपी की बहू ने दी।

पुलिस को कुछ दिन पहले स्थानीय युवकों द्वारा युवतियों के यौन शोषण की शिकायत मिली थी। जांच के बाद पता चला कि बर्खास्त डीएसपी गुरजीत सिंह का बेटा वजिंदर सिंह अपने भाई मनिंदर सिंह और परिवार के कुछ दूसरे सदस्यों के साथ ब्यूटी पार्लर की आड़ में सेक्स रैकेट चलाता था। दोनों ने भटिंडा में पार्लर खोला हुआ था।

एसएचओ अमनपाल सिंह ने बताया कि वजिंदर और मनिंदर पहले लड़कियों से दोस्ती करते थे और फिर उन्हें पटियाला अपने घर ले आते। वहां उन्हें नशीला पदार्थ दिया जाता। जब वे बेसुध हो जातीं तो उनका अश्लील एमएमएस बनाया जाता।

पुलिस ने जांच के दौरान उनसे कई लड़कियों के अश्लील एमएमएस बरामद किए हैं। बताया जाता है कि उन्होंने करीब 40 लड़कियों का इस तरह शोषण किया। ये पंजाब के भटिंडा, फिरोजपुर, संगरूर और पटियाला जैसे शहरों से हैं।

एसएचओ अमनपाल ने बताया कि बर्खास्त डीएसपी गुरजीत, उसके दोनों बेटों और पत्नी जसपाल के खिलाफ मर्डर केस भी दर्ज है। गुरजीत को इसस मामले में ही बर्खास्त किया गया था।

Sikandar_Khan
27-02-2011, 12:57 AM
फैजाबाद
अंबेडकरनगर जिले के लार्ड बुद्धा अंबेडकर अर्जक मिशन पब्लिक स्कूल राहतनगर उथरेथू मे राष्ट्रगान को बदल कर बच्चों से गवाने वाले स्कूल मैनेजर के खिलाफ बीएसए ने जांच शुरू कर दी है। एबीएसए बैजनाथ कश्यप ने बताया कि जब वह जांच करने स्कूल पहुंचे तो स्कूल मैनेजर रघुनाथ ने कहाकि जो गीत बच्चे प्रार्थना के समय गाते थे वह उन्होंने लिखा है जिसकी कुछ लाइनें राष्ट्रगान से मिलती हैं। उधर माध्यमिक षिक्षक संघ के मंडलीय सचिव राम अनुज तिवारी और राकेश पांडेय ने इस स्कूल की मान्यता समाप्त करने की मांग करते हुए दोषी मैनेजर पर मुकदमा लिखाने की मांग की है। शिक्षक नेताओं ने कहा कि राष्टगान मे बदलाव अक्षम्य अपराध है और छात्रों में गलत संदेश देना उससे भी बड़ा अपराध है ।
बताया गया कि प्रबंधक रघुनाथ छात्रों के बीच भारतीय संस्कृति, धार्मिक मान्यताओं पर भी आपत्तिजनक टिप्पणियां करते थे। वह भी किसी खास दिन नहीं बल्कि रोजाना अपने संबोधन में। वो छात्रों के सामने और भी आपत्तिजनक बातें करते थे। रघुनाथ भारत मुक्ति मोर्चा की एक रैली में कलेक्ट्ेट के सामने बदले राष्ट्रगान को खुद गा चुके हैं। इंटेलिजेंस ने अफसरों को रिपोर्ट दी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बीएसपी नेता के रिश्तेदार पर रेप का आरोप
एनबीटी न्यूज ।। फैजाबाद
बीएसपी के एक ताकतवर नेता के रिश्तेदार जिया लाल पर महरूआ थाने के लोहरा बरामदपुर की दलित किशोरी का कट्टे के बल पर रेप करने का आरोप लगाते हुए सीएम को फैक्स भेजा गया है। किशोरी के पिता ने फैक्स मे लिखा है कि यदि आरोपी के खिलाफ मुकदमा नहीं लिखा गया तो उसका पूरा परिवार आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएगा लड़की के पिता श्रीराम का कहना है कि जिया लाल 19 फरवरी को रात मे 12 बजे उसके घर में घुसा और गनपॉइंट पर उसकी 16 साल की लड़की के साथ दुराचार किया । जिसकी रिपोर्ट बीएसपी के क्षेत्रीय नेता के दबाब मे नहीं लिखी जा रही है ।
शनिवार को आएंगी सीएम
एनबीटी न्यूज ।। फैजाबाद
यूपी की सीएम मायावती 26 फरवरी को अंबेडकरनगर और सुलतानपुर का भी दौरा करंेगी। अस्पतालों और गांवों को खूब चेक किया जा रहा है ताकि कोई कमी न रह जाए। दौरे के मद्देनजर डोगरा रेजिमेंट सेंटर पर चल रही सेना भर्ती कार्यक्रम को उस दिन के लिए टाल दिया गया है। डायरेक्टर रिक्रूट सुखदेव सिंह ने बताया कि सुरक्षा के देखते हुए ऐसा किया गया है । उधर सेना की भर्ती के जुटने वाली भारी भीड़ देख कर रेल विभाग सहित अन्य सुरक्षा एजेंसिया सतर्क हो गई है । फैजाबाद के निकटवर्ती जिलों की ज्यादा भीड़ जुटने की संंभावना देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे। जीआरपी के एसओ ने कई स्टेशनों का निरीक्षण भी किया ।

Bholu
27-02-2011, 07:15 AM
फैजाबाद
अंबेडकरनगर जिले के लार्ड बुद्धा अंबेडकर अर्जक मिशन पब्लिक स्कूल राहतनगर उथरेथू मे राष्ट्रगान को बदल कर बच्चों से गवाने वाले स्कूल मैनेजर के खिलाफ बीएसए ने जांच शुरू कर दी है। एबीएसए बैजनाथ कश्यप ने बताया कि जब वह जांच करने स्कूल पहुंचे तो स्कूल मैनेजर रघुनाथ ने कहाकि जो गीत बच्चे प्रार्थना के समय गाते थे वह उन्होंने लिखा है जिसकी कुछ लाइनें राष्ट्रगान से मिलती हैं। उधर माध्यमिक षिक्षक संघ के मंडलीय सचिव राम अनुज तिवारी और राकेश पांडेय ने इस स्कूल की मान्यता समाप्त करने की मांग करते हुए दोषी मैनेजर पर मुकदमा लिखाने की मांग की है। शिक्षक नेताओं ने कहा कि राष्टगान मे बदलाव अक्षम्य अपराध है और छात्रों में गलत संदेश देना उससे भी बड़ा अपराध है ।
बताया गया कि प्रबंधक रघुनाथ छात्रों के बीच भारतीय संस्कृति, धार्मिक मान्यताओं पर भी आपत्तिजनक टिप्पणियां करते थे। वह भी किसी खास दिन नहीं बल्कि रोजाना अपने संबोधन में। वो छात्रों के सामने और भी आपत्तिजनक बातें करते थे। रघुनाथ भारत मुक्ति मोर्चा की एक रैली में कलेक्ट्ेट के सामने बदले राष्ट्रगान को खुद गा चुके हैं। इंटेलिजेंस ने अफसरों को रिपोर्ट दी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बीएसपी नेता के रिश्तेदार पर रेप का आरोप
एनबीटी न्यूज ।। फैजाबाद
बीएसपी के एक ताकतवर नेता के रिश्तेदार जिया लाल पर महरूआ थाने के लोहरा बरामदपुर की दलित किशोरी का कट्टे के बल पर रेप करने का आरोप लगाते हुए सीएम को फैक्स भेजा गया है। किशोरी के पिता ने फैक्स मे लिखा है कि यदि आरोपी के खिलाफ मुकदमा नहीं लिखा गया तो उसका पूरा परिवार आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएगा लड़की के पिता श्रीराम का कहना है कि जिया लाल 19 फरवरी को रात मे 12 बजे उसके घर में घुसा और गनपॉइंट पर उसकी 16 साल की लड़की के साथ दुराचार किया । जिसकी रिपोर्ट बीएसपी के क्षेत्रीय नेता के दबाब मे नहीं लिखी जा रही है ।
शनिवार को आएंगी सीएम
एनबीटी न्यूज ।। फैजाबाद
यूपी की सीएम मायावती 26 फरवरी को अंबेडकरनगर और सुलतानपुर का भी दौरा करंेगी। अस्पतालों और गांवों को खूब चेक किया जा रहा है ताकि कोई कमी न रह जाए। दौरे के मद्देनजर डोगरा रेजिमेंट सेंटर पर चल रही सेना भर्ती कार्यक्रम को उस दिन के लिए टाल दिया गया है। डायरेक्टर रिक्रूट सुखदेव सिंह ने बताया कि सुरक्षा के देखते हुए ऐसा किया गया है । उधर सेना की भर्ती के जुटने वाली भारी भीड़ देख कर रेल विभाग सहित अन्य सुरक्षा एजेंसिया सतर्क हो गई है । फैजाबाद के निकटवर्ती जिलों की ज्यादा भीड़ जुटने की संंभावना देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे। जीआरपी के एसओ ने कई स्टेशनों का निरीक्षण भी किया ।

नजर हटी दुर्घटना घटी

Sikandar_Khan
01-03-2011, 01:31 AM
ब्रिटेन में 94 साल बाद एक पोस्टकार्ड पहुंचा भी तो गलत पते पर। वह इमोशनल चिट्ठी फर्स्ट वर्ल्ड वॉर में इंग्लैंड की तरफ से लड़ने वाले अलफ्रेड ऑर्थर ने अपनी बहन नेल (एलेन) को लिखी थी। तब यानी जनवरी 1916 में ऑर्थर ईस्ट ससेक्स के न्यूहेवन कैंप में था और वह लड़ाई के लिए फ्रांस रवाना होने वाला था।

चिट्ठी ऑर्थर के जीते जी नेल तक नहीं ही पहुंची। नेल की मृत्यु 1964 में ही हो गई थी। अब जब ऑर्थर को मरे दो साल का वक्त हो चुका है, वह चिट्ठी पहुंची भी तो उसके पड़ोसी के पास। पोस्टकार्ड पाने के बाद 61 वर्षीय लॉरेन ब्लीच ने कहा: यह बाकी डाक के साथ ही आया। हमें तो यकीन ही नहीं हुआ। यह जान कर काफी हैरानी हुई कि 94 साल बाद भी रॉयल मेल ने इसे पहुंचाया भी तो गलत ।

Sikandar_Khan
01-03-2011, 01:34 AM
चीन के यूनान प्रांत में एक आदमी के सिर में चाकू का चार इंच का ब्लेड मिला। 37 साल का ली फू सिर दर्द दिखाने डॉक्टर के पास गया था, लेकिन वह यह जानकर हैरान रह गया कि उसके दिमाग में चार साल से चार इंच का चाकू का ब्लेड घुसा हुआ है। इसी के कारण उसे बहुत तेज सिरदर्द रहता था। जब डॉक्टरों ने उसके सिर का एक्स-रे किया तो ब्लेड का पता चला।

ली जब टैक्सी चलाता था, तभी लूट की एक घटना के दौरान उसके चेहरे में ब्लेड धंस गया था। उसने सर्जरी के लिए हां करने से पहले डॉक्टरों से दोबारा देखने के लिए कहा। ली की सर्जरी में शामिल डॉक्टर ल्यो जीवी ने कहा कि अपने पूरे करियर में इससे अजीब कुछ नहीं देखा। उन्होंने कहा की यह चमत्कार से कम नहीं है कि चार साल से भी ज्यादा समय तक ब्लेड घुसे होने के बावजूद भी वह जिंदा रहा। अब डॉक्टरों ने सर्जरी कर ली फू के दिमाग से ब्लेड निकला दिया है। वह धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहा है।

Bholu
01-03-2011, 06:37 AM
चीन के यूनान प्रांत में एक आदमी के सिर में चाकू का चार इंच का ब्लेड मिला। 37 साल का ली फू सिर दर्द दिखाने डॉक्टर के पास गया था, लेकिन वह यह जानकर हैरान रह गया कि उसके दिमाग में चार साल से चार इंच का चाकू का ब्लेड घुसा हुआ है। इसी के कारण उसे बहुत तेज सिरदर्द रहता था। जब डॉक्टरों ने उसके सिर का एक्स-रे किया तो ब्लेड का पता चला।

ली जब टैक्सी चलाता था, तभी लूट की एक घटना के दौरान उसके चेहरे में ब्लेड धंस गया था। उसने सर्जरी के लिए हां करने से पहले डॉक्टरों से दोबारा देखने के लिए कहा। ली की सर्जरी में शामिल डॉक्टर ल्यो जीवी ने कहा कि अपने पूरे करियर में इससे अजीब कुछ नहीं देखा। उन्होंने कहा की यह चमत्कार से कम नहीं है कि चार साल से भी ज्यादा समय तक ब्लेड घुसे होने के बावजूद भी वह जिंदा रहा। अब डॉक्टरों ने सर्जरी कर ली फू के दिमाग से ब्लेड निकला दिया है। वह धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहा है।

सर अब बो इसांन जिन्दा है या नही

Sikandar_Khan
01-03-2011, 10:41 AM
सर अब बो इसांन जिन्दा है या नही

भोलू जी
जब व्यक्ति स्वस्थ हो रहा है तो इसका क्या मतलब होता है ?

Bhuwan
01-03-2011, 10:50 AM
चीन के यूनान प्रांत में एक आदमी के सिर में चाकू का चार इंच का ब्लेड मिला। 37 साल का ली फू सिर दर्द दिखाने डॉक्टर के पास गया था, लेकिन वह यह जानकर हैरान रह गया कि उसके दिमाग में चार साल से चार इंच का चाकू का ब्लेड घुसा हुआ है। इसी के कारण उसे बहुत तेज सिरदर्द रहता था। जब डॉक्टरों ने उसके सिर का एक्स-रे किया तो ब्लेड का पता चला।

ली जब टैक्सी चलाता था, तभी लूट की एक घटना के दौरान उसके चेहरे में ब्लेड धंस गया था। उसने सर्जरी के लिए हां करने से पहले डॉक्टरों से दोबारा देखने के लिए कहा। ली की सर्जरी में शामिल डॉक्टर ल्यो जीवी ने कहा कि अपने पूरे करियर में इससे अजीब कुछ नहीं देखा। उन्होंने कहा की यह चमत्कार से कम नहीं है कि चार साल से भी ज्यादा समय तक ब्लेड घुसे होने के बावजूद भी वह जिंदा रहा। अब डॉक्टरों ने सर्जरी कर ली फू के दिमाग से ब्लेड निकला दिया है। वह धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहा है।

चीनी मिटटी से बने लोग कुछ ज्यादा ही कमाल के नहीं हैं.:help:

Bholu
01-03-2011, 01:34 PM
भोलू जी
जब व्यक्ति स्वस्थ हो रहा है तो इसका क्या मतलब होता है ?

कहने का मतलब उसके ऑपरेशन के बाद क्या हाल है

pankaj bedrdi
03-03-2011, 08:25 AM
देश की सबसे महंगी शादी में बराती तो बराती भगवान को भी दिल खोलकर चढ़ावा चढ़ाया गया। हरियाणा के पूर्व विधायक सुखबीर सिंह जौनपुरिया की बेटी योगिता और दिल्ली के कांग्रेसी नेता कंवर सिंह तंवर के बेटे ललित तंवर की शादी जिसने भी देखी उसके मुंह से सिर्फ वाह निकला। इस शादी में राजस्थान के सालासर बालाजी मंदिर के नाम 71 लाख रुपये का चेक दिया गया। आसपास के मंदिरों को भी लाखों रुपये की भेंट दी गईं। करीब 250 करोड़ की इस शादी में दूल्हे का टीका ढाई करोड़ का किया गया और परिवार के 18 सदस्यों का टीका 1-1 करोड़ से किया गया। शादी में शरीक हुए करीब 2 हजार बारातियों को 30-30 ग्राम के चांदी के बिस्कुट व एक-एक सफारी सूट दिए गए।

शादी के पंडाल से करीब 4 किलोमीटर पहले से ही जगमगाती लाइटिंग की गई थी। बरातियों के रास्ते फूलों से महक रहे थे। जो भी यहां से गुजरता था उसके मुंह से यह ही निकलता था कि ऐसी शादी न कभी देखी और न सुनी। बरातियों के स्वागत व पंडाल सजाने के लिए फूलों का इंतजाम कोलकाता से लेकर बैंकॉक तक से किया गया था। डेढ़ सौ से ज्यादा व्यंजन थे। इन व्यंजनों में चांदनी चौक की चाट से लेकर हैदराबादी बिरयानी तक थी। 7 घोड़ों वाले रथ पर बैठकर दूल्हा जैसे ही विवाह मंडप में पहुंचा तो रंगबिरंगी आतिश बाजी से पूरा आसमान भी सतरंगी हो गया।

इस शादी में कई हजार लोग शरीक हुए। आसपास के सभी गांवों को इस शादी में निमंत्रण दिया गया था। बरातियों को 11 हजार रुपये से लेकर 21 हजार रुपये तक भेंट में दिए गए। सगाई पर दूल्हे को 45 करोड़ रुपये का हेलिकॉप्टर दिया गया था। अब कंवर सिंह तंवर की ओर से रिसेप्शन 6 मार्च को अशोका होटल में किया जाएगा। माना जा रहा है कि यह रिसेप्शन और भी भव्य होगा।

pankaj bedrdi
03-03-2011, 08:25 AM
देश की सबसे महंगी शादी में बराती तो बराती भगवान को भी दिल खोलकर चढ़ावा चढ़ाया गया। हरियाणा के पूर्व विधायक सुखबीर सिंह जौनपुरिया की बेटी योगिता और दिल्ली के कांग्रेसी नेता कंवर सिंह तंवर के बेटे ललित तंवर की शादी जिसने भी देखी उसके मुंह से सिर्फ वाह निकला। इस शादी में राजस्थान के सालासर बालाजी मंदिर के नाम 71 लाख रुपये का चेक दिया गया। आसपास के मंदिरों को भी लाखों रुपये की भेंट दी गईं। करीब 250 करोड़ की इस शादी में दूल्हे का टीका ढाई करोड़ का किया गया और परिवार के 18 सदस्यों का टीका 1-1 करोड़ से किया गया। शादी में शरीक हुए करीब 2 हजार बारातियों को 30-30 ग्राम के चांदी के बिस्कुट व एक-एक सफारी सूट दिए गए।

शादी के पंडाल से करीब 4 किलोमीटर पहले से ही जगमगाती लाइटिंग की गई थी। बरातियों के रास्ते फूलों से महक रहे थे। जो भी यहां से गुजरता था उसके मुंह से यह ही निकलता था कि ऐसी शादी न कभी देखी और न सुनी। बरातियों के स्वागत व पंडाल सजाने के लिए फूलों का इंतजाम कोलकाता से लेकर बैंकॉक तक से किया गया था। डेढ़ सौ से ज्यादा व्यंजन थे। इन व्यंजनों में चांदनी चौक की चाट से लेकर हैदराबादी बिरयानी तक थी। 7 घोड़ों वाले रथ पर बैठकर दूल्हा जैसे ही विवाह मंडप में पहुंचा तो रंगबिरंगी आतिश बाजी से पूरा आसमान भी सतरंगी हो गया।

इस शादी में कई हजार लोग शरीक हुए। आसपास के सभी गांवों को इस शादी में निमंत्रण दिया गया था। बरातियों को 11 हजार रुपये से लेकर 21 हजार रुपये तक भेंट में दिए गए। सगाई पर दूल्हे को 45 करोड़ रुपये का हेलिकॉप्टर दिया गया था। अब कंवर सिंह तंवर की ओर से रिसेप्शन 6 मार्च को अशोका होटल में किया जाएगा। माना जा रहा है कि यह रिसेप्शन और भी भव्य होगा।

jaara hayaat khaan
03-03-2011, 08:27 AM
बहुत ही रोचक ख़बरें हैं
अच्छा लगा

Bholu
03-03-2011, 09:58 AM
तीखी मिर्ची

लिकंनशायर के ग्राथम शहर मे सबसे तीखी मिर्ची का उत्पादन किया गया है
अधिकारी के मुताबिक स्कॉविली
स्केल पर इसका तीखेपन 1.17 मिलियन मापा गया है इस मिर्ची का उत्पादन 39 बर्षीय निकी वुड ने अपने ग्रीन हाऊस मे हुआ है।

Sikandar_Khan
11-03-2011, 02:52 PM
नई दिल्ली।। फिरोजशाह कोटला में बुधवार को खेला गया भारत और नीदरलैंड्स का मैच भी संदेहों के घेर में आ गया है। क्रिकेट वर्ल्ड कप के ग्रुप-बी के इस मैच के दौरान दिल्ली के एक सट्टेबाज को टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में देखा गया। टीवी चैनल न्यूज़ एक्स के मुताबिक, मैच के दौरान कुख्यात सट्टेबाज प्रदीप अग्रवाल टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में सेंध लगाने में कामयाब रहा। प्रदीप अग्रवाल पर बुकी होने के साथ-साथ सेक्स रैकेट चलाने का भी आरोप है।

सन् 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में दिल्ली डेयरडेविल्स और राजस्थान रॉयल्स के मैच के दौरान भी अग्रवाल को गौतम गंभीर के साथ बात करते हुए देखा गया था। अग्रवाल को देखते ही न्यूज़ चैनल ने खबर दी थी और अग्रवाल को स्टेडियम से बाहर कर दिया गया था। उस समय अग्रवाल दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) का जूनियर मेंबर था।

अब अग्रवाल आईसीसी वर्ल्ड कप के लिए डीडीसीए का मीडिया कॉर्डिनेटर बनकर वापस लौटा है, जिससे उसकी भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम तक पहुंच हो गई।

अग्रवाल के बारे में खबर देने के बाद न्यूज़ चैनल ने डीडीसीए के सीनियर सदस्य समीर बहादुर से बात की, तो उन्होंने स्वीकार किया कि अग्रवाल एक कुख्यात सट्टेबाज है और उसे डीडीसीए में नहीं घुसने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि डीडीसीए में कई लोग ऐसे हैं जिनकी दागी पृष्ठभूमि है। ऐसे लोग डीडीसीए का नाम खराब करते हैं पर उन्हें एक गुट का शह मिल रहा है।

डीडीसीए की क्रिकेट इम्प्रूवमेंट कमिटी के मेंबर और पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने कहा कि मैं उन लोगों को जानता हूं, जो अग्रवाल की मदद कर रहे हैं। मैं वादा करता हूं कि अग्रवाल और उस जैसे अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Sikandar_Khan
11-03-2011, 02:55 PM
भोपाल।। क्राइम ब्रांच ने भोपाल में एमपी नगर के एक आलीशान होटल से हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली की यह युवती मॉडल है। पुलिस की असली आफत शुरू हुई इस हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल को गिरफ्तार करने के बाद। जैसे ही पुलिस को पता चला कि वह सूबे के एक रसूख वाले नेता के बुलावे पर आई है, सारे अधिकारियों ने मोबाइल बंद कर लिए।

क्राइम ब्रांच की टीम को गुरुवार को एमपी नगर के एक होटेल में सेक्स रैकेट चलाए जाने की सूचना मिली थी। क्राइम ब्रांच की टीम के एक सदस्य ने होटल पहुंचकर युवती से ग्राहक बनकर संपर्क किया और 40 हजार रुपये में सौदा पक्का कर लिया। सौदा पक्का होते ही पुलिस ने छापा मारते हुए मॉडल को होटेल के कमरे से गिरफ्तार कर लिया।

युवती ने बताया कि वह दिल्ली की रहने वाली है। गुरुवार सुबह ही फ्लाइट से इंदौर और फिर भोपाल पहुंची थी। यहां आने से पहले वह दो दिन इंदौर में ठहरी थी। युवती को गिरफ्तार कर महिला थाने भेज दिया गया, जहां उसकी मेडिकल जांच के बाद अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के मामला दर्ज कर लिया गया।

मॉडल ने बताया कि वह दिल्ली की एक कंपनी में काम भी करती है और इस कंपनी की आड़ में वह सेक्स रैकेट चलाती थी। उसका दलाल ऑनलाइन कारोबार करता है। पुलिस ने युवती का मोबाइल और सिम जब्त कर लिया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इसमें कई नामी-गिरामी मॉडलों के नंबर भी हैं, जिससे एक बड़े हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट का पता लगने की संभावना है।

Sikandar_Khan
11-03-2011, 03:02 PM
ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा के एक मंदिर में सात फेरे ले रहे एक प्रेमी जोड़े को जेवर पुलिस ने पकड़ लिया। उन्होंने पुलिस को बताया है कि उन्होंने 2 महीने पहले ही कोर्ट मैरिज कर ली है। अब वे मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर रहे थे। पता चला है कि मंदिर में फेरे ले रही प्रेमिका अपनी शादी से एक दिन पहले घर छोड़कर प्रेमी के साथ भाग निकली थी।

जेवर कस्बे में स्थित मंदिर में गुरुवार को एक प्रेमी जोड़ा शादी कर रहा था। इसी दौरान किसी ने जेवर पुलिस को मामले की सूचना दे दी। सूचना मिलने पर जेवर पुलिस मौके पर पहुंच गई, तब तक यह जोड़ा सात फेरे ले चुका था। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया और कोतवाली ले गई। पूछताछ में पता चला कि प्रेमी जहांगीराबाद के भोपुरा गांव का रहने वाला 19 वर्षीय प्रदीप है, जबकि प्रेमिका बुलंदशहर के बैलाना गांव की रहने वाली है। इस जोड़े ने पुलिस को बताया कि वह दोनों 2 महीने पहले कोर्ट मैरिज कर चुके हैं। पुलिस ने जब इसका सबूत मांगा तो वह नहीं दिखा सके।

बाद में जेवर पुलिस ने प्रदीप के पिता को कोतवाली में बुला लिया। उन्होंने पुलिस को जानकारी दी है कि 12 फरवरी को लड़की की शादी किसी अन्य युवक के साथ होने वाली थी। घर में शादी की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। लड़की को हल्दी और मेहंदी लगाई जा चुकी थी। शादी से ठीक एक दिन पहले 11 फरवरी को लड़की प्रदीप के साथ घर से भाग निकली थी। इसके चलते शादी रुक गई थी।

दोनों को 19 फरवरी को बुलंदशहर की नरौरा पुलिस ने पकड़ लिया था। नरौरा थाने में ही लड़का और लड़की पक्ष के बीच समझौता हुआ था। इसमें तय किया गया था कि लड़का-लड़की का पीछा छोड़ देगा। लड़की पक्ष उसकी शादी की तैयारियों पर जो खर्च कर चुका था, उसकी भरपाई के लिए प्रेमी प्रदीप के पिता ने सवा 2 लाख रुपये लड़की के पिता को दिए थे।

उसके बाद यह जोड़ा फिर से घर से भाग निकला था। अब जेवर पुलिस ने लड़की को महिला थाने भेज दिया है। पुलिस ने लड़की के पिता को कोतवाली बुलाया है। उनका इंतजार किया जा रहा है।

Sikandar_Khan
12-03-2011, 12:55 AM
घड़ी देगी तूफान और बारिश की जानकारी


तूफान आए चाहे बारिश, अब आपको घड़ी पहले ही सचेत कर देगी। आईआईटी कानपुर ने एंटीना युक्त ऐसी वॉटर व वेदर प्रूफ घड़ी बनाई है, जो बदलते मौसम का हाल भी बताएगी। आईआईटी के वैज्ञानिकों ने ऐसी जीपीएस लॉक घड़ी बना ली है, जो वेदर के बारे में पल-पल की जानकारी देगा। इसकी कैबिनेट डिजाइन आईआईटी के निदेशक प्रफेसर संजय गोविंद धांडे ने बनाई है और इसमें विशेष मैटेरियल व टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया गया है। इसे इंडियन स्टैंडर्ड टाइम के मुताबिक सेट किया गया है।

इस घड़ी की खास बात यह है कि यह बारिश और तूफान आने का संकेत देने के साथ-साथ अधिकतम व न्यूनतम तापमान भी बताएगी। प्रोजेक्ट से जुड़े कंप्यूटर साइंस ऐंड इंजिनियरिंग डिपार्टमेंट के विशेषज्ञ ने बताया कि घड़ी में मास्टर जीपीएस लॉक को वायरलेस टेक्नॉलजी से जोड़ा गया है और एंटीना इससे कनेक्ट है। घड़ी में विशेष किस्म की बैटरी लगे होने की वजह से यह जल्द डिस्चार्ज भी नहीं होगी। इस घड़ी को भविष्य में मार्केट में उतारने की योजना है, जिससे इसका कमर्शल इस्तेमाल हो और आम आदमी से लेकर किसानों को इसका फायदा मिले। आईआईटी के विशेषज्ञों के अनुसार इस घड़ी की मार्केट प्राइज छह से लेकर 18 हजार रुपये तक होगी।

Sikandar_Khan
12-03-2011, 01:08 AM
अब कुत्तों को नहलाने के लिए वॉशिंग मशीन

अगर आप अपने पालतू कुत्ते को साफ-सुथरा रखने की चिंता में दुबले हुए जा रहे हैं तो आपके लिए एक खुशखबरी है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी वॉशिंग मशीन बनाई है, जिसमें आप अपने कुत्ते को बड़े प्यार से नहला सकते हैं। भीगे कुत्ते को सुखाने की जरूरत भी नहीं, क्योंकि यह काम भी मशीन ही करेगी।

जापान के लोग इस तकनीक का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें नहलाने की पूरी प्रक्रिया सिर्फ 33 मिनट में पूरी हो जाती है। नहलाने के लिए शुद्ध ओजोन पानी का इस्तेमाल किया जाता है और बिल्कुल सुरक्षित तरीके से को ड्राई किया जाता है। मशीन आपके कुत्ते का शैंपु भी बड़े प्यार से कर देती है।

आर्थिक मंदी के इस दौर में यह तकनीक पशुप्रेमियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं। जापान में इस मशीन के सहारे किसी कुत्ते या बिल्ली को एक बार नहलाने का खर्च सिर्फ साढ़े तीन पाउंड आता है। वहीं पालतू पशुओं को नहलाने वाले सैलूनों में इसका खर्च कम से कम 20 पाउंड आता है।

Sikandar_Khan
12-03-2011, 01:27 AM
मुर्गी पहले आई या अंडा, सुलझ गई है पहेली

पहले अंडा आया या मुर्गी ? यह प्रश्न हजारों वर्षों से लोगों को परेशान करता आया है। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने इस यक्ष प्रश्न का जवाब ढूंढ़ निकालने का दावा किया है।

शेफील्ड और वारविक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के एक दल ने दावा किया है कि धरती पर अंडे से पहले मुर्गी का जन्म हुआ था। वैज्ञानिकों ने पाया कि ओवोक्लाइडिन नाम का प्रोटीन अंडे के खोल के निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण होता है।

उन्होंने बताया कि यह प्रोटीन मुर्गी के अंडाशय से पैदा होता है इसलिये पहले अंडा आया या मुर्गी अब यह पहेली सुलझ गई है। वैज्ञानिकों ने कहा कि पहले मुर्गी आई और इसके बाद अंडा पैदा हुआ।

डेली एक्सप्रेस के मुताबिक रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि प्रोटीन पैदा करने वाली मुर्गियां पहले कैसे आईं। इस दल ने अंडे के खोल को देखने के लिये अत्याधुनिक कंप्यूटर हेक्टर का इस्तेमाल किया।

शोध से जुडे़ प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. कोलिन फ्रीमैन ने कहा, 'लंबे समय से यह संदेह बना हुआ था कि अंडा पहले आया लेकिन अब हमारे पास वैज्ञानिक सबूत है जो हमें बताता है कि मुर्गी पहले आई।'

Sikandar_Khan
14-03-2011, 10:41 AM
गुल पनाग ने रचाई शादी, बाइक पर निकली बारात

अपने संवेदनशील किरदारों के जरिए बॉलिवुड में अलग पहचान बनाने वाली ऐक्ट्रेस गुल पनाग रविवार को बचपन के अपने दोस्त ऋषि अत्री के साथ शादी के पवित्र बंधन में बंध गईं। गुल पनाग की यह शादी कुछ अनूठे तरीके से हुई। गुल और ऋषि मोटरसाइकल की बग्घी से होटेल पहुंचे।
यही नहीं मेहमान भी मोटरसाइकल से समारोह में शरीक होने पहुंचे। इसमें वर-वधू के परिजनों के अलावा केवल नजदीकी रिश्तेदार और दोस्त ही शामिल हुए।
बाद में नवविवाहित दंपती मुंबई में एक आलीशान रिसेप्शन देगा जिसमें अनेक फिल्मी हस्तियां और विभिन्न क्षेत्रों के नामचीन लोग शामिल होंगे।

Sikandar_Khan
14-03-2011, 10:45 AM
शाहरुख और सोनम को सबसे खराब ऐक्टिंग का अवॉर्ड

बॉलिवुड स्टार शाहरुख खान और ऐक्ट्रेस सोनम कपूर को सबसे खराब ऐक्टिंग के लिए गोल्डन केला अवॉर्ड से नवाजा गया है। मनोरंजन क्षेत्र में सबसे खराब काम की पहचान के लिए हॉलिवुड के रेजीस अवॉर्ड की तर्ज पर यह अवॉर्ड दिया जाता है।

शनिवार रात हुए इस अवॉर्ड फंक्शन में शाहरुख खान को यह अवॉर्ड करण जौहर की फिल्म 'माइ नेम इज खान' और सोनम को आयशा में की गई ऐक्टिंग के लिए दिया गया। खास बात यह है कि शाहरुख खान ने इसी फिल्म में ऐक्टिंग के लिए बेस्ट ऐक्टर के कई अवॉर्ड जीते हैं। इसके अलावा केला समारोह में 'माइ नेम इज खान' को सबसे खराब फिल्म का अवॉर्ड भी दिया गया।

संजय लीला भंसाली को फिल्म गुजारिश के लिए सबसे खराब निर्देशन का अवॉर्ड और गुजारिश को इमोशनल ब्लैकमेलिंग के लिए ब्लैक अवॉर्ड दिया गया। डाइरेक्टर राम गोपाल वर्मा को 'बस कीजिए बहुत हो गया' अवॉर्ड दिया गया।

Sikandar_Khan
21-03-2011, 03:46 PM
पुणे के लोगों को अब एटीएम से दूध भी मिलेगा

पुणे के लोगों की बिजी लाइफ को ध्यान रखते हुए अब एक डेयरी ने एटीम से दूध देने का प्लान बनाया है। पुणे की कटराज डेयरी शहर में 24 घंटे दूध उपलब्ध कराने के इस प्रॉजेक्ट का शुभारंभ 4 अप्रैल से करेगी। इस बारे में पुणे डिस्ट्रिक्ट मिल्क प्रड्यूसर्स फेडरेशन के प्रेजिडेंट रामबाबू तुले शहर के एक अंग्रेजी टैब्लॉइड को बताया कि इस एटीएम (Any Time Milk) मशीनों के जरिए शहर के लोगों को हर समय दूध और मिल्क प्रॉडक्ट्स मिल सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इसके जरिए मिलने वाले मिल्क प्रॉडक्ट्स के दाम भी कुछ कम होंगे।

पुणे में इस तरह के पहले एटीएम का शुभारंभ राज्य के डिप्टी सीएम अजीत पवार करेंगे। आने वाले समय शहर में इस तरह के 10 एटीएम और लगाने की योजना भी है। डेयरी मालिक तुले ने बताया कि वह पिछले तीन साल से इस प्रॉजेक्ट को यथार्थ में बदलने की कोशिश में लगे थे। अभी सिर्फ इस मशीन के माध्यम से गाय का दूध मिलेगा। इस मशीन की कीमत करीब तीन लाख रुपए हैं। इसे अहमदाबाद से पुणे लाया जाएगा।

Sikandar_Khan
21-03-2011, 03:52 PM
बीड़ में होली के दौरान दामाद को गधे पर घुमाते हैं


भारत में दामादों को वैसे काफी सम्मान दिया जाता है लेकिन होली के मौके पर महाराष्ट्र के बीड़ जिले के वीडा गांव में होली का त्यौहार दामादों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। लड़की के परिवार वालों के लिए दामाद से बदला लेने का यह एक शानदार मौका होता है।

होली के दिन यहां दामाद को रिवाज के अनुसार अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ा जाता और चूंकि परंपरा ऐसी है इसलिए दामाद भी इसे बुरा नहीं मानते। दामाद को गधे पर बैठाकर पूरे गांव में घुमाया जाता है। गांव के बुजुर्गों ने बताया कि यह पंरपरा कोई 75 साल पहले शुरू हुई। प्रत्येक साल इस सम्मान ( गधे की सवारी ) के लिए गांव के नए दामाद का चयन किया जाता है।

दत्ता देशमुख ने बताया इस परंपरा की जड़ें निजाम काल से जुड़ी हुई हैं। यह तब शुरू हुआ जब चिंचोली गांव के जहांगिरदार आनंदराव अपने ससुराल देशमुख वीडा आए। आनंदराव की उनकी सास के साथ कहासुनी हो गई और इस वजह से उन्हें गधे पर बिठाकर पूरे गांव का चक्कर लगवाया गया और इसके बाद से इस घटना ने पंरपरा का रूप ले लिया।

इस परंपरा में अब सभी समुदाय के लोग भाग लेते है। परेड के दौरान बैंड बाजे और रंगों का जमकर इस्तेमाल होता है। दूसरे गामीण दादोजी बारकासे ने बताया कि इस परंपरा के लिए चुने गए दामाद की परेड निकालने के बाद हनुमान मंदिर से उन्हें नए कपड़े दिलाए जाते हैं।

Sikandar_Khan
21-03-2011, 04:16 PM
परदादा बनने की उम्र में बाप बने 94 साल के रामजीत


रामजीत राघव को परदादा बनने की उम्र में बाप बनने का सुख मिला है। राजस्थान के किसान नानू राम जोगी के 90 साल में बाप बनने के रेकॉर्ड को सोनीपत के 94 वर्षीय रामजीत ने तोड़ दिया है। नानू राम सन् 2007 में 90 साल की उम्र में 22 वें बच्चे के पिता बने थे।

मजदूरी और हरियाणा सरकार की ओर से बुजुर्गों को मिलने वाले पेंशन के सहारे अपने परिवार को पालने वाले रामजीत ने बताया कि पिछले महीने उनकी पत्नी शकुंतला ने सरकारी हॉस्पिटल में एक बेटे को जन्म दिया। हरियाणा सरकार के पेंशन रेकॉर्ड में राजमीत की उम्र 94 साल दर्ज है, जबकि शकुंतला की उम्र 54-55 साल बताई जा रही है। उम्र को लेकर अपने दावे को पुख्ता करने के लिए रामजीत सन् 1929 में फैली महामारी और भारत विभाजन के समय हुए सांप्रदायिक दंगों से जुड़ीं यादें सुनाते हैं।

खरखौदा सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर महेंद्र कुमार ने बताया कि शकुंतला को पिछले महीने हॉस्पिटल में ऐडमिट किया गया था और उन्होंने नॉर्मल डिलिवरी में एक हेल्दी बच्चे को जन्म दिया। जब डॉक्टर से पूछा गया कि क्या 94 साल की उम्र में कोई बाप बना सकता है, तो उन्होंने कहा कि इसकी संभावना काफी कम जरूर है पर यह संभव है। कपल का कहना है कि यह बच्चा उनके लिए भगवान का तोहफा है। उन्होंने इसका नाम करमजीत रखा है।

रामजीत ने बताया, ' मैं मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बेगपुर गांव का रहने वाला है। 4 0 साल पहले परिवार में हिंसक विवाद के बाद सोनीपत आकर बस गया। ' पहले सोनीपत में उन्होंने लोगों के घरों में काम किया लेकिन बाद में खरखौदा में रहने लगे। रामजीत खरखौदा में पिछले 22 सालों से भजन बनिया के खेतों में काम करके गुजर-बसर कर रहे हैं।

जब रामजीत से उनकी लंबी उम्र का राज पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह जवानी में कुश्ती लड़ा करते थे और रोज तीन किलो दूध, आधा किलो बदाम और आधा किलो घी खाया करते थे।

Sikandar_Khan
21-03-2011, 04:24 PM
कश्मीर में पत्थरबाजों को हर हफ्ते मिलते थे 400 रुपये

कश्मीर में इस साल गर्मियों में पैदा हुई अशांति के सिलसिले में पुलिस ने सरकारी कर्मचारियों, हुर्रियत नेताओं और आतंकवादियों की मिलीभगत का खुलासा किया है। गिरफ्तार किए गए एक इमाम ने पुलिस को बताया है कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का कट्टरपंथी गुट सोपोर में होने वाले प्रदर्शनों में पत्थरबाजी के लिए हर युवक को शुक्रवार को 400 रुपये देता था।

डीआईजी नॉर्थ कश्मीर मुनीर खान के मुताबिक, जनसुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिए गए अब्दुल लतीफ लोन ने बताया कि कानून-व्यवस्था संबंधी दिक्कतें पैदा करने के लिए सैयद अली शाह गिलानी ने पत्थरबाजी प्रायोजित की थी। पूछताछ के दौरान कुपवाड़ा जिले के रहने वाले लोन ने बताया कि शुक्रवार को होने वाले प्रदर्शनों में पत्थरबाजी के लिए हर युवक को 400 रुपये दिए जाते थे।

डीआईजी ने बताया कि लोन सोपोर के अमरगढ़ स्थित जामा मस्जिद में इमाम है। युवकों को दिया जाने वाला पैसा गिलानी गुट के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा इकट्ठा किया जाता था। ज्यादातर पैसा सोपोर के फल विक्रेताओं से आता था। हुर्रियत के लिए पैसे इकट्ठा करने वालों में कई सरकारी कर्मचारी भी थे। खान ने बताया कि हाल ही में हुई कुछ युवकों की गिरफ्तारी के बाद पत्थरबाजों और आतंकवादी संगठनों के बीच सांठगांठ का पता चला है।

डीआईजी खान ने बताया कि घाटी में हुई हिंसा में लश्कर-ए-तैबा का एक शीर्ष आतंकवादी भी शामिल था। उन्होंने बताया कि इस आतंकवादी का नाम अब्दुल्लाह यूनी है, जो कि उत्तरी कश्मीर में स्वयंभू कमांडर है। यूनी पाकिस्तानी नागरिक है और घाटी में मोस्ट वॉंटेड आतंकवादियों में से एक है।

Sikandar_Khan
21-03-2011, 04:54 PM
सीरियल संग ऐसे ऐड...गांव ने छोड़ा टीवी देखना
हिमाचल के कुल्लू के एक गांव में किसी भी घर में एक साथ बैठकर टीवी नहीं देखा जाता। कुछ परिवारों में घर के सदस्यों ने अपने लिए अलग-अलग टीवी सेट खरीद हैं। जो ऐसा नहीं कर सकते, उन्होंने टीवी देखना ही बंद कर दिया है।

कुल्लू के बरान गांव के लोगों का मानना है टीवी के प्रोग्राम और विज्ञापन इतने अश्लील होते जा रहे हैं कि व उन्हें परिवार के साथ बैठकर नहीं देख सकते। इसके चलते गांव में एक साथ टीवी देखना कई समय से बैन है। गांव वालों का कहना है कि टीवी सीरियल्स में अश्लीलता परोसी जा रही है।

अब गांव में टीवी कुछ इस तरह से देखा जाता है कि जब दादा टीवी पर धार्मिक सीरियल देख रहे होते हैं, तो ना तो बेटा और ना ही पोते को वहां घुसने की इजाजत होती है। इसी नियम से सभी की अलग-अलग बारी आती है।

गांव की मुखिया सीमा देवी बताती हैं कि लोगों का भगवान में काफी विश्वास है। जबकि टीवी विज्ञापनों तक में अश्लीलता परोसी जा रही है। परिवार में इसे एक साथ बैठकर देखना बेहद शर्मनाक होता है। जब पूरा परिवार एक साथ बैठकर धार्मिक सीरियल देख रहा होता है, तभी ब्रेक के नाम पर कोई ऐसा विज्ञापन आ जाता है कि सभी शर्मसार हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि अश्लीलता के खिलाफ यह एक आंदोलन है। गांव के पूर्व मुखिया ने बताया कि नई पीढ़ी भी गांव वालों के इस फैसले के साथ है।

Bond007
21-03-2011, 05:59 PM
रोज तीन किलो दूध, आधा किलो बदाम और आधा किलो घी खाया करते थे।

:oops:अपनी तो एक दिन में छुट्टी हो जाएगी|:bang-head:

Sikandar_Khan
21-03-2011, 06:07 PM
:oops:अपनी तो एक दिन में छुट्टी हो जाएगी|:bang-head:


तभी तो 94 साल मे बाप बनने का गौरव प्राप्त
किया है

amit_tiwari
21-03-2011, 06:11 PM
परदादा बनने की उम्र में बाप बने 94 साल के रामजीत


रामजीत राघव को परदादा बनने की उम्र में बाप बनने का सुख मिला है। राजस्थान के किसान नानू राम जोगी के 90 साल में बाप बनने के रेकॉर्ड को सोनीपत के 94 वर्षीय रामजीत ने तोड़ दिया है। नानू राम सन् 2007 में 90 साल की उम्र में 22 वें बच्चे के पिता बने थे।

मजदूरी और हरियाणा सरकार की ओर से बुजुर्गों को मिलने वाले पेंशन के सहारे अपने परिवार को पालने वाले रामजीत ने बताया कि पिछले महीने उनकी पत्नी शकुंतला ने सरकारी हॉस्पिटल में एक बेटे को जन्म दिया। हरियाणा सरकार के पेंशन रेकॉर्ड में राजमीत की उम्र 94 साल दर्ज है, जबकि शकुंतला की उम्र 54-55 साल बताई जा रही है। उम्र को लेकर अपने दावे को पुख्ता करने के लिए रामजीत सन् 1929 में फैली महामारी और भारत विभाजन के समय हुए सांप्रदायिक दंगों से जुड़ीं यादें सुनाते हैं।

खरखौदा सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर महेंद्र कुमार ने बताया कि शकुंतला को पिछले महीने हॉस्पिटल में ऐडमिट किया गया था और उन्होंने नॉर्मल डिलिवरी में एक हेल्दी बच्चे को जन्म दिया। जब डॉक्टर से पूछा गया कि क्या 94 साल की उम्र में कोई बाप बना सकता है, तो उन्होंने कहा कि इसकी संभावना काफी कम जरूर है पर यह संभव है। कपल का कहना है कि यह बच्चा उनके लिए भगवान का तोहफा है। उन्होंने इसका नाम करमजीत रखा है।

रामजीत ने बताया, ' मैं मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बेगपुर गांव का रहने वाला है। 4 0 साल पहले परिवार में हिंसक विवाद के बाद सोनीपत आकर बस गया। ' पहले सोनीपत में उन्होंने लोगों के घरों में काम किया लेकिन बाद में खरखौदा में रहने लगे। रामजीत खरखौदा में पिछले 22 सालों से भजन बनिया के खेतों में काम करके गुजर-बसर कर रहे हैं।

जब रामजीत से उनकी लंबी उम्र का राज पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह जवानी में कुश्ती लड़ा करते थे और रोज तीन किलो दूध, आधा किलो बदाम और आधा किलो घी खाया करते थे।
बस दो चार ऐसे शूरवीर और हो जाएँ तो हमें पाकिस्तान की जरुरत ही नहीं | यही लोग डुबो देंगे | खुद की जिंदगी दस साल नहीं बची और उस बच्चे को mcd के भरोसे छोड़ जायेंगे |

Bond007
21-03-2011, 06:23 PM
बस दो चार ऐसे शूरवीर और हो जाएँ तो हमें पाकिस्तान की जरुरत ही नहीं | यही लोग डुबो देंगे | खुद की जिंदगी दस साल नहीं बची और उस बच्चे को mcd के भरोसे छोड़ जायेंगे |

:laughing: :laughing: :lol: :lol: :rolling:

दस साल का भी क्या भरोसा|

Sikandar_Khan
21-03-2011, 06:26 PM
:laughing: :laughing: :lol: :lol: :rolling:

दस साल का भी क्या भरोसा|


घी दूध खाया हुआ है
इतने तो निकाल ही लेगा

pankaj bedrdi
21-03-2011, 06:26 PM
बहुत मस्त जनकारी सिकंन्दर भाइ

Sikandar_Khan
21-03-2011, 06:44 PM
बहुत मस्त जनकारी सिकंन्दर भाइ
पंकज जी
उत्साहवर्धन के लिए
हार्दिक आभार

Sikandar_Khan
23-03-2011, 10:46 PM
उम्र तीन साल वजन 60 किलो

चीन में तीन साल का लू हाओ अपनी उम्र के एक नॉर्मल बच्चे से पांच गुना अधिक वजन और साइज में भी मोटा है। इस उम्र में ही लू का वजन करीब 60 किलो ग्राम है। इस बच्चे का परिवार जब खाना खाने बैठता है तो यह बच्चा तीन बड़े कटोरे चावल खा जाता है। जितना उसकी मां या पिता भी नहीं खा पाते। उसकी मां चैन युआन ने बताया कि जब लू पैदा हुआ था तब उसका वजन दो किलो 60 ग्राम था। लेकिन तीन महीने की उम्र तक आते आते उसका वजन अचानक तेजी से बढ़ने लगा।

चैन ने बताया कि एक साल की उम्र के करीब तो हम लू के खाने पीने पर नजर रखने लगे थे। अगर उसे खाना देने में हमें जरा भी देर हो जाती तो वह जोर-जोर से चिल्लाने लगता था।

लू के पिता यूनचैंग का कहना है कि लू को गोद में उठाने पर उनके पसीने छूट जाते हैं और वह थक जाते हैं। लू को स्कूल जाना कतई पसंद नहीं है, न ही उसे स्विमिंग भाती है। पिछले एक साल में लू का वजन 10 किलो ग्राम तक और बढ़ गया है। उनका कहना है कि हमारे परिवार में कोई इस तरह से विशाल व्यक्ति नहीं रहा है। हमारे दोनों के परिवार में ऐसा कोई विशाल व्यक्ति कभी नहीं हुआ है।

घर पर खूब सारे खिलौने हैं लेकिन लू का पसंदीदा सुपरमैन हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उसके हामोर्न सामान्य स्तर पर हैं लेकिन यह बताना काफी मुश्किल है कि वह इतना वजन कैसे गेन कर रहा है। हमें उसके बढ़ते वजन के कारण उसके स्वास्थ्य की चिंता हो रही है।

Bholu
23-03-2011, 10:50 PM
उम्र तीन साल वजन 60 किलो

चीन में तीन साल का लू हाओ अपनी उम्र के एक नॉर्मल बच्चे से पांच गुना अधिक वजन और साइज में भी मोटा है। इस उम्र में ही लू का वजन करीब 60 किलो ग्राम है। इस बच्चे का परिवार जब खाना खाने बैठता है तो यह बच्चा तीन बड़े कटोरे चावल खा जाता है। जितना उसकी मां या पिता भी नहीं खा पाते। उसकी मां चैन युआन ने बताया कि जब लू पैदा हुआ था तब उसका वजन दो किलो 60 ग्राम था। लेकिन तीन महीने की उम्र तक आते आते उसका वजन अचानक तेजी से बढ़ने लगा।

चैन ने बताया कि एक साल की उम्र के करीब तो हम लू के खाने पीने पर नजर रखने लगे थे। अगर उसे खाना देने में हमें जरा भी देर हो जाती तो वह जोर-जोर से चिल्लाने लगता था।

लू के पिता यूनचैंग का कहना है कि लू को गोद में उठाने पर उनके पसीने छूट जाते हैं और वह थक जाते हैं। लू को स्कूल जाना कतई पसंद नहीं है, न ही उसे स्विमिंग भाती है। पिछले एक साल में लू का वजन 10 किलो ग्राम तक और बढ़ गया है। उनका कहना है कि हमारे परिवार में कोई इस तरह से विशाल व्यक्ति नहीं रहा है। हमारे दोनों के परिवार में ऐसा कोई विशाल व्यक्ति कभी नहीं हुआ है।

घर पर खूब सारे खिलौने हैं लेकिन लू का पसंदीदा सुपरमैन हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उसके हामोर्न सामान्य स्तर पर हैं लेकिन यह बताना काफी मुश्किल है कि वह इतना वजन कैसे गेन कर रहा है। हमें उसके बढ़ते वजन के कारण उसके स्वास्थ्य की चिंता हो रही है।

क्या करे नियति का इन्साफ हो

Sikandar_Khan
01-04-2011, 05:48 PM
स्पेलिंग ने पहुंचाया गिनिस बुक में

बच्चे तो क्या बड़े भी अंग्रेजी शब्दों की स्पेलिंग से जूझते हैं। लेकिन बेंगलुरु के शिशिर हथवार (25) ऐसे हैं जिन्हें 35 अक्षरों का शब्द Hippopotomonstrosesquipedaliophobia भी नहीं डरा पाता। वह पलक झपकते ही न केवल इसकी स्पेलिंग सीधी बल्कि उल्टी तरह से भी बोल लेते हैं। अपनी इसी काबिलियत की वजह से उनका नाम गिनिस बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में शामिल हुआ है। उनके नाम एक मिनट 22.53 सेकंड्स में 50 शब्दों की स्पेलिंग सीधे और उल्टे बोलने का रेकॉर्ड है।
शिशिर ने केरल के जॉब पोट्टस का रेकॉर्ड तोड़ा है जिनके नाम एक मिनट 40.14 का रेकॉर्ड है। शिशिर ने इस दौरान 20 छह अक्षरों वाले, 15 सात अक्षरों वाले और 15 आठ अक्षरों वाले शब्दों की स्पेलिंग बोली। शिशिर का कहना था कि मैंने हर शब्द की स्पेलिंग बोलने में 1.6 सेकंड का समय लिया। इसमें इस शब्द का उच्चारण का समय भी शामिल है। शिशिर ने दो साल की उम्र से यह हॉबी डिवेलप करनी शुरू की थी।

Sikandar_Khan
01-04-2011, 05:51 PM
शराबियों को मिलेगा एक वक्त का खाना

मध्य प्रदेश में शराबी पतियों के लिए यह अच्छी खबर नहीं है क्योंकि राज्य के होशंगाबाद जिले की सावलखेड़ा पंचायत की महिलाओं ने अपने पतियों को सुधारने के लिए कुछ कठिन संकल्प लिए हैं।

महिलाओं की पंचायत में तय किया गया है कि शराब पीकर घर आने पर पतियों को घर में नहीं घुसने दिया जाएगा और एक सप्ताह तक उन्हें एक वक्त का भोजन नहीं दिया जाएगा।

सांवलखेडा में शराबियों की तादाद लगातार बढ़ रही है। इसका असर बच्चों पर भी पड़ रहा है। इससे चिंतित महिलाओं ने सोमवार को पत्नी पंचायत बुलाई। उन्होंने एक मत से फैसला लिया कि शराब पीकर घर आने पर अपने पति को घर में प्रवेश नहीं करने देंगी। इतना ही नहीं शराब पीने की सजा के तौर पर उन्हें पूरे सप्ताह एक वक्त का खाना भी नहीं दिया जाएगा।

गांव की सरपंच श्वेता शर्मा का कहना है, जब महिलाएं पति का विरोध करेंगी तो उन पर अत्याचार भी हो सकता है, अत: इस बात को ध्यान में रखते हुए महिलाओं ने तय किया है कि अगर ऐसी स्थिति बनती है तो अत्याचार करने वालों के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।

महिलाओं के इस साहसिक फैसले का गांव का हर वर्ग सराहना कर रहा है। गांव के बुजुर्ग मोहन रघुवंशी का कहना है कि शराब खोरी बड़ी समस्या बन चुकी है। महिलाओं के इस फैसले से इस पर कुछ हद तक लगाम जरूर लगेगी।

Bholu
01-04-2011, 06:00 PM
शराबियों को मिलेगा एक वक्त का खाना

मध्य प्रदेश में शराबी पतियों के लिए यह अच्छी खबर नहीं है क्योंकि राज्य के होशंगाबाद जिले की सावलखेड़ा पंचायत की महिलाओं ने अपने पतियों को सुधारने के लिए कुछ कठिन संकल्प लिए हैं।

महिलाओं की पंचायत में तय किया गया है कि शराब पीकर घर आने पर पतियों को घर में नहीं घुसने दिया जाएगा और एक सप्ताह तक उन्हें एक वक्त का भोजन नहीं दिया जाएगा।

सांवलखेडा में शराबियों की तादाद लगातार बढ़ रही है। इसका असर बच्चों पर भी पड़ रहा है। इससे चिंतित महिलाओं ने सोमवार को पत्नी पंचायत बुलाई। उन्होंने एक मत से फैसला लिया कि शराब पीकर घर आने पर अपने पति को घर में प्रवेश नहीं करने देंगी। इतना ही नहीं शराब पीने की सजा के तौर पर उन्हें पूरे सप्ताह एक वक्त का खाना भी नहीं दिया जाएगा।

गांव की सरपंच श्वेता शर्मा का कहना है, जब महिलाएं पति का विरोध करेंगी तो उन पर अत्याचार भी हो सकता है, अत: इस बात को ध्यान में रखते हुए महिलाओं ने तय किया है कि अगर ऐसी स्थिति बनती है तो अत्याचार करने वालों के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।

महिलाओं के इस साहसिक फैसले का गांव का हर वर्ग सराहना कर रहा है। गांव के बुजुर्ग मोहन रघुवंशी का कहना है कि शराब खोरी बड़ी समस्या बन चुकी है। महिलाओं के इस फैसले से इस पर कुछ हद तक लगाम जरूर लगेगी।

लेकिन मै तो तीन बातो से दूर हूँ
पहली दारू
दूसरी पत्नि ( शादी शुदा नही हूँ )
तीसरी मै होशंगाबाद का नही हूँ

Bond007
05-04-2011, 09:36 PM
लेकिन मै तो तीन बातो से दूर हूँ
पहली दारू
दूसरी पत्नि ( शादी शुदा नही हूँ )
तीसरी मै होशंगाबाद का नही हूँ

चिंता मत करो, शादी के बाद होशंगाबाद में बसवा दिया जाएगा| :giggle:

bhoomi ji
06-04-2011, 12:28 PM
"मोबाईल हुआ 38 साल का"


मोबाईल फोन की नित नयी तकनीकी के बारे में तो लोग बहुत उत्सुक रहते हैं लेकिन बहुत काम लोग जानते हैं कि इसका इस्तेमाल सबसे पहले "मार्टिन कूपर" "martin cooper" ने 3 अप्रैल को 1973 में किया था...उस समय इस नए नवेले फोन का वजन एक किलोग्राम से अधिक था..


तारीख के हिसाब से देखें तो मोबाईल फोन की उम्र अब 38 साल की हो गयी है,और गत रविवार को इसने ३९ वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है...दुनिया में अन्य कोई उपकरण इतनी तेजी से आगे नहीं बढ़ा है जितनी तेजी से मोबाईल की विकास यात्रा देखने को मिली है.....कुछ ही दशकों में इस मशीन ने दुनिया की भौगोलिक दूरियों को मिटाकर पृथ्वी को एक भूमंडलीय गाँव में तब्दील कर दिया है...

bhoomi ji
06-04-2011, 12:31 PM
तो आइये बात करते हैं उस कम्पनी और उस इंसान के बारे में जिसने सबसे पहले मोबाईल यूज किया था....



मोटोरोला "motorola" वो पहली कंपनी थी जिसने इस उपकरण को इजात किया था...और मार्टिन कूपर ने जब इस उपकरण का इस्तेमाल किया था तो उनकी उम्र 44 साल की थी...उन्होंने इस कंपनी के पहले प्रोटोटाइप 'डायना टेक' के जरिये दुनिया की पहली मोबाईल कॉल की थी....
दुनिया भर के पत्रकारों और संवाददाताओं के सामने उन्होंने इस मशीन के नंबरों को दबाया और अपने कान से इस मशीन के एक सिरे को लगाया...यह कॉल बैल लैब्स के शोध विभाग के प्रमुख डा. इन्जेल को की गयी थी ...
मौजूदा दौर के मोबाईल फोनों का वजन जब लगातार काम होता जा रहा है तब यह बात कुछ हास्यास्पद लगती है कि पहले मोबाईल फोन का वजन एक किलो एक सौ ग्राम का था...
जीवन के 82 वसंत देख चुके कूपर सार्वजनिक जीवन में अब भी सक्रिय हैं और प्रौधोगिकी के क्षेत्र में अब भी योगदान दे रहे हैं

bhoomi ji
06-04-2011, 12:36 PM
कुछ तस्वीरें उस महान इंसान की जिसे "फादर ऑफ मोबाइल" भी कहा जाता है




http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10000&stc=1&d=1302075279

bhoomi ji
06-04-2011, 12:37 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10001&stc=1&d=1302075279

bhoomi ji
06-04-2011, 12:37 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10002&stc=1&d=1302075279

bhoomi ji
06-04-2011, 12:38 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10003&stc=1&d=1302075279

Sikandar_Khan
07-04-2011, 01:26 PM
कुत्ता करता रहा 12 घंटे बच्चे की रखवाली
कुत्ते ने परिवार के बच्चे पर सुरक्षित नजर रखी और तब तक उसके साथ रहा जब तक घरवाले उसे ढूंढते हुए नहीं पहुंच गए।

दो साल का बच्चा टेलर जैकब्सन परिवार से बिछुड़ गया था। 12 घंटे बाद वह अपने पड़ोसी के घर के पीछे के जंगल में मिला। साथ में इनका पालतू लोब्राडोर कुत्ता भी था।

इन 12 घंटों में इस दो साल के अपने पांवों पर न चल सकते वाले बच्चे की सुरक्षा में उसका कुत्ता तैनात रहा और जब तक बच्चे के घरवाले नहीं आ गए तब तक वहीं डटा रहा।

पुलिस में गुम हुए इस बच्चे को हेलिकॉप्टर की मदद से लोब्राडोर की पहरेदारी में ढूंढ निकाला।

साउथ केरोलिना के एल्गिन में शुक्रवार से टेलर गायब था। उसने इस 40 फेरेनहर्ट वाली ठंड में एक डायपर से ज्यादा कुछ नहीं पहन रखा था। पुलिस के खोजी कुत्तों ने भी बच्चे की खोजबीन की लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस ने बच्चे की मां जैक्लिन जैकब्सन और उसके प्रेमी जोस ग्लोरिया से भी पूछताछ की।

शेरिफ जिम मैथ्यू का कहना हे कि सभी बच्चे का नाम ले लेकर चिल्ला रहे थे लेकिन किसी ने भी एक बार भी उसके रोने की आवाज नहीं सुनी। टेलर के पिता अमेरिकी सेना में काम कर रहे हैं। इस घटना के बाद वह जल्द ही घर लौटने वाले हैं।

Sikandar_Khan
07-04-2011, 01:29 PM
27 दिन बाद जले मकान से जिंदा निकला
एक जले मकान से एक महीने बाद एक कुत्ता जिंदा निकला है। बोस्टन, अमेरिका में एक महीना पहले एक घर में आग लग गई थी। उस मकान के खंडहर से जब अपने कुत्ते को जिंदा निकलता देखा तो उसकी मालकिन के खुशी से आंसू निकल आए।

साल भर का लंबे बालों वाला यह कुत्ता लोला मकान में लगी आग की लपटों में बुरी तरह से फंस गया था। आगजनी के कुछ दिन बाद 24 साल की टैरिसा एकेवेडो पास-पड़ोस में अपने कुत्ते की खोज करती रही। लेकिन हफ्ते भर कुत्ते को खोजने के बाद उसकी उम्मीद ने जवाब दे दिया। उसने समझ लिया कि उसका कुत्ता घर के अंदर जल कर मर गया होगा।

हफ्ते भर बाद एक दिन टैरिसा अपने जले घर के बाहर खड़ी थी। उसे दरवाजे से कुछ खरोंचने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुन कर वह तुरंत जान गई कि यह उसका प्यारा कुत्ता 'लोला' ही है।

टैरिसा ने चिल्ला कर दोस्तों और पड़ोसियों को बुलाकर प्लाइवुड तोड़ा और उसमें से कुत्ते को बाहर निकाला। कुत्ते को तुरंत नजदीक के जानवरों के अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर एन्या गैम्बीनो का कहना है कि लोला ने जले मकान में 27 दिन बगैर खाने और पानी के बिताए हैं। उसका जिंदा बचना चमत्कार ही है।

ravi sharma
12-04-2011, 02:29 PM
आपके धुम्रपान कि पूरे परिवार को सजा भुगतनी पड़ती है
धुम्रपान की लत आपके साथ आपके परिवार को भी जहरीले धुंए का असर दे देती है यूँ तो हर बुरी आदत का परिणाम पूरे परिवार को सम्मिलित रूप से भुगतना पड़ता है लेकिन धुम्रपान की सजा आने वाली पीढ़ियाँ तक भुगतती है परिवार के मुखिया या किसी सदस्य के धुम्रपान का असर गर्भस्त शिशु पर भी पड़ता है गर्भस्त शिशु परोक्ष धुम्रपान का शिकार है और इसकी वजह से जन्म के समय उसका वजन कम रह सकता है उसका मस्तिष्क अविकसित भी रह सकता है धुम्रपान करने वाला भी जानता है कि शरीर को तम्बाकू से कोई फायदा नहीं होता है लेकिन लत हर सबाल का माकूल जबाब ढूंढ लेती है विकसित देशों में सिगरेट से होने वाले नुकसानों पर शोध हुए है लेकिन हमारे देश में बीडी के दुष्प्रभावों पर अब तक कोई गंभीर शोध नहीं हुए है बीडी बनाने वालों से लेकर बीडी पीने वालों तक सभी के परिवार इसका खामियाजा भुगतते है बीडी बनाने का काम परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है बच्चे इस काम में अहम् भूमिका निभाते है बचपन से ही वह बज्रासन की तर्ज पर बैठकर बीडी बनाना सीख जाता है तम्बाकू से भरा सूपड़ा उसकी गोदी में रखा रहता है परिवार भी उसे प्रोत्साहित करता है क्योंकि छोटी नाजुक उंगलियाँ से बीडी के धागे की गठान आसानी से और जल्दी लग जाती है कई बार तो बच्चों का प्रोडक्शन वयस्कों से अधिक निकल जाता है जो परिवार जितनी अधिक बीड़ियाँ बनाकर देगा उसे भुगतान भी उसी हिसाब से मिलेगा यही वजह है की परिवार का हर सदस्य बीडी उत्पादन में अपना योगदान देता है तम्बाकू की धांस पुरे घर में उडती है गर्भवती महिलाऐं भी इसी माहौल में साँस लेती है ।
हमारे देश में तम्बाकू का इतिहास बहुत पुराना नहीं है पुर्तगालियों के साथ तम्बाकू देश के पश्चिमी तट पर पहुंची थी आज कोने-कोने में इसके चाहने वाले मौजूद है राजस्व की आवक को देखते हुए केंद्र से लेकर प्रदेश तक कोई भी सरकार तम्बाकू की फसल पर कोई रोक नहीं लगाना चाहती है बुन्देल खंड और बघेल खंड में बीडी उद्योग बरसों से फल-फुल रहा है बीडी बनाने वालों की आर्थिक स्थिति में पीढ़ियों से कोई सुधार नहीं आया है बीडी निर्माताओं की लाबी इन इलाकों में आधुनिक उद्योग धंदे नहीं पनपने देना चाहती लोगों को जीविका के दुसरे विकल्प मिलने लगेंगे तो बीडी उद्योग को सस्ते और बंधुआ मजदुर कहाँ से मिलेंगे ।

ravi sharma
12-04-2011, 02:36 PM
हिंदू परंपरा के अनुसार मृतक का दाह संस्कार करते समय उसके मुख पर चंदन की लकड़ी रख कर जलाने की परंपरा है। यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। इस परंपरा के पीछे सिर्फ धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक कारण भी छिपे है।

चंदन की लकड़ी अत्यंत शीतल मानी जाती है। उसकी ठंडक के कारण लोग चंदन को घिसकर मस्तक पर तिलक लगाते हैं, जिससे मस्तिष्क को ठंडक मिलती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार मृतक के मुख पर चंदन की लकड़ी रख कर दाह संस्कार करने से उसकी आत्मा को शांति मिलती है तथा मृतक को स्वर्ग में भी चंदन की शीतलता प्राप्त होती है।

इसका वैज्ञानिक कारण अगर देखा जाए तो मृतक का दाह संस्कार करते समय मांस और हड्डियों के जलने से अत्यंत तीव्र दुर्गंध फैलती है। उसके साथ चंदन की लकड़ी के जलने से दुर्गंध पूरी तरह समाप्त तो नहीं होती लेकिन कुछ कम जरुर हो जाती है। यही कारण है दाह संस्कार करते समय शव के मुख पर चंदन की लकड़ी रखी जाती है।

sagar -
12-04-2011, 02:58 PM
बढिया जानकारी दे रया हे चाचा ! इसी और बढिया -२ जानकारी देते रहियो !

Sikandar_Khan
12-04-2011, 03:09 PM
चाचा जी
बढ़ियां प्रयास है |
इस सूत्र के द्वारा कुछ रोचक तथ्य जानने को मिलेंगे |
सूत्र को गति प्रदान करते रहेँ |

ravi sharma
12-04-2011, 03:10 PM
मेरे विचार से हिन्दी चिट्ठाकारों मे सबके पास जीमेल का एकाउन्ट है। गूगल द्वारा प्रदान की गयी यह एक अच्छी इमेल सेवा है। लेकिन कुछ ऐसी चीजें है जो शायद आप नही जानते होंगे। आइए इन्ही बातों के बारे मे बात करें।
एक खाता अनेक प्रयोग
अक्सर हम अलग अलग जगह पर प्रयोग करने के लिए अलग अलग इमेल का प्रयोग करते है। हम एक ही खाते मे आफिस,चिट्ठे, दोस्तों और परिवार की की इमेल का हिसाब किताब रखना चाहते है। जीमेल पर फिल्टर लगाने की सुविधा है(इस बारे मे अगले प्वाइंट पर बात करते है।) लेकिन क्यों ना ऐसा हो कि हम हर जगह अलग अलग इमेल का पता दें, लेकिन इमेल एक ही जगह आए। तो जनाब परेशान ना होइए, आप ऐसा कर सकते है। जीमेल की इमेल मे एक खास बात है कि आपके इमेल के प्रथम भाग मे जितने भी डाट्स हों जीमेल उन्हे इग्नोर करता है। उदाहरण के लिए। आपका पता अगर RahulDravid@gmail.com है, निम्नलिखित पतों पर की गयी सभी इमेल आपके पास आएंगी।
RahulDravid@gmail.com
Rahul.Dravid@gmail.com
Ra.hul.Dravid@gmail.com
R.ahulDravid@gmail.com
R.a.h.u.l.D.r.a.v.i.d@gmail.com
अथवा
RahulDravid@googlemail.com
Rahul.Dravid@googlemail.com
Ra.hul.Dravid@googlemail.com
R.ahulDravid@googlemail.com
R.a.h.u.l.D.r.a.v.i.d@googlemail.com
अब आप बिन्दास अलग अलग टाइप के इमेल के लिए अलग अलग इमेल आईडी दे दीजिए। आनी सब एक जगह है। इसके अतिरिक्त आप + का भी प्रयोग कर सकते है। उदाहरण के लिए, किसी फालतू साईट पर आप RahulDravid+faltu@gmail.com दे सकते है, आपकी सारी इमेल आपके पते पर आएंगी और आप उन्हे फिल्टर करके, कूड़े दान मे डाल सकते। इस बारे मे अगले पैराग्राम मे देखिए।
फिल्टर (छंटाई)
अब आपके पास इमेल तो अलग अलग जगह से आ गयी, लेकिन आप चाहते है कि जीतू के यहाँ से आई इमेल एक जगह संचित हो जाए, इमेल बॉक्स को ना घेरे। तो उसका भी इलाज है। आप किसी भी आने वाले पते, विषय, पाने वाले पते अथवा सामग्री के आधार पर फिल्टर बनाकर, उस इमेल को वांछित जगह पर पहुँचा सकते है। पूरी जानकारी यहाँ दी गयी है।
इमेल की खोज ( Search )
अब जीमेल आपको इतना बड़ा स्टोरेज देता है कि आप इमेल को रखते जाते है। अक्सर जरुरी इमेल गुम हो जाती है। हालांकि आपको उनको * लगाकर संचित कर सकते है। लेकिन उसके बाद भी कई कई बार इमेल नही मिलती। उसके लिए आप ढूंढ सकते है। इसमे सामान्य के अतिरिक्त एडवान्स सर्च भी है। उदाहरण के लिए:
शोएब के यहाँ से आई सारी इमेल देखने के लिए : from:shuaib
अमित के यहाँ से आई अटैचमेन्ट वाली इमेल्स : from:amit has:attachment
कविराज के यहाँ से आई, गलती से डिलीट हुई
इमेल को देखने के लिए : in:trash from:kaviraj
अगस्त के महीने मे आई सारी इमेल : after:2007/08/01 before:2007/09/01
इस बारे मे विस्तृत जानकारी यहाँ पर उपलब्ध है।
फीड एग्रीगेटर मे मेल को पढना
इसके अतिरिक्त अपनी इमेल को लेबल करना, फारवर्ड करना तो आपको आता ही होगा। लेकिन क्या आप जानते है कि आप अपनी इमेल को अपने एग्रीगेटर मे भी पढ सकते है। हालांकि इसका कोई खास प्रयोग नही है, लेकिन यदि आप चाहे तो अपनी इमेल को एग्रीगेटर मे भी पढ सकते है। अपनी इमेल के फीड का पता जानने के लिए ब्राउजर मे ये पता डाले:
https://mail.google.com/mail/feed/atom

Kumar Anil
12-04-2011, 04:02 PM
आपके धुम्रपान कि पूरे परिवार को सजा भुगतनी पड़ती है
धुम्रपान की लत आपके साथ आपके परिवार को भी जहरीले धुंए का असर दे देती है यूँ तो हर बुरी आदत का परिणाम पूरे परिवार को सम्मिलित रूप से भुगतना पड़ता है लेकिन धुम्रपान की सजा आने वाली पीढ़ियाँ तक भुगतती है परिवार के मुखिया या किसी सदस्य के धुम्रपान का असर गर्भस्त शिशु पर भी पड़ता है गर्भस्त शिशु परोक्ष धुम्रपान का शिकार है और इसकी वजह से जन्म के समय उसका वजन कम रह सकता है उसका मस्तिष्क अविकसित भी रह सकता है धुम्रपान करने वाला भी जानता है कि शरीर को तम्बाकू से कोई फायदा नहीं होता है लेकिन लत हर सबाल का माकूल जबाब ढूंढ लेती है विकसित देशों में सिगरेट से होने वाले नुकसानों पर शोध हुए है लेकिन हमारे देश में बीडी के दुष्प्रभावों पर अब तक कोई गंभीर शोध नहीं हुए है बीडी बनाने वालों से लेकर बीडी पीने वालों तक सभी के परिवार इसका खामियाजा भुगतते है बीडी बनाने का काम परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है बच्चे इस काम में अहम् भूमिका निभाते है बचपन से ही वह बज्रासन की तर्ज पर बैठकर बीडी बनाना सीख जाता है तम्बाकू से भरा सूपड़ा उसकी गोदी में रखा रहता है परिवार भी उसे प्रोत्साहित करता है क्योंकि छोटी नाजुक उंगलियाँ से बीडी के धागे की गठान आसानी से और जल्दी लग जाती है कई बार तो बच्चों का प्रोडक्शन वयस्कों से अधिक निकल जाता है जो परिवार जितनी अधिक बीड़ियाँ बनाकर देगा उसे भुगतान भी उसी हिसाब से मिलेगा यही वजह है की परिवार का हर सदस्य बीडी उत्पादन में अपना योगदान देता है तम्बाकू की धांस पुरे घर में उडती है गर्भवती महिलाऐं भी इसी माहौल में साँस लेती है ।
हमारे देश में तम्बाकू का इतिहास बहुत पुराना नहीं है पुर्तगालियों के साथ तम्बाकू देश के पश्चिमी तट पर पहुंची थी आज कोने-कोने में इसके चाहने वाले मौजूद है राजस्व की आवक को देखते हुए केंद्र से लेकर प्रदेश तक कोई भी सरकार तम्बाकू की फसल पर कोई रोक नहीं लगाना चाहती है बुन्देल खंड और बघेल खंड में बीडी उद्योग बरसों से फल-फुल रहा है बीडी बनाने वालों की आर्थिक स्थिति में पीढ़ियों से कोई सुधार नहीं आया है बीडी निर्माताओं की लाबी इन इलाकों में आधुनिक उद्योग धंदे नहीं पनपने देना चाहती लोगों को जीविका के दुसरे विकल्प मिलने लगेंगे तो बीडी उद्योग को सस्ते और बंधुआ मजदुर कहाँ से मिलेंगे ।

चाचा जी !
मैँ इसे रोचक जानकारी के रूप मेँ न लेकर बहस के लिये आप द्वारा उठायी गयी एक ज्वलन्त समस्या के रूप मेँ देख रहा हूँ । तम्बाकू के रूप मेँ हम बीड़ी , सिगरेट और गुटखा का व्यसन कर रहे हैँ । मूलतः जिसमेँ निकोटिन की मात्रा न्यूनाधिक रूप मेँ हमारे शरीर पर दुष्प्रभाव डाल रही है । धूम्रपान व्यसनी के अतिरिक्त निकटस्थ लोगोँ को भी अपनी चपेट मेँ ले लेता है । विदेशोँ मेँ तो न्यायालय मेँ क्षतिपूर्ति के लिये वाद दायर किया जा सकता है । बुन्देलखण्ड और मध्य प्रदेश मेँ तेँदू पत्ते की बहुतायत होने की वज़ह से नशे का यह उद्योग लम्बे अरसे से फल फूल रहा है और साथ ही बाल श्रम , बंधुआ मजदूरी के कानूनोँ का खुला उल्लंघन हो रहा है । गरीबी रेखा से नीचे रहने वालोँ को जब दो जून की रोटी नसीब नहीँ होती तो वो बेचारे विवश होकर तम्बाकू की धाँस मेँ अपनी रोटी तलाशते हैँ । एक एक निवाले के लिये क्या बच्चा , क्या औरत , क्या बुड्ढा सब मिलकर तेँदू पत्ते को लपेटने के लिये लाचार हैँ । अब ऐसी स्थिति मेँ आर्थिक स्थिति मेँ सुधार की बात तक सोचना बेमानी है । सरकार को तो अपने राजस्व की चिँता ही खाये रहती है । भले ही उसे नशे को बेचना पड़े और कल्याणकारी राज्य की मुहर लगाने के लिये मद्य निषेध विभाग जैसे महक़मे तो चल ही रहे हैँ । पैँकिँग पर साँप बिच्छू जैसे चित्र उसकी इस तथाकथित सदाशयता के द्योतक हैँ ही ।

Nitikesh
12-04-2011, 05:06 PM
मेरे विचार से हिन्दी चिट्ठाकारों मे सबके पास जीमेल का एकाउन्ट है। गूगल द्वारा प्रदान की गयी यह एक अच्छी इमेल सेवा है। लेकिन कुछ ऐसी चीजें है जो शायद आप नही जानते होंगे। आइए इन्ही बातों के बारे मे बात करें।
एक खाता अनेक प्रयोग
अक्सर हम अलग अलग जगह पर प्रयोग करने के लिए अलग अलग इमेल का प्रयोग करते है। हम एक ही खाते मे आफिस,चिट्ठे, दोस्तों और परिवार की की इमेल का हिसाब किताब रखना चाहते है। जीमेल पर फिल्टर लगाने की सुविधा है(इस बारे मे अगले प्वाइंट पर बात करते है।) लेकिन क्यों ना ऐसा हो कि हम हर जगह अलग अलग इमेल का पता दें, लेकिन इमेल एक ही जगह आए। तो जनाब परेशान ना होइए, आप ऐसा कर सकते है। जीमेल की इमेल मे एक खास बात है कि आपके इमेल के प्रथम भाग मे जितने भी डाट्स हों जीमेल उन्हे इग्नोर करता है। उदाहरण के लिए। आपका पता अगर RahulDravid@gmail.com है, निम्नलिखित पतों पर की गयी सभी इमेल आपके पास आएंगी।
RahulDravid@gmail.com
Rahul.Dravid@gmail.com
Ra.hul.Dravid@gmail.com
R.ahulDravid@gmail.com
R.a.h.u.l.D.r.a.v.i.d@gmail.com
अथवा
RahulDravid@googlemail.com
Rahul.Dravid@googlemail.com
Ra.hul.Dravid@googlemail.com
R.ahulDravid@googlemail.com
R.a.h.u.l.D.r.a.v.i.d@googlemail.com
अब आप बिन्दास अलग अलग टाइप के इमेल के लिए अलग अलग इमेल आईडी दे दीजिए। आनी सब एक जगह है। इसके अतिरिक्त आप + का भी प्रयोग कर सकते है। उदाहरण के लिए, किसी फालतू साईट पर आप RahulDravid+faltu@gmail.com दे सकते है, आपकी सारी इमेल आपके पते पर आएंगी और आप उन्हे फिल्टर करके, कूड़े दान मे डाल सकते। इस बारे मे अगले पैराग्राम मे देखिए।
फिल्टर (छंटाई)
अब आपके पास इमेल तो अलग अलग जगह से आ गयी, लेकिन आप चाहते है कि जीतू के यहाँ से आई इमेल एक जगह संचित हो जाए, इमेल बॉक्स को ना घेरे। तो उसका भी इलाज है। आप किसी भी आने वाले पते, विषय, पाने वाले पते अथवा सामग्री के आधार पर फिल्टर बनाकर, उस इमेल को वांछित जगह पर पहुँचा सकते है। पूरी जानकारी यहाँ दी गयी है।
इमेल की खोज ( Search )
अब जीमेल आपको इतना बड़ा स्टोरेज देता है कि आप इमेल को रखते जाते है। अक्सर जरुरी इमेल गुम हो जाती है। हालांकि आपको उनको * लगाकर संचित कर सकते है। लेकिन उसके बाद भी कई कई बार इमेल नही मिलती। उसके लिए आप ढूंढ सकते है। इसमे सामान्य के अतिरिक्त एडवान्स सर्च भी है। उदाहरण के लिए:
शोएब के यहाँ से आई सारी इमेल देखने के लिए : from:shuaib
अमित के यहाँ से आई अटैचमेन्ट वाली इमेल्स : from:amit has:attachment
कविराज के यहाँ से आई, गलती से डिलीट हुई
इमेल को देखने के लिए : in:trash from:kaviraj
अगस्त के महीने मे आई सारी इमेल : after:2007/08/01 before:2007/09/01
इस बारे मे विस्तृत जानकारी यहाँ पर उपलब्ध है।
फीड एग्रीगेटर मे मेल को पढना
इसके अतिरिक्त अपनी इमेल को लेबल करना, फारवर्ड करना तो आपको आता ही होगा। लेकिन क्या आप जानते है कि आप अपनी इमेल को अपने एग्रीगेटर मे भी पढ सकते है। हालांकि इसका कोई खास प्रयोग नही है, लेकिन यदि आप चाहे तो अपनी इमेल को एग्रीगेटर मे भी पढ सकते है। अपनी इमेल के फीड का पता जानने के लिए ब्राउजर मे ये पता डाले:
https://mail.google.com/mail/feed/atom


लेकिन यहाँ पर एक समस्या लगाती है/
यदि Rahul.Dravid@gmail.com
Ra.hul.Dravid@gmail.com

ये दोनों अलग व्यक्ति हो और कोई दोनों में से किसी एक के पास मेल करेगा तो दोनों के पास चले जायेगा/
क्या इससे कोई समस्या नहीं होगी/
या फिर जीमेल में इस तरह से दो अलग व्यक्तियों के मेल आईडी बन ही नहीं सकती/
जरा इसके बारे में भी बताइए/

pankaj bedrdi
12-04-2011, 07:13 PM
बहुत अच्छा सिकन्दर भाइ

ndhebar
14-04-2011, 11:30 AM
लेकिन यहाँ पर एक समस्या लगाती है/
यदि rahul.dravid@gmail.com
ra.hul.dravid@gmail.com

ये दोनों अलग व्यक्ति हो और कोई दोनों में से किसी एक के पास मेल करेगा तो दोनों के पास चले जायेगा/
क्या इससे कोई समस्या नहीं होगी/
या फिर जीमेल में इस तरह से दो अलग व्यक्तियों के मेल आईडी बन ही नहीं सकती/
जरा इसके बारे में भी बताइए/

ये समस्या वाकई विकट है, मेरे ख्याल से गूगल इतनी बड़ी गलती नहीं करेगा

Kumar Anil
16-04-2011, 03:30 AM
कुछ तस्वीरें उस महान इंसान की जिसे "फादर ऑफ मोबाइल" भी कहा जाता है




http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10000&stc=1&d=1302075279

फॉदर ऑफ मोबाइल का नाम बताते हुए संक्षिप्त परिचय तो दीजिए ।

ravi sharma
19-04-2011, 08:22 PM
दोस्त सच्चा है कि बनावटी, ऐसे पहचाने

हमारे मन का स्वभाव ऐसा है कि वह मीठा बोलने वालों को ही ज्यादा पंसंद करता है। अच्छे-बुरे से मन को कुछ लेना-देना नहीं। असली दोस्त की पहचान में भी इसी कारण से इंसान से भूल हो जाती है। व्यक्ति मीठा बोलने वाले मनोरंजक व्यक्ति को ही अपना पक्का दोस्त समझ बैठते हैं, जबकि असलियत में ऐसा कुछ होता नहीं। इस विषय में कबीरदास जी ने बहुत सही बात कही है- निंदक नियरे राखिये, आंगन कुटि छवाय।

बिन साबुन बिना निर्मल करे सुभाय।।

इसीलिये कहते हैं सच्चा दोस्त उस निदंक की तरह होता है जो अच्छाईयों पर आपकी तारीफ के साथ साथ आपकी बुराईयों को सामने लाकर उनको दूर करने में आपकी मदद करता है।



ऐसा ही एक किस्सा है कृष्ण और अर्जुन की दोस्ती का द्वारिका में एक ब्राह्मण के घर जब भी कोई बालक जन्म लेता तो वह तुरंत मर जाता एक बार वह ब्राह्मण अपनी ये व्यथा लेकर कृष्ण के पास पहुंचा परन्तु कृष्ण ने उसे नियती का लिखा कहकर टाल दिया। उस समय वहां अर्जुन भी मौजूद थे।अर्जुन को अपनी शक्तियों पर बड़ा गर्व था। अपने मित्र की मदद करने के लिए अर्जुन ने ब्राह्मण को कहा कि मैं तुम्हारे पुत्रों की रक्षा करूंगा। तुम इस बार अपनी पत्नी के प्रसव के समय मुझे बुला लेना ब्राह्मण ने ऐसा ही किया लेकिन यमदूत आए और ब्राह्मण के बच्चे को लेकर चले गए।



अर्जुन ने प्रण किया था कि अगर वह उसके बालकों को नहीं बचा पाएगा तो आत्मदाह कर लेगा।

जब अर्जुन आत्म दाह करने के लिए तैयार हुए तभी श्री कृष्ण ने अर्जुन को रोकते हुए कहा कि यह सब तो उनकी माया थी उन्हें ये बताने के लिए कि कभी भी आदमी को अपनी ताकत पर गर्व नहीं करना चाहिए क्यों कि नियती से बड़ी कोई ताकत नहीं होती।

pankaj bedrdi
20-04-2011, 02:12 PM
वाह वाह क्या जनकारी है

ABHAY
21-04-2011, 12:20 AM
बहुत रोचक जानकरी .....................................

ravi sharma
24-04-2011, 01:18 AM
इंसान को आश्चर्य में डाल देने वाली प्रकृति की पांच रचनाएं

प्रकृति के श्रृंगार ने मानव शुरु से ही हतप्रभ किया है। इस कड़ी में हम आपको ऐसे पांच तालाबों से परिचित कराने जा रहे हैं जो प्रकृति के सौंदर्य में चार चांद लगाने वाले हैं। इन आकृतियों को देख आप चौंक सकते हैं क्योंकि यह संरचनाएं हैं ही ऐसी। इनमें से ज्यादातर का निर्माण प्रकृति ने खुद ही किया है जबकि कुछ मानव से अनजाने में बन गईं।

ravi sharma
24-04-2011, 01:19 AM
1. लेडी लक लेक : यह तालाब रेड रिवर का ही एक हिस्सा है। ऐसे मौसम में जब नदी में पानी कम होता है तो वहां एक तालाब का निर्माण हो जाता है। अंग्रेजी शब्द यू का आकार ले लेने वाला कनाडा का यह तालाब और इसके बीच में फैली हरियाली इसे किसी खूबसूरत द्वीप का सा रूप देती है।

http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10576&stc=1&d=1303590537

ravi sharma
24-04-2011, 01:20 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10576&stc=1&d=1303590537

ravi sharma
24-04-2011, 01:23 AM
फोटो छोटी आरही है ओर हमें मजा नही आरहा है इसलिए में ओर आगे नही पोस्ट कर रहा हू

jitendragarg
24-04-2011, 01:31 AM
फोटो छोटी आरही है ओर हमें मजा नही आरहा है इसलिए में ओर आगे नही पोस्ट कर रहा हू

फोटो को अटेच करने के बाद, उसका लिंक कॉपी करके ऊपर इमेज वाले बुट्तों पर क्लिक करे, और वो लिंक वह डाले. इमेग अपने आप पुरे साइज की आएगी!

ज्यादा जानकारी के लिए ये सूत्र देखे! http://myhindiforum.com/showthread.php?t=2134

:cheers:

ravi sharma
24-04-2011, 02:12 AM
इन 7 लोगों को नमस्कार न करें
सनातन धर्म की श्रेष्ठता का कारण उसकी परंपराओं के पीछे इंसानी जीवन से जुड़ी वैचारिक और व्यावहारिक गहराई है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक बताई गई अनेक क्रियाएं इंसान के विचार और व्यवहार को अनुशासित रख जीवन को ऊंचा उठाती है।

ऐसी ही एक क्रिया है - नमस्कार। यह शारीरिक मुद्रा पूरी दुनिया में भारतीय होने की पहचान भी है। नमस्कार की मुद्रा असल में सम्मान या स्नेह प्रगट करती है। वहीं इसका असर संबंधों को गहरा ही नहीं करता, बल्कि यह छोटी-सी शारीरिक मुद्रा किसी भी इंसान के व्यक्तित्व, चरित्र और व्यवहार को भी बेहतर बनाती है। क्योंकि दोनों हाथों को मिलाकर, हल्का सा शरीर के झुकाव के साथ किया गया नमस्कार असल में सबसे पहले व्यक्ति के अहं को दूर करता है, जो अनेक मानसिक और व्यावहारिक दोषों का कारण भी है।

नमस्कार द्वारा अभिवादन का यह तरीका दूसरों पर भी अच्छा असर करता है, जो आपके लिए भी सकारात्मक नतीजे देता है। क्योंकि दूसरों को दिया गया सम्मान बदले में वैसा ही सम्मान, सहयोग और प्रेम लाता है।

चूंकि हर क्रिया और व्यवहार का महत्व मर्यादा के बिना अधूरा है। यही कारण है कि हिन्दू धर्म शास्त्रों में नमस्कार करने के लिए भी कुछ मर्यादाएं बताई गईं है। जिनका पालन आपके साथ दूसरों के लिए भी हितकारी होती हैं। जानते हैं किसी व्यक्ति से नमस्कार किन-किन स्थितियों में न करें -

जो व्यक्ति दूर हो - ऐसी स्थिति में कोई व्यक्ति आपके अभिवादन को न देख पाए। जिसे अनदेखी समझकर आपके मन में कलह पैदा हो सकता है।

जो व्यक्ति जल में हो - जल में रहने या तैरते वक्त थोड़ी भी चूक जानलेवा हो सकती है। यह ध्यान भंग आपके नमस्कार से भी संभव है।

जो व्यक्ति दौड़ रहा हो - आपके द्वारा किए गए नमस्कार से दौड़ते व्यक्ति की एकाग्रता और लय बिगडऩा उसकी चोट या ठोकर का कारण बन सकता है।

धन के अहंकार से ग्रसित व्यक्ति - ऐसे व्यक्ति से नमस्कार आपके अपमान का कारण भी बन सकता है।

नहाता हुआ व्यक्ति - स्नान का समय नमस्कार के लिए उचित स्थिति नहीं मानी जाती। क्योंकि यह आप और उस व्यक्ति को असहज बना सकती है।

मूढ़ या मूर्ख व्यक्ति - आचरण व व्यवहार की समझ ने होने से ऐसा व्यक्ति नमस्कार की अहमियत नहीं समझता और आपकी भावना को आहत कर सकता है।

जो व्यक्ति अपवित्र हो - किसी कारणवश जैसे मृत्यु संस्कार कर्म या किसी अन्य कारण से अपवित्रता के दौरान कोई व्यक्ति सहज मनोदशा में नहीं होता, तो नमस्कार उचित नहीं है।

pankaj bedrdi
26-06-2011, 09:36 AM
एक 60 साल महिला के मरने के बाद उसे ताबूत में लूट लिया गया। दरअसल डिसूजा की सिंगापुर में डेथ हो गई। डेड बॉडी को सिंगापुर से मुंबई एक ताबूत में रखकर लाया जा रहा था। ताबूत में महिला के साथ उसकी सोने की दो अंगूठियां, डॉलर, सोने की चूड़ियां, सोने की इयरिंग, नेकलेस और चॉकलेट भी रखे थे।

इन चीजों की लिस्ट पोस्टमार्टम के बाद अस्पताल द्वारा दी गई थी। बाद में सिंगापुर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने भी इनकी लिस्ट डिसूजा के परिजनों को मुंबई भिजवाई थी। मुंबई पहुंचने के बाद ताबूत को बांद्रा के भाभा अस्पताल ले जाया गया। वहां डिसूजा के बेटे एशले डिसूजा ने ताबूत खोला तो ये सारी चीजें गायब मिलीं। उसमें सिर्फ चॉकलेट रखी हुई थी। एशले ने कहा कि मैं मां से जुड़ी चीजें वापस पाने के लिए कुछ भी करूंगा क्योंकि ये मां की निशानी थी। उन्होंने उन फोटोग्राफ की भी मांग की है जो बॉडी को ताबूत में रखते समय ली गई थीं।

pankaj bedrdi
26-06-2011, 09:36 AM
दुनिया में एक बल्ब ऐसा भी है जो पिछले 110 साल से रोशन है। इस बल्ब की प्रसिद्धि का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सोशल नेटवर्क साइट पर इसका फैन क्लब बन गया है। इन फैन क्लब के करीब एक हजार मेंबर बन चुके हैं।

नॉदर्न कैलिफोर्निया के लिवरमोर स्थित फायर स्टेशन-6 में लगा है यह बल्ब। यहां इसे उस समय लगाया गया था जब क्वीन विक्टोरिया की मौत हुई थी।

थॉमस एडिसन की ही तरह फेमस एडोल्फ चैलेट ने इस बल्ब को डिजाइन किया था। लेकिन यह अलग है कि एडोल्फ एडिसन की तरह कामयाब नहीं हो सके। जबकि उनके बल्ब ने साबित कर दिया है कि यह हाई वॉलटेज को भी सह सकने की क्षमता रखता है।

बल्ब का इतिहास

इस बल्ब को सबसे पहले 1901 में एल स्ट्रीट स्थित फायर डिपार्टमेंट के होज कार्ट हाउस में लगाया गया था। कुछ दिन बाद इसे यहां से हटा कर फायर हाउस में लगा दिया गया।

1903 में नए फायर स्टेशन-1 में ले जाया गया। 1937 में फायर हाउस की मरम्मत और इसे ठीक ठाक करने के दौरान यह बल्ब करीब एक हफ्ते तक बंद रहा।

पहले 75 साल तक यह बल्ब शहर की बिजली की सीधी लाइन पर 110 वॉल्ट के करंट से लगातार जलता रहा। 1976 से यह बल्ब कैलिफोनिर्या में लिवरमोर के फायर स्टेशन में जल रहा है। शुरू में यह 120 वॉल्ट के बिजली के करंट पर रोशनी फैला रहा था। तब तक किसी की नजर इस पर नहीं पड़ी। फिर एक दिन एक लोकल अखबार ने इस बल्ब के बारे में लोगों को जानकारी दी। तभी से इसकी प्रसिद्धि बढ़ती गई और इसको देखने वालों की तादाद बढ़ती गई। बल्ब के प्रोटेक्टर स्टीव बन के अनुसार यह इंजीनियरिंग की एक अनूठी मिसाल है। यह साफ है कि आज के मुकाबले पहले समय में चीजें बेहतर हुआ करती थी। यह बल्ब इसी की एक मिसाल है।

pankaj bedrdi
26-06-2011, 09:39 AM
पेइचिंग।। चीन के पेइचिंग में एक 3 साल के बच्चे के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसे किसी चमत्कार से कम नहीं कहा जा सकता। यह बच्चा आठवीं मंजिल से गिरा और उसके बाद वह एयर-कंडिशनिंग कंप्रेसर और दीवार के बीच जाकर फंस गया। उसी दौरान पास से गुजर रहे एक शख्स की नजर उस पर पड़ गई। पास की ही एक दुकान पर काम करने वाले जोहू और वैंग ने अपनी जान की परवाह किए बिना उसे वहां से निकाल लिया।

आसपास के लोग इस घटना को देख इतना डर गए थे कि उन्होंने मदद के लिए पुलिस को बुला लिया, लेकिन पुलिस के आने से पहले ही इन दोनों ने बच्चे को बचा लिया। बच्चा उस फ्लैट में अपनी दादी के साथ रहता था।

pankaj bedrdi
26-06-2011, 09:39 AM
ऐसी आम धारणा है कि कौवे कभी क्राइम नहीं करते, लेकिन मुंबई के घाटकोपर में एक कौवा एक महिला की चेन लेकर उड़ गया। यह केस बाकायदा घाटकोपर पुलिस स्टेशन में आया है। हालांकि, पुलिस ने कौवे के खिलाफ लूट का मामला तो दर्ज नहीं किया, लेकिन पुलिस स्टेशन में इस मामले में मिसिंग का केस जरूर दर्ज हुआ है।

एक महिला ने पुलिस में जो शिकायत दर्ज कराई, उसके मुताबिक पिछले सप्ताह जब वह नहा रही थी, तो बाथरूम की खिड़की पर उसने अपने गले की सोने की चेन उतार कर रख दी। तभी एक कौवा वहां उड़ कर आया और फिर वह चेन को अपनी चोंच में दबाकर उड़ लिया। परेशान महिला फौरन पुलिस स्टेशन आई और केस रजिस्टर करने का दबाव डालने लगी। पुलिस के सामने बड़ी समस्या यह थी कि वह किस आधार पर केस दायर करे, क्योंकि कौवा कानून के दायरे में कहीं आता ही नहीं है। इसलिए पुलिस ने तय किया कि वह इस मामले में केस तो दायर करेगी, लेकिन सिर्फ मिसिंग का, क्योंकि जो कौवा चोंच में दबाकर सोने की चेन ले गया, वह इस चेन को खुद तो पहनने वाला नहीं और न ही अपनी किसी प्रेमिका को देनेवाला है। निश्चित तौर पर वह अब तक कहीं न कहीं इस चेन को गिरा चुका होगा। उस स्थिति में यदि किसी के हाथ यह चेन लगती है, तो पुलिस इस आधार पर उससे यह चेन अपने कब्जे में ले सकती है कि इस मामले में पुलिस स्टेशन में बाकायदा मिसिंग का केस दर्ज है।

एक पुलिस अधिकारी ने मजाक करते हुए कहा कि हो सकता है कि कभी उस महिला को लगे कि उसकी चेन ले जानेवाला कौवा फिर उसके घर के इर्द-गिर्द दिख रहा है और वह पुलिस को इस बारे में टिप देने की कोशिश करे, लेकिन सूचना मिलने के बावजूद पुलिस कभी भी उस कौवे को अपनी गिरफ्त में शायद ही ले पाएगी, क्योंकि वह पुलिस के हाथ लगने से पहले ही फुर्र से उड़ जाएगा। यदि पुलिस के कब्जे में वह कौवा कभी आ भी गया, तो भी पुलिस मुकदमा सिर्फ आईडेंटिफिकेशन परेड की वजह से हार जाएगी, क्योंकि आईडेंटिफिकेशन परेड में कई कौवों को लाया जाएगा और हर कौवे का एक ही कलर और हुलिया होने की वजह से उस महिला के लिए जिसका चेन लूटा गया, असली कौवे का पहचान करना नामुमकिन होगा।

pankaj bedrdi
26-06-2011, 09:41 AM
चीन के करीब 5,000 साल पहले के एक शासक के मकबरे पर पहली अगरबत्ती जलाने के अवसर की नीलामी 11.8 लाख युआन (करीब 81 लाख रुपए) में हुई है। हेनान प्रांत के हुआईयांग में फू जी के मकबरे पर प्रार्थना के लिए रविवार को हजारों लोग इकट्ठे हुए थे, लेकिन केवल एक ही शख्स को परम्परागत रूप से पहली अगरबत्ती लगाने का अवसर मिला।

फू जी प्राचीन चीन के उन तीन सासकों में गिने जाते हैं जिन्हें ईश्वर समान माना जाता रहा है। कहा जाता है कि उन्होंने मछली पकड़ने व शिकार करने की कला का आविष्कार किया था। उन्हें स्वर्ग, झील, अग्नि, आंधी, हवा, पानी, पर्वत और पृथ्वी से जोड़कर देखा जाता है।

समाचार पत्र 'शंघाई डेली' के मुताबिक हेनान झिंगयिन रियल इस्टेट कम्पनी, हेनान यक्जिंताई इन्वेस्टमेंट और गारंटी कम्पनी ने 11.8 लाख युआन की राशि चुकाकर यह विशेष अगरबत्ती खरीदी थी। पूजा समारोह के लिए पवित्र वाइन से भरे पहले कप की बिक्री 80,000 युआन में हुई। हेबेई प्रांत की शराब निर्माता कम्पनी लुझोउलाओजियाओ ने इसे खरीदा।

pankaj bedrdi
26-06-2011, 09:41 AM
अगर आप अच्छे कपड़े पहन कर घर से बाहर निकलने से इसीलिए बचते हैं कि कहीं कपड़े गंदे न हों जाएं , तो अब जल्द ही आपकी इस समस्या का समाधान होने वाला है।

आईआईटी दिल्ली के स्मिथा लैब के प्रफेसरों और स्टूडेंट्स ने मिलकर एक ऐसी टेक्नीक तैयार की है , जिससे कपड़े पर एक महीन परत चढ़ा दी जाएगी। यह परत नंगी आंखों से दिखाई तो नहीं देगी , लेकिन इतनी स्ट्रॉंन्ग होगी कि 30 धुलाई तक भी इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जल्द ही यह कपड़ा मार्केट में उतारा जाएगा।

जांच के दौरान साधारण कपड़े पर जब रंग डाला गया तो वह उस पर फैल गया, लेकिन परत चढ़े कपड़े पर रंग की बूंद नहीं रुकी। ऐसे फिसलन महसूस हुई, मानो प्लास्टिक हो।

pankaj bedrdi
26-06-2011, 09:42 AM
। अमेरिका के फ्लोरिडा शहर के एक शख्स का बटुआ खोने के 50 वर्षों बाद सही सलामत मिल गया। उसका यह बटुया स्कूल में आयोजित नृत्य समारोह के दौरान खो गया था।

मिली जानकारी के मुताबिक सिनसिनाटी में मेरीमोंट एलीमेंट्री स्कूल में निर्माणाधीन कार्यों में लगे श्रमिकों को जेम्स सिम्पसन का बटुआ मिला। काबिलेगौर है कि बटुए में अभी भी सिम्पसन के ड्राइवर का लाइसेंस, तस्वीरें और वर्ष 1963 में आयोजित उस नृत्य समारोह की टिकटें मौजूद हैं। सिम्पसन फिलहाल फ्लोरिडा के अन्ना मारिया द्वीप पर रह रहे हैं।

बटुआ मिलने के बाद उनको वह क्षण याद आ गया जब स्कूल में उन्होंने अपना बटुआ खोया था। उस समय वह हाई स्कूल में पढ़ रहे थे। उन्होंने कहा, ' मैं बहुत निराश था, लेकिन मैं वापस चला गया। मैंने अपनी फ्रेंड को बताया कि मैं समारोह में नहीं जाऊंगा क्योंकि मेरे पास पैसे नहीं हैं। '

सिम्पसन की मित्र की मां ने उन्हें पैसे देकर समारोह भेज दिया। लेकिन उन दोनों को वहां दाखिल नहीं होने दिया गया क्योंकि सिम्पसन की फ्रेंड महज आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। सिम्पसन का कहना है कि बटुआ और उसमें रखी बाकी चीजें तो मिल गईं लेकिन पैसे नहीं मिले। उन्हें लगता है कि सम्भवत: किसी ने पैसे निकालकर बटुआ वहीं फेंक दिया होगा जो करीब 50 साल बाद उन तक पहुंचा।

pankaj bedrdi
26-06-2011, 09:42 AM
107 बार शादी करने और 185 बच्चों का पिता होने के बावजूद 87 वर्षीय बेल्लो मसाबा आज भी शादी का प्रस्ताव मिलने पर ना कहने को राजी नहीं हैं।

लॉस ऐंजिलिस टाइम्स के अनुसार, नाईजीरियाई ओका का 200 सदस्यों का परिवार एक ही छत के नीचे रहता है। शादी का प्रस्ताव करने वाली किसी भी युवती को वह ना नहीं कह पाते हैं।

मसाबा की फिलहाल 86 पत्नियां हैं, जिसमें सबसे कम आयु की पत्नी महज 19 बरस की हैं, जबकि उम्र के लिहाज से सबसे अधिक आयु की पत्नी 64 बरस की हैं।

इनमें से नौ पत्नियों की मौत हो चुकी है, जबकि वह नाफरमानी के चलते 12 अन्य को तलाक दे चुके हैं। इसके अलावा उनके 185 बच्चों में से 133 जीवित हैं। इनमें सबसे कम की आयु महज एक माह है। मसाबा समृद्ध हैं, क्योंकि इलाज करवाने के नाम पर आने वाले लोग उन्हें अच्छी खासी रकम देते हैं।

pankaj bedrdi
26-06-2011, 02:43 PM
गुजरात. संजन बांदर गाँव में लगा एक आम का पेड़ न सिर्फ पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है बल्कि, एक अनोखी विशेषता की वजह से यह दुनिया भर के लिए आश्चर्य और आकर्षण का विषय है.







यह पेड़ न सिर्फ हजार साल पुराना है बल्कि, यह चलता भी है. इस गाँव में रहने वाले किसी भी व्यक्ति से पूछिए, वो आपको यही बताएगा कि आम का यह पेड़ चलता है और अपने मूल स्थान से यह 200 मीटर खिसक चुका है. यहाँ के मुख्य वन अधिकारी एच एस सिंह का कहना है कि "आम के इस पेड़ को गुजरात के 50 हेरिटेज पेड़ों की सूची में रखा गया है जिसमे कई अनूठी विशेषताएं है."







दरअसल यह बेहद पुराना और बड़ा पेड़ है जिसकी शाखाएं बड़ी होकर झुक जाती हैं और जमीन को छूने लगती हैं. कुछ समय बाद यही शाखा एक नया पेड़ बन जाता है. ऐसा पिछले लगभग हजार साल से जारी है. इसी वजह से ऐसा आभास होता है कि पेड़ चल रहा है जबकि पुराणी शाखा के सूखने और नै शाखा के पेड़ बन जाने की वजह इसका स्थान थोडा-थोडा खिसकता रहता है. अपनी इसी विशेषता के कारण ऐसा आभास होता है कि पेड़ खिसक रहा है.

Nitikesh
26-06-2011, 06:02 PM
पंकज जी वाकई में कुछ बहुत ही रोचक जानकारी है/
हमारे साथ बांटने के लिए धन्यवाद

Bhuwan
26-06-2011, 11:19 PM
बल्ब का इतिहास

इस बल्ब को सबसे पहले 1901 में एल स्ट्रीट स्थित फायर डिपार्टमेंट के होज कार्ट हाउस में लगाया गया था। कुछ दिन बाद इसे यहां से हटा कर फायर हाउस में लगा दिया गया।

1903 में नए फायर स्टेशन-1 में ले जाया गया। 1937 में फायर हाउस की मरम्मत और इसे ठीक ठाक करने के दौरान यह बल्ब करीब एक हफ्ते तक बंद रहा।


यह साफ है कि आज के मुकाबले पहले समय में चीजें बेहतर हुआ करती थी। यह बल्ब इसी की एक मिसाल है।
:iagree:
पुराने ज़माने का माल है, इसलिए टिका है.



एक पुलिस अधिकारी ने मजाक करते हुए कहा कि हो सकता है कि कभी उस महिला को लगे कि उसकी चेन ले जानेवाला कौवा फिर उसके घर के इर्द-गिर्द दिख रहा है और वह पुलिस को इस बारे में टिप देने की कोशिश करे, लेकिन सूचना मिलने के बावजूद पुलिस कभी भी उस कौवे को अपनी गिरफ्त में शायद ही ले पाएगी, क्योंकि वह पुलिस के हाथ लगने से पहले ही फुर्र से उड़ जाएगा। यदि पुलिस के कब्जे में वह कौवा कभी आ भी गया, तो भी पुलिस मुकदमा सिर्फ आईडेंटिफिकेशन परेड की वजह से हार जाएगी, क्योंकि आईडेंटिफिकेशन परेड में कई कौवों को लाया जाएगा और हर कौवे का एक ही कलर और हुलिया होने की वजह से उस महिला के लिए जिसका चेन लूटा गया, असली कौवे का पहचान करना नामुमकिन होगा।

:lol::lol::lol: यहाँ तो बड़ी-बड़ी जासूसी एजेंसी भी फेल हो जाएंगी.
:bravo::bravo:

pankaj bedrdi
27-06-2011, 10:16 PM
:iagree:
पुराने ज़माने का माल है, इसलिए टिका है.


:lol::lol::lol: यहाँ तो बड़ी-बड़ी जासूसी एजेंसी भी फेल हो जाएंगी.
:bravo::bravo:

धन्यवाद मित्र मै आगे और बहुत रोचक जनकारी लाउगा

pankaj bedrdi
30-06-2011, 10:44 AM
बीयर प्रेमियों के लिए एक चेतावनी है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि अगर आपने अल्कोहल का सेवन कर रखा है तो मच्छर और अन्य कीड़े आपकी ओर 15 प्रतिशत ज्यादा आकर्षित होते हैं।

फ्रांस के आई आर डी अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिकों की एक टीम ने पाया है कि अल्कोहल के सेवन से सांसों की गंध की ओर कीड़े ज्यादा आकर्षित होते हैं।

वैज्ञानिकों का मानना है कि मच्छरों ने शराब की दुर्गंध को पहचानना सीख लिया है, क्योंकि इसका सेवन कर चुके लोग काटने पर प्रतिरोध कम करते हैं।

डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार इस अध्ययन से मलेरिया से बचाव किया जा सकेगा जिससे दुनिया भर में 780000 लोगों की मौत हो जाती है।

अनुसंधानकर्ताओं ने इस अध्ययन का परीक्षण अफ्रीका में 2500 ऐनाफीलिस मच्छरों पर किया। उन्होंने 20 से 43 वर्ष के 25 लोंगो को चुना और उनको स्थानीय शराब पिलाई।

उन्होंने पाया कि उनकी ओर 15 प्रतिशत ज्यादा मच्छर उडे़ थे। एक जर्नल में उन्होंने कहा कि बीयर के सेवन से अफ्रीका में मलेरिया के मुख्य कारक ऐनाफीलिस गैम्बी ज्यादा आकर्षित होते हैं।

Big boss
08-09-2011, 08:12 AM
विकिलीक्स ने खुलासा किया है कि यूपी की सीएम और बीएसपी नेता मायावती ने चप्पल (सैंडल) मंगाने के लिए अपने निजी जेट प्लेन को मुंबई भेजा था।

हाल के दिनों में विकिलीक्स ने अमेरिकी दूतावास के जो केबल जारी किए हैं उसके मुताबिक, मायावती को जब भी नए सैंडल की दरकार होती है, तो वह अपना खाली निजी जेट विमान मुंबई भेजती हैं और उससे उनके मनपसंद ब्रैंड की चप्पल लाई जाती है। मायावती ने खाना चखने के लिए एक कर्मचारी भी रख हुआ है, जो उनके खाने से पहले भोजन को टेस्ट करता है कि कहीं उसमें किसी ने जहर तो नहीं मिला दिया।

विकिलीक्स के खुलासे के मुताबिक, केबल में मायावती की सनक, झक्कीपन और असुरक्षा का विश्लेषण कुछ इस तरह किया गया है, कि मायावती ने अपने घर से ऑफिस तक एक निजी रोड बनवा रखी है। उनका काफिला जब गुजरने वाला होता है, तब रोड की सफाई की जाती है।

विकिलीक्स के मुताबिक, मायावती हर साल अपना जन्मदिन मनाती हैं और इस मौके पर उनको अपनी पार्टी के चापलूस नेताओं, नौकरशाहों और व्यापारियों की तरफ से करोड़ो के तोहफे मिलते हैं। यहां तक कि कर्मचारियों और नेताओं में उनको केक खिलाने की होड़ लगी रहती है। इसमें मायावती के बारे में और कई खुलासे किए गए हैं।