View Full Version : अल्ताफ राजा के गीत!
jitendragarg
24-04-2011, 03:56 AM
अगर आप 1997 में ऑटो या बस में बैठे है, तो ऐसा हो ही नहीं सकता, की आप ने अल्ताफ रजा का नाम न सुना हो! तुम तो ठहरे परदेशी से जो धूम मचाई थी, अल्ताफ रजा ने, वो अच्छे से याद तो होगा ही! सोचा की क्यूँ न उन यादों को ताजा किया जाये!
वैसे, जो लोग अल्ताफ रजा को नहीं जानते, उनके लिए ये लिंक काफी होगी!
http://en.wikipedia.org/wiki/Altaf_Raja
या ये तस्वीर!
http://t1.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcS9xi7DkUSvaEzP_-kxs8jN72481wHzkTkhgQAVlIQNHBXY9KI7
तो फिर शुरू करे, कवल्लियों का पहला सूत्र, अल्ताफ रजा के नाम पर!
jitendragarg
24-04-2011, 03:59 AM
YvMD1VjsARo
jitendragarg
24-04-2011, 04:12 AM
SoJwb12j7zg
jitendragarg
24-04-2011, 04:13 AM
Cr5HNFBb8Xs
jitendragarg
24-04-2011, 04:14 AM
rZw4OzN8D84
jitendragarg
24-04-2011, 04:15 AM
vGCWFkrpx30
jitendragarg
24-04-2011, 04:19 AM
qfCo8kvpgXk
jitendragarg
24-04-2011, 04:22 AM
BL-GrveAfko
Nitikesh
24-04-2011, 05:06 AM
जब ये गाना मार्केट में आयी थी तो बहुत ही धूम मची हुई थी/
हर तरफ बस इसी गाने के चर्चे होते थे/
इसका एक कारण यह भी था की गाने और शायरी का नया संग्रह और अलग आवाज थी/
पहले भी गाने और श्री एक साथ वाले गाने गाने बन चुके थे लेकिन सबसे जायद मेरी नजर में इसे लोकप्रियता मिली/
इअनाका तुम तो ठहरे परदेशी गाना १५ मिनट का होने के बाबजूद बोर नहीं करता है/
और इसमें हर महीने में हुई घटना को गानों में डालना मुझे बहुत अच्छा लगा था/
जीतेन्द्र जी आपको इस सूत्र के लिए धन्यवाद/
jitendragarg
24-04-2011, 05:17 AM
जब ये गाना मार्केट में आयी थी तो बहुत ही धूम मची हुई थी/
हर तरफ बस इसी गाने के चर्चे होते थे/
इसका एक कारण यह भी था की गाने और शायरी का नया संग्रह और अलग आवाज थी/
पहले भी गाने और श्री एक साथ वाले गाने गाने बन चुके थे लेकिन सबसे जायद मेरी नजर में इसे लोकप्रियता मिली/
इअनाका तुम तो ठहरे परदेशी गाना १५ मिनट का होने के बाबजूद बोर नहीं करता है/
और इसमें हर महीने में हुई घटना को गानों में डालना मुझे बहुत अच्छा लगा था/
जीतेन्द्र जी आपको इस सूत्र के लिए धन्यवाद/
:thank-you:
बस आज कव्वाली सुनने का मन था, तो अल्ताफ राजा के गाने ही सुन लिए! अब कुछ सुने और यहाँ न पोस्ट करे, कैसे हो सकता!
:cheers:
jitendragarg
30-04-2011, 02:18 PM
कोनों और गाना शेयर करो कोई तो! :bang-head:
ndhebar
01-05-2011, 12:06 AM
इस अल्बम के यूँ तो सारे गाने अच्छे थे पर मेरा पसंदीदा था
"आवारा हवा का झोंका हूँ"
किसी के पास अगर असली विडियो है तो प्लीज
क्योंकि मेरे पास तो यही है
pC5wpLXHnlM
Bond007
01-05-2011, 03:43 AM
m27kiwTAbHo
Bond007
01-05-2011, 03:45 AM
VtD1Rr8TTqQ
Bond007
01-05-2011, 03:47 AM
fv4IxCBWXdA
Bond007
01-05-2011, 03:52 AM
nJ5gqf7SfJU
Bond007
01-05-2011, 03:54 AM
fEcDkUjRHrg
Bond007
01-05-2011, 03:56 AM
lwLO6MpBrAI
Bond007
01-05-2011, 04:02 AM
EUkDMNM1ZGE
Bond007
01-05-2011, 04:06 AM
bRIv4eqVIrA
pankaj bedrdi
01-05-2011, 05:13 AM
बहुत अच्छा भाइ मै इनकै बहुत बडा फैन हु
jitendragarg
01-05-2011, 12:41 PM
जबर्दस्त बोंड भाई! :bravo:
MissK
01-05-2011, 05:50 PM
वाह अल्ताफ राजा के भी इत्ते सारे फैन्स!!:surprise: मुझे तो पता ही नहीं था! :p
jitendragarg
01-05-2011, 05:57 PM
वाह अल्ताफ राजा के भी इत्ते सारे फैन्स!!:surprise: मुझे तो पता ही नहीं था! :p
ऑटो वालो ने फेन बना दिया हम लोगो को तो! इतनी बार गाने सुनाये, की उस साल की सारी यादों में अल्ताफ रजा के गाने ही बजे थे!
amit_tiwari
02-05-2011, 03:42 AM
m27kiwTAbHo
bdVRK_8P_GA
amit_tiwari
02-05-2011, 03:55 AM
शायद अल्ताफ भाई ने जल्दी सब्र खो दिया और गाना छोड़ दिया |
पंकज उधास, जगजीत सिंह की तरह इनके सुनने वाले भी सीमित हैं लेकिन जो सुनते हैं वो किसी भी और गायक को छोड़ कर पसंद करेंगे |
ndhebar
02-05-2011, 07:35 AM
शायद अल्ताफ भाई ने जल्दी सब्र खो दिया और गाना छोड़ दिया |
पंकज उधास, जगजीत सिंह की तरह इनके सुनने वाले भी सीमित हैं लेकिन जो सुनते हैं वो किसी भी और गायक को छोड़ कर पसंद करेंगे |
पंकज उधास,जगजीत सिंह की तुलना अल्ताफ राजा से
मामला कुछ जमा नहीं
amit_tiwari
02-05-2011, 08:55 PM
पंकज उधास,जगजीत सिंह की तुलना अल्ताफ राजा से
मामला कुछ जमा नहीं
तौबा तौबा जगजीत सिंह की तुलना अल्ताफ राजा से तो खुद अल्ताफ भी नहीं कर सकते |
मेरा कहना का अर्थ था की अल्ताफ को सुनने वाले एक सीमित वर्ग से हैं जैसे ग़ज़ल गायकों के साथ होता है, अल्ताफ की शायरी सुनने के लिए दिल-ओ-रंज और रंज-ओ-दिल में फर्क तो पता होना चाहिए |
जैसे एक शेर अल्ताफ ने अपने गाने में कहा था की 'इक बेवफा के ज़ख्मों पर मरहम लगाने हम गए, मरहम की कसम मरहम ना मिला मरहम की जगह मर हम गए' अब शब्दों की इतनी बारीकी को समझने वाले कम हैं इसलिए इनका दायरा सीमित है |
jitendragarg
03-05-2011, 03:56 PM
तौबा तौबा जगजीत सिंह की तुलना अल्ताफ राजा से तो खुद अल्ताफ भी नहीं कर सकते |
मेरा कहना का अर्थ था की अल्ताफ को सुनने वाले एक सीमित वर्ग से हैं जैसे ग़ज़ल गायकों के साथ होता है, अल्ताफ की शायरी सुनने के लिए दिल-ओ-रंज और रंज-ओ-दिल में फर्क तो पता होना चाहिए |
जैसे एक शेर अल्ताफ ने अपने गाने में कहा था की 'इक बेवफा के ज़ख्मों पर मरहम लगाने हम गए, मरहम की कसम मरहम ना मिला मरहम की जगह मर हम गए' अब शब्दों की इतनी बारीकी को समझने वाले कम हैं इसलिए इनका दायरा सीमित है |
बहुत खूब कहा! :bravo:
vBulletin® v3.8.9, Copyright ©2000-2024, vBulletin Solutions, Inc.