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View Full Version : ओसामा बिन लादेन की मौत


pankaj bedrdi
02-05-2011, 11:16 AM
ओसामा बिन लादेन की मौत | इस्लामाबाद की एक हवेली में मारा गया | लादेन का शव अफगानिस्तान ले जाया गया| अमेरिकी प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने की पुष्टि | हमले में लादेन का बेटा भी मारा गया|

pankaj bedrdi
02-05-2011, 11:18 AM
आतंकी संगठन अल कायदा के चीफ ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में मार गिराया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अमेरिका पर 9/11 हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को इस्लामाबाद से 60 किलोमीटर दूर अबोटाबाद में एक कंपाउंड में मारा गया। रविवार देर रात को किए गए इस ऑपरेशन में लादेन और उसका बेटा भी मारा गया। इस हमले में तीन लोग मारे गए। इस ऑपरेशन में कोई अमेरिकी सैनिक घायल नहीं हुआ।

pankaj bedrdi
02-05-2011, 11:18 AM
अमेरिका के मुताबिक लादेन के शव को बरामद कर लिया गया है। अमेरिकी प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने अपने भाषण में लादेन के मारे जाने की पुष्टि की। ओबामा ने अपने भाषण में कहा कि लादेन पाकिस्तान में मारा गया।

pankaj bedrdi
02-05-2011, 11:19 AM
ओबामा बिन लादेन के पाकिस्तान के इस्लामाबाद में छिपे होने की पुख्ता खबर अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसियों को हफ्ते भर पहले ही मिल गई थी। सूत्रों के मुताबिक पाक की इंटेलिजेंस एजेंसी के साथ एक साझा अभियान में रविवार रात इस्लामाबाद में उस घर में ऑपरेशन शुरू किया गया, जहां लादेन छिपा हुआ था। गोलीबारी के बाद लादेन को मार गिराया गया। इस अभियान के बारे में ओबामा ने बताया कि ऑपरेशन में शामिल सभी अमेरिकी सैनिक सुरक्षित हैं।

उधर , जैसे ही अमेरिका में लादेन के मारे जाने की खबर फैली , लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग बड़ी तालाद में बाइट हाउस के बाहर जमा हो गए

pankaj bedrdi
02-05-2011, 11:20 AM
गौरतलब है कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 9/11 को हुए हमले के बाद अमेरिका ओसामा बिन लादेन के पीछे पड़ा हुआ था। तत्कालीन राष्ट्रपति बुश ने ओसामा को मार गिराने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगाया , लेकिन वह ओसामा का पता लगाने तक में नाकाम रहे थे। अब करीब 10 साल बाद अमेरिका को इस मोस्ट वॉन्टेड आतंकी को मार गिराने में कामयाबी मिली है।

pankaj bedrdi
02-05-2011, 11:26 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10693&stc=1&d=1306736730

Bholu
02-05-2011, 06:17 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10693&stc=1&d=1306736730

मार गया लेकिन उंगली करने सॉरी उंगली ऊठने की आदत गई नही

pankaj bedrdi
03-05-2011, 02:25 PM
मार गया लेकिन उंगली करने सॉरी उंगली ऊठने की आदत गई नही

आब उपर वाले के बारी

Bholu
03-05-2011, 03:12 PM
आब उपर वाले के बारी

कौन जरा सक्षेँप मे बताये

jitendragarg
03-05-2011, 04:01 PM
मार गया लेकिन उंगली करने सॉरी उंगली ऊठने की आदत गई नही

:lol: :laughing: :giggle:

chndrsekhar
03-05-2011, 05:06 PM
लादेन का जीवन जितना रहस्यपूर्ण था. उसकी मोत भी उतनी ही रहस्यपूर्ण बनी हुयी है.

chndrsekhar
03-05-2011, 05:07 PM
ये पोस्ट लिखे जाने तक अमेरिका ने लादेन की मोत का कोई भी सबूत पेश नही किया है.

chndrsekhar
03-05-2011, 05:09 PM
आखिर आनन फानन मैं लादेन के शव को १० घंटे के अंदर ही अज्ञात समुन्द्र मैं डुबोने का क्या रहस्य है ?

chndrsekhar
03-05-2011, 05:13 PM
अमेरिका के रास्त्रपति ने खुद ही कहा है लादेन की घर की जानकारी कुछ दिन पहले हो गयी थी ,
तो जो अमेरिका अपनी पूरी ताकत से १० बरसो से अलकायदा चीफ लादेन के पीछे लगा है,
उसने अपने ओप्रेसन मैं लादेन को ज़िंदा पकरने की निति क्यों नही बनाई?

chndrsekhar
03-05-2011, 05:14 PM
लादेन को जिन्दा पकरने से अलकायदा का नेटवर्क खत्म हो जाता, तो फिर लादेन को मामूली लराई मैं क्यों मार गिराया गया ?

chndrsekhar
03-05-2011, 05:17 PM
लादेन के एक भी बॉडी गार्ड के मरने की हिंसा की कोई खबर नही है, क्या लादेन वहा बिना सुरक्षा के रहता था ?
अगर ऐसा है तो उसे ज़िंदा पकरना अमेरिका के लिए बाए हाथ का काम था , क्योंकि अमेरिका को उस घर की जानकारी काफी पहले हो चुकी थी?

chndrsekhar
03-05-2011, 05:24 PM
और आज अलकायदा ने अमेरिका को दुश्मन नम्बर १ की पदवी से हटा के पकिस्तान को अपना दुश्मन नम्बर १ घोषित कर दिया है.
जबकि लादेन को अमेरिका ने मारा है.
पकिस्तान तो आंतवादियों की मातृ भूमि है ?

chndrsekhar
03-05-2011, 05:26 PM
अचानक ही अमेरिका ने अपने सबसे एशिया के भरोसेमंद दोस्त पकिस्तान मैं अपने दूतावास को बंद कर दिया, जबकि वही पे अमेरिकी सेना पकिस्तान के पास मोजूद है.?

chndrsekhar
03-05-2011, 05:27 PM
तो क्या अलकायदा और अमेरिका मैं कोई गुप्त समझोता हो गया है?

chndrsekhar
03-05-2011, 05:32 PM
क्या अब एशिया के मामले मैं अमिरीकी निति मैं भारी बदलाव होगा ?
क्योंकि पेंटागेंन लगातार मिडिया मैं ब्यान जारी कर लादेन के पकिस्तान मैं मिलने पे पकिस्तान पे सवाल उठा रहा है , कोस रहा है पकिस्तान को.

chndrsekhar
03-05-2011, 05:34 PM
२०१२ मैं अमेरिका मैं चुनाव होने है, उसके पहले ओबामा ने लादेन की मोत की खबर दे कर अमेरिकी जनता को उसका भक्त बना दिया है.

chndrsekhar
03-05-2011, 05:36 PM
अमेरिका ने लादेन को मारकर पुरे विश्व मैं अपनी धाक जमा ली है.

Bholu
03-05-2011, 06:06 PM
मित्र जो मनुष्य या देश मेरी धरती माता के हित के लिये अपनी जान पर खेलने का जोखिम उठायेगा मे उसका आभारी रहूँगा
Bholu

chndrsekhar
03-05-2011, 07:16 PM
अमेरिका ये कभी नही चाहेगा की अलकायदा जेसे संगठन खत्म हो जाए.

chndrsekhar
03-05-2011, 07:17 PM
अमेरिका विश्व मैं सबसे ज्यादा हथियार बनाने और बेचने वाला देश है.

chndrsekhar
03-05-2011, 07:19 PM
ओसामा को पैदा अमेरिका ने किया था, मगर जब वो भस्मासुर बन गया तो अमेरिका ने उसका नाश करना ही उचित समझा.

sagar -
03-05-2011, 07:21 PM
अभी तक लादेन का शव दिखाया नही गया हे ...???क्या ये एक रहस्य हे हो सकता वो मरा ही ना हो उसे जिन्दा पकड़ा गया हो ...अभी रहस्य बरकरार हे !

chndrsekhar
03-05-2011, 07:43 PM
मित्र ये तो सब जानते है की लादेन पहले अमेरिका का ही एक चेहरा था, कुछ भी संभव हो सकता है, सक तो काफी है.

pankaj bedrdi
03-05-2011, 08:01 PM
बहुत अच्छा शेखर भाइ

chndrsekhar
03-05-2011, 08:04 PM
लादेन की बीवी और बच्चे को गिरफ्तार किया गया, उसके बाद उनकी कोई जानकारी नही है, किस अदालत मैं पेश किया गया, या उसे किस देश मैं रखा गया है.

chndrsekhar
03-05-2011, 08:40 PM
अब ये साफ़ हो चूका है की लादेन के कमरे मैं कोई भी गोली बारी के निसान मोजूद नही है ,पकिस्तान के अखबार डोन मैं ये खबर आई है, दवाई की सिसिया भी सही सलामत है.
मुठभेर को कोई निसान मोजूद नही है.
सिर्फ फर्श पे खून है.

Suvigya Vicky Mishra
05-05-2011, 01:24 AM
ओसामा बिन लादेन, किसी के लिए आतंकवादी, तो किसी के लिए शहीद, या यूँ कहें कि ऐसा व्यक्तित्व जिसने अपने हिस्से से बहुत ज्यादा भाग छें लिया नियति से....

आप मान सकते हैं वह अमेरिकी सेना की पैदाइश था, शीत युद्ध की उपज, और शायद कुछ लोग यह भी कहें कि वह आखिरी सांस तक अमेरिका के लिए ही काम कर रहा था, अमेरिकी सरकार के लिए, मेरा मतलब है ... पर कुछ भी स्पष्ट नही है .

पूछिए कैसे.. उत्तर अगले ३० साल के मास्टर प्लान में छिपा है , और बच्चा बच्चा जानता है ,
यह लड़ाई तेल की है, और उसके लिए खाड़ी पर धाक ज़माने की,

९/११ को जो हुआ यदि उसके पीछे की सच्चाई जाननी है तो you tube पर जाकर ९/११ inside job के एपिसोड देख लीजिए, फ़िर उस पर चर्चा करने को कुछ नही बचेगा , २१ एपिसोड की यह कहानी स्वयं सिद्ध है ...


वापस आते हैं ओसामा पर,
अमेरिका के अंदर के एक हिस्से ने उसे झेला, दुसरे ने उससे लाभ उठाया , और जहाँ मोटिव हो, वहाँ मर्डर होता है , बहुत पुराना वाक्य है ......

९/११ को अमेरिकी जनता मारी गयी थी, २०११ तक लगे ३ ट्रिलियन डॉलर दे कर अमेरिकी जनता फ़िर मारी गई है .... शायद विश्व के सबसे ताकतवर देश के नागरिक होने की यह कीमत है



आपका

विक्की

bharat
05-05-2011, 02:04 AM
व्हाइट हाउस ने ओसामा के मृत शरीर की तसवीरें जारी करने से इनकार कर दिया है! उनका मानना है कि तस्वीरें देखकर मुस्लिम देशों में लोग भड़क सकते हैं! साथ ही इस बात पर कुछ लोगों ने अमेरिका कि निंदा की कि निहाठे ओसामा को इस तरह से मारना गलत है!
उन मूर्खों से कोई पूछने वाला हो कि ट्रेड सेंटर में काम कर रहे लोगों के पास कोन से हथियार थे जिनकी हत्या का आरोप इस वेह्शी पर है! मिडल ईस्ट के कुछ देश और अरब , पलेस्तीन,अफगानिस्तान जैसे देशों में अगर लोग ओसामा को चाहते थे तो समझ आ सकता है, लेकिन जाने माने राजनीतिज्ञ सिर्फ थोड़ी सी चर्चा पाने के लिए उल-सलूल बयानबाजी कर रहे हैं! ये जानते हुए भी कि अमेरिका को फर्क तक नहीं पड़ता कि कोनसा देश क्या सोचता है उसके बारे में!
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के सलाहकार ने कल रात एक लोकल समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि हमें पता है हमने क्या किया! और ये तो हमारी दयालुता है जो ओसामा के सर पर गोली मारदी और वो बिना तडपे ही मर गया!
आगे बोलते हुए उसने कहा कि हम जानते हैं कि कुछ लोग हमारे इस तरह कि कारवाही कि निंदा कर रहे हैं , लेकिन गुस्सा इस बात का है कि उनमें से कुछ लोग अमेरिका में रह रहे हैं!

bharat
05-05-2011, 02:09 AM
अब ये साफ़ हो चूका है की लादेन के कमरे मैं कोई भी गोली बारी के निसान मोजूद नही है ,पकिस्तान के अखबार डोन मैं ये खबर आई है, दवाई की सिसिया भी सही सलामत है.
मुठभेर को कोई निसान मोजूद नही है.
सिर्फ फर्श पे खून है.

पकिस्तान की मिडिया कि ख़बरों पर भरोसा नहीं किया जा सकता! उसे अपनी इज्ज़त बचानी मुश्किल हो रही है!

वैसे भी अमेरिका कि ख़ुफ़िया एजेंसी सी.आई.ए. बता चुकी है कि ओसामा निहाथ्ता था और उसके साथ उसकी एक बीवी थी! और उसकी बीवी ने कुश ऐसी हरक़त कि जिससे कमांडर दल को उसके पांव में गोली मारनी पड़ी और अगली गोली ओसामा के चेहरे पर चलायी गयी! तो निहत्थे आदमी से मुठभेड़ में कितनी गोलियां चलानी पड़ी होंगी दुनिया के सबसे शातिर और बहादुर कमांडों के दल को????
(ये स्टेटमेंट अमरीकी गुप्तचर एजेंसी ने जारी की, वैसे इनकी स्टेटमेंट्स बार बार बदल रही हैं!)

amit_tiwari
05-05-2011, 05:23 PM
ओसामा बिन लादेन, किसी के लिए आतंकवादी, तो किसी के लिए शहीद, या यूँ कहें कि ऐसा व्यक्तित्व जिसने अपने हिस्से से बहुत ज्यादा भाग छें लिया नियति से....

आप मान सकते हैं वह अमेरिकी सेना की पैदाइश था, शीत युद्ध की उपज, और शायद कुछ लोग यह भी कहें कि वह आखिरी सांस तक अमेरिका के लिए ही काम कर रहा था, अमेरिकी सरकार के लिए, मेरा मतलब है ... पर कुछ भी स्पष्ट नही है .

...............
........
..................
...........

९/११ को अमेरिकी जनता मारी गयी थी, २०११ तक लगे ३ ट्रिलियन डॉलर दे कर अमेरिकी जनता फ़िर मारी गई है .... शायद विश्व के सबसे ताकतवर देश के नागरिक होने की यह कीमत है



आपका

विक्की

विकी भाई काफी सही तर्क दिए किन्तु हज़म नहीं होती |
इस बात में दम है कि कैसे दो टावर ताश के पत्तों की तरह गिर गए लेकिन अफगानिस्तान जैसी धूलधूसरित जगह पर हमला करने के लिए अमेरिका जैसा देश अपने ४०० कुत्ते भी नहीं मरवा सकता, ४००० नागरिक तो एक बड़ी बात है | इतिहास गवाह है कि अमेरिका ने किसी भी कार्य को करने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई चाहे वह दुसरे देश में जा के हमला करना ही क्यूँ ना हो फिर अफगानिस्तान में ऐसा क्या खास था ???
सनद रहे कि वर्ड ट्रेड सेंटर के टावर गिरना अमेरिका के लिए नाक कटने जैसा था और अमेरिकी समाज की मेरी जितनी समझ है उसके अनुसार टावर खुद गिराने वाली बात असंभव ही लगती है |
हमारे यहाँ की तुलना में दैनिक अमेरिकी जीवन में जन सामान्य की गुणवत्ता काफी अधिक है और वहाँ पर इस बात की गुंजाइश नहीं रहती कि राजनीतिक फायदे के लिए अपने लोगों को मरवायेंगे |

ओसामा को पालना भी एक राजनीतिक तथ्य है किन्तु क्या यह कोई पहली घटना थी? युद्ध में कई बार एक पक्ष दुसरे पक्ष के दुश्मन को अपने साथ मिला कर चक्रव्यूह बनाते हैं, हाँ अमेरिका ने ओसामा की अक्ल कम आंकी थी |
खैर ... युद्ध में समस्या आती ही है, आर्थिक समस्या भी रहती है | दो टावर गिराने पर अमेरिका ने इतने साल ओसामा का पीछा किया और मार कर दम लिया | यहाँ क्या हुआ? पहले संसद, फिर अक्षरधाम, मालेगांव, रघुनाथ मंदिर, दिल्ली, वाराणसी, मुंबई.... एक के बाद एक हमले होते रहे और हमारे खादी कपडे वाले हिजड़े उन आतंकियों को दाल मखनी खिला के उन्हें उर्दू में अदालती कोमिक्स पढवाते हैं | देश प्रेम तो दूर की चीज़ है अगर इनमें दो तोले सामान्य बुद्धि भी होती तो कब का अफजल और कसाब को चौराहे पर लटका दिया होता |

अमेरिका में आर्थिक मंदी है! ये बात सही है, शायद इतिहास में सबसे बुरी और सबसे लम्बी मंदी है जिसका असर सारे विश्व पर हो रहा है | आज महज ४ डॉलर जैसी नगण्य राशि के लिए लडकियां कैमरे पर कपडे उतार रही हैं... ये वो लडकियां नहीं जो पेशेवर हों बल्कि ये वो हैं जिन्हें पैसे की जरुरत हैं | 10-12 डॉलर जैसी रकम के लिए कुछ करने वाले जाने कितने अमेरिकी वेबसाईट पर मिल जायेंगे | लेकिन इसके लिए अगर युद्ध को दोष दें तो उतने ही दोषी दिल्ली और हैदराबाद के काल सेंटर भी हैं जो अमेरिकियों की नौकरी छीन रहे हैं |


व्हाइट हाउस ने ओसामा के मृत शरीर की तसवीरें जारी करने से इनकार कर दिया है! उनका मानना है कि तस्वीरें देखकर मुस्लिम देशों में लोग भड़क सकते हैं! साथ ही इस बात पर कुछ लोगों ने अमेरिका कि निंदा की कि निहाठे ओसामा को इस तरह से मारना गलत है!
उन मूर्खों से कोई पूछने वाला हो कि ट्रेड सेंटर में काम कर रहे लोगों के पास कोन से हथियार थे जिनकी हत्या का आरोप इस वेह्शी पर है! मिडल ईस्ट के कुछ देश और अरब , पलेस्तीन,अफगानिस्तान जैसे देशों में अगर लोग ओसामा को चाहते थे तो समझ आ सकता है, लेकिन जाने माने राजनीतिज्ञ सिर्फ थोड़ी सी चर्चा पाने के लिए उल-सलूल बयानबाजी कर रहे हैं! ये जानते हुए भी कि अमेरिका को फर्क तक नहीं पड़ता कि कोनसा देश क्या सोचता है उसके बारे में!
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के सलाहकार ने कल रात एक लोकल समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि हमें पता है हमने क्या किया! और ये तो हमारी दयालुता है जो ओसामा के सर पर गोली मारदी और वो बिना तडपे ही मर गया!
आगे बोलते हुए उसने कहा कि हम जानते हैं कि कुछ लोग हमारे इस तरह कि कारवाही कि निंदा कर रहे हैं , लेकिन गुस्सा इस बात का है कि उनमें से कुछ लोग अमेरिका में रह रहे हैं!

पकिस्तान की मिडिया कि ख़बरों पर भरोसा नहीं किया जा सकता! उसे अपनी इज्ज़त बचानी मुश्किल हो रही है!

वैसे भी अमेरिका कि ख़ुफ़िया एजेंसी सी.आई.ए. बता चुकी है कि ओसामा निहाथ्ता था और उसके साथ उसकी एक बीवी थी! और उसकी बीवी ने कुश ऐसी हरक़त कि जिससे कमांडर दल को उसके पांव में गोली मारनी पड़ी और अगली गोली ओसामा के चेहरे पर चलायी गयी! तो निहत्थे आदमी से मुठभेड़ में कितनी गोलियां चलानी पड़ी होंगी दुनिया के सबसे शातिर और बहादुर कमांडों के दल को????
(ये स्टेटमेंट अमरीकी गुप्तचर एजेंसी ने जारी की, वैसे इनकी स्टेटमेंट्स बार बार बदल रही हैं!)


काफी सही बात लिखी बन्धु |
पाकिस्तान की बात करना व्यर्थ है, केंचुओं का ना कोई सम्मान होता है ना उनका कोई मत |

Bholu
05-05-2011, 06:57 PM
ओसमा कहाँ है जिन्दा है या मर गया इसका कोई सबूत नही फिर

amit_tiwari
05-05-2011, 09:08 PM
ओसमा कहाँ है जिन्दा है या मर गया इसका कोई सबूत नही फिर

ओसामा जन्माष्टमी का चढ़ाव नहीं है अब की हर दरवाजे जा के उसकी लाश दिखाएँगे | :beating::tomato:

Bholu
05-05-2011, 09:35 PM
ओसामा जन्माष्टमी का चढ़ाव नहीं है अब की हर दरवाजे जा के उसकी लाश दिखाएँगे | :beating::tomato:

जाओ जनाब अमेरिका जैसे देश को कोई नहि समझ पाया
मै गोरो पर बिशवास नही करता

bharat
06-05-2011, 03:09 AM
ओसामा जन्माष्टमी का चढ़ाव नहीं है अब की हर दरवाजे जा के उसकी लाश दिखाएँगे | :beating::tomato:
हा हा.. यही बात समझ नहीं आ रही लोगों के!
लाश दिखा भी दी तो क्या हो जायेगा!
जाओ जनाब अमेरिका जैसे देश को कोई नहि समझ पाया
मै गोरो पर बिशवास नही करता

अमेरिका परवाह नहीं करता कि दुसरे देश या लोग क्या सोचते हैं उसके द्वारा किये जा रहे कामों के बारे में .. , तभी तो राज कर रहा है दुनिया पर बंधू !

VIDROHI NAYAK
06-05-2011, 12:27 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10718&stc=1&d=1304666711

उपरोक्त चित्रों में पहला वाला चित्र कल तक सारे बड़े समाचारिक माध्यमो से दिखाया जा रहा था !
परन्तु काफी समानताएं हैं इन दोनों चित्रों में ...एक मौत के बाद का है तो दूसरा कई साल पह...ले का ! अब आप ही खुद देखकर अंदाज़ा लगाएं की इतने वर्षों बाद भी इतनी समानताएं कैसे हो सकती है ? हँसने का अंदाज़, दाढ़ी के वही निश्चित सफ़ेद बाल...इत्यादी ! क्या ये पहला चित्र फोटोशोप का कमाल नहीं लगता ? ...??

amit_tiwari
06-05-2011, 04:27 PM
उपरोक्त चित्रों में पहला वाला चित्र कल तक सारे बड़े समाचारिक माध्यमो से दिखाया जा रहा था !
परन्तु काफी समानताएं हैं इन दोनों चित्रों में ...एक मौत के बाद का है तो दूसरा कई साल पह...ले का ! अब आप ही खुद देखकर अंदाज़ा लगाएं की इतने वर्षों बाद भी इतनी समानताएं कैसे हो सकती है ? हँसने का अंदाज़, दाढ़ी के वही निश्चित सफ़ेद बाल...इत्यादी ! क्या ये पहला चित्र फोटोशोप का कमाल नहीं लगता ? ...??

फोटोशोप से संभव है.... इससे भी अच्छा बन सकता है |
किन्तु यदि ये सत्य है तो अल-कायदा वाले जल्दी ही इसका खंडन करेंगे और ओसामा का कोई ना कोई टेप अवश्य आएगा |

krantikari
06-05-2011, 05:04 PM
ओसामा पर ओबामा परा भारी
झूठे पर गए ज़रदारी, ISI की शह थी सारी

पहुंचा रहे थे दवा, दारू और तरकारी
सारी मदद थी सरकारी

भारतीय नेताओं ने भी 26/11 की दुहाई दी करारी
नेताजी से पत्रकारों ने पुछा क्या भारत को सबक लेना चाहिए भारी

नेताजी बोले tabhi maine इस विषय पर भाषण की कर ली है तयारी

मैंने तो पहले भी इस बारे में अमरीका को दी थी जानकारी
अमेरिका को कहूँगा dawood की ले खबर सारी अब है उसकी बारी.

कारगिल, पर्लिअमेंट attack, ताज attack, J& K घुसपेट सब पर बस किये बयान जारी
करना करना खाक है बस घूस की ही है सब कारोबारी

VIDROHI NAYAK
06-05-2011, 06:26 PM
फोटोशोप से संभव है.... इससे भी अच्छा बन सकता है |
किन्तु यदि ये सत्य है तो अल-कायदा वाले जल्दी ही इसका खंडन करेंगे और ओसामा का कोई ना कोई टेप अवश्य आएगा |
ओसामा का किसी टेप की सम्भावना तो नज़र नहीं आती..क्योंकि कयासो के अनुसार उसको गिरफ्तार कर लिया गया है ...अब क्या ऐसे में वो जेल से कोई टेप जारी करेगा?

Suvigya Vicky Mishra
06-05-2011, 07:28 PM
१- अफगानिस्तान जैसी धूलधूसरित जगह पर हमला करने के लिए अमेरिका जैसा देश अपने ४०० कुत्ते भी नहीं मरवा सकता, ४००० नागरिक तो एक बड़ी बात है |
२- वर्ड ट्रेड सेंटर के टावर गिरना अमेरिका के लिए नाक कटने जैसा था और अमेरिकी समाज की मेरी जितनी समझ है उसके अनुसार टावर खुद गिराने वाली बात असंभव ही लगती है |

३- यहाँ क्या हुआ? पहले संसद, फिर अक्षरधाम, मालेगांव, रघुनाथ मंदिर, दिल्ली, वाराणसी, मुंबई.... एक के बाद एक हमले होते रहे और हमारे खादी कपडे वाले हिजड़े उन आतंकियों को दाल मखनी खिला के उन्हें उर्दू में अदालती कोमिक्स पढवाते हैं | देश प्रेम तो दूर की चीज़ है अगर इनमें दो तोले सामान्य बुद्धि भी होती तो कब का अफजल और कसाब को चौराहे पर लटका दिया होता |

४-अमेरिका में आर्थिक मंदी है! ये बात सही है, शायद इतिहास में सबसे बुरी और सबसे लम्बी मंदी है जिसका असर सारे विश्व पर हो रहा है | आज महज ४ डॉलर जैसी नगण्य राशि के लिए लडकियां कैमरे पर कपडे उतार रही हैं... ये वो लडकियां नहीं जो पेशेवर हों बल्कि ये वो हैं जिन्हें पैसे की जरुरत हैं | 10-12 डॉलर जैसी रकम के लिए कुछ करने वाले जाने कितने अमेरिकी वेबसाईट पर मिल जायेंगे | लेकिन इसके लिए अगर युद्ध को दोष दें तो उतने ही दोषी दिल्ली और हैदराबाद के काल सेंटर भी हैं जो अमेरिकियों की नौकरी छीन रहे हैं |



Since childhood, i love points more than the lengths :P

१- मित्र यदि आप के घर की तिजोरी ले कर चोर नाले में कूद जाये तो आप क्या करोगे... मैं तो उसके पीछे जाऊँगा उसे मात्ने, या कम से कम अपनी संपत्ति बचाने के लिए,
जब तक तालिबान था, तब तक गल्फ और उसके तेल पर कब्ज़ा उतना ही कठिन था जितना कि सियारों से भरे जंगल में मांस को बचाना....

२- मित्र अमेरिका एक देश, और अमेरिका एक ग्रुप ऑफ पीपल पृथक पृथक हैं, कुछ लोग, निजी स्वार्थ, जिसमे सनक की हद तक देश को प्रभुत्व देने का अरमां भी शामिल हो सकता है , ऐसे स्व-विनाशी कार्य करते हैं, इतिहास इसका गवाह है .


शेष फ़िर....

आपका

विक्की

bharat
07-05-2011, 02:21 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10718&stc=1&d=1304666711

उपरोक्त चित्रों में पहला वाला चित्र कल तक सारे बड़े समाचारिक माध्यमो से दिखाया जा रहा था !
परन्तु काफी समानताएं हैं इन दोनों चित्रों में ...एक मौत के बाद का है तो दूसरा कई साल पह...ले का ! अब आप ही खुद देखकर अंदाज़ा लगाएं की इतने वर्षों बाद भी इतनी समानताएं कैसे हो सकती है ? हँसने का अंदाज़, दाढ़ी के वही निश्चित सफ़ेद बाल...इत्यादी ! क्या ये पहला चित्र फोटोशोप का कमाल नहीं लगता ? ...??
मित्र ये जो चित्र बनाया गया है ये एक दुसरे चित्र से बनाया गया है जो दो साल पहले नेट पर आया था! उसी चित्र में कुछ फेरबदल करके ओसामा का चेहरा लगा दिया गया है. ध्यान से देखने पर साफ़ पता लग जायेगा आप सभी को...
http://1.bp.blogspot.com/-sQyDzccP2Nw/TcDlghbKJzI/AAAAAAAABLw/OBHaOHIakHQ/s1600/osama-bin-laden-death-photo-fake.jpg

bharat
07-05-2011, 02:26 AM
फोटोशोप से संभव है.... इससे भी अच्छा बन सकता है |
किन्तु यदि ये सत्य है तो अल-कायदा वाले जल्दी ही इसका खंडन करेंगे और ओसामा का कोई ना कोई टेप अवश्य आएगा |

अल-कायदा ऐसी कोई भी गलती नहीं करेगा. क्यूंकि अमेरिका जब एक देश में घुसकर सभी अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को ताक पर रखकर इस तरह का मिलटरी ओपरेशन कर सकता है तो अल-कायदा ऐसी कोई गलती नहीं करना चाहेगा जिससे अमेरिका का ध्यान जो अभी पकिस्तान पर केन्द्रित है , वो हट कर उस पर चला जाये.. हाँ ये हो सकता है कि कुछ और जगहों पर हमला करने के लिए अमेरिका खुद से ही ऐसी कोई टेप निकलवा दे जिससे दुनिया के सामने दिखने के लिए अमेरिका को एक कारन मिल जाये फिर से किसी देश पर हमला करने का,
चाहे कुछ भी हो, आने वाला एक साल एशिया और मिडल ईस्ट के देशों पर भरी पड़ने वाला है. चीन अगर अप्किस्तान को इसी तरह समर्थन करता रहा तो इसकी कीमत पकिस्तान को ही चुकानी पड़ेगी.l

amit_tiwari
07-05-2011, 09:16 PM
since childhood, i love points more than the lengths :p

१- मित्र यदि आप के घर की तिजोरी ले कर चोर नाले में कूद जाये तो आप क्या करोगे... मैं तो उसके पीछे जाऊँगा उसे मात्ने, या कम से कम अपनी संपत्ति बचाने के लिए,
जब तक तालिबान था, तब तक गल्फ और उसके तेल पर कब्ज़ा उतना ही कठिन था जितना कि सियारों से भरे जंगल में मांस को बचाना....

२- मित्र अमेरिका एक देश, और अमेरिका एक ग्रुप ऑफ पीपल पृथक पृथक हैं, कुछ लोग, निजी स्वार्थ, जिसमे सनक की हद तक देश को प्रभुत्व देने का अरमां भी शामिल हो सकता है , ऐसे स्व-विनाशी कार्य करते हैं, इतिहास इसका गवाह है .


शेष फ़िर....

आपका

विक्की

मेरे ख्याल से ईराक पर हमला करना तेल का खेल अधिक है, अफगानिस्तान से तेल का समीकरण अधिक फिट नहीं होता |
हो सकता है, इतनी बड़ी साज़िश के होने पर कुछ नहीं कह सकता किन्तु जैसा मैंने कहा, मेरी समझ के अनुसार यह संभव नहीं है |

bharat
08-05-2011, 03:04 AM
ओसामा के मरने के बाद क्रूड ऑयल की कीमत में दो डालर की कमी हुई, लेकिन अगले दिन फिर से कीमत ज्यों की त्यों दी!
चुनावों में भी ओबामा को इसका बहुत ज्यादा फायदा मिलने की सम्भावना नहीं बताई जा रही!
यदि आगे मित्र देशों के साथ मिलकर अमेरिका किसी देश पर चढाई नहीं करता तो हथियारों की बिक्री जो एकमात्र रास्ता बचा है अमेरिका के सामने अपनी मंदी को दूर करने का, वो भी संभव नहीं हो पायेगा!

ओसामा को मारने में अमेरिका ने 3 ट्रिलियन डॉलर खर्च कर दिए पिछले दस सालों में! अमरीकी लोग अपने द्वारा चुकाए जा रहे टैक्स का प्रयोग पकिस्तान जैसे देश को मदद देने में इस्तेमाल हो, इसके सख्त खिलाफ है अब! भारत इस स्थिति में लाभ उठा सकता है, इसी तरह की दोहरी चल चलके पकिस्तान की झुकी गर्दन को काटने का पिछले कईं वर्षों में ये पहला मोका है! आने वाला एक साल पूरी दुनिया के भविष्य के लिए एक रास्ते का निर्माण करेगा! अमेरिका की दादागिरी बरकरार रहती है या चीन अपना अड़ियल रवैय्या !
सभी बातें ओसामा की मोत से प्रभावित होंगी!