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View Full Version : नोटंकी बाज नेता


sagar -
07-05-2011, 07:25 AM
इस सूत्र में कुछ ऐसे नेताओ पर बात करेगे जो घड़ी -२ नोटंकी करते रहते हे ! क्या ये सोची समझी रणनीति के तहत होता हे या इन्हें पागलपन के दौर पड़ते हे !
सबसे पहले चर्चा करेगे दिग्गी राजा पर
मुझे लगता हे इसको किसी पागल कुते ने काट रखा हे जो हर समय उलटे सीधी बयान जारी करते रहते हे !

sagar -
07-05-2011, 07:38 AM
अभी हाल ही में उन्होंने ओसामा बिन लादेन को ओसामाजी कहा उनके लिये इनके मन में इतना समान क्यू ...
क्या वो आतंकवादियों से मिले हुए हे !
क्या ये सब मुस्लिम वोट पाने के लिये कर रहे हे !
क्या ये सब कोई सोची समझी रणनीति के तहत कर रहे हे !
या कोई इनके कंधे पर बंदूक रख कर चला रहा हे !

sagar -
07-05-2011, 07:53 AM
ओसामा पर दिया उनका पहला बयान
सुर्ख़ियों में छाये रहने वाले कांग्रेसी दिग्विजय सिंह ने ओसामा की मौत कहा कि कोई कितना भी बड़ा अपराधी क्यों न हो, उसके अंतिम समय में उसके धार्मिक रिवाजों का सम्मान करना चाहिए। हालाँकि कांग्रेस हाईकमान ने अपने इस छुट्टा सांड के बयान से दिखावटी नाराजगी जताई है |
भाई इनके मन में ओसामा के प्रति इतनी हमदर्दी क्यू हे ! क्या ये सठिया गये हे या उनके लिये ये काम करते थे !

ndhebar
08-05-2011, 01:15 PM
क्या ये सठिया गये हे या उनके लिये ये काम करते थे !

पहली बात की सम्भावना ज्यादा है

sagar -
08-05-2011, 01:31 PM
पहली बात की सम्भावना ज्यादा है
निशांत भाई मुझे लगता हे इनके सर पर हाई कमान का हाथ हे और वो ही इनसे ऐसे बयान जारी करवाते हे ! और जब बात बिगड़ती हे तो उस से पल्ला झाड लेते हे !अगर ऐसा नही होता तो क्या कोग्रेस अभी तक इनको अपनी पार्टी में रखती !...??
कितने ही बयान इन्होने विवादित दिये हे चाहे वो रामदेव के खिलाफ हो या २६/११ पर दिये हो ना जाने कितने विवादित बयान दे चुके हे लेकिन अभी तक पार्टी ने इनके खिलाफ कोई करवाही नही की !
इससे स्पस्ट हो गया पार्टी इनको एक मोहरे की तरहे इस्तेमाल कर रही हे !

Bholu
13-05-2011, 02:01 PM
अब नेता तो जूते खोर होते है मैने नेताओ पर एक छोटा सी कविता रूपी गिनती लिखी है
नेता ऐकम नेता
नेता दूनी धोका
नेता तिया तिकढम
नेता चौके चान्डाल
नेता पन्जे पीटैला
नेता छिक्के छलिया
नेता सत्ते सढियल
नेता अठ्ठे अडियल
नेता नम्मा नालायक
नेता ही धाम लेता

dipu
13-05-2011, 04:49 PM
Good job done

Bholu
13-05-2011, 04:59 PM
good job done

थैँक्स बिरो

dipu
13-05-2011, 05:04 PM
अब नेता तो जूते खोर होते है मैने नेताओ पर एक छोटा सी कविता रूपी गिनती लिखी है
नेता ऐकम नेता
नेता दूनी धोका
नेता तिया तिकढम
नेता चौके चान्डाल
नेता पन्जे पीटैला
नेता छिक्के छलिया
नेता सत्ते सढियल
नेता अठ्ठे अडियल
नेता नम्मा नालायक
नेता ही धाम लेता:lol::lol::lol: ........................

sagar -
16-05-2011, 03:07 PM
अब नेता तो जूते खोर होते है मैने नेताओ पर एक छोटा सी कविता रूपी गिनती लिखी है
नेता ऐकम नेता
नेता दूनी धोका
नेता तिया तिकढम
नेता चौके चान्डाल
नेता पन्जे पीटैला
नेता छिक्के छलिया
नेता सत्ते सढियल
नेता अठ्ठे अडियल
नेता नम्मा नालायक
नेता ही धाम लेता
वाह वाह भोलू मजा आगया :lol::lol::giggle:

Bholu
16-05-2011, 03:35 PM
वाह वाह भोलू मजा आगया :lol::lol::giggle:

धन्यवाद मोटा भाई

bhoomi ji
16-05-2011, 10:23 PM
अब नेता तो जूते खोर होते है मैने नेताओ पर एक छोटा सी कविता रूपी गिनती लिखी है
नेता ऐकम नेता
नेता दूनी धोका
नेता तिया तिकढम
नेता चौके चान्डाल
नेता पन्जे पीटैला
नेता छिक्के छलिया
नेता सत्ते सढियल
नेता अठ्ठे अडियल
नेता नम्मा नालायक
नेता ही धाम लेता


बहुत ही सुन्दर कबिता लिखी है..............नेताओ के सारे "गुणों" का बखान कर दिया :lol::lol::lol:

Bholu
16-05-2011, 10:29 PM
बहुत ही सुन्दर कबिता लिखी है..............नेताओ के सारे "गुणों" का बखान कर दिया :lol::lol::lol:

क्या करेँ भूमि जी कभी कभी सच निकल जाता है

YUVRAJ
16-05-2011, 10:46 PM
सर्वप्रथम सूत्रधार को सूत्र के लिये शुभकामना ...:clap:

@भाई भोलू ...क्या गजब लिखा है ...इसे सच का पहाड़ा कहना गलत नहीं होगा ...:)अब नेता तो जूते खोर होते है मैने नेताओ पर एक छोटा सी कविता रूपी गिनती लिखी है
नेता ऐकम नेता
नेता दूनी धोका
नेता तिया तिकढम
नेता चौके चान्डाल
नेता पन्जे पीटैला
नेता छिक्के छलिया
नेता सत्ते सढियल
नेता अठ्ठे अडियल
नेता नम्मा नालायक
नेता ही धाम लेता

Bholu
16-05-2011, 11:01 PM
सर्वप्रथम सूत्रधार को सूत्र के लिये शुभकामना ...:clap:

@भाई भोलू ...क्या गजब लिखा है ...इसे सच का पहाड़ा कहना गलत नहीं होगा ...:)

हादिँक धन्यवाद

bhoomi ji
16-05-2011, 11:08 PM
क्या करेँ भूमि जी कभी कभी सच निकल जाता है
ऐसे सच हमेशा निकलने चाहिए:cheers:

Bholu
16-05-2011, 11:14 PM
ऐसे सच हमेशा निकलने चाहिए:cheers:

ओके अब जल्द ही एक और निकालूँगा

prashant
17-05-2011, 01:18 PM
ओसामा पर दिया उनका पहला बयान
सुर्ख़ियों में छाये रहने वाले कांग्रेसी दिग्विजय सिंह ने ओसामा की मौत कहा कि कोई कितना भी बड़ा अपराधी क्यों न हो, उसके अंतिम समय में उसके धार्मिक रिवाजों का सम्मान करना चाहिए। हालाँकि कांग्रेस हाईकमान ने अपने इस छुट्टा सांड के बयान से दिखावटी नाराजगी जताई है |
भाई इनके मन में ओसामा के प्रति इतनी हमदर्दी क्यू हे ! क्या ये सठिया गये हे या उनके लिये ये काम करते थे !

ये दिग्विजय साला इतना गिरा हुआ इंसान है की यह सारे लाज शर्म को पानी में घोरकर पी गया है/
यदि इसका बस चलता तो यह ओसामा को अपना जमाई बना लेता/
लेकिन क्या करे इसे पता है की यह पाकिस्तान नहीं है जहाँ पर ओसामा को जमाई बनाया जा सके/
इसीलिए उसके मर जाने पर इसे तकलीफ हो रही है/

prashant
17-05-2011, 01:19 PM
अब नेता तो जूते खोर होते है मैने नेताओ पर एक छोटा सी कविता रूपी गिनती लिखी है
नेता ऐकम नेता
नेता दूनी धोका
नेता तिया तिकढम
नेता चौके चान्डाल
नेता पन्जे पीटैला
नेता छिक्के छलिया
नेता सत्ते सढियल
नेता अठ्ठे अडियल
नेता नम्मा नालायक
नेता ही धाम लेता

carry on......dude.

Bholu
17-05-2011, 01:23 PM
carry on......dude.

ok brother

sagar -
17-05-2011, 05:53 PM
ये दिग्विजय साला इतना गिरा हुआ इंसान है की यह सारे लाज शर्म को पानी में घोरकर पी गया है/
यदि इसका बस चलता तो यह ओसामा को अपना जमाई बना लेता/
लेकिन क्या करे इसे पता है की यह पाकिस्तान नहीं है जहाँ पर ओसामा को जमाई बनाया जा सके/
इसीलिए उसके मर जाने पर इसे तकलीफ हो रही है/
सही कहा प्रशांत भाई अगर ये पाकिस्तान में होता तो ओसामा को अपना जमाई बना लेता ....:lol::lol::lol:लेकिन इसकी मजबूरी हे की ये इंडिया में हे !:giggle:

sagar -
17-05-2011, 05:58 PM
सर्वप्रथम सूत्रधार को सूत्र के लिये शुभकामना ...:clap:

@भाई भोलू ...क्या गजब लिखा है ...इसे सच का पहाड़ा कहना गलत नहीं होगा ...:)
शुभकामनाओ के लिए धन्येवाद यूवराज भाई

ndhebar
17-05-2011, 09:38 PM
दिग्विजय सिंह का कहना है कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। मैंने ओसामा जी नहीं, ओसामा जीजा जी कहा था!

ndhebar
17-05-2011, 09:59 PM
http://madanmohansingh.jagranjunction.com/files/2011/05/rahul-gandhi1.jpg
फिर वही हुआ, जो अक्सर होता है। सियासी तूफान खड़ा करने की रणनीति से गांव भट्टा पारसौल गए कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की बचकानी जुबां फिसल गई। साहब ने कह दिया–यहां के हालात देखकर मैं खुद को भारतीय कहलाने पर शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं। कितना गजब का इत्तेफाक है राहुल जी, आप अपनी सरकार में हुए महा घोटालों पर तनिक भी शर्मिंदा नहीं होते। लेकिन भट्टा पारसौल की घटना पर आपको शर्मिंदगी है।
अब जनता जनार्दन आप ही बताइए, आपकी क्या राय है। राहुल जी के इस बयान पर कितना गर्व महसूस किया जाना चाहिए। आप भले गर्व महसूस करें, लेकिन मैं तो सिर्फ इतना कहूंगा कि राहुल जी, आपके बयान पर मैं शर्मिंदा हूं। आप पर शर्मिंदा हूं। आपके कांग्रेस शासित प्रदेश महाराष्ट्र के विदर्भ में कर्ज और सूदखोरों से आजिज आकर 300 से ज्यादा किसानों ने खुदकुशी कर ली। लेकिन आपने कभी शर्मिंदगी महसूस नहीं की। आपकी पार्टी के शासन में इस सूबे के एक मुख्यमंत्री ने बुलढाना जिले के एक ऐसे सूदखोर को बचाने का आदेश जारी करता है, जिसकी बदौलत से एक किसान
परिवार तबाह हो गया। रही बात भट़्टा पारसौल की तो, वहां के हालात बिगड़े कैसे। इसी भट्टा और पारसौल गांव के 80 फीसदी से ज्यादा किसान भूमि अधिग्रहण के एवज में मुआवजा ले चुके हैं। बाकी बचे किसानों को उकसाया किसने। उत्तर प्रदेश सरकार क्या करती, परिवहन निगम के बंधक कर्मचारियों की बलि चढ़ जाने देती। आपने यह कैसे सोचा कि वे किसान हो सकते हैं, जो पुलिस पर अंधाधुंध गोली चलाते हैं और दो पुलिस कर्मी अपनी ड्यूटी को अंजाम देते हुए मार दिए जाते हैं। कभी सुना है आपने किसी आंदोलन में कलेक्टर को गोली लगते। जिन्होंने गोलियां बरसाईं, उनके अगुआ के खिलाफ 23 मुकदमों की चार्जशीट है। आपने उन पुंलिस कर्मियों के घर जाकर सांत्वना देने में क्यों शर्मिंदगी महसूस की, जो अपनी ड्यूटी को अंजाम देते हुए मारे गए। क्या वे इस देश के नागरिक नहीं। दरअसल राहुल जी, दोष आपका नहीं। संगत का है। पूरे कुएं में ही भांग पडी हुई है। आपके साथ साए की तरह चलने वाले दिग्विजय सिंह को ही ले लिजिए। कुछ दिन पहले खूंखार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के मारे जाने पर तकरीबन अफसोस के अंदाज में उन्होंने ओसामाजी के सम्मान से नवाजा। यह वही ओसामा था, जिसके संगठन अलकायदा से उन आतंकी संगठनों की साठगांठ है, जो कश्मीर के लिए खतरा बने हुए हैं। इन्हीं आतंकी संगठनों में एक हिजबुल मुजाहिदीन की एबटाबाद की वजीरिस्तान हवेली है, जिसमें ओसामा ने पनाह ले रखी थी। राहुल जी, अब इससे ज्यादा क्या कहूं—’जो भरा नहीं है भावों से जिसमें बहती रसधार नहीं। वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।—बाकी अब देश की जनता जाने।

Bholu
17-05-2011, 10:32 PM
दिग्विजय सिंह का कहना है कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। मैंने ओसामा जी नहीं, ओसामा जीजा जी कहा था!

मजा बान्ध दिया दिग्बिजय जी सॉरी नेहवर जी

prashant
18-05-2011, 04:19 AM
दिग्विजय सिंह का कहना है कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। मैंने ओसामा जी नहीं, ओसामा जीजा जी कहा था!

:lol::lol::lol::lol::lol::lol:

साला दिग्विजय (ओसामा का साला) सही बोल रहा होगा/
जीजा ही बोला होगा/
हमें बताने के लिए धन्यवाद
:lol::lol:

prashant
18-05-2011, 04:21 AM
http://madanmohansingh.jagranjunction.com/files/2011/05/rahul-gandhi1.jpg
फिर वही हुआ, जो अक्सर होता है। सियासी तूफान खड़ा करने की रणनीति से गांव भट्टा पारसौल गए कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की बचकानी जुबां फिसल गई। साहब ने कह दिया–यहां के हालात देखकर मैं खुद को भारतीय कहलाने पर शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं। कितना गजब का इत्तेफाक है राहुल जी, आप अपनी सरकार में हुए महा घोटालों पर तनिक भी शर्मिंदा नहीं होते। लेकिन भट्टा पारसौल की घटना पर आपको शर्मिंदगी है।
अब जनता जनार्दन आप ही बताइए, आपकी क्या राय है। राहुल जी के इस बयान पर कितना गर्व महसूस किया जाना चाहिए। आप भले गर्व महसूस करें, लेकिन मैं तो सिर्फ इतना कहूंगा कि राहुल जी, आपके बयान पर मैं शर्मिंदा हूं। आप पर शर्मिंदा हूं। आपके कांग्रेस शासित प्रदेश महाराष्ट्र के विदर्भ में कर्ज और सूदखोरों से आजिज आकर 300 से ज्यादा किसानों ने खुदकुशी कर ली। लेकिन आपने कभी शर्मिंदगी महसूस नहीं की। आपकी पार्टी के शासन में इस सूबे के एक मुख्यमंत्री ने बुलढाना जिले के एक ऐसे सूदखोर को बचाने का आदेश जारी करता है, जिसकी बदौलत से एक किसान
परिवार तबाह हो गया। रही बात भट़्टा पारसौल की तो, वहां के हालात बिगड़े कैसे। इसी भट्टा और पारसौल गांव के 80 फीसदी से ज्यादा किसान भूमि अधिग्रहण के एवज में मुआवजा ले चुके हैं। बाकी बचे किसानों को उकसाया किसने। उत्तर प्रदेश सरकार क्या करती, परिवहन निगम के बंधक कर्मचारियों की बलि चढ़ जाने देती। आपने यह कैसे सोचा कि वे किसान हो सकते हैं, जो पुलिस पर अंधाधुंध गोली चलाते हैं और दो पुलिस कर्मी अपनी ड्यूटी को अंजाम देते हुए मार दिए जाते हैं। कभी सुना है आपने किसी आंदोलन में कलेक्टर को गोली लगते। जिन्होंने गोलियां बरसाईं, उनके अगुआ के खिलाफ 23 मुकदमों की चार्जशीट है। आपने उन पुंलिस कर्मियों के घर जाकर सांत्वना देने में क्यों शर्मिंदगी महसूस की, जो अपनी ड्यूटी को अंजाम देते हुए मारे गए। क्या वे इस देश के नागरिक नहीं। दरअसल राहुल जी, दोष आपका नहीं। संगत का है। पूरे कुएं में ही भांग पडी हुई है। आपके साथ साए की तरह चलने वाले दिग्विजय सिंह को ही ले लिजिए। कुछ दिन पहले खूंखार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के मारे जाने पर तकरीबन अफसोस के अंदाज में उन्होंने ओसामाजी के सम्मान से नवाजा। यह वही ओसामा था, जिसके संगठन अलकायदा से उन आतंकी संगठनों की साठगांठ है, जो कश्मीर के लिए खतरा बने हुए हैं। इन्हीं आतंकी संगठनों में एक हिजबुल मुजाहिदीन की एबटाबाद की वजीरिस्तान हवेली है, जिसमें ओसामा ने पनाह ले रखी थी। राहुल जी, अब इससे ज्यादा क्या कहूं—’जो भरा नहीं है भावों से जिसमें बहती रसधार नहीं। वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।—बाकी अब देश की जनता जाने।

ये वास्तव में अभी अमूल बेबी ही है/
मुझे लगता था की यह एक अच्छा नेता साबित होगा/
लेकिन यह भी धाक के तीन पात ही है/

YUVRAJ
18-05-2011, 08:27 AM
नेता सभी के सभी एक जैसे ही हैं, उम्मीद करना बेवकूफी है ...

khalid
18-05-2011, 08:33 AM
नेता सभी के सभी एक जैसे ही हैं, उम्मीद करना बेवकूफी है ...

सत्य हैँ लेकिन अगर कोई अलग तरह करना चाहे तो घसीट कर अपने तरह बना देते हैँ

Bholu
19-05-2011, 02:08 PM
मित्र नेता गलत नही होते
होते है तो सिर्फ उनके कर्म
नेता सभी के सभी एक जैसे ही हैं, उम्मीद करना बेवकूफी है ...

prashant
19-05-2011, 04:09 PM
मित्र नेता गलत नही होते
होते है तो सिर्फ उनके कर्म

और इसी कर्म के कारण नेता चोर और डकैत होते है!

sagar -
19-05-2011, 05:36 PM
ये वास्तव में अभी अमूल बेबी ही है/
मुझे लगता था की यह एक अच्छा नेता साबित होगा/
लेकिन यह भी धाक के तीन पात ही है/
में भी आपके विचारों से सहमत हू प्रशांत भाई !

Bholu
19-05-2011, 06:37 PM
और इसी कर्म के कारण नेता चोर और डकैत होते है!

डकैत होने के लिये ताकत होना चाहिये
ओसामा के सालो मे ताकत कहाँ

prashant
19-05-2011, 07:55 PM
डकैत होने के लिये ताकत होना चाहिये
ओसामा के सालो मे ताकत कहाँ

इसीलिए तो जब इनके जीजा जी को मार गिराया गया तो साले चिल्लाने लगे की हमारे बहिन के सुहाग को क्यूँ उजारा गया/
मैं तो कहूँगा की इनकी माँ की आँख सालो को इनके जीजा जी के पास भेज दो/

Bholu
19-05-2011, 08:45 PM
इसीलिए तो जब इनके जीजा जी को मार गिराया गया तो साले चिल्लाने लगे की हमारे बहिन के सुहाग को क्यूँ उजारा गया/
मैं तो कहूँगा की इनकी माँ की आँख सालो को इनके जीजा जी के पास भेज दो/

छोडो भाईया कहने मै बेज्जती भी हमारे देश की ही हो रही है

pankaj bedrdi
20-05-2011, 05:42 AM
ये सब नेता दुनिया को बेच देगा

Bholu
20-05-2011, 06:31 AM
ये सब नेता दुनिया को बेच देगा
मतलब ...........

ndhebar
20-05-2011, 04:53 PM
विकिलीक्स खुलासे पर प्रधानमंत्री का कहना है कि ‘वोट’ के बदले किसी को ‘नोट’ नहीं दिए गए…सभी को क्रेडिट कार्ड से पेमेंट की गई थी!

prashant
20-05-2011, 05:26 PM
छोडो भाईया कहने मै बेज्जती भी हमारे देश की ही हो रही है

नहीं भाई मैं तो इस टके नेता को गली दे रहा हूँ/

Bholu
20-05-2011, 06:57 PM
तो नेताओ की m******%@
सोच रहे होगे की गाली है लेकिन मे किसी भी लडका लडकी धर्म जात को अबशब्द नही कहता क्यो की जबाव दिमाग से दिया जाता है तो जबान गन्दी क्यो करना

Bholu
23-05-2011, 05:15 AM
लगता है नेताओ का दौर गया

prashant
23-05-2011, 05:56 PM
लगता है नेताओ का दौर गया

अब कितनी बुराई करें/
वो तो सुधारने वाला है नहीं!

Bholu
23-05-2011, 06:11 PM
अब कितनी बुराई करें/
वो तो सुधारने वाला है नहीं!

तो क्या करेँ अब हम ही बिगड जाते है

ndhebar
04-06-2011, 12:53 AM
कांग्रेस के सम्मानित नेता श्री राहुल गांधीजी ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संचालित एक ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य योजना में उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा घोर व्यापक अनियमितता बरतने के आरोप में राज्य सरकार से आरटीआई एक्ट के तहत सूचना मांगी है/ उनकी पहल निसंदेह प्रशंसनीय है परन्तु वे इसी विभाग में अपने ही केन्द्रीय मंत्री के कारनामों पर क्यों पर्दा डाल रहे हैं/ आज शहर शहर में प्राईवेट डेंटल कोलिज खुले हुए हैं जिनसे भारत में लगभग तीस हजार स्नातक डेंटल सर्जन(बीडीएस ) और छः हजार स्नातोकोत्तर(एम् डी एस ) डेंटल सर्जन प्रतिवर्ष तैयार होते हैं/ और ऐसे ही प्राईवेट मेडिकल कोलिज भी खुले हुए हैं जिनसे हजारों एम् बी बी एस और एम् डी डिग्री धारी डाकटर हर वर्ष बाजार में उतरते हैं/ क्या राहुल गांधीजी को पता नही है कि इन प्राईवेट डेंटल और मेडिकल कोलिजों में प्रवेश दिखाने को तो प्रवेश परीक्षा के द्वारा होता है परन्तु वास्तविकता में मोटा डोनेशन ही प्रवेश का एक मात्र रास्ता है/ अगर सुश्री मायावतीजी भी इन कोलिजों की मान्यता और गुणवत्ता की जांच के लिये केंद्र सरकार से आरटीआई एक्ट के तहत सूचना मांग लेवें तो केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित एक और नया घोटाला सामने आ जायेगा / बी डी एस पाठ्यक्रम के लिये दस से पंद्रह लाख डोनेशन,एम् डी एस पाठ्यक्रम के लिये पैंतीस लाख से चालीस लाख रूपया डोनेशन,एम् बी बी एस पाठ्यक्रम के लिये तीस लाख से पचास लाख रूपया डोनेशन और एम् डी पाठ्यक्रम के लिये सत्तर लाख से लेकर एक करोड़ रूपया डोनेशन वसूला जाता है,इस डोनेशन में सरकारी फीस भी जुडी हुई है / और चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता भी सभी के सामने है क्योंकि अधिकाँश क्या बल्कि सभी ही प्राईवेट कोलिजों को मान्यता सम्बंधित कौंसिलों के पदाधिकारियों को मोटी रिश्वत देने के बाद ही मिलती है,जो कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ही अधीन है,और यह संभव नही है कि जहाँ इतना बड़ी रकम का लेन देन होता हो केन्द्रीय मंत्रालय इन रुपियों की बंदरबांट में शामिल ना हो/ अगर आप इस डोनेशन की रकम का प्रतिवर्ष के टर्न ओवर का अपने साधारण केलकुलेटर में हिसाब लगाना चाहें तो केलकुलेटर की स्क्रीन पर इतनी बड़ी रकम आयेगी ही नही/ और यह सब किसके मूल्य पर, केन्द्रीय मंत्रीजी जो इतनी लज्जा तो आनी चाहिये कि इन अर्ध विक्षिप्त गुणवत्ता वाले प्राईवेट डेंटल एवं मेडिकल कोलिजों से उत्तीर्ण डाकटर, भारत की ही जनता का इलाज करेंगे/ कभी केन्द्रीय मंत्रीजी और स्वयं राहुल गांधीजी ,इन प्राईवेट डेंटल कोलिजों में चल रहे तथाकथित अत्याधुनिक उपकरणों एवं चिकित्सा विशेषज्ञों से अलंकृत सौ बिस्तरों वाले अस्तपतालों और प्राईवेट डेंटल कोलिजों के क्लिनिकल विभागों का मीडिया एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के भारत में कार्यरत प्रतिनिधियों की देख रेख में अवलोकन करने का कष्ट करें,और फिर जनता को बताएं क्या वे उस डेंटल कोलिज या मेडिकल कोलिज में अपना या अपने किसी रिश्तेदार का इलाज करवाएंगे? मेडिकल कौंसिल का अध्यक्ष कहता है कि भारत में डाक्टरों की कमी है,तो वह ही बतादे कि पिछले पांच सालों में कितने राज्य या केंद्र में ही सरकारी नौकरी में कितने डाक्टरों की नियुक्ति की है या कितने डाक्टरों की नियुक्ति का विज्ञापन ही निकाला है ?झूठ पर झूठ बोलकर प्राईवेट कोलिजों को खोलने का षड़यंत्र रचा जा रहा है /जबकि हकीकत यही है कि डाक्टरी की डिग्री का व्यापार हो रहा है

prashant
04-06-2011, 06:41 AM
शिक्षा का व्यापारीकरण तो बहुत पहले ही हो चूका है/
मेरे हिसाब से कुछ गलत नहीं है/लेकिन गुणवत्ता का जाँच अवश्य होनी चाहिए/
पिछले साल एक प्राइवेट कॉलेज की मान्यता कम गुणवत्ता के कारन रद्द हो गयी/
यदि ऐसा बराबर हो तो ज्यादा परेशानी नहीं होगी/
सरकारी मान्यता प्राप्त प्राइवेट कॉलेजों को सिर्फ एक न्यूनतम इन्फस्त्चार देख कर और पैसे ले मान्यता दे दी जाती है/बाद में उसका विस्तार छात्रो के पैसो से होता है/यानि की सरकार आधे अधूरे कॉलेज को मान्यता देती है/बाद में पूर्ण ४ से ५ साल में छात्रों के पैसो से होता है/

bharat
22-06-2011, 09:16 AM
http://1.bp.blogspot.com/-PH6vf0wkY3k/TfWsFUZoE3I/AAAAAAAAEUo/zTjLRDrPxIQ/s400/000000.jpg

एक ख़ास पार्टी के ख़ास कुत्ते!

bharat
22-06-2011, 09:17 AM
http://4.bp.blogspot.com/_Sp9CvfmAaCQ/TQRxSTYodiI/AAAAAAAAD7o/VOpODb2qY4Q/s1600/000000.jpg

बेवकूफों का सरदार कुछ भी ब्यान दे देता है!

bharat
22-06-2011, 09:17 AM
http://profile.ak.fbcdn.net/hprofile-ak-snc4/188150_182766008441811_3981566_n.jpg


चित्र बनाने वाले पर कुत्ते भी मान-हानि का दावा करने की सोच रहे हैं!

raju41
22-06-2011, 06:38 PM
इलेकशन के समय जनता सब भूल जाती है और फिर से यही लोग सत्ता मे आ जाते है।

ndhebar
23-06-2011, 12:06 AM
इलेकशन के समय जनता सब भूल जाती है और फिर से यही लोग सत्ता मे आ जाते है।
क्योंकि जनता को "कुत्ते और कमीने" के बिच चुनना पड़ता है
अब जिसे मर्जी चुनो

bharat
23-06-2011, 04:09 AM
क्योंकि जनता को "कुत्ते और कमीने" के बिच चुनना पड़ता है
अब जिसे मर्जी चुनोबिल्कल सही कहा! दो बुरे लोगों में से जब किसी को चुनना हो तो कोई भी फैसला लो, वो बाद में गलत ही साबित होता है!

The ROYAL "JAAT''
23-06-2011, 10:22 PM
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चित्र बनाने वाले पर कुत्ते भी मान-हानि का दावा करने की सोच रहे हैं!

क्यों नही करेंगे आखिर उनके भी कुछ उसूल मालिक के प्रति वफादारी होती है उनको अगर नेताओ के बराबर करने की कोशिश करोगे तो दावा करना जायज भी तो है उनका भी कुछ दीन धर्म होता है.पर हमारे इन नेता लोगो तो सबको पता है ही

ndhebar
26-06-2011, 10:13 AM
क्यों नही करेंगे आखिर उनके भी कुछ उसूल मालिक के प्रति वफादारी होती है उनको अगर नेताओ के बराबर करने की कोशिश करोगे तो दावा करना जायज भी तो है उनका भी कुछ दीन धर्म होता है.पर हमारे इन नेता लोगो तो सबको पता है ही
मालिक के प्रति तो इनकी वफादारी भी कमाल की है
फर्क बस इतना है की मालिक जो की जनता को होना चाहिए जिन्होंने इन्हें अपना प्रतिनिधि चुना है, इसके वजाय ये मालकिन के प्रति वफादार हैं