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View Full Version : शादी के बाद ऑफिस में बनते रिलेशंस


great_brother
08-05-2011, 11:16 AM
दोस्तों

मैं इस फोरम पर अपना पहला सूत्र शादी के बाद ऑफिस में बनते रिलेशंस प्रस्तुत कर रहा हूँ.

आशा है आपको पसंद आएगा और उपयोगी सिद्ध होगा............

great_brother
08-05-2011, 11:17 AM
मित्रों ,
हाल में मेरी एक फ्रेंड की शादी हुई। दरअसल , उसकी लव मैरिज की थी , लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद ही उसके पति का ट्रांसफर दूसरे शहर में हो गया। चूंकि दोनों वर्किंग थे , इसलिए वाइफ का उसके साथ जाना पॉसिबल नहीं था। इस स्थिति में वह अपने ससुराल ही रह गई। चूंकि उसके लिए ससुराल बिल्कुल नया था और दूसरे शहर में पति के बिजी होने के कारण वह अकेला फील करने लगी। अपने ऑफिस की परेशानी जहां वह पहले अपने पति से शेयर कर लेती थी। अब वह भी नहीं कर पाती। ऐसे में वह अपनी बातें अपने कलीग से शेयर करने लगी। फिर धीरे - धीरे वह साथ आने - जाने लगे , लेकिन उसके ससुराल को यह नागवार गुजरा और उन्होंने ऑफिस ना जाने के लिए का फरमान दे डाला। फिर क्या था लड़की भी गुस्से में अपने मायके चली गई।

ndhebar
08-05-2011, 11:47 AM
आगे क्या हुआ भाई ये तो बताओ

great_brother
08-05-2011, 11:56 AM
आगे क्या हुआ भाई ये तो बताओ

मित्र , नाराज न हो ...... आगे सुनो ........
दरअसल , इन दिनों मेट्रो सिटीज में कई कपल्स इस तरह की परेशानी का सामना कर रहे हैं। इसकी एक वजह वर्क प्लेस का स्ट्रेस व एक - दूसरे को समय ना दे पाना है। इस स्थिति में वह अपने आसपास या यूं कहे कि कॉलीग्स से ही अपनी प्रॉब्लम डिस्कस करते हैं। अगर इस स्थिति में वह अच्छे फ्रेंड बन जाते हैं , तो इसमें कोई बुराई भी नही है। यह प्रफेशनल रिलेशन हैं , जो इन दिनों ऑफिस में खूब देखे जा सकते हैं। आप जब ऑफिस में 9 से 10 घंटे बिताते हैं , तो कई तरह की प्रॉब्लम फेस करते हैं और इनसे निपटने के लिए आप अपने कॉलीग्स की हेल्प लेते हैं। इन्हीं कुछ वजहों से प्रफेशनल रिलेशन डिवेलप हो जाते हैं। वैसे , मैरिड महिलाएं इस तरह के रिलेशन को बुरा नहीं मानती हैं।

ndhebar
08-05-2011, 11:59 AM
मित्र , नाराज न हो ...... आगे सुनो
इसमें नाराज होने वाली कौन सी बात है
मैंने तो बस जिज्ञासाबश पूछा था

great_brother
08-05-2011, 12:00 PM
मित्रों ,
इस बारे में मेरी एक महिला मित्र 21 साल की श्वेता कहती हैं कि वह शादीशुदा हैं और घर से ज्यादा वक्त ऑफिस में बिताती हैं। ऐसे में जाहिर है कि कॉलीग्स के साथ हंसी - मजाक , चाय पीना व खाना खाने जैसे रिलेशन डिवेलप हो जाते हैं। यही नहीं , कभी आप उदास है या आपका मूड अच्छा नहीं है , तो कलीग ही हैं , जो आपके मूड को ठीक करते हैं और आपका ध्यान रखते हैं। साथ ही वह कहती हैं कि अगर उनके ऑफिस में किसी से हेल्दी रिलेशन है और वह उदास है , तो वह उसके मूड को ठीक करने की पूरी कोशिश करती हैं। ऐसा ही कुछ 23 साल की दीप्ति का कहना है। वह कहती हैं , ' मेरी शादी को 2 साल हो चुके हैं। शादी से पहले जो मेल फ्रेंड थे , वह आज भी अच्छे दोस्त हैं। अगर कोई आपकी केयर कर रहा है या आपके साथ घूम रहा है , तो इसमें कोई प्रॉब्लम नहीं है। दरअसल , सोसायटी बदल रही है और जरूरी है कि पति या पत्नी को भी इस तरह के रिलेशन समझने चाहिए। ' ...........

मित्रों ,

अपने विचार भी देते रहे ........

prashant
08-05-2011, 12:05 PM
आप कहानी पूरी करें तो हम बाद में विचार भी देंगें/
मेरे विचार के एक साथ रहने वाले काम काजी महिला पुरुष एक साथ कभी भी कुछ नहीं रह सकते है/
मेरे विचार के महिलाओ के लिए सब से अच्छा प्रोफेसन शिक्षा विभाग ही है/

great_brother
08-05-2011, 12:09 PM
आप कहानी पूरी करें तो हम बाद में विचार भी देंगें/
मेरे विचार के एक साथ रहने वाले काम काजी महिला पुरुष एक साथ कभी भी कुछ नहीं रह सकते है/
मेरे विचार के महिलाओ के लिए सब से अच्छा प्रोफेसन शिक्षा विभाग ही है/

मित्रों ,

वैसे , एक रिसर्च के मुताबिक कभी - कभार ऑफिस में कॉलीग्स इतने नजदीक आ जाते हैं कि उनमें एक्सट्रा मैरियटल रिलेशन बन जाते हैं। ऐसे रिलेशन में डेटिंग , हल्का - फुल्का फ्लर्ट और कभी - कभार सेक्सुअल रिलेशन भी डिवेलप हो जाते हैं , जिसका सीधा असर पति - पत्नी के रिलेशन पर पड़ता है। इस बारे में शादीशुदा विकास कहते हैं कि उनकी वाइफ भी ऑफिस में काम करती हैं और यह भी सही है कि कुछ कॉलीग्स के साथ ट्यूनिंग अच्छी हो जाती है , लेकिन आपकी ऑफिस की रिलेशनशिप ऑफिस तक ही सीमित रहनी चाहिए। अगर अच्छी मैरिड लाइफ चाहिए , तो कुछ सीमाएं जरूर तय करें।

मित्रों अपने विचार भी देते रहे ........

abhisays
08-05-2011, 12:23 PM
बहुत ही विचारोतेजक मुद्दा उठाया है ग्रेट brother जी ने, इनको +++++++

ndhebar
08-05-2011, 12:29 PM
मित्रों ,

वैसे , एक रिसर्च के मुताबिक कभी - कभार ऑफिस में कॉलीग्स इतने नजदीक आ जाते हैं कि उनमें एक्सट्रा मैरियटल रिलेशन बन जाते हैं।
मित्रों अपने विचार भी देते रहे ........

असली पंगे की शुरुआत यहीं से होती है
ऑफिस के रिश्ते अगर ऑफिस तक ही रहे तो ज्यादा अच्छा है
बाहर आते ही उस पर दुनिया की कलुषित नजरें पड़ जाती है
रिश्तों की मर्यादा का ख्याल रखना बहुत ही आवश्यक है

abhisays
08-05-2011, 12:33 PM
आप कहानी पूरी करें तो हम बाद में विचार भी देंगें/
मेरे विचार के एक साथ रहने वाले काम काजी महिला पुरुष एक साथ कभी भी कुछ नहीं रह सकते है/
मेरे विचार के महिलाओ के लिए सब से अच्छा प्रोफेसन शिक्षा विभाग ही है/

ऐसे आपके विचार क्यों हैं? क्या जिम्मेदारी केवल महिलायों की ही होती है. पुरुष जो जाहे करे और महिलायों के लिए दायरा बना दिया जाये.

२१वि शताब्दी में यह बात कुछ हज़म नहीं हुई.

great_brother
08-05-2011, 12:51 PM
असली पंगे की शुरुआत यहीं से होती है
ऑफिस के रिश्ते अगर ऑफिस तक ही रहे तो ज्यादा अच्छा है
बाहर आते ही उस पर दुनिया की कलुषित नजरें पड़ जाती है
रिश्तों की मर्यादा का ख्याल रखना बहुत ही आवश्यक है

मित्र ,
आपकी सोच भी मेरे से काफी मिलते है ......

मित्रों अपने विचार भी देते रहे ........

great_brother
08-05-2011, 12:58 PM
मित्रों ,
इस तरह के रिलेशन बनने की कुछ वजहें ये हैं :
- लड़की की जबरन या अरेंज मैरिज हुई हो। शादी के बाद पति के साथ लड़ाई - झगड़ा होना।
- पति का पत्नी पर ध्यान ना देना या उसकी केयर ना करना।
- पैसे संबंधी दिक्कत होना।

मित्रों अपने विचार भी देते रहे ........

great_brother
08-05-2011, 01:00 PM
मित्रों ,
- घर में रोजाना बेवजह की दिक्कत भी एक वजह हो सकती है।
- ऑफिस की प्रॉब्लम पति या फैमिली मेंबर्स द्वारा ना समझ पाना।
- शादी से पहले अफेयर होना।
- पति का दूसरे शहर में रहना या बहुत कम समय वाइफ के साथ बिताना।


मित्रों अपने विचार भी देते रहे ........

prashant
08-05-2011, 07:06 PM
ऐसे आपके विचार क्यों हैं? क्या जिम्मेदारी केवल महिलायों की ही होती है. पुरुष जो जाहे करे और महिलायों के लिए दायरा बना दिया जाये.

२१वि शताब्दी में यह बात कुछ हज़म नहीं हुई.

मैं समाज में एक संतुलन बनाये रखने वाला विचार लिखा है और मेरे हिसाब से ये एक अच्छा उपाय भी है/
जिससे सांप भी मर जायेगा और लाठी भी नहीं टूटेगी/
यह जरुरी तो नहीं ना की आपसे मेरे विचार मिले/
मेरे यही विचार है की घर की जबाबदारी के एक जिम्मेदार औरत ही संभाल सकती है/
क्यूँ की बच्चो में संस्कार का संचार एक माँ ही कर सकती है/
अत: बच्चों पर माँ की निगरानी जरुरी है/

prashant
08-05-2011, 07:09 PM
मित्र ,
आपकी सोच भी मेरे से काफी मिलते है ......

मित्रों अपने विचार भी देते रहे ........

चलिए अच्छा है की विचार मिल रहे हैं/
धन्यवाद

ndhebar
08-05-2011, 07:14 PM
मैं समाज में एक संतुलन बनाये रखने वाला विचार लिखा है और मेरे हिसाब से ये एक अच्छा उपाय भी है/
जिससे सांप भी मर जायेगा और लाठी भी नहीं टूटेगी/
यह जरुरी तो नहीं ना की आपसे मेरे विचार मिले/
मेरे यही विचार है की घर की जबाबदारी के एक जिम्मेदार औरत ही संभाल सकती है/
क्यूँ की बच्चो में संस्कार का संचार एक माँ ही कर सकती है/
अत: बच्चों पर माँ की निगरानी जरुरी है/
बिलकुल सही बात कही प्रशांत जी
सबका अपना अपना विचार होता है और उसे वो रख सकता है
अच्छे मंच की यही खासियत होती है की वहां हर तरह के विचार मिलते हैं

amit_tiwari
09-05-2011, 02:25 AM
मैं समाज में एक संतुलन बनाये रखने वाला विचार लिखा है और मेरे हिसाब से ये एक अच्छा उपाय भी है/
जिससे सांप भी मर जायेगा और लाठी भी नहीं टूटेगी/
यह जरुरी तो नहीं ना की आपसे मेरे विचार मिले/
मेरे यही विचार है की घर की जबाबदारी के एक जिम्मेदार औरत ही संभाल सकती है/
क्यूँ की बच्चो में संस्कार का संचार एक माँ ही कर सकती है/
अत: बच्चों पर माँ की निगरानी जरुरी है/

ऐसे आपके विचार क्यों हैं? क्या जिम्मेदारी केवल महिलायों की ही होती है. पुरुष जो जाहे करे और महिलायों के लिए दायरा बना दिया जाये.

२१वि शताब्दी में यह बात कुछ हज़म नहीं हुई.

विचारधारा के रूप में मैं अभिषेक जी की बात को सही मानता हूँ किन्तु प्रशांत जी की बात व्यावहारिक सत्य है |
भले ही टीचिंग महिलाओं के लिए एक आदर्श कैरियर ना हो किन्तु परिवार और बच्चों के लिए माँ की निगरानी ज़रूरी है |
असल में ये बात घूम फिर कर वहीँ आ गयी | कई बार आप देखेंगे की कई परिवारों में कहा जाता है की हमने अपनी बेटी को बेटी नहीं बेटा समझा है(गर्वपूर्वक) किन्तु वो ये ध्यान नहीं देते किई उन्होंने कहीं ना कहीं अपनी बेटी के मन में बेटा होने किई इच्छा डाल दी है | ये भाव उसे हर क्षेत्र में पुरुष होने के लिए भड़काती है और नतीजा पारिवारिक द्वन्द के रूप में सामने आता है |
आखिर एक बेटी बेटे जैसी क्यूँ बने? किसने कहा की बेटे आदर्श होते हैं? क्या ये सामंती सोच नहीं लगती?
बजाय हम या कोई संस्था यह निर्धारित करे की लड़कियों को क्या करना चहिये, मेरे विचार से माता पिता पहले से लड़कियों को यह एहसास दिलाएं की एक परिवार को बनाने और बनाए रखने का कुदरती हुनर सिर्फ उन्हें ही इश्वर ने दिया है और इसे पुरुष चाह कर भी नहीं सीख सकता(हाँ वह सहयोग अवश्य कर सकता है और करना चाहिए..) शायद मेरी इस बात से सभी वो सदस्य सहमत होंगे जो कभी ना कभी अकेले रहे होंगे की रोकेट साइंस पढना या इंजीनियरिंग करना आसन है किन्तु अपना कमरा सही रखना ज्यादा मुश्किल फिर एक घर को संभाल कर रखना ??? शायद इस एक गुण के कारण महिलायें पुरुषों से अधिक योग्य हैं | बस कुछ प्रदूषित मानसिकता के कारण एक अफवाह सी फ़ैल गयी जैसे घर संभालना कोई अभिशाप है और ऐसा करने से वो कुछ हे जीव हो जाएँगी |

झटका
09-05-2011, 08:03 AM
जहां दो विपरीत लिंग करीब आये तो आकर्षण होना स्वभाविक है
वो भी तब जब अच्छा खासा समय साथ बिताये
लेकिन विवेक नामक चीज़ रहे तो कोई समस्या नहीं है
जो गलती करतें है वो अपने को अच्छा कहने के लिए अच्छे तर्क भी देतें हैं
पर इससे गलती सही नहीं हो जाती
विश्वास किसी रिश्ते की नींव होती है और हम संतुष्टि ...इच्छा के नाम पर उसका गला नहीं घोंट सकतें
सोसाइटी और आधुनिकता के नाम पर कुछ बंदरों - बंदरियों ने उत्पात मचा रखा है