View Full Version : मेरा भारत महान (यहाँ ऐसा भी होता है )
सीकर. द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में शनिवार को यहां एसके स्कूल के मारू हॉल में एक छात्रा सुमित्रा (रोल नं. 876964) नकल करते पकड़ी गई। खास बात यह रही कि वह ब्लू टूथ से नकल कर रही थी। उसने मोबाइल कपड़ों में छिपा रखा था।
हैरानी की बात यह है, फर्स्ट पेपर में कोई भी वीक्षक उसे पकड़ नहीं पाया। ब्लू टूथ के ऊपर उसने कानों पर रुमाल बांध रखा था। सूचना पर पर्यवेक्षकों के छात्रा की तलाशी लेने पर राज खुल गया।
यहीं पर एक अन्य छात्र राकेश कुमार खींचड़ निवासी भीमसर (सालासर) (रोल नंबर 876927) के जूतों से भी मोबाइल और आंसर-की मिली है। शहर कोतवाल अश्विनी कुमार ने बताया कि छात्रा बार-बार नकल कराने वाले का नाम बदल रही है। इससे वह ट्रेस आउट नहीं हो पा रहा है। परीक्षा समन्वयक बासुदेव शर्मा ने बताया कि पकड़े गए छात्रा-छात्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
http://mohallalive.com/wp-content/uploads/2011/04/TheHinduCartoon29April2011.jpg
कोई परधान कहता है, कोई पीएम समझता है
असल में क्या है ये तो बस उसी का मन समझता है
वो उस के साथ कैसी है, वो उस के साथ कैसा है
ये तो सोनिया समझती है या मनमोहन समझता है
अगर किसी दंपत्ति ने अपनी सारी जिंदगी एक छोटी सी नौकरी करते हुए काट दी हो, अपने बच्चों के अच्छे पालन-पोषण के लिए वह एक-दूसरे से 22 साल दूर रहे हो और रिटायरमेंट के बाद जब उन्हें जिंदगी भर की जमा- पूंजी मिली हो तो उन्होंने उसे शिक्षा को फैलाने के ‘संकल्प’ के साथ अपने दोनों बेटों के हाथ में रख दिया हो तो ऐसे लोगों के लिए आप क्या कहेंगे? नागपुर के अति पिछड़े समझे जाने वाले जाततरोडी परिसर के तांबे परिवार ने ऐसा ही किया. ‘संकल्प एजुकेशन सोसाइटी’ की स्थापना कर यह परिवार अब वंचित समाज के बच्चों के बीच शिक्षा की रोशनी फैलाने में जुटा हुआ है.
जिस जाततरोडी परिसर के इलाके से यह परिवार निकला था, वह काफी पिछड़ा था और मुहल्ले में शराब की नदियां बहा करती थी. भीमराव तांबे इसी बस्ती में रहते थे. उनके पिता बाबा साहब के संपर्क में आएं और समता सैनिक दल में शामिल हो गए. लेकिन भीमराव तांबे को यह रास्ता रास नहीं आया. वह नागपुर के एक कालेज में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हो गए. घर में भीषण गरीबी के कारण उन्हें कई दूसरे काम भी करने पड़े. इसी बीच कमल से उनका परिचय हुआ और दोनों ने शादी कर ली. खर्च के साथ जीवन का संघर्ष भी बढ़ गया. मुश्किलें घेरती गई तो आठवीं पास पत्नी कमल ने भी नौकरी करने का मन बना लिया. तब घर की औरतों का नौकरी करना इतना आसान नहीं था. लेकिन पति भीमराव तांबे ने अपनी पत्नी का समर्थन किया तो नौकरी शुरू हो गई. पहले कैंसर अस्पताल और फिर सीआरपीएफ के अस्पताल में नौकरी मिल गई. नौकरी के कारण उन्हें कई शहरों में रहना पड़ा. घर पर कम ही रह पाती. इस बीच तांबे दंपत्ति को दो बेटे और दो बेटियां हुई. खुद नहीं पढ़ पाने का दंश उन्होंने देखा था इसलिए उन्होंने अपने बच्चों को खूब पढ़ाने का निर्णय किया. मां अपने बच्चों को छोड़कर लगातार अलग-अलग शहरों में नौकरी करती रहीं, वहीं नौकरी के साथ ही बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी पिता के जिम्मे थी.
बावजूद इसके वो दोनों निराश नहीं हुए और तमाम दिक्कतें सह कर भी अपने चारों बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने में जुट गए. मेहनत रंग लाई. बड़ी बेटी अल्का आर्मी स्कूल में शिक्षिका बनी तो दूसरी बेटी वैशाली भी नौकरी कर रही हैं. बड़े बेटे अविनाश तांबे द्वितीय श्रेणी के अधिकारी हैं जबकि छोटा बेटा प्रशांत तांबे अपनी पीएचडी में जुटे हैं. दोनों भाईयों ने ‘संकल्प एजुकेशन सोसाइटी’ के तले मॉडल कालेज की स्थापना की है, जहां वंचित समाज के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दी जाती है. सन् 2008 में डिप्लोमा कोर्सेस और 63 बच्चों के साथ शुरू हुआ यह सफर आज डिग्री कॉलेज और 550 बच्चों तक पहुंच गया है.
मॉडल कॉलेज के शुरू होने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. प्रशांत तांबे बताते हैं ‘तब मां और पिताजी रिटायर हुई थे. हम दोनों भाइयों ने उनसे कहा कि हमने बहुत मुश्किल से शिक्षा पाई है और चाहते हैं कि शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए जितने बच्चों की मदद कर सकते हैं वो करें. दोनों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई हमारे हाथ में रख दिया. वह तकरीबन चार लाख रुपया था. पहले हमने डिप्लोमा कोर्स शुरू किया और फिर 2009-10 में हमें फुल डिग्री कॉलेज की मंजूरी मिल गई.’ यहां डिप्लोमा से लेकर बैचेलर डिग्री तक मिलती है. हमारा खासा जोर दलित एवं वंचित समाज के विद्यार्थियों को शिक्षा देने पर है. फीस के बारे में पूछने पर उनका कहना है कि हम फीस के नाम अपने विद्यार्थियों से सिर्फ 927 रुपये लेते हैं, जो हमें संबंधित यूनिवर्सिटी को देना पड़ता है. बाकी सारी सुविधाएं मुफ्त है.
प्रशांत तांबे नागपुर में रहते हैं.
हरियाणा के पंचकुला के बतरेड़ गांव में दलितों की पंचायत की जमीन से हुई आमदनी को गांव के विकास पर खर्च किए जाने की मांग पर ऊंची जाति के दबंगों द्वारा दलितों पर अत्याचार एवं उनका सामाजिक बहिष्कार किए जाने की घटना जोर पकड़ती जा रही है. इस घटना पर बसपा ने राज्य सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसको बेहद शर्मनाक बताया है और दलित परिवारों के सुरक्षा की मांग की है. कांग्रेस को घेरते हुए बसपा ने कहा है कि आजादी के लगभग 64 वर्षों के बाद भी हरियाणा में कांग्रेस की सरकार की उदासीनता के चलते दलितों के ऊपर आए दिन उत्पीड़न की घटनाएं हो रही.
बसपा ने हरियाणा की कांग्रेस सरकार पर चुप्पी साधकर बैठने का आरोप लगाया है. बसपा ने कहा है कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, दलितों के हितों को लेकर अपनी आवाज उठाने वाली संस्थाओं, विभिन्न आयोगों तथा कानून के रखवालों को चाहिए कि वे तत्काल कांग्रेस पार्टी के शासन वाले हरियाणा राज्य के दलितों को न्याय दिलाने के लिए अपनी आवाज बुलंद करें, क्योंकि हरियाणा सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई करने की हिम्मत नही जुटा पा रही है. इसके साथ ही दलितों के हितों को संरक्षण देने के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले कानून के इन रखवालों को चाहिए कि वे हरियाणा की कांग्रेस सरकार को दलितों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बाध्य करें.
पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हरियाणा में दलितों के खिलाफ लगातार हो रही उत्पीड़न की अमानवीय घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाने चाहिए. हरियाणा में दलित आज भी भय और आतंक के माहौल में रहने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के हितों के नाम पर आए दिन मीडिया में बड़े-बड़े बयान देने वाले लोगों को चाहिए कि वे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से महज 200 किलोमीटर की दूरी पर रह रहे इन दलितों को न्याय दिलायें. पार्टी का इशारा राष्ट्रीय एसएटी आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया की ओर था.
गौरतलब है कि गांव के दर्जनों दलितों को लाठियों से इसलिए पीटा गया क्योंकि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत कर बैठे. बयान में कहा गया है कि पंचकुला के बतरेड़ गांव की लगभग 400 एकड़ पंचायत की जमीन से लगभग 15 लाख रूपये की आमदनी हुई थी और गांव के उच्च वर्ग के लोग अधिकारियों के साथ मिलकर इस धनराशि को हजम कर गये जब दलितों ने विरोध किया तो उनके ऊपर कहर बरपाया गया. घटना के बाद बतरेड़ गांव के दलित दहशत के साए में जी रहे हैं और पलायन के लिए मजबूर हैं. अपने जान-माल को लेकर लोग इतने डरे हुए हैं कि अपने घरों में रहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. खबर मिल रही है कि गांव में दलित बच्चों को पढ़ने से भी रोका जा रहा है और उन शिक्षकों को धमकाया जा रहा है, जो इन बच्चों को पढ़ा रहे हैं.
भारतीय समाज का यह षड्यंत्र काल है। एम्स में एसिस्टेंट प्रोफेसर पोस्ट के लिए विज्ञापन निकला है। 103 पोस्ट भरे जाने हैं। एससी के लिए 10 पोस्ट और एसटी के लिए दो पोस्ट रखे गए हैं। यह कैसा जातिवादी गणित हैं। 22.5% का कोटा संविधान देता है। यहां 12% दे रहे हैं। लोकसभा के120 एससी-एसटी MP इस बारे में कुछ बोलेंगे?
http://www.aiims.edu/aiims/events/re...ertisement.pdf
www.aiims.edu
मुंबइया फिल्मों में दलित! काल्पनिक किरदार कितने काल्पनिक?
♦ शीबा असलम फहमी
बात हिंदी फिल्मों की हो रही है तो इधर-उधर भटके बिना दो मिसालें पेश है, जहां दलित चरित्र हैं और साहब, ‘वाह-वाह’ क्या खूब हैं। आशुतोष गोवारिकर की बहुचर्चित फिल्म ‘लगान’, जिसे पता नहीं किस आशावाद के तहत ‘ऑस्कर’ तक भेजा गया था, में भी एक सशक्त दलित किरदार है, जिसका नाम है ‘कचरा’। तो साहेबान ‘कचरा’ बहुत काम का गेंदबाज है। इसलिए नहीं कि उसमें प्रतिभा है बल्कि इसलिए की उसमें एक ‘नुक्स’ है, जिसकी वजह से उसका हाथ टेढ़ा है और गेंद कुछ ऐसे फिरकती है कि बस!
उसमें यही प्रतिभा बिना ‘नुक्स’ के भी हो सकती थी, अगर वो भुवन होता। उसका नाम ‘कचरे’ की जगह ‘भुवन’ हो सकता था अगर वो दलित न होता और वो आखरी शॉट उसके हिस्से में भी आ सकता था, अगर वो आशुतोष-आमिर की फिल्म न होती। इसी फिल्म में गोरी-मेम ‘भुवन’ का समर्थन करते हुए कहती है की ‘at least give him a fair chance…’ मतलब ये एक ‘fair-chance’ या ‘एक अवसर मात्र’ पर ही तो सारा दारोमदार टिका था न???
और वही एक अवसर ही तो नहीं देता है शासक-शोषक वर्ग।
तो साहेबान हमारी फिल्मों में तो कल्पना भी नहीं की जाती एक ‘कम-जात’ के प्रतिभावान होने की! अगर इसके बर-अक्स आप को कोई ऐसी फिल्म याद आ रही हो, तो मेरी जानकारी में इजाफा कीजिएगा… हां खुदा न खासता अगर कोई प्रतिभा होगी तो तय-शुदा तौर पर अंत में वो कुलीन परिवार के बिछड़े हुए ही में होगी।
एक और मिसाल… ‘सुजाता’ याद है आपको? कितनी अच्छी फिल्म थी। बिलकुल पंडित नेहरु के जाति-सौहार्द को साकार करती! अछूत-दलित कन्या ‘सुजाता’ को किस आधार पर स्वीकार किया जाता है, और उसे शरण देनेवाला ब्राह्मण परिवार किस तरह अपने आत्म-द्वंद्व से मुक्ति पाता है? वहां भी उसकी औकात-जात का वर ढूंढ कर जब लाया जाता है, तो वह व्यभिचारी, शराबी और दुहाजू ही होता है, और कमसिन सुजाता का जोड़ बिठाते हुए, अविचलित माताजी के अनुसार ‘इन लोगों में यही होता है’। पूरी फिल्म में ब्राह्मण-दलित संवाद स्थापित ही नहीं हो पाता। बस ब्राह्मण-ब्राह्मण का ही द्वंद्व है, जिसमें दयालु-दाता मॉडर्न ब्राह्मण और ‘संस्कारी ब्राह्मण’ का डिस्कोर्स उभरता है। दलित कन्या में कोई गुण नहीं निकल पाता, बस सामाजिक जिम्मेदारी के तहत ही वह स्वीकार्य होती है… फिल्म इस संभावना के साथ खत्म होती है कि अगर अपने बेटों की बात नहीं मानी और उनके प्रेम विवाह में रोड़े अटकाये तो वे बगावत कर देंगे। पिता पुत्र की आधुनिकता एक गुण के तौर पर उभरती है और हां, खून सबका एक है – ये मेडिकल फैक्*ट भी स्थापित होता है। जहां तक सुजाता का सवाल है, उसका संस्कृतिकरण पूर्ण है। वो चुप रहनेवाली, गुनी, सुशील और त्यागी ‘मैरिज-मैरिटल’ यानी सेविका ही बन पाती है जबकि उसी परिवार-परिवेश की असली बेटी एक प्रतिभावान मंचीय नर्तकी, आधुनिका, वाचाल और अपनी मर्जी की इज्जत करनेवाली शख्सियत बनती है।
क्या वाचाल, मन-मर्जी जीनेवाली और आत्म-सम्मानी ‘सुजाता’ है कहीं बंबइया फिल्मों में आज तक?
khalid
08-05-2011, 04:29 PM
बहुत अच्छी जानकारी हैँ .....?
ndhebar
08-05-2011, 05:57 PM
बहुत ही अच्छा सूत्र है
आपके शब्दों में सार्थक
बहुत ही अच्छा सूत्र है
आपके शब्दों में सार्थक
धन्यवाद मित्र ..........................
अजमेर. गबन के मामले में घिरता देख एक रेलवे अधिकारी ने रविवार को अपने घर में रखे 50 लाख रुपयों में आग लगा दी। मौके पर पहुंची रेलवे पुलिस ने ढाई लाख रुपए के अधजले नोट बरामद कर लिए। रेलवे पुलिस का मानना है कि जलाए गए नोट 50 लाख से भी अधिक हो सकते हैं।
आरोपी उत्तर-पश्चिम रेलवे के बीकानेर मंडल में वित्त प्रबंधक अशोक मंगल को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी की पत्नी लता मंगल अजमेर मंडल में लेखा सहायक के पद पर कार्यरत है। मामले में उनकी भी संलिप्तता मानी जा रही है। अशोक ने पत्नी के बंगले में ही नोटों को ड्रम में भरकर आग लगाई।
रात से ही बंगला था निगरानी में: उत्तर-पश्चिम रेलवे में चेक राइटर के पद पर कार्यरत मुजफ्फर अली बोहरा के खिलाफ चार करोड़ रुपए के गबन का मामला चल रहा है। मामले की जांच में लगी आरपीएफ टीम को कई अहम सुराग हाथ लगे थे। इसके बाद लता मंगल के रेलवे बंगले की निगरानी बढ़ा दी गई थी। रविवार सुबह करीब 11 बजे बंगले के पीछे वाले हिस्से में धुआं उठता देख आरपीएफ के जवान पप्पू खान दीवार फांदकर भीतर आया। उसने एक लोहे के आधे ड्रम में कागज जलते देख आग को पानी से बुझाया।
वहां उसे अधजले नोट बरामद हुए। इसकी जानकारी तत्काल आला अधिकारियों को दी गई। वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त डीबी कासार मौके पर पहुंचे। कासार के अनुसार अशोक मंगल को भारतीय मुद्रा जलाते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आशंका है कि ड्रम में करीब 50 लाख रु. से भी ज्यादा नोट हो सकते हैं। मौके से साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं। बंगले के पीछे वाले हिस्से में जले हुए कागजात बरामद हुए हुए हैं। अधिकारियों का मानना है कि अशोक मंगल ने और नोट भी जलाए होंगे। आरपीएफ ने लता मंगल के घर से कई दस्तावेज भी जब्त किए हैं।
मुजफ्फर की पत्नी ने किया खुलासा: गबन के फरार आरोपी मुजफ्फर की पत्नी ने आरपीएफ की पूछताछ में बताया कि मुजफ्फर का पता मंगल परिवार दे सकता है। इस पर अधिकारियों ने लता मंगल के घर की निगरानी बढ़ा दी थी। सादा वर्दी में जवानों को बंगले के आस-पास तैनात किया गया था।
15 साल से हैं संबंध: अशोक मंगल ने प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा किया कि मुजफ्फर को वह करीब 15 सालों से जानता है। उसको अकाउंट्स का काम भी उसने ही सिखाया था। जांच में सामने आया कि मुजफ्फर मंगल के परिवार को महंगे तोहफे भी दिया करता था। पिछले दिनों ही उसने एक कीमती मोबाइल सेट गिफ्ट किया था। जांच में सामने आया कि आरोपी मुजफ्फर ने करीब 20 लाख रुपए मंगल परिवार के बैंक खातों में जमा करवाए थे। साक्ष्य मिलने के बाद आरपीएफ ने लता मंगल, अशोक मंगल व उनके बच्चों के बैंक खातों की जांच की जा रही है।
गंभीर है अपराध: ‘अशोक मंगल ने भारतीय मुद्रा जला कर गंभीर अपराध किया है। उसके खिलाफ आरपीयूपी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्रारंभिक तौर पर करीब 50 लाख रुपए जलाने का मामला सामने आया है। जांच की जा रही है।’ - डीबी कासार, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त आरपीएफ
प्रदेश का दूसरा बड़ा घोटाला: मुजफ्फर अली बोहरा ने महज तीन साल में रेलवे में करीब 4 करोड़ का गबन किया। इसे प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। इससे पहले एसीबी ने राजस्थान डेयरी फेडरेशन लिमिटेड के उप प्रबंधक सुरेंद्र कुमार शर्मा के कब्जे से करीब 5 करोड़ रु. नगद व 11 किलो सोना बरामद किया था। इस मामले की जांच जारी है। उधर, रेल अधिकारियों का कहना है कि बोहरा के गबन मामले की जांच जारी है। गबन राशि और बढ़ सकती है।
प्रॉपर्टी जब्त करके हो सकती है वसूली: राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता एके जैन के अनुसार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अशोक मंगल की प्रॉपर्टी जब्त कर सरकारी धन की वसूली की जा सकती है। मुद्रा जलाने के अपराध में आईपीसी की धारा 261, सबूत मिटाने के अपराध में धारा 201 सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 8 एवं आयकर अधिनियम के तहत कार्रवाई हो सकती है। अफसर की पत्नी के खिलाफ भी षड्यंत्र में शामिल होने पर आईपीसी की धारा 120 बी के तहत कार्रवाई हो सकती है।
भिवानी। खापड़वास की मोनिका के बाद मंगलवार को गांव छपार की मोनिका सांगवान ने घुड़चढ़ी निकाल लड़कियों को बराबरी का दर्जा देने देने का संदेश दिया। शाम पांच बजे मोनिका की घुड़चढ़ी को देखने पूरा गांव उत्साहित था। इस मौके पर छपार सहित विभिन्न गांवों और विभिन्न सामाजिक संगठनों से आए लोगों ने मोनिका को आशीर्वाद दिया।
मोनिका की मां कमलेश और पिता धर्मवीर, दादा जयचंद, दादी शांति देवी ने कहा कि यह उनके गांव में पहली बार हुआ है। इसे वे अच्छी शुरुआत मानते हैं। मोनिका ने कहा कि वे इस परंपरा को अब भिवानी और हिसार तक ले जाएंगी। सरपंच करतार ने कहा कि गांव में पहली बार बेटी के जन्म पर कुआं पूजन और अब निकासी निकाला जाना महिलाओं के समाज में बढ़ रहे रुतबे को दर्शाता है।
मोनिका 12 मई को इंजीनियर सतेंद्र के साथ शादी के बंधन मे बंधने जा रही हैं। वे कहती हैं कि वो अपने पति के साथ मिलकर अब भिवानी जिले के साथ-साथ हिसार जिले में भी बेटी बचाओ अभियान चलाएंगी और युवाओं को इस अभियान में जोड़ने का काम करंेगी। इस दौरान आपसी संस्था से मीना खंडेलवाल, जागो से कांता, महिला कल्याण जागृति समिति से कांता श्योराण एवं ज्ञानो देवी जन कल्याण समिति से कपूर सिंह एवं बाबा जमना गिरि युवा क्लब के सदस्य ओमवीर, सत्यवान, कर्मवीर, अनिल, किरोड़ी, दिनेश, बलवान, कपूर सिंह आदि मौजूद थे।
मोहाली. रामस्वर्थ के हाथ में बुधवार को चंडीगढ़ भास्कर था। उसकी नजरें उस खबर पर टिकी थी जिसमें उसके साथ मंगलवार को घटे वाकये की विस्तार से जानकारी थी। बुधवार को भास्कर संवाददाता उसके पास पहुंचा तो अखबार दिखाते हुए रामस्वर्थ ने कहा, किसी गरीब के साथ हुई ज्यादती को जिस प्रकार से आपने जनता के सामने पेश किया है, वह मैंने जिन्दगी में पहले कभी नहीं देखा है।’
गुरुद्वारा साचा धन के पास मंगलवार को बुजुर्ग ऑटोचालक रामस्वर्थ को एक मर्सिडीज सवार ने पीट दिया था। बुधवार को चालक के तेवर थाने जाकर नरम पड़ गए। उसने थाने में रामस्वर्थ से जहां अपनी हरकत के लिए पैर पकड़कर माफी मांगी, वहीं उसका इलाज कराने के लिए लिखित में दिया। रामस्वर्थ ने बताया कि वह मर्सिडीज चालक पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस को कह रहा था। इसके आधार पर पुलिस कार्रवाई भी कर रही थी लेकिन एकाएक मर्सिडीज चालक बलबीर उससे क्षमा याचना करने लगा जिस के बाद उन्होंने उसे माफ किया।
रामस्वर्थ ने बताया कि उसकी आंख में गंभीर चोट लगी है जिसका इलाज कराने के लिए मर्सिडीज चालक ने उसे जेपी अस्पताल में चेकअप कराने की भी सहमति दी है। मंगलवार को इस हादसे के बाद वह सवारियां नहीं ले जा सका, इससे हुए नुकसान की भरपाई भी बलबीर की तरफ से की गई। रामस्वर्थ बुधवार को इलाज कराने के बाद काम पर लौट आया था। रामस्वर्थ ने भास्कर का आभार व्यक्तकरते हुए कहा कि भास्कर ही इस प्रकार के मसले को प्रमुखता से उठा सकता है। उन्होंने भास्कर के सहयोगी की सराहना की।
अजमेर. सिविल सेवा में 659 वीं रैंक हासिल करने वाले मदन मोहन, मीना की पत्नी चेतना और भाई देवप्रकाश भी सिविल सेवा में चयनित हुए हैं।
मूलत: दौसा के बीरा सना गांव के रहने वाले मोहन बताते हैं, परिवार में पढ़ाई का माहौल है। मोहन बताते हैं, तीन साल पहले शादी होने के बावजूद उन्होंने संतान इसलिए नहीं चाही कि पति-पत्नी दोनों सिविल सेवा में जाएं। मेहनत रंग लाई और सपना पूरा हो गया।
मोहन ने बताया कि बड़े भाई देवप्रकाश राजस्व सेवा में हैं और वे लगातार हमें मेहनत के लिए प्रेरित करते रहे। मदन फिलहाल समाज कल्याण विभाग में छात्रावास अधीक्षक हैं।
जोधपुर. पाली जिले में रास बाबरा गांव निवासी अजय सिंह और जोधपुर में भदवासिया क्षेत्र निवासी नीलम को हंसी-खुशी के माहौल में अग्नि के सात फेरे लेकर जन्म-जन्मांतर के बंधन में बंधना था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
दोनों हमसफर तो बने, लेकिन न शहनाई की गूंज थी और न बैंड-बाजा-बारात का धूम-धड़ाका। कुछ था तो बस दोनों के दिलों की धड़कन का तराना, जिसने दोनों को जीवन के सुर साथ गुनगुनाने के वादे में बांध रखा था। इसी वादे के चलते दोनों ने एक-दूजे को हॉस्पिटल में ही वरमाला पहनाई और हमसफर बन गए। बारात लेकर जोधपुर आ रहा दूल्हा अजय बुधवार शाम करीब साढ़े सात बजे भावी-कापरड़ा के बीच सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। इस हादसे में नौ लोग काल का ग्रास बन गए थे।
खुशियां मातम में बदल गईं। दुल्हन नीलम का भी रो-रो कर बुरा हाल हो गया। नीलम को जब आश्वस्त किया गया कि अजय सुरक्षित है और खतरे से बाहर है, तब उसे थोड़ा संतोष हुआ। फिर भी उससे रहा नहीं गया और गुरुवार को अपने परिजनों के साथ मथुरादास माथुर हॉस्पिटल पहुंची। वहां कुछ लोगों ने हॉस्पिटल में ही शादी का सुझाव दिया, जिसे दोनों पक्षों ने मान लिया। इस पर वरमाला मंगवाई गई और सर्जिकल वार्ड में, जहां अजय भर्ती है, अजय और नीलम ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई।
http://images.bhaskar.com/web2images/www.bhaskar.com/2011/05/13/images/marriage11_f.jpg
सीएम ने की जोधपुर की बेटी की सराहना: जोधपुर की बेटी नीलम ने इतना कुछ होते हुए भी साहस भरा कदम उठाया और अजय को हमसफर बना लिया। उसके इस कदम की हॉस्पिटल में मौजूद लोगों ने तो सराहना की ही, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उसे फोन पर बधाई दी। सीएम ने कहा कि समाज के लिए यह एक अनुकरणीय उदाहरण है। खास तौर से नीलम ने अनूठी मिसाल पेश की है।
बाजनां (करौली). प्रशासन भले ही बाल विवाह पर लगाम लगाने के लाख दावे करता हो, लेकिन क्षेत्र में बड़ी संख्या में बाल विवाह हुए हैं। हिंडौन के गांव तिघरिया में गुरुवार को महिलाएं 8 साल की दुल्हन और १३ साल के दूल्हे को लेकर शीतला पूजन करने पहुंची। इन बच्चों की शादी 11 मई को हुई थी। महिलाएं दुल्हन को पूजा के लिए गोद में लेकर पहुंची। इस दृश्य ने प्रशासन के दावों की पोल खोल दी।
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उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक भट्ठा मालिक ने कथित तौर पर मजदूरी की मांग करने पर एक दलित मजदूर की हत्या करके उसकी लाश को पेड़ पर टांग दिया।
राज्य पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि मीरा देवी नाम की एक दलित महिला ने बलिया जिले के नगरा पुलिस थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि भट्ठा मालिक रामबदन सिंह ने अपने तीन और सहयोगियों के साथ मिलकर उसके पति राजामोहन की जान ले ली और लाश को पेड़ पर टांग दिया।
मीरा देवी ने आरोप लगाया है कि उसके पति की हत्या इसलिए की गयी क्योंकि वह मजदूरी मांग रहा था।
प्रवक्ता ने बताया है कि भट्ठा मालिक रामबदन को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिये दबिश दी जा रही है।
आईपीएल व आईसीएल में पैसा कमाकर सेवाकर न जमा करवाने वाले खिलाड़ियों को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के पंजाब रीजन की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। विभाग पंजाब रीजन के लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, फगवाड़ा इत्यादि जिलों के खिलाड़ियों के इंडियन प्रीमियर लीग और इंडियन क्रिकेट लीग में हिस्सा लेने पर अर्जित होने वाली राशि के तमाम आंकड़े जुटाने में लगा है।
विभाग ने जुटाए आंकड़ों के आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। पंजाब रीजन से मुंबई इंडियन से आईपीएल मैच खेल रहे क्रिकेटर भज्जी सहित अमृतसर मूल के शरणदीप सिंह व टी.पी सिंह को 1.25 करोड़ रुपये से ज्यादा के देय कर संबंधी नोटिस भेजे हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक हरभजन सिंह को 1.15 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा गया है।
वहीं, विभाग लुधियाना मूल के करन गोयल को आईपीएल मैचों से प्राप्त हो रही राशि का पता लगा रहा है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो विभाग सेवाकर क्षेत्र से जुड़ी कई कंपनियों, संस्थानों पर शिकंजा कस रहा है। जिसमें से नगर निगम, सुविधा केंद्रों, प्रमुख विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। विभाग ने सेवाकर से 636.45 लाख की रिकवरी की है, जबकि 1331.29 करोड़ रुपये की ड्यूटी का पता लगाया है।
उत्पाद शुल्क में 25 फीसदी की ग्रोथ
विभाग ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क व सेवाकर में पंजाब रीजन से मिलने वाले राजस्व में भारी वृद्धि की है। विभाग को पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान सेवाकर से करीब 183 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने में कामयाबी मिली है। विभाग ने पिछले वित्त वर्ष में उत्पाद शुल्क से 242.46 करोड़ का राजस्व जुटाया है। जिसमें करीब 25 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है। गौरतलब है कि प्रदेश के प्रमुख उद्योग उत्पाद शुल्क के दायरे में आ चुके हैं। जिसमें से गारमेंट उद्योग, साइकिल, सिलाई मशीन, खेल इत्यादि उद्योग शामिल हैं।
Last date of Admission (before conversion of OBC seats) - Wednesday, 13thJuly, 2011
Notification for vacant OBC Seats by the Colleges- Friday, 15th July, 2011
Last date of Admission of converted seats - Saturday, 23 rd, July 2011
पिछले साल की OBC सीटों की महासेल अच्छी रही थी। 5400 ओबीसी सीटें जनरल कटेगरी को ट्रांसफर की गई थीँ। इस साल कई स्तरों पर विरोध शुरू हो गया है। मौसम खराब है। लेकिन यूनिवर्सिटी को भरोसा है कि सीटों की चोरी ठीकठाक तरीके से संपन्न हो जाएगी।
http://www.du.ac.in/fileadmin/DU/students/Pdf/admissions/2011/UG/Admisssion-schedule_2052011.pdf
सूरत। दौलत के लिए कोई व्यक्ति कितना गिर सकता है, शायद इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल हो गया है। सूरत की यह चौंकाने वाली घटना इसका जीता-जागता उदाहरण है, जहां एक कलियुगी बेटा संपत्ति के लालच में अपनी ही मां के दामन को तार-तार करने में भी नहीं हिचका।
नवसारी बाजार में रहने वाले प्रवीणचंद राणा की मृत्यु के बाद उनकी तमाम जायदाद पत्नी चंचलबेन (56) के नाम पर हो गई। इसके बाद से ही उनके बेटे अल्पेश को यह डर सताने लगा कि कहीं इस जायदाद में मां दो बहनों को भी हिस्सा न दे दे। इससे अल्पेश ने मां पर जुल्म ढाने शुरू कर दिए। कई बार उसने मां से मारपीट भी की। इससे भी जब उसका जी नहीं भरा तो उसने मां को खाना देना बंद करवा दिया। इसके अलावा उसने मां पर काला जादू करने जैसा आरोप भी लगाया है।
लेकिन बात यहीं पर खत्म नहीं होती क्योंकि अब बेटा अपनी सारी हदें पार करने पर उतारू हो चुका है। और अब तो उसने मां के चरित्र को दागदार बताते हुए पैम्प्लेट्स छपवाकर लोगों के बीच पहुंचा दिए हैं।
हैरत की बात यह है कि बेटे ने जिस व्यक्ति के साथ मां के अवैध संबंध होने की बात कही है। उसी व्यक्ति से मां चंचलबेन पिछले 35 वर्षों से कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं। चंचलबेन के परिचितों और बेटियों ने अल्पेश की इस घृणास्पद करतूत पर गहरा दुख जताया है कि क्या दौलत के लालच में कोई बेटा इतना भी गिर सकता है।
बेटे के जुल्म से तंग आकर आखिरकार चंचलबेन को अब पुलिस की शरण में जाना पड़ा है। पिछले काफी समय से बेटे के जुल्म सह रही मां का धैर्य अब टूट गया है। मां का कहना है कि जिस बेटे को उन्होंने अपनी कोख से जन्म दिया, वही उनके चरित्र पर अब कीचड़ उछाल रहा है जो उसके लिए असहनीय दर्द है।
जोधपुर. बुधवार को हुई सब इंस्पेक्टर परीक्षा में दो परीक्षार्थियों को नकल करते पकड़ा गया। इनमें से एक ब्लूटूथ के जरिए नकल कर रहा था, जबकि दूसरे के पास चालू हालत में मोबाइल मौजूद था। दोनों परीक्षार्थियों के मोबाइल जब्त कर मामला दर्ज कराया गया है। आरपीएससी की ओर से बुधवार को सब इंस्पेक्टर परीक्षा-2010 शहर के 37 केंद्रों पर आयोजित की गई।
परीक्षा के दौरान सरदारपुरा गल्र्स स्कूल में राजेश सारण को ब्लू टूथ के माध्यम से नकल करते रंगे हाथों पकड़ लिया। राजेश ने अपने चश्मे के फ्रेम में ब्लूटूथ लगा रखा था। रातानाड़ा स्थित अपेक्स स्कूल परीक्षा केन्द्र पर तलाशी के दौरान एक परीक्षार्थी मुकेश के पास प्रतिबंध के बावजूद परीक्षा कक्ष में मोबाइल फोन चालू हालत में मिला है। इस परीक्षार्थी के रोल नंबर 252614 हैं। परीक्षा को ऑर्डिनेटर कल्पना अग्रवाल ने कहा कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल संभवत: नकल करने के लिए प्रयोग किया जा रहा था।
बोकारो. जिले के बेरमो थाना क्षेत्र की ढोरी बस्ती के गणेश मंदिर में पिछले दिनों हुई एक शादी अभी तक चर्चा में है। यहां बीते रविवार को एक बेमेल शादी हुई। लड़की जहां 15 वर्ष की थी वहीँ उसके पति कि उम्र 55 थी।
यह कोई प्रेम विवाह नहीं था। मज़बूरी की शादी थी। लड़की बेहद गरीब परिवार से है। उसकी मां काफी पहले की चल बसी। फिर उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली। इसके बाद उसके पिता ने पैसों के लालच में अपनी बेटी को बेच डाला।
जिले के शास्त्री नगर निवासी 55 वर्षीय रमेश गिरि ने उसे खरीद लिया। रमेश गिरि की भी पहली पत्नी मर चुकी है। रमेश बाल-बच्चे और नाती-पोते वाले हैं। वह खाड़ी देश में रहते हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि शादी के लिए जब दोनों पक्ष राजी हैं तो क्या किया जा सकता है।
ndhebar
26-05-2011, 07:58 PM
वहीं, पुलिस का कहना है कि शादी के लिए जब दोनों पक्ष राजी हैं तो क्या किया जा सकता है।
पर अगर लड़की की आयु मात्र १५ वर्ष है
फिर तो वो नाबालिक हुई और हमारे यहाँ कानून में लड़कियों के लिए शादी की उम्र सीमा १८ वर्ष है
ये शादी तो गैरकानूनी हुई
पुलिस चाहती तो बहुत कुछ कर सकती है, पर वो तो अलग चढ़ावा पाकर बैठी हुई होगी
पर अगर लड़की की आयु मात्र १५ वर्ष है
फिर तो वो नाबालिक हुई और हमारे यहाँ कानून में लड़कियों के लिए शादी की उम्र सीमा १८ वर्ष है
ये शादी तो गैरकानूनी हुई
पुलिस चाहती तो बहुत कुछ कर सकती है, पर वो तो अलग चढ़ावा पाकर बैठी हुई होगी
सही कहा ............................................
The ROYAL "JAAT''
26-05-2011, 09:40 PM
बहुत बढ़िया सूत्र है और जानकारियां तो कमाल की है मनोरंजक ,ज्ञानवर्धक सूत्र है कृपया इसको जारी रखें ..धन्यवाद मित्र
बहुत बढ़िया सूत्र है और जानकारियां तो कमाल की है मनोरंजक ,ज्ञानवर्धक सूत्र है कृपया इसको जारी रखें ..धन्यवाद मित्र
बस आपका सहयोग मिलता रहे
पेट्रोल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के बाद अब सरकार आम लोगों को एक और तगड़ा झटका देने की तैयारी कर रही है। दरअसल सुत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि सरकार अगले महीने डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल के दाम में भी बढोतरी का ऐलान कर सकती है।
डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल की कीमतों में बढोतरी के लिए वित्तमंभी प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समुह की अगले महीने 9 तारीख को बैठक होने वाली है। इस बैठक में कीमतें बढ़ाने को लेकर फैसला किया जाना है।
खबर है कि सरकार की ओर से डीजल के दाम में चार रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की जा सकती है। और साथ ही घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दाम में भी कम से कम 20 से 25 रुपये की वृद्धि की जा सकती है।
बताया जा रहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को डीजल, घरेलू रसोई गैस और राशन के मिट्टी तेल की बिक्री पर दैनिक 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं चल सकती है। सूत्रों के अनुसार तेल कंपनियों को डीजल के मौजूदा खुदरा बिक्री मूल्य पर 16.49 रुपये लीटर और मिट्टी तेल पर 29.69 रुपये लीटर का नुकसान हो रहा है।
हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि अभी भी कांग्रेस पार्टी के कुछ बड़े नेता कीमतें बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। उनका मानना है कि पहले से ही सरकार महंगाई के मुद्दे पर घिरी हुई। ऐसे में महंगे डीजल के चलते महंगाई और बढ़ेगी जिससे विपक्ष को एक बार फिर से सरकार को घेरने का मुद्दा मिल जाएगा।
ndhebar
29-05-2011, 01:34 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10910&stc=1&d=1306658036
prashant
29-05-2011, 05:44 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10910&stc=1&d=1306658036
यदि रतन टाटा ने यह चित्र देख होता तो उन्हें ७५००० में नेनो बनाने का विचार आता/:giggle:
लेकिन उस समय उन्होंने पति पत्नी और दो बच्चो का परिवार एक स्कूटर का जाते हुए देख था/
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10910&stc=1&d=1306658036
हमारा बजाज ........ :lol::lol::lol::lol:
अखिल भारतीय युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एम एस बिट्टा ने कहा कि आतंकी कसाब व अफजल गुरू को फांस की सजा हर हाल में मिलनी चाहिए। ऐसे मामले में सजा देर से देने में आतंकवादियों के हौसले बढते हैं। उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर सभी दलों से एकजुट होने की अपील की।
उन्होंने कहा कि पर्याप्त साक्ष्य मौजूद रहे है फिर भी सजा में देरी ये ठीक नहीं है। श्री बिट्टा ने कहा ऐसे मामलों में राजनीति नहीं होनी चाहिये 1 सभी को जाति. धर्म व मजहब से ऊपर उठना होगा। वे 28 मई की रात जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर एक महाविद्यालय के उदघाटन के पूर्व पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
आतंकवाद विरोधी फ्रंट के अध्यक्ष श्री बिट्टा ने कहा कि ये खेदजनक है कि इतने गंभीर मामले में फांसी देने में देर हो रही है1 यह देशहित में उचित नहीं है। आतंकवादियों को फांसी देने के मामले में सभी दलों को एकजुट होकर जाति. धर्म. मजहब से ऊपर उठना होगा क्योंकि आतंकवादियों और अपराधियों की कोई जाति नहीं होती ये राष्ट्र विरोधी ताकते हैं जो देश का सर्वनाश करना चाहती हैं।उन्होंने कहा कि मै इसको राजनीतिक दल से परे रखता हूं। ये मेरी निजी विचारधारा है1 मै इस पक्ष का हूं।
उन्होंने आतकवाद पूरी दुनिया की समस्या बनती जा रही है।श्री बिट्टा ने ऐसे मामलों में कोर्ट से फैसले में देरी आने पर चिंता जताई और कहा कि मेरे ऊपर हुए हमले में अभी कुछ दिन पूर्व कोर्ट द्वारा आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई। इस दौरान कुल 18 वर्ष लग गए तो आम आदमी की क्या स्थिति होगी1 उन्होंने कहा कि मैने आतंकवाद के खिलाफ हमेशा लडाई लडी है और जब तक सांस रहेगा आतंकवाद के खिलाफ मेरी जंग जारी रहेगी।
श्री बिट्टा ने कहा भारत माता की एकता और अखण्डता को बनाए रखने के लिए देश क हिन्दु. मुस्लिम. सिक्ख. इसाई सभी को मिलजुलकर रहना होगा। उन्होंने युवा वर्ग का आवाहन किया कि युवा राजनीति में आगे आये तभी देश में विकास होगा और कार्य के प्रति निष्ठा बढेगी। उन्होंने कहा आतंकी मामलों में निर्णय खुद लेना होगा इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है।
http://images.bhaskar.com/web2images/www.bhaskar.com/2011/05/29/images/kasab_256_06_f.jpg
इस मौक पर आजमगढ के दो शहीदों के पिता को सम्मानित किया गया1 कार्यक्रम में प्रसिद्ध भोजपुरी गायक व अभिनेता मनोज तिवारी तथा महात्मागांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति विभूति नारायण राय ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
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Mera Desh Mahan
Where else other than in India Huh??
Dear all,
1. We live in a nation where Rice is Rs.40/- per kg and Sim Card is free.
2. Pizza reaches home faster than Ambulance and Police.
3. Car loan @ 5% but education loan @ 12%.
4. Students with 45% get in elite institutions thru quota system and
those with 90% get out because of merit.
5. Where a millionaire can buy a cricket team instead of donating the
money to any charity. 2 IPL teams are auctioned at 3300 crores and we
are still a poor country where people starve for 2 square meals per
day.
6. Where the footwear, we wear, are sold in AC showrooms, but
vegetables, that we eat, are sold on the footpath.
7. Where everybody wants to be famous but nobody wants to follow the
path to be famous.
8. Assembly complex buildings are getting ready within one year while
public transport bridges alone take several years to be completed.
9. Where we make lemon juices with artificial flavors and dish wash
liquids with real lemon.
10. You can't be a peon in any organization without 8th pass but you
can be Chief Minister / Prime-minister / President of our country
without any education, even with a proven criminal track-record. .
HOW TRUE
Think about it!
INCREDIBLE INDIA!
Film : ''LOOT LO INDIA''
CAST
Hero : Manmohan Singh
Heroine : Sonia Gandhi
Supporting Actor : A.Raja, Suresh Kalmadi
...
Script by : Congress
Charcter role : Kapil Sibal
Friendly Appearence : RAHUL GANDHI
Comedy : Kapil Sibal
Characterless Actor : N D Tiwari, Sharad Pawar & Ajit Pawar
Dancer : Sheila Dixit
Action : Uma Bharati,
Music by : Nira Radia
Guest Appearance : AJMAL KASAB & AFZAL GURU
Banking partner : Mamata Banrji, Ratan Tata, Ambani - Brothers, Hasan Ali
Choreographer : Hansraj Bharadwaj
Director: Reliance Group
Dog appearance; Diggi Dog
Financed By :"POOR PEOPLE OF INDIA"
Villian : Ram dev and Anna Hazare
पुट्टापर्थी. आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के पुट्टापर्थी स्थित प्रशांति निलयम आश्रम में आध्यात्मिक गुरु सत्य साईं बाबा के निजी कक्ष से बड़ा खजाना मिला है। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के मुताबिक कमरे से 11.56 करोड़ रुपये नकद, 98 किलो सोना और 307 किलो चांदी के साथ भारी मात्रा में हीरे जवाहरात भी मिले हैं। इनकी कीमत 38 करोड़ रुपये बताई गई है।
सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट ने सत्*य साईं के निधन के करीब दो महीने बाद, गुरुवार को उनके निजी कक्ष यजुर मंदिर का द्वार खोला था। ट्रस्ट के सदस्यों ने कुछ वरिष्ठ न्यायिक और पुलिस अधिकारियों के सामने गुरुवार की सुबह सत्*य साईं के आवास का ताला खोला।
सूत्रों के मुताबिक सत्*य साईं के कमरे से अथाह दौलत मिली है। सत्*य साईं के कमरे में 30 घंटे से भी ज्*यादा नोटों की गिनती चली। इस दौरान कमरे के बाहर कड़ी सुरक्षा रही। मीडियाकर्मियों को भी वहां मौजूद रहने की इजाजत नहीं थी।
सत्*य साईं के कमरे से मिली नकदी को जीपों में भरकर पुट्टापर्थी के स्*टेट बैंक ले जाया गया। सोना-चांदी एक्*साइज विभाग ने अपने पास जमा रखा है। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि बाबा के कमरे में इतनी भारी मात्रा में नकदी क्*यों रखी गई थी?
अटकलें लगाई जा रही थीं कि यजुर मंदिर में दुनियाभर के भक्तों से दान में मिला सोना, आभूषण और नकदी जमा है। भक्तों के एक वर्ग का आरोप है कि जब सत्य साईं बाबा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे तब प्रशांति निलयम से सभी बहुमूल्य वस्तुएं निकाल ली गई थीं। वैसे ट्रस्ट ने इस बात से इंकार किया है। कुछ भक्तों की मांग थी कि उनकी मौजूदगी में यजुर मंदिर के ताले खोले जाएं।
जिस वक्*त सत्य साईं बाबा का कमरा खोला गया उस वक्*त उनके भतीजे व ट्रस्ट के सदस्य आरजे रत्नाकर, एसवी गिरी, वी श्रीनिवासन और ट्रस्ट सचिव के चक्रवर्ती भी मौजूद थे। सत्य साईं बाबा की देखभाल करने वाले सत्यजीत को ही यजुर मंदिर के बायोमीट्रिक ताले को खोलने के संबंध में जानकारी थी। वह भी ट्रस्ट के सदस्यों व अधिकारियों के साथ मौजूद थे। सत्य साईं बाबा के जीवनकाल में सत्यजीत अकेले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हें उनके निजी कक्ष में जाने की इजाजत थी।
सत्*य साईं बाबा को बीमारी के बाद इलाज के लिए 28 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 24 अप्रैल को उनकी मृत्यु हो गई थी। माना जा रहा है कि जब से वे अस्पताल में भर्ती किए गए थे, किसी ने भी उनके घर में प्रवेश नहीं किया।
आपकी राय
सत्*य साईं के कमरे से इतनी संपत्ति, खास कर 11.56 करोड़ की नकदी मिलने का क्*या मतलब निकाला जा सकता है?
ndhebar
18-06-2011, 11:37 AM
जब तक जिन्दा था भगवान् माना गया
अब मिटटी पर गन्दगी डालने से क्या फायदा
मंदिरों का बजेट भारत के बजेट से ६ १/२ पट ज्यादा है,
१) भारत का अभी इस साल का बजेट १२,५७,७२८ करोड़ का है, उनमे से ४० - ५० % हिस्सा का उद्योगपति को कर के रूप में दान किया जाता है मतलब भारत के विकास के लिए ६ - ७ लाख करोड़ का ही असली बजेट है, और विश्व बैंक से हर साल लाखो करोडो रुपये कर्जा लिया जाता है ओ सब रुपये उद्योगपति को दिया जाता है विकास के नाम पर देश को और विश्व बैंक को चुना लगाया जाता है इसका सही अर्थ है मंदिरों का बजेट भारत के बजेट से १२ पट ज्यादा है, और इन्ही कारणों से भारत में ९० करोड़ लोग भुकमरी से मर रहे है और इनके लिए सिर्फ ब्राहमण ही जिम्मेदार है क्योंकि देश के हर महत्वपूर्ण जगह पर ब्राहमण८० - ९० %
ही बैठा है, नहीं तो जाके दुबारा सब जगह तलाश करो,
२) भारत के सभी मंदिरों पर ब्राहमणों का कब्ज़ा है और मंदिरों का हर साल का बजेट ८० लाख करोड़ है
अ) तिरुपति बालाजी का उत्पन्न ४७५ करोड़, मुंबई के सिद्धिविनायक का उत्पन्न १०० करोड़, शेगाव के गजानन मंदिर का उत्पन्न ७५ करोड़ है
शिर्डी का उत्पन्न मेरे पास आकडा नहीं
अभी मरा हुवा सत्य साईं बाबा के पास ९८ किलो सोने, ११.५६ कोटी नकद आणि ३०७ किलो चांदी मिल गई है, २० आदमी को इस भामटे (सत्य साईं बाबा) की सम्पति गिनने को ३६ तास लग गया, अभी अभी न्यूज़ मिली की प्रशांति निलयम से दो सूटकेस से ३५ लाख रुपये मिले जो बेंगलोर को जा रहे थे, सत्य साईं बाबा के खजाने को सेंध लग गई. ऐसे लाखो खजाने भारत में छिपे हुए है. ऐसे लाखो भामटे, चोर इस देश में राज कर रहे है, उनको नंगा करना है, ये सब हिन्दू धर्म के ठेकेदार है और ओ सब ब्राहमणों के इशारे पर राज कर रहे है इसका मतलब असली राजा ब्राहमण ही है, ये सब ठेकेदार अपनी अपनी दुकान लगाकर इस देश को लूटने के लिए और अपने देश को बेचने के लिए तैयार हो चुके है
ऐसे लाखो मंदिर सिर्फ महाराष्ट्र में है, तो देश में करोडो मंदिर है, इस मंदिर में ५२ % ओबीसी को घंटा बजाने के लिए भी नहीं रखा. सभी मंदिरों पर ब्राहमणों का कब्ज़ा है इतना ही नहीं बौद्ध गया पर भी ब्राहमणों का कब्ज़ा है
मंदिर का उत्पन्न किसीके पास है, जा के आन्ना हजारे और बाबा रामदेव को पूछो क्योंकि यही लोग काले धन के बारे में चिल्ला रहे है,
काले धन के बारे में बाद में सोचेंगे क्योंकि काला धन भारत के बहार है, लेकिन जो भारत में जो धन है, ओ कभी भी कायदा कानून करके एक साथ ले सकते हो और ओ है मंदिरों की संपत्ति मतलब ब्राहमणों के कब्जे रही भगवान के नाम पर रही जमीन और समाप्ति इसको हम लोगो को जागृत करके ले सकते है इसके लिए हमें एक अलग अभियान चलाके इस देश को अभी भी महासत्ता बना सकते है. एकसाथ पंचवार्षिक योजना करके पांच साल के अन्दर ही यही मंदिरों के संपत्ति से हम हमारी गरीबी दूर कर सकते है,
इसलिये हर जगह से ब्राहमण हटाव यह मुह्मेंट (चलवल) चलाना होगा. लेकिन इससे भी ये संकट नहीं जायेगा
इसके लिए सिर्फ जन आन्दोलन पुरे देश से उठाव और ये काम सिर्फ भारत मुक्ति मोर्चा ही कर सकता है दूसरा कोई भी नहीं कर सकता, क्योंकि बाकी के सब ब्राहमणों के आदमी है और कुछ उनके इशारे पर काम करने वाले है. जो आधार देता है उसके ही इशारे पर काम करना मज़बूरी होती है, भारत मुक्ति मोर्चा यहाँ के मूलनिवासी का प्रतिनिधित्व करता है, दूसरा कोई भी नहीं सिर्फ भारत मुक्ति मोर्चा और उसका जन आन्दोलन जन आन्दोलन पुरे देश से उठाव करोडो लोगोका जन आन्दोलन
ndhebar
23-06-2011, 10:12 PM
मंदिर का उत्पन्न किसीके पास है, जा के आन्ना हजारे और बाबा रामदेव को पूछो क्योंकि यही लोग काले धन के बारे में चिल्ला रहे है,
काले धन के बारे में बाद में सोचेंगे क्योंकि काला धन भारत के बहार है, लेकिन जो भारत में जो धन है, ओ कभी भी कायदा कानून करके एक साथ ले सकते हो और ओ है मंदिरों की संपत्ति मतलब ब्राहमणों के कब्जे रही भगवान के नाम पर रही जमीन और समाप्ति इसको हम लोगो को जागृत करके ले सकते है इसके लिए हमें एक अलग अभियान चलाके इस देश को अभी भी महासत्ता बना सकते है. एकसाथ पंचवार्षिक योजना करके पांच साल के अन्दर ही यही मंदिरों के संपत्ति से हम हमारी गरीबी दूर कर सकते है,
आपकी प्रस्तुति अति साधारण है
परन्तु बात आपने असाधारण कही है
arvind
24-06-2011, 11:56 AM
मंदिरों का बजेट भारत के बजेट से ६ १/२ पट ज्यादा है,.......
......... रत मुक्ति मोर्चा और उसका जन आन्दोलन जन आन्दोलन पुरे देश से उठाव करोडो लोगोका जन आन्दोलन
अपने सोलह आने सच कहा है बंधु।
आज भारत में धर्म और भगवान के नाम पर बहुत सारे कुकर्म होते है।
arvind
25-06-2011, 11:28 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=11241&stc=1&d=1308982695
यह तस्वीर 25/06/2011 के प्रभात खबर, रांची मे पहले पृष्ठ पर छपी है। इसके पीछे की कहानी कुछ इस प्रकार है -
रांची में केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के कार्यक्रम के दौरान होटल अशोका के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे दो बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप सिंह को NSUI के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष कुमार राजा, शाहनवाज़ और जॉय चक्रवर्ती ने सड़क पर पटक कर बुरी तरह से पीटा।
ये लोग देश के भविष्य है, भविष्य में यही लोग देश की वाट लगाने वाले है... तो अगले बार जब ये लोग किसी भी चुनाव के खड़े हो और जींस शर्ट उतार, खद्दर पहन कर आपसे वोट मांगने आए तो इनलोगों को भारी बहुमत से जरूर जिताईएगा। अरे भाई, इतने महान लोग है - तो हमलोगो का एक वोट पर इनका अधिकार तो बनता ही है। अगर आप इन्हे वोट नहीं देंगे, तो भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा, आपका वोट इन लोगो को पड़ चुका होगा।
Nitikesh
25-06-2011, 01:34 PM
ये सभी जब चुनाव पर खड़े होने तो इनके पास लात जूतों की जगह हाथो में नोट और दारू की बोतल होगी/
जिसे देखकर भोली भाली जनता :giggle: इनके पक्ष आ जायेगी/
Bhuwan
26-06-2011, 11:54 PM
ये सभी जब चुनाव पर खड़े होने तो इनके पास लात जूतों की जगह हाथो में नोट और दारू की बोतल होगी/
जिसे देखकर भोली भाली जनता :giggle: इनके पक्ष आ जायेगी/
मित्र, जनता इतनी भी भोली नहीं होती. दारू-चिकन और नोट वो सबसे खाती है, लेकिन वोट उसे देती है जिसे देना होता है. मतलब उसे जो उसे अपनी कम्युनिटी या जाती का उम्मेदवार लगता है. हाँ ये नेता उस समय पर कुछ ज्यादा ही सीधे, दयालु और हितैषी नजर आते हैं. गरीब के घर खाना खाने जैसे ड्रामे रचकर सबको बेवक़ूफ़ बनाने की कोशिश करते हैं.:beating:
bilkul sahi ...............................
सूरत। 'मेरे पति और उसकी प्रेमिका कविता के बीच पिछले 11 वर्षों से अवैध संबंध हैं। मुझे धोखे में रखकर 5 साल पहले उसने मुझसे शादी कर ली और घर मे नौकरानी बना कर रख लिया है।
कविता के लिए उसने कार खरीदी है। मेरा पति सिर्फ कविता के साथ घूमने-फिरने जाता है और मुझे घर से बाहर निकलने नहीं देता। मैं तलाक चाहती हूं तो वह इसके लिए भी तैयार नहीं है। मेरे घर पर ही वह कविता के साथ अश्लील फिल्में देखता है और घंटों बैडरूम में कविता के साथ ही रहता है। यह सबकुछ मेरे और मेरे बच्चे की आंखों के सामने होता है। अगर आपको यकीन नहीं होता ये हैं वे सारी अश्लील सीडियां और कंडोम...' ये संवाद हैं सूरत के पंचवटी अपार्टमेंट, दीनदयाल सोसायटी, दीपांजली रोड पर रहने वाली नीलमबेन के।
नीलमबेन अपने पति नवनीत की हरकतों से इतनी तंग आ चुकी हैं कि वह अब अपने बेटे के साथ बीच सड़क पर धरने पर बैठ गई हैं और वे चाहती हैं कि इस मामले में उनकी मदद की जाए। इसके साथ ही उनका कहना है कि पुलिस वाले भी नवनीत से मिले हुए हैं, इसलिए अब उनके पास ऐसा कोई भी नहीं, जो उनकी मदद कर सके।
कंडोम और अश्लील सीडी
नीलमबेन ने अश्लील फिल्मों की कई सीडियां और कंडोम के पैकेट बीच सड़क पर पटककर लोगों को बताया कि यह है उनके पति की अय्याशी का सुबूत, जो इनके घर में दिन-रात चलती रहती है। वे पति से अलग होना चाहती हैं लेकिन पति उन्हें छोडऩे भी तैयार नहीं। नीलमबेन कहती हैं कि नवनीत प्रतिमाह 20 हजार रुपए कमाता है लेकिन वह पूरी तनख्वाह अपनी प्रेमिका कविता पर ही खर्च करता है।
पुलिस भी मेरी बात नहीं सुनती कविताबेन का कहना है यह सब कर उन्हें भी बहुत बुरा लग रहा है, लेकिन अब ये सब उनकी बर्दाश्त से बाहर हो चुका है। वे कहती हैं कि मुझे अपनी नहीं, लेकिन बच्चे की भविष्य की चिंता है। उनका कहना है कि मैं एक-दो बार पुलिस थाने भी गई, लेकिन पुलिस भी नवनीत से मिली हुई है और वह मेरी शिकायत ही दर्ज नहीं करती।
जैसे जैसे england दौरा नजदीक आ रहा है
सारे senior खिलाडी फिट होते जा रहे है ,
क्योकि वह exposr ज्यादा है WI में वो बात कहा ,
IPL के सरे match खेलते ही unfiit होते खिलाडी
अब फिट होते नज़र आ रहे है
---- वाह रे पैसा (क्यों पैसा पैसा करता है क्यों पैसे पे तू मरता है )
शूद्र महर्षि शम्बूक की ह्त्या किसने की थी? एकलव्य का अंगूठा किसने काटा? विधटनकारी चार वर्ण किसने बनाये? मगध राज्य पर हमला के लिए सिकन्दर को किसने बुलाया था? भारतिय इतिहास का स्वर्णिम प्रुष्ठ लिखने वाले ब्रहद्रथ मौर्य की हत्या, बौध्धो का नरसंहार व विश्वविध्यालयो पुस्तकालयो को किसने ध्वस्त किया? हिटलर को भी बौना व फ़ीका बनाने वाली काले कानूनो की किताब मनुस्मुति का लेखक कौन था? ब्रह्मा सत्या जगत मिथ्या के मिथ्यावाद की आड में गुप्तकाल के स्वर्ण युग की विनाश लीला किसने की? प्रुथ्वी को इक्कीस बार क्षत्रिय विहीन किसने किया? सोमनाथ के मंदिर का झण्डा झुकाकर मोहम्मद बिन कासिम की विजय किसने सुनिश्चित की? सोमनाथ के मंदिर का जो फ़ाटक हाथियो से भी नही टूट्ता उसे मोहम्मद गजनी की गद्दारी के लिए किस गद्दार व लालची ने खोला? मोहम्मद गोरी को जयचन्द की चिठ्ठी ले जाने वाला कौन था? बंगाल का वह गद्दार राजा कौन था जो मोहम्मद बख्तियार के डर से महल के पीछे के दरवाजे भाग गया था? अकबर की भंडैती किसने की, अल्लोपनिषद किसने लिखवाया? तथा भारतिय बहू बेटियो के मीना बाजार किसने लगवाया? महाराजा रणजीत सिन्ह व स्वामी दयानंद सरस्वती को भोजन के साथ जहर किसने दिया? सतगुरु रैदास की वाणी को किसने जलाया तथा उनकी हत्या किसने की? छ्त्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक बगैर नहाये बाये पैर के अंगूठे से किसने किया? तथा उनकी व उनके पुत्र की हत्या किसने की? पेशवा बाजीराव कौन था,जिसके डर से सुन्दर महिलाये जहर खाकर आत्म हत्या कर लेती थी? स्वामी विवेकानंद को शूद्र कहकर विश्व्धर्म परिषद मे जाने का विरोध किसने किया था? महात्मा ज्योतराव फ़ूले की हत्या के लिए हत्यारे किसने भेजे थे? भारत का बटवारा किसने और क्यो करवाये थे? गांधी की हत्या किसने की? बाबा साहेब अम्बेडकर को किसकी साजिश से जहर दिया गया? इन्दिरा गांधी को अकाल तख्त उडाने व हजारो सिक्खो की हत्या करने के लिए किसने उकसाया था? इन्दिरा गांधी को किस पन्डे ने मन्दिर परिसर मे नही घुसने नही दिया था? वो जनरल कौन थे जो दवा कराने के बहाने भारत चीन युध्ध का मैदान छोडकर दिल्ली भाग आया था? बीस साल तक विभिन्न मन्त्रालयो के अति गोपनिय दस्तावेजो की मोटी रकम लेकर विदेशो को बेचने वाला कुमार नरायन अय्यर कौन था? मोसाद की मदद से राजीव गांधी की ह्त्या किसने कराई?......इन सभी सवालो का जवाब जानते हैं? तो कोमेन्ट दें! है जवाब? अन्ना को कहिए की पहले समाज मे से सामाजिक पाश्विकता का भ्रष्टाचार खतम करे बाद में आर्थिक भ्रष्टाचार खतम करने की मुहिम शूरु करे.....इसके बगैर दुसरी आजादी कहा?
केरल के तिरुवनंतपुरम में 16वीं सदी के एक मंदिर के दो भूमिगत तहखानों से अरबों रुपए के कीमती हीरे, सोना और चांदी बरामद हुई है.
माना जाता है कि श्री पद्मानाभास्वामी (विष्णु) मंदिर के चार में से दो तहखानों को पिछले 130 वर्षों से खोला नहीं गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सात सदस्यों की एक समिति को इनमें दाख़िल होने और वहाँ मौजूद चीज़ों का आकलन करने का आदेश दिया गया था.
अनाधिकारिक आकलन के मुताबिक पिछले चार दिन के निरीक्षण में पाई गई चीज़ों की कीमत 25 अरब रुपए हो सकती है. लेकिन इतिहासकारों का कहना है कि इन चीज़ों की असल कीमत लगा पाना बहुत ही मुश्किल है.
निरीक्षकों का कहना है कि पूरी सूची तैयार करने में एक हफ़्ता और लगेगा.
मैंने पुलिस प्रमुख को आदेश दिया है कि ये तथ्य सामने आने के बाद सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी जाए और स्थायी तौर पर सुरक्षाकर्मियों को वहाँ तैनात कर दिया जाए
केरल के मुख्यमंत्री ओमन चैंडी
मंदिर का आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है और राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चैंडी ने कहा है, "मैंने पुलिस प्रमुख को आदेश दिया है कि ये तथ्य सामने आने के बाद सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी जाए और स्थायी तौर पर सुरक्षाकर्मियों को वहाँ तैनात कर दिया जाए."
कोर्ट में चला मामला
इस मंदिर को 16वीं सदी में ट्रैवेनकूर के राजाओं ने बनवाया था और लोकगाथाओं में ज़िक्र है कि मंदिर की दीवारों और तहखानों में राजाओं ने ख़ासे हीरे- ज्वाहरात छिपा दिए थे.
इससे पहले एक स्थानीय वकील सुंदर राजन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी कि सरकार मंदिर पर नियंत्रण कायम करे क्योंकि जिन लोगों का मंदिर पर नियंत्रण है वे मंदिर की संपत्ति की सुरक्षा नहीं कर सकते क्योंकि मंदिर के पास कोई सुरक्षा बल नहीं है.
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मंदिर को अपने नियंत्रण में लेने को कहा था और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फ़ैसले को सही ठहराया था.
भारत की स्वतंत्रता के बाद ट्रैवेंकूर राजघराने के लोग के नेतृत्व में एक ट्रस्ट मंदिर का कामकाज देखती है.
इस राजघराने के वर्तमान उत्तराधिकारी उथ्थरादान थिरूनाल मारथंड वर्मा इस ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी हैं और उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी लेकिन वो ख़ारिज कर दी गई थी
तिरुअनंतपुरमके भगवान पद्मनाभ मंदिर में मिले खजाने से सभी ताज्जुब में हैं। जानकारों के मुताबिक खज़ाने की खोज करने वाले लोगों की नजर में यह खजाना अब तक मिले सभी खज़ानों में शायद सबसे ज्यादा कीमत का होगा। देश के अन्य बड़े और प्रसिद्ध मंदिरों की संपत्ति पर एक नजर—
शिरडी साईं बाबा मंदिर निवेश- 4 अरब 27 करोड़ गहने-जवाहरात : 32.24 करोड़ 2009-10 में आय : 1 अरब 65 करोड़ आय के स्रोत : किराया, बैंक जमाओं से ब्याज, निवेश और दान
माता वैष्णो देवी, जम्मू रोजाना की आय : तकरीबन 40 करोड़ सालाना आय : 500 करोड़
गुरुवयूर कृष्ण मंदिर, केरल घोषित संपत्ति : 125 करोड़ की एफडी सालाना आय : 2.5 करोड़ रुपए
सिद्धि विनायक मंदिर, मुंबई सालाना आय : 46 करोड़ रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट : 125 करोड़ रुपए
तिरुपति बालाजी फिक्स्ड डिपॉजिट : 1000 करोड़ से ज्यादा (विभिन्न बैंकों में)
सालाना आय : 600 करोड़ रुपए से ज्यादा
हुंडियों से आय- 75 लाख प्रतिदिन
खास मौकों पर प्रति दिन आय : 1.8 करोड़ रुपए तक
50 हजार श्रद्धालु हर दिन, खास मौकों पर 4.5 लाख तक
खास: 1750 के दशक में ईस्ट इंडिया कंपनी ने हर साल 25000 पाउंड मंदिर से कमाए।
बेल्लारी के रेड्डी बंधुओं ने हीरों से जड़ा 16 किलो का स्वर्ण मुकुट चढ़ाया था जिसकी कीमत तकरीबन 15 करोड़ थी।
hans raj jain
04-07-2011, 06:32 PM
सीकर. द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में शनिवार को यहां एसके स्कूल के मारू हॉल में एक छात्रा सुमित्रा (रोल नं. 876964) नकल करते पकड़ी गई। खास बात यह रही कि वह ब्लू टूथ से नकल कर रही थी। उसने मोबाइल कपड़ों में छिपा रखा था।
हैरानी की बात यह है, फर्स्ट पेपर में कोई भी वीक्षक उसे पकड़ नहीं पाया। ब्लू टूथ के ऊपर उसने कानों पर रुमाल बांध रखा था। सूचना पर पर्यवेक्षकों के छात्रा की तलाशी लेने पर राज खुल गया।
यहीं पर एक अन्य छात्र राकेश कुमार खींचड़ निवासी भीमसर (सालासर) (रोल नंबर 876927) के जूतों से भी मोबाइल और आंसर-की मिली है। शहर कोतवाल अश्विनी कुमार ने बताया कि छात्रा बार-बार नकल कराने वाले का नाम बदल रही है। इससे वह ट्रेस आउट नहीं हो पा रहा है। परीक्षा समन्वयक बासुदेव शर्मा ने बताया कि पकड़े गए छात्रा-छात्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।bharat ke neta (leader)ne bharat ka yai haal banaya, kyonki leader student ko bhrashatachar ka path padha rahe hai,desh ka bhagwan hi malik hai.
hans raj jain
04-07-2011, 06:37 PM
कोई परधान कहता है, कोई पीएम समझता है
असल में क्या है ये तो बस उसी का मन समझता है
वो उस के साथ कैसी है, वो उस के साथ कैसा है
ये तो सोनिया समझती है या मनमोहन समझता है
thanks dippu ji appne aiyna dikhaya
The ROYAL "JAAT''
04-07-2011, 11:10 PM
शूद्र महर्षि शम्बूक की ह्त्या किसने की थी? एकलव्य का अंगूठा किसने काटा? विधटनकारी चार वर्ण किसने बनाये? मगध राज्य पर हमला के लिए सिकन्दर को किसने बुलाया था? भारतिय इतिहास का स्वर्णिम प्रुष्ठ लिखने वाले ब्रहद्रथ मौर्य की हत्या, बौध्धो का नरसंहार व विश्वविध्यालयो पुस्तकालयो को किसने ध्वस्त किया? हिटलर को भी बौना व फ़ीका बनाने वाली काले कानूनो की किताब मनुस्मुति का लेखक कौन था? ब्रह्मा सत्या जगत मिथ्या के मिथ्यावाद की आड में गुप्तकाल के स्वर्ण युग की विनाश लीला किसने की? प्रुथ्वी को इक्कीस बार क्षत्रिय विहीन किसने किया? सोमनाथ के मंदिर का झण्डा झुकाकर मोहम्मद बिन कासिम की विजय किसने सुनिश्चित की? सोमनाथ के मंदिर का जो फ़ाटक हाथियो से भी नही टूट्ता उसे मोहम्मद गजनी की गद्दारी के लिए किस गद्दार व लालची ने खोला? मोहम्मद गोरी को जयचन्द की चिठ्ठी ले जाने वाला कौन था? बंगाल का वह गद्दार राजा कौन था जो मोहम्मद बख्तियार के डर से महल के पीछे के दरवाजे भाग गया था? अकबर की भंडैती किसने की, अल्लोपनिषद किसने लिखवाया? तथा भारतिय बहू बेटियो के मीना बाजार किसने लगवाया? महाराजा रणजीत सिन्ह व स्वामी दयानंद सरस्वती को भोजन के साथ जहर किसने दिया? सतगुरु रैदास की वाणी को किसने जलाया तथा उनकी हत्या किसने की? छ्त्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक बगैर नहाये बाये पैर के अंगूठे से किसने किया? तथा उनकी व उनके पुत्र की हत्या किसने की? पेशवा बाजीराव कौन था,जिसके डर से सुन्दर महिलाये जहर खाकर आत्म हत्या कर लेती थी? स्वामी विवेकानंद को शूद्र कहकर विश्व्धर्म परिषद मे जाने का विरोध किसने किया था? महात्मा ज्योतराव फ़ूले की हत्या के लिए हत्यारे किसने भेजे थे? भारत का बटवारा किसने और क्यो करवाये थे? गांधी की हत्या किसने की? बाबा साहेब अम्बेडकर को किसकी साजिश से जहर दिया गया? इन्दिरा गांधी को अकाल तख्त उडाने व हजारो सिक्खो की हत्या करने के लिए किसने उकसाया था? इन्दिरा गांधी को किस पन्डे ने मन्दिर परिसर मे नही घुसने नही दिया था? वो जनरल कौन थे जो दवा कराने के बहाने भारत चीन युध्ध का मैदान छोडकर दिल्ली भाग आया था? बीस साल तक विभिन्न मन्त्रालयो के अति गोपनिय दस्तावेजो की मोटी रकम लेकर विदेशो को बेचने वाला कुमार नरायन अय्यर कौन था? मोसाद की मदद से राजीव गांधी की ह्त्या किसने कराई?......इन सभी सवालो का जवाब जानते हैं? तो कोमेन्ट दें! है जवाब? अन्ना को कहिए की पहले समाज मे से सामाजिक पाश्विकता का भ्रष्टाचार खतम करे बाद में आर्थिक भ्रष्टाचार खतम करने की मुहिम शूरु करे.....इसके बगैर दुसरी आजादी कहा?
बहुत ही बड़े सवाल किये हैं भाई में नही मानता की इन सबका जवाब देने में कोई समर्थ होगा. पर एक बात सब सवालों में मिलती है और सब जानते है वो इन सब के पीछे का मकसद जो केवल सत्ता और गद्द्दारी ही हैं जो अपने मतलब के लिए क्या क्या कर गुजरे उनको अपने सिवा किसी से कोई मतलब नही था. वही पुरानी रीत अब भी है लोग जनता को झूठे दिलासे दे कर बड़ी बड़ी बाते करते है और जब जनता के सहयोग से वो कुछ करने लायक बन जाते है तो अपने और अपने रिश्तेदारो के घर को भरने उन्ही के साथ मिल जाते हैं जो पहले ही लोगो को बेवकूफ बना कर लूट चुके होते है बस फिर वही क्रम दोबारा नए वादों के साथ सुरु हजो जाता हैं
बहुत ही बड़े सवाल किये हैं भाई में नही मानता की इन सबका जवाब देने में कोई समर्थ होगा. पर एक बात सब सवालों में मिलती है और सब जानते है वो इन सब के पीछे का मकसद जो केवल सत्ता और गद्द्दारी ही हैं जो अपने मतलब के लिए क्या क्या कर गुजरे उनको अपने सिवा किसी से कोई मतलब नही था. वही पुरानी रीत अब भी है लोग जनता को झूठे दिलासे दे कर बड़ी बड़ी बाते करते है और जब जनता के सहयोग से वो कुछ करने लायक बन जाते है तो अपने और अपने रिश्तेदारो के घर को भरने उन्ही के साथ मिल जाते हैं जो पहले ही लोगो को बेवकूफ बना कर लूट चुके होते है बस फिर वही क्रम दोबारा नए वादों के साथ सुरु हजो जाता हैं
बिलकुल मित्र ......:bravo:
हर रेप जघन्य है, अपराध है, दंडनीय है और निंदनीय है। लेकिन क्या हर रेप?
अगर ऐसा होता तो मीडिया में उत्तर प्रदेश में होने वाले रेप को लेकर कवरेज का जो उत्साह है, वह दिल्ली में होने वाली घटनाओं को लेकर क्यों नहीं दिखता। इसे आज ही के एक उदाहरण से देखिए।
देश के सबसे प्रतिष्ठित और संतुलित आदि माने जाने वाले अखबार द हिंदू में 5 जुलाई को रेप की दो खबरें हैं। पहली खबर दिल्ली में कार में एक नाबालिक लड़के के सामूहिक बलात्कार की है। दूसरी खबर रायबरेली में 22 वर्ष की एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार की है।
पत्रकारिता में निकटता यानी प्रोक्सिमिटी का सिद्धांत काम करता है, जिसके मुताबिक किसी खबर का न्यूज वैल्यू तय करते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि जो पाठक और दर्शक हैं, उससे घटना की दूरी कितनी है। इसी आधार पर स्थानीय खबरों को ज्यादा महत्व दिया जाता है। आपके अखबार में अगर 2 से 4 पन्ने लोकल खबरों के हैं तो वह प्रोक्सिमिटी के कारण ही है। पाठक और दर्शक की ज्यादा दिलचस्पी आस पास की खबरों में होती है। ऐसा न होता तो दिल्ली के अखबार की देश भर में बिकते।
अब इन दो खबरों- रायबरेली और दिल्ली - के द हिंदू में कवरेज का फर्क देखिए।
1. रायबरेली की घटना पहले पन्ने पर है, दिल्ली में रेप की खबर तीसरे पन्ने पर है। द हिंदू ने रायबरेली की खबर को देश की सबसे बड़ी पांच खबरों में मानते हुए उसे पहले पन्ने पर जगह दी है।
2. रायबरेली की घटना दो कॉलम में है। दिल्ली की घटना सिंगल कॉलम में संक्षेप में है।
3. रायबरेली की खबर का शीर्षक -Woman gang-raped in Rae Bareli, जबकि दिल्ली की घटना का शीर्षक है-girl alleges gang-rape.
4. रायबरेली की खबर को पढ़ेंगे तो पहली लाइन में ही लिखा है- A 22-year-old woman was allegedly gang-raped by four youths at Unchahar in Rae Bareli district on Sunday
5. यानी दोनों खबरें बलात्कार के आरोप की है। लेकिन आरोप वाली बात दिल्ली की खबर के शीर्षक में है। रायबेरली की खबर में अखबार का शीर्षक इस अंदाज में है मानो बलात्कार की पुष्टि हो गई है,जबकि दिल्ली की खबर का शीर्षक बताता है कि लड़की ने सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया है।
6. दिल्ली की खबर को 6.5 कॉलम सेंटीमीटर जगह दी गई है, जबकि रायबरेली की खबर को बड़ा बनाने के लिए उसमें मुजफ्फरनगर की एक ओनर किलिंग की खबर को जोड़ा गया है और इस तरह रायबरेली की खबर को 22 कॉलम सेंटीमीटर का बनाया गया है।
7. रायबरेली की खबर को विश्वसनीयता देने के लिए इसके साथ स्पेशल कॉरेसपोंडेंट नाम जोड़ा गया है, जबकि दिल्ली की खबर संक्षेप में है, जिसमें रिपोर्टर का जिक्र तक नहीं है।
तो क्या अब भी आप कहेंगे कि मीडिया के लिए रेप की हर खबर का बराबर महत्व है।
सावधान..!!..देश के सबसे बडे सरकारी मेडिकल संस्थान AIIMS, new delhi में एक करोड में PG में एडमीशन और दस लाख में तैयार ANSWER SHEET(OMR) उपलब्ध है..अब देखना यह होगा कि 'मेरिटोरियस डॉक्टरों' से लबालब भरे इस प्रतिष्ठित संस्थान में ''मुन्ना भाइयों'' की पहले कितनी घुसपैठ हो चुकी है..
Detail (http://in.education.yahoo.com/links/detail/ex-aiims-student-held-running-admission-racket-north-india-today-122a950adadc9681a9a2576ea4f2213eff94998213a023f342 bd6216130b78aa)
:banalema::banalema::banalema:
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=11432&d=1309976775
महंगाई की मार और गरीबी की असली तस्वीर देखना हो तो बुंदेलखण्ड के जंगल में बसे उन गांवों में जाइए, जहां वनवासी जंगल में उगने वाली सब्जी 'वन करैला' व 'पंडोरा' को भूख मिटाने का आधार बनाए हुए हैं। अब तो यहां के वनवासी जंगल में दिन भर इसी की टोह में भटकते हैं। इन जंगली सब्जियों से ही दो वक्त की रोटी का जुगाड़ होता है।
वैसे तो वन विभाग तेंदू, आचार, खैर, आंवला, शहद, मकोय, जैसी तमाम वनसंपदाओं पर रोक लगाए हुए है, फिर भी बांदा जनपद के फतेहगंज इलाके के वनवासी जंगल से ही अपनी दो वक्त की रोटी का इंतजाम करते हैं।
बघोलन, मवासी डेरा, बिलरिया मठ, गोबरी, गोड़रामपुर व गोंड़ी बाबा का पुरवा के लगभग अस्सी वनवासी परिवार जंगली वनसंपदा के भरोसे पीढ़ियों से आबाद हैं। कभी सूखी लकड़ी चुन कर तो कभी महुए का 'लाटा' खाकर बसर करने के आदी यहां के वनवासी अब इस मौसम में जंगली सब्जी बेचकर अपने परिवार को जिंदा रखे हुए हैं।
मडफा के जंगल में 'वन करैला' व 'पंडोरा' नामक जंगली सब्जी की भरमार है। सुबह होते ही वनवासी महिला-पुरुष घरों में ताला बंद कर इस सब्जी की तलाश में जंगल कूच कर जाते हैं। वनवासी गुलाब ने बताया कि 'दिन भर में एक व्यक्ति लगभग चार किलो जंगली सब्जी ढूंढ़ लेता है। फतेहगंज व बदौसा कस्बे में वन करैली 20 रुपये किलो व पंडोरा 30 रुपये किलो थोक बेचकर आटा-चावल के जुगाड़ से बच्चे पालते हैं।'
वनवासी महिला रमिनिया बताती है, 'कुछ वनकर्मी जंगली सब्जी का भी 'टैक्स' ले लेते हैं, विरोध करने पर जंगल में नहीं घुसने देते।' बुजुर्ग अधरवा का कहना है कि 'वनसंपदा पर रोक लोगों के लिए आफत है। पहले खैरगर कौम के लोग खैर की लकड़ी से कत्था बनाने का धंधा किया करते थे, अब बिल्कुल बंद है। सूखी लकड़ी भी बीनने में सामत है।'
रामभरोसे का कहना है कि 'दिन भर लोग सब्जी की तलाश में जंगल में भटकते हैं, पर पुलिस 'बदमाशों को खाना देने गए हो' कहकर उत्पीड़न करती है।' यहां की ग्राम प्रधान शांति देवी बताती हैं कि 'बाजार में अन्य सब्जी बहुत मंहगी है, इसलिए ज्यादातर लोग जंगली सब्जी का भर्ता (चोखा) और रोटी खाते हैं।'
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