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View Full Version : छात्र ने बनाया गणित के हार्ड सवालों का शॉर


dipu
10-05-2011, 10:48 AM
भोपाल. उफ गणित के ये सवाल.। फार्मूला याद रखो फिर उन्हें हल करने की लंबी प्रोसेस। यही वजह है कि अधिकांश विद्यार्थियों को गणित के सवाल हल करने में पसीने छूट जाते हैं।

खासकर जब बात काम्पिटिटिव एक्जाम की हो तो, इंटीग्रेशन की लंबी प्रोसेस वाले सवाल सबसे बड़ी मुश्किल नजर आते हैं।


इस परेशानी से राहत दिलाने के लिए ओरिएंटल कॉलेज के बीई प्रथम वर्ष के छात्र ऋषभ पांडे ने कठिन सवालों को हल करने की शार्टकट तकनीक खोजी है। इस ‘टेब्यूलर इंटिग्रेशन टेक्नीक’ का फायदा कॉम्पिटिटिव एक्जाम की तैयारी कर रहे छात्र ले सकते हैं।


फटाफट मिलेगा हल : ऋषभ ने बताया,‘इंटीग्रेशन बाय पार्ट्स’ मैथ्स की एक लंबी प्रोसेस हैं। इसमें फार्मूले को याद रखना और फिर उसे हल करना दोनों ही थोड़ा कठिन होता है। इसे हल करने में टाइम भी ज्यादा लगता है और दो से तीन पेज भर जाते हैं। जब कॉम्पिटिटिव एक्जाम के लिए तैयारी करते हैं तो मैथ्स की छोटी-छोटी टेक्निक की आवश्यकता होती है।

टेब्यूलर इंटिग्रेशन टेक्नीक भी इंटिग्रेशन बाय पार्ट्स की शार्टकट टेक्नीक है। इससे आधे पेज से भी कम जगह में और आसानी से सवाल का जवाब मिल सकेगा। आईआईटी व एआईईईई जैसे कॉम्पिटिटिव एक्जाम के लिए यह टेक्नीक उपयोगी सिद्ध होगी।


क्या है यह टेक्नीक : मैथ्स के पर्चे में सवाल में दिए गए फार्मूले के हर हिस्से को अलग-अलग हल करना होता है।


प्राप्त परिणामों को मूल फार्मूले के अनुसार अंतिम रूप से हल करने के बाद ही सही उत्तर पाया जा सकता है। यही लंबी प्रोसेस ‘इंटीग्रेशन बाय पार्ट्स’ कहलाती है लेकिन ‘टेब्यूलर इंटिग्रेशन टेक्नीक’ में सवाल में दिए गए फार्मूले के हर एलजेबरिक पार्ट को कांस्टेंट वेल्यू जीरो तक लाकर टेबल बनाया जाता है और इस टेबल को आपस में क्रास मल्टीप्लाई तकनीक से जोड़ने घटाने से सवाल का सही हल मिनटों में निकल आता है। इसकी मदद से सवाल हल करने में समय भी बहुत कम लगेगा।


अभी तक उपयोग की जाने वाली टेक्नीक में एक सवाल करने में पांच से सात मिनट का समय लग जाता था, लेकिन शार्टकट टेक्नीक से उसी सवाल को हल करने में एक मिनट से भी कम समय लगता है।


बड़े काम की है तकनीक


इंटीग्रेशन मैथ्स की महत्वपूर्ण मैथड में से एक है। इसे साल्व करने के लिए लंबी प्रोसेस से गुजरना पड़ता है। इसके लिए हम इंटीग्रेशन बाय पार्ट्स का उपयोग करते हैं। लेकिन यह टेब्यूलर इंटीग्रेशन टेक्नीक न तो किसी किताब में दी है और न ही इसे उपयोग किया जा रहा है। इंटरनेट पर इसका उल्लेख है लेकिन ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं के बराबर है।


ऋषभ का यह सुझाव सचमुच फायदेमंद है,क्योंकि बच्चों को इस टेक्नीक के माध्यम से आसानी से व कम समय में इंटीग्रेशन करने में मदद मिलेगी।