View Full Version : इंसानियत को सलाम।
arvind
14-05-2011, 02:39 PM
बहुत ही साधारण लोग कुछ ऐसे काम कर जाते है, जो पूरे समाज, देश और विश्व के लिए मिशाल बन जाता है। हमलोग कुछ दिन उसपर चर्चा करते है, उसकी सराहना करते है और फिर धीरे-धीरे भूल जाते है।
इस सूत्र के माध्यम से मै उन साधारण लोगो के आसाधारण कार्यो को संकलित करूंगा, ताकि कोई भी कभी भी इस सूत्र पर आए तो उस आसाधारण कार्यो को याद कर सके, जो लोग भूल जाते है।
arvind
14-05-2011, 02:45 PM
जली हुई दुल्हन से रचाई शादी।
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10793&stc=1&d=1305366271
कहते है रिश्ते तो स्नेह और विश्वास से बनते है। इसमे सिर्फ देने की चाह होती है और एक-दूसरे की फिक्र। आधुनिक होते समाज में रिश्तों पर स्वार्थ की काई इस कदर जम गयी है कि इसमें फिसलन ज्यादा है।
लेकिन, कुछ लोग समय-समय पर समाज को दिशा देते हैं। ऐसा ही मिसाल कायम किया गया (बिहार) जिले के एक युवक ने।
शुक्रवार (13/05/2011) को नवादा सदर अस्पताल में बुरी तरह झुलसी दुल्हन की जब दूल्हे ने मांग भरी तो दर्द में भी खुशी से आंखे भर आयी।
हुआ यूं था की शादी (13 मई) से महज तीन दिन पहले (10 मई) रसोई गैस का सिलिन्डर फटने से दुल्हन बुलबुल बुरी तरह झुलस गई थी। वधू पक्ष के लोगों को लगा कि अब तो रिश्ता टूटा। लेकिन दूल्हा अमलेश ने निश्चित तिथि पर ही बुलबुल से शादी रचाने का फैसला किया। उसके इस फैसले को घरवालों ने भी सहर्ष स्वीकार किया।
गया जिले के लोहजरा गाँव निवासी रामबली सिंह, बेटे अमलेश को लेकर शुक्रवार को सदर अस्पताल पहुंचे। अस्पताल परिसर में बने मंडप मे मंत्रोचार के बीच अमलेश ने बुलबुल कि मांग भरी। इस मौके के गवाह वर-वधू पक्ष के लोगों के साथ ही अस्पताल के डॉक्टर, नर्स और कर्मचारी भी बने।
दूल्हा अमलेश कहते है: मैंने ठान लिया था कि बुलबुल जैसी है, जिस हालत में है, मेरी शादी उसी से होगी।
दुल्हन बुलबुल कहती है: जिस इंसान ने इस विकट घड़ी में भी उसे अपना जीवनसाथी चुना है, वह परमेश्वर से भी महान है। मुझे विश्वास है कि हम दोनों का साथ जन्म-जन्मांतर तक रहेगा।
साभार: प्रभात खबर, रांची।
Bholu
14-05-2011, 05:12 PM
बहुत शानदार सूत्र है Av ji
prashant
17-05-2011, 01:11 PM
जली हुई दुल्हन से रचाई शादी।
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=10793&stc=1&d=1305366271
कहते है रिश्ते तो स्नेह और विश्वास से बनते है। इसमे सिर्फ देने की चाह होती है और एक-दूसरे की फिक्र। आधुनिक होते समाज में रिश्तों पर स्वार्थ की काई इस कदर जम गयी है कि इसमें फिसलन ज्यादा है।
लेकिन, कुछ लोग समय-समय पर समाज को दिशा देते हैं। ऐसा ही मिसाल कायम किया गया (बिहार) जिले के एक युवक ने।
शुक्रवार (13/05/2011) को नवादा सदर अस्पताल में बुरी तरह झुलसी दुल्हन की जब दूल्हे ने मांग भरी तो दर्द में भी खुशी से आंखे भर आयी।
हुआ यूं था की शादी (13 मई) से महज तीन दिन पहले (10 मई) रसोई गैस का सिलिन्डर फटने से दुल्हन बुलबुल बुरी तरह झुलस गई थी। वधू पक्ष के लोगों को लगा कि अब तो रिश्ता टूटा। लेकिन दूल्हा अमलेश ने निश्चित तिथि पर ही बुलबुल से शादी रचाने का फैसला किया। उसके इस फैसले को घरवालों ने भी सहर्ष स्वीकार किया।
गया जिले के लोहजरा गाँव निवासी रामबली सिंह, बेटे अमलेश को लेकर शुक्रवार को सदर अस्पताल पहुंचे। अस्पताल परिसर में बने मंडप मे मंत्रोचार के बीच अमलेश ने बुलबुल कि मांग भरी। इस मौके के गवाह वर-वधू पक्ष के लोगों के साथ ही अस्पताल के डॉक्टर, नर्स और कर्मचारी भी बने।
दूल्हा अमलेश कहते है: मैंने ठान लिया था कि बुलबुल जैसी है, जिस हालत में है, मेरी शादी उसी से होगी।
दुल्हन बुलबुल कहती है: जिस इंसान ने इस विकट घड़ी में भी उसे अपना जीवनसाथी चुना है, वह परमेश्वर से भी महान है। मुझे विश्वास है कि हम दोनों का साथ जन्म-जन्मांतर तक रहेगा।
साभार: प्रभात खबर, रांची।
:majesty::clap: इस व्यक्ति को मेरा सलाम/
वाकई में ऐसी कुवत बहुत ही कम लोग रख पाते है/
ऐसी घटना सिर्फ फिल्मों में ही संभव है/
लेकिन इन्होने ने इसे साबित कर दिया है की यदि चाहत सच्ची हो तो सूरत के कोई मायने नहीं है/
:bravo:
ndhebar
17-05-2011, 08:40 PM
मुझे विश्वास है कि हम दोनों का साथ जन्म-जन्मांतर तक रहेगा।
:bravo:...आमीन...:bravo:
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