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View Full Version : अर्ज़ किया है.... जुमला बढाइये


dipu
03-06-2011, 11:09 AM
पी के रात को हम उनको भुलाने लगे,
शराब में अपने गम को मिलाने लगे,
ज़ालिम शराब पीते ही असर दिखने लगी,
नशे में उनकी सहेलियां भी याद आने लगी.......

khalid
03-06-2011, 12:04 PM
[center]पी के रात को हम उनको भुलाने लगे,
शराब में अपने गम को मिलाने लगे,
ज़ालिम शराब पीते ही असर दिखने लगी,
नशे में उनकी सहेलियां भी याद आने लगी.......[
/center]




वो पहली बार की पिटाई भी याद आने लगी
वो टुटा हाथ फुटा सर सुजा चेहरा भी याद आने लगी
वो खैराती हस्पताल का टुटा चारपाई भी याद आने लगी
पीने के बाद तुम्हारी सहेली भी याद आने लगी

dipu
03-06-2011, 04:14 PM
बहुत बढिया

dipu
08-06-2011, 10:18 AM
गाडी मिली ससुराल में
फर्स्ट क्लास डिसेंट

गाडी मिली ससुराल में
फर्स्ट क्लास डिसेंट
दूसरे दिन ही हो गया
मेरा हैवी एक्सिडेंट

मेरा हैवी एक्सिडेंट
गाडी वापस दे आये
बदले मे एक
फर्स्ट क्लास गधा ले आये

उसपे पूंछ पकड़ के
मैं उल्टा बैठूँगा
आगे वो देखेगा
पीछे मई देखूंगा

( तब कैसे एक्सिडेंट होगा )

khalid
08-06-2011, 01:07 PM
गाडी मिली ससुराल में
फर्स्ट क्लास डिसेंट

गाडी मिली ससुराल में
फर्स्ट क्लास डिसेंट
दूसरे दिन ही हो गया
मेरा हैवी एक्सिडेंट

मेरा हैवी एक्सिडेंट
गाडी वापस दे आये
बदले मे एक
फर्स्ट क्लास गधा ले आये

उसपे पूंछ पकड़ के
मैं उल्टा बैठूँगा
आगे वो देखेगा
पीछे मई देखूंगा

( तब कैसे एक्सिडेंट होगा )



देखो कैसा आया जमाना गधा के उपर गधा बैठा देख कर हँसेगा जमाना
अब मत करना बहाना एक दुसरे का साथ निभाना
चाहे कितना भी हँसे जमाना
आँखोँ से ना आँसु बहाना चाहे कितना भी हँसे जमाना

ndhebar
08-06-2011, 01:51 PM
देखो कैसा आया जमाना गधा के उपर गधा बैठा देख कर हँसेगा जमाना
अब मत करना बहाना एक दुसरे का साथ निभाना
चाहे कितना भी हँसे जमाना
आँखोँ से ना आँसु बहाना चाहे कितना भी हँसे जमाना
too good :lol::lol::lol:

dipu
08-06-2011, 08:32 PM
बहुत बढिया बढाइये

deepkukna
08-06-2011, 08:37 PM
क्या बात है यार मजा आ गया

The ROYAL "JAAT''
08-06-2011, 08:53 PM
गाडी मिली ससुराल में
फर्स्ट क्लास डिसेंट

गाडी मिली ससुराल में
फर्स्ट क्लास डिसेंट
दूसरे दिन ही हो गया
मेरा हैवी एक्सिडेंट

मेरा हैवी एक्सिडेंट
गाडी वापस दे आये
बदले मे एक
फर्स्ट क्लास गधा ले आये

उसपे पूंछ पकड़ के
मैं उल्टा बैठूँगा
आगे वो देखेगा
पीछे मई देखूंगा

( तब कैसे एक्सिडेंट होगा )




वाह -वाह भाई दीपू बहुत मजेदार शायरी है

The ROYAL "JAAT''
08-06-2011, 08:59 PM
दीपू भाई बहुत ही बढ़िया सूत्र है शयरी तो कमाल की है बस जरूरत हैं गति की सूत्र को आगे बढाओ यार हम इंतजार करेंगे आपकी शायरी का ....

dipu
24-01-2012, 07:35 PM
चारगाह में घोडों के लिये घास नहीं,
लेकिन गधे ज़ाफ़रान में कूद रहे है

कैसे कैसे दोस्त हैं कैसे कैसे धोखे
चबा रहे हैं अंगूर बता अमरूद रहे हैं

ना जाने खो गया है किस अज़ब अन्धेरे में
आंख बन्द करके तलाश अपना वज़ूद रहे हैं

उधार लिये थे चंद लम्हे पिछ्ले जनम में
अभी तक चुका उनका सूद रहे हैं

मकान बेच कर खरीदी थी तोप कोमल ने
ज़मीन बेच के खरीद उसका बारूद रहे हैं

rafik
28-04-2014, 04:27 PM
नहीं,बहूत अच्छा हे

dipu
01-06-2014, 01:58 PM
ना हम कुछ कह पाते हे, ना वोह कुछ कह पाते हे.
एक दूसरे को देखकर गुजर जाया करते हे.
कब तक चलता रहेंगा ये सिलसिला,
ये सोचकर दिन गुजर जाया करते हे.

dipu
01-06-2014, 01:58 PM
विश्वास करो उस शक्ति पर,जो इस सृष्टि में रहती है ,
निराकार हो कर भी हर पल ,जो दुनिया थामे रहती है ,

धरती , सूरज, चाँद -सितारे ,अपने पथ पर चलते हैं ,
सदियों से सब चलते रहते ,कभी नहीं ये मिलते हैं,
जिसके एक इशारे पर ही ,ग्रह भी चाल बदलतें हैं ,
विश्वास करो उस शक्ति पर …………………….

बसंत ऋतू या गर्मी -सर्दी ,या हो बारिश का मौसम ,
हर मौसम खुशियां दे कर , कर देता है आँखें नम,
जिसके एक इशारे पर ही , रंग बदलता है मौसम ,
विश्वास करो उस शक्ति पर ………………….

rajnish manga
02-06-2014, 01:50 PM
<<<
तरह तरह के रंग बिरंगे फूल पात का आच्छादन है
भाँत भाँत के पशु पक्षी के कलरव से गुंजित वन है
नदी प्रपात झीलों तालाबों से सराबोर यह जीवन है

विश्वास करो उस शक्ति पर जो इस सृष्टि में रहती है
निराकार हो कर भी हर पल, जो दुनिया थामे रहती है

rafik
02-06-2014, 04:55 PM
<<<
तरह तरह के रंग बिरंगे फूल पात का आच्छादन है
भाँत भाँत के पशु पक्षी के कलरव से गुंजित वन है
नदी प्रपात झीलों तालाबों से सराबोर यह जीवन है

विश्वास करो उस शक्ति पर जो इस सृष्टि में रहती है
निराकार हो कर भी हर पल, जो दुनिया थामे रहती है


बहुत खूबसूरत

rajnish manga
02-06-2014, 11:23 PM
जीवन के नाना रूपों में उसी शक्ति का नाम लिखा है.
धरती से नभ तक देखें तो सिर्फ उसी का रूप दिखा है.
धड़कती रहती जो हर दिल में तेरी ही तो ज्योति शिखा है

विश्वास करो उस शक्ति पर जो इस सृष्टि में रहती है
निराकार हो कर भी हर पल, जो दुनिया थामे रहती है

rajnish manga
02-06-2014, 11:24 PM
मैं जिस पथ पर चला सदा ही तूने मुझको राह दिखायी.
तू जब मेरे साथ चला तो थे मैंने अपनी मंज़िल पायी.
तेरे होते पथ से विचलित करने वाले ने मुंह की खायी.

विश्वास करो उस शक्ति पर जो इस सृष्टि में रहती है
निराकार हो कर भी हर पल, जो दुनिया थामे रहती है

rafik
09-06-2014, 11:16 AM
बहुत अच्छा, लगे रहो

dipu
25-02-2015, 02:30 PM
अब दर्द ये सहने दो मेरे बस में नहीं है,
मरता हूँ तो मरने दो मेरे बस में नहीं है।

मत पूछो मेरे दिल में तूफान हैं कितने,
जो दिल में है रहने दो मेरे बस में नहीं है।

कितना है पुराना ये शजर कैसे उखाडूँ,
करता हूँ जो करने दो मेरे बस में नहीं है।

दिल में हैं दबे मेरे अरमान हज़ारों,
कहता हूँ तो कहने दो मेरे बस में नहीं है।

अब इख़्तियार ना रहा अश्क़ों पे मेरा भी,
बहते हैं तो बहने दो मेरे बस में नहीं है।

dipu
25-02-2015, 02:31 PM
अहद-ए-वफ़ा किया था जिसने और कोई था,
दिल को मेरे छुआ था जिसने और कोई था।

ज़िंदा हूँ या के मर गया अब किस को खबर है,
जीना सीखा दिया था जिसने और कोई था।

थी ज़िन्दगी में बस कमी इक रंग-ए-वफ़ा की,
वो रंग भर दिया था जिसने और कोई था।

ले नाम-ए-हक़ीक़त कोई पिला गया ज़हर,
सपना मुझे दिया था जिसने और कोई था।

dipu
25-02-2015, 02:31 PM
समझौतों की भीड़ -भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया
इतने घुटने टेके हमने आख़िर घुटना टूट गया


देख शिकारी तेरे कारन एक परिंदा टूट गया
पत्थर का तो कुछ नहीं बिगड़ा लेकिन शीशा

घर का बोझ उठाने वाले ब्च्चे की तक़दीर न पूछ
बचपन घर से बाहर निकला और खिलौना टूट गया

किसको फ़ुर्सत इस महफ़िल में ग़म की कहानी पढ़ने की
सूनी कलाई देख के लेकिन चूड़ी वाला टूट गया

पेट की ख़ातिर फ़ुटपाथों पे बेच रहा हूँ तस्वीरें
मैं क्या जानूँ रोज़ा है या मेरा रोज़ा टूट गया

ये मंज़र भी देखे हमने इस दुनिया के मेले में
टूटा-फूटा नाच रहा है अच्छा-ख़ासा टूट गया

rajnish manga
27-02-2015, 01:47 PM
समझौतों की भीड़ -भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया
इतने घुटने टेके हमने आख़िर घुटना टूट गया
....

ये मंज़र भी देखे हमने इस दुनिया के मेले में
टूटा-फूटा नाच रहा है अच्छा-ख़ासा टूट गया

बहुत सुंदर, दीपू जी. उम्मीद है इसी प्रकार और जुमले भी आते रहेंगे.

dipu
01-03-2015, 03:31 PM
कर्ज की पीते थे मैं और समझते थे कि हां
रंग लायेगी हमारी फ़ाक़ामस्ती एक दिन

हजारों ख़्वाहिशें ऐसी, कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले

मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
तू देख कि क्या रंग है तेरा मेरे आगे

rajnish manga
08-03-2015, 05:46 PM
ग़ज़ल
अमजद इस्लाम ‘अमजद’


मैं अज़ल की शाख से टूटा हुआ
फिर रहा हूँ आज तक भटका हुआ

देखता रहता है मुझको रात दिन
कोई अपने तख़्त पर बैठा हुआ

चाँद तारे दूर पीछे रह गए
मैं कहाँ पर आ गया उड़ता हुआ

बंद खिड़की से हवा आती रही
एक शीशा था कहीं टूटा हुआ

खिडकियों में, कागजों में, मेज़ पर
सारे कमरे में है वो फैला हुआ

अपने माजी का इक समुंदर चाहिए
इक खजाना है यहाँ डूबा हुआ

दोस्तों ने कुछ सबक ऐसे दिए
अपने साये से भी हूँ सहमा हुआ

किसी की आहट आते आते रुक गयी
किस ने मेरा साँस है रोका हुआ

rajnish manga
08-03-2015, 10:40 PM
ग़ज़ल
सलमान अख्तर

जीना अज़ाब क्यों है ये क्या हो गया मुझे
किस शख्स की लगी है भला बद्दुआ मुझे

बनाना पड़ा है आप ही अपना खुदा मुझे
किस कुफ्र की मिली है भला ये सज़ा मुझे

ये कह के मैंने रखा है हर आईने का दिल
अगले जनम में रूप मिलेगा नया मुझे

निकले थे दोनों भेस बदल कर तो क्या अजब
मैं ढूँढता खुदा को फिरा और खुदा मुझे

तू मुतमईन नहीं तो मुझे कब है ऐतराज़
मिटटी को फिर से गूंथ मेरी, फिर बना मुझे

(मुतमईन = संतुष्ट)

rajnish manga
12-03-2015, 09:38 PM
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जब तक मिले न थे तो जुदाई का था मलाल
अब ये मलाल है कि......तमन्ना निकल गई

(अमीर मीनाई)

rajnish manga
12-03-2015, 09:41 PM
https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcSI_3_pYIXUJ8iNJ6ft-fJ2ExmDkP1GRBsiyUwFinDHqnesRC3f9Q

दाग़ दहलवी का एक शे'र

rajnish manga
12-03-2015, 09:43 PM
https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcSF1fll0ANYI9dZ0clOYLCGiI4fCsE_l FBjVIkt4ICub0VBpTon

मिर्ज़ा ग़ालिब का एक शे'र

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12-03-2015, 09:50 PM
https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcRPTk9ruThIm7d0peZIh8jVLS1uxIChx eREgffPSNlnmV37uFP5

rajnish manga
12-03-2015, 09:52 PM
https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcQchJw_pYQGEXWlyDtm3lWD0FvVgrHLo IE18AoJUgi6S3PfgK2W

भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता.....उन्हें मुद्दतों में हम
किश्तों में ख़ुदकुशी का मज़ा हम से पूछिए

ख़ुमार बाराबंकवी का एक शे'र

rajnish manga
14-03-2015, 10:52 PM
https://vivekrajpoot.files.wordpress.com/2012/08/vivek-rajpoot-5.jpg

rajnish manga
14-03-2015, 10:54 PM
http://i447.photobucket.com/albums/qq194/sahityashilpi/alokshankercopy.jpg


http://i447.photobucket.com/albums/qq194/sahityashilpi/Anupamacopy.jpg

rajnish manga
19-03-2015, 07:01 PM
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rajnish manga
19-03-2015, 07:03 PM
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dipu
19-03-2015, 07:32 PM
हमें ख़रीद लिया और खुद को ग़रीब कहते हैं
खुदाया इस शहर मे कैसे अजीब लोग रहते हैं

rajnish manga
19-03-2015, 07:43 PM
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dipu
19-03-2015, 07:44 PM
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19-03-2015, 07:47 PM
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dipu
19-03-2015, 07:48 PM
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19-03-2015, 07:49 PM
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dipu
19-03-2015, 07:49 PM
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19-03-2015, 07:50 PM
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19-03-2015, 07:51 PM
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19-03-2015, 07:52 PM
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19-03-2015, 07:53 PM
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19-03-2015, 07:53 PM
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19-03-2015, 07:55 PM
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19-03-2015, 07:56 PM
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19-03-2015, 07:58 PM
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19-03-2015, 07:59 PM
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19-03-2015, 08:04 PM
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19-03-2015, 08:04 PM
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dipu
26-03-2015, 05:31 PM
भूषण स्वेत महा छवि सुंदर सानि सुवास रची सब सोने ।
गोरे से अँग गरूर भरी कवि खेम कहैँ जो गई तंह गौने ।
चँदमुखी कटि खीन खरी दृग मीनहु ते अति चँचल पौने ।
ऎसी जो आयकै अँक लगै तो कलँक लगौ अरु होऊ सो होने ।

dipu
13-07-2016, 01:24 PM
मोहब्बत कि ज़ंज़ीर से डर लगता हे,
कुछ अपनी तफलीक से डर लगता हे.
जो मुझे तुजसे जुदा करते हे,
हाथ कि वो लकीरो से डर लगता हे.

rajnish manga
14-07-2016, 07:19 PM
मोहब्बत कि ज़ंज़ीर से डर लगता हे,
कुछ अपनी तफलीक से डर लगता हे.
जो मुझे तुजसे जुदा करते हे,
हाथ कि वो लकीरो से डर लगता हे.

बहुत बढ़िया. काफ़ी दिनों बाद आपने सूत्र को अपडेट किया है. उम्मीद है कि आप इसे अपडेट करते रहेंगे. धन्यवाद, दीपू जी.

rajnish manga
14-07-2016, 07:31 PM
http://2.bp.blogspot.com/-0U8mx5ZXsAc/U6kuww0w5LI/AAAAAAAAOtY/RuinpXmYjHs/s1600/10343004_766135456762753_7062993622712380055_n.jpg

rajnish manga
14-07-2016, 07:43 PM
https://rekhta.org/Images/UrduShayari/hi_behtar-dinon-kii-aas-lagaate-hue-habiib-habeeb-amrohvi-couplets.png