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View Full Version : "Film Reviews" (फिल्म समीक्षा)


pankaj bedrdi
04-06-2011, 10:22 PM
"Film Reviews" (फिल्म समीक्षा):horse::horse:

pankaj bedrdi
04-06-2011, 10:25 PM
मूवी : रेडी
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=11081&stc=1&d=1307208285

pankaj bedrdi
04-06-2011, 10:26 PM
कलाकार : सलमान , असिन , महेश मांजरेकर , अनुराधा पटेल , आर्या बब्बर , अखिलेंद्र मिश्रा
निर्माता : भूषण कुमार , सुहेल खान , नितिन मनमोहन
निर्देशन : अनीस बज्मी
गीत : अमिताभ भट्टाचार्य , नीलेश मिश्रा
संगीत : प्रीतम चक्रवर्ती , देवी प्रसाद
सेंसर सर्टिफिकेट : यू / ए
अवधि : 147 मिनट

pankaj bedrdi
04-06-2011, 10:27 PM
देशभर में दबंग को बॉक्स ऑफिस पर मिली जबर्दस्त कामयाबी से सलमान यह सोचने पर मजबूर हुए कि उनके फैंस अपने चहेते हीरो को किस लुक में देखना चाहते हैं। दरअसल , सलमान ने जब कभी भी कुछ नया और अपनी इमेज से हटकर करना चाहा तो फैंस ने उसे पसंद नहीं किया और नतीजा इन फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर मुंह की खानी पड़ी।

सलमान के बदले लुक वाली फिल्मों सांवरिया और मिस्टर एंड मिसेज खन्ना को दर्शकों ने बुरी तरह ठुकरा दिया। ऐसे में सलमान ने अपने ब्रदर सुहेल खान की इस फिल्म रेडी में वही कुछ किया जो उनके चाहने वाले उनसे बार बार चाहते हैं। राजश्री बैनर की फिल्मों में सलमान जब भी प्रेम बने तभी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर करिश्मा कर दिखाया , शायद इसीलिए अपने होम प्रॉडक्शन की इस फिल्म में भी सलमान ने अपना नाम प्रेम रखा। हां , यह प्रेम राजश्री के प्रेम से बिल्कुल अलग है और उसमें ऐसी कई बुराइयां है जो फैमिली क्लास की साफ सुथरी फिल्मों में नजर आए प्रेम में बिल्कुल नहीं थी।

सलमान ने रेडी में अपनी पिछली कई सुपरहिट फिल्मों के मसालों को कैश करने की कोशिश की है। बात चाहे नो एंट्री के क्लाइमेक्स में ऊंचे पहाड़ की चोटी से नीचे लटकते सलमान और फिल्म के दूसरे स्टार्स के सीन का मामला हो , या फिर इस फिल्म में बार बार सुनाई देते बैकग्राउंड म्यूजिक में मैंने प्रेम किया और हम आपके है कौन के सुपरहिट गानों की हो क्यों न हो।

दरअसल , दबंग को मिली जबर्दस्त सफलता और कमाई ने ही शायद सलमान को अपनी बैनर तले एकबार फिर चालू मसालों से मालामाल फिल्म बनाने के लिए प्रेरित किया और फिल्म में हर उस मसाले को फिट किया जो बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी की गारंटी माना जाता रहा है। करीब साढ़े चार साल पहले साउथ में सुपरहिट रही फिल्म रेडी के इस हिंदी रीमेक में बेवजह साउथ के बॉक्स ऑफिस पर बिकाऊ मसालों को परोसना सलमान की इस फिल्म को कमजोर करता है।

इन खामियों के बावजूद सलमान के पक्के फैंस के लिए इसे देखने के कई बहाने हो सकते हैं , सलमान के दमदार स्टंट और एक्शन दृश्यों के बीच सल्लू मियां की कॉमिडी जैसी कई वजह हैं जो सलमान के चाहने वालों को निराश नहीं करेगी।

pankaj bedrdi
04-06-2011, 10:28 PM
कहानी : करीब दो सौ करोड़ रुपये की इकलौती वारिस संजना सिंह ( आसिन ) के मामा सूरज चौधरी और अमर चौधरी उसकी दौलत हड़पना चाहते हैं। सूरज मामा संजना को अमेरिका से भारत बुलाते हैं ताकि अपने साले से उसकी शादी करके उसकी दौलत हड़प लें। दूसरी और संजना के दूसरे मामा भी अपने साले से उसकी शादी करने का ख्वाब पाले बैठे हैं। वैसे , संजना के दोनों मामा एक दूसरे के जानी दुश्मन हैं और बरसों से उन्होंने एक दूसरे की शक्ल तक नहीं देखी। शादी के ऐन वक्त संजना को पता चलता है उसके मामा अंडरवर्ल्ड डॉन हैं तो वह शादी के मंडप से भाग जाती है।

हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि संजना को अपनी जान बचाने के लिए शहर के बड़े रईस मिस्टर कपूर ( महेश मांजरेकर ) के इकलौते बेटे प्रेम ( सलमान खान ) की होने वाली दुल्हन पूजा बनकर उनके बंगले में रुकना पड़ता है। प्रेम मिस्टर कपूर का बिगड़ा शहजादा है और सिवाय मौज मस्ती करने के उसका कोई काम नहीं है। मिस्टर कपूर प्रेम की शादी को लेकर परेशान है। ऐसे में जब घर में पूजा की एंट्री हुई तो उन्हें लगा जैसे बहू घर आ गई हो। दूसरी और , प्रेम शादी के बंधन में बधने की बजाय मौज मस्ती के साथ जिंदगी गुजारना चाहता है। शुरुआत में प्रेम संजना से छुटकारा पाना चाहता है तो बाद में उसे संजना से प्यार हो जाता है। दूसरी और संजना के मामा अपने - अपने गैंग के साथ उसे तलाशने में लगे हैं।

pankaj bedrdi
04-06-2011, 10:29 PM
एक्टिंग : स्टार्ट टु लास्ट पूरी फिल्म सलमान के कंधों पर टिकी है। प्रेम के रोल में सलमान ने नया नहीं किया ? हां , एकबार फिर उन्होंने अपनी पिछली फिल्मों के उस हर दांव को फिल्म में परोसा जो फैंस की कसौटी पर खरा उतरा हो। अगर , आप प्रेम में चुलबुल पांडे तलाशने की कोशिश करेंगे तो यकीनन निराश होंगे। वहीं , आसिन फिल्म में कहीं भी अपने लुक , स्टाइल या बोलचाल से चौधरी फैमिली की संजना सिंह नहीं लगी। परेश रावल , अखिलेंद्र मिश्रा प्रभावित करते हैं , वहीं सलमान के डैडी मिस्टर कपूर के रोल में महेश मांजरेकर फिल्म की कमजोर कड़ी हैं।

pankaj bedrdi
04-06-2011, 10:34 PM
निर्देशन : नो एंट्री , वेलकम और सिंह इज किंग जैसी हिट फिल्मों के निर्देशक अनीस बज्मी ने इस बार निराश किया। ऐसा लगता है , जैसे डायरेक्टर की कुर्सी पर भी सलमान थे और अपनी मर्जी से एक्टिंग कर रहे थे। वहीं , इंटरवल से पहले कपूर फैमिली और बाद में चौधरी फैमिली के बीच अनीस ऐसे कुछ फंसे कि जैसे बाहर निकलने का रास्ता ही तलाश नहीं पाए। हां , फिल्म में छोटे चौधरी और बडे़ चौधरी की फैमिली के कुछ दृश्य गुदगुदाते हैं।

pankaj bedrdi
04-06-2011, 10:34 PM
संगीत : फिल्म का संगीत रिलीज से पहले ही म्यूजिक चार्ट में टॉप फाइव पर हैं। आइटम सॉन्ग करेक्टर ढीला है खूब बन पड़ा है। इस गाने को फिल्म की शुरुआत में रखने की वजह समझ नहीं आई।

pankaj bedrdi
04-06-2011, 10:38 PM
क्यों देखें : अगर आप सलमान के फैन हैं , और अपने चहेते हीरो को कहीं भी देखकर खुश होते हैं तो फिल्म आपके लिए है। वहीं , मौज मस्ती और टाइम पास के लिए रेडी देखी जा सकती है। हां , लीक से हटकर , कुछ नया देखने वालों की कसौटी पर फिल्म यकीनन खरी नहीं उतरेगी।

pankaj bedrdi
24-09-2011, 04:56 AM
मूवीः मौसम

pankaj bedrdi
24-09-2011, 04:57 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=11944&d=1316822129

pankaj bedrdi
24-09-2011, 04:58 AM
कलाकार : शाहिद कपूर , सोनम कपूर , अदिति शर्मा , अनुपम खेर, सुप्रिया पाठक, मनोज पाहवा
निर्माता : शीतल विनोद तलवार
स्टोरी , डायरेक्शन : पंकज कपूर
गीत : इरशाद कामिल
संगीत : प्रीतम चक्रवर्ती
सेंसर सर्टिफिकेट : यू / ए
अवधि : 168 मिनट

pankaj bedrdi
24-09-2011, 05:01 AM
अगर पिछले कुछ सालों में हिट लंबी फिल्मों पर नजर डालें तो गदर , लगान , लगे रहो मुन्ना भाई , रब ने बना दी जोड़ी , गजनी और थ्री इडियट्स के नाम याद आते है। वहीं , आशुतोष गोवारीकर की वॉट्स योर राशि , खेलें हम जी जान से सहित दर्जन भर फिल्मों का टिकट खिड़की पर बुरा हाल हुआ।

दर्शकों की बड़ी क्लास 15 से 22 के एजग्रुप की है और इन्हें डेढ़ - दो घंटे की फिल्में पसंद हैं। एक्टर से डायरेक्टर बने पंकज कपूर की ‘ मौसम ’ को देखकर लगता है , बतौर डायरेक्टर उन्हें अपनी फिल्म के हर सीन से कुछ ऐसा लगाव हुआ कि फिल्म जब एडिटिंग टेबल पर पहुंची , तो उन्होंने एडिटर की कैंची को चलने ही नहीं दिया।

पंकज अगर चालीस मिनट की फिल्म पर कैंची चला देते तो फिल्म दर्शकों की हर क्लास को बांधने में कामयाब होती। इस फिल्म को देखते हुए आपको ऐसा लगेगा जैसे आप एकता कपूर का कोई ऐसा लंबा सीरियल देख रहे हैं , जो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पंजाब के एक छोटे से कस्बे से शुरू हुई कहानी कारगिल वॉर , कश्मीर , गुजरात , अयोध्या से होते हुए स्कॉटलैंड , 9/11 तक पहुंचती तो है , लेकिन दर्शकों को अपने साथ बांध नहीं पाती।

कहानी : पंजाब के एक छोटे से गांव मल्लूकोट में सरकारी चिठ्ठी का इंतजार कर रहे हरिंदर सिंह उर्फ हैरी ( शाहिद कपूर ) को कश्मीर से अपनी बुआ के घर आई आयत ( सोनम कपूर ) से प्यार हो जाता है। थोड़ी आंख - मिचौली के बाद हैरी और आयत एक दूसरे को चाहने लगते हैं। इस बीच घटी बाबरी मस्जिद घटना के बाद अचानक दोनों जुदा हो जाते हैं। करीब सात साल बाद हैरी और आयत एक दूसरे से फिर मिलते हैं।

स्कॉटलैंड में अपने अब्बू और चाचू के साथ रह रही आयत की मुलाकात यहां ट्रेनिंग पर पहुंचे हैरी से होती है। हैरी अब एयरफोर्स में फाइटर पायलट है , वहीं आयत एक ओपेरा ग्रुप में म्यूजिशियन और डांसर है। इसी बीच हैरी को आयत को छोड़ अचानक शुरू हुई कारगिल वॉर में हिस्सा लेने के लिए भारत लौटना पड़ता है।

इस युद्घ में हैरी बुरी तरह से घायल हो जाता है। हैरी की तलाश में आयत गांव आती है , लेकिन उसे हैरी का पता नहीं चल पाता। आयत गांव में रहने वाली रज्जो ( अदिति शर्मा ) को हैरी के नाम की चिठ्ठी देकर वापस लौट जाती है , लेकिन रज्जो इस खत को हैरी तक नहीं पहुंचाती क्योंकि उसे भी हैरी से प्यार है।

इसके बाद की कहानी कभी गुजरात दंगों तो कभी 9/11 से अनचाहे जुड़ती जाती है , लेकिन हमारी हिंदी फिल्मों की तर्ज पर आखिर में हीरो - हिरोइन का मिलन होता है।

pankaj bedrdi
24-09-2011, 05:02 AM
ऐक्टिंग : शाहिद कपूर ने अपने रोल के लिए अच्छी - खासी तैयारी की है। एयरफोर्स में फाइटर प्लेन के साथ फिल्माए शाहिद के दृश्य अच्छे बन पड़े हैं। सोनम के चेहरे की मासूमियत उसके किरदार को और ज्यादा वजनदार बनाती है। सुप्रिया पाठक और अनुपम खेर अपनी भूमिकाओं में जंचे। वहीं मनोज पाहवा फिर अपने पुराने लुक में नजर आए।

pankaj bedrdi
24-09-2011, 05:03 AM
डायरेक्शन : बतौर डायरेक्टर पंकज ने अपने काम से कुछ हद तक प्रभावित किया है, लेकिन लेखक के तौर पर उनका काम निराशाजनक है। पंकज अगर चाहते तो फिल्म की अवधि को तीस से चालीस मिनट घटा सकते थे। पंकज का यही ना करना फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर कमजोर साबित कर सकता है। वहीं , बतौर डायरेक्टर पंकज ने कई ऐसे दृश्यों को फिल्माया जो दिल को छूते हैं।

pankaj bedrdi
24-09-2011, 05:03 AM
संगीत : प्रीतम का संगीत उम्दा और सुनने लायक है। फिल्म के पंजाबी माहौल के अनुरूप प्रीतम ने फिल्म का संगीत तैयार किया। टशन और ये कैसा इश्क है गाने फिल्म की रिलीज से पहले कई म्यूजिक चार्ट में टॉप फाइव की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं।

pankaj bedrdi
24-09-2011, 05:03 AM
क्यों देखें : गजब की सिनेमाटोग्रॉफी। पंजाब से लेकर स्कॉटलैंड की लोकेशन पर हर शॉट को बड़ी सूझबूझ और खूबसूरती के साथ फिल्माया गया है। शाहिद का नया लुक और जानदार अभिनय। हां , कहानी की सुस्त रफ्तार यंगस्टर्स का धैर्य तोड़ सकती है। अगर आप ऐसी प्रेम कहानी देखना चाहते हैं जिसमें ' संजोग ' का पलड़ा बेहद हावी है , तो इस फिल्म को एकबार देखा जा सकता है।

khalid
24-09-2011, 08:12 AM
थेँक्स पंकज इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए
मेरे तरफ से आप को रेप

Gaurav Soni
24-09-2011, 08:13 AM
संगीत : प्रीतम का संगीत उम्दा और सुनने लायक है। फिल्म के पंजाबी माहौल के अनुरूप प्रीतम ने फिल्म का संगीत तैयार किया। टशन और ये कैसा इश्क है गाने फिल्म की रिलीज से पहले कई म्यूजिक चार्ट में टॉप फाइव की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं।
थेँक्स पंकज इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए

Dark Saint Alaick
25-10-2011, 12:41 PM
ये समीक्षक महोदय कहां लुप्त हो गए ?

Sikandar_Khan
25-10-2011, 01:25 PM
ये समीक्षक महोदय कहां लुप्त हो गए ?

शायद "रॉ वन" फिल्म की समीक्षा की तैयारी मे लगे हैँ |

Dark Saint Alaick
25-10-2011, 01:29 PM
शायद "रॉ वन" फिल्म की समीक्षा की तैयारी मे लगे हैँ |

फिर ठीक है ! इंतज़ार रहेगा ! :crazyeyes:

Sikandar_Khan
25-10-2011, 01:33 PM
फिर ठीक है ! इंतज़ार रहेगा ! :crazyeyes:

इंतेजार तो मुझे भी है बेसर्बी से |