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View Full Version : !!भोजपुरी लोकगीत !!


Sikandar_Khan
14-06-2011, 08:46 PM
प्रिय मित्रों भोजपुरी लोकगीतों की अनुपम श्रंखला आपके लिए पेश कर रहा हूँ |
आप सभी का सहयोग अपेछित है |
धन्यवाद
सिकंदर

Sikandar_Khan
14-06-2011, 08:48 PM
सोहर


अंगना में कुइयाँ खोनाइले, पीयर माटी नू ए
बबुआ बइठले नहाए त सासु निरेखेली ए
जेठ बइसखवा के पुरइन लहर-लहर करे
सोने के खरउआ राजा रामचन्द्र खुटुर-खुटुर चले नु ए
जुग जुग जियसु ललनवा
मोरे पिछवरवा चन्दन गाछ आवरो से चन्दन हो
मिली जुली गावे के बधैया, बधैया गाव सोहर हो

Sikandar_Khan
14-06-2011, 08:50 PM
आल्हा

लागल कचहरी जब आल्हा के बँगला बड़े-बड़े बबुआन
लागल कचहरी उजैनन के बिसैनन के दरबार
नौ सौ नागा नागपूर के नगफेनी बाँध तरवार
बैठल काकन डिल्ली के लोहतमियाँ तीन हजार
मढ़वर तिरौता करमवार है जिन्ह के बैठल कुम्ह चण्डाल
झड़ो उझनिया गुजहनिया है बाबू बैठल गदहियावाल
नाच करावे बँगला में मुरलिधर बेन बजाव
मुरमुर मुरमुर बाजे सरंगी जिन्ह के रुन रुन बाजे सितार
तबला चटके रस बेनन के मुखचंद सितारा लाग
नाचे पतुरिया सिंहल दीप के लौंड़ा नाचे गोआलियरवाल
तोफा नाचे बँगला के बँगला होय परी के नाच
सात मन का कुण्डी दस मन का घुटना लाग
घैला अठारह सबजी बन गैल नौ नौ गोली अफीम
चौदह बत्ती जहरन के आल्हा बत्ती चबावत बाय
पुतली फिर गैल आँखन के अँखिया भैल रकत के धार
चेहरा चमके रजवाड़ा के लड़वैया शेर जवान
अम्बर बेटा है जासर के अपना कटले बीर कटाय
जिन्ह के चलले धरती हीले डपटै गाछ झुराय
ओहि समन्तर रुदल पहुँचल बँगला में पहुँचल जाय
देखल सूरत रुदल के आल्हा मन में करे गुनान
देहिया देखें तोर धूमिल मुहवाँ देखों उदास
कौन सकेला तोर पड़ गैल बाबू कौन ऐसन गाढ़
भेद बताब तूँ जियरा के कैसे बूझे प्रान हमार
हाथ जोड़ के रुदल बोलल भैया सुन धरम के बात
पड़ि सकेला है देहन पर बड़का भाइ बात मनाव
पूरब मारलों पुर पाटन में जे दिन सात खण्ड नेपाल
पच्छिम मारलों बदम जहौर दक्खिन बिरिन पहाड़
चार मुलुकवा खोजि ऐलों कतहीं नव जोड़ी मिले बार कुआँर
कनियाँ जामल नैना गढ़ में राजा इन्दरमन के दरबार
बेटी सयानी सम देवा के बर माँगल बाघ जुझर
बड़ि लालसा है जियरा में जो भैया के करौं
बियाह करों बिअहवा सोनवा से
एतना बोली आल्हा सुन गैल आल्हा मन मन करे गुनान
जोड़ गदोइ अरजी होय गैल बबुआ रुदल कहना मान हमार
जन जा रुदल नैनागढ़ में बबुआ किल्ला तूरे मान के नाहिं
बरिया राजा नैना गढ़ के लोहन में बड़ चण्डाल
बावन दुलहा के बँधले बा साढ़े सात लाख बरियात
समधी बाँधल जब गारत में अगुआ बेड़ी पहिरलन जाय
भाँट बजनियाँ कुल्हि चहला भैल मँड़वा के बीच मँझार
एकहा ढेकहो ढेलफुरवा मुटघिंचवा तीन हजार
मारल जेबव् नैनागढ़ में रुदल कहना मान हमार
केऊ बीन नव्बा जग दुनिया में जे सोनवा से करे बियाह
जन जा रुदल नैना गढ़ में बबुआ कहना मान हमार
प्रतना बोली रुदल सुन गैल रुदल बर के भैल अँगार
हाथ जोड़ के रुदल बोलल भेया सुनी बात हमार
कादर भैया तूँ कदरैलव् तोहरो हरि गैल ग्यान तोहार
धिरिक तोहरा जिनगी के जग में डूब गैल तरवार
जेहि दिन जाइब नैना गढ़ में अम्बा जोर चली तरवार
टूबर देहिया तूँ मत देखव् झिलमिल गात हमार
जेहि दिन जाइब नैना गढ़ में दिन रात चली तरवार
एतना बोली आल्हा सुन गैल आल्हा बड़ मोहित होय जाय
हाथ जोड़ के आल्हा बोलल बाबू सुनव् रुदल बबुआन
केत्त मनौलों बघ रुदल के बाबू कहा नव् मनलव् मोर
लरिका रहल ता बर जोरी माने छेला कहा नव् माने मोर
जे मन माने बघ रुदल से मन मानल करव् बनाय
एतना बोली रुदल सुन गैल रुदल बड़ मंड्गन होय जाय
दे धिरकारीरुदल बोलल भैया सुनीं गरीब नेवाज
डूब ना मूइलव् तूँ बड़ भाइ तोहरा जीअल के धिरकार
बाइ जनमतव् तूँ चतरा घर बबुआ नित उठ कुटतव् चाम
जात हमार रजपूतन के जल में जीबन है दिन चार
चार दिन के जिनगानी फिर अँधारी रात
दैब रुसिहें जिब लिहें आगे का करिहें भगवान
जे किछु लिखज नरायन बिध के लिखल मेंट नाहिं जाय

Sikandar_Khan
14-06-2011, 08:54 PM
नवमी गीत


१.
हमरा शीतलऽ मइया बड़ दुलरी,
मइया बड़ दुलरी मइया डोला चढ़ि आवेली हमार नगरी।
जाउ हम जनतीं अइहें हमार नगरी (जाउ=यदि)
मइया डगर बहरतीं दहिनवें अंचरी।

२.
नीमिया के डाढ़ मइया गावेली हिंडोलवा कि झूलि-झूलि ना।
झूलतऽ झूलतऽ मइया के लगली पिअसिया कि चलि भइली ना
मलहोरिया दुआर, मइया चलि भइली ना
सुतल बाड़े कि जागल रे मलिया
बूँद एक आहि के पनिया पिआव कि बूँद एक
कइसे में पनिया पिआईं मैया
कि बालका तोहार मोरे गोद
लेहु नाहि मालिनी बालका, सुताव सोने के खटोलवा कि बूँद एक
मोहिके पनिआ पिआव।
एक हाथ लेहली मालिन झँझरे गड़ुअवा
दोसरे हाथ सिंहासन
जइसन मालिन हमरे जुड़वलू ओहिसन पतोहिया जुड़ास,
धिअवा जुड़ास धीया बाढ़ो ससुरे, पतोह बाढ़ो नइहर
मइया केकरा के दीले असीस।
धीया बाढ़ो ससुरा, पतोह बाढ़े नइहर

३.
मइया के दुआरे हरियर पीपर
लाल धजा फहराई ए माया
मोहिनी भवानी जगतारन माया
अंचरा पसार भीख मांगेली बहुआरो देई
हमके सेनुरा भीख देई ए माया, मोहिनी भवानी
पटुका पसार भीख मांगेले कवन राम
हमके पुतवा भीख देई ए माया, मोहिनी भवानी...

४.
कहाँ रहनी ए मइया कहाँ रहनी
मइया पकवल रोटिया सेराई गइले, रउरा चरन में,
उहें रहनी उहें असी कोस के पयेंतवा
चलतऽ बटिया बिलम लगले
कहाँ रहनी ए मइया...

jeba2002
15-06-2011, 12:19 PM
बहुत अच्छे मित्र भोजपुरी माटी को और आगे बढ़ाओ

Sikandar_Khan
02-08-2011, 03:38 PM
पराती

हाथे लिहली खुरपी गड़ुअवे जुड़ पानी
चलली मदोदर रानी दावना छिरके पानी
टूटि गइले खुरपी, ढरकि गइले पानी
रोयेली मदोदर रानी, कवना छिनारी के बेटा रहलन फुलवारी
हम ना जननी ए रनिया राउरे फुलवारी
केकर घोड़वा माई रे ओएडें-गोएड़ें जाय
केकर धोड़वा माई रे सोझे दउड़ल जाए
ससुर भसुर के घोड़वा ओएड़े-गोएड़े जाय
कवना दुलहवा के घोड़वा माई रे सोझे उदड़ल जाय
रोयेली कवन सुभई मटुकवे पोंछे लोर
हँसेले कवन दुलहा, मुँहे खाले पान।

Sikandar_Khan
02-08-2011, 03:40 PM
पराती

मोर पिछुअरवा रे घन बंसवरिया
कोइलर बोले अनबोल,
सुतल रजवा रे उठि के बइठऽले
पसिया के पकड़ लेइ आउ रे
हँकड़हु -डँकड़हु गाँव-चकुदरवा
राजा जी के परे ला हँकार ए
कि राजा मारबि कि डांड़बि कि नग्र से उजारबि ए
नाहिं हम मारवि नाहिं गरिआइबि
नाहिं हम नग्र से उजारबिए।
जवना चिरइया के बोलिया सोहावन,
उहे आनि देहु रे।
डाढ़ि -डाढ़ि पसिया लगुसी लगावे,
पाते -पाते कोइलर लुकासु रे,
जेहिसन पसिया रे लवले उदबास, (उदबास=बेचैनी)
मुओ तोर जेठका पूतऽ ए।
तहरा के देब चिरई सोने के पिंजड़वा
खोरन दुधवा आहार रे।
जेहिसन पसिआ रे हमें जुड़वले
जिओ तोर जेठका पुतऽ रे।

Sikandar_Khan
02-08-2011, 03:42 PM
पराती
हम तेहि पूछिले सुरसरि गंगा, काहे रउआ छोड़िले अरार हे।
पिया माछर मारे ला बिन रे मलहवा,
ओहि मोरा छोड़िले अरार रे।
डालावा मउरिया लेके उतरे कवन समधी,
सोरहो सिंगार ले के उतरे कवन भसुर,
ओहि मोरा ढबरल पानी।

Sikandar_Khan
02-08-2011, 03:44 PM
पराती

ए जाहि रे जगवहु कवन देवा, जासु दुहावन।
ए दुधवा के चलेला दहेंडिया त,
मठवा के नारी बहे।
ए हथवा के लिहली अरतिया त,
मुँह देखेली सोरही सनेही।
ए जहि रे जगवहु कवन देही, जासु दुहावन।
ए हथवा के लिहली अरतिया, त
सोरही सनेही आरती निरेखेली ए। जाहिरे...

Sikandar_Khan
02-08-2011, 03:45 PM
पराती

आईं ना बरहम बाबा, बइठीं मोरे अंगनवा हे,
देबऽ सतरजिया बिछाइ ए।
गाई के घीव धूम हूम कराइबि,
आकासे चली जास ए।
आईं ना बरहम बाबा, बइठीं मोरे अंगनवा हे।
देबऽ सतरजिया बिछाई ए।
गाई के गोबर .. कब जग उगरिन होसु ए।
आईं ना काली माई, बइठीं मोरे अंगनवाँ हे,
देबऽ सतरजिया बिछाइ ए,
गाई के घीव धूम हम कराइबि,
कब जग उगरिन होसु हे।

Ranveer
22-12-2011, 09:24 PM
एक शादी विवाह में गाये जाने वाली गीत --

समधी धीरे धीरे रउवा आईँ,
राउर धोतिया मलिन होई जाई
अब धोबिया जे राउर बहनोइया
लेहब उनका से कपड़ा धोआई
समधी पांवे पांवे रउवा आईँ,
राउर जूतवा धूमिल हो जाई
अब मोचिया जे राउर बहनोइया
अब पालिश दिहे ओहिपे लगाई

Ranveer
22-12-2011, 09:27 PM
केकर बटिया निहारेलु गोरिया,
बईठल छितिज्वा के पास,
केकरा सपनवा में रहेलू गोरिया,
लागल अंचरवा में दाग

Ranveer
22-12-2011, 09:31 PM
तोहरा के देखनी दूल्हा बकरी चरावत हो
कईसे कईसे अइल दूल्हा बाबा के पसंद हो

तोहरा के देखनी दूल्हा हरवा चलावत हो
कईसे कईसे अइल दूल्हा भईया के पसंद हो

के अइसन वर खोजल बुडबक गवार हो
बाड़ा लज्कोकड़ बा की खूब दतचीयार हो

बाबा के अंखिया लागल रहे मधुमखिया हो
ओही आँखे कईले बाबा दूल्हा पसंद हो

भईया के अंखिया लागल रहे मधुमखिया हो
ओही आँखे कईले भईया दूल्हा पसंद हो

Ranveer
24-12-2011, 09:21 PM
इस गीत में लड़की और लड़के में फर्क पर टिप्पणी की गयी है -



एके कोखी बेटा जन्मे एके कोखी बेटिया
दू रंग नीतिया
काहे कईल हो बाबू जी
दू रंग नीतिया
बेटा के जनम में त सोहर गवईल अरे सोहर गवईल
हमार बेरिया, काहे मातम मनईल हमार बेरिया
दू रंग नीतिया
काहे कईल हो बाबू जी
दू रंग नीतिया
बेटा के खेलाबेला त मोटर मंगईल अरे मोटर मंगईल
हमार बेरिया, काहे सुपली मऊनीया हमार बेरिया
दू रंग नीतिया
काहे कईल हो बाबू जी
दू रंग नीतिया
बेटा के पढ़ाबेला स्कूलिया पठईल अरे स्कूलिया पठईल
हमार बेरिया, काहे चूल्हा फूँकवईल हमार बेरिया
दू रंग नीतिया
काहे कईल हो बाबू जी
दू रंग नीतिया
बेटा के बिआह में त पगड़ी पहिरल अरे पगड़ी पहिरल
हमार बेरिया, काहे पगड़ी उतारल हमार बेरिया
दू रंग नीतिया
काहे कईल हो बाबू जी
दू रंग नीतिया
एके कोखी बेटा जन्मे एके कोखी बेटिया
दू रंग नीतिया
काहे कईल हो बाबू जी दू रंग नीतिया

(आभार -अंतर्जाल )

pankaj bedrdi
24-12-2011, 10:56 PM
बहुत अच्छा भाइ आगे पोस्ट करो

ndhebar
25-12-2011, 08:19 AM
इस गीत में लड़की और लड़के में फर्क पर टिप्पणी की गयी है -



एके कोखी बेटा जन्मे एके कोखी बेटिया
दू रंग नीतिया
काहे कईल हो बाबू जी
दू रंग नीतिया
बेटा के जनम में त सोहर गवईल अरे सोहर गवईल
हमार बेरिया, काहे मातम मनईल हमार बेरिया
दू रंग नीतिया
काहे कईल हो बाबू जी
दू रंग नीतिया
बेटा के खेलाबेला त मोटर मंगईल अरे मोटर मंगईल
हमार बेरिया, काहे सुपली मऊनीया हमार बेरिया
दू रंग नीतिया
काहे कईल हो बाबू जी
दू रंग नीतिया
बेटा के पढ़ाबेला स्कूलिया पठईल अरे स्कूलिया पठईल
हमार बेरिया, काहे चूल्हा फूँकवईल हमार बेरिया
दू रंग नीतिया
काहे कईल हो बाबू जी
दू रंग नीतिया
बेटा के बिआह में त पगड़ी पहिरल अरे पगड़ी पहिरल
हमार बेरिया, काहे पगड़ी उतारल हमार बेरिया
दू रंग नीतिया
काहे कईल हो बाबू जी
दू रंग नीतिया
एके कोखी बेटा जन्मे एके कोखी बेटिया
दू रंग नीतिया
काहे कईल हो बाबू जी दू रंग नीतिया

(आभार -अंतर्जाल )

yahi hamare lokgeeton ki khasiyat hai kathin se kathin baat ko saral lahaje men kah dena.