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View Full Version : film review(फिल्म समीक्षा):- डबल धमाल (double dhamaal)


bhoomi ji
25-06-2011, 11:07 AM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=11240&stc=1&d=1308982040

bhoomi ji
25-06-2011, 11:35 AM
"DOUBLE DHAMAAL" star cast
संजय दत्त-इन्पेक्टर कबीर नायक
अरशद वारसी-आदि
जावेद जाफरी-मानव
रितेश देशमुख-रॉय
आशीष चौधरी-बोमन
मल्लिका शेहरावत-कामिनी
कंगना रानावत-किया
सतीश कौशिक-बाटा भाई

निर्देशक-इंद्र कुमार
निर्माता-अशोक ठाकरिया,इंद्र कुमार

bhoomi ji
25-06-2011, 11:37 AM
"डबल धमाल":-कहीं सुर कहीं ताल


किसी फिल्म को आंशिक भी सफलता मिलती है तो उसका सीक्वल बनना तय मानिए....ये बालीवुड का नया ट्रेंड है..डबल धमाल इसी ट्रेंड के अंतर्गत बनी एक ऐसी कामेडी फिल्म है जिसे देखने के लिए आपको अपना दिमाग घर पे ही छोडना पड़ेगा..गलती से दिमाग सिनेमाघर तक साथ ले गए तो दिक्कत शुरू हो जायेगी...

bhoomi ji
25-06-2011, 11:37 AM
जी हाँ इधर कामेडी के नाम पर ज्यादातर ऐसी ही फिल्मे बन रही हैं और सफल भी हो रही हैं...ऐसी फिल्मो की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इनमे कहानियाँ नदारद रहती हैं....डबल मीनिंग वाले डायलोग और अंग प्रदर्शन के सहारे फिल्मकार अपना काम निकाल लेता है...अगर बड़े स्टारों के साथ ये फिल्मे ना बने तो पहले ही शो मे इनका कचूमर निकलना तय है.......

bhoomi ji
25-06-2011, 11:40 AM
आइये बात करते हैं फिल्म की कहानी की:

सगी बहन कंगना रानावत और लवर मल्लिका शेहरावत के साथ मिलकर वन टू का फोर करते हुए पैंसे कमा रहा कबीर नायक (संजय दत्त ) तब मुश्किल मे पड़ता जब उसके पूर्व परिचित चार सडकछाप आदि (अरशद वारसी), मानव (जावेद जाफरी), बमन (आशीष चौधरी ) और रॉय (रितेश देशमुख) उसे मिल जाते हैं और असलियत जानने के नाम पर ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं..कबीर इन्हें बड़ी चालाकी से लाइन मे लाता है और खूब छकाता है,,

bhoomi ji
25-06-2011, 11:40 AM
इसके बाद शुरू होता है बदले का खेल...
बदले की आग से भभक रहे इन चरों जनो का मुंबई से मकाऊ तक पहुँच जाना और फिर वहां कबीर से बदला लेने का घटनाक्रम थोडा बहुत बांधता है.. बीच मे लोकल डान के रूप मे सतीश कौशिक की एंट्री भी प्रभावित करती है...वैसे सम्पूर्णता मे फिल्म की कहानी इनती तितर बितर है कि कोई भी सिर ढंग से पकड़ मे नहीं आता है....

bhoomi ji
25-06-2011, 11:41 AM
अब बात करते हैं अभिनय की:

इस फिल्म मे किसी भी कलाकार के अभिनय ने प्रभावित नहीं किया है..दरअसल किसी भी किरदार मे उन्हें करने के लिए कुछ भी नयापन नहीं है....इस स्थिति मे बेचारे स्टार भी क्या करें?पचासों बार परदे पर दोहराई गयी कामिक सिचुएशन फिर से रिपीट की जाय तो परेशानी हो ही जाती है...लेकिन आइटम सोंग "जलेबी बाई" हिट है..मुन्नी और शीलाओं वाले आइटम के इस दौर मे आगे की कड़ी जलेबी बाई है:cheers:

bhoomi ji
25-06-2011, 11:42 AM
"रेटिंग"


फिल्म को मिले हैं २/५ रेटिंग पॉइंट........फिल्म को एक बार देखा जा सकता है....लेकिन उसके लिए शर्त ये है कि आपको अपना दिमाग घर मे छोड कर आना होगा:giggle:...फिल्म मे दिखाए गए दृश्यों पर अगर आप दिमाग लगाएंगे तो सर पकड़ कर बैठ जाओगे.......:bang-head:....कई सीन और संवाद आप पहले भी देख चुके हैं......लेकिन कुछ दृश्य जरुर बाँधने मे कामयाब रहते हैं.......:bravo:

arvind
25-06-2011, 11:47 AM
"रेटिंग"


फिल्म को मिले हैं २/५ रेटिंग पॉइंट........फिल्म को एक बार देखा जा सकता है....लेकिन उसके लिए शर्त ये है कि आपको अपना दिमाग घर मे छोड कर आना होगा:giggle:...फिल्म मे दिखाए गए दृश्यों पर अगर आप दिमाग लगाएंगे तो सर पकड़ कर बैठ जाओगे.......:bang-head:....कई सीन और संवाद आप पहले भी देख चुके हैं......लेकिन कुछ दृश्य जरुर बाँधने मे कामयाब रहते हैं.......:bravo:




अब तो मुझे ये फिल्म देखनी ही पड़ेगी, क्योंकि सबसे बड़ी वजह (लाल रंग मे) यहा उपलब्ध है। और कौन मेरा साथ देगा, यानि मेरे साथ फिल्म देखने चलेगा (मुर्गा फंसा कर फिल्म देखने का मजा ही कुछ और है :giggle:)

bhoomi ji
25-06-2011, 11:55 AM
अब तो मुझे ये फिल्म देखनी ही पड़ेगी, क्योंकि सबसे बड़ी वजह (लाल रंग मे) यहा उपलब्ध है। और कौन मेरा साथ देगा, यानि मेरे साथ फिल्म देखने चलेगा (मुर्गा फंसा कर फिल्म देखने का मजा ही कुछ और है :giggle:)
मतलब कि आपको दिमाग घर मे ही छोड़ने की आदत है....:giggle: कहीं आप फोरम पे भी तो.......:elephant:

arvind
25-06-2011, 12:03 PM
मतलब कि आपको दिमाग घर मे ही छोड़ने की आदत है....:giggle: कहीं आप फोरम पे भी तो.......:elephant:
आप कितनी अक़्लमंद है, कितनी जल्दी सच को समझ गई। इसे कहते है - human with mind।
अपने पास तो खाली खोपड़ी है - भेजा है ही नहीं, सो कही ले के कैसे जा सकता हूँ। एक फायदा भी है - 1 kg वजन भी नहीं ढोना पड़ता है।

bhoomi ji
25-06-2011, 12:05 PM
आप कितनी अक़्लमंद है, कितनी जल्दी सच को समझ गई। इसे कहते है - human with mind।
अपने पास तो खाली खोपड़ी है - भेजा है ही नहीं, सो कही ले के कैसे जा सकता हूँ। एक फायदा भी है - 1 kg वजन भी नहीं ढोना पड़ता है।

इस तरह से आपका टोटल वजन कितन "ग्राम" हो जाता है ????:crazyeyes:

ndhebar
25-06-2011, 12:32 PM
इस तरह से आपका टोटल वजन कितन "ग्राम" हो जाता है ????:crazyeyes:
कुल २२५० ग्राम
मैंने खुद वजन किया है

bharat
27-06-2011, 05:03 AM
फिल्म का प्रोमो देखकर तो देखने का मन हुआ था! अब शायद जब तक dvd इन्टरनेट पर नहीं आएगी तब न देखूं!वैसे समीक्षा ज़ोरदार की गयी है!

jitendragarg
27-06-2011, 10:37 AM
to, madam, aapke hisaab se, film dekne jana chahiye ya dvd ka wait karoon?

jitendragarg
27-06-2011, 10:39 AM
मतलब कि आपको दिमाग घर मे ही छोड़ने की आदत है....:giggle: कहीं आप फोरम पे भी तो.......:elephant:

kya aap kahaan ki baat kar rahi. arvind bhai ko jab bhagwaan ne dimaag baata tha, wo to tabhi wahi swarg me chhod aaye the! :giggle: :lol:

arvind
27-06-2011, 11:24 AM
kya aap kahaan ki baat kar rahi. arvind bhai ko jab bhagwaan ne dimaag baata tha, wo to tabhi wahi swarg me chhod aaye the! :giggle: :lol:
सच्चाई से सबको अवगत कराने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।:elephant:

bhoomi ji
27-06-2011, 04:53 PM
फिल्म का प्रोमो देखकर तो देखने का मन हुआ था! अब शायद जब तक dvd इन्टरनेट पर नहीं आएगी तब न देखूं!वैसे समीक्षा ज़ोरदार की गयी है!

धन्यवाद भारत जी
to, madam, aapke hisaab se, film dekne jana chahiye ya dvd ka wait karoon?
अगर आप इस फिल्म को धमाल की तरह सोचकर देखने जा रहे हो तो फिर फिल्म ना ही देखो.......:cheers:

ndhebar
29-06-2011, 02:24 PM
Boring............... :bang-head::bang-head:

जबरदस्ती का कुछ भी अच्छा नहीं लगता है, चाहे वो हास्य ही क्यों ना हो

Dhamaal is a class and Double Dhamaal is totly BAKBAAS

pankaj bedrdi
29-06-2011, 05:16 PM
मेरे ख्याल से एक सुत्र मै सभी फिल्म समिक्षा डाला जाये

bhoomi ji
29-06-2011, 08:40 PM
Boring............... :bang-head::bang-head:

जबरदस्ती का कुछ भी अच्छा नहीं लगता है, चाहे वो हास्य ही क्यों ना हो

Dhamaal is a class and Double Dhamaal is totly BAKBAAS
सही बात है इससे अच्छा अपना वक्त कहीं और बिताओ बजाय सिनेमाघर के :cheers:
मेरे ख्याल से एक सुत्र मै सभी फिल्म समिक्षा डाला जाये

इस पर विचार किया जा रहा है :bravo:

kareenagosip
13-09-2011, 11:35 AM
Double dhamaal is the best movie of sanjay duth this years