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View Full Version : चूहों को पुत्र का दर्जा


anjaan
02-07-2011, 07:43 PM
आंकड़े बोलते हैं कि हर साल चूहे करोड़ों की संपत्ति बर्बाद कर देते हैं। कमोबेश हर आदमी इसके आतंक से पीडि़त है। वहीं, एक शख्स को चूहों से इतना लगाव हुआ कि उसे घर का ही सदस्य बना लिया। तदुपरांत चूहों को पुत्र का दर्जा दे दिया।

सरैया पुल चौक निवासी राम प्रसाद [25] साह चाय-नाश्ते की दुकान चलाते हैं। इनकी छह माह की एक बिटिया है। इन्हें शुरू से ही चूहों से लगाव रहा। दुकान के सामान को नुकसान पहुंचाने पर भी वे चूहों पर गुस्सा नहीं उतारते थे। वे उन्हें घर का सदस्य बनाना चाहते थे। उनकी यह इच्छा उस समय पूरी हुई, जब वे पिछले साल सोनपुर मेले में घूमने गए। वहां उन्होंने विलायती चूहे को बिकते देखा तो आनन-फानन में एक जोड़ा खरीद लिया। एक वर्ष में चालीस चूहे हो गए। पालने का संकट उत्पन्न हो गया। दूर-दराज से लोग चूहे को गोद लेने के लिए इनके पास मंडराने लगे। तब दो जोड़े चूहे अपने पास रख शेष को बांट दिया। साथ ही, ठीक से देखभाल के लिए भी हिदायत दी।

anjaan
02-07-2011, 07:43 PM
राम प्रसाद बताते हैं कि ये चूहे हमेशा उनकी सुरक्षा करते हैं। इनकी खासियत यह है कि दुकान में रखे कपड़े, खाद्य पदाथरें, कागजात आदि को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। अन्य चूहे इन्हें देखते ही भाग खड़े होते हैं। इनका मुख्य भोजन अंकुरित चने व हरी दूब है। ये चूहे हर वक्त बच्चों की तरह रामप्रसाद से लिपटे रहते हैं। स्थानीय गावपुर निवासी ध्रुव कुमार गिरि, अमरनाथ झा, भगवतपुर निवासी बालेश्र्र्वर साह, सरायरंजन निवासी राजेश राय ने बताया कि राम प्रसाद की प्रेरणा से ही वे पिछले चार-पांच माह से गोद लिये चूहों को पाल रहे हैं।

पर्यावरणविद शिव शंकर ने बताया कि सभी जीव-जंतुओं की अपनी-अपनी भूमिकाएं होती हैं। जीवों के प्रति लगाव पर्यावरण के लिए लाभदायक है।

केएसआर कॉलेज के जंतु विज्ञान विभाग के प्रो. दयानंद चौधरी ने बताया कि विलायती चूहा मूलत: शंकर नस्ल [इंग्लैंड] का है। तीन दशक पूर्व इसे लंदन की क्यू जैविक प्रयोगशाला में विकसित किया गया था। इसका जैविक नाम एमयूएस एमयूएस सीयूएलएस है।

Nitikesh
02-07-2011, 08:03 PM
रोचक जानकारी है...

bharat
31-07-2011, 01:49 AM
अजब गजब लोग!

Michael11
20-09-2011, 11:53 PM
सच में आप ने बहुत बहुत ही अच्छी जानकारी di ha .