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View Full Version : जब जरूरत हो खून चढ़ाने की


bhavna
08-09-2011, 08:13 AM
तमाम बीमारियों और ऑपरेशनों में ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ जाती है।
ऐसे में मरीज के घरवालों के सामने असली चुनौती यह होती है
कि वे सेफ ब्लड का इंतजाम कहां से करें। साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है
कि मरीज को ब्लड चढ़ाने का प्रॉसेस ठीक तरीके से पूरा हो
और उसमें पूरी तरह से सावधानी बरती जाए।
अगर ब्लड की जरूरत पड़ जाए तो किन बातों का रखें ध्यान,
आइये जानते हैं क्या है एक्सपर्ट्स की राय ........................

bhavna
08-09-2011, 08:13 AM
अगर किसी मरीज को ब्लड या उसके दूसरे कम्पोनेंट्स की जरूरत है, तो सबसे पहले डोनर का इंतजाम करना पड़ता है, जिससे ब्लड के बदले ब्लड दिया जा सके। इसे रिप्लेसमेंट डोनेशन कहते हैं। वैसे, लॉयंस व रोटरी ब्लड बैंक सिर्फ प्रॉसेसिंग चार्ज लेकर बिना रिप्लेसमेंट के ही ब्लड दे देते हैं। इमर्जेंसी में दूसरे ब्लड बैंक भी बिना डोनेशन के ही ब्लड दे देते हैं।

bhavna
08-09-2011, 08:14 AM
तरीका क्या है
-डॉक्टर के ब्लड की जरूरत बताने के बाद अस्पताल में ही किसी ब्लड बैंक का फॉर्म मिल जाता है। इस फॉर्म को लेकर मरीज के घरवाले डॉक्टर से भरवा लें। फॉर्म पूरा भरा होना चाहिए। इस फॉर्म में मरीज की उम्र, सेक्स, ब्लड ग्रुप, जो ब्लड ग्रुप चाहिए के अलावा और भी कई जानकारियां होती हैं। इस फॉर्म पर डॉक्टर के साइन और अस्पताल की मुहर लगवा लें।

bhavna
08-09-2011, 08:14 AM
इसके दौरान मरीज के ब्लड का सैंपल लिया जाता है। यह सैंपल दो ट्यूबों में लिया जाना चाहिए।
एक प्लेन ट्यूब में 3 एमएल और दूसरी ईडीटीए केमिकल वाली ट्यूब में 2 से 3 एमएल। दो ट्यूब इसलिए ली जाती हैं, ताकि जांच में समस्या होने पर दोबारा सैंपल लेने न भेजना पड़े। ब्लड बैंक सात दिन तक मरीज के ब्लड का सैंपल संभालकर रखते हैं, जिससे मरीज को किसी तरह का रिएक्शन होने पर उसके ऑरिजिनल ब्लड की जांच की जा सके।

bhavna
08-09-2011, 08:14 AM
सैंपल ब्लड बैंक में आ जाने पर सबसे पहले देखा जाता है कि किस ग्रुप का ब्लड चाहिए। फिर लाए गए सैंपल के ब्लड ग्रुप की जांच होती है। उसके बाद ऐंटीबॉडी स्क्रीनिंग की जाती है। अब ब्लड बैंक में मौजूद उसी ग्रुप के ब्लड से सैंपल का क्रॉस मैच होता है। पूरी तरह कंफर्म करने के लिए एक बार फिर बैंक में मौजूद खून की जांच करते हैं। फिर से दोनों तरह के ब्लड को मैच किया जाता है। इस काम में एक से डेढ़ घंटा लग सकता है। इसके बाद ब्लड इश्यू किया जाता है।

bhavna
08-09-2011, 08:14 AM
इश्यू करते वक्त ब्लड बैग पर स्टिकर लगाया जाता है और क्रॉसमैच की रिपोर्ट भी दी जाती है। ऐसे में ब्लड बैग और फॉर्म पर लिखे डिटेल्स का मिलान कर लेना चाहिए। मसलन: मरीज का नाम, ब्लड ग्रुप व सीरियल नंबर और दूसरी सूचनाएं।

bhavna
08-09-2011, 08:14 AM
ब्लड चढ़ जाने के बाद मरीज नॉर्मल तरीके से खाना खा सकता है,
चाय व पानी पी सकता है। ठीक महसूस करे तो नहा भी सकता है।

bhavna
08-09-2011, 08:15 AM
सरकारी ब्लड बैंकों में क्रॉस मैचिंग या टेस्टिंग के लिए 850 रुपये लिए जाते हैं। ब्लड के कंपोनेंट्स के लिए 400 रुपये चार्ज किए जाते हैं। इसमें हिपेटाइटिस बी, सी, एचआईवी, वीडीआरएल आदि संक्रामक रोगों की जांच और ब्लड बैग का खर्च भी शामिल होता है। प्राइवेट ब्लड बैंकों में अलग-अलग टेस्ट भी साथ में करते हैं, इसलिए उनके चार्जेज भी अलग-अलग हैं। इन्हें सर्विस चार्ज कहा जाता है। वहां ये चार्ज 5 हजार रुपये तक भी हो सकते हैं।

bhavna
08-09-2011, 08:15 AM
सावधानी
-बेहद जरूरी न हो, तो ब्लड चढ़वाने से बचना चाहिए।

bhavna
08-09-2011, 08:15 AM
हमेशा लाइसेंस वाले या प्रमाणित ब्लड बैंक से ही ब्लड लें।

bhavna
08-09-2011, 08:15 AM
ब्लड बैग पर लिखी एक्सपायरी डेट देख लें।

-ब्लड वाले बैग को साफ हाथों से छुएं।

bhavna
08-09-2011, 08:15 AM
ब्लड ले जाते वक्त सावधानी रखें कि उसका तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक बना रहे।
इसके लिए थर्मोकोल के बॉक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ब्लड को बर्फ के साथ नहीं रखना चाहिए।

bhavna
08-09-2011, 08:16 AM
अगर ब्लड चढ़ने में कुछ देर हो तो बैग ले जाकर अस्पताल के रेफ्रिजरेटर में रखवा देना चाहिए।
चढ़ाने से पहले देख लें कि मरीज के लिए जो ब्लड लाया गया है, वही चढ़ाया जा रहा है या नहीं।
इसके लिए ब्लड बैग पर लिखे डिटेल्स चेक कर लें।

bhavna
08-09-2011, 08:16 AM
देख लेना चाहिए कि ब्लड में किसी तरह की क्लॉटिंग या जमाव तो नहीं है।
कई बार बैग में प्लाज्मा ऊपर रह जाता है और रेड सेल नीचे जमा हो जाते हैं।
ऐसे ब्लड को चढ़ाने लायक नहीं माना जाता।
ऐसा तापमान में बदलाव आने के कारण होता है।

bhavna
08-09-2011, 08:16 AM
आम धारणा है कि ब्लड चढ़ाने से पहले उसे कमरे के तापमान तक गर्म कर लेना चाहिए,
पर विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लड को वॉर्म करने की जरूरत नहीं होती।

bhavna
08-09-2011, 08:16 AM
आमतौर पर ब्लड की 10 से 20 बूंदें प्रति मिनट के हिसाब से चढ़ाई जाती हैं पर मरीज की हालत के मुताबिक उसे कम-ज्यादा भी किया जा सकता है। पहले आधे घंटे निगरानी की जरूरत होती है, इसलिए ब्लड धीरे-धीरे चढ़ाया जाता है, जिससे कोई रिएक्शन होने पर तुरंत काबू पाया जा सके । ज्यादातर रिएक्शन पहले आधे घंटे में ही होते हैं। मसलन: एलर्जी, चकत्ते पड़ना, हल्का बुखार, उल्टी आना, घबराहट, कंपकंपी या जहां सुई लगी है, वहां दर्द होना। मरीज का बीपी भी कम हो सकता है।

bhavna
08-09-2011, 08:16 AM
अगर लगे कि मरीज को कंपकंपी, बुखार या खारिश जैसी कोई शिकायत हो रही है, तो ब्लड चढ़ाना रोक दें। ऐसा ब्लड ज्यादा चढ़ाने से किडनी तक में दिक्कत हो सकती है। हटाए गए ब्लड को दोबारा नहीं चढ़ाया जाता और उसे वापस ब्लड बैंक भेजा जाता है।

bhavna
08-09-2011, 08:17 AM
खून चढ़ाने पर कुछ संक्रामक रोग भी हो सकते हैं जैसे वायरल बुखार या हिपेटाइटिस बी, सी, मलेरिया, सिफलिस और एचआईवी आदि।

bhavna
08-09-2011, 08:17 AM
डोनर का खून लेने के बाद उसमें इन बीमारियों की जांच ब्लड बैंक में अच्छी तरह से की जाती है, तो भी जीरो रिस्क ब्लड ट्रांसफ्यूजन संभव नहीं होता। इसीलिए जब बेहद जरूरी हो, तभी खून चढ़वाना चाहिए।

bhavna
08-09-2011, 08:17 AM
ध्यान रखें कि मरीज को गलत ग्रुप का ब्लड न चढ़ जाए। यह जानलेवा भी हो सकता है। इसके लिए सैंपल वाली टेस्ट ट्यूबों पर ब्लड निकालने वाले ड्यूटी डॉक्टर के सिग्नेचर होने जरूरी हैं। जांच लें कि जो जानकारी लेबल पर है, वही फॉर्म पर हो।

bhavna
08-09-2011, 08:17 AM
ब्लड चढ़ाने के साथ कोई दूसरी दवाई उस नली से नहीं चढ़ानी चाहिए।
उससे रिएक्शन होने का खतरा रहता है।

bhavna
08-09-2011, 08:17 AM
जिस पाइप से ब्लड चढ़ाया जाना है, उसमें हवा न भर जाए।
ब्लड के साथ हवा भी चढ़ा दी जाए तो हार्ट अटैक हो सकता है और जान भी जा सकती है।

bhavna
08-09-2011, 08:18 AM
जिन लोगों को बार-बार ब्लड की जरूरत पड़ती है,
उनमें यह देख लेना चाहिए कि ब्लड चढ़ाने से एलर्जी तो नहीं हो रही।

bhavna
08-09-2011, 08:18 AM
ये भी जानिए
दो टाइप के बैग आते हैं। उनमें रखे गए ब्लड की एक्सपाइरी डेट या लाइफ अलग-अलग होती है। एक बैग में 35 दिन एक बैग में 42 दिन ब्लड चलता है। जिस बैग में 42 दिन चलता है उसमें एड सोल नाम का लिक्विड डाला जाता है। वह थोड़ा महंगा पड़ता है।

bhavna
08-09-2011, 08:18 AM
कौन-कौन सी जांच
जब ब्लड दिया जाता है तो उस पर लगे लेबल में लिखा रहता है कि इसकी एचआईवी, हेपटाइटिस बी-सी, वीडीआरएल और मलेरिया की जांच की गई है।

bhavna
08-09-2011, 08:18 AM
कितने दिन पहले
अगर कोई अपनी सर्जरी के लिए अपना ब्लड देना चाहता हो और उसका हीमोग्लोबिन ठीक रेंज में हो, सर्जरी भी नॉर्मल हो तो एक सप्ताह या 15 दिन पहले भी ब्लड ले सकते हैं। लेकिन अगर हीमोग्लोबिन कम हो तो एक महीना पहले लेते हैं। मूलरूप से यह देखा जाता है कि किसी का हीमोग्लोबिन किस रेंज में है और ऑपरेशन जिसके लिए ब्लड चाहिए वह किस लेवल का है।

bhavna
08-09-2011, 08:19 AM
टेस्टिंग में वक्त
ब्लड की टेस्टिंग एक दिन में हो जाती है।

bhavna
08-09-2011, 08:19 AM
कॉमन इन्फेक्शन
ब्लड चढ़वाने से एचआईवी, हेपटाइटिस-बी व सी, सिफलिस और मलेरिया आदि बीमारियां हो सकती हैं। ब्लड की जांच में इन्हें निगेटिव पाए जाने पर भी नहीं कहा जा सकता कि आगे जाकर ये बीमारियां नहीं होंगी। इस मामले में सौ प्रतिशत सेफ्टी का दावा नहीं किया जा सकता।

bhavna
08-09-2011, 08:19 AM
ब्लड की सेफ्टी
सौ प्रतिशत सेफ ब्लड का दावा कोई नहीं कर सकता। बस आप उन्हीं बैंकों से ब्लड लें,
जिनके पास लाइसेंस हो।

bhavna
08-09-2011, 08:19 AM
खून बढ़ाने के तरीके
होम्योपथी
-जब ब्लड की कमी किसी भी तरह के एनीमिया से हो रही हो, तो इनमें से एक दवा लें: फैरम मैट-30 ( Ferrum Mat) , फैरम फॉस-30 ( Ferrum Phos) , चाइना-30 (China) या फॉस्फोरस-30 ( Phosphorus )

- अगर ब्लड कैंसर, ल्यूकेमिया या मल्टिपल मायलोमा की वजह से ब्लड में कमी आ रही हो तो इनमें से कोई एक दवा लें : एक्सरे-30 ( Xray) , रेडियम ब्रॉम-30 ( Radium Brom) या काबोर्नियम सल्फ-30 ( Carboneum Sulph )

- अगर पौष्टिक भोजन की कमी से ब्लड में कमी हो रही हो तो इनमें से एक लें: आर्स. अल्बम-30 ( Ars. Album) , कल्केरिया फॉस-30 ( Calc. Phos) या फॉस्फोरिक एसिड-30 ( Phosphoric Acid )

दवा लेने का तरीका: कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के न लें। दवा की चार से पांच गोली दिन में तीन बार लें।

bhavna
08-09-2011, 08:19 AM
नेचरोपथी
नेचरोपथी में ऐसी कई क्रियाएं हैं, जिन्हें करने से शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है और बेहतर सेहत पाई जा सकती है। इनमें से खास हैं:

- 15 से 20 दिन तक रोजाना मिट्टी की पट्टी पेट पर रखें। ऐसा 20 मिनट के लिए रखना चाहिए। इसे खाली पेट करें।

-सुबह खाली पेट दो गिलास पानी पीकर कटि स्नान करें। इसके लिए पानी से भरे टब में इस तरह से बैठ जाएं कि पूरा पेट पानी में डूब जाए। ऐसा 15-20 मिनट तक रोजाना एक महीने तक करना चाहिए। टब में बैठने के दौरान पेट की हल्के हाथ से मालिश करें। बाहर निकलने के बाद ऊपर-नीचे के दांत दबाकर बाथरूम जाएं।

-मलमल के कपड़े की छह फुट की पट्टी बना लें। उसे गीला करके अपने पेट पर 10 मिनट के लिए लपेट लें। बाद में पोंछ लें। यह क्रिया खाली पेट करनी है।

-खाना खाने के बाद आधे घंटे के लिए गरम पानी की बोतल को पेट पर रखने से भोजन तुरंत पचता है। इससे खून बनता है।

-खाना खाने से पहले पैरों को जरूर धोएं। पैरों को भिगोने से लिवर का फंक्शन ठीक होने लगता है।

-इन क्रियाओं को किसी योग्य नेचरोपैथ से सीखकर ही करना चाहिए।

bhavna
08-09-2011, 08:20 AM
मुद्रा विज्ञान
प्राण मुद्रा: अंगूठा और आखिरी दोनों उंगलियों को मिलाने से बनती है प्राण मुद्रा। इस मुद्रा का अभ्यास उठते-बैठते कभी भी कर सकते हैं। इस मुद्रा लगातार अभ्यास करने से प्राणशक्ति का संचार होता है और खून बढ़ता है। एक महीने लगातार की जाए, तो शरीर की कमजोरी दूर होती है।

bhavna
08-09-2011, 08:20 AM
शक्तिवर्धिनी मुद्रा: यह सिर्फ बैठकर ही की जा सकती है। इसमें दोनों हाथों का इस्तेमाल होता है। पहले दोनों हाथों को इस तरह उलटा करें कि उंगलियों पर उंगलियां फिट बैठ जाएं। बाएं हाथ की सबसे छोटी उंगली दाएं हाथ की पहली उंगली पर आएगी। इस मुद्रा को दिनभर में अलग-अलग समय पर किया जा सकता है। कुल मिलाकर 45 मिनट तक करें। इससे कुछ ही दिनों में खून में आरबीसी, डब्ल्यूबीसी और प्लाज्मा संतुलन में आ जाते हैं।

bhavna
08-09-2011, 08:20 AM
योग
शरीर में खूनहीं बन रहा है तो इसका मतलब है कि आपका पाचन तंत्र और लिवर अपना काम ठीक से नहीं कर रहे। शरीर की धातुएं ठीक से काम नहीं कर रहीं। खून न बनने के इसके अलावा और भी कई कारण हो सकते हैं।

bhavna
08-09-2011, 08:20 AM
अगर बोनमैरो में खराबी या कैंसर की वजह से खून न बन रहा हो तो 10-15 तुलसी के पत्तों का पेस्ट बनाकर रोजाना सुबह खाली पेट लें। साथ में बहुत धीरे-धीरे कपालभाति, अनुलोम-विलोम व भस्त्रिका करें।

bhavna
08-09-2011, 08:20 AM
किसी भी वजह से खून की कमी हो, मन में सकारात्मक भाव बनाए रखें और खुश रहें।
नकारात्मक भाव या नाखुश रहने से खून कम हो जाता है।
पुरानी समस्याओं से बाहर निकलें। प्रकृति के करीब जाने की कोशिश करें।

bhavna
08-09-2011, 08:21 AM
कौन-सा ग्रुप किसे ब्लड दे सकता है और किसे नहीं?
ओ ग्रुप यूनिवर्सल डोनर है। ओ पॉजिटिव वाला सभी पॉजिटिव ग्रुप वाले लोगों को खून दे सकता है। ओ नेगेटिव वाला सभी को दे सकता है। आमतौर पर क्रॉस मैचिंग करके ही सेम ग्रुप वाले को ब्लड दिया जाता है। मैचिंग के वक्त ऐंटीबॉडीज की भी जांच कर लेते हैं। अगर कोई भी ग्रुप मैच नहीं हो रहा तो ओ नेगेटिव बेस्ट है। इमरजेंसी में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे किसी तरह का नुकसान नहीं होता।

bhavna
08-09-2011, 08:21 AM
अगर पाचन तंत्र में गड़बड़ी की वजह से खून न बन रहा हो तो रोजाना बहुत धीरे-धीरे 5-7 मिनट तक कपालभाति, लेटकर कटिचक्रासन, एक-एक पैर से पवनमुक्तासन, भुजंगासन व मण्डूकासन करें। इन्हें इसी क्रम से करें। इसके बाद अनुलोम-विलोम प्राणायाम व भस्त्रिका प्राणायाम धीरे-धीरे करें।

bhavna
08-09-2011, 08:21 AM
किन बीमारियों में ब्लड लेने या चढ़ाने की जरूरत पड़ती है?
ऐसी कई बीमारियां और स्थितियां हैं जिनमें आमतौर ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ ही जाती है। इनमें से कुछ खास बीमारियां और स्थितियां इस तरह हैं: एक्सिडेंट के मामले, डिलिवरी संबंधी केस, किसी भी तरह की ब्लीडिंग, सभी बड़े ऑपरेशन, ऑर्गन या हिप ट्रांसप्लांटेशन, थैलीसिमिया, एप्लास्टिक एनीमिया, कैंसर के इलाज या कीमोथेरेपी के वक्त, डायलिसिस, हीमोफीलिया और संबंधित रोगों में, डेंगू, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा के रेड सेल्स की कमी होने और डब्ल्यूबीसी के रूप में। इसके अलावा और भी बहुत-सी बीमारियां हैं जिनमें ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।

bhavna
08-09-2011, 08:21 AM
क्या अपने लिए अपना ब्लड यूज कर सकते हैं?
हां, ऐसा मुमकिन है। कोई शख्स अगर चाहे तो अपनी सर्जरी में अपना ही खून इस्तेमाल कर सकता है। पहले से तय ऑपरेशनों और सर्जरी के मामलों में कोई शख्स सर्जरी से चार-पांच दिन पहले ब्लड बैंक जाकर अपना ब्लड जमा करवा सकता है। इसके बाद ऑपरेशन के दौरान वह खून उसके काम आ सकता है। ऐसा अक्सर आसानी से न मिलने वाले नेगेटिव ग्रुप के ब्लड वाले मामलों में किया जा सकता है।

bhavna
08-09-2011, 08:21 AM
क्या-क्या चेक करते हैं ब्लड में?
जब डोनर से ब्लड लिया जाता है, तो उसकी नीचे लिखी जांच की जाती हैं:
-एचआईवी-1 और 2

-हिपेटाइटिस बी व सी

-वीडीआरएल

-मलेरिया आदि

जब उसे मरीज के लिए तैयार किया जाता है, तो उसकी क्रॉस मैचिंग मरीज के सैंपल के साथ की जाती है। मरीज को देते वक्त ब्लड में इन संक्रामक रोगों की जांच नहीं होती है।

bhavna
08-09-2011, 08:21 AM
ब्लड बढ़ता किन चीजों से है?
खून की मात्रा बढ़ाने में हेल्दी लाइफस्टाइल का बड़ा योगदान है। ऐसे तमाम नुस्खे और दवाएं हैं जिनसे शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है। सबसे अहम बात यह है कि खाना ऐसा खाना चाहिए जिसमें आयरन की मात्रा ज्यादा हो जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, चना, गुड़, फल व अंडे आदि। दरअसल, अंडों में फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है। फोलिक एसिड का ब्लड बढ़ाने में काफी योगदान है।

bhavna
08-09-2011, 08:22 AM
ब्लड कम किन वजहों से होता है?
ऐसी तमाम वजहें हैं, जिनसे किसी इंसान के शरीर में खून की मात्रा कम हो जाती है:

-ब्लीडिंग जैसे बवासीर, गैस्ट्रिक अल्सर आदि।

-कई बार अंदरूनी तौर पर ब्लीडिंग होती रहती है और मरीज को पता ही नहीं चलता। ऐसे में वह एनीमिया से ग्रस्त हो जाता है।

-कई मामलों में अच्छा पौष्टिक भोजन न लेने से भी शरीर के अंदर ब्लड कम बनता है। दरअसल, गलत खानपान की वजह से आंतों की आयरन ग्रहण करने की क्षमता कम हो जाती है और एनीमिया हो जाता है।

bhavna
08-09-2011, 08:22 AM
क्या ब्लड चढ़वाने से बचा भी जा सकता है?
कई स्थितियों में ब्लड चढ़वाने से बचा भी जा सकता है। अगर किसी शख्स को एनीमिया या कमजोरी है तो वह ब्लड न ही चढ़वाए तो ही ठीक है। ऐसे लोगों को चाहिए कि वे अपना एचबी यानी हीमोग्लोबिन बिना ब्लड चढ़वाए दूसरे तरीकों से चढ़ाने की कोशिश करें। अगर किसी को किसी तरीके की ब्लीडिंग हो रही है तो सबसे पहले उस ब्लीडिंग को रोकने की कोशिश करें।

bhavna
08-09-2011, 08:22 AM
संस्थाएं जहां से ब्लड लिया जा सकता है
इंडियन रेडक्रॉस ब्लड बैंक
पता: 1, रेडक्रॉस रोड, नई दिल्ली।
फोन: 23711551
वेबसाइट: www.indianredcross.org (http://www.indianredcross.org)
कब: हफ्ते के सातों दिन 24 घंटे।

लॉयंस क्लब ब्लड बैंक
पता: एके 100, लॉयंस ब्लड बैंक, एएल ब्लॉक के पास, शालीमार बाग, नई दिल्ली।
फोन : 97178-97500, 97178-97520, 4225-8080, 4225-8494
वेबसाइट : www.lionsbloodbank.org (http://www.lionsbloodbank.org)
ईमेल : lionsbloodbank@hotmail.com (lionsbloodbank@hotmail.com)
कब: सातों दिन फोन करके जाएं।

सेल्फलेस सर्विस सोसायटी
युवाओं द्वारा बनाई गई यह संस्था वेबसाइट के माध्यम से काम करती है। संस्था के सेक्रेटरी अंशु का कहना है कि यहां से बड़ी संख्या में डोनर्स जुड़े हैं। ब्लड डोनेट करने और ब्लड लेने के लिए पूरे भारत में इस वेबसाइट से संपर्क किया जा सकता है।
वेबसाइट: www.selflessservice.org (http://www.selflessservice.org)
ईमेल: service.selfless@gmail.com (service.selfless@gmail.com)
फोन: 99999-96860
कब: सातों दिन किसी भी वक्त।

रोटरी क्लब ब्लड बैंक
पता: 56, 57 तुगलकाबाद इंस्टिट्यूशनल एरिया, नई दिल्ली।
फोन: 29054066/7/8/9
वेबसाइट: www.rotarybloodbank.org (http://www.rotarybloodbank.org)
कब: सातों दिन 24 घंटे।

स्माइल फॉर ऑल
पता: पीपी 8, पीतमपुरा, गोपाल मंदिर के नजदीक, नई दिल्ली।
वेबसाइट: www.smileforall.org (http://www.smileforall.org)
ब्लड ऑन डिमांड उपलब्ध है। देश में कहीं भी कभी भी जरूरत पड़ने पर निशुल्क ब्लड डोनर मुहैया कराया जाता है। संस्था के अध्यक्ष जी. एस. कपूर के मुताबिक, दिन-रात कभी भी इन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है: 92121-31416, 92666-66666, 92666-16161, 92666-36363. इस संस्था में ब्लड डोनर के रूप में भी आप अपना नाम लिखवा सकते हैं।

सत्य साईं ऑर्गनाइजेशन
वेबसाइट: www.saidelhi.org (http://www.saidelhi.org)
श्री सत्य साई सेवा ऑर्गनाइजेशन के दिल्ली इंचार्ज जतिंदर चीमा का कहना है कि ब्लड लेने वाले इस वेबसाइट पर जाकर अपनी जरूरत बताकर ब्लड ले सकते हैं।

bhavna singh
08-09-2011, 05:22 PM
अरे वाह मेरा ही सूत्र मेरे नाम से लेकिन मेरी बहेना नक़ल करने के लिए भी अक्ल की जरुरत होती है
वो कहाँ से लाओगी ?

YUVRAJ
08-09-2011, 07:09 PM
अहा हा हा हा ...:lol:
इट्स हैपेन ओनली इन फोरम ... मेंटोस है ना अक्ल के लिए ...;)अरे वाह मेरा ही सूत्र मेरे नाम से लेकिन मेरी बहेना नक़ल करने के लिए भी अक्ल की जरुरत होती है
वो कहाँ से लाओगी ?

anoop
09-11-2011, 07:08 PM
अच्छी जानकारी दी आपने।

anoop
09-11-2011, 07:09 PM
अरे वाह मेरा ही सूत्र मेरे नाम से लेकिन मेरी बहेना नक़ल करने के लिए भी अक्ल की जरुरत होती है
वो कहाँ से लाओगी ?

धन्यवाद...

neelam
14-11-2011, 07:24 AM
बहुत ही लाभदायक जानकारियों वाला सूत्र है. :bravo: