PDA

View Full Version : कैश से ड्राफ्ट बनाने से मना नहीं कर सकते बै


bhavna singh
08-09-2011, 05:30 PM
रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े प्रॉडक्ट्स और सेवाओं को लेकर आम आदमी को कई बार असंतुष्टि महसूस होती है, लेकिन अगर मामला ज्यादा बड़ा न हो तो वह समझौता कर लेता है। आज बात करते हैं बैंकिंग से जुड़े मामलों की :

अक्सर देखने में आता है कि बैंक कर्मचारी कस्टमर्स के जायज कामों को करने से इनकार कर देते हैं। खाता खोलने से मना कर देना, ड्राफ्ट बनाने में आनाकानी करना जैसी और भी कई दिक्कतें हैं जिनसे आए दिन लोगों का साबका पड़ता रहता है। अगर ऐसे हालात पैदा हो जाएं तो नीचे दिए गए तरीकों को अपनाया जा सकता है।
bhavna singh

bhavna singh
08-09-2011, 05:33 PM
शिकायत करें

अगर आपको लगता है कि बैंक में आपके साथ किसी भी तरह की बदसलूकी हो रही है या आपके अधिकारों का हनन हो रहा है
तो आप संबंधित ब्रांच मैनेजर को लिखित में इसकी शिकायत कर सकते हैं।

bhavna singh
08-09-2011, 05:33 PM
अगर ब्रांच मैनेजर के लेवल पर समस्या का समाधान नहीं होता, तो संबंधित बैंक के चीफ जनरल मैनेजर को बैंक के हेड ऑफिस के पते पर अपनी शिकायत भेज सकते हैं।

bhavna singh
08-09-2011, 05:35 PM
किसी भी सरकारी बैंक की शिकायत इस पते पर की जा सकती है :

ग्राहक सेवा केंद्र, पोस्ट बॉक्स नंबर 458
नई दिल्ली -110001
फोन : 011-23766336
फैक्स : 011-23766211
ई मेल: cust_ser_centre@pnb.co.in

bhavna singh
08-09-2011, 05:36 PM
अगर आपको लिखित शिकायत करने के एक महीने तक भी जवाब न मिले या आप उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हैं,
तो बैंकिंग ओम्बड्समैन को लिख सकते हैं। ओम्बड्समैन को लिखते वक्त अपनी शिकायत के साथ पूर्व में किए गए पत्र व्यवहार की सभी प्रतियां जरूर लगाएं। पता है :

बैंकिंग ओम्बड्समैन, दूसरी मंजिल
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
6, संसद मार्ग, नई दिल्ली-110001

www.bankingombudsman.rbi.org.in

bhavna singh
08-09-2011, 05:37 PM
यहां आमतौर पर तीन महीने के अंदर मामले का निपटारा हो जाता है।
प्राइवेट बैंकों की शिकायत भी यहां की जा सकती है।

bhavna singh
08-09-2011, 05:38 PM
कोई शख्स किसी बैंक की शिकायत तभी कर सकता है, जब उसे अपने अधिकारों के बारे में पता हो।
बैंकिंग से संबंधित क्या हैं आपके अधिकार, आइए देखें :

bhavna singh
08-09-2011, 05:39 PM
कई बैंक कैश से ड्राफ्ट बनाने में आनाकानी करते हैं या यह कहते हैं कि वे उन्हीं का ड्राफ्ट बनाएंगे, जो उनके कस्टमर हैं। नियम यह है कि 50 हजार रुपए से कम रकम का ड्राफ्ट आप कैश से बनवा सकते हैं। अगर आपका खाता बैंक में नहीं है तो भी ड्राफ्ट बनवाया जा सकता है। वैसे, अगर आप अपने अकाउंट से ड्राफ्ट बनवा रहे हैं तो ड्राफ्ट कैंसल करवाने की हालत में सुविधा होती है।

bhavna singh
08-09-2011, 05:39 PM
सेविंग अकाउंट में चेक बुक के साथ कम-से-कम १००० रुपए और बिना चेक बुक के ५०० रुपये रखे जाने चाहिए। करंट अकाउंट के लिए यह रकम ५००० रुपये है। अभी कुछ बैंकों ने ५००० से बढ़ा कर १०००० रूपए भी कर दिया है /

bhavna singh
08-09-2011, 05:40 PM
सभी बैंक सेविंग अकाउंट पर साल में 20 से 25 चेक मुफ्त मुहैया कराते हैं।

bhavna singh
08-09-2011, 05:41 PM
तरह-तरह के टैक्स चालान को कैश में भी जमा करा सकते हैं।
अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये है।
बैंक टैक्स चालान को कैश में जमा करने से मना नहीं कर सकते।

bhavna singh
08-09-2011, 05:43 PM
बैंक अक्सर लॉकर के बदले फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) लेते हैं। इसके पीछे बैंकों की दलील है कि अगर लॉकर कई साल तक इस्तेमाल न किया जाए या फिर उसे तोड़ना पड़ जाए तो बैंक एफडी के ब्याज से लॉकर रेंट वसूल कर सकता है।

bhavna singh
08-09-2011, 05:44 PM
गरीबों को प्रोत्साहित करने के लिए 'नो फ्रिल्स' अकाउंट स्कीम है।
इसके लिए खाते में कोई मिनिमम अमाउंट रखना जरूरी नहीं है।
हां, इस बैंक खाते में 50 हजार रुपये से ज्यादा रकम नहीं होनी चाहिए।
खाता कोई भी खुलवा सकता है।

bhavna singh
08-09-2011, 05:45 PM
सभी बैंकों के सर्विस चार्जेस अलग-अलग हैं, लेकिन इनमें बहुत ज्यादा फर्क नहीं होता।

bhavna singh
08-09-2011, 05:46 PM
बैंक अपने किसी भी कस्टमर को ड्रॉप बॉक्स में चेक डालने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के मुताबिक, बैंकों को ड्रॉप बॉक्स पर यह लिखना जरूरी है कि कस्टमर चेक को काउंटर पर जमाकर रसीद हासिल कर सकते हैं।

bhavna singh
08-09-2011, 05:46 PM
सभी बैंकों को नोटिस बोर्ड पर साफ शब्दों में लिखना चाहिए कि स्थानीय/बाहरी चेक के भुगतान के लिए कितना समय तय है।

bhavna singh
08-09-2011, 05:47 PM
अगर वक्त पर रकम का भुगतान न हो तो बैंक की 'चेक कलेक्शन पॉलिसी' के तहत कस्टमर अतिरिक्त लगे समय पर ब्याज का हकदार है।

bhavna singh
08-09-2011, 05:48 PM
अगर ट्रांजैक्शन के दौरान बैंक से ग्राहक का चेक गुम हो जाए तो बैंक को फौरन कस्टमर को सूचित करना चाहिए। खाते में पैसा आने में हुई देरी के लिए कस्टमर को हर्जाने के रूप में ब्याज मिलना चाहिए।

bhavna singh
08-09-2011, 05:49 PM
खाते में चेक वापसी की हालत में कस्टमर को बैंक द्वारा फौरन चेक हाथों-हाथ या डाक द्वारा 24 घंटों में भेज दिया जाना चाहिए।

bhavna singh
08-09-2011, 05:50 PM
ये सूत्र आपको कैसा लगा अपने अमूल्य विचार जरूर लिखें