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View Full Version : अनंत पई : अमर चित्र कथा के रचयिता


abhisays
17-09-2011, 06:35 PM
अनंत पई : अमर चित्र कथा के रचयिता

abhisays
17-09-2011, 06:36 PM
आज गूगल ने अनंत पई की यार में अपना लोगो change कर दिया.

http://zns.india.com/upload/2011/9/17/pai-382.jpg

abhisays
17-09-2011, 06:37 PM
अनंत पई (17 सितम्बर 1929, कार्कल, कर्नाटक — 24 फरवरी 2011, मुंबई), जो अंकल पई के नाम से लोकप्रिय थे, भारतीय शिक्षाशास्री और कॉमिक्स, ख़ासकर अमर चित्र कथा श्रृंखला, के रचयिता थे । इंडिया बुक हाउज़ प्रकाशकों के साथ 1967 में शुरू की गई इस कॉमिक्स श्रृंखला के ज़रिए बच्चों को परंपरागत भारतीय लोक कथाएँ, पौराणिक कहानियाँ और ऐतिहासिक पात्रों की जीवनियाँ बताई गईं । 1980 में टिंकल नामक बच्चों के लिए पत्रिका उन्होंने रंग रेखा फ़ीचर्स, भारत का पहला कॉमिक और कार्टून सिंडिकेट, के नीचे शुरू की. 1998 तक यह सिंडिकेट चला, जिसके वो आख़िर तक निदेशक रहे ।

दिल का दौरा पड़ने से 24 फरवरी 2011 को शाम के 5 बजे अनंत पई का निधन हो गया ।

आज अमर चित्र कथा सालाना लगभग तीस लाख कॉमिक किताबें बेचता है, न सिर्फ़ अंग्रेजी में बल्कि 20 से अधिक भारतीय भाषाओं में । 1967 में अपनी शुरुआत से लेकर आज तक अमर चित्र कथा ने 10 करोड़ से भी ज़्यादा प्रतियाँ बेची हैं । 2007 में अमर चित्र कथा ACK Media द्वारा ख़रीदा गया ।

abhisays
17-09-2011, 06:37 PM
कर्नाटक के कार्कल शहर में जन्मे अनंत के माता पिता का देहांत तभी हो गया था, जब वो महज दो साल के थे । वो 12 साल की उम्र में मुंबई आ गए । मुंबई विश्वविद्यालय से दो डिग्री लेने वाले पई का कॉमिक्स की तरफ़ रुझान शुरु से था लेकिन अमर चित्रकथा की कल्पना तब हुई, जब वो टाइम्स ऑफ इंडिया के कॉमिक डिवीजन से जुड़े ।

abhisays
17-09-2011, 06:38 PM
http://samvada.org/wp-content/Uncle-Pai.jpg

अनंत पाई की अमर चित्र कथाये.

बीरबल दि क्लैवर
रानी ऑफ झाँसी
झाँसी की रानी
टेल्स ऑफ शिव
कार्तिकेय
गणेश
एलीफेंन्टा
कृष्ण और शिशुपाल
ह्वेन सांग
राम शास्त्री
गुरू नानक
नहुष
श्रीरामकृष्ण
चन्द्रहास
गुरु तेगबहादुर
माँ दुर्गा की कहानियाँ
कृष्ण की कहानी
श्री रामकृष्ण
नल-दमयन्ती
हनुमान
महर्षि दयानंद
गणेश
विष्णु की कथाएँ
स्यमन्तक मणि
शिव पार्वती
लव-कुश
कार्तिकेय
कृष्ण और जरासन्ध
रुक्मिणी परिणय
न्यायप्रिय बीरबल
सम्राट अशोक
ध्रुव और अष्टावक्र
मददगार बीरबल
सुभाषचन्द्र बोस
विद्वान पंडित
जातक कथाएँ सियार की कथाएँ
हरिशचन्द्र
सती और शिव
बलराम की कथाएँ
प्रह्लाद
कुंभकर्ण
तानसेन
सोने की मुहरोंवाली थैली
हितोपदेश मित्रलाभ
महावीर
सुनहला नेवला
गुरु नानक
महावीर
आगे
गांधारी
दुर्गादास
आगे
जमसेतजी टाटा दि मैन हू सॉ टुमॉरो

MissK
17-09-2011, 10:43 PM
अभी तक मुझे याद है कि बचपन में टिंकल डाइजेस्ट का कितनी बेसब्री से हमलोग इंतज़ार करते थे... इस मनोरंजक डाइजेस्ट का श्रेय भी तो अनंत पई को ही जाता है.

abhisays
17-09-2011, 10:56 PM
अभी तक मुझे याद है कि बचपन में टिंकल डाइजेस्ट का कितनी बेसब्री से हमलोग इंतज़ार करते थे... इस मनोरंजक डाइजेस्ट का श्रेय भी तो अनंत पई को ही जाता है.

सूत्र भ्रमण के थैंक्स काम्या जी.