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View Full Version : कहानी एक मासूम की (एक मार्मिक कथा)……


Sikandar_Khan
24-09-2011, 10:45 PM
ये कहानी उन लोगो के लिए है जो रफ़्तार को शान समझते है. जो ड्राइविंग के नियमो का पालन करना कमजोर लोगो का काम समझते है........

Sikandar_Khan
24-09-2011, 10:46 PM
एक छोटा सा लड़का जिस की उम्र कोई 6 या 7 साल थी. एक खिलोने की दूकान पर खड़ा दुकानदार से कुछ बात कर रहा था, दुकानदार ने न जाने उससे क्या कहा की वो वह से थोडा सा दूर हट गया और वहां से खड़े खड़े वो कभी दुकान पर रखी एक सुन्दर सी गुडिया को देखता और कभी अपनी जेब में हाथ डालता. वो फिर आँख बंद करके कुछ सोचता और फिर दुबारा गुडिया को देखने और अपनी जेब टटोलने का क्रम दुहराने लगता.

Sikandar_Khan
24-09-2011, 10:55 PM
वही कुछ दूर पर खड़ा एक आदमी बहुत देर से उसकी और देख रहा था. वो आदमी जैसे ही आगे को बढ़ा वो बच्चा दुकानदार के पास गया और कुछ बोला फिर दुकानदार की आवाज सुने पड़ी की नहीं तुम ये गुडिया नहीं खरीद सकते क्योकि तुम्हारे पास जो पैसे है वो काफी कम है.

Sikandar_Khan
24-09-2011, 11:18 PM
वो बच्चा उस आदमी की और मुड़ा और उसने उस आदमी से पूछा अंकल क्या आपको लगता है की मेरे पास वास्तव में कम पैसे है. उस आदमी ने पैसे गिने और बोला हां बेटा ये वास्तव में कम है. तुम इतने पैसो से वो गुडिया नहीं खरीद सकते. उस लड़के ने आह भरी और फिर उदास मन से उस गुडिया को घूरने लगा.

Sikandar_Khan
24-09-2011, 11:19 PM
अब उस आदमी ने उस लड़के से पूछा ” तुम ये गुडिया ही क्यों लेना चाहते हो”. लड़के ने उत्तर दिया ये गुडिया मेरी बहिन को बहुत पसंद है. और में ये गुडिया उसको उसके जन्मदिन पर गिफ्ट करना चाहता हु. मुझे ये गुडिया अपनी माँ को देनी है, ताकि वो ये गुडिया मेरे बहिन को दे दें जब वो उसके पास जाये.

Sikandar_Khan
24-09-2011, 11:26 PM
उस आदमी ने पूछा कहा रहती है तुम्हारी बहिन. छोटा लड़का बोला मेरे बहिन भगवान के पास चली गयी है. और पापा कहते है जल्दी ही मेरी माँ भी उससे मिलने भगवान के पास जाने वाली है. और मै चाहता हु की मेरी माँ जब भगवान के पास जाये तो वो ये गुडिया मेरी बहीन के लिए ले जाये. उस आदमी की आखों से आंसू छलकने लगे थे. पर लड़का अभी बोल ही रहा था.

Sikandar_Khan
24-09-2011, 11:27 PM
वो कह रहा था की मै पापा से कहूँगा की वो माँ को कहे की कुछ और तक दिन भगवान के पास न जाये. ताकि मै कुछ और पैसे जमा कर लूँ और ये गुडिया ले कर अपनी बहिन के लिए भेज दू. फिर उसने अपनी एक फोटो जेब से निकली इस फोटो में वो हँसता हुआ बहुत सुन्दर दिख रहा था.

Sikandar_Khan
24-09-2011, 11:28 PM
फोटो दिखाकर वो बोला ये फोटो भी मै अपनी माँ को दे दूंगा, ताकि वो इसे भी मेरी बहिन को दे ताकि वो हमेशा मुझे याद रख सके…………. मै जानता हु की मेरी माँ इतनी जल्दी मुझे छोड़ कर मेरी बहिन से मिलने नहीं जाएगी. लेकिन पापा कहते है की वो 2 -1 दिन में चली जाएगी.
उस आदमी ने झट से अपनी जेब से पर्स निकला और उसमे से एक 100 रुपए का नोट निकल कर कहा……….. लाओ अपने पैसे दो मै दुकानदार से कहता हु शायद वो इतने पैसे में ही दे दे. और उसने उस लड़के के सामने रुपये गिनने का अभिनय किया और बोला…….. अरे तुम्हारे पास तो उस गुडिया की कीमत से अधिक पैसे है. उस लड़के ने आकाश की और देख कर कहा भगवान तेरा धन्यवाद….

Sikandar_Khan
24-09-2011, 11:30 PM
अब वो लड़का उस आदमी से बोला कल रात को मैंने भगवान से कहा था की हे भगवान मुझे इतने पैसे दे देना की मै वो गुडिया ले सकू. वैसे मै एक सफ़ेद गुलाब भी लेना चाहता था किन्तु भगवान से ज्यादा मांगना मुझे ठीक नहीं लगा. पर उसने मुझे खुद ही इतना दे दिया की मै गुडिया और गुलाब दोनों ले सकता हु. मेरी माँ को सफ़ेद गुलाब बहुत पसंद है.

Sikandar_Khan
24-09-2011, 11:38 PM
उस आदमी की आँखों से आंसू नीचे गिरने लगे. फिर उसने उन्हें संभलते हुए उस लड़के से कहा ठीक है बच्चे अपना ख्याल रखना. और वो वहा से चला गया. रस्ते भर उस आदमी के दिमाग मै वो लड़का छाया रहा. फिर अचानक उसे 2 दिन पहले अख़बार मै छपी खबर याद आयी जिस में एक हादसा छपा था की किसी युवक ने शराब के नशे में एक दूसरी गाड़ी को टक्कर मार दी.
गाड़ी में सवार एक लडकी की मौके पर ही मौत हो गयी और महिला गंभीर रूप से घायल थी. अब उसके मन में सवाल आया कही ये उस लड़के की माँ और बहिन ही तो नहीं थे.

Sikandar_Khan
24-09-2011, 11:43 PM
अगले दिन अख़बार में खबर आयी की उस महिला की भी मौत हो गयी है. वो आदमी उस महिला के घर सफ़ेद गुलाब के फूल ले कर गया. उस महिला की लाश आँगन में रखी थी. उसकी छाती पर वो सुन्दर सी गुडिया थी जो उस लड़के ने ली थी और उस महिला के एक हाथ में उस लड़के की वो फोटो थी और दुसरे में वो सफ़ेद गुलाब का फूल था.

Sikandar_Khan
24-09-2011, 11:45 PM
वो आदमी रोता हुआ बाहर निकला. उसके मन मै एक ही बात थी एक शराब के नशे मै चूर एक युवक के कारन एक छोटा सा बच्चा अपनी माँ और बहिन से दूर हो गया जिन्हें वो बहुत प्यार करता था.

Sikandar_Khan
24-09-2011, 11:46 PM
इस कहानी को पढ़कर और इस समय लिखते हुए भी मेरे आँखों मै भी पानी है. और शायद आपकी आँखों में भी आ जाये मगर उस पानी को आँशु मत समझ लेना. वो पानी बेशक नमकीन हो सकता है जैसे आँशु होते है. पर वो आँशु नहीं होंगे.

Sikandar_Khan
24-09-2011, 11:46 PM
अगर ये कहानी पढने के बाद आपकी आँखों में आँशु आते है जो आपको बदलने को मजबूर कर दे तो ही उनको आँशु मानना नहीं तो वो पानी ही होगा.

Sikandar_Khan
24-09-2011, 11:47 PM
और अगर आपकी आँखों में वास्तव में आँशु है पानी नहीं तो प्रण करे की आजके बाद कभी न तो शराब पी कर गाड़ी चलाएंगे, न कानो में एयर फ़ोन लगा कर गाने सुनते हुए गाडी मोटर साइकिल या कोई वाहन चलाएंगे न गाड़ी चलते समय फ़ोन पे बात करेंगे ना ही कभी तेज़ रफ़्तार में गाड़ी चलाएंगे ………

naman.a
25-09-2011, 12:09 AM
सिकंदर जी, कुछ शब्द नही है मेरे पास इस कहानी को लेकर । पर मै भी सभी से ये ही अनुरोध करुगा कि वो गाड़ी चलाते वक्त ट्राफ़िक के हर नियम का पालन करे और दुसरो को नियम तोड़ने से रोके ।

आप को अपनी जिन्दगी भी लेने का हक नही है तो दुसरे की जिन्दगी से अपने तुच्छ मनोरंजन के लिये खिलवाड़ ये दुनिया का सबसे बड़ा गुनाह है । हमेशा याद रखे

परहित सरिस धर्म नही भाई । परपीड़ा सम नहि अधमाई ॥

दुसरो के हित से बड़ा कोई धर्म नही और दुसरो को पीड़ा देने से बड़ा कोई अधर्म नही ।

abhisays
25-09-2011, 12:14 AM
बहुत ही मार्मिक घटना है.

MissK
25-09-2011, 12:32 AM
दिल को छू ले वाली कहानी है.. कितना अच्छा हो कि ऐसी कहानियों से लोग सबक लें और ये प्रण करें कि कभी खेल में भी तेज रफ़्तार में गाड़ी न चलायें. इससे खुद को तो खतरा रहता ही है साथ ही साथ दूसरों को भी...

Bholu
25-09-2011, 07:43 AM
सिकन्दर भाई
यू आर ग्रेट

sagar -
25-09-2011, 08:38 AM
ज्ञानवर्धक और मार्मिक कहानी हे

bhavna singh
25-09-2011, 09:25 AM
खान साहब आपके द्वारा प्रस्तुत की गयी कहानी अत्यंत मार्मिक है ..........
जिसके लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं मै सिर्फ इतना कहूँगी की ये कहानी आज की युवा पीढ़ी के लिए एक सन्देश है जिससे हम सबको शिक्षा लेने की जरुरत है / :bravo::bravo::bravo:

aksh
25-09-2011, 12:33 PM
वाकई दिल को छू लिया इस कहानी ने....इसके अलावा एक बात और जोड़ देना चाहता हूँ कि तेज रफ़्तार भी आपकी जान की दुश्मन है इसलिए अपनी जिंदगी के सलामती के लिए और उन लोगों के लिए जिन पर आपके जाने से पहाड़ टूट पड़ेगा, कृपया तेज रफ़्तार से गाडी ना चलायें...ट्रेफिक के नियम आपकी सुविधा के लिए हैं और इनका पालन करने में ही हम सभी की भलाई है....मोहम्मद अजहरुद्दीन के बेटे और भांजे की दुखद मौत एक भयाभय सच है....जिससे सबक लेना जरूरी है..धन्यवाद.

ndhebar
25-09-2011, 12:51 PM
और अगर आपकी आँखों में वास्तव में आँशु है पानी नहीं तो प्रण करे की आजके बाद कभी न तो शराब पी कर गाड़ी चलाएंगे, न कानो में एयर फ़ोन लगा कर गाने सुनते हुए गाडी मोटर साइकिल या कोई वाहन चलाएंगे न गाड़ी चलते समय फ़ोन पे बात करेंगे ना ही कभी तेज़ रफ़्तार में गाड़ी चलाएंगे ………

सिकंदर भाई बहुत पुरानी कहानी है लेकिन अच्छी कहानी है पर कहानी तो कहानी है
हकीकत से कोशों दूर
इस तरह की कहानी को ठीक उसी प्रकार पढ़ा जाता है जैसे सिगरेट के पैकेट के ऊपर की लिखी चेतावनी को
आपकी इस प्रविष्टि पर हमारे बहुत सारे मित्रों ने धन्यवाद ज्ञापन किया पर कितने इस प्रण को निभायेंगे कहना मुश्किल है
पर जो लोग दिल से इसे निभाना चाहते हैं उनको मेरी शुभकामनाएं

Sikandar_Khan
25-09-2011, 01:06 PM
सिकंदर भाई बहुत पुरानी कहानी है लेकिन अच्छी कहानी है पर कहानी तो कहानी है
हकीकत से कोशों दूर
इस तरह की कहानी को ठीक उसी प्रकार पढ़ा जाता है जैसे सिगरेट के पैकेट के ऊपर की लिखी चेतावनी को
आपकी इस प्रविष्टि पर हमारे बहुत सारे मित्रों ने धन्यवाद ज्ञापन किया पर कितने इस प्रण को निभायेंगे कहना मुश्किल है
पर जो लोग दिल से इसे निभाना चाहते हैं उनको मेरी शुभकामनाएं

निशांत भाई
आपका कहना सही है |
लेकिन ऐसी ही कहानियां हमे अच्छे कार्य करने की प्रेरणा देती हैँ
अगर इस इस कहानी को पढ़कर एक भी व्यक्ति सुधर जाए तो कहानी लिखने वाले की मेहनत सफल हुई |

pankaj bedrdi
25-09-2011, 02:28 PM
सच्च मै मेरा दिल रो दिया...........सुक्रिया दोस्त

anoop
25-09-2011, 07:40 PM
सिकंदर भाई बहुत पुरानी कहानी है लेकिन अच्छी कहानी है पर कहानी तो कहानी है
हकीकत से कोशों दूर
इस तरह की कहानी को ठीक उसी प्रकार पढ़ा जाता है जैसे सिगरेट के पैकेट के ऊपर की लिखी चेतावनी को
आपकी इस प्रविष्टि पर हमारे बहुत सारे मित्रों ने धन्यवाद ज्ञापन किया पर कितने इस प्रण को निभायेंगे कहना मुश्किल है
पर जो लोग दिल से इसे निभाना चाहते हैं उनको मेरी शुभकामनाएं

positivity must prevail.....अगर सिर्फ़ एक आप मान ले तो तो भी कहानी सार्थक हो जाएगी। और यह आप का कोई नाम नहीं लिया है मैंने इसे यहाँ स्पष्ट कर देना चाहता हूँ।

anoop
25-09-2011, 07:41 PM
सच्च मै मेरा दिल रो दिया...........सुक्रिया दोस्त

रोना बन्द कीजिए, सोचना शुरू कीजिए जनाब।

malethia
25-09-2011, 08:15 PM
बहुत ही सुंदर प्रस्तुती...............
यह कहानी एक हकीकत को बयां करती है,आज की इस भाग दोड़ भरी जिन्दगी में समय का आभाव सबके पास है ,और यह जल्दबाजी निरंतर मौत की और ले जा रही है !

ndhebar
26-09-2011, 07:17 PM
positivity must prevail.....अगर सिर्फ़ एक आप मान ले तो तो भी कहानी सार्थक हो जाएगी। और यह आप का कोई नाम नहीं लिया है मैंने इसे यहाँ स्पष्ट कर देना चाहता हूँ।
काश की आप की बजाय एक "मैं" कहा होता

anoop
26-09-2011, 09:05 PM
काश की आप की बजाय एक "मैं" कहा होता

सम्ष्टि में व्यक्ति शामिल होता है दोस्त....और मैंने कहा है कि "आप" का कोई नाम नहीं है और आप आप को "अनूप" बनाना चाहते हैं (गलत बात)

MANISH KUMAR
04-10-2011, 04:48 PM
बहुत मार्मिक और प्रेरक प्रसंग है सिकंदर जी. :bravo:

Ranveer
06-10-2011, 03:16 PM
आज ही इस कहानी को पढ़ पाया ..काफी मार्मिक और हृदयविदारक ||

मेरा एक सबसे करीबी दोस्त था |वो भी किसी दूसरे गाडी चलाने वाले की गलती के कारण सड़क दुर्घटना का शिकार हुआ था | वो बच नहीं पाया | वो अपने माँ बाप का एकमात्र सहारा था |
उसकी दुर्घटना से मै हिल गया था |

उसके बाद मै भी ड्राइविंग करते वक्त सावधान रहने लगा |
बाइक चलाते समय हेलमेट पहनना , और कार चलाते वक्त सीट बेल्ट बाँधना और साइड -बैक मिरर पर ध्यान देना मेरी आदतों में शुमार है |


केवल नशा करके गाडी चलाने की ही बात नहीं है , कई नए लड़के बाइक चलाना मजाक समझतें हैं , ये उनकी ग़लतफ़हमी है | आजकल की बाइकें भलें ही अत्याधुनिक तकनीक वाली हों पर उससे दुर्घटना की संभावना बढती ही है |
काफी हद तक हम अपने परिवार के सदस्यों को गाडी को धीरे और सावधानी से चलाने की सलाह दे सकतें हैं |
इन मामलों में किशोरों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है |
वे तैयार तो नहीं होते पर बाइक चलाते वक्त हेलमेट पहनने के लिए जोर दिया जाना चाहिए |

Dark Saint Alaick
19-10-2011, 08:49 PM
वाकई आपने आंखें नम कर दीं, सिकंदरजी !

nitin
08-12-2011, 11:43 AM
sikander ji, i like your story..and it`s moto.....i will follow all instruction and request to all my none persons.

Thanks

Nitin

sombirnaamdev
29-01-2012, 10:28 PM
kahani kisto mein di hai par sir aapne hame rula diya mein apni repo ke hisab aapko repo nahi de sakta parantu meri taraf se ++++++

Jeetendra555
12-09-2012, 06:27 AM
ज्ञानवर्धक और मार्मिक कहानी

rafik
25-08-2014, 04:23 PM
मै इस कहानी नहीं कहूंगा ,ये एक वास्तविकता है, हमे नियमो का पालन करना चाहिए !और यह शुरूआत मैंने काफी समय पहले ही कर दी और देर ना करे आप भी शुरू हो जाए !

soni pushpa
25-08-2014, 05:49 PM
behad marmik kahani , par ise kahani nahi kahna chahiye kyunki ye aaj ke jivn ki vastvikta hai. log apni jaldi me, ya fir nashe me, ya fir thode se alas ki vajah se aapni jane de dete hain or ya to kisi ko kuchal ke chale jate hain .... thodi si shanti se gadi chalayen , niymo ka plan karen , sarkar aapki hifajat ke liye hi niyam banati hai., par hum aapni manjilon ko pane ki jaldi me apna ya dujon ka jivan kho dete hain.