PDA

View Full Version : हिंदी मतलब अशिक्षित…….??


Sikandar_Khan
25-09-2011, 10:38 AM
हिंदी एक अदभुद भाषा है………. जितने शब्द इस भाषा में बोले जाते हैं उनसे हर भाषा के शब्द का उच्चारण हो सकता है……….. पर अब इस भाषा का प्रयोग करने का अर्थ ये लगाया जाने लगा है की आप कम पढ़े लिखे है………

Sikandar_Khan
25-09-2011, 10:40 AM
इस मानसिकता के लोग अब तेजी से पनपने लगे हैं…….. जो हिंदी को निम्न दर्जे के लोगों द्वारा बोले जाने वाली भाषा मानते हैं…….. इस मानसिकता के लोगों से रूबरू होने का मौका मुझे भी मिला…….

Sikandar_Khan
25-09-2011, 10:42 AM
एक बार मैं एक बैंक में गया था, अपने अकाउंट में अपना नाम जो की आधा छपा था उसको बदलवाना था…….. वही रिशेप्शन पर एक लड़की बैठी थी ….. तभी एक सज्जन वहां पर आये और उस लड़की ने पूछा…………
हाउ कैन आई हेल्प यू….

Sikandar_Khan
25-09-2011, 10:43 AM
वो सज्जन बोले की………. मैं अपना पता बदलवाना चाहता हूँ……… उसके लिए क्या करना होगा..
अब वो लड़की शुरू हो गयी ….. अंग्रेजी में लगभग 5 – 7 मिनट बोलने के बाद जब वो चुप हुई तो वो सज्जन बोले…… मैं कुछ समझा नहीं…… अच्छा हो आप हिंदी में बोलें………. अब लड़की का चेहरा देखने योग्य था……. उसके उन सज्जन को कुछ यूँ घूरा मानो वो बिना कपड़ों के खड़े हैं………… फिर वो बोली मैं हिंदी में नहीं समझा सकती………….

Sikandar_Khan
25-09-2011, 10:46 AM
अब वो सज्जन बोले की तो कोई पढ़ा लिखा हो तो उसको बुला दें ……… मैं उससे पूछ लूँ….. अब वो लड़की झल्ला गयी और बोली आई डोंट नो…. वी ऑल आर इलिटरेट ….

Sikandar_Khan
25-09-2011, 10:46 AM
हम बड़े खुश थे की यार एक ऐसा आदमी जिसको अंग्रेजी नहीं आती थी…….. उसने एक अच्छी खासी अंग्रेज लड़की का घमंड तोड़ दिया………अब वो सज्जन बैंक मैनेजर के पास गए……. अब उस लड़की के बाद हमारी बारी थी चौंकने की ……….

Sikandar_Khan
25-09-2011, 10:49 AM
अन्दर जाते ही वो सज्जन फर्राटे से अंग्रेजी में बोलने लगे ……….. दरवाजे के पास जहा हम बैठे थे वहां तक आवाज़ आ रही थी……. और गौर से सुनने के लिए दरवाजे के पास खड़ा होना पड़ता…… जोकि मर्यादा सम्मत नहीं था……… तो हम ये तो नहीं सुन पाए की उस आदमी ने मैनेजर से क्या कहा….. पर जैसे ही वो आदमी केबिन से बाहर आया तो वो फिर उस लड़की के पास जाकर बोला ………..

naman.a
25-09-2011, 09:02 PM
लड़की के पास जाकर क्या बोला……………………आगे तो बताये ।

bhoomi ji
25-09-2011, 09:23 PM
आधा छोडकर बीच में ही चले गए???? उत्सुकता बड़ा दी आपने...............जल्दी बताइए की आखिर पूरा माजरा क्या था??

Sikandar_Khan
25-09-2011, 10:41 PM
आधा छोडकर बीच में ही चले गए???? उत्सुकता बड़ा दी आपने...............जल्दी बताइए की आखिर पूरा माजरा क्या था??

कृप्या प्रतिक्षा करेँ ........
आप कतार मे हैँ |

bhavna singh
26-09-2011, 10:41 AM
खान साहब उत्सुकता चरम पर है कृप्या शीघ्र पूरा हाल बतायेँ /

jeba2002
26-09-2011, 12:09 PM
अन्दर जाते ही वो सज्जन फर्राटे से अंग्रेजी में बोलने लगे ……….. दरवाजे के पास जहा हम बैठे थे वहां तक आवाज़ आ रही थी……. और गौर से सुनने के लिए दरवाजे के पास खड़ा होना पड़ता…… जोकि मर्यादा सम्मत नहीं था……… तो हम ये तो नहीं सुन पाए की उस आदमी ने मैनेजर से क्या कहा….. पर जैसे ही वो आदमी केबिन से बाहर आया तो वो फिर उस लड़की के पास जाकर बोला ………..


अरे वाह मियां क्लाइमेक्स पर छोड़ दिया
ये गलत है और भावनाओं के साथ खिलवाड़ है
गुनाह है अरे मैं तो कहता हूँ गुनाहे अजीम हैं..

bhoomi ji
26-09-2011, 02:17 PM
कृप्या प्रतिक्षा करेँ ........
आप कतार मे हैँ |
कहाँ की कतार में हैं??? बैंक की या यहाँ की????:tomato:

ndhebar
26-09-2011, 07:34 PM
अब लिख भी डालो मियां
ड्रामा को खामखा सस्पेंस बना रहो हों :think:

YUVRAJ
26-09-2011, 07:44 PM
बहुत ही सही और सटीक सूत्र सिकंदर भाई ...:bravo:
आगे की कहानी हम पूरी किये देते हैं ...:cheers:अन्दर जाते ही वो सज्जन फर्राटे से अंग्रेजी में बोलने लगे ……….. दरवाजे के पास जहा हम बैठे थे वहां तक आवाज़ आ रही थी……. और गौर से सुनने के लिए दरवाजे के पास खड़ा होना पड़ता…… जोकि मर्यादा सम्मत नहीं था……… तो हम ये तो नहीं सुन पाए की उस आदमी ने मैनेजर से क्या कहा….. पर जैसे ही वो आदमी केबिन से बाहर आया तो वो फिर उस लड़की के पास जाकर बोला ………..

YUVRAJ
26-09-2011, 07:47 PM
इफ यू डोंट लाइक टू टाक इन हिंदी …….. यू शुड रिमूव दिस बोर्ड फ्रॉम हियर……
और फिर उसने एक बोर्ड की और इशारा किया जिस पर लिखा था ……… हिंदी हमारी राजभाषा है इसका प्रयोग करें…
अब भी लड़की के चेहरे पर कोई पश्चाताप के भाव नहीं थे…….. पर फिर वो सज्जन बोले मैं फ़ौज में कर्नल के पद पर रहा……. हमने हमेशा अंग्रेजी बोली क्योकि तब मज़बूरी थी…… पर वहां भी अनावश्यक नहीं बोली………… कोई पश्चाताप नहीं था………… क्योकि हम उसकी देश की खातिर लड़ रहे थे जहाँ की ये भाषा है…….
और तुम नए लोग इस भाषा को अपमानित कर इस भाषा को ख़तम करने का काम कर रहे हो…………….
न जाने कितनी बार फ़ौज और फौजियों के प्रति मैं नतमस्तक हुआ था……. उनके देश के प्रति किये कार्यों के कारण …………. पर हर बार बीच में उनकी वर्दी थी ……….. पर आज इस अवकाश प्राप्त कर्नल ने साबित कर दिया की फौजी मरते दम तक देश के लिए जीता है……..
और हिंदी बोलने के प्रति हमें और बल मिला………. अब कोई संकोच नहीं की सामने वाला क्या सोचे जब मैं हिंदी बोलूं………..
धन्यवाद …….
.
.# यह घटना और इससे जुड़े सभी पात्र काल्पनिक है……. यदि किसी का कोई सबंध किसी वास्तविक घटना से पाया जाता है तो उसे महज संयोग माना जाए…
स्रोत :- पीयूष पन्त (http://piyushpantg.jagranjunction.com/author/piyushpantg/)

malethia
27-09-2011, 09:26 AM
लेकिन नतीजा वाही धाक के तीन पात.................
कोई फर्क नहीं पड़ता किसी भी जगह जाओ धडाधड अंग्रेजी का प्रयोग होता है,वैसे भी क्या हो सकता है उस देश का जिसके प्रधानमन्त्री तक को भी हिंदी नहीं आती !

ndhebar
27-09-2011, 12:28 PM
लेकिन नतीजा वाही धाक के तीन पात.................
कोई फर्क नहीं पड़ता किसी भी जगह जाओ धडाधड अंग्रेजी का प्रयोग होता है,वैसे भी क्या हो सकता है उस देश का जिसके प्रधानमन्त्री तक को भी हिंदी नहीं आती !

हमारे हिंदी फोरम पर कम से कम धडाधड तो इसका प्रयोग नहीं होता और शायद यही हमारे यहाँ होने का मुख्य कारन भी है :cheers:

malethia
27-09-2011, 12:56 PM
हमारे हिंदी फोरम पर कम से कम धडाधड तो इसका प्रयोग नहीं होता और शायद यही हमारे यहाँ होने का मुख्य कारन भी है :cheers:
आप सही कह रहे है मित्र,इसके लिए वास्तव में ही हिंदी फोरम धन्यवाद के पात्र है !
फोरम पर सभी मित्रों से मिलकर हिंदी में बातचीत करने का अपना एक अलग ही मज़ा है वर्ना तो सब जगह इंग्लिश की ही भरमार है !

YUVRAJ
27-09-2011, 07:21 PM
आपने दिल की बात कही और कारण भी सोलह आने सही ... आप धन्यवाद के पात्र हैं ...:cheers:हमारे हिंदी फोरम पर कम से कम धडाधड तो इसका प्रयोग नहीं होता और शायद यही हमारे यहाँ होने का मुख्य कारन भी है :cheers:

khalid
27-09-2011, 08:09 PM
आप सही कह रहे है मित्र,इसके लिए वास्तव में ही हिंदी फोरम धन्यवाद के पात्र है !
फोरम पर सभी मित्रों से मिलकर हिंदी में बातचीत करने का अपना एक अलग ही मज़ा है वर्ना तो सब जगह इंग्लिश की ही भरमार है !

अंग्रेजी की बात जहाँ तक हैँ अपन तो इस मामले मेँ पैदल हैँ
कई ऐसे वाक्या मेरे साथ हुआ हैँ लेकिन मैँ तो अपने दाँत फाड कर सीधे बोलता हुँ मैँ अँगुटा टेक हुँ कृप्या हिँदी मेँ बताऐँ

bhavna singh
27-09-2011, 08:10 PM
हमारे भी यहाँ होने का यही कारण है कि मुझे हिँदी मे विचार व्यक्त करने मे अधिक सुविधा और प्रशन्नता होती /
क्योँ की हम भी ठहरे एक अशिक्षित /

Ranveer
27-09-2011, 11:22 PM
एक कविता जो बिलकुल इस परिस्थिति पर ठीक बैठती है -

शिक्षा के क्षेत्र में
हम उच्च व्यवस्थाओं
का दम्भ भरते हैं
लेकिन हमारे यहां हंसों की
विद्वता का मूल्यांकन
कौवे करते हैं।
गधों पर
मखमली दुसाले हैं
अरबी घोड़े
ठण्ड से मरते हैं।

Sikandar_Khan
27-09-2011, 11:24 PM
एक कविता जो बिलकुल इस परिस्थिति पर ठीक बैठती है -

शिक्षा के क्षेत्र में
हम उच्च व्यवस्थाओं
का दम्भ भरते हैं
लेकिन हमारे यहां हंसों की
विद्वता का मूल्यांकन
कौवे करते हैं।
गधों पर
मखमली दुसाले हैं
अरबी घोड़े
ठण्ड से मरते हैं।

आज की यही परिस्थिति है रणवीर जी |

khalid
28-09-2011, 07:45 AM
एक कविता जो बिलकुल इस परिस्थिति पर ठीक बैठती है -

शिक्षा के क्षेत्र में
हम उच्च व्यवस्थाओं
का दम्भ भरते हैं
लेकिन हमारे यहां हंसों की
विद्वता का मूल्यांकन
कौवे करते हैं।
गधों पर
मखमली दुसाले हैं
अरबी घोड़े
ठण्ड से मरते हैं।

आज के जमाने मेँ यह सटिक बात हैँ

malethia
28-09-2011, 09:08 AM
एक कविता जो बिलकुल इस परिस्थिति पर ठीक बैठती है -

शिक्षा के क्षेत्र में
हम उच्च व्यवस्थाओं
का दम्भ भरते हैं
लेकिन हमारे यहां हंसों की
विद्वता का मूल्यांकन
कौवे करते हैं।
गधों पर
मखमली दुसाले हैं
अरबी घोड़े
ठण्ड से मरते हैं।
बहुत सुंदर रचना है जो आज के सच को उजागर करता है ...........

preetisharma40
24-11-2012, 09:55 AM
बढ़िया लेख