ravi sharma
08-10-2011, 07:14 PM
उदगिर शहर को ऐतेहासिक महत्व प्राप्त है. शहर ८०० साल पुराने किले के लिये जाना जाता है. यह किला बहामनि शासकोने बनाया था. शहर मराठा और निजाम के बीच हुए युद्ध के लिए भी जाना जाता है. १७५९ मे हुए इस युद्ध मे पेशवा सदाशिवराव भाउ के अगुवाई मे मराठो ने निजाम को यही शिकस्त दी थी और दोनो के बीच यही संधी भी हुई थी. १९५६ तक यह शहर हैदराबाद राज्य मे था. पर उसके बाद जब भाषानीहाय राज्यो के पुनःनिर्माण मे यह शहर महाराष्ट्र मे शामील हो गया.
भारतीय ध्वज के लिए लगने वाला सूती कपड़ा इसी शहर खादी ग्रामोद्योग मे बनता है. इसी कपड़े से भारतीय ध्वज बनता है और देश मे हर जगह जगह जहा ध्वजारोहण होता है, वहा यह ध्वज भेजा जाता है. यहा ध्वज के अलावा साड़ी, कुर्ता-पायजामा, बेड शीट, सलवार, कुशन कवर और ढेर सारी खादी की चीज़े बनती है.
उदगिर शहर आज एक प्रमुख व्यापारी केंद्र है. यहा तहेसील कार्यालय और उप-विभागीय कार्यालय भी है. शहर जानवरो के बाजार के लीए भी जाना जाता है. ख़ास कर देवानी जाती के बैलो के लिए यह बाजार प्रसिद्ध है. शहर महाराष्ट्र - कर्नाटका सीमा पर स्थित है. और शहर का विकास बड़ेही तेजीसे हो रहा है. शिक्षा मे तो शहर बड़ाही जाना जाता है. इस का प्रमुख कारण है यहा की शिक्षा पद्धती. १० वी और १२ वी की पढ़ाई की एक नयी ही शैली यहा विकसीत हुई है. उसीकी बदौलत आज शहर मे पढ़नेवाले छात्र परीक्षा मे शिखर पे है. यहा के शिवाजी विद्यालय, उदयगीरी विद्यालय, और हवगीस्वामी विद्यालय आज पूरे देश मे अपनी अच्छी शिक्षा पद्धती के लिए जाने जाते है.
भारतीय ध्वज के लिए लगने वाला सूती कपड़ा इसी शहर खादी ग्रामोद्योग मे बनता है. इसी कपड़े से भारतीय ध्वज बनता है और देश मे हर जगह जगह जहा ध्वजारोहण होता है, वहा यह ध्वज भेजा जाता है. यहा ध्वज के अलावा साड़ी, कुर्ता-पायजामा, बेड शीट, सलवार, कुशन कवर और ढेर सारी खादी की चीज़े बनती है.
उदगिर शहर आज एक प्रमुख व्यापारी केंद्र है. यहा तहेसील कार्यालय और उप-विभागीय कार्यालय भी है. शहर जानवरो के बाजार के लीए भी जाना जाता है. ख़ास कर देवानी जाती के बैलो के लिए यह बाजार प्रसिद्ध है. शहर महाराष्ट्र - कर्नाटका सीमा पर स्थित है. और शहर का विकास बड़ेही तेजीसे हो रहा है. शिक्षा मे तो शहर बड़ाही जाना जाता है. इस का प्रमुख कारण है यहा की शिक्षा पद्धती. १० वी और १२ वी की पढ़ाई की एक नयी ही शैली यहा विकसीत हुई है. उसीकी बदौलत आज शहर मे पढ़नेवाले छात्र परीक्षा मे शिखर पे है. यहा के शिवाजी विद्यालय, उदयगीरी विद्यालय, और हवगीस्वामी विद्यालय आज पूरे देश मे अपनी अच्छी शिक्षा पद्धती के लिए जाने जाते है.