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View Full Version : समय क्या है?


Toxic Blood
25-10-2011, 12:27 AM
समय क्या है? :think:
दोस्तों यह प्रश्न अति रुचिकर प्रतीत होता है ना? यकीनन यह रुचिकर है और जितना रुचिकर है उतना ही महत्वपूर्ण भी. आईये समझने का प्रयास करते हैं-

Toxic Blood
25-10-2011, 12:42 AM
प्रथम प्रश्न तो तो यह है कि क्या आप समय के मूल रूप को समझते हैं? समय क्या है? आइन्स्टीन के शब्दों में छलना, एक धोखा, मिथ्याडम्बर. वायुयान से यात्रा करते समय, समय रेखा पर आते ही यात्रियों को घड़ी ठीक करनी पड़ती है.
क्यों? अतीत क्या है? वर्तमान क्या है? भविष्य क्या है?
यह सब माया जाल है. बरसों आपको कोठरी में रखा जय तोह क्या आप समय बता सकेंगे? तब समय एक कल्पना मात्र है. इसी कारण हमारे धर्म शास्त्रों में लिखा गया है, कृष्ण के शब्दों में- "मैं अनंत हूँ, अनादि हूँ, समयहीन हूँ."

Dark Saint Alaick
25-10-2011, 01:22 AM
वाह, बन्धु ! श्रेष्ठ प्रारम्भ के लिए साधुवाद ! आपकी यह समय यात्रा समय की अनेक परतें उधेड़ेगी ऐसा अनुमान है ! सूत्र को निरंतर रखें, तो यह यात्रा और भी रोचक, मनमोहक और रोमांचक प्रतीत होगी !

Toxic Blood
25-10-2011, 02:16 AM
धन्यवाद् मित्र, हालाँकि मेरे पास समय का कुछ अभाव रहता है परन्तु सूत्र में नियमितता रखने का प्रयास अवश्य करूँगा. :horse:

Dark Saint Alaick
25-10-2011, 02:36 AM
आपको मुझ जैसे निशाचर का लगातार साथ देते हुए देख कर तो ऐसा कदापि नहीं लगता, बन्धु ! फिर भी अपने अमूल्य समय में से कुछ फोरम के लिए निकालें और इस अमूल्य सूत्र को निरंतर रखें, ऎसी मेरी प्रार्थना है ! मैं इस सूत्र पर रोज उपस्थित रहूंगा, यह वादा है ! धन्यवाद !

saajid
25-10-2011, 09:23 AM
सूत्र की प्रस्तावना रोचक जानकारी से भरपूर जान पडती है :):fantastic:
आशा है समय का बंधन इसमें बाधक नही बनेगा:bravo:

Toxic Blood
25-10-2011, 05:11 PM
आपको मुझ जैसे निशाचर का लगातार साथ देते हुए देख कर तो ऐसा कदापि नहीं लगता, बन्धु ! फिर भी अपने अमूल्य समय में से कुछ फोरम के लिए निकालें और इस अमूल्य सूत्र को निरंतर रखें, ऎसी मेरी प्रार्थना है ! मैं इस सूत्र पर रोज उपस्थित रहूंगा, यह वादा है ! धन्यवाद !
हा हा मुझे पूर्वानुमान हो गया था कि आपको ऐसा लग सकता है परन्तु जब मैं ऑनलाइन होता हूँ तब भी background में मैं studies ही कर रहा होता हूँ.:hbnew: परन्तु अब जब सूत्र शुरू किया है तो जारी तो रखूँगा ही, हाँ भविष्य में व्यस्तता कुछ ज्यादा बढ़ जाये तो कह नहीं सकता.

Dark Saint Alaick
25-10-2011, 05:14 PM
बहुत अच्छा ! अध्ययन बहुत ही आवश्यक है बन्धु ! वह सर्वप्रथम है !

Toxic Blood
27-10-2011, 03:30 PM
समय के जाल की व्याख्या भगवान श्री कृष्ण ने गीता में और आइंस्टीन ने विज्ञान में टाइम थ्योरी, समय सिद्धांत, सापेक्षवाद द्वारा की है.
आइंस्टीन का कथन है कि टाइम थ्योरी से हम अतीत में जा सकते हैं, अगर महाभारत का युद्ध हुआ है तो हम अतीत में प्रवेश करके देख सकते हैं पर गति प्रकाश की चाहिए.
जिस दिन मनुष्य वह गति (एक सेकंड में लगभग 1,86,283 मील) प्राप्त कर लेगा, उसी दिन अतीत में प्रवेश करके देख सकेगा, भविष्य जान सकेगा.

Toxic Blood
27-10-2011, 03:43 PM
विज्ञान कहता है-
जिस मनुष्य की आयु पृथ्वी पर 25 वर्ष होगी, मंगल पर 18 वर्ष होगी, क्यूंकि मंगल का दिन लगभग 24 घंटे, 37 मिनट, 25 सेकंड का होता है. वह 687 दिनों में एक परिक्रमा करता है, अर्थात एक वर्ष पूरा करता है. मंगल का वर्ष हमारी धरती के 2 वर्ष से थोडा कम है. इस तरह समय मिथ्या हो जायेगा.
इसी प्रकार पृथ्वी का 1 किलोग्राम वजन मंगल पर 6 किलोग्राम हो जायेगा. भार भी मिथ्या हो गया.
इसीलिए वेदों में कहा गया- 'जगन्मिथ्या.' सब कुछ मिथ्या है, झूठा है.

Dark Saint Alaick
27-10-2011, 04:46 PM
अति उत्तम बन्धु ! 'अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑव टाइम' में स्टीफन हॉकिंग ने भी समय, ब्रह्माण्ड और भौतिकी के अनेक रहस्यों की परतें उधेड़ी हैं ! आपका सूत्र बेहतर चल रहा है, यदि कभी जरूरत महसूस हुई और किसी कमी को पूर्ण करने की आवश्यकता अनुभव हुई, तो मैं भी योगदान अवश्य करूंगा ! धन्यवाद !

Toxic Blood
27-10-2011, 11:57 PM
अति उत्तम बन्धु ! 'अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑव टाइम' में स्टीफन हॉकिंग ने भी समय, ब्रह्माण्ड और भौतिकी के अनेक रहस्यों की परतें उधेड़ी हैं ! आपका सूत्र बेहतर चल रहा है, यदि कभी जरूरत महसूस हुई और किसी कमी को पूर्ण करने की आवश्यकता अनुभव हुई, तो मैं भी योगदान अवश्य करूंगा ! धन्यवाद !
जी अवश्य.. आप ऐसा करेंगे तो मुझे बहुत प्रसन्नता होगी.

Ranveer
09-11-2011, 10:47 PM
Sutr ko aage badhayen...yadi aap 'time' ke swaroop par prakash dal rahen hain to ye bada mazedar topic hai....shankarachary ke ausar parmarthik roop se jagat or ishwar dono asaty hain parantu ved me inhe saty mana jata hai....'time' or 'space' ka astitv relative hai...thik usi tarah jis tarah 'god' ek relative concept hai....stifen howkings ke anusar ek black hole ke andar ki sari chezen time ki paridhi se bahar hoti hai....ye universe bhi ek black hol ka parinam hai(big-bang)....kul milakar kaha ja sakta hai ki 'time' jaisi koi cheez (universe ke liye) hai hi nahi !! ....is sutr ko uske motive tak pahuchayen to mai bhi kuch vistar me likhna chahunga.

Dark Saint Alaick
10-11-2011, 02:22 AM
कहां छुप गए कठोर ?

Toxic Blood
12-11-2011, 11:48 PM
समय एक अविभाज्य इकाई है, इसका विभाजन संभव नहीं है, इतने पर भी प्रकृति की स्थूलगति एवं परिमाणों को नापने के लिए हमने दिन रात को अपनी सुविधा के लिए घंटा-मिनट और सेकंडों में विभाजित कर लिया है. समय अजर-अमर है, वह किसी की प्रतीक्षा नहीं करता. चूँकि पृथ्वी गोलाकार है और अपने अक्ष पर घूम रही है, इसीलिए सूर्य की किरणों का स्पर्श हर स्थान पर क्रमिक व अनियमित होता है.

Toxic Blood
13-11-2011, 12:07 AM
हमने अपनी सुविधा के लिए पृथ्वी को दो भागों में बाँट लिया है. पृथ्वी को दो भागों में जो रेखा विभाजित करती है उस रेखा को भूमध्य रेखा नाम दे दिया गया है. भूमध्य रेखा के उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्ध नाम से पहचानने लगे हैं.
दूसरी ओर पृथ्वी को पूर्व से पश्चिम की ओर रेखाएं खींच कर विभाजित किया है, साथ ही दक्षिण से उत्तर की ओर रेखाएं खींच कर विभाजित कर लिया गया है. पूर्व से पश्चिम की ओर जो रेखाएं खींची हैं उन्हें अक्षांश नाम दिया गया है. इन रेखाओं की सहायता से किसी भी स्थान की जलवायु एवं सूर्योदयास्त ज्ञात करने में आसानी रहती है.
उत्तर से दक्षिण की ओर जो रेखाएं खींची गयीं थीं उन्हें देशांतर कहा जाता है.
हमने अपने देश के लिए एक मानक समय निर्धारित कर रखा है, इससे देश के सभी स्थानों की घड़ियाँ एक ही समय बताती हैं.