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View Full Version : गुनगुनाओ, खुल कर गाओ, लेकिन सही गाओ


Dark Saint Alaick
08-11-2011, 12:14 AM
मैंने अक्सर देखा है कि लोग गुनगुनाते हैं, गाते हैं ... लेकिन अक्सर गलत ! इसी सोच ने मुझे प्रेरित किया कि आपके सुरों को सही अल्फाज़ भेंट करूं यानी मैं इस सूत्र में आपके पसंदीदा फिल्मी गीतों के बोल प्रस्तुत करूंगा ! शुरुआत कर रहा हूं देश-भक्ति के गीतों से, कालान्तर में सभी विषयों के फिल्मी गीत इस सूत्र में नमूदार होंगे ! हां, एक विशेष अनुरोध अभिजी से ! (मुझे विश्वास है कि यह भार उठाना उन्हें अच्छा लगेगा, क्योंकि यू-ट्यूब और वीडियो के वे मास्टर हैं !) अनुरोध यह कि इन गीतों के वीडियो वे यहां प्रस्तुत कर सकें, तो सूत्र में चार चांद लग जाएंगे !

Dark Saint Alaick
08-11-2011, 12:19 AM
हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के / जागृति


रचनाकार : प्रदीप
संगीतकार : हेमंत
गायक : रफी

पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल के
अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के
मंजिल पे आया मुल्क हर बला को टाल के
सदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के

हम लाये हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के ...

देखो कहीं बरबाद न होवे ये बगीचा
इसको हृदय के खून से बापू ने है सींचा
रक्खा है ये चिराग शहीदों ने बाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के...

दुनिया के दांव पेंच से रखना न वास्ता
मंजिल तुम्हारी दूर है लंबा है रास्ता
भटका न दे कोई तुम्हें धोके मे डाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के...

एटम बमों के जोर पे ऐंठी है ये दुनिया
बारूद के इक ढेर पे बैठी है ये दुनिया
तुम हर कदम उठाना जरा देखभाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के...

आराम की तुम भूल भुलय्या में न भूलो
सपनों के हिंडोलों मे मगन हो के न झुलो
अब वक़्त आ गया मेरे हंसते हुए फूलो
उठो छलांग मार के आकाश को छू लो
तुम गाड़ दो गगन में तिरंगा उछाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के...

abhisays
08-11-2011, 07:15 AM
हम लाये हैं कश्ती तूफ़ान से निकाल के - मोहम्मद रफ़ी


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arvind
08-11-2011, 08:42 AM
अलेक जी और अभिषेक की ये जुगलबंदी शानदार है। उम्मीद करते है कि गीतो के गुलशन में एक से बढ़कर एक गुलों के दीदार होंगे।
:fantastic::fantastic:

Dark Saint Alaick
08-11-2011, 09:52 AM
ऐ मेरे प्यारे वतन / काबुलीवाला


रचनाकार - गुलज़ार
संगीत - सलिल चौधरी
गायक - मन्ना डे


ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझपे दिल कुर्बान, तू ही मेरी आरज़ू
तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान

माँ का दिल बन के कभी सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं सी बेटी बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको, उतना तड़पाता है तू
तुझपे दिल कुर्बान...

तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस ज़ुबां को जिसपे आए तेरा नाम
सबसे प्यारी सुबह तेरी, सबसे रंगीं तेरी शाम
तुझपे दिल कुर्बान...

छोड़ कर तेरी गली को दूर आ पहुंचे हैं हम
है मगर ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की कसम
जिस जगह पैदा हुए थे, उस जगह ही निकले दम
तुझपे दिल कुर्बान...

malethia
08-11-2011, 10:36 AM
मैंने अक्सर देखा है कि लोग गुनगुनाते हैं, गाते हैं ... लेकिन अक्सर गलत ! इसी सोच ने मुझे प्रेरित किया कि आपके सुरों को सही अल्फाज़ भेंट करूं यानी मैं इस सूत्र में आपके पसंदीदा फिल्मी गीतों के बोल प्रस्तुत करूंगा ! शुरुआत कर रहा हूं देश-भक्ति के गीतों से, कालान्तर में सभी विषयों के फिल्मी गीत इस सूत्र में नमूदार होंगे ! हां, एक विशेष अनुरोध अभिजी से ! (मुझे विश्वास है कि यह भार उठाना उन्हें अच्छा लगेगा, क्योंकि यू-ट्यूब और वीडियो के वे मास्टर हैं !) अनुरोध यह कि इन गीतों के वीडियो वे यहां प्रस्तुत कर सकें, तो सूत्र में चार चांद लग जाएंगे !
अलेक्क जी,आपने मेरी एक लाइलाज बीमारी का इलाज़ कर दिया ,इसके लिए धन्यवाद!
गुनगुनाने की बीमारी की वजह से बहुत से गानों का अर्थ से अनर्थ किया है मैंने....:giggle::giggle:

MissK
08-11-2011, 10:44 PM
बहुत अच्छा प्रयास है:bravo: अलैक जी अक्सर लोगों को गाने का तो शौक होता है परन्तु ज्यादातर लोग सिर्फ मुखड़े के सही बोल याद रखते हैं और बाकि को गोल कर देते हैं :giggle: वैसे ये सूत्र शायद गीत-संगीत विभाग में होना चाहिए?:think:

malethia
08-11-2011, 10:49 PM
अलेक जी और अभिषेक की ये जुगलबंदी शानदार है। उम्मीद करते है कि गीतो के गुलशन में एक से बढ़कर एक गुलों के दीदार होंगे।
:fantastic::fantastic:
और अगर अरविन्द जी साथ दे तो अ की पॉवर तीन हो जायेगी ............:giggle::giggle:
अलिक जी,अभिषेक जी,अरविन्द जी.............

Dark Saint Alaick
09-11-2011, 01:46 AM
बहुत अच्छा प्रयास है:bravo: अलैक जी अक्सर लोगों को गाने का तो शौक होता है परन्तु ज्यादातर लोग सिर्फ मुखड़े के सही बोल याद रखते हैं और बाकि को गोल कर देते हैं :giggle: वैसे ये सूत्र शायद गीत-संगीत विभाग में होना चाहिए?:think:

धन्यवाद, काम्याजी ! इस गलती की ओर मेरी नज़र ही नहीं गई ! सच कहूं तो गीत-संगीत विभाग अब तक मेरी नज़रों से अछूता था ! आज आपने स्मरण दिलाया, तो मैंने देखा कि इसमें एक से बढ़ कर एक बेहतरीन सूत्र मौजूद हैं ! सूत्र को मैं उपयुक्त स्थान पर ले आया हूं ! फिल्म जगत और गीत-संगीत के प्रति आपकी रूचि देख कर उम्मीद है कि इस सूत्र को आपका स्नेह इसी तरह मिलता रहेगा ! धन्यवाद !

Dark Saint Alaick
09-11-2011, 01:55 AM
और अगर अरविन्द जी साथ दे तो अ की पॉवर तीन हो जायेगी ............:giggle::giggle:
अलिक जी,अभिषेक जी,अरविन्द जी.............

'A' अगर ट्रिपल हो गए तो आपको वाकई हसरत मोहानी के अल्फाज़ गुनगुनाने पड़ेंगे- हंगामा है क्यों बरपा ...! :giggle:

abhisays
09-11-2011, 06:06 AM
ऐ मेरे प्यारे वतन

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Dark Saint Alaick
09-11-2011, 03:14 PM
मेरे देश की धरती / उपकार


संगीत : कल्याणजी आनंदजी
गीत : इन्दीवर
गायक : महेंद्र कपूर


मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती

बैलों के गले में जब घुंघरू जीवन का राग सुनाते हैं
ग़म कोस दूर हो जाता है खुशियों के कंवल मुस्काते हैं
सुन के रहट की आवाज़ें यूं लगे कहीं शहनाई बजे
आते ही मस्त बहारों के दुल्हन की तरह हर खेत सजे

मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती

जब चलते हैं इस धरती पे हल ममता अंगड़ाइयां लेती है
क्यों ना पूजें इस माटी को जो जीवन का सुख देती है
इस धरती पे जिसने जन्म लिया उसने ही पाया प्यार तेरा
यहां अपना पराया कोई नही हैं सब पे है मां उपकार तेरा

मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती

ये बाग़ हैं गौतम नानक का खिलते हैं अमन के फूल यहां
गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक ऐसे हैं चमन के फूल यहां
रंग हरा हरी सिंह नलवे से रंग लाल है लाल बहादुर से
रंग बना बसंती भगत सिंह से रंग अमन का वीर जवाहर से

मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती

abhisays
09-11-2011, 10:08 PM
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Dark Saint Alaick
10-11-2011, 07:56 PM
हर करम अपना करेंगे / कर्मा


संगीत : लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
रचनाकार: अनन्द बक्षी
गायन : कविता कृष्णमूर्ती, मोहम्मद अज़ीज़


ऐ मुहब्बत -२

ऐ मुहब्बत तेरी दास्तां के लिए
मैं हूँ तैयार हर इम्तिहां के लिए
जान बुलबुल की है गुलिस्तां के लिए
ऐ मुहब्बत तेरी दास्तां के...

इक शोला हूं मैं इक बिजली हूं मैं
आग रखकर हथेली पे निकली हूं मैं
दुश्मनों के हर एक आशियाँ के लिए
जान बुलबुल की है ...

ये ज़माना अभी मुझको जाना नहीं
सिर कटाना है पर सिर झुकाना नहीं
मुझको मरना है अपने हिन्दुस्तां के लिए
जान बुलबुल की है ...

हर करम अपना करेंगे -२ ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए

मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू
हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए

और कोई भी कसम कोई भी वादा कुछ नहीं
एक बस तेरी मोहब्बत से ज्यादा कुछ नहीं कुछ नहीं
हम जियेंगे और मरेंगे ऐ सनम तेरे लिए

सबसे पहले तू है तेरे बाद हर एक नाम है
तू मेरा आग़ाज़ था तू ही मेरा अन्जाम है अन्जाम है
हम जिऐंगे और मरेंगे ऐ सनम तेरे लिए
दिल दिया है जां भी ...

मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू

हर करम अपना करेंगे -२ ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए

तू मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू मेरा अभिमान है
ऐ वतन महबूब मेरे तुझपे दिल क़ुर्बान है
हम जिऐंगे या मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ...

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई हमवतन हमनाम हैं
जो करे इनको जुदा मज़हब नहीं इल्जाम है
हम जिऐंगे या मरेंगे ...

तेरी गलियों में चलाकर नफ़रतों की गोलियां
लूटते हैं सब लुटेरे दुल्हनों की डोलियां
लुट रहा है आंप वो अपने घरों को लूट कर
खेलते हैं बेखबर अपने लहू से होलीयां
हम जिऐंगे या मरेंगे ...

abhisays
10-11-2011, 08:15 PM
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vijayverma
11-11-2011, 10:03 PM
इब तो गाणा हम भी सिख ल्यांगे...........

Dark Saint Alaick
12-11-2011, 02:14 AM
है प्रीत जहां की रीत सदा / पूरब और पश्चिम


रचनाकार : इंदीवर
संगीत : कल्याणजी आनंदजी
गायक : महेंद्र कपूर


जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने, दुनिया को तब गिनती आई
तारों की भाषा भारत ने, दुनिया को पहले सिखलाई

देता न दशमलव भारत तो, यूं चांद पे जाना मुश्किल था
धरती और चांद की दूरी का, अंदाज़ लगाना मुश्किल था

सभ्यता जहां पहले आई, पहले जनमी है जहां पे कला
अपना भारत वो भारत है, जिसके पीछे संसार चला
संसार चला और आगे बढ़ा, ज्यूं आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया
भगवान करे ये और बढ़े, बढ़ता ही रहे और फूले-फले

है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं
भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं

काले-गोरे का भेद नहीं, हर दिल से हमारा नाता है
कुछ और न आता हो हमको, हमें प्यार निभाना आता है
जिसे मान चुकी सारी दुनिया, मैं बात वही दोहराता हूं
भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं

जीते हों किसी ने देश तो क्या, हमने तो दिलों को जीता है
जहां राम अभी तक है नर में, नारी में अभी तक सीता है
इतने पावन हैं लोग जहां, मैं नित-नित शीश झुकाता हूं
भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं

इतनी ममता नदियों को भी, जहां माता कहके बुलाते हैं
इतना आदर इन्सान तो क्या, पत्थर भी पूजे जातें हैं
उस धरती पे मैंने जन्म लिया, ये सोच के मैं इतराता हूं
भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं

abhisays
12-11-2011, 07:11 AM
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Dark Saint Alaick
14-11-2011, 12:53 PM
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है / बूट पॉलिश


रचना : शैलेन्द्र
संगीत : शंकर जयकिशन
गायन : आशा भोसले, मोहम्मद रफ़ी


नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
हमने किस्मत को बस में किया है

भोली भाली मतवाली आंखों में क्या है
आंखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली
आंखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली
आने वाली दुनिया का सपना सजा है

नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है

भीख में जो मोती मिलेगा लोगे या न लोगे
ज़िन्दगी के आंसुओं का बोलो क्या करोगे

भीख में जो मोती मिले तो भी हम न लेंगे
ज़िन्दगी के आंसुओं की माला पहनेंगे
मुश्किलों से लड़ते फिरते जीने में मज़ा है

नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है ..

हमसे न छुपाओ बच्चो हमें तो बताओ
आने वाली दुनिया कैसी होगी समझाओ

आने वाली दुनिया में सब के सर पे ताज हो
न भूखों की भीड़ होगी
न दुखों का राज हो
बदलेगा ज़माना यह सितारों पे लिखा है

नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है ...

arvind
14-11-2011, 03:06 PM
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Dark Saint Alaick
14-11-2011, 04:03 PM
धन्यवाद अरविन्दजी ! :bravo:

लीजिए, मलेठियाजी ! हो गए 'ट्रिपल ए' ! :cheers:

Dark Saint Alaick
17-11-2011, 11:14 AM
भारत हमको जान से प्यारा है / रोजा



रचनाकार : पी. के. मिश्रा
संगीत : ए. आर. रहमान
गायन : हरिहरन एवं साथी


भारत हमको जान से प्यारा है
सबसे न्यारा गुलिस्तां हमारा है

सदियों से भारत भूमि, दुनिया की शान है
भारत मां की रक्षा में, जीवन कुर्बान है
भारत हमको जान से प्यारा है ...

उजड़े नहीं अपना चमन, टूटे नहीं अपना वतन
गुमराह न कर दे कोई, बर्बाद न कर दे कोई
मन्दिर यहां मस्जिद यहां, हिन्दू यहां मुस्लिम यहां
मिलते रहे हम प्यार से, जागो ...

हिन्दुस्तानी नाम हमारा है, सबसे प्यारा देश हमारा है
जन्मभूमि है हमारी, शान से कहेंगे हम
सब ही तो भाई भाई, प्यार से रहेंगे हम
हिन्दुस्तानी नाम हमारा है, भारत हमको जान से प्यारा है

आसाम से गुजरात तक, बंगाल से महाराष्ट्र तक
जाति कई धुन एक है, भाषा कई सुर एक है
कश्मीर से मद्रास तक, कह दो सभी हम एक हैं
आवाज दो हम एक हैं, जागो ...

abhisays
17-11-2011, 07:31 PM
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Dark Saint Alaick
22-11-2011, 11:05 PM
ये देश है वीर जवानों का / नया दौर


रचनाकार: साहिर लुधियानवी
संगीत : ओ. पी. नय्यर
गायन : मोहम्मद रफी, बलबीर


ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का
इस देश का यारो क्या कहना, ये देश है दुनिया का गहना

यहां चौड़ी छाती वीरों की, यहां भोली शक्लें हीरों की
यहां गाते हैं रांझे मस्ती में, मचती हैं धूमें बस्ती में

पेड़ों में बहारें झूलों की, राहों में कतारें फूलों की
यहां हंसता है सावन बालों में, खिलती हैं कलियां गालों में

कहीं दंगल शोख जवानों के, कहीं करतब तीर कमानों के
यहां नित नित मेले सजते हैं, नित ढोल और ताशे बजते हैं

दिलबर के लिए दिलदार हैं हम, दुश्मन के लिए तलवार हैं हम
मैदां में अगर हम डट जाएं, मुश्किल है कि पीछे हट जाएं

abhisays
23-11-2011, 07:03 PM
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Dark Saint Alaick
28-11-2011, 02:35 AM
मेरा रंग दे बसंती चोला / शहीद


रचना एवं संगीत : प्रेम धवन
गायन : महेंद्र कपूर, मुकेश, राजेंद्र भाटिया


मेरा रंग दे बसंती चोला, माए रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला

दम निकले इस देश की खातिर बस इतना अरमान है
एक बार इस राह में मरना सौ जन्मों के समान है
देख के वीरों की क़ुरबानी अपना दिल भी बोला
मेरा रंग दे बसंती चोला ...

जिस चोले को पहन शिवाजी खेले अपनी जान पे
जिसे पहन झांसी की रानी मिट गई अपनी आन पे
आज उसी को पहन के निकला हम मस्तों का टोला
मेरा रंग दे बसंती चोला ...

prashant
25-12-2011, 12:12 PM
ऐ मेरे वतन के लोगों


रचनाकार: कवि प्रदीप्

ए मेरे वतन् के लोगो
तुम् खूब् लगा लो नारा
ये शुभ् दिन् है हम् सब् का
लहरा लो तिरङा प्यारा
पर् मत् भूलो सीमा पर्
वीरो ने है प्रान् गवाये
कुछ् याद् उन्हे भी कर् लो -२
जो लौट् के घर् न आये -२

ए मेरे वतन् के लोगो
जर आख् मे भर् लो पानी
जो शहीद् हुए है उन्कि
जरा याद् करो कुर्बानि

जब् घायल् हुआ हिमालय्
खत्रे मे पडी आजादी
जब् तक् थी सास् लडे वो
फिर् अप्नि लाश् बिछा दी
सङीन् पे धर् कर् माथा
सो गये अ मर् बलिदानी
जो शहीद् हुए है उन्कि
जरा याद् करो कुर्बानि

जब् देश् मे थी दिवाली
वो खेल् रहे थे होली
जब् हम् बैठे थे घरो मे
वो झेल् रहे थे गोली
थे धन्य जवान् वो अपने
थि धन्य वो उनकि जवानी
जो शहीद् हुए है उन्कि
जरा याद् करो कुर्बानि

कोइ सिख् कोइ जाठ् मराठा
कोइ गुरखा कोइ मदरासि
सरहद् पे मरनेवाला
हर् वीर् था भारतवासी
जो खून् गिरा पर्वत् पर्
वो खून् था हिन्दुस्तानि
जो शहीद् हुए है उन्कि
जरा याद् करो कुर्बानि

थी खून् से लथ्-पथ् काया
फिर् भी बन्दूक् उठाके
दस्-दस् को एक् ने मारा
फिर् गिर् गये होश् गवा के
जब् अन्त्-समय् आया तो
कह् गये के अब् मरते है
खुश् रहना देश् के प्यारो
अब् हम् तो सफर् करते है
क्या लोग् थे वो दीवाने
क्या लोग् थे वो अभिमानि
जो शहीद् हुए है उन्कि
जरा याद् करो कुर्बानि

तुम् भुल् ना जाओ उन्को
इस् लिये कही ये काहानी
जो शहीद् हुए है उन्कि
जरा याद् करो कुर्बानि
जय् हिन्द् जय् हिन्द् कि सेना -२
जय् हिन्द्, जय् हिन्द्, जय् हिन्द्

prashant
25-12-2011, 12:15 PM
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prashant
25-12-2011, 12:24 PM
वंदे मातरम


वंदे मातरम,
वंदे मातरम
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्

सस्य श्यामलां मातरंम् .

शुभ्र ज्योत्सनाम् पुलकित यामिनीम्

फुल्ल कुसुमित द्रुमदलशोभिनीम्,

सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम् .

सुखदां वरदां मातरम् ॥



सप्त कोटि कण्ठ कलकल निनाद कराले

द्विसप्त कोटि भुजैर्ध्रत खरकरवाले

के बोले मा तुमी अबले

बहुबल धारिणीम् नमामि तारिणीम्

रिपुदलवारिणीम् मातरम् ॥



तुमि विद्या तुमि धर्म, तुमि ह्रदि तुमि मर्म

त्वं हि प्राणाः शरीरे

बाहुते तुमि मा शक्ति,

हृदये तुमि मा भक्ति,

तोमारै प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे ॥



त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी

कमला कमलदल विहारिणी

वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम्

नमामि कमलां अमलां अतुलाम्

सुजलां सुफलां मातरम् ॥



श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषिताम्

धरणीं भरणीं मातरम् ॥

वंदे मातरम,

वंदे मातरम

- बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय

prashant
25-12-2011, 12:26 PM
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jitendragarg
31-01-2012, 12:59 PM
और अगर अरविन्द जी साथ दे तो अ की पॉवर तीन हो जायेगी ............:giggle::giggle:
अलिक जी,अभिषेक जी,अरविन्द जी.............


A ki power yaad dila kar galat kiya bhai! Apne school ke din yaad aa gaye, jab MP Engineering entrance exam ki coaching me bhi A ki power chalti thi.

Sikandar_Khan
31-01-2012, 05:44 PM
मेरा रंग दे बसंती चोला / शहीद


रचना एवं संगीत : प्रेम धवन
गायन : महेंद्र कपूर, मुकेश, राजेंद्र भाटिया


मेरा रंग दे बसंती चोला, माए रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला

दम निकले इस देश की खातिर बस इतना अरमान है
एक बार इस राह में मरना सौ जन्मों के समान है
देख के वीरों की क़ुरबानी अपना दिल भी बोला
मेरा रंग दे बसंती चोला ...

जिस चोले को पहन शिवाजी खेले अपनी जान पे
जिसे पहन झांसी की रानी मिट गई अपनी आन पे
आज उसी को पहन के निकला हम मस्तों का टोला
मेरा रंग दे बसंती चोला ...
KUH-gmoAAu4

khalid
31-01-2012, 08:55 PM
क्या बात हैँ उस्ताद जी मैँ सोच रहा हुँ
ऐसा भी होता

abhisays
27-04-2013, 06:36 AM
इस शानदार सूत्र को फिर से बढ़ाना चाहिए। :cheers:

Dark Saint Alaick
09-05-2013, 03:51 AM
जहां डाल डाल पर सोने की ... / सिकंदर ऐ आज़म


रचना : राजिन्दर कृष्ण
संगीत : हंसराज बहल
गायन : मोहम्मद रफ़ी


गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु
गुरुदेवो महेश्वर:
गुरु साक्षात परब्रह्म
तस्मये श्री गुरुवे नम:

जहां डाल डाल पर सोने की चिड़ियां करती हैं बसेरा
वो भारत देश है मेरा।
जहां सत्य अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा।

ये धरती वो जहां ॠषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला
जहां हर बालक एक मोहन है और राधा हर एक बाला
जहां सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा
वो भारत देश है मेरा।

जहां गंगा, जमुना, कृष्ण और कावेरी बहती जाए
जहां उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम को अमृत पिलवाए
कहीं ये फल और फूल उगाए, केसर कहीं बिखेरा
वो भारत देश है मेरा।

अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले
कहीं दीवाली की जगमग है कहीं हैं होली के मेले
जहां राग रंग और हंसी खुशी का चारों ओर है घेरा
वो भारत देश है मेरा।

जहां आसमान से बातें करते मंदिर और शिवाले
जहां किसी नगर में किसी द्वार पर कोई न ताला डाले
प्रेम की बंसी जहां बजाता है ये शाम सवेरा
वो भारत देश है मेरा।

abhisays
09-05-2013, 06:40 AM
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internetpremi
11-08-2013, 01:09 PM
Great thread.
Saw it for the first time today.
Love this idea.
Always felt the need for correct lyrics.

Please keep this thread alive.
Suggestions for future songs:
1) Ae maalik tere bandhe hum
2) man tarpat hari darshan ko aaj
3) tumhee ho maata, pita tumhee ho
4) ham ko man ki shakti dena
5) allah tero naam, eeshwar tero naam

Will come up with more suggestions later.
Plan to compile the lyrics into my own little song book later.
Typed on my ipad, hence typed in English.
Thanks to Dark Saint Alaick, Abhi and all other contributors.
Hope others will jump in and contribute.
Best wishes.

dipu
11-08-2013, 01:23 PM
Beautiful ....

Dr.Shree Vijay
12-08-2013, 12:19 PM
मैंने अक्सर देखा है कि लोग गुनगुनाते हैं, गाते हैं ... लेकिन अक्सर गलत ! इसी सोच ने मुझे प्रेरित किया कि आपके सुरों को सही अल्फाज़ भेंट करूं यानी मैं इस सूत्र में आपके पसंदीदा फिल्मी गीतों के बोल प्रस्तुत करूंगा ! शुरुआत कर रहा हूं देश-भक्ति के गीतों से, कालान्तर में सभी विषयों के फिल्मी गीत इस सूत्र में नमूदार होंगे ! हां, एक विशेष अनुरोध अभिजी से ! (मुझे विश्वास है कि यह भार उठाना उन्हें अच्छा लगेगा, क्योंकि यू-ट्यूब और वीडियो के वे मास्टर हैं !) अनुरोध यह कि इन गीतों के वीडियो वे यहां प्रस्तुत कर सकें, तो सूत्र में चार चांद लग जाएंगे !




:iagree: आपका यह तरीका मुझे सर्वोत्तम लगा धन्यवाद.............:gm: :bravo: :cheers: