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View Full Version : पौष का सवेरा


Dr. Rakesh Srivastava
18-12-2011, 08:41 AM
मौसम में दूर तलक कोहरा घनेरा है ;
पौष का सवेरा है , पौष का सवेरा है .
जमे ओस कणों से ढँका अमलतास ,
सर्दी की रात भुगत है बहुत उदास ;
टुकुर - टुकुर धूप के लगाता कयास .
जिधर देखो उधर - उधर गलन का बसेरा है ;
पौष का सवेरा है , पौष का सवेरा है .
ऊँची इमारतों को हीटर ही प्यारा है ,
बेबस झोपड़ियों को अलावों का सहारा है ;
फुटपाथ के भिखारी को ठंढ ने ही मारा है .
सर्दी से चाय का सम्बन्ध बड़ा गहरा है ;
पौष का सवेरा है , पौष का सवेरा है .
फटा होठ ठंढ की निर्दयता दिखाए ,
शीत - बाण तन - मन में चुभ - चुभ जाए ;
गर्म - गर्म साँसों में भाप नज़र आये .
पलकों की कोरों पे इक बूँद का बसेरा है ;
पौष का सवेरा है , पौष का सवेरा है .
सूरज धरती के बीच खिंचा धुन्ध का जाला ,
आलू अरहर का पड़ा पाला से पाला ;
पोखरे की भाप ने धुवें का भ्रम डाला .
अलावों से हाथ सेंकते ग्रामीणों का घेरा है ;
पौष का सवेरा है , पौष का सवेरा है .

रचयिता~~~ डॉ . राकेश श्रीवास्तव
विनय खण्ड -2,गोमती नगर ,लखनऊ .

malethia
18-12-2011, 11:23 AM
सर्दी का अहसास कराती अद्भुत रचना के लिए डॉ. साहेब का आभार !

abhisays
18-12-2011, 05:48 PM
मुझे तो कविता पढ़ते ही ठण्ड लगने लगी.

Ranveer
18-12-2011, 09:11 PM
बेहतरीन ......बहुत सुंदर
इस कविता को पढ़कर ऐसा लगा मानो बचपन की हिन्दी की कक्षा की कोई कविता पढ़ रहा हूँ ।
प्रस्तुतीकरण और भाव लाजवाब हैं ।

Dr. Rakesh Srivastava
19-12-2011, 08:02 PM
सर्दी का अहसास कराती अद्भुत रचना के लिए डॉ. साहेब का आभार !

सम्माननीय मलेथिया जी ;
पढ़ने व प्रतिक्रिया देने हेतु
आपका बहुत - बहुत आभार .

Dr. Rakesh Srivastava
19-12-2011, 08:05 PM
मुझे तो कविता पढ़ते ही ठण्ड लगने लगी.

सम्माननीय abhisays जी ;
पढ़ने व प्रतिक्रिया देने हेतु
आपका बहुत - बहुत आभार .

Dr. Rakesh Srivastava
19-12-2011, 08:07 PM
बेहतरीन ......बहुत सुंदर
इस कविता को पढ़कर ऐसा लगा मानो बचपन की हिन्दी की कक्षा की कोई कविता पढ़ रहा हूँ ।
प्रस्तुतीकरण और भाव लाजवाब हैं ।

सम्माननीय रणवीर जी ;
पढ़ने व प्रतिक्रिया देने हेतु
आपका बहुत - बहुत आभार .

Dr. Rakesh Srivastava
19-12-2011, 08:16 PM
सुश्री MissK एवं
सर्वश्री अरविन्द जी
व Dark Saint Alaick जी ;
पढ़ने व प्रतिक्रिया देने हेतु
आपका बहुत - बहुत आभार .

Dr. Rakesh Srivastava
21-12-2011, 06:50 AM
सम्माननीय सिकंदर जी
पढ़ने व पसंद करने के लिए
आपका बहुत - बहुत आभार .