PDA

View Full Version : नई-नवेली दुल्हन


sombirnaamdev
19-01-2012, 06:57 PM
http://hindi.webdunia.com/entertainment/humor/joks/0902/18/images/img1090218013_1_1.jpg
ND

पति ने अपनी नई-नवेली दुल्हन से कहा-

'डार्लिंग, मेरे साथ होते हुए तुम किसी भी चोर या गुंडे से मत डरना।'

पत्नी ने कहा- 'आप इतने दिलेर हैं?'

पति ने जवाब दिया- 'नहीं-नहीं डार्लिंग, मैं दौड़ में चैंपियन हूँ।

ऐसा कोई खतरा हुआ तो मैं भागकर पुलिस को सूचित कर दूँगा।'

sombirnaamdev
19-01-2012, 06:59 PM
पजामा एक वचन है या बहुवचन, स्त्रीलिंग है या पुल्लिंग, उर्दू का शब्द है या हिन्दी का, इसका प्रचलन भारत में कब, कहां, कैसे और किसने किया; इस विषय की चर्चा फिर कभी करेंगे। आज तो शर्मा जी के पजामे की चर्चा करना ही ठीक रहेगा। बात उस समय की है, जब शर्मा जी की नई-नई शादी हुई थी। बहुत सारे नये कपड़े उस समय बने थे। रात में सोने जाते समय उन्होंने देखा कि उनका नया पजामा चार-छह इंच लम्बा दिख रहा था। खैर, तब तो काम चल गया; पर अगले दिन उन्होंने अपनी नयी नवेली पत्नी से उसे छह इंच छोटा कर देने को कहा। पत्नी ने घूंघट से मुंह निकाला और बोली – अभी तो मेरे हाथ की मेंहदी भी नहीं छूटी है। कुछ दिन बाद कर दूंगी। पत्नी से पहले दिन ही झगड़ा करना भावी जीवन के लिए ठीक नहीं था। अतः वे अपना सा मुंह लेकर रह गये। दोपहर में उन्होंने मां से पजामे को छह इंच छोटा करने को कहा। मां डपट कर बोलीं – देख नहीं रहे, कितना काम सिर पर पड़ा है। मेहमान वापस जा रहे हैं। विदाई में किसे क्या देना है, यह सब मुझे ही देखना है। जा, अपनी भाभी से करा ले। बेचारे शर्मा जी पजामा लेकर भाभी के पास गये। भाभी उन्हें टरकाते हुए बोली – मैंने बहुत दिन तुम्हारी सेवा कर ली है। अब तुम्हारी अपनी दुल्हन आ गयी है। उससे करा लो। शर्मा जी की समझ में नहीं आ रहा था कि वे क्या करें ? छोटी बहिन से कहा, तो उसने भी मुंह बना दिया – सेहरे के समय मैंने 501 रु0 मांगे थे, तो तुमने 101 रु0 ही देकर मुझे चुप करा दिया था। अब मुझसे अपने किसी काम के लिए न कहना। झक मार कर शर्मा जी मोहल्ले के दर्जी के पास गये और उसे बीस रु0 देकर पजामा ठीक करा लिया। अब कहानी का दूसरा अध्याय शुरू होता है। कुछ दिन बाद शर्मा जी को अपने काम के सिलसिले में एक सप्ताह के लिए बाहर जाना पड़ा। तब तक बहिन का गुस्सा कम हो चुका था। उसने सोचा कि 101 रु0 दिये तो क्या हुआ, आखिर हैं तो मेरे भैया ही। सो उसने चुपचाप पजामा उठाया और छह इंच छोटा कर दिया। इसके बाद भाभी को ध्यान आया कि देवर जी ने कुछ काम कहा था। सो उन्होंने भी फीता, कैंची और सिलाई मशीन निकालकर उसे ठीक कर दिया। दो दिन बाद मां को फुरसत हुई। उन्होंने पजामे को देखा, तो आश्चर्य हुआ कि यह तो ठीक लगता है। फिर बेटे ने उसे छोटा करने को क्यों कहा था ? लेकिन कहा तो था ही। सो मां ने भी उसे छह इंच काट दिया। शर्मा जी की वापसी वाले दिन पत्नी ने सोचा कि पतिदेव द्वारा बताये गये पहले काम को मना कर उसने ठीक नहीं किया। अतः उसने कलाकारी दिखाते हुए उसे छोटा किया और कहीं से एक पुराना रंगीन कपड़ा लेकर पांयचे पर डिजाइन भी बना दी। रात को शर्मा जी ने पजामा पहना, तो वह घुटने छू रहा था। उन्होंने अपना माथा पीट लिया। वह इतना छोटा नहीं था कि उसे चड्ढी की तरह पहना जा सके, और पजामा वह अब रहा नहीं था। पाठक मित्रो, लोकपाल के नाम पर जो तमाशा संसद और सड़क पर हो रहा है, वह कुछ-कुछ ऐसा ही है। अन्ना हजारे और उनके साथियों ने लोकपाल का जो प्रारूप बना कर दिया, उसमें सरकार के साथ-साथ सपा, बसपा, भाजपा, जनता दल, लालू यादव और न जाने किस-किसने इतनी काट-छांट कर दी है कि वह सचमुच लोकपाल की बजाय जोकपाल नजर आने लगा है। शर्मा जी ने तो अपने बचे-खुचे पजामे को थोड़ा और कटवा कर चड्ढी बनवा ली; पर लोकपाल के साथ हो रहे मजाक को देखकर लगता है कि जनता को केवल पजामे का नाड़ा ही मिलेगा, और कुछ नहीं।

sombirnaamdev
05-02-2012, 10:07 AM
http://hindi.webdunia.com/articles/1111/10/images/img1111110080_1_1.jpg
ND


घोंचूजी (नई नवेली पत्नी से) - क्या तुम्हें पता है कि पति परिवार के हेड होते है।
घोंचूजी की पत्नी- हां! हा! पता है। लेकिन क्या आपको पता है कि पत्नी गर्दन होती है और जब चाहे जिधर घुमा सकती है।

sombirnaamdev
05-02-2012, 10:09 AM
एक किसान ने खेत में जाने से पहले अपनी नई नवेली दुल्हन से कहा, 'दोपहर का खाना ले आना।'

पत्नी ने पूछा, 'कितनी रोटियां लाऊं?'

पति: 'साढ़े उन्तालीस।'

पत्नी: 'चालीस ले आऊं?'

पति: 'तुमने मुझे इतना भुक्खड़ समझा है क्या?'

sombirnaamdev
05-02-2012, 10:13 AM
प्रेमसुख (बस से उतर रही अपनी नई-नवेली दुल्हन से बोले) - साइकिल और बस में क्या फर्क है?
प्रेमसुख की दुल्हन - बस का स्टैंड बस के साथ कभी नहीं जाता है, लेकिन साइकिल का स्टैंड हमेशा साइकिल के साथ ही जाता है।

sombirnaamdev
05-02-2012, 10:21 AM
रेमसुख अपनी प्रेमिका से - दुल्हन को घूंघट में क्यों रखा जाता है? सोचो- सोचो-...
सोचो- सोचो-...
प्रेमिका - नहीं पता- ?
प्रेमसुख - ताकि किसी के मुंह से यह न निकल जाए - अरे रे....! ये साली तो मेरी वाली है।

sombirnaamdev
05-02-2012, 10:24 AM
पंडित जी ने दुल्हन से कहा - अपना दायां हाथ वर के हाथों पर रख कर कहो- मैं आज से आपकी पत्नी हूं। मैं आपकी हर इच्छा पूरी करने का प्रयत्न करूंगी, आपकी हर आज्ञा मानूंगी, दुख-सुख में आपका साथ दूंगी...।
दुल्हन बोली - पंडित जी, क्या मैं आपको इतनी बेवकूफ नजर आती हूं?

sombirnaamdev
05-02-2012, 10:24 AM
पोंचूजी - भाभी का क्या नाम है ?
घोंचूजी - श्रीमती गूगल शर्मा।
पोंचूजी - गूगल! कमाल है ! यह क्या नाम हुआ ?
घोंचूंजी - वह इसलिए क्योंकि उससे सवाल एक करो, पर जवाब दस मिलते हैं ….. !

sombirnaamdev
05-02-2012, 10:25 AM
एक गुजराती महिला अपनी सहेली के साथ मुंबई की सड़कों से गुजर रही थी। तभी एक महिला ने अपने प्रेमी को खिड़की के बाहर धक्का दिया जो नीचे रखे कूड़ेदान में जा गिरा।
यह देखकर गुजराती महिला ने अपनी सहेली से कहा - ये मुंबई की महिलाएं बहुत फिजूलखर्च होती हैं।
- वो कैसे ? सहेली ने पूछा।
- अब देखो न ! यह आदमी अभी और चार-पांच साल इसके काम आ सकता था।

sombirnaamdev
05-02-2012, 10:25 AM
प्रेम ने अपनी गर्लफ्रेंड का नाम ब्लैड से अपने हाथ पर लिखा।
थोड़ी देर बाद वह जोर-जोर से रोने लगा।
सत्तू - 'क्यों रो रहा है?'
प्रेम - 'यार spelling गलत हो गई!'

Sikandar_Khan
05-02-2012, 10:48 AM
मित्र चुटकुले के लिए फोरम पर एक सूत्र पहले से ही गतिमान है तो फिर ये दूसरे सूत्र कि क्या उपयोगिता है ?

sombirnaamdev
19-02-2012, 10:39 PM
मित्र चुटकुले के लिए फोरम पर एक सूत्र पहले से ही गतिमान है तो फिर ये दूसरे सूत्र कि क्या उपयोगिता है ?
thik hai phir is sutra ko usi me vilay kar dijiye :bye: