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View Full Version : जीने के है दो अन्दाज़


Dr. Rakesh Srivastava
22-01-2012, 02:50 PM
कुछ का कद सबकी नज़र में उम्र भर छोटा रहा ;
क्योंकि उनके जीने का अन्दाज़ ही खोटा रहा .

कुछ उतर कर अपनी छत से पर्वतों जैसे हुए ;
और कोई दम्भ के चलते सदा छोटा रहा .

हौसलों के बल पे कुछ आकाश का रुख कर गए ;
और कोई पँख की छोटाई पे रोता रहा .

किसी को ज़ख्मों के मातम से ही फ़ुर्सत ना मिली ;
और कोई ज़ख्म खाकर के सबक लेता रहा .

रूढ़ियों के पार हरगिज़ एक ने झाँका नहीं ;
दूसरा परदा झटक ताज़ी हवा लेता रहा .

एक पुरखों की विरासत को सफाचट कर गया ;
दूसरे ने फल भी खाये , बीज भी बोता रहा .

कोई स्मृतियों की ख़ुश्बू में जिया है उम्र भर ;
और कोई बोझ यादों के सदा ढोता रहा .

रचयिता ~~~ डॉ . राकेश श्रीवास्तव
विनय खण्ड -2, गोमती नगर , लखनऊ .

Sikandar_Khan
22-01-2012, 03:03 PM
कुछ का कद सबकी नज़र में उम्र भर छोटा रहा ;
क्योंकि उनके जीने का अन्दाज़ ही खोटा रहा .

कुछ उतर कर अपनी छत से पर्वतों जैसे हुए ;
और कोई दम्भ के चलते सदा छोटा रहा .

हौसलों के बल पे कुछ आकाश का रुख कर गए ;
और कोई पँख की छोटाई पे रोता रहा .

किसी को ज़ख्मों के मातम से ही फ़ुर्सत ना मिली ;
और कोई ज़ख्म खाकर के सबक लेता रहा :fantastic:

रूढ़ियों के पार हरगिज़ एक ने झाँका नहीं ;
दूसरा परदा झटक ताज़ी हवा लेता रहा .

एक पुरखों की विरासत को सफाचट कर गया ;
दूसरे ने फल भी खाये , बीज भी बोता रहा .

कोई स्मृतियों की ख़ुश्बू में जिया है उम्र भर ;
और कोई बोझ यादों के सदा ढोता रहा .


डॉक्टर साहब
बहुत ही खूबसूरती से लफ्ज़ोँ को पिरोकर आपने जीवन की सच्चाई दिखाई है |

Ranveer
23-01-2012, 10:54 PM
इस लाजवाब कविता के लिए दिल से धन्यवाद ।

dipu
24-01-2012, 07:28 PM
Nice ...................................

arvind
25-01-2012, 04:17 PM
कुछ
हौसलों के बल पे कुछ आकाश का रुख कर गए ;
और कोई पँख की छोटाई पे रोता रहा .


रचयिता ~~~ डॉ . राकेश श्रीवास्तव
विनय खण्ड -2, गोमती नगर , लखनऊ .
बहुत ही गहरी बात कह दी आपने।

Dr. Rakesh Srivastava
26-01-2012, 10:19 PM
डॉक्टर साहब
बहुत ही खूबसूरती से लफ्ज़ोँ को पिरोकर आपने जीवन की सच्चाई दिखाई है |

ज़नाब सिकंदर खान जी ;
आपका बहुत - बहुत शुक्रिया .

Dr. Rakesh Srivastava
26-01-2012, 10:22 PM
इस लाजवाब कविता के लिए दिल से धन्यवाद ।

सम्माननीय रणवीर जी ;
आपका बहुत - बहुत आभार .

Dr. Rakesh Srivastava
26-01-2012, 10:24 PM
nice ...................................

सम्माननीय दीपू जी ;
आपका बहुत - बहुत धन्यवाद .

Dr. Rakesh Srivastava
26-01-2012, 10:26 PM
बहुत ही गहरी बात कह दी आपने।


सम्माननीय अरविन्द जी ;
आपका बहुत - बहुत धन्यवाद .

Dr. Rakesh Srivastava
26-01-2012, 10:29 PM
आदरणीय Abhisays जी ;
आपने पढ़कर पसंद किया ,
आपका बहुत - बहुत धन्यवाद .

Dr. Rakesh Srivastava
26-01-2012, 10:33 PM
सम्माननीय Dark Saint Alaick जी ;
आपने पढ़ा व सराहा ,
आपका बहुत आभारी हूँ .

Dr. Rakesh Srivastava
26-01-2012, 10:35 PM
सम्माननीय मलेथिया जी ;
सदा की भांति पढ़ने व सराहने हेतु
आपका बहुत आभारी हूँ .

Dr. Rakesh Srivastava
26-01-2012, 10:39 PM
सम्माननीय Sombirnaamdev जी ;
पढ़ने व सराहने हेतु
आपका बहुत - बहुत आभार .