View Full Version : विश्व की श्रेष्ठ प्रेम कविताएं
Dark Saint Alaick
12-02-2012, 07:12 AM
वैलेंटाइन डे नजदीक है ! प्रेमियों के इस रोमांचक पर्व के अवसर पर हाज़िर है यह नया सूत्र, जो आपको विश्व की सर्वश्रेष्ठ प्रेम कविताओं के रू-ब-रू कराएगा ! लेकिन याद रखें कि प्रेम में सब कुछ सरस, मीठा और मनोहर ही नहीं है, बहुत कुछ ऐसा भी है, जो नीम की तरह कसैला भी है और इस सूत्र की अनेक कवितायें आपको इस रंग के दर्शन भी करवा सकती हैं ! मेरी मंशा है कि इस सूत्र में मैं आपको विश्व की लगभग सभी भाषाओं की श्रेष्ठ कविताओं का रसास्वादन कराऊं और यह सरस यात्रा अगले वेलेंटाइन डे ... फिर उससे अगले ... फिर उससे ... यानी निरंतर चलती रहे ! आमेन !
Dark Saint Alaick
12-02-2012, 07:22 AM
स्पानी कविता
स्पर्श
-ओक्ताविओ पाज़
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=15225&stc=1&d=1329017076
मेरे हाथ
खोलते हैं
तुम्हारे अस्तित्व के पर्दे।
पहनाते हैं
नग्नता से परे का
परिधान।
उघाड़ते हैं
तुम्हारी देह के भीतर की
देहमालाएं।
मेरे हाथ
आविष्कार करते हैं
तुम्हारी देह के लिए
एक दूसरी देह का।
Dark Saint Alaick
12-02-2012, 07:37 AM
चेक कविता
चली जाओ
-ज़्देन्येक वागनेर
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=15226&stc=1&d=1329017850
चली जाओ
अगर तुम जाना चाहती हो
वहां तक
जहां से व्योम-गंगा बहती है।
तुम्हारी आंखों की
चमकीली तारिकाएं
मेरे दिल में से तो
कभी ग़ायब न होंगी।
Dark Saint Alaick
12-02-2012, 07:45 AM
ईरानी कविता
स्वप्न
-ज़िबा शिराज़ी
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=15227&stc=1&d=1329018307
एक रात मैंने सपना देखा -
कि मैं बादलों के बीच विचर रही हूं
कि मैं आसमान में दौड़ लगा रही हूं
कि मैं एक अकेली मुस्कुराहट के लिए दो सितारे तोड़ लाई हूं
मैंने चाँद के घर में छिटकी चांदनी देखी
और यूं ही चहलकदमी करते हुए मैं पहुंच गई सूर्य तक।
मैंने बादलों की छांव में बरसती बारिश देखी
और छू लिया आकाशगंगा का छोर
मैंने सब कुछ देख लिया
और नाप ले लिया अनंत व्योम का।
किन्तु मैंने अभी तक
प्रेम से सुन्दर कुछ भी नहीं देखा
भाग्य की कृपा है कि मैं स्वर्ग की सैर कर आई
और स्वयं से प्रश्न किया-'वह कौन है जिसने हमें ढाला है?'
कौन है वह जो लिखता ही जाता है मनुष्यता की कथाएं
और हमें सिखलाए जा रहा है कि अच्छा क्या है, बुरा क्या?
अब जबकि मैं
स्वर्ग के रहवासियों के साथ कर आई हूं संवाद
और सुनकर आई हूं हजारों ज़िन्दगियों का कथासार
सब यही कहते हैं कि चलता ही रहता है जीवन
तब भी
जब दिन होते हैं बुरे
और तब भी जब दिवस होते हैं प्रसन्नता से परिपूर्ण।
स्वप्नों का क्या कहा जाए
वे तो होते हैं मात्र स्वप्न
और जीवन चलता ही रहता है अविराम
एक दिन जल की तलाश में भटकते-भटकते
मरीचिका-सा चुक जाता है जीवन राग।
जब से खुली है नींद
विचारों का पीछा किए जा रही हूं
जिसको भी देखा है; जिससे भी हुआ है संवाद
उन सभी के लिए लाई हूं एक समाचार।
मैं तुम्हारे कानों में फुसफुसाकर
जो सुना है, वही कुछ कहना चाहती हूं
इसलिए
सारे प्रेमियों के लिए यही है छोटा-सा संदेश-
कि 'आई लव यू' कहने से
आज तक कभी नहीं हुई है किसी की मौत।
Dark Saint Alaick
12-02-2012, 07:57 AM
ईरानी कविता
इकलौती राज़दार
-फ़रीदे हसनज़ादे मोस्ताफावी
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=15228&stc=1&d=1329019048
बात तुम्हारे प्रेमपत्रों के पुलिन्दे की नहीं है
जो सुरक्षित हैं स्मृतियों की मेरी तिज़ोरी में
न ही फूलों और फलों से भरे हुए थैलों की है
जिन्हें घर लौटते शाम को लेकर आते हो तुम
उस चौबीस कैरेट सोने के ब्रेसलेट की भी नहीं
जो शादी की सालगिरह पर भेंट दिया था तुमने
तुम्हारे प्रेम की इकलौती राज़दार है
प्लास्टिक की वह बदरंग कूड़ेभरी बाल्टी
जिसे चौथी मंज़िल से एक-एक सीढ़ी उतरते हर रात बिला नागा
मेरे थके अलसाए हाथों से परे हटाते हुए बाहर लिए जाते हो तुम।
Dark Saint Alaick
12-02-2012, 08:06 AM
हंगारी कविता
तुम्हारी बाँहों में
-मिक्लोश रादनोती
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=15229&stc=1&d=1329019562
तुम्हारी बांहों में झूल रहा हूं मैं
चुपचाप
मेरी बांहों में झूल रही हो तुम
चुपचाप
तुम्हारी बांहों में मैं एक बच्चा हूं
जो चुप है
मेरी बांहों में तुम एक बच्चा हो।
मैं तुम्हें सुनता हूं
तुम मुझे अपनी बांहों में लेती हो
जब मैं डरता हूं
तो तुम्हें अपनी बांहों में लेता हूं
और मैं डरा हुआ नहीं हूं
मौत का गहरा सन्नाटा भी तुम्हारी बांहों में
मुझे डरा नहीं सकता
तुम्हारी बांहों में मैं
मौत से उबर आऊंगा
एक सपने की तरह।
anoop
17-02-2012, 07:08 PM
फ़ोटो ने सुत्र को जयादा हीं खुबसुरत बना दिया है
Sikandar_Khan
17-02-2012, 11:09 PM
स्पानी कविता
स्पर्श
-ओक्ताविओ पाज़
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=15225&stc=1&d=1329017076
मेरे हाथ
खोलते हैं
तुम्हारे अस्तित्व के पर्दे।
पहनाते हैं
नग्नता से परे का
परिधान।
उघाड़ते हैं
तुम्हारी देह के भीतर की
देहमालाएं।
मेरे हाथ
आविष्कार करते हैं
तुम्हारी देह के लिए
एक दूसरी देह का।:fantastic::fantastic:
बहुत की खूबसूरत सूत्र बनाया है!
मुझे ये कविता बहुत ही पसंद आयी |
Dark Saint Alaick
18-05-2012, 11:53 AM
चीनी कविता
सिर्फ़ एक लड़की जगा सकती है
-गून ल्यू
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16605&stc=1&d=1337323863
यार,
मेरी आत्मा के
कमरे में
शान्ति से
सोया हुआ है प्यार
जिसे
जगा सकती है
सिर्फ़ एक लड़की
मैं अब तक
नहीं जानता उसे
Dark Saint Alaick
18-05-2012, 12:19 PM
आर्मेनियाई कविता
खिड़की पर लड़की
-अरमाएस सहाकिआन
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=16606&stc=1&d=1337325564
तुम इस तरह किसको ताक रही हो, आश्चर्य है ?
किसकी प्रतीक्षा कर रही हो
अपने शुभ्र सपनों में ?
किसका सपना देख रही हो तुम, आश्चर्य है मुझे ?
शायद अचानक याद आ गया कोई
और तुम उसकी याद में दीवानी हो गई
या तुम्हें किसी से मिलने जाना है
या तुम उससे बिल्कुल अभी मिली हो ।
तुम सुन्दर हो
सुन्दर है सहज तुम्हारा यौवन ।
तुम मुझे नहीं जानती,
मेरी ओर देखती भी नहीं
लेकिन मैं ख़ुश हूँ कि तुम हो ।
अपनी खिड़की के पार
जीवन और संसार पर हँसो ।
तुम किसी से प्यार करती हो,
सचमुच आश्चर्य है मुझे
किस भाग्यशाली जवान से ?
~VIKRAM~
19-05-2012, 07:24 PM
शुक्रिया इस सूत्र के लिए , जिसके माध्यम से दुसरे देश के जुबान को हमें अपनी जुबान में देने और उनसे परिचय करने के लिए !
Dark Saint Alaick
23-08-2012, 01:36 PM
यूनानी कविता
बिना तुम्हारे कबूतर
-निकेफ़ोरास व्रेताकास
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=17545&stc=1&d=1345710949
बिना तुम्हारे कबूतरों ने
पाया नहीं होता जल
बिना तुम्हारे ईश्वर ने
आलोकित नहीं किए होते अपने फ़व्वारे
सेब का वृक्ष अपने फूल बिखेर देता है
बहती हवा में अपने कोट में
आकाश से तुम लाती हो जल
गेहूं की चमक और तुम्हारे ऊपर लटका है
गौरैयों से बना एक चन्द्रमा
Dark Saint Alaick
31-10-2012, 09:15 AM
इराकी कविता
स्त्री का दिल
-लतीफ़ हेलमेट
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=19174&stc=1&d=1351656896
स्त्री का दिल इकलौता ऐसा मुल्क है
जहां मैं दाख़िल हो सकता हूं बग़ैर किसी पासपोर्ट के
कोई पुलिसवाला नहीं मांगता
मेरा पहचान-कार्ड
न ही लेता है तलाशी
उलट-पुलट कर मेरे सूटकेस की
जिसमें ठूंस - ठूंस कर भरी गई हैं
ग़ैरक़ानूनी ख़ुशियां
प्रतिबन्धित कविताएं
और रसीली तकलीफ़ें
स्त्री का दिल इकलौता ऐसा मुल्क है
जो ज़खीरे नहीं बनाता मारक-हथियारों के
न ही झोंकता है अपने लोगों को
लड़ने के लिए
ख़ुद की छेड़ी लडाइयां
bhavna singh
31-10-2012, 10:41 AM
अतिश्रेष्ठ सूत्र..... विश्व की श्रेष्ठ प्रेम कविताओँ के संकलन एकत्रित किये गए हैँ .......!
abhisays
31-10-2012, 11:45 AM
मंच के सबसे अच्छे सूत्रों में से एक। :cheers::cheers::cheers:
Dark Saint Alaick
29-01-2013, 05:51 AM
हंगारी कविता
प्रेम
-रेनर मरिया रिल्के
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=24220&stc=1&d=1359424262
अनजाने परों पर आसीन
मैं
स्वप्न के अंतिम सिरे पर
वहाँ मेरी खिड़की है
रात्रि की शुरूआत जहां से होती है
और
वहाँ दूर तक मेरा जीवन फैला हुआ है
वे सभी तथ्य मुझे घेरे हुए हैं
जिनके बारे में मैं सोचना चाहती हूं
तल्ख
घने और निशब्द
पारदर्शी क्रिस्टल की तरह आर पार चमकते हुए
मेरे अंदर स्थित शून्य को लगातार सितारों ने भरा है
मेरा हृदय इतना विस्तृत इतना कामना खचित
कि वह
मानो उसे विदा देने की अनुमति मांगता है
मेरा भाग्य मानो वही
अनलिखा
जिसे मैंने चाहना शुरू किया
अनचीता और अनजाना
जैसे कि इस अछोर अपरास्त विस्तृत चरागाह के
बीचोंबीच मैं सुगंधों भरी सांसों के आगे-पीछे झूलती हुई
इस भय मिश्रित आह्वान को
मेरी इस पुकार को
किसी न किसी तक पहुंचना चाहिये
जिसे साथ साथ बदा है किसी अच्छाई के बीच लुप्त हो जाना
और बस।
jai_bhardwaj
03-02-2013, 06:10 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=24551&stc=1&d=1359900620
फिलिस्तानी प्रेमी का प्रेमगान
तेरी आँखें
कि उतरता कोई नश्तर दिल में
दर्द महसूस करूँ, या कि फि़दा हो जाऊँ
तेज़ झोंकों में हूँ फा़नूस इनका
रात को चीर दे और दर्द को गहरा कर दे
ऐसे पेवस्त करो आँखों को सीने में मेरे
तेरी आँखों से मिले ज़ख्म यूँ चमकें जैसे
आज के घोर अँधेरों में रोशनी की किरण
कल के ख्वाबों को भी रोशन कर दे
और मेरी रूह पे भी छा जाए।
और जिस दम मेरी नज़रों से मिले तेरी नज़र
यह भी न याद रहे
कि हम कभी साथ भी थे, एक ही थी राहगुज़र
jai_bhardwaj
03-02-2013, 06:14 PM
http://myhindiforum.com/attachment.php?attachmentid=24552&stc=1&d=1359900853
एक और फिलिस्तानी प्रेम गीत
तेरे अल्फ़ाज़ मेरा नग़मा थे
मेरे होठों पे वह उभरे थे तरन्नुम बनकर
लेकिन अफसोस कि मौसम बदले
खुशनुमा रंगों पे एक बर्फ की चारद फैली
यूँ उड़े लफ्ज तेरे जैसे परिंदा कोई
अजनबी रास्तों में खो जाए
फिर तेरा साथ छूटा
ख्वाब के आइने भी टूट गए
दर्द के तूफाँ में हम डूब गए
ख्वाब के टुकड़ों की झंकार लिए
ऐ जानेजाँ! तेरे लिए हम तड़पते ही रहे
rajnish manga
03-02-2013, 10:21 PM
स्पानी कविता
स्पर्श
-ओक्ताविओ पाज़
मेरे हाथ
खोलते हैं
तुम्हारे अस्तित्व के पर्दे।
पहनाते हैं
नग्नता से परे का
परिधान।
उघाड़ते हैं
तुम्हारी देह के भीतर की
देहमालाएं।
मेरे हाथ
आविष्कार करते हैं
तुम्हारी देह के लिए
एक दूसरी देह का।
:bravo:
आत्म मिलन / अमृता प्रीतम /
मेरी सेज हाज़िर है -
परन्तु जूतों और कमीज के समान
तू अपना बदन भी उतार दे!
वहां मूढ़े पर रख दे!
कोई ख़ास बात नहीं –
यह अपने अपने देस का रिवाज है.
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