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View Full Version : Jokes in Haryanavi


sombirnaamdev
17-02-2012, 11:25 PM
सासरौली की बहू

एक छोरा आपणी घर आळी नै ले कै सुसराड़ तैं उल्टा आपणे गाम में जावै था । वो साथ में आपणी घर आळी के लत्त्यां (कपड़ों) का ट्रंक भी ले रहया था । कोसळी रेलवे स्टेशन पै वे रेल की बाट में बैठे थे - एक ताई भी बैठी थी धोरै । ताई उसकी घर आळी गैल बतळावण लाग्गी, बोल्ली - बेटी कित जाओ सो ? बहू बोल्ली - ताई, सासरौली जाणा सै ।
ताई फिर बूझण लाग्गी - बेटी तू कित की सै ? बहू बोल्ली - ताई, मैं गुडियाणी की सूँ । ताई फेर बोल्ली - बेटी, सासरौली की बहू सै ?
न्यूं सुणतीं हें छोरा बोल्या - ताई, जै या सारी सासरौली की बहू सै, तै मैं के खामखाँ यो ट्रंक सिर पै धरीं हांडूं सूं ?

sombirnaamdev
17-02-2012, 11:26 PM
"चौधरण मर ली"

एक बै एक जाट भाई अपनी एक नई रिश्तेदारी में चल्या गया, साथ में उसका नाई भी था । नई रिश्तेदारी थी, खातिरदारी में फटाफट गरमा-गरम हलवा हाजिर किया गया । दोनूं सफर में थक रहे थे, भूख भी करड़ी लाग रही थी ।
हलवा आते ही दोनूंआं नै चम्मच भरी और मुंह में गरमा-गरम हलवा धर लिया । ईब इतना गरम हलवा ना निगल्या जा और ना बाहर थूक्या जा ! बुरा हाल हो-ग्या, आंख्यां में आंसू आ-गे ।
नाई ने हिम्मत करी और बोल्या - "चौधरी, के हुया ?"
जाट बोल्या - "भाई, जब घर तैं चाल्या था, तै थारी चौधरण बीमार सी थी, बस उस की याद आ-गी" ।
नाई की आंख्यां में भी पाणी देख कै जाट बोल्या - "ठाकर, तेरै के हुया ?"
नाई बोल्या - चौधरी, मन्नै तै लाग्गै सै चौधरण मर ली !!

sombirnaamdev
17-02-2012, 11:26 PM
"चवन्नी की मोल ए दे दे"

सुरते की सास घणी कंजूस थी । वो जब भी ससुराल जाता तो उसकी सास प्याज और चटनी रख देती और चटनी में घणी मिर्च होया करती । सुरते जिस जगह खाना खाने बैठता था, उसके पास एक खांड की बोरी भरी रखी थी ।
एक बै उसका मुंह घणा कसूता जळ-ग्या और वो खांड की बोरी की तरफ हाथ करके अपनी सास से बोला - "सासू जी, चवन्नी की (खांड) मोल ए दे दे !"

sombirnaamdev
17-02-2012, 11:27 PM
रेल की पटड़ी !

एक गाभरू छोरा अपनी ससुराड़ गया । सुसराड़ के ठाठ देख कै उसनै सोच्या अक दो-चार दिन और ठहर ल्यूं ।

कई दिन पाच्छै उसके सुसरे नै पड़ौस की कई छोरी बुलाई अर बोल्या - ए छोरियो, इस मलंग नै डिगाओ हाड़े तैं, यो तै कत्ती-ए चिप-ग्या । आगलै दिन दोफाहरी में मलंग रोट खा कै ठाठ तैं सोवै था । उसकी साळी कहण लागी - जीजा, खड़ा हो ले, रेल का टाइम हो रहया सै ।

उसकी माड़ी-माड़ी आंख खुल्ली अर बोल्या - क्यूं रौळा कर रही सो, सोवण दो नै । वे फिर बोल्ली - जीजा, खाट छोड-कै उठ, रेल का टाइम हो रहया सै ।

मलंग नै जवाब दिया - "रेल चली जागी तै जाण दो - मेरी खाट के रेल की पटड़ी पै घाल राक्खी सै ?"

sombirnaamdev
17-02-2012, 11:27 PM
छोरे की सुसराड़

एक बै एक छोरा आपणी सुसराड़ चाल्या गया आपनी रूस्सी ओड़ बहू नै ल्यावण ।
उसकी सासू न्यूं बोल्ली समझावण खातिर - बेटा, हाम थे जो तू बयाह दिया, ना तै तू इस लायक ना था ।
छोरा बोल्या - हाँ सासू जी, म्हारे खानदान में कदे मेरा बाबू ब्याहा गया ना, मेरा दादा ब्याहा गया ना । तमनै या बड़ी मेहरबानी करी अक मैं ब्याह दिया !!

sombirnaamdev
17-02-2012, 11:27 PM
गादड के कान

एक बै…..एक गादडी के पाछे दो कुत्ते लागरे थे। वा भाज कै एक दूसरे गादड के बिल में बड गई। गादड बडा मसखरा था। वो आपणी बहू तै बोल्या…..पुछिये बहू नै…..क्यूं तंग पा री सै..?
गादडी बोल्ली…….म्हारै छोरी के बटेऊ आरे सैं……अर आजै ले जाण की जिद कररे सैं।
गादड छो में भर कै बोल्या…..मैं देखूं सूं उन्हें जा कै। अकड में गादड ने बिल तै मुंह बाहर काढा तै दोनूं कुत्तां नै उसके दोनूं कान पकड लिये। गादड झटका मार कै उलटा ए बिल में बडग्या। पर कान कुत्तां के मुंह में ही रह गये। भीतर दूसरी गादडी ने गादड की बहू तै कहा, पूछिये री…….मेरे पितसरे के कानां कै के होग्या….?
गीदड बोल्या………बटेऊ तै घणें ऊंत सैं। वैं छोरी के धोखें में मन्नै ए ट्राली में गेर के ले जावैं थे। बडी मुश्किल तै पिंडा छुड़ा कै आया सूं…!!

sombirnaamdev
17-02-2012, 11:28 PM
बात इसी सै अक एक बै एक बटेऊ धौळी कमीज़-पैंट पहर कै सुसराड़ जावै था । राह में एक गळी मैं एक सूअर गार (कीचड़) मै लोट रहया था । जब वो बटेऊ उस धौरे कै लिकड़ा, तै उस सूअर नै पूँछ हिला दी अर गार के छींटे उसकी धौळी पैंट पै जा लाग्गे ।
उस बटेऊ कै घणा छो उठ्या । वो भाज-के दूकान पै गया अर एक बिस्कुट का पकैट ल्याया, अर हाथ मै एक लाठी ठा ली । फेर उसनै बिस्कुट सुअर के चारूँ ओड़ नै गेर दिए ।
धोरै खड़ा एक ताऊ यो सारा नजारा देखै था । ताऊ बोल्या - भाई, यो तेरे लत्ते का काम कर-ग्या अर तू इसनै बिस्कुट खुवावै सै ?
बटेऊ बोल्या - ताऊ, डट ज्या एक बै । बस न्यूँ बेरा पाट ज्याण दे अक इस साळे का मुँह कित-सिक सै, फेर तै इसके कूल्ले पै लाठी सेकणी सै !!

sombirnaamdev
17-02-2012, 11:28 PM
दूध की घेट्टी पकड कै ल्यावै सै !!

एक बै बेद आपणी सुसराड़ गया । सुसराड़ मैं बटेऊ खास हो ए सै, तै उसकी सास्सू उस खात्तिर दूध ल्याई - एक खास शीशे के गिलास मैं (खास न्यूं अक पहल्यां शीशे के गिलास खास लोगां ताहीं बरते जाया करते)।
गिलास कत्ती कान्यां ताहीं का भर राख्या था । बेद नै शीशे का गिलास कदे देख्या ना था । वो आपणी सास्सू तैं बोल्या: दूध नै क्याहें मैं घाल तै ले हे, इसकी घेट्टी पकडे ल्याण लाग री सै !!

sombirnaamdev
17-02-2012, 11:29 PM
ऊत बटेऊ की ऊत सास

एक बै एक बटेऊ ससुराल गया । पहले ससुराल में साग-सब्जी, बूरा आदि में जब तक घी की धार डालते रहते थे जब तक कि मेहमान हाथ आगे कर के "बस, बस" कर के रोकता नहीं था । जब सास बूरा में घी डाल रही थी, तो बटेऊ परे-नै मुंह कर-कै बैठ-ग्या - कदे "बस-बस" ना करना पड़ जावै ।

पर सासू भी कम चालाक नहीं थी । वो उसका मुंह वापस घी-बूरा की तरफ घुमा कर उसको दिखाती हुई बोली - "रै देख, बटेऊ जितणा तै दिया सै घाल, अर पहलवानी करणी सै तै आपणै घरां जा करिये" !!

sombirnaamdev
17-02-2012, 11:29 PM
नई बहू

रमलू के पड़ौस में एक नई बहू आई थी । रमलू हुक्के की चिलम भरण का ओडा (बहाना) ले कै रोज उस घर में चला जाया करता । कुछ दिन पाच्छै बहू आपणै पीहर चली गई, रमलू नै इस बात का बेरा ना था ।
रमलू चिलम ले कै पहुंच ग्या अर इंघे-उंघे नै देख कै बुढ़िया तैं बोल्या - ताई, आग सै ?
ताई बोली - बेटा, आग तै कल बारह आळी गाडी में चली गई !!

sombirnaamdev
17-02-2012, 11:30 PM
मैं तै बहू लेण आया था

एक बर की बात है अक सुरजा अपणी बहू नैं लेण ससुराल जा रह्या था। चाल्लण के टैम पर सास्सू उसतैं जवाहरी के नाम के 50 रुपिये देण लाग्गी तो सुरजा नाट ग्या| सास्सू बोल्ली- ले ले बेटा, घणे कोनीं । सुरजा फेर नाट ग्या।
धोरै खड़ी उसकी साली बोल्ली- ले ले नैं जीजा, घणे कित हैं, फेर तीन दर्जन तो केले ही ल्याया था।
साली की या सलाह सुणते ही सुरजा आग बबूला होते होए बोल्या- मैं आड़ै केले बेच्चण कोनी आया था, मैं तै बहू लेण आया था।

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:40 PM
बात इसी सै अक एक बै एक बटेऊ धौळी कमीज़-पैंट पहर कै सुसराड़ जावै था । राह में एक गळी मैं एक सूअर गार (कीचड़) मै लोट रहया था । जब वो बटेऊ उस धौरे कै लिकड़ा, तै उस सूअर नै पूँछ हिला दी अर गार के छींटे उसकी धौळी पैंट पै जा लाग्गे ।
उस बटेऊ कै घणा छो उठ्या । वो भाज-के दूकान पै गया अर एक बिस्कुट का पकैट ल्याया, अर हाथ मै एक लाठी ठा ली । फेर उसनै बिस्कुट सुअर के चारूँ ओड़ नै गेर दिए ।
धोरै खड़ा एक ताऊ यो सारा नजारा देखै था । ताऊ बोल्या - भाई, यो तेरे लत्ते का काम कर-ग्या अर तू इसनै बिस्कुट खुवावै सै ?
बटेऊ बोल्या - ताऊ, डट ज्या एक बै । बस न्यूँ बेरा पाट ज्याण दे अक इस साळे का मुँह कित-सिक सै, फेर तै इसके कूल्ले पै लाठी सेकणी सै !!

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:43 PM
एक छोरा आपणी घर आळी नै ले कै सुसराड़ तैं उल्टा आपणे गाम में जावै था ।
वो साथ में आपणी घर आळी के लत्त्यां (कपड़ों) का ट्रंक भी ले रहया था ।
कोसळी रेलवे स्टेशन पै वे रेल की बाट में बैठे थे – एक ताई भी बैठी थी धोरै ।
ताई उसकी घर आळी गैल बतळावण लाग्गी, बोल्ली – बेटी कित जाओ सो ?
बहू बोल्ली – ताई, सासरौली जाणा सै ।
ताई फिर बूझण लाग्गी – बेटी तू कित की सै ?
बहू बोल्ली – ताई, मैं गुडियाणी की सूँ ।
ताई फेर बोल्ली – बेटी, सासरौली की बहू सै ?
न्यूं सुणतीं हें छोरा बोल्या – ताई, जै या सारी सासरौली की बहू सै,
तै मैं के खामखाँ यो ट्रंक सिर पै धरीं हांडूं सूं ?

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:44 PM
एक बर की बात है अक सुरजा अपणी बहू नैं लेण ससुराल जा रह्या था। चाल्लण के टैम पर सास्सू उसतैं जवाहरी के नाम के 50 रुपिये देण लाग्गी तो सुरजा नाट ग्या| सास्सू बोल्ली- ले ले बेटा, घणे कोनीं । सुरजा फेर नाट ग्या।
धोरै खड़ी उसकी साली बोल्ली- ले ले नैं जीजा, घणे कित हैं, फेर तीन दर्जन तो केले ही ल्याया था।
साली की या सलाह सुणते ही सुरजा आग बबूला होते होए बोल्या- मैं आड़ै केले बेच्चण कोनी आया था, मैं तै बहू लेण आया था।

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:45 PM
एक बै एक बटेऊ ससुराल गया । पहले ससुराल में साग-सब्जी, बूरा आदि में जब तक घी की धार डालते रहते थे जब तक कि मेहमान हाथ आगे कर के “बस, बस” कर के रोकता नहीं था । जब सास बूरा में घी डाल रही थी, तो बटेऊ परे-नै मुंह कर-कै बैठ-ग्या – कदे “बस-बस” ना करना पड़ जावै । पर सासू भी कम चालाक नहीं थी । वो उसका मुंह वापस घी-बूरा की तरफ घुमा कर उसको दिखाती हुई बोली – “रै देख, बटेऊ जितणा तै दिया सै घाल, अर पहलवानी करणी सै तै आपणै घरां जा करिये” !!

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:47 PM
घी नै तोड़ दिया

भाई, रमलू घणा ऐं बोद्दा, मरियल सा हो-ग्या । उसतैं गाम का एक ताऊ कहण लाग्या - रै रमलू कुछ घी-वी खा लिया कर, तेरा गात कुछ ठीक सा दीखण लाग ज्यागा ।
न्यूं सुण कै रमलू बोल्या - ताऊ, मैं घी नै ऐं तै तोड़ राख्या सूं !
रमलू की या बात सुण कै ताऊ बोल्या - भाई, न्यूं क्यूकर बणी ?
रमलू बोल्या - ताऊ, मैं मंडी में घी के पीपे ढोया करूं !!

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:47 PM
"वा घी कोनी खा थी"

एक बै जब भरतू का चौथा ब्याह हो रहया था, तै गाम आळे बूझण लागे - "अरै भरतू, न्यूं क्यूकर रै, तेरी बाकी तीन लुगाइयां कै के होया? वे क्यूकर मर-गी ?"
भरतू बोल्या - भाई, पहली तै घी खा-कै मर-गी, अर दूसरी भी घी खा-कै मर-गी ।
लोग बोले - अर तीसरी क्यूकर मरी?
भरतू बोल्या - भाई, तीसरी का तै सिर फूट-ग्या था ।
गाम आळे बोले - उसका सिर क्यूं फूट्या ?
भरतू नै जवाब दिया - "अरै यार, वा घी कोनी खा थी" !!

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:48 PM
नशे में देही पाटी जा सै

एक बान्दर एक बान्दरी से बोल्या मैं हुक्का पी आऊं । बान्दरी बोल्ली जा पिया। वह हुक्का पियण चला गया तो वहां चार पांच आदमी बैठे थे और उन्होने चिलम झाड राखी थी। बन्दर जा कर उस चिलम के ऊपर बैठ गया । चिलम में बिरहड बैठी थी वा उसकै लड गई। बन्दर तो वहां से उछलता हुआ बान्दरी के पास आया……......बान्दरी बोल्ली हुक्का पी आया…….?
बांदर बोल्या……हुक्का के पिया……..मेरी ते नशे में देही पाटी जा सै…

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:48 PM
ईब मैं तन्नैं के कहूँ

एक छौरे का ब्याह हो ग्या…..सुहाग रात नै जब दूल्हन का घूंघट उठाया…....तो चेहरा देख के लट्टू हो गया….…ओर बोल्या……हाये रै मेरी किस्मत……मेरे इतनी खूबसुरत बहू आ गई……जी सा आ गया रै…….और खुश हो के दूल्हन ने न्यूं बोल्या…ईब मैं तन्नैं के कहूँ….?
और यूं कहते-कहते………के……..ईब मैं तन्नैं के कहूँ……ईब मैं तन्नैं के कहूँ……....सुबह के चार बज गये……।
निरणे कालजे सवेरे-सवेरे छौरे का बापू………नवदम्पती के कमरे के आगे को निकले था….उसने सुणा….बेटा तो सुबह के चार बजे तक एक ही राग अलाप रहा है…..के ईब मैं तन्नैं के कहूँ……..बापू पै भी कहे बिना रहा नी गया….बापू बोल्या…...रै छौरे……तू इसने एक बै माँ कह कै कमरे तै बाहर निकल आ……....बाकी जो भी कहना-सुनणा होगा मै आपै कह-सुण लूंगा…….

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:49 PM
ताऊ धीरे की बारिश

एक बै ताऊ धीरे चौपाड़ में होक्का पीवण लाग रहया था । ताऊ चतरे उसतैं बोल्या - भाई, आजकल भगवान नै मींह गेरणा कम कर दिया ।
ताऊ धीरे छूटतीं हें बोल्या - भाई मींह क्यूकर पड़ै ? बूढ़्यां नै तै होक्का पीणा बंद कर दिया, जवानां नै बीड़ी पीणी बंध कर दी, अर लुगाइयां नै चूल्हा जळाना बंद कर दिया । ईब जब धूमा-ऐं ना होगा तै बादळ के तेरे खंडवे के बणैंगे ?

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:49 PM
हरा साग

एक ताई कै तीन-चार बाळक थे । ताई रोज उन ताहीं हरा साग बणा कै दे देती - कदे सिरसम का, कदे चणे का, कदे बथुए का ।
बाळक बोले - मां, रोज-रोज हरा साग मत बणाया कर, कदे दूसरा भी बणा लिया कर ।
ताई बोल्ली - खाओ चाहे मत खाओ, मैं तै रोज हरा साग ए बणाऊंगी ।
बाळक फेर बोले - इसतैं आच्छ्या तै हामनै गळामा घाल-कै खेत में चरा ल्याया कर !


तरक्की

सतपाल (सत्तू) सोलह साल का हो गया, गांव के स्कूल से दसवीं पास कर ली, पर कभी किसी बड़े शहर में नहीं गया था । पेपर होने के बाद इस बार उसका बड़ा भाई उसे अपने साथ बंबई ले गया ।
बंबई जाकर सत्तू सोचने लगा कि यहां इतनी तरक्की का राज क्या है । उसने देखा कि वहां छोटे-छोटे कामों के लिए ज्यादा वक्त बरबाद नहीं करना पड़ता और उस बचे हुए समय में काम करने से तरक्की होती है । गांव में तो दीर्घशंका (जंगल-जोहड़/Latrine) के लिए एक कोस दूर जाना पड़ता था और बंबई में या तो घरों में ही गुसलखाने हैं या फिर लोग घरों के आस-पास या रेलवे लाइन के किनारे बैठकर अपना काम निपटा देते हैं - इससे टाइम की बचत होती है और यही तरक्की का राज है ।
गांव वापस आकर सत्तू गांव के बिल्कुल साथ किसी के घर के पीछे 'रोग काटने' बैठ जाता । जब कई दिन हो गये तो गांव के कुछ बुजुर्ग लोगों ने उसे टोक दिया । सत्तू गुस्से में आकर बोला :
"तुम सारे बूढे नाश की जड़ सो - ना तुम खुद तरक्की कर सकते और ना दूसरां नै करण देते" !!!!
दूबळधन और इस्सरहेड़ी

समय का हेर-फेर देखो । आज गेहूं की भरपूर उपज है । 1970 के आसपास देश में गेहूं की कमी थी और गेहूं का 'ब्लैक' होता था । उस समय गेहूं की सरकारी खरीद का मूल्य हरयाणा में कुल 74 रुपये क्विंटल होता था जबकि दिल्ली में गेहूं 100 रुपये क्विंटल के आस-पास बिक जाता था । हरयाणा बार्डर से लोग गेहूं दिल्ली लाते थे और पुलिस उन्हें पकड़ लेती थी । लोग कच्चे रास्ते से भी 1-2 बोरी गेहूं ऊंट पर लाद कर पार कर देते थे ।

झज्जर जिले के बेरी कस्बे से आगे दूबळधन एक काफी बड़ा गांव है । उस गांव का एक जवान चौधरी एक ऊंट पर गेहूं की दो बोरी रखकर रात को कच्चे रास्ते से दिल्ली बार्डर की तरफ चला - नजफगढ की मंडी में बेचने के लिए । सुबह 4 बजे के करीब दिल्ली बार्डर के गांव इस्सरहेड़ी के पास कच्चे रास्ते से पहुंच गया । वहां पुलिस पहले ही छिपी बैठी थी । जब पुलिस वाले पास आये तो चौधरी ने ऊंट को छोड़कर गांव की तरफ दुड़की* लगाई - सोचा कि ये इस्सरहेड़ी भी दूबळधन की तरह बड़ा गांव होगा, इसकी गलियों में गुम हो जाऊंगा और पुलिस के हाथ नहीं आऊंगा ।

इस्सरहेड़ी दरअसल एक छोटा सा गांव है । चौधरी एक गली में घुसा और थोड़ी ही देर में गांव का दूसरा सिरा आ गया । फिर दूसरी गली की तरफ भागा और एक मिनट बाद फिर गांव का दूसरा छोर आ गया । वहां आकर वो रुक गया । जब पुलिस वाले पास आये तो बोला : "ओ भाई, मन्नै बेशक पकड़ ल्यो, पर पहल्यां न्यूं बताओ अक यो गाम बसाया किस अनाड़ी नै - इसतैं तै मेरी एक डाक बी ना उटती" !!




(दुड़की) - दौड़
(इसतैं तै मेरी एक डाक बी ना उटती) – इससे तो मेरी एक छलांग भी बर्दाश्त नहीं होती.



"न्यूं भी तै हो सकै सै"

भरपाई का आपणे खसम रळडू गैल कसूता रौळा हो-ग्या, अर रळडू घर छोड कै चल्या गया ।
जब रळडू कई दिन तक ना आया, तै भरपाई का छोरा सुन्डू आपणी मां तैं बोल्या - ए मां, मन्नैं तै इसा लागै सै कदे बाबू नै दूसरा ब्याह कर लिया हो अर कितै बाहर रहण लाग-ग्या हो"।
न्यूं सुण-कै भरपाई नै सुन्डू कै एक रहपटा मारा अर न्यूं बोल्ली - "कमीण, इतणा भूंडा बोल्या करैं, न्यूं भी तै हो सकै सै अक तेरा बाबू किसै ट्रक कै नीचै आ-ग्या हो !!"


"जी तोड़ रहया सै"

एक बै भाई, गाम में एक आदमी मर-ग्या । उसके घर वाले उसनै अंतिम संस्कार तैं पहल्यां न्हुआवण (नहलाने) लाग-गे - उस (मुर्दे) नै कुर्सी पै बैठा कै ।
घणी हाण (देर) हो-गी न्हुवाते-न्हुवाते - सारे कत्ती दुखी हो-गे । वो (मुर्दा) कदे इस साइड में पड़-ज्या, अर कदे दूसरी साइड में पड़-ज्या !
एक भाई कत्ती दुखी हो-ग्या अर छो में आ कै बोल्या - ऐ मेरे यार, मरैं तै सब सैं, पर तू तै कत्ती-ए जी तोड़ रहया सै !!

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:49 PM
जुगाड़ी जाट

भाई, जाट जुगाड़ी आदमी हो सै । कितै न कितै तैं सारी बातां का जुगाड़ कर लिया करै ।
एक बै एक जाट और एक बामण का छोरा एक एक ऊंट ले के जंगल में घुमण जा रे थे । जाट के छोरे वाले उँट की नकेल टूट गी । ऊंट उसने तंग करण लाग गया । वो बामण के छोरे तै बोल्या - "भाई, यो शरीर के तागा (जनेऊ ) बांध रहा यो मन्नै दे दे । यो ऊंट मन्नै दुखी कर रहया सै ।
बामण का छोआ बोलया- "ना भाई, यो जनेऊ तै म्हारा धरम सै, मैं ना दूँ ।
वे दोनूं दुखी-सुखी हो कै घरां आ-गे ।
आते ही जाट का छोरा आपणे बाबू तैं बोल्या — "बाबू, आज जंगल में इस बामण के ने मेरी गैल्यां इसा काम करा । एक तागा माँगा था, वो भी ना दिया । आगै इन तैं व्यवहार कोन्या राखणा ।
उसका बाबू बोल्या — "अरे इसका बाबू भी इसा ऐ था । तेरी बेब्बे के ब्याह आळे दिन तेरी बेब्बे बीमार हो-गी, तै मन्नैं बामण ताहीं न्यू कही के भाई, एक बै तू फेरां कै उपर आपणी छोरी नै बिठा दे एक घंटे खातर । घाल तै मैं आपणी नै दूंगा । पर भाई यो बामण मान्या नहीं ।"
छोरा बोल्या — फेर के हुआ बाबू ?
बाबू बोल्या - अरै होणा के था ? फेर एक घंटे खातर तेरी माँ फेरां पै बठानी पड़ी !!

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:50 PM
"इसी बात के घरां बतावण की होया करैं?"

एक बै एक ताऊ नै घेर में नळका (हैंड-पम्प) लगा राख्या था, अर एक पिलूरा पाळ राख्या था । उड़ै बहू/ छोरी पाणी भरण आया करती ।
एक बहू नई-नई आई थी - अर नई बहुवां नै गेड़े गैल नए सूट बदलण का शौक होवै ए सै ! ताऊ था असली नकल ठोकण आळा । जब भी वा बहू पाणी लेण आती, ताऊ पिलूरे कै ओड्डै (बहाने) बहू पै नकल मारता - "रै पिलूरे, आज तै जमा लाल (सूट) गाड रहया सै ... रै पिलूरे, आज तै सारा ए लीला हो रहया सै ... रै पिलूरे, आज तै तू काळा (सूट) पहर रहया सै ..."
कई दिनां में बहू की समझ में आया अक यो बूढ़ा तै तन्नैं कहै सै - अर उसनै आपणे खसम तैं कह दई एक वो बूढा तै न्यूं-न्यूं नकल मारै सै । वो छोरा सुण-कै बूढ़े धोरै आया, बोल्या - "ताऊ, तन्नैं बहूआं कानीं बात मारतीं हाण सरम ना आंदी ? तेरी उमर रह रही सै इन बातां की ?"
बूढ़ा बोल्या - "भाई, मैं तै इस पिलूरे नै कहया करता, अर जै बहू फरक मान-गी हो, तै टाळ कर दांगे ।"
आगलै दिन वा बहू फेर पाणी लेण आई, बूढ़ा बोल्या - रै पिलूरे, इसी-इसी बात के घरां बतावण की होया करैं ?"

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:50 PM
चार "पत"

एक बै रामफळ धरमबीर तैं बोल्या - चार इसे शहरां के नाम बता जो "पत" पै खतम होते हों ।
धरमबीर लाग्या आंगळियां पै गिणन अर बोल्या - सोनीपत, पानीपत, बाघपत अर खरखौदा ।
रामफळ चक्कर में पड़-ग्या, बोल्या - भाई, बात समझ में कोन्यां आई, खोल कै बता - यो खरखौदा क्यूकर भला ?
धरमबीर बोल्या - "रै, उड़ै रामपत ब्याह राख्या सै" !!


ताऊ राम-राम

चालीस साल का बदले गाळ में जावै था, एक ऊत सा बाळक बोल्या - ताऊ, राम-राम ।
बदले नै "ताऊ" कहलवाना कुछ आच्छया-सा ना लाग्या, उसनै कोई जवाब ना दिया अर आगे-नै लिकड़ लिया ।
आगलै दिन वो छोरा फिर बोल्या - ताऊ राम-राम । बदले तैं ना रहया गया अर उस छोरे तैं बोल्या - छोरे, तू मन्नै "काका" नहीं कह दे ?
छोरा बोल्या - "काका" कह दूंगा तै के हो ज्यागा ?
बदले बोल्या - जै तू मन्नै "काका" कह देगा तै मैं तेरी मां की बगल में चूल्हे धोरै बैठ कै गर्मा-गर्म रोटी खा लूंगा ।
छोरा बोल्या "ले तै, फिर तन्नै मैं "मामा" कह दूं सूं - चूल्हे धोरै बैठ कै, तवे पर-तैं आप्पै तार-कै कत्ती तात्ती-तात्ती रोटी खा लिये"!!

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:50 PM
"मेरी ए मां सै"

बदलू की भैंस उसकी मां कै हाथळ* थी । एक बै मां नै एक जरूरी काम खातिर आपणै घरां जाणा पड़-ग्या । वा बदलू तैं बोल्ली अक जब धार काढ़ण का टाइम हो तै आपणी बहू नै मेरा सूट पहरा कै ले जाइये ।
सांझ के टाइम बदलू की बहू उसकी मां का सूट पहर कै भैंस कै नीचै बैठ गई अर बदलू खोर में चून (आटा) मिलावण लाग-ग्या ।
जब बदलू की बहू नै भैंस के थणां कै हाथ लाया, तै भैंस पाच्छे नै मुड़ कै देखण लाग्गी । बदलू बोल्या - "के देखै सै बावळी - (धार) काढ़ लेण दे, या मेरी ए मां सै" !!

हाथळ* - गाय या भैंस को एक ही आदमी या औरत से धार कढवाने (दूध दुहने) की आदत हो जाती है । ऐसी गाय/भैंस किसी दूसरे को दूध निकालने नहीं देती और उसे लात मारती है । इस को हरयाणवी में कहते हैं - "हाथळ होना" ।


राम ! तेरे ये काम ?

धीरे की बहू बखत तैं पहल्यां राम नै प्यारी हो-गी । उसका नादान बेटा सूंडू बूझण लाग्या - "बाबू, मेरी मां कित गई ?
धीरे - बेटा, तेरी मां राम नै प्यारी हो-गी, उसनै राम ले-ग्या ।
सून्डू - बाबू, मेरी मां नै राम क्यूं ले-ग्या ?
धीरे - बेटा, तेरी मां राम के तै किसै काम की ना । उसनै मेरी गृहस्थी उजाड़नी थी, वा उजाड़ दी - बाकी उसनै कोए मतलब ना !

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:51 PM
इस्सै बात पै तै लड़ाई हो रही सै

एक बै भुंडू हर कै घरां लड़ाई हो-गी । भुंडू बाहर जा-कै खड़ा हो-ग्या ।
घर में रौळा सा सुण कै एक बूढा रुक-ग्या अर भूंडू तैं बूझण लाग्या - बेटा, इस घर में के रौळा सा हो रहया सै ?
भूंडू बोल्या - खसम-बीर लड़ण लाग-रे सैं ।
बूढ़ा फेर बूझण लाग्या - तू किसका छोरा सै ?
भूंडू - इस्सै बात पै तै लड़ाई हो रही सै !!


कुत्ती की सेवा

भूंडू बेचारे की मां गर-गी । उसका बाबू कई साल पहल्यां-ए मर-ग्या था । ईब भूंडू के घर में कुल दो प्राणी रह-गे - वो खुद, अर उसकी बहू ।
भूंडू सारा दिन माड़ा-सा मन बणा कै बैठा रहता । उनके घरां एक कुत्ती आया करती । एक दिन भूंडू आपणी बहू तैं बोल्या - "देख भागवान, न्यूं कहया करैं अक मरे पाच्छे आदमी की जूणी (योनि) बदल ज्या सै । के बेरा, मेरी मां या कुत्ती बण-गी हो । देख, इसकी खूब सेवा करया कर ।"
फिर भूंडू की बहू उस कुत्ती की आच्छी सेवा करण लाग-गी । उसनै रोटी खुवाती, कदे लस्सी पिलाती । एक दिन के होया, उस कुत्ती गैल्यां लाग-कै एक कुत्ता भी घरां आ-ग्या ।
भूंडू की बहू घूंघट काढ़ कै घर का काम करण लाग रही थी । भूंडू नै देख्या अक कोए बड्डा आदमी भी कोन्या दीखता हाड़ै, तै फिर या घूंघट किस तैं काढ़ रही सै ? भूंडू उस तैं बोल्या - "भागवान, यो घूंघट किस-तैं काढ़ रही सै ?"

उसकी बहू बोल्ली - "देख बाहर, तेरी मां गैल्यां तेरा बाबू भी आ रहया सै" !!

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:51 PM
गाम में बेजती

एक बै सुंडू नै कोई गलत काम कर दिया । पंचायत उसका मुह काला कर कै गधे पै बिठा कै गाम मैं घुमावण लाग-गी ।
राह मैं सुंडू का घर आया । उसकी बहू उसनै भीत के ऊपर तैं देखण लाग रही थी ।

सुंडू बोल्या - "भागवान न्यूं के देखै सै ? जा-कै चाय चढ़ा ले चूल्हे पै - दो-तीन गळी रह रही सैं, मैं चक्कर मार-कै ईब आया !!"


सास-बहू की तकरार

दोपहर का टाइम । सास अपने साल-भर के पोते को गोद में खिला रही थी । छोरा रोवण लाग्या, बंद ना हुया । बहू (छोरे की मां) ऊपर बैठी चौबारे में - अपने मीयां के साथ ।
सास ने आवाज लगाई, बहू नीचे उतर कर आई । सास बोल्ली - "कितनी हाण होगी, तन्नै सुणता कोनी छोरा रो-रो कै बावळा हो रहया ? तेरै धोरै एक-ए तै छोरा सै, यो भी ना पाळा जाता ?"

बहू बोल्ली - "मेरे तैं तै एक-ए पळैगा - चाहे आपणे नै पळवा ले, चाहे मेरे नै !!"
एक बहु आपणे पीहर चली गयी अर अपणे पांच साल के छोरे नै वो सास्सू धोरै छोड़ गी!
बहु नै गई नै 15 दिन हुए थे के उसकी सास्सू की चिट्ठी आ-गी | सास्सू नै लिख राख्या था, "बहु तावळी आ-ज्या, छोरे का जी कोन्या लाग रह्या" ।
बहु नै उल्टी चिट्ठी लिक्खी, "माँ, तन्नै नू कोन्या लिख्या अक मेरे छोरे का जी कोन्या लाग रह्या अक तेरे का ?"


बूढ़े अर गाभरू की तकरार

आजकल जमाना खोटा आ रहया सै, बाळक भी बूढ़े ठेरां की बात ना मानते ।
एक बै के होया....अक एक बूढ़े नै एक गाभरू छोरे तैं कहया - जा रै छोरे, चिलम में आग धर ल्या ।
न्यूँ सुण कै छोरे के गात में आग लाग गी अक बूढ़े नै तेरे तैं या बात क्यूं कही । वो बूढ़े के डोग्गे तैं भी डरै था.... तै डरता डरता बोल्या - "दादा, मैं तै होक्का पीया ए ना करता, मैं आग कोनी धरूँ" ।
ईब बूढ़ा भी पुराणा खिलाड़ी था, फट दे नै बोल्या - रै ऊत के साळे, डांगरां खातिर सान्नी काट्या करै, वा के तू खाया करै सै ?

sombirnaamdev
23-02-2012, 10:52 PM
जंगल-पाणी

भाई, एक बै रल्डू जंगल होण गया अर साथ में पाणी की बोतल ले ग्या । वा पाणी की बोतल थोड़ी दूर धर कै झाड़ियाँ पाच्छै रोग काटण चल्या गया । थोड़ी हाण पाच्छै जब उल्टा आया तै देख्या अक बोतल में पाणी कोनी ! के करता ईब, बिना हाथ धोये चल्या गया ।
आगलै दिन फिर यो-ए हुया, फिर बिना हाथ धोये घरां चल्या गया । ईब पांच-छः दिन ताहीं न्यूं-ऐं चाल्लीं गया । घर में ईब सड़ांध फैलण लागी । सब रल्डू नै कहण लागे - भाई, के बात सै, तेरे में सड़ांध आवै सै !
रल्डू नै बी ठाण ली अक ईब-कै वो बेरा कर-कै छोडैगा कि उसका पाणी कित जावै सै ।
आगलै दिन उसनै बोतल उड़ै धर दी अर झाड़ी में लुक कै चुपचाप देखण लाग्या । उसनै देख्या एक बकरी सारा पाणी पी जावै सै !
वो झाड़ी तैं बाहर लिकड़ कै उस बकरी तैं बोल्या - मेरे साळे की, पी ले, पी ले - आज जितना पाणी सै, पी ले । काल तैं (कल से) मैं पहल्यां हाथ धोऊंगा, फिर जंगल होऊंगा !!
भूंडी खबर

रामफळ दूसरे गाम में जा रहया था । जब आया तै रल्डू राह में फेट-ग्या ।
रल्डू - रै रामफळ, तू कित जा रहया था ? तेरी खातिर दो खबर सैं - एक आच्छी अर दूसरी भूंडी । कुण-सी पहलम सुणाऊं ?
रामफळ - भाई, भूंडी खबर पहलम सुणा दे । कम-तै-कम आच्छी सुण कै मूड तै ठीक हो ज्यागा !
रल्डू - तन्नैं पाछले म्हीने जो पचास हजार की म्हैंस ली थी ना, वा मर-ग्यी ब्यांदी हाणां ।
रामफळ - चाळा पाट-ग्या भाई ! मैं तै बरबाद हो-ग्या । ईब कम-तैं कम आच्छी खबर तै सुणा दे ।
रल्डू - उसनै काटड़ा दिया था, वो बच-ग्या !!!

sombirnaamdev
02-03-2012, 07:06 PM
रामफळ ऑटो चलाया करता । एक बै तीन शराबी आ-कै ऑटो में बैठ-ग्ये अर बोल्ले - चलो !
रामफळ नै ऑटो स्टार्ट कर दिया अर थोड़ी हाण पाच्छै बंद कर दिया । एक शराबी उतर-ग्या अर बोल्या - थैंक यू !
दूसरा भी उतर-ग्या अर रामफळ तैं पईसे दे दिये ।
तीसरे नै एक मारा थप्पड़ रामफळ कै । ईब रामफळ नै सोच्या अक यो तै समझ-ग्या सै, मारे गए आज तै - ये तीन अर मैं एकला ! मन्नैं तै यो पंगा गलत ले लिया ।
अर फिर वो (तीसरा शराबी) बोल्या - आराम तैं चाल्या कर, आज तै मरवा ए देता तू !!!

sombirnaamdev
02-03-2012, 07:07 PM
तळे नै मर ले

एक बार दो नशेडी दिल्ली चले गए इंडिया गेट धोरे बैठ के उन ने सुल्फे के बीडी भर ली कसूते लाल होए पाछे चालन लगे ऊपर ने देख्या एक बोला दुसरे ने माडा सा तळे नै हो ले ना तो इंडिया गेट में सिर भिड़ ज्यागा ! दोनुवा ने नाड़ बानगी कर ली ऊपर ने देख्या इंडिया गेट और नीचे दिखया थोड़े और टेढे हो गए ! ऊपर देख्या फेर न्यू ए! न्यू करते करते कत्ति फौजिया की ढाळ कोहनिया पै आ लिए ! एक पुलिसिये ने देख्या "रे यू के सांग सै" ? दिया एक के सिर में लठ | जिसके लाग्या वो बोल्या "मर-ग्या रे !" दूसरा बोल्या - पहलम ए ना कहूं था "माडा सा तळे नै मर ले"

sombirnaamdev
02-03-2012, 07:07 PM
"गलत घर"

बदलू और जागे घणी दारू पीया करते । बदलू की घरवाली किताबो उन-तैं घणी दुखी रहया करती । कतई तंग आ-कै एक दिन उसनै मन बणा लिया अक ईबकै आवण दे अनपूते नै पी कै - लट्ठां तैं कूटूंगी ।
रात नै किताबो बांस की कामड़ी ले कै किवाड़ कै पाछै लुक कै खड़ी हो गई । बदलू पी कै दरवाजे में घुसण लाग्या, तै किताबो नै कामड़ी मार-मार कै उसकी सौड़ सी भर दी । बदलू पिटता-पिटता बोल्या - "ए बेब्बे, गलती हो-गी, मैं तै गलत घर में आ-ग्या" ।
बदलू उल्ट-पाहयाँ जागे धोरै गया अर बोल्या - "जागे भाई, मैं तै आपणा घर भूल-ग्या, एक गलत घर में जा बड़या - तू मन्नै घरां छोड कै आ ।" जागे बोल्या - "अरै, तन्नै घणी पी राखी सै, ल्या मैं छोड कै आऊं सूं तन्नैं तेरै घरां - चिन्ता ना कर ।"
जागे बदलू का हाथ पकड़ कै आगै-आगै चाल पड़या अर बदलू के घर का दरवाजा खुला देख कै उसनै खींचण लाग्या ।
किताबो फिर किवाड़ कै पाछै खड़ी थी, अंधेरे में उसनै कोनी देख्या अक कुण-सा आवै सै । किताबो नै कामड़ी सिंगवा कै जागे की कड़ में टेक दी और लागी उसकी सौड़ सी भरण ।
बदलू थोड़ी सी दूर जा कै बोल्या - "मार बेब्बे, मार साळे कै - पीये ओड़ समझ कै यो मन्नैं फिर एक गलत घर में बाड़ै था" !!

sombirnaamdev
02-03-2012, 07:08 PM
आपणे नै पिछाण ले-ज्या"

भाई, एक बै चार मौलड़ घणी दारू पी कै गाम में रात के बारह बजे पाच्छै बड़े आ-कै । सारे कत्ती धुत्त हो रहे थे । एक घर धोरै आ-कै रूका मारण लाग-गे - रणबीर, ओ रणबीर - रणबीर रै !!
रौळा सुण कै छात (छत) पर तैं एक लुगाई बोल पड़ी - "के ज्ञान हो रहया सै, हाड़ै कोन्या रणबीर - वो तै दूसरे गाम में जा रहया सै" ।
न्यूं सुण कै उन मौलड़ां म्हां तैं एक बोल्या - "तू कूण सै भिर" ? वा बोल्ली - "मैं रणबीर की बहू सूं, और कूण सूं ?"
इतना सुणना था, अर उन-म्हां तैं एक बोल्या - "ठीक सै, एक बै तळै आ-ज्या, अर आपणे नै पिछाण ले-ज्या - हम भी जा कै सोवां फिर" !!

sombirnaamdev
02-03-2012, 07:08 PM
दीवार की आवाज

सुन्डू बेचारा सुल्फा पीये रहया करता अर बावळी-बावळी बात करीं जाता । एक दिन तड़कैहें-तड़कैहें भीत कै कान ला कै ध्यान तैं सुणन लाग रहया ।
उसका ढ़ब्बी पेटला भी आया अर देख्या - यो के हो रहया सै ? उसनै भी कान ला लिये भीत कै । फेर कान हटा कै बोल्या - रै सुन्डू, भाई, किमैं सुण्या-ए कोन्या !
सुन्डू नै एक दिया उसके कान पै, अर बोल्या - खसमड़े, मैं तड़कैहें तैं इसकै कान लाईं बैठ्या ! जब मन्नैं ऐं ईब ताहीं ना सुण्या...तै तेरे ताहीं के खड़ताळ बाजैंगी ?"

sombirnaamdev
02-03-2012, 07:08 PM
खोलो, दरवाजा खोलो

एक शराबी आधी रात के बखत नशे में धुत्त सड़क पै चाल्या जावै था । सड़क के किनारे एक खंबे पै, जिस पै एक बल्ब जळै था, उस कै धोरै आ-कै रुक ग्या अर खंभे नै हाथ तैं खटखटावण लाग्या अर आवाज देण लाग्या - "खोलो, दरवाजा खोलो" ।
एक चौकीदार नै यो नजारा देख्या अर उसतैं मखौल करण की सोची । वो शराबी तैं बोल्या - "ओ भाई, हाड़ै घर में कोए कोनी, जा आगे-नै" ।
शराबी बोल्या "कोए क्यूकर कोनी, ऊपर देख - उपर चौबारे की लाइट बी जळण लाग रही सै ।"

sombirnaamdev
02-03-2012, 07:08 PM
दो ढ़ाळ का नशा

एक-बै सुण्डू बोतल पी-कै कत्ती धुत्त हो रहया, अर हलता-हलता गाळ में कै आण लाग रहया था । आगै जा कै उसनै देख्या अक दो-चार बूढ़े होक्का पीण लाग रहे थे अर बाणियां आपणी दुकान पै बैठ्या हिसाब सा जोड़ै था ।
सुन्डू बूढ़्यां धोरै जा-कै बोल्या - "ताऊ, राम-राम । कहते हो तै होक्का ताजा कर ल्याऊं, कहते हो तै हाथ-पांव दाबूं । बूढ़े बोल्ले - "ना बेटा, हम राजी सां, ऊपर आळा तेरा भला करै ।"
सुन्डू फेर पहुंच-ग्या बणियां की दुकान कै आगै । बणियां नै देखतीं हें रूका मार-कै बोल्या - "रै बणियें के बीज, सारा गाम लूट लिया साले, अर ईब पईसे गिणै सै ?" अर सुन्डू नै बणिये कै चार लात मारी अर आगै-नै चाल पड़ा ।
बणियां पड़ा-पड़ा न्यूं बोल्या - अड़ चौधड़ी, एक बोतल में दो-दो नशे पहली बार देखे !!

sombirnaamdev
02-03-2012, 07:09 PM
एक बै रात नै एक बजे रामफल शराब के नशे में धुत्त, आपणे घर जावै था, राह में पुलिस नै पकड़ लिया । पुलिस होलदार बूझण लाग्या - आं रै, इतणी रात नै कित जा था ?
रामफल बोल्या - जी, शराब के दुष्परिणाम पै लैक्चर सुणन जाऊं सूं ।
होल्दार - इतणी रात नै कूण लैक्चर देगा ?
रामफल - मेरी घर आळी रामभतेरी !!

sombirnaamdev
02-03-2012, 07:09 PM
काळू अर भूंडू नै घणी दारू पी राखी थी । रात नै साईकल पै बैठ कै कच्चे रास्ते तैं घरां जावैं थे । काळू साईकल चलावै था अर भूंडू पाछै बैठ्या था ।
भूंडू रास्ते मैं लुढ़क ग्या । काळू नै कोए ध्यान नहीं, मस्ती में झूमता घरां पहुंच्या अर बोल्या - ले भाई उतर, घर आ-ग्या ।
जब पाच्छे तैं कोए जवाब नहीं आया, तै काळू का नशा कुछ ढीला हुया, साईकल ठा कै उल्टा भाज लिया । राह में देख्या - भूंडू मस्ती में चूर राही में लोट रहया था । काळू उसनै देख कै बोल्या - आंह रै, ठीक सै ?

काळू नै जवाब दिया - "मैं ठीक बैठ्या सूँ, तू साईकल चलाता रह !"

sombirnaamdev
10-03-2012, 08:07 PM
स्कूल में मास्टर ने राकेश रुनढे त पुछा “क्यूँ र परसु क्यों नहीं आया स्कूल म ?”
राकेश रुनढ़ा बोल्या ” मास्टर जी परसु मेरी माँ ने मेरा पजामा धो दिया था ज्याते नहीं आया ”
मास्टर न फेर पुछा “काल भी नी आया तू ? ”
राकेश रुनढ़ाबोल्या ” मास्टर जी काल मन्ने आपका पजामा सूखता देखा. मेंने पजामा देख के छूट्टी कर ली “

sombirnaamdev
10-03-2012, 08:07 PM
तमसो मा ज्योतिर्गमय का मतलब
तमसो मा – माँ तू सो जा
ज्योतिर्गमय – मन्ने ज्योति के घरां जाना है.

sombirnaamdev
10-03-2012, 08:08 PM
रुंडा चेमिस्ट की दूकान पै

रुंडा : मने जहर चहिये.

दुकानदार : बिना पर्ची के कोन्या दे सकदा.
रुंडे ने आपने ब्याह का कार्ड दिखा दिया.
दुकानदार : बस कर भाई ….. रुवावेगा के ….नू बता बड़ी शीशी दू या छोटी …?

sombirnaamdev
10-03-2012, 08:08 PM
रलदू के होंठ जल गे
किसी नै पूछ लिया ` भाई कुक्कर जले?`
रलदू बोल्ला: घरआली मायके जा री थी , स्टेशन छोड्न गया था!
ख़ुशी के मारे ट्रेन का इंजिन चूम लिया…

फत्तू : मैं ईसा के करू के तेरे ब्याह कै बाद मैं तेरी घरआली नै सिनेमा दीखान लै जाऊ अर्र तू गुस्सा भी ना हो
रलदू : मेरा ब्याह अपनी बहन तै करा दे

sombirnaamdev
10-03-2012, 08:10 PM
Haryanvi Jokes (http://www.facebook.com/TheHaryana)


एक बै रोडवेज की बस सड़क पर कै जावै थी। ड्राइवर नै देख्या एक बुढ़िया एक
बालक ने गोद लियाँ भाजी आवै सै । ड्राइवर ने सोची कि बुढ़िया कितै जाती
होगी……? ड्राइवर ने बस रोक ली…..बुढ़िया आई……ड्राइवर ने पूछया ताई कित
जावैगी…..? ताई न्यू बोली…….रै ड्राइवर.... मैं कितै ना जाती………एक बै यो
आपनी बस का होर्न बजा दे…..यो बालक रोवे सै…….यो रोवण तै थम जावैगा !!

sombirnaamdev
10-03-2012, 08:10 PM
एक बै दो तेज से बूढ़े हरयाणा रोडवेज की बस में बैठ लिये । कंडक्टर आया
एक धोरै, अर बोल्या - "हां ताऊ, टिकट?"

बूढ़ा पईसे बचावण के चक्कर में था, बोल्या - "ओ मेरे यार कंडक्टर, न्यूँ
सोच लिये अक गाम की छोरी फेट-गी थी" । कंडक्टर भी शरीफ था, मान-ग्या
बेचारा ।

फिर कंडक्टर नै दूसरा ताऊ टोक लिया - "ताऊ, टिकट" ।

दूसरा ताऊ पहले वाले का भी उस्ताद लिकड़ा, बोल्या - "ओ मेरे यार कंडक्टर,
छोडै ना, न्यूँ सोच लिये अक छोरी गैल बटेऊ भी था" !!

sombirnaamdev
10-03-2012, 08:11 PM
एक बै…..एक गादडी के पाछे दो कुत्ते लागरे थे। वा भाज कै एक दूसरे गादड के बिल में बड गई। गादड बडा मसखरा था। वो आपणी बहू तै बोल्या…..पुछिये बहू नै…..क्यूं तंग पा री सै..?
गादडी बोल्ली…….म्हारै छोरी के बटेऊ आरे सैं……अर आजै ले जाण की जिद कररे सैं।
गादड छो में भर कै बोल्या…..मैं देखूं सूं उन्हें जा कै। अकड में गादड ने बिल तै मुंह बाहर काढा तै दोनूं कुत्तां नै उसके दोनूं कान पकड लिये। गादड झटका मार कै उलटा ए बिल में बडग्या। पर कान कुत्तां के मुंह में ही रह गये। भीतर दूसरी गादडी ने गादड की बहू तै कहा, पूछिये री…….मेरे पितसरे के कानां कै के होग्या….?
गीदड बोल्या………बटेऊ तै घणें ऊंत सैं। वैं छोरी के धोखें में मन्नै ए ट्राली में गेर के ले जावैं थे। बडी मुश्किल तै पिंडा छुड़ा कै आया सूं…!!

sombirnaamdev
10-03-2012, 08:11 PM
बुधवार, 15 अक्तूबर 2008

एक बै की बात......


एक बै की बात
प्यारे भाईयों और मेरी भाभियों
या लगभग साच्ची बात सै
इसमैं एक पहेली बी सै
बूझण आलै नै जरमनी के दो लट्ठ इनाम मैं मिलेंगें

उन दिनों ताऊ की नाई की दुकान थी
एक दिन ताऊ मजे मैं अपने गाहक के बाल बणा रहया था तो एक आदमी आया अर बोल्या ताऊ कितने नंबर सै
अर अंदाजा बता दे कितनी देर लगेगी
ताऊ बोल्या भाई घंटा लगेगा
आदमी चला गया

अगले दिन ताऊ फेर मजे मैं अपने गाहक के बाल बणा रहया था तो वही आदमी फेर आया अर बोल्या ताऊ कितने नंबर सै अर अंदाजा बता दे कितनी देर लगेगी
ताऊ बोल्या भाई पौणा घंटा लगेगा
आदमी चला गया

अगले दिन ताऊ फेर मजे मैं अपने गाहक के बाल बणा रहया था तो वही आदमी फेर आया अर बोल्या ताऊ कितने नंबर सै अर अंदाजा बता दे कितनी देर लगेगी
ताऊ बोल्या भाई आधा घंटा लगेगा
आदमी चला गया

अगले दिन ताऊ फेर मजे मैं अपने गाहक के बाल बणा रहया था तो वही आदमी फेर आया अर बोल्या ताऊ कितने नंबर सै अर अंदाजा बता दे कितनी देर लगेगी
ताऊ बोल्या भाई पंदरा मिनट लगेगी
आदमी चला गया

ताऊ नै सोच्चभ यू गाहक रोज आवै अर टाइम बूझ कै चल्या जावै बेठता कोनी के बात सै कोई रास्सा लाग्गै ताऊ नै फौरन अपना छोरा बुलाया अर बोल्या रै छोरे इस आदमी नै देख कै आ अक यू मेरे तै टैम पूछ कै कित जावै सै

छोरा पीछै गया
वापस आया अर उसनै जो ताऊ तै बताया सुण कै ताऊ के होस उड़गे
क्योंकि उसनै बताया अक यो आदमी जो रोज टेम पूछण आवै था
टेम पूछ कै सीधा ताऊ के घरां जावै था

अंदाजा ला कै बताऒ
वो आदमी कौण था
मिलेंगें जरमन के दो लट्ठ
--योगेन्द्र मौदगिल

sombirnaamdev
10-03-2012, 08:14 PM
एक बै की बात...


माई डीयर भाईयों अर डियरेस्ट भाभियों,
जै राम जी की....

आज मैं ताऊ की एक नई कथा आप लोगां नै बताण लाग रह्या सूं...

एक बै की बात...

ताऊ एक लांबे सफर मैं रेल मैं बेठ्या जावै था
उसनै थोड़ी नींद सी आण लागी तो सबतै ऊपरली बर्थ पै जा कै पड़ग्या

बर्थ पै जैसे ही थौड़ा सा मूधा होया तो उसका ध्यान नीचे बेट्ठे एक नवविवाहित जोड़े पै पड्गया

बस फेर के था
ताऊ की नींद छूमंतर

देखण लागग्या उन दोनों नै

वे दोनों छोरा-छोरी कबूतर-कबूतरी की ढाल किलोल कररे थे

अर ताऊ ऊप्पर पड्या ताई नै याद कर रह्या था

अचानक गाड़ी म्हं झटका सा लाग्या
छोरी बोली उई मां मरगी
छोरा एकदम बोल्या के होग्या मेरी जान कुछ मनै बी तो बता
छोरी बोली झटका लाग ग्या मेरा तो कंधा दुक्खै
छोरा बोल्या चिंता ना करै इबी ठीक कर द्यूं
सर उस छोरे नै बड़े प्यार तै अपनी लुगाई के कंधे का चुंबन लिया अर बोल्या ईब बता दर्द होरा के..?
लुगाई मुस्कुरा कै बोली ना ना इब्तो ठीक होग्या
ताऊ हैरान....

अचानक गाड़ी म्हं फेर झटका सा लाग्या
छोरी बोली उई मां मरगी
छोरा एकदम बोल्या के होग्या मेरी जान कुछ मनै बी तो बता
छोरी बोली झटका लाग ग्या मेरा तो गोड्डा दुक्खै
छोरा बोल्या चिंता ना करै इबी ठीक कर द्यूं
सर उस छोरे नै बड़े प्यार तै अपनी लुगाई के गोड्डे का चुंबन लिया अर बोल्या ईब बता दर्द होरा के..?
लुगाई मुस्कुरा कै बोली ना ना इब्तो ठीक होग्या
ताऊ हैरान....

अचानक गाड़ी म्हं फेर झटका सा लाग्या
छोरी बोली उई मां मरगी
छोरा एकदम बोल्या के होग्या मेरी जान कुछ मनै बी तो बता
छोरी बोली झटका लाग ग्या मेरा तो गाल दुक्खै
छोरा बोल्या चिंता ना करै इबी ठीक कर द्यूं
सर उस छोरे नै बड़े प्यार तै अपनी लुगाई के गाल का चुंबन लिया अर बोल्या ईब बता दर्द होरा के..?
लुगाई मुस्कुरा कै बोली ना ना इब्तो ठीक होग्या
ताऊ हैरान...

अचानक गाड़ी म्हं फेर झटका सा लाग्या
छोरी बोली उई मां मरगी
छोरा एकदम बोल्या के होग्या मेरी जान कुछ मनै बी तो बता
छोरी बोली झटका लाग ग्या मेरा तो कान दुक्खै
छोरा बोल्या चिंता ना करै इबी ठीक कर द्यूं
सर उस छोरे नै बड़े प्यार तै अपनी लुगाई के कान का चुंबन लिया अर बोल्या ईब बता दर्द होरा के..?
लुगाई मुस्कुरा कै बोली ना ना इब्तो ठीक होग्या
ताऊ हैरान.....

अचानक गाड़ी म्हं फेर झटका सा लाग्या
छोरी बोली उई मां मरगी
छोरा एकदम बोल्या के होग्या मेरी जान कुछ मनै बी तो बता
छोरी बोली झटका लाग ग्या मेरा तो बाजू दुक्खै
छोरा बोल्या चिंता ना करै इबी ठीक कर द्यूं
सर उस छोरे नै बड़े प्यार तै अपनी लुगाई के बाजू का चुंबन लिया अर बोल्या ईब बता दर्द होरा के..?
लुगाई मुस्कुरा कै बोली ना ना इब्तो ठीक होग्या
ताऊ हैरान....

पर इबकै ताऊ तै रह्या कोनी गया...
ऊप्पर पड्या-पड्या बोल्या रै छोरे......
मेरै बवासीर होरी सै उसका बी इलाज कर दे गा के......?

sombirnaamdev
10-03-2012, 08:22 PM
माँ (दस साल के बेटे से) - बेटा, तुम तो पढ़ने में बड़े होशियार हो फिर ट्यूशन वाले को रखने की क्या जरूरत है ?
बेटा (मासूमियत से) – माँ , तुम भी तो घर का काम करने में होशियार हो… फिर काम वाली बाई को रखने की क्या जरूरत है …?

sombirnaamdev
13-03-2012, 10:05 PM
पाछे नै लटक ले !!

फत्तू सवारी ढोवण खातिर नया-नया टैंपू ल्याया था । उसनै दिन-रात टैंपू ए टैंपू दीखण लाग-गे । एक रात वो सोता-सोता बोलण लाग-ग्या : आ ज्याओ भाई आ ज्याओ, टैंपू चाल्लै सै, तावळे आ-ज्याओ ।
फेर या-ए बात वो जोर-जोर तैं बोलण लाग-ग्या, तै या बात सुण कै उसकी बहू बोली: "के बात हो-गी जी, आज न्यूं क्यूकर बोलो सो?"
फत्तू नींद मैं बोल्या : कित जावैगी बेबे ?
या सारी बात फत्तू का बाबू भी सुणन लाग रहया था, वो बोल्या : अरै मेरा सुसरा, के बोलै सै बहू नै ?
फत्तू नींद में-ऐं बोल्या: "ताऊ, तू तै पाछे नै लटक ले" !!

sombirnaamdev
13-03-2012, 10:05 PM
दो बूढे

एक बै रोहतक बस स्टेंड पै दो बुड्डे खड़े , दोनों के दोनों कती बहरे ,
एक बोल्या दुसरे नै -- अरे महम जा गा के .
दुसरे नै जवाब दिया -- ना महम जाऊंगा भाई .
पहलम आला फेर बोल्या -- अच्छा मने सोची महम जाता होगा भाई तू

sombirnaamdev
13-03-2012, 10:07 PM
ताऊ की यात्रा

ताऊ बैठा हरियाणा रोड्वेस् की बस मै सफ़र करे था. रोहतक ते जावे था भिवानी. कलनौर आते ही टी.टी आ गया टिकट चेक करण. ताऊ धोरे जा के बोल्या , ला ताऊ टिकट दिखा. ताऊ ने अपणा झोला खोल्या , लत्ता के बीच मै ते एक प्लास्टिक् की थैली काढी, ऊस्के माह् ताऊ ने रोटी बान्ध रखी थी. रोटी के बीच ताऊ ने धर राख्या धडी पक्का चूर्मा. ताऊ ने धीरे धीरे चूर्मे मे हाथ घुमा के टिकट काढि अर टी.टी कान्नी बढा दी. टी.टी ने टिकट का हाल देख्या, कती ए चीकणी पडी थी. छो मे आ के बोल्या , अह रे ताऊ यो भी किम्मे धरण की जगह सै? सारी टिकट भुन्डी ढाल चिकणी कर दी, इस्मे के देखू मै? ताऊ लाहप्सी सा मुह बना के बोल्या , के करू बेटा बुड्डा आदमी सू , टिकट् कद्दे खू न जा, इसे खातिर घ्हणी सम्भाल् के धर रखी थी. टी.टी बोल्या, चूर्मे ते सेफ जगह् कौणी थी? न्यू कह् के टी. टी आगे चला गया. ऊसी ताऊ धोरे एक दूसरा ताऊ भी बैठ्या था, वा न्यू बोल्या अह रे बावली बूच, चूर्मा भी कोई टिकट धरण् कि जगह् से ? तू भी बुढापे मै कती बावला हो गया. ताऊ शैड् देनी सी बोल्या, ”’इसा बावला भी ना सू, 2 साल ते इसी टिकट पे सफ़र कर रहया सू”

sombirnaamdev
13-03-2012, 10:07 PM
हरयाणा रोडवेज के कंडक्टर

एक बै मुख्यमंत्री को शिकायत मिली कि हरयाणा रोडवेज के कंडक्टर बहुत बदतमीजी से बोलते हैं । उसने फौरन आदेश दिया कि हर एक कंडक्टर हरेक बात से पहले "कृपया" लगायेगा ।
एक बै एक बस में कई मौलड़ चढ़ लिये और खिड़की पर लटक लिये । थोड़ी हाण पाच्छै कंडक्टर आया अर बोल्या - कृपा करकै आगे-नै मर ल्यो !!
बटेऊ का टिकट ?
एक बै दो तेज से बूढ़े हरयाणा रोडवेज की बस में बैठ लिये । कंडक्टर आया एक धोरै, अर बोल्या - "हां ताऊ, टिकट?"
बूढ़ा पईसे बचावण के चक्कर में था, बोल्या - "ओ मेरे यार कंडक्टर, न्यूँ सोच लिये अक गाम की छोरी फेट-गी थी" । कंडक्टर भी शरीफ था, मान-ग्या बेचारा ।
फिर कंडक्टर नै दूसरा ताऊ टोक लिया - "ताऊ, टिकट" ।
दूसरा ताऊ पहले वाले का भी उस्ताद लिकड़ा, बोल्या - "ओ मेरे यार कंडक्टर, छोडै ना, न्यूँ सोच लिये अक छोरी गैल बटेऊ भी था" !!

sombirnaamdev
13-03-2012, 10:08 PM
एक सवारी और आवैगी"
एक बै एक रोडवेज बस कंडक्टर की शादी हुई । सुहाग रात को जब वो अपने कमरे में गया तो देखा कि उसकी बहू खाट के बीच में बैठी थी ।
कंडक्टर उसनै बिचाळे में बैठी देख कै बोल्या - थोड़ी सी परे नै हो ले, हाड़ै एक सवारी और बैठैगी !!


खूंटी

एक बै एक ताई घणा सारा सामान ले कै हरयाणा रोडवेज की बस में चढ़-गी । वा एक बाळक नै भी गोदी ले रही थी । बस में घणी भीड़ थी, अर उसनै सीट ना मिल्ली ।
बस में ताई धोरै एक सूधा सा कालिज का छोरा खड़ा था, ताई उस तैं बोली - बेटा, यो मेरा झोळा पकड़ ले । छोरे नै पकड़ लिया । थोड़ी हाण पाच्छै ताई नै दो-तीन और झोळे उस छोरे ताहीं पकड़ा दिये । अर फेर वो बाळक भी आपणी गोदी तैं उतार कै उस छोरे ताहीं पकड़ा दिया ।
ताई नै फेर सीट भी मिल-गी । ताई उस छोरे तैं बोली - "आं रे बेटा, तू तै बहुत आच्छया बेटा सै, तेरा के नाम सै ?"
छोरा बोल्या - "मेरा नाम सै खूंटी, कुछ और भी टांगणा हो तै टांग दे" !!

sombirnaamdev
13-03-2012, 10:08 PM
बस का होर्न

एक बै रोडवेज की बस सड़क पर कै जावै थी। ड्राइवर नै देख्या एक बुढ़िया एक बालक ने गोद लियाँ भाजी आवै सै । ड्राइवर ने सोची कि बुढ़िया कितै जाती होगी……? ड्राइवर ने बस रोक ली…..बुढ़िया आई……ड्राइवर ने पूछया ताई कित जावैगी…..?
ताई न्यू बोली…….रै ड्राइवर.... मैं कितै ना जाती………एक बै यो आपनी बस का होर्न बजा दे…..यो बालक रोवे सै…….यो रोवण तै थम जावैगा !!
Virender Narwal (http://www.jatland.com/home/Virender_Narwal)
तन्नै देखण आळे आ रहये सैं

एक काळा-भसंड गाड्डे लुहार (भूभळिया) अर उसकी लुहारी बस में सफर करैं थे । बस में भीड़ थी, वे दोनूं न्यारे-न्यारे बैठ-गे । रास्ते में कई टिकट-चैकर बस में चढ़-गे । एक चैकर ताहीं लुहारी नै दोनूं टिकट दिखा दी । टिकट चैकर बोल्या - दूसरी सवारी कुण-सी सै, उसकी शकल दिखा ।

लुहारी रूका मार-कै बोली - ओ लुहार, एक बै खड़ा होइये, तन्नै देखण आळे आ रहे सैं !!

sombirnaamdev
13-03-2012, 10:09 PM
"तेरे ताहीं एक छोरा ए देख आऊं"

एक जाट का छोरा बस में जावै था । छोरा शरारती था, अर बस में खड़ी एक छोरी नै छेड़ण लाग रहया था ।
उस बस में एक बुढ़िया भी बैठी थी अर सारा नजारा देखण लाग रही थी । बुढ़िया नै छोरे की हरकतां पै घणा छो आया, अर छोरे नै सबक सिखावण ताहीं बोली - रै ताऊ, कित जावैगा ?
छोरे नै देख्या अर सोचण लाग्या अक या साठ साल की बुढिया मन्नैं "ताऊ" क्यूं कहै सै ? पर बुढ़िया की उम्र देख कै वो चुप रहया ।
थोड़ी हाण रुक कै बुढ़िया फिर बोली - "ताऊ, कित जावैगा"? छोरा फिर चुप रहया । ईब तै सारी बस आळे भी मजे लेण लाग्गे । बुढ़िया फिर बोली - "रै ताऊ, न्यूं तै बता अक तू कित जावैगा"?
ईब छोरे पै रहया ना गया, अर वो फट बोल्या - "जाऊं तै था मैं कितै और, पर ईब न्यूं सोचूं सूं अक तेरे ताहीं एक छोरा ए देख आऊं" !!


पाछे नै लटक ले !!

फत्तू सवारी ढोवण खातिर नया-नया टैंपू ल्याया था । उसनै दिन-रात टैंपू ए टैंपू दीखण लाग-गे । एक रात वो सोता-सोता बोलण लाग-ग्या : आ ज्याओ भाई आ ज्याओ, टैंपू चाल्लै सै, तावळे आ-ज्याओ ।
फेर या-ए बात वो जोर-जोर तैं बोलण लाग-ग्या, तै या बात सुण कै उसकी बहू बोली: "के बात हो-गी जी, आज न्यूं क्यूकर बोलो सो?"
फत्तू नींद मैं बोल्या : कित जावैगी बेबे ?
या सारी बात फत्तू का बाबू भी सुणन लाग रहया था, वो बोल्या : अरै मेरा सुसरा, के बोलै सै बहू नै ?
फत्तू नींद में-ऐं बोल्या: "ताऊ, तू तै पाछे नै लटक ले" !!

sombirnaamdev
13-03-2012, 10:09 PM
दिन छिप्पे पाच्छै

हरयाणा रोडवेज अर डी. टी. सी. में हरयाणा के मौलड़ ड्राइवर-कंडक्टर घणे भरे सैं ।

एक बै टूरिस्ट महकमे की बैठक हुई जिसमें परिवहन मंत्री भी शामिल थे । बात शुरू हुई अक दिल्ली आने वाळे टूरिस्टां नै बस में घणी दिक्कत होवै सै, क्योंकि इनके ड्राइवर-कंडक्टर सारे मौलड़ भर राखे सैं, इन्हैं इंग्लिश आती कोनी - इनका कुछ इलाज करो ।

परिवहन मंत्री नै कुछ रोडवेज आळां तै बात करी - अक हां भाई, बताओ ईब के करां ?

उन्हैं बोल-बतळा कै मंत्री ताहीं जवाब दिया - मंत्री जी, इन्हैं कह दो अक दिन की तै गारंटी सै कोनी, पर दिन छिप्पे पाच्छै (दो घूंट पी कै) सारे अंग्रेजी बोल्लैंगे!!


"आगै के लीप राखी सै ?"

ताऊ हरयाणा रोडवेज की बस में आगे कै चड्ढ़ण लाग्या । कंडक्टर बोल्या - ताऊ, पाच्छे कै !

ताऊ - क्यूं, आगै के लीप राक्खी सै ?
.

sombirnaamdev
13-03-2012, 10:09 PM
"प्लाट कट्टैंगे"

एक बै एक बस में बहोत भीड़ थी । एक ताऊ का पांव एक छोरी के पांव पै पड़-ग्या ।
छोरी छो में आ कै बोल्ली "पां काट दिया"
ताऊ बोल्या - इसी भीड़ में पां नहीं, तै के प्लाट कट्टैंगे ?"


बहू का भाई

भूंडू बचपन तैं ए घणा अळबादी था, किसै नै कुछ भी कह दिया करता ।
बड्डा हो-कै भूंडू हरयाणा रोडवेज में कंडक्टर लाग-ग्या पर उसकी पुराणी आदत ना छूटी । वो बूढे-ठेरां नै "मौसा" अर बूढ़ी लुगाइयां नै "मौसी" कहया करता ।
एक दिन भूंडू टिकट काटण लाग रहया था - "मौसा टिकट ले ले - मौसी टिकट ले ले" । एक बुढिया तैं न्यूं बोल्या - "मौसी, टिकट ले ले" । बुढिया किम्मैं ना बोली । थोड़ी हाण पाच्छै फेर न्यूं बोल्या - "एरी मौसी, टिकट ले ले" ।
बुढ़िया फट बोल्ली - "बेटा, पिछाणा कोनी, कुण-सी बहू का भाई सै ? छोटी का अक बड्डी का ?"
भूंडू बुढ़िया नै तीतर की तरियां लखा कै आगे-नै लिकड़ ग्या ।

sombirnaamdev
13-03-2012, 10:10 PM
छतरी की ताड़ी

एक बै एक ताऊ खड़ा था बस स्टैंड पै । घणी वार हो-गी, कोए बस ना आई । इतणे में एक छोरी बी बस स्टैंड पै आ-कै खड़ी होगी । गर्मी भोत थी, छोरी नै छतरी खोल ली । पाच्छै-पाच्छै एक छोरा बी आ-ग्या अर छोरी नै छेड़ण लाग-ग्या ।

छोरी बोल्ली - "ए छोरे, या छतरी देखी सै, लाग-गी ना तै बम्बई जा-कै पड़ैगा, के हीरो बण रहया सै !"

इतणे में ताऊ बोल पड़्या - "ए छोरी, मैं घणी वार तैं बस की बाट देखूं सूं, एक छतरी की ताडी मेरै मार दे, रोहतक जाणा सै !!"
सारे मेरे कोनी

एक बै एक लुगाई छः-सात बाळकां नै ले कै बस में चढ़-ग्यी । सारी सवारी उस कान्नी लखावण लाग्गी ।
लुगाई सकपका कै बोल्ली - सारे मेरे कोनी, चार पड़ौसियां के भी सैं !!!

malethia
14-03-2012, 10:15 AM
घणा खूब, लिख्या स भाई,
पड़के मजा आगया ..............

sombirnaamdev
18-03-2012, 05:14 PM
उसने कदे 60 भी नही देखे थे.....मैंने 120 का रीचार्ज कराया ,सुट तक कदे जचा नी उसके......मैंने नाइक का टॉप दिवाया ,
बात कर के बड़ी आज मैंने गुड बाय कहगी......यार हके बके रहगे
जद म्हारे बुल्लेट ते उतर के.... मारुती 800 आले गले जा बैठी ,
साली ने सॉरी कहना तो दूर की बात... जांदी जांदी कुत्ता कमीना कहगी,
नु बोली आज ते तेरी मेरी टुट्टी......फेर के था ..............................
उसके नये यार के शामी ........लाम्बी गेड के कुट्टी .

sombirnaamdev
18-03-2012, 05:15 PM
एक बै दो आदमियां कै सांग देखन की बड़ी ललक लाग री थी. पर सांग होए था 5 कोस दूर दुसरे गाम में. उनमे तै एक अंधा था आर एक लंगड़ा. अंधा गात का कसुता तगड़ा था पर लंगड़ा साथ में हंक्ला भी था. जमा बातां ने सुहाली की तरियां चबा के बोल्या करदा. दोनु जना ने जाण की स्कीम बनाई अर अंधें ने लंगड़ा कन्धों पर बिठा लिया. लंगड़ा ऊपर बेठ के अंधे ने राह बतान्दा रहा और अंधे ने तो कति सपट्टा पाड़ दिया. उसने तो मसां सी भाजन का मौका मिला था. लंगड़ा उसके कानां ने मरोड़दा रहा और अंधा नुए मुडदा रहा. दोनुआँ ने जीसा आ रया था कति घी सा घल रया था. लंगड़े नै देख्या आग्य एक कसुता खडा था. लंगड़ा बोल्या रे भाई आग्य ख..ख.ख.....ख ....ख ख ख ख. रै भाई ख..ख.ख.....ख ....ख ख ख ख. अंधा क्यानै सुणे था उसने तो और भी रेस देदी. जिब खडे के जमा ऊपर जालिये तो दोनु दाड़ पड़े. पड़दे सेती हंकले कै मुंह मै ते सपल देसी लिकड़ गया .....खडा. अंधे ने उठदे स्यात दो मैरे अर बोल्या साले तनै बताया कोनी की आग्य खडा सै. तो हंक्ला बोल्या भाई खखाटा तो घनिये बार का उठ रहा था जे तो नि समज्या तो इसमें मेराये के खोट सै.

sombirnaamdev
18-03-2012, 05:19 PM
चंडीगढ़ पंजाब दा और जाट जुगाड़ी
भाइयो चंडीगढ़ का मामला कई बार उछल लिया
हरियाणा इसपे आपना हक़ जताव सै और पंजाब आपना हक़ बताव सै /
एक बै न्यू ऐ चंडीगढ़ में फैसला होना था की किसका है यो /
सारे पंजाब के भी आगे और हरियाणे के भी ट्रक्टर भर भर कै पहुच गे /
एक हमारे गाम सारे बलियाने गाम के भी ट्रक्टर भर कई उडे चले गए /
बलियाने तै एक उन मैं काणा भी बैठ लिया ट्रक्टर मैं उसका नाम बलु काणा था /
पंचायत होने लाग गी पर फसला होके ऐ न दे / फेर चंडीगढ़ के राज्पाल ने न्यू कही अक
भाई सेर और सायरी हो ज्या. जो सब तै बढिया सायरी सुनावेगा चंडीगढ़ उसका /
सब तै पहला एक सरदार जी खड़े हुए सायरी सुनावन लाग गे----
भाई फूलों में फूल गुलाब दा
और चंडीगढ़ पंजाब दा
सब ने बड़ी तारीफ करी वा बही वा
एब आया हरियाणे कै नंबर / कोई भी ना उठा किसे नै भी सायरी ना आवे .
काणे नै खोली एक आँख . अरे न्यू बोल्या मैं सुनाऊंगा / सब नाटे उस ने पर न माना /
न्यू बोल्या -
उत्ता मैं उत् बलियाने का
अरे चंडीगढ़ हरियाणे का
अर तुम ब्या कर दो इब काणे का
सब ने ताली बजाई और चंडीगढ़ जीत गए

sombirnaamdev
18-03-2012, 05:19 PM
भाई जाट जुगाड़ी आदमी हो से / किते न किते तै सारी बाता का जुगाड़ कर लिया करे /
एक बै एक जाट और एक बामण का छोरा एक एक ऊंट ले के जंगल में घुमण जा रे /
जाट के छोरे की नकेल टूट गी / ऊंट उसने तंग करण लाग गया /
वो बामण के छोरे तै बोल्या भाई यो शरीर के तागा (जनेऊ ) बांद रहा यो मने दे दे /
यो ऊंट मने दुखी कर रहा से ./
बामण का बोलूया- न भाई यो जनेऊ तै हमारा धरम से में ना दू /
वो दुखी सुखी हो के घरा आगे .
आते ही जाट का छोरा आपने बाबु तै बोल्या -- बाबु आज जंगल में इस बामण के ने मेरी गल्या
इसा काम करा . एक तागा माँगा था वो भी न दिया . आगे इन तै वयवहार कोन्या राखना /
उसका बाबु बोल्या -- अरे इसका बाबु भी इसा ऐ था . तेरी बेबे के ब्याह आले दिन तेरी बेबे बीमार होगी
तै मने बामण ताहि न्यू कही के भाई एक बै तू फेरा के उपर आपनी छोरी नै बिठा दे एक घंटे खातर
घाल तै मैं आपनी ने दूंगा / पर भाई यो बामण मान्या नही /
छोरा बोल्या -- फेर के हुआ बाबु
बाबु बोल्या - अरे होना के था फेर एक घंटे खातर तेरी माँ फेरा पे बठानी पड़ी

sombirnaamdev
18-03-2012, 05:21 PM
http://www.freesms4u.org/images/Category/58.jpg (http://www.freesms4u.org/#)
old but good
एक बै एक चौधरी साहब छोरी देखन चले गए .
आपने छोरे खातर . छोरी घनी काली थी . चोधरी
साहब के कोना पसंद आई . छोरी का बाबू बोल्या चोधरी
साहब छोरी नै पसंद कर जाओ . कार दे देवा दे दहेज़ में .
चोधरी साहब बोल्ये -- भाई तू तो कार दे कै डिगा देगा .
जै यो खरना म्हारे चला गया तो आगली पीडी में म्हारी
छोरी ट्रक दिए पाछे भी न डिगे

sombirnaamdev
18-03-2012, 05:23 PM
ek be ek daaku ek lugayi te bolya .. Ye tere saare gahane (toom, thekri) manne de de ..

Lugayi :
Le chain le
Le borla le
Le paajeb le
Le hansli le
Le tewta le
Le chudi le
Le loong le ..

Or haramkhor tu b lugayi ban jya

sombirnaamdev
18-03-2012, 05:24 PM
भाई एक बै एक जाट का ब्याह ना होवे था . वो गया शिवजी भोले
के मन्दिर मैं और बोला भोले शंकर जै तू मेरा ब्याह करवादे तै
मैं तेरे झोटा चडाउंगा . इब कुछ दिन बाद उसका ब्याह हो गया .
वो तै आगले ही दिन ले कै पहुँच गया मन्दिर मैं . पर बलि देन
खातर कीमे फरसा - कुल्हाडी ल्यानी भूल गया . इब बाँध झोटे
नै शिव लिंग कै और फरसा - कुल्हाडी लेने घर चला गया .
इब झोटे नै एक भंस दिख गी . झोटा भाज लिया शिव लिंग समेत
पाड़ कै . इब आगे आगे झोटा और पाछे पाछे शिव शंकर घिसट ते
जान लाग रे . जब झोटा देवी माई के मन्दिर आगे तै गुजरा
तो देवी माई बोली -- शिव शंकर जी आज एशि हालत में कैसे . क्या बात हो गई
शंकर जी बोल्ये -- अरे देवी माई ताने बामण - बनिए पूजै सै जिस दिन
जाटा के फसगी तो न्यू ये घिसड्ती हांडे गी............

sombirnaamdev
18-03-2012, 05:25 PM
चुनाव


हरिजन की छोरी और उसकी माँ दोनों खेते में घास खोद रही थीं कि ऊपर से खेत का मालिक चौधरी आ गया। देखते ही चौधरी दहाड़ा–‘‘यो कौण बड़ रया सै खेत में बिना पूछे?’’ चौधरी की गरजना से मां–बेटी का खून जमकर बर्फ़ हो गया था। उनकी हालत मेमनों के सामने अचानक शेर आ जाने जैसी हो गई थी। अब चौधरी उनके साथ क्या सलूक करेगा कुछ पता नहीं।
किन्तु, चमत्कार!
चौधरी मीठी हँसी हँसते हुए बोला–‘‘ही–ही–ही–– फो हरिजन की बहु सै के? कोए–बात ना। अपणे–ए खेत सैं। जब मर्जी आ जाया करो न्यर लेवण।’’ बेटी, गन्ने चूसण नै जी करै तो पाड़ लिए खेत में से– फो की छोरी की तरफ मुड़ते हुए चौधरी ने कहा, ‘‘और अपने बापू को कहिए एक बै मेरे तै आकै मिले’’–यह कहकर चौधरी वहाँ से चला गया।
नादान बेटी का समझ में चौधरी के दो चेहरे समण् म्ें नहीं आए अत: जिज्ञासा शान्त करने के लिए उसने अपनी मां से पूछ ही लिया। इस पर मां बोली–बेटी, चौधरी का पहला चेहरा ही असली चेहरा था। किन्तु ज्योंही उसे याद आया कि गांव में सरपंची के चुनाव होने वाले हैं उसने तुरंत नम्रता और अपनेपन का नकली चेहरा ओढ़ लिया। ये सब चुनावों का कमाल है, बेटी। यह कहकर मां ने गहरी सांस खींचकर बाहर छोड़ी और दोबारा ास खोदने लग पड़ी। नादान बेटी अब भी कुछ नहीं समझ पाई थी।

sombirnaamdev
18-03-2012, 05:27 PM
एक बै जाट और तेली नै आहमी-साहमी (आमने-सामने) दुकान खोल ली - जाट नै गुड़ की अर तेली नै तेल की ।
एक दिन दोफाहरे ताहीं उनकी किस्सै की बिक्री ना हुई, तै दोनूंआं नै यो फैसला करया अक बारी-बारी एक दूसरे की दुकान पै जा-कै एक दूसरे की बोहणी करवा देवैंगे ।
तै पहल्यां तेली गया जाट की दुकान पै, अर बोल्या - "भाई, एक बोतल गुड़ दिये" । जाट बोल्या - "अरै बावळी-बूच, गुड़ बोतल के हिसाब तैं नहीं, किलो के हिसाब तैं मिल्या करै - जा फिर दुबारा आ ।"
तो तेली फिर आया और बोल्या - "भाई, एक किलो गुड़ दिये बोतल में" ।
जाट फिर बोल्या - "ना भाई, तेरै तै कोनी समझ आई, तू न्यूं कर अक तू बैठ मेरी दुकान पै - अर मैं गुड़ लेण आऊंगा" ।
तेली जाट की दुकान पै बैठ-ग्या अर जाट आया गाहक बन कै ।
जाट बोल्या - भाई, एक किलो गुड़ दिये ।
तेली सुनते ही बोल्या - "बोतल ल्याया सै" ?
https://blogger.googleusercontent.com/tracker/4413051685021810107-341937726480938416?l=bharhaas.blogspot.com

ndhebar
22-03-2012, 11:30 AM
चुटकुले बेहद अच्छे है पर भाषा अपने पल्ले से बाहर है

abhisays
22-03-2012, 04:03 PM
Mujhe Haryanavi aati hai thodi modi. chutuke kaafi acche hain.. :fantastic:

sombirnaamdev
22-03-2012, 07:37 PM
चुटकुले बेहद अच्छे है पर भाषा अपने पल्ले से बाहर है bhai ji bhasha to thare palle k andar hai tabhi pata laga ki chutkale badhiya hai

ndhebar
22-03-2012, 09:48 PM
bhai ji bhasha to thare palle k andar hai tabhi pata laga ki chutkale badhiya hai

ab itani thodi to manne aave se.....

sombirnaamdev
28-03-2012, 12:53 AM
एक बार एक दुधिया ताऊ के घर पे रोजाना दूध दे के जाया करता
बीच में दो दिन तक दूध दें खातिर आ कोनी पाया /.
ताऊ ने उसती कारन पुछय तो वो वो बोल्या ताऊ जी दो दिन ते मेरी घर आली
बीमार हो री थी ज्याते दूध देण कोनी आ सक्या

ताऊ पड़ते ही बोल्या कोय बात ने बेटा दो दिन भैस का दूध दे जाता

sunoanuj
28-03-2012, 10:42 PM
Yo tau ne badiya kahi !

sombirnaamdev
04-04-2012, 11:33 PM
एक बै एक लुगाई घर कै भीतर आपणी छोरी गैल रौळा करै थी ।

लुगाई बोल्ली - छोरी, तू काम ढंग तैं कर लिया कर, ना तै मैं तन्नै बाब्याँ गैल ब्याह दयूँगी ।

घर कै बाहर एक बाबा सारी बात सुणै था । बाबा बोल्या - माई मैं डट्टूं अक जाऊं

sombirnaamdev
04-04-2012, 11:34 PM
एक काले आदमी के घर में 11वां बच्चा हुआ जो एक दम गोरा था, वो उसे लेकर तुरंत ही पादरी की पास पहुँच गया,
आदमी- "फादर मेरे 10 बच्चे काले हैं और ये 11 वां बच्चा गोरा है"

पादरी " तो इसमें में क्या कर सकता हूँ ?"
आदमी- "फादर इस इलाके में दूर दूर तक सिर्फ आप ही गोरे हो"

sombirnaamdev
10-04-2012, 03:14 PM
एक बार एक बटेऊ अपने ससुराल गया ,लावनी का टाईम था
घर पर कोई था नही , सास एकली थी , साग सब्जी लाने वाला कोई नही था
सास ने देख़ा कि बटेऊ न रोटी तो ख़ुवानी स , तो उसने रोटी और उस पर प्याज ध्रर कर देदी ,प्याज बहुत कडवी थी . खाते हि बटेऊ की आखो मे आसु आगे
बटेऊ न रोता देख कर सास बोली बेटा कुय रोवस
बटेऊ कुछ सोच कर बोला कि मै नु रोव सु कि ज तु मर गी तो मन्ने यो dry fruit कुन खुवावेगा

sombirnaamdev
10-04-2012, 03:15 PM
एक बै एक बटेऊ ससुराल गया । पहले ससुराल में साग-सब्जी, बूरा आदि में जब तक घी की धार डालते रहते थे जब तक कि हाथ आगे कर के "बस, बस" कर के रोकता नहीं था । जब सास बूरा में घी डाल रही थी, तो बटेऊ परे-नै मुंह कर-कै बैठ-ग्या - कदे "बस-बस" ना करना पड़ जावै ।
पर सासू भी चालाक थी । वो उसका मुंह वापस घी-बूरा की तरफ घुमा कर उसको दिखाती हुई बोली - "रै देख, बटेऊ जितणा tha utna तै दिया सै घाल, अर पहलवानी करणी सै तै आपणै घरां जा करिये" !!

sombirnaamdev
10-04-2012, 03:18 PM
सोच समझ कर ठहर बटेऊ, जगह नहीं आराम की ॥ टेक ॥

जिस नगरी में ब्राह्मण * न हो, कर्जदार को जामिन न हो ।
सूए सोसनी दामन न हो, मंगल गाय के कामन न हो ॥
चैत सुरंगा सामण न हो, गाय भैंस का ब्यावन न हो ।
घृत घने का लावन ना हो, गुणी जनों क आवन न हो ॥
गोविन्द गुण का गावन न हो, वो नगरी किस काम की ॥1॥

सोच समझ कर ठहर बटेऊ, जगह नहीं आराम की ॥


जिस नगरी में सरदार न हो, कंवर तुरंगी सवार न हो ।
शिक्षा सुमरण श्रृंगार न हो, चतु्र चौधरी चमार न हो ॥
खेती क्रिया व्यापार न हो, सखा स्नेहियों में प्यार न हो ।
किसी से किसी की तकरार न हो, नहाने को जल की धार न हो ॥
वेद मंत्रों का उच्चार न हो, वो नगरी किस काम की ॥2॥

सोच समझ कर ठहर बटेऊ, जगह नहीं आराम की ॥

जिस नगरी में उपकार न हो, शूर सूअर खर कुम्हार न हो ।
गोरा भैंसा बिजार न हो, चतुर नार नर दातार न हो ॥
छोटा–मोटा बाजार न हो, वैद्य पंसारी सुनार न हो ।
मन्दिर माळी मनिहार न हो, बड़ पीपल श्रेष्ठाचार न हो ॥
जप तप संयम आधार न हो, वो नगरी किस काम की ॥3॥

सोच समझ कर ठहर बटेऊ, जगह नहीं आराम की ॥

जिस नगरी में बौनी न हो, नित्य प्राप्ति दूनी न हो ।
यज्ञ हवन की धूनी न हो, बुढिया चर्खी पूनी न हो ॥
चौक चौंतरा कूनी न हो, सुन्दर शाक सलोणी न हो ।
महन्दी की बिजौनी न हो, शुभ उत्सव की हूनी न हो ॥
कोई धर्म की थूनी न हो, वो नगरी किस काम की ॥4॥

सोच समझ कर ठहर बटेऊ, जगह नहीं आराम की ॥

जिस नगरी में वाणा न हो, कच्चे सूत का ताणा न हो ।
दुष्ट जनों का वाहना न हो, सन्त महन्त का आना न हो ॥
खोई चीज का पाना न हो, पाँच पंच का थाना न हो ।
अतिथि का ठिकाना न हो, घौड़े बुळहद नै दाना न हो ॥
Ashok vishnoi का गाना नi हो, वो नगरी किस काम की ॥5॥

सोच समझ कर ठहर बटेऊ, जगह नहीं आराम की ॥

sombirnaamdev
15-04-2012, 01:09 AM
एक बारी, एक जाट नें शमशानघाट में हल जोड़ दिया भूत किते बाहर जा रह्या था. भूतनी जाट न डरावन खातर कांव कांव करण लागी. पर जाट ने कोई परवाह कोणी करी. आख़िर भूतनी बोली “तू यो के करह सै” जाट बोल्या “में उरे बाजरा बोवुंगा” भूतनी बोली “हम कित रहंगे” जाट बोल्या “मनें ठेका नि ले राख्या. भूतनी बोली “तू म्हारे घर का नास मत करै, हाम तेरे घर में 100 मण बाजरा भिजवा दयांगे”. जाट बोल्या “ठीक सै लेकिन तड़की पूंचना चाहिए नि तो में आके फेर हल जोड़ द्यूंगा” शाम नै भुत घर आया तो भूतनी बोली आज तो नास होग्या था. न्यूं न्यूं बणी अर जाट 100 मण बाजरे में मसाए मान्या. भुत ने भोत गुस्सा आया और बोल्या तने क्यों ओट्टी, मन्ने इसे जाट भोत देखे सै. मन्ने उसका घर बता में उसने इब सीधा कर दयुन्गा. अर भुत जाट कै घर चल्या गया. जाट कै घर में एक बिल्ली हील री थी. वा रोज आके दूध पी जाया करदी. जाट नै खिड़की में एक सिकंजा लगा लिया और रस्सी पकड़ के बैठ ग्या अक आज बिल्ली आवेगी और मैं उसने पकडूँगा. भुत नै सोची तू खिड़की मैं बड़के जाट ने डरा दे. वो भीतर नै सीर करके खुर्र-खुर्र करण लाग्या आर जाट नै सोची – बिल्ली आगी. उसने फट रस्सी खिंची आर भुत की नाड़ सिकंजा मैं फस गी आर वो चिर्र्र – चिर्र्र करण लाग ग्या. जाट बोल्या रै तू कोण सै ? वो बोल्या मैं भुत सूं. जाट बोल्या उरै के करे सै ? भुत बोल्या “मैं तो न्यू बुझंन आया था एके तू 100 मण बाजरे मैं मान ज्यागा अके पूली भी साथै भिजवानी सै? ठीक कही सै – जाट के आगे भुत भी नाचे सै

sombirnaamdev
22-04-2012, 12:22 PM
चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाली बस का कंडक्टर आवाज मारण लाग रहया था - दिल्ली...दिल्ली...दिल्ली !

पर बस कै आगै प्लेट लगा राखी थी लुधियाना की ।

एक गाभरू, चश्मे आळा छोरा कंडक्टर तैं बोल्या - बस कहां जायेगी ? कंडक्टर बोल्या - दिल्ली...दिल्ली !

उस छोरे कै तसल्ली ना हुई, अर उसनै कंडक्टर तैं फेर बूझया अक बस कित जावैगी । कंडक्टर बोल्या - दिल्ली...दिल्ली !

छोरा बोल्या - इस पै बोर्ड (प्लेट) तै लुधियाना का लाग रहया सै !

कंडक्टर कै छो ऊठ-ग्या अर बोल्या - "अरै, तन्नै इस बोर्ड पै बैठ कै जाणा सै अक बस में"?

sombirnaamdev
25-04-2012, 04:25 PM
रलदू का बियाह होग्या | भामण बोल्या--- भाई मेरा भी नेग -जोग दे-दे |
रलदू ------ भाई कितने दे दयूं |
भामण ---( न्यू सोच के अक राजी होके घणे देवेगा )--- भाई जितनी सुथरी तेरी घर आली स उससे हिसाब तें दे-दे |
रलदू ----- ते ये ले १० रपिये फेर भाई |
( इतने में रलदू की घर आली का बाल में ओल्हा हट जा स अर भामन देख ले स अक लुगाई ते कसुती भुंडी अर काली स )
भामण --- ओ भाई रलदू तेरे बाकी के पिस्से ले जा |

बियाह =vivah , भामण=brahmin . नेग -जोग mehnatana ,ओल्हा=ghunghat ,कसुती भुंडी अर काली स bilkul badsurat hai

sombirnaamdev
26-04-2012, 08:35 PM
रलदू ने ऍफ़ एम् पे कॉल करी.......

रलदू: मन्ने एक बटुआ पाया सै, जिस्मै घने इ रपिये अर्र दो क्रेडिट कार्ड सें, अर्र इस्पे पता लिख राख्या सै रामफल का.

होस्ट: तो आप रामफल को उसका पर्स वापिस करना चाहते हैं..... अच्छी बात है रलदू जी...

रलदू: हा हा हा हा हा बावला हो रया सै के... मैं तो उसनै एक सैड सोंग डेडीकेट करना चाहूँ सूं

sombirnaamdev
03-05-2012, 07:55 PM
जे याहे बात है तो भाई एक मेरी बी सुनलो
एक बार एक जाट के पड़ोस मैं किसे ने अपने माकन का मुहूर्त करया,
तो उसने जाट के घरण नुन्दा भेज दिया |
इब जाट ने टेम कोणी था जान का ,
उनसे अपने छोटे छोरे ने भेज दिया अक जा तू जीम आ,
ओडे सारे मकान की बड़ाई करण लग रे थे जाट के ने सोची तन्ने कुछ कहना पड़ेगा |
वो मकान मालिक के धोरे जा के नु बोल्या अक इस मकान का बारना कटी भिड़ा सा ला दिया भाई थमने |
जे थारे कोई मरगया तो अर्थी बहार क्यू कर काडोगे,
तो सारे या ने वो उड़े भगा दिया अक मेरे सुसरे ने बोलन का भी न बेरा जा तेरे बाबु ने भेज दे
|थोड़ी हाँ पाछे जाट उड़े गया तो साडी बात बुझ के बारने कानी देख के वो बोल्या ,
भाइयो थम सही कहो सो मेरे छोरे ने बोलन का कती न बेरा .इस बारने में को तो चाहे दो दो अर्थी कठी काढ ल्यो

sombirnaamdev
31-05-2012, 10:49 PM
एक बार एक बिल्कुल काला भुसन्ड गाडिया लुहार और उसके
जैसी ही उसकी लुहारी दोनुं को ही शहर जाणा था !
और भाई कोइ मेलै ठैलै की वजह से उनको बस मै जगह
मिली कोनी ! बस अड्डे से बाहर निकल के दोनुं रेल्वे टेसन
पर पहुन्चगे ! और लुहार नै दो टिकट ले के लुहारी को
पकडा दिये ! लुहारी नै टिकट लेकै अपनै कुरते की गोज (जेब) मे
रख लिये ! और टेसन पर दोनुं रेल आण का इन्तजार करण लाग गे !


थोडी देर बाद ट्रेन आगयी ! और भई रेल के डिब्बे मे हो
राखी थी घणी ठाडी भीड ! फ़िर भी किसी तरियों दोनुं लुहार
और उसकी लुहारी धक्कमपेल करकै नै डिब्बे मै चढ तो लिये
पर लुहार चढा एक दरवाजे से और उसकी लुहारी अटक गयी
दुसरे दरवाजे मे ! थोडी देर बाद दोनुआं नै अलग अलग और
एक दुसरे से थोडी दूर दूर सीट मिल गई और दोनुं न्यारे न्यारे
बैठ गये !


थोडी देर बाद मै टिकट चेकर आ गया ! लुहारी नै उसकॊ
दोनुं टिकट दिखा दिये ! इब टिकट चेकर लुहारी तैं बोल्या --
दुसरी सवारी कुण सी सै ? उसकी शक्ल दिखा !
इब लुहारी नै जोर सै रुक्का मारया और बोली-- ओ लुहार ! जरा खडा
होके नै अपनी शक्ल दिखा दिईये ! तन्नै देखण आले आ रहे सैं !

sombirnaamdev
31-05-2012, 10:51 PM
एक बै बेद अपनी सुसराड गया! सुसराड मै बटेऊ खास हो ए सै, तै उसकी सासु उस खातर दूध ल्याई खास शीशे के गिलास मै (खास न्यु अक पह्ल्या शीशे के गिलास खास लोगा ताहि बरते जाया करते), कती कान्या ताहि भर कै नै! बेद नै शीशे का गिलास कदे देख्या ना था तो देख के सासु तै बोल्या: "दूध नै क्याहे मै घाल तै ले हे, इसकी घिट्टी पकडे ल्याण लाग री सै!"

sombirnaamdev
22-06-2012, 06:18 PM
एक बै एक बटेऊ ससुराल गया । पहले ससुराल में साग-सब्जी, बूरा आदि में जब तक घी की धार डालते रहते थे जब तक कि मेहमान हाथ आगे कर के "बस, बस" कर के रोकता नहीं था । जब सास बूरा में घी डाल रही थी, तो बटेऊ परे-नै मुंह कर-कै बैठ-ग्या - कदे "बस-बस" ना करना पड़ जावै ।

पर सासू भी कम चालाक नहीं थी । वो उसका मुंह वापस घी-बूरा की तरफ घुमा कर उसको दिखाती हुई बोली - "रै देख, बटेऊ जितणा तै दिया सै घाल, अर पहलवानी करणी सै तै आपणै घरां जा करिये" !!

sombirnaamdev
25-06-2012, 07:40 PM
जाट ने बनिया से उधार ले रखा था । काफी समय हो गया, बनिया ने दबाव देना शुरु किया । जाट ने कह दिया कि कल मेरे घर आ कर पूरा पैसा ब्याज समेत ले जाना ।

बनिया खुश हो कर अगले दिन सुबह जा पहुंचा जाट के घर । जाट ने सेठ को घर के अन्दर बुला लिया और बाहर खिड़की से किसी को इशारा किया । पहले ही ढ़ोल बजाने वाले बुला रखे थे, वे इशारा पाते ही ढोल बजाने लगे और जाट ने सेठ की पिटाई शुरू कर दी । पिट-पिटा कर सेठ ने कहा - "चौधरी साहब, मेरे पैसे समझो कि आ गए, पर मेरी पिटाई की बात किसी को मत बताना, नहीं तो मेरी बेइज्जती हो ज्यागी ।" जाट मान गया ।

कुछ दिन बाद जाट के पड़ौसे में किसी की शादी थी और ढोल बज रहे थे । बनिया के लड़के ने पूछा - बापू, किसका ब्याह सै "

बनिया बोल्या - बेटा, किस्सै का ब्याह कोनी, कोई बनिया पिटता होगा !!

sombirnaamdev
08-01-2013, 07:56 PM
एक जाट की भैंस गुम हो गई. अपने छोरे नै साथ लेकै जाट नै आसपास हर तरफ ढूंढ ली पर भाई भैंस ना मिली.
थक हार कै दोनों बापू बेटे रास्ते में आए हनुमान मंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे. प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से हनुमान जी से बोला के हनुमान जी जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका. उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा.

थोड़ी आगे चले तो देवी मंदिर आग्या. दोनों देवीमंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे. प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से देवी भगवती से बोला के दुर्गा माता जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा.

थोड़ी और आगे चले तो भैंरों मंदिर आग्या. दोनों मंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे. प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से भैंरों बाबा से बोला के हे बाबा जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा.

थोड़ी और आगे चले तो ग्रामदेवता का मंदिर आग्या. दोनों मंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से बोला के हे ग्राम देवता जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा.

यह सुनते ही उसके साथ खड़ा जाट का छोरा बोल्या बापू तनै तो चारों थन देवी देवताऒं में बांट दिये अब अगर भैंस मिल भी गई तो क्या फायदा ?
हम कौन से थन का दूध पीवेंगें ?
जाट बोल्या रै छोरे मैं जाट सूं तनै के समझ राख्या..
एक बार बस भैंस मिल जाण दे इन देवी-देवताऒं नै तो मैं आप देख ल्यूंगा

sombirnaamdev
13-01-2013, 08:47 AM
रामफल एक ब खारकी झोटी ले आया ! पर या घने माणसा आगे दूध कोन्या दियाकरती ! रामफल का गेर था च्यानिया (samshanghat) धोरे सी ! सांझ न जब रामफल धार काढन लाग्य तो उस टेम घने माणस अर्थी ले क ओडे क आ गे ! इतने माणस देख क म्हैंस लात मारगी ! रामफल न सोच्या अक कोई ना काल दो खड़ का काड लूँगा ! आगले दिन इसा सुत बैठ्या अक धारा के टेम पैर लोग अर्थी ले क आगे अर् म्हैंस फेर कुदगी ! छो त कसूता उठया रामफल क पर कुकर ए डाट ग्या आपने आपे न ! जब तीसरे दिन फेर धार काढन लाग्या तो फेर एक अर्थी जाण लाग गी ओडे क ! ईब नहीं डत्या ग्या अर् सीधा अर्थी क गेल गेल हो लिया अर् बोल्या -'' अरर ए ! एक बात बताओ , थाम मेरी भैंस न कुदान खातर यो ताज़ा मार क लाये सो अक परसु आले न ठाये हांडओ सो ?

sombirnaamdev
13-01-2013, 08:48 AM
एक बै एक लुगाई छः-सात बाळकां नै ले कै बस में चढ़-ग्यी । सारी सवारी उस कान्नी लखावण लाग्गी ।
लुगाई सकपका कै बोल्ली - सारे मेरे कोनी, चार पड़ौसियां के भी सैं !!!

sombirnaamdev
13-01-2013, 08:48 AM
एक बै एक रोडवेज बस कंडक्टर की शादी हुई । सुहाग रात को जब वो अपने कमरे में गया तो देखा कि उसकी बहू खाट के बीच में बैठी थी ।
कंडक्टर उसनै बिचाळे में बैठी देख कै बोल्या - थोड़ी सी परे नै हो ले, हाड़ै एक सवारी और बैठैगी !!

sombirnaamdev
13-01-2013, 08:49 AM
एक बै मुख्यमंत्री को शिकायत मिली कि हरयाणा रोडवेज के कंडक्टर बहुत बदतमीजी से बोलते हैं । उसने फौरन आदेश दिया कि हर एक कंडक्टर हरेक बात से पहले "कृपया" लगायेगा ।
एक बै एक बस में कई मौलड़ चढ़ लिये और खिड़की पर लटक लिये । थोड़ी हाण पाच्छै कंडक्टर आया अर बोल्या - कृपा करकै आगे-नै मर ल्यो !!

sombirnaamdev
13-01-2013, 08:49 AM
रलदू के होंठ जल गे
किसी नै पूछ लिया ` भाई कुक्कर जले?`
रलदू बोल्ला: घरआली मायके जा री थी , स्टेशन छोड्न गया था!
ख़ुशी के मारे ट्रेन का इंजिन चूम लिया…

sombirnaamdev
13-01-2013, 08:50 AM
धीरे की बहू बखत तैं पहल्यां राम नै प्यारी हो-गी । उसका नादान बेटा सूंडू बूझण लाग्या - "बाबू, मेरी मां कित गई ?

धीरे - बेटा, तेरी मां राम नै प्यारी हो-गी, उसनै राम ले-ग्या ।

सून्डू - बाबू, मेरी मां नै राम क्यूं ले-ग्या ?

धीरे - बेटा, तेरी मां राम के तै किसै काम की ना । उसनै मेरी गृहस्थी उजाड़नी थी, वा उजाड़ दी - बाकी उसनै कोए मतलब ना !

dipu
13-01-2013, 10:06 AM
very good bahut badiya

sombirnaamdev
21-01-2013, 10:14 PM
very good bahut badiya
दीपू जी धन्यवाद थारा घना घना

sombirnaamdev
08-02-2013, 10:13 PM
एक बार एक बनिया ने जाट को खाने पर बुलाया।
जाट ने
खाना खाना शुरु किया तो खाता ही चला गया।
बनिया को लगा कि सारा तो ये खा लेगा, मेरे
लिए
तो कुछ बचेगा नहीं।
बनिया ने जाट से पूछा "भाई तेरा बाप कैसे
मरा था?" जाट तो हो गया शुरु - "भाई
क्या बताऊं। पहले ये हुआ, फिर वो हुआ..." .
इतने में
बनिया खीर खतम करके बोला - चल यार अब
चलते हैं।
जाट को बोहोत गुस्सा आया। उसने
भी बनिया को खीर
खाने बुलाया अौर पूछा कि तेरा बाप कैसे मरा।
बनिया चालाक था। बोला कि छत से गिरा अौर
मर
गया।.
.
ये कहके बनिया खीर खाने लगा। .
जाट ने भाग के
बनिया का गला पकड़ लिया, अौर बोला -
इतना तावला ना मरन दूं।

sombirnaamdev
08-02-2013, 10:13 PM
आच्छी पुरानी बात है एक बे गाम में बरात जिमन लाग रि थी ,अर थोडा-थोडा अँधेरा था और जिमानिया ( खाना परोसने वाला ) में एक ताऊ था... बेचारे ने कम दिखा करता पर ताऊ पुरे जोश में लाग रह्या था-- लाडू --जलेबी -- पूरी -- साग...
साग का नाम सुन क न एक गंजे बराती न रुका मारा - ताऊ थोडा सा साग घाल दे..
ताऊ गया..अँधेरा ते हो ऐ रहा था अर उपर ते दिखे भी कम ,ताऊ न भरा साग का चमचा अर गंजे क सर पे घाल दिया
गंजा चिल्लाया - फूक दिया र -फूक दिया र ,ताऊ के कर रहा स
ताऊ बोल्या - भाई जब प्लेट न इतनी उपर क्यों ठा रा था......

sombirnaamdev
08-02-2013, 10:14 PM
इसे भतेरे ढ़ोंगी बाबा सैं जिनका प्रवचन कोए ना सुणता ! इसा ए एक बाबा कुरुक्षेत्र में आ-ग्या, उसनै सोच्या अक ये हरयाणा आळे तै बड़े भोळे-भाळे सैं, कोए तै मेरा प्रवचन मुफ्त में सुण ए लेगा !

बाबा नै एक छोरा स्कूल में जाता देख्या । उसनै फट-दे नै एक मोमबत्ती जळाई अर छोरे धोरै गया अर बोल्या - बेटा, तुम्हें पता है कि यह लौ कहां से आई है ?

छोरे नै सोच्या अक जै इस ताहीं जवाब दिया तै इसके प्रवचन चालू हो ज्यांगे ।

छोरे नै उस मोमबत्ती कै फूक मारी अर बोल्या - महाराज, या कित्तै तैं आई हो, पर न्यूं बता अक या सुसरी गई कित? .

sombirnaamdev
08-02-2013, 10:14 PM
एक साल बारिश ना होई । सारा सामण, भादवा, आसौज खाली चल्या गया । एक कै थोड़ी ए जमीन थी, बिना आल्य (गीली मिट्टी) गीहूं बोवण का ब्यौंत ना होया । उसनै के करया - गाम के बाबा के डेरे में जा कै न्योता दे आया - अक जै बारिश हो गई तै सब-नै जिमाऊंगा । महाराज नै के करया - अक 8-10 जो मलंग चेले थे, उनके हाथां में रात नैं मटके दे कै भेज दिये । धोरै-ए जोहड़ था । चेल्यां नै सारी रात मैं वो खेत दे-मटक्यां, दे मटक्यां ठोक दिया ।

आगलै दिन गाम आळ्यां नै देख्या, तै सब पहुंच-गे महाराज का न्योता देण । महाराज बोल्या - रुक ज्याओ, थोड़ी हाण में बताऊंगा बादळां की पोजीशन । इतणा कह कै वो भीतर चेल्यां तैं सलाह मिलाण लाग्या तै चेले बोले - "महाराज, गाम आळ्यां तै कह दो अक ईबै बादळां के सिर में डील हो रही सैं, ईबै ना बरस सकते" !!

sombirnaamdev
08-02-2013, 10:14 PM
एक बाबा आटा मांगण चाल्या गया । बाबा नै एक घर में जा-कै रूका मारा । बाबा नै देख्या अक सारा घर खिंढ़्या पड़ा था - कितै बर्तन पड़े, कितै चप्पल-जूते, कितै लत्ते-कपड़े पड़े थे । फेर एक बेसूहरी सी लुगाई बाहर आई अर बोली - बाबा, न्यूं आटा मांगता हांडै सै ईब, घर क्यूं ना बसाया ?

बाबा नै जवाब दिया - बेबे, सुथरा घर कदे बस्सया ना, अर तेरे बरगा बसावण का जी कोनी करया !! ..

aspundir
08-02-2013, 10:39 PM
:bravo::bravo::bravo:

sombirnaamdev
13-02-2013, 09:00 PM
Haryanvi proposal..100 gram doodh me k ghee likde hai...Wah wah..100 gram doodh me k ghee likde hai...........Chhoriii....ek bar i love you keh de....k tera jee likde hai. :-)

sombirnaamdev
11-04-2013, 11:16 PM
एक बार कोर्ट में केस चल रहा था । एक वकील एक पुलिसिये से सवाल करता है - हाँ भाई न्यू बता अक तन्नै यो क्यूकर पकड़ा ?

वो बोल्या - "जी मेरै धोरै वायरलेस आया था आर उसमें ब्यौरा दिया गया अक इसा एक चोर मेरी डयूटी आळी गली में बड्या सै । मन्नै यो देख्या अर पकड़ लिया ।"

वकील बोल्या - "भाई, तेरे ताहीं वायरलेस किसनै करया ?"

पुलिसिया बोल्या - "जी राममेहर नै ।"

वकील - तन्नै उसपै भरोसा सै ?"

पुलिसिया - "आपणे साथियां पै मन्नैं आपणी जान थैं भी घणा भरोसा है ।"

वकील - " आछ्या भाई, तेरे थाणे में तेरी अलमारी सै ?

पुलिसिया - हाँ जी, सै !

वकील - उस पै ताला लाग रहया है?

"हाँ जी"

"क्यूं ? जब तू अपने साथियां पै इतना भरोसा करै सै तो ताला क्यों ?"

पुलिसिया बोल्या - "जी बात इसी सै अक म्हारा थाना इस कोर्ट कै लगता ऐ सै, अर उड़ै थारे बरगे वकील बहोत हांडे जां सैं !

sombirnaamdev
11-04-2013, 11:23 PM
एक बै गाम में एक आदमी गधे की टांग बांधै था । उड़े कै एक पुलिस आळा आ-ग्या अर मजाक के मूड में बोल्या - अरै, आपणे भाई की टांग क्यूं बांधै सै ?

वो आदमी बोल्या - मैं न्यूँ बांधूं सूं कदे यो भी पुलिस में भरती ना हो-ज्या !

aspundir
11-04-2013, 11:39 PM
http://4.bp.blogspot.com/-lk3xeNLkYFQ/UWZAEgzx0LI/AAAAAAACjj4/yYdCh1PpJK4/s320/niceworkhotdog-770231.gif

sombirnaamdev
25-04-2013, 08:05 PM
एक बै मुख्यमंत्री को शिकायत मिली कि हरयाणा रोडवेज के कंडक्टर बहुत बदतमीजी से बोलते हैं । उसने फौरन आदेश दिया कि हर एक कंडक्टर हरेक बात से पहले "कृपया" लगायेगा ।
एक बै एक बस में कई मौलड़ चढ़ लिये और खिड़की पर लटक लिये । थोड़ी हाण पाच्छै कंडक्टर आया अर बोल्या - कृपा करकै आगे-नै मर ल्यो !!

sombirnaamdev
25-04-2013, 08:06 PM
धीरे की बहू बखत तैं पहल्यां राम नै प्यारी हो-गी । उसका नादान बेटा सूंडू बूझण लाग्या - "बाबू, मेरी मां कित गई ?

धीरे - बेटा, तेरी मां राम नै प्यारी हो-गी, उसनै राम ले-ग्या ।

सून्डू - बाबू, मेरी मां नै राम क्यूं ले-ग्या ?

धीरे - बेटा, तेरी मां राम के तै किसै काम की ना । उसनै मेरी गृहस्थी उजाड़नी थी, वा उजाड़ दी - बाकी उसनै कोए मतलब ना !

rajnish manga
26-04-2013, 10:36 AM
एक बै गाम में एक आदमी गधे की टांग बांधै था । उड़े कै एक पुलिस आळा आ-ग्या अर मजाक के मूड में बोल्या - अरै, आपणे भाई की टांग क्यूं बांधै सै ?

वो आदमी बोल्या - मैं न्यूँ बांधूं सूं कदे यो भी पुलिस में भरती ना हो-ज्या !

एक बै मुख्यमंत्री को शिकायत मिली कि हरयाणा रोडवेज के कंडक्टर बहुत बदतमीजी से बोलते हैं । उसने फौरन आदेश दिया कि हर एक कंडक्टर हरेक बात से पहले "कृपया" लगायेगा ।
एक बै एक बस में कई मौलड़ चढ़ लिये और खिड़की पर लटक लिये । थोड़ी हाण पाच्छै कंडक्टर आया अर बोल्या - कृपा करकै आगे-नै मर ल्यो !!

:hello:बहुत खूब, सोमबीर जी. आपके सभी जोक्स हंसी का खजाना ले के आते हैं. उपरोक्त दोनों जोक्स पहली पंक्ति में रखने लायक हैं. धन्यवाद.

dipu
10-05-2013, 07:53 PM
रोला अठन्नी का
एक छोरे नै दूसरे छोरे ताहीं कहया ," इबै इब मनै एक अठन्नी मिली सै |"
दूसरा छोरा बोल्या ,' वो तो मेरी थी |"
" झूठ मने तो दो चवन्नी मिली सें |"पहला बोल्या |
दूसरा बोल्या ," हो सकै सै अक मेरी अठन्नी पड़ कै टूट्गी हो अर दो टूक होगे हों |"

dipu
10-05-2013, 07:57 PM
कुलदीप की कार के नीचै आकै एक आदमी मरग्या | वो अपने दोस्त वकील के पास गया | दोस्त वकील बोल्या - इस मुक़दमे पर कुल मिलाकै ५०० रपईये का खर्चा आवैगा | कुलदीप नै सोची ५०० में के होसै यो मुकदमा हरवावैगा |उसनै दस हजार मैं एक बढ़िया सा वकील कर लिया | मुकदमा चल्या | कुलदीप नै फांसी की सज्जा होगी | उसका दोस्त वकील उसतैं फेटन गया तो बोल्या--घने पीसे होरे सें तेरे धोरै | योहे काम मैं ५०० रपईयाँ मैं नहीं करवाऊं था|

dipu
10-05-2013, 07:59 PM
एक ब एक ताऊ रेल म बैठ क बम्बई जा था ! राह म एक स्टेशन प उतर क बीडी लेन चला गया, उसकी रेल चली गयी अर्उसे पटरी प कलकत्ता जान आली रेल आके खड़ी होगी !ताऊ इसमें जा क एक उपर आली सीट प जा बैठा ! रेल जब माड़ी सी दूर जा ली जब ताऊ न नीचे आली सीट आले मानस त बुज्या ,'' भाई कित जा गा'' ? उसने जवाब दिया ,'' कलकत्ता ''! ताऊ बीडी चास क बोल्या,'' भाई आज काल त कसूती आंडी टेक्नोलोजी चाल री स, उपर बैठ्या मानस बम्बई जाण लाग रहा स अर नीचे बैठा कलकत्ता'' !

dipu
10-06-2013, 11:18 AM
रमलू जमा अनपढ़ । एक दिन शहर मैं चाल्या गया । उ डै एक आदमी जल सेवा करण लाग रया था । वो मानस रमलू तैं बोल्या --ले भाई जल पी ले । रमलू नै बेर नहीं था अक जल के बला हो सै । रामलू नै सोच्ची अक पी कै तो देख ल्यूं अक यो जल के बल सै । रामलू नै उस मानस धोरै एक गिलास जल ले लिया अर दो तीन घूँट भर कै बोल्या --जा मेरे यार यो किस्सा जल सै यो तो निरा पाणी सै ।

bindujain
12-06-2013, 03:42 PM
रमलू नै एक बै एक पॉलट्री फार्म खोल लिया । फेर रमलू अपनी मुर्गियों के द्वारा कम अंडे दिए जाण करकै परेशान था। एक दिन उसनै सारी मुर्गियों ताहीं हुक्म दिया अक काल तैं मुर्गियां ज्यादा अंडे देवैँगी ।

मालिक :अगर तुम लोगों ने कल से 2-2 अंडे नहीं दिए तो कल से तुम्हारा दाना पानी बंद
मुर्गियाँ कसूती डरगी …. सारियाँ नै 2-2 अंडे दिए पर एक नै बस एकै अंडा दिया।
मालिक: तनै 1 अंडा क्यूं दिया सै ? तनै मेरा डर नहीं ?
.
.जवाब मिल्या : मालिक ! यो थारा डर करकै ए तो दिया सै … नातै मैं तो मुर्गा सूँ ।

bindujain
12-06-2013, 04:54 PM
https://fbcdn-sphotos-g-a.akamaihd.net/hphotos-ak-frc3/379588_10201346313563567_696611378_n.jpg

bindujain
12-06-2013, 04:54 PM
https://fbcdn-sphotos-a-a.akamaihd.net/hphotos-ak-frc1/p320x320/1000437_10201346371045004_693199863_n.jpg

bindujain
12-06-2013, 04:54 PM
https://fbcdn-sphotos-b-a.akamaihd.net/hphotos-ak-prn1/1010496_10201346395245609_660546703_n.jpg

bindujain
17-06-2013, 06:33 PM
रम्लू सकूल की घंटी धोरे खड्या हो के घणा सोच में
बड़र्या था | उड़े के रामफल मास्टर जा था| रामफल मास्टर ---- रे तू किः सोच में पड़ गया रमलू ?
रमलू -----जी, मास्टर जी में न्यू सोचूं था अक
या घंटी बाजे क्यूकर स |
रामफल मास्टर ---- (बजा के देखावे स )न्यू बाज्या करे |

( अर सकूल के बालक भाज लिए कलासाँ मां तें लिकड़ के )

रमलू ----मासटर जी इब्ब भाज ल्यो ना ते हेडमास्टर
इब्ब तन्ने बजावेगा 3:) :p

dipu
19-06-2013, 04:58 PM
एक बार ताऊ नथू का छोरा mba करण लन्दन चला गया अर जब उल्टा आया ते घर आला के पिछाण में कोणी आया ,एक तो उसका रंग कति भूरा हो रह्या अर बाल बड़े बड़े कर राखे अर लुगाईया की तरिया खुले छोड़ राखे अर उपर ते माच भी घना ऐ रह्या ,कदे मोड्डे उरे न करे कदे परे ने अर उसके बाल अर कपड़े देख के ताऊ उस न रोज टोकता अर बाल कटवान की कहता पर छोरे ने कती नही सुनी अर जब कई दिन हो लिए ते ताऊ ठा के लठ उस ने भुंडी तरिया छेतन लाग्या ,छोरा बोला ताऊ न्यू ते बता दे क्या ते पाछे पड रह्या से ? मेरे बाल तन्ने क्या ते सेध रे हैं ? उसके ताऊ ने एक ठोका उसके गटा पे अर भुंडी गाल काढ के बोल्या --रे तेरे ये पटठे मन्ने नि सेध रे थोड़े से भी ,ये ते तेरी बेबे ने सेधन लाग रहे हैं ,छोरे आले आवे ते हैं तेरी बेबे न देखन अर तन्ने पसंद करके चले जा से ,बता मै किस किस ने सफाई दू के या छोरी कोणा छोरा है ?

sombirnaamdev
20-06-2013, 11:49 PM
एक बै एक बाबा रोटी-चून मांगण लाग रहया था किसै गाम में ।
एक ताई उसतैं बोल्ली - बाबा, म्हारे घर तैं ले आया किमै ?
बाबा बोल्या - ना बेटी, तेरी बहू नाट-ग्यी ।
ताई कै ऊठ्या छो - आछ्या, वा न्यूं क्यूकर नाट-ग्यी ? चल बाबा तू मेरी गैल चाल, मैं देखूंगी वा क्यूकर नाट-ग्यी !
बाबा हो लिया उसकी गैल । घरां जा-कै ताई नै बहू बुलाई रूका दे-कै ।
फिर बोल्ली - आहे बहू ! तू कुछ देण तैं क्यूकर नाट-ग्यी बाबा नैं, तू घणी चौधरण हो रही सै? नाटणा होगा तै मैं नाटूंगी ! चल बाबा आग्गे नै !!

dipu
01-07-2013, 09:16 AM
एक बार रमलू की अर उसकी घर आली प्रेमो की आपस मैं लड़ाई होगी | रमलू नै मरण खातर बाजार मैं तैं जहर ल्या के खा लिया पर रमलू मरया कोण्या| रमलू की घर आली छोह मैं आ के बोली --- मनै कितनी बर कह राख्या है अक जो बी चीज खरीदै आच्छी ढाल देख्कै खरीद्या कर , आइब रपीए बी लग्गे अर जिस काम खातर ल्याया था वो काम बी कोण्या हुया |

sombirnaamdev
01-07-2013, 10:57 PM
एक बार रमलू की अर उसकी घर आली प्रेमो की आपस मैं लड़ाई होगी | रमलू नै मरण खातर बाजार मैं तैं जहर ल्या के खा लिया पर रमलू मरया कोण्या| रमलू की घर आली छोह मैं आ के बोली --- मनै कितनी बर कह राख्या है अक जो बी चीज खरीदै आच्छी ढाल देख्कै खरीद्या कर , आइब रपीए बी लग्गे अर जिस काम खातर ल्याया था वो काम बी कोण्या हुया |
हा हा हा दीपु भाई काम थोड़ा देख के करया करो इब पाछे

dipu
03-07-2013, 03:44 PM
रमलू -पहलम मैं अपनी बीवी नै बीए करवाऊँगा
फेर एम ए और पीएचडी और फिर अच्छी सी नौकरी दिवाऊंगा
कमलू बोल्या - अर फेर आच्छा सा रिश्ता देखकै उसका ब्याह भी करवा दिए ।

dipu
03-07-2013, 03:45 PM
रमलू -रै यार कमलू यो सेन्ट मैसेज के बला सै ?
कमलू -रै बावलीबूच सेन्ट मैसेज का मतलब होवै है खुशबू आला मैसेज।

dipu
03-07-2013, 07:42 PM
एक गमोली महिला शौपिंग करण गयी |
कैश काऊटर पै ज़ा के अपना पर्स खोल के देख्या तो रमलू कैशिएर नै देख्या अक पर्स मैं टी वी का रिमोट धर या है |
रमलू तैं कोणी टीक्या गया अर बोल्या -- आप सारी हाण टी वी का रिमोट अपनी साथ राख्या करो सो के? महिला -- नेया ! पर आज मेरे घराले नै क्रकिट देखन की खातर मेरी साथ शौपिंग पै आवन तैं मना कर दिया तो बस इसे कर के|
इतनी वार मैं रमलू कैशिएर नै मुस्करा के महिला नै जो लत्ते खरीदे थे वे उल्टे ले लिए |
महिला नै हैरान हो के बूझया -- या के बात हुई?
रमलू -- आपके घराले नै आपका क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करा राख्या है |

dipu
07-07-2013, 04:45 PM
https://fbcdn-sphotos-g-a.akamaihd.net/hphotos-ak-ash4/1014132_10201422264622296_431040833_n.jpg

dipu
07-07-2013, 04:46 PM
https://fbcdn-sphotos-b-a.akamaihd.net/hphotos-ak-frc1/1003259_10201415521293717_191456689_n.jpg

dipu
07-07-2013, 04:47 PM
https://fbcdn-sphotos-h-a.akamaihd.net/hphotos-ak-ash3/995679_10201415518653651_816212195_n.jpg

dipu
20-07-2013, 07:28 PM
एक बै एक बटेऊ ससुराल गया । पहले
ससुराल में साग-सब्जी,
बूरा आदि में जब तक घी की धार
डालते रहते थे जब तक कि मेहमान
हाथ आगे कर के "बस, बस" कर के
रोकता नहीं था । जब सास बूरा में
घी डाल रही थी, तो बटेऊ परे-नै
मुंह कर-कै बैठ-ग्या - कदे "बस-
बस" ना करना पड़ जावै ।
पर सासू भी कम चालाक नहीं थी ।
वो उसका मुंह वापस घी-
बूरा की तरफ घुमा कर
उसको दिखाती हुई बोली - "रै देख,
बटेऊ जितणा तै दिया सै घाल, अर
पहलवानी करणी सै तै आपणै
घरां जा करिये" !!

sombirnaamdev
21-07-2013, 10:28 AM
रमलू -रै यार कमलू यो सेन्ट मैसेज के बला सै ?
कमलू -रै बावलीबूच सेन्ट मैसेज का मतलब होवै है खुशबू आला मैसेज।

sombirnaamdev
21-07-2013, 10:29 AM
रमलू -पहलम मैं अपनी बीवी नै बीए करवाऊँगा
फेर एम ए और पीएचडी और फिर अच्छी सी नौकरी दिवाऊंगा
कमलू बोल्या - अर फेर आच्छा सा रिश्ता देखकै उसका ब्याह भी करवा दिए ।

rajnish manga
21-07-2013, 11:17 AM
रमलू -पहलम मैं अपनी बीवी नै बीए करवाऊँगा फेर एम ए और पीएचडी और फिर अच्छी सी नौकरी दिवाऊंगा.
कमलू बोल्या - अर फेर आच्छा सा रिश्ता देखकै उसका ब्याह भी करवा दिए ।


रमलू -पहलम मैं अपनी बीवी नै बीए करवाऊँगा फेर एम ए और पीएचडी और फिर अच्छी सी नौकरी दिवाऊंगा
कमलू बोल्या - अर फेर आच्छा सा रिश्ता देखकै उसका ब्याह भी करवा दिए ।

यह जोक्स का प्रभाव है कि अभाव है, मित्रो.

aspundir
21-07-2013, 01:33 PM
[size=3][color=green]

[size=3][color=blue]यह जोक्स का प्रभाव है कि अभाव है, मित्रो.
न प्रभाव है न अभाव है । दोनों रमलू अलग-अलग जगाँ से थे

dipu
21-07-2013, 01:48 PM
न प्रभाव है न अभाव है । दोनों रमलू अलग-अलग जगाँ से थे

:laughing::laughing::laughing::laughing::laughing:

sombirnaamdev
25-07-2013, 08:51 PM
vaise to haryanvi jokes ka khajana aseemit hai lekin kabhi kabhi repeat ho hi jata hai sr

sombirnaamdev
20-08-2013, 12:44 AM
फतू की माँ मरगी । गाम आले खेतां मैं जा रे थे । फतू आपणी माँ नै बुगगी मैं घाल कै ले ग्या ।अर गाम तै
थोड़ी सी बाहर लिकड़ कै फुक दी । साँझ नै आकै गाम के लोगां नै
बुझी अक र तनै यो के करया रै फतू? बुढ़िया च्यांनियाँ में क्यूँ ना फूंकी ?
फतू बोलया--ओड़े 200 माणस फूक राखे सैं मेरी माँ किस- किस तै पल्ला करदी ??

sombirnaamdev
20-08-2013, 12:46 AM
एक बै धीरे हल में झोटे जोड़ कै खेत तैयार करण लाग रहा था | उस का एक झोटा आलसी था अर उस की पूंछ भी कट रही थी |

हलाई के मोड़ पै धीरे ने उस झोटे की कट्टी होड़ पूँछ मरोड़ी अर बोल्या :- चाल ले लांडे ना त तने चोरां कै दे आउंगा|

इब लान्डा भी दुखी हो रह्या था, बोल्या :- भाई चोरां क के चाहे डाकूवान कै दे आ, पर एक बात पक्की स के वे तेरे तै त आछे ए पावेंगे |

sombirnaamdev
20-08-2013, 12:47 AM
एक बै 2 भाई इकट्ठे जावैं थे
उनमैं ते एक कै तो मूँछे थीं और एक बिल्कुल
कोरा था
रास्ते म्ह एक ताऊ मिल ग्या वो न्यू बोल्या :
"अरे छोरे तेरे तो मूँछ इतनी बडी बडी अर इसकै
कोनी । न्यू क्यूकर भाई ?"
छोरा पक्का ऊत था न्यूँ बोल्या :
.
.
.
.
.
"ताऊ मैं तो मेरे बाबू पर गया हूँ अर
यो मेरी माँ पै"

sombirnaamdev
20-08-2013, 12:47 AM
एक बै जाट और राजपूत में बहस छिड़ गई
अक कौन बड्डा ।
जाट बोल्या- बता तू
क्यूकर बड्डा ?
राजपूत - मैं ठाकुर, अर राजपूत ।
जाट - मैं चौधरी, अर आंडी जाट ।
राजपूत - मैं छत्री (क्षत्रिय) ।
जाट - मैं तम्बू !
राजपूत - यो 'तम्बू' के होवै है ?
जाट - यो तेरी 'छतरी' का फूफा !!

sombirnaamdev
20-08-2013, 12:49 AM
Haryanvi kahawatein

1. Kumhar ki kumhari pe tai paar basave na....Gadhi ke kaan ainthan bhaje.

2. Baap nai na maari Mindaki beta teer-andaaz....

3. Ronta sa jaa....ar maryan ki khabar lya....

4. Kimme meri ka mann tha....kimme aage lanihaar....

5. Bakri doodh tai degi....par mingan karke....

6. Akal bina oont(camel) ubahane

7. Haandi ka chho baroli pai....

8. Gaam basya na mangtey fir gey....

9. Kade kade moond mundayee....jibbe padge olley....

10. JAT ganda na de....bhelii de de....

11. JAT marya jibb janiye.... jab hole tehraami....

12.Roop rowe.... karam kha....

13. Ghani shyani....do baar poye aur bhookhi sove........

rajnish manga
20-08-2013, 08:34 PM
haryanvi kahawatein

1. Kumhar ki kumhari pe tai paar basave na....gadhi ke kaan ainthan bhaje.

2. Baap nai na maari mindaki beta teer-andaaz....

3. Ronta sa jaa....ar maryan ki khabar lya....

4. Kimme meri ka mann tha....kimme aage lanihaar....

5. Bakri doodh tai degi....par mingan karke....

6. Akal bina oont(camel) ubahane

7. Haandi ka chho baroli pai....

8. Gaam basya na mangtey fir gey....

9. Kade kade moond mundayee....jibbe padge olley....

10. Jat ganda na de....bhelii de de....

11. Jat marya jibb janiye.... Jab hole tehraami....

12.roop rowe.... Karam kha....

13. Ghani shyani....do baar poye aur bhookhi sove........



वाह! हरियाणवी कहावतें एक से बढ़ कर एक. धन्यवाद, सोमबीर जी.

sombirnaamdev
22-08-2013, 06:38 PM
हरियाणवी कहावते

1. फूहड़ चालै सारा घऱ हालै

2. पैसा नहीं पास मेला लागे उदास...

3. फूफा कहे त कोए फुकनी ना दे ' अर काका कहे ते कोई काकडी ना दे...

4. बकरी दूध तै दे.. पर मींगण कर-कै

5. बटेऊ खांड-मांडे खा, कुतिया की जीभ जळै

6. बढिया मिल गया तो म्हारी के भाग ना तो मरियो नाई बाह्मन (पुराने टेम मे नाई और ब्राह्मन ही रिश्ते करवते थे)

7. बहुआं हाथ चोर मरावै, चोर बहू का भाई

8. बोहड़िया का भाई, गाम का साळा

9. बहू आई रीमो-झीमो, बहू आई स्याणी भोत - आवतीं-हें न्यारी हो-गी, पाथणे ना आवैं चौथ !

10. ब्याह में गाये गीत सारे साची ना होते

11. बाप नै ना मारी मींडकी, बेटा तीरंदाज

12. बावला या तो गाम जावे ना, जावे तो फेर आवे ना

13. बावळी गादड़ी के पकड़े कान - ना छोडे जां, ना पकड़े राखे जां

14. बारह बरस में तो कुरड़ी के भी भाग बाहवड़ आया करैं

15. बिटोड़े में तै गोस्से ए लिकड़ैंगे

16. बिन फेरयां का खसम...

17. बुलध ना ब्यावै तै के बूढ़ा-ए ना हो ?

18. भांग मांगै भूगड़ा, सुल्फा मांगै घी - दारू मांगै खोंसड़ा (जूता), थारी खुशी पड़ै तै पी

19. भीड़ मै डळा फद्दू कै-ए लाग्या करै

20. “भुस में आग ला कै दमालो दूर खड़ी”

21. भूखे की बाहवड़ जाया करै पर झूठे की ना बाहवड़्या करती

22. बूआ जाऊं-जाऊं करै थी, फूफा लेण आ-ग्या !

23. भोळा बूझै भोळी नै – के रांधैगी होळी नै - मोठ बाजरा सब दिन रन्धैं सक्कर चावळ होळी नै

24. भैंस आपणे रंग नै ना देखै, छतरी नै देख कै बिदकै

25. भादवे का घाम अर साझे का काम देहि तोडा करे

26. भीत में आला अर, घर में साला ठीक ना होते

27. मर-गी रांड खटाई बिना !

28. मारते माणस का हाथ पकड़ ले...बोलते की जुबान ना पकड़ी जा

Dr.Shree Vijay
22-08-2013, 06:54 PM
बहतरीन कहावते................................

aspundir
17-09-2013, 12:15 AM
हरियाणा में एक दामाद सर्दियों के दिनों में अपने ससुराल गया, उसकी पत्नी का नाम था दामो, और उसकी साली का नाम था बदामो..... तो उस गांव में रिवाज़ ये था कि दामाद अपनी पत्नी से मिलना तो दूर आमने सामने देख भी नहीं सकता था . तो दामाद ने इशारे में दो पंक्तिया कहीं कि

"उड़ता पंछी बोल रिया से अबकी पाला खूब पडेगा
दो जण मिल के सोते रहियो , न्ही ते एक जरूरू मरेगा "

सास समझ गई कि दामाद क्या इशारा कर रहा है तो उसने भी जवाब दिया

"दामो संग बादामो सोअगी, और तेरे संग तेरा साला
मैं बूढे संग पड़ी रयुंगी , के कर लेगा पाला "

Dr.Shree Vijay
17-09-2013, 03:34 PM
के कर लेंगा पाला......................................

dipu
26-09-2013, 03:27 PM
धाप्पो आपणे छोरे नै लेकै ने बस मैं बैठ कै रोहतक जावण लागरी थी ।
राह मैं छोरा रोवण लाग्या तो धाप्पो नै
दूध की बोतल काढ कै उहके मुंह कै लाकै
बोली -- ले बेटा दूध पी ले, डाक्टर बण ज्यागा ।

साहरे आली सीट पै बैठया भरतू धाप्पो की बात सुनकै
बोल्या -- ताई, एक घूँट मनै बी प्यादे, के बेर मेरा बी कंमपाऊँडरी मैं नंबर आज्या...

dipu
26-09-2013, 03:30 PM
हरियाणा में एक दामाद सर्दियों के दिनों में अपने ससुराल गया, उसकी पत्नी का नाम था दामो, और उसकी साली का नाम था बदामो..... तो उस गांव में रिवाज़ ये था कि दामाद अपनी पत्नी से मिलना तो दूर आमने सामने देख भी नहीं सकता था . तो दामाद ने इशारे में दो पंक्तिया कहीं कि

"उड़ता पंछी बोल रिया से अबकी पाला खूब पडेगा
दो जण मिल के सोते रहियो , न्ही ते एक जरूरू मरेगा "

सास समझ गई कि दामाद क्या इशारा कर रहा है तो उसने भी जवाब दिया

"दामो संग बादामो सोअगी, और तेरे संग तेरा साला
मैं बूढे संग पड़ी रयुंगी , के कर लेगा पाला "

:egyptian::egyptian::egyptian::egyptian:

Dr.Shree Vijay
19-10-2013, 06:02 PM
http://just4lovers.files.wordpress.com/2011/07/haryanvi-chutkule-jokes.jpg?w=500&h=345

Dr.Shree Vijay
19-10-2013, 06:05 PM
http://www.jokesmantra.com/wp-content/uploads/2012/08/interview-jokes-hindi.jpg

sombirnaamdev
09-02-2014, 03:18 PM
एक हरियाणवी छोरे की दिल्ली की एक
पतली सी लडकी से फ्रेँडशिप हो गई !
उसने लड़की को मैसेज भेजा:
.
.
.
मुखडा भी तेरा ख़ास कोन्या ;
हड्डियों पर तेरे माँस कोन्या;
प्रपोज तैने मैं क्या ख़ाक करूं बावली;
तेरी तो वैलनटाई डे तक जीने की
आस कोन्या!"...

haryavi valentine day